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You are here: Home / Rishto Mein Chudai / योनी में अंकल का मोटा लंड फंस गया

योनी में अंकल का मोटा लंड फंस गया

मई 13, 2025 by hamari

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मेरे घर अंकल आये थे, हम सब ने खाना पीना खाया और जैसे ही मैं मैं सोने जाने लगी तो तो मेरी नज़र अचानक लकड़ी वाली दीवार पर गई, तो मैं एकदम से डर गई, वहाँ पर एक काला, मोटा सा सांप जैसा कुछ नजर आया, मैंने डरते हुए नजदीक जाकर देखा तो पता चला कि वो लंड था, किसी मर्द का पूर्ण उत्थित लंड! मैं समझ गई कि यह किशोर अंकल का ही हो सकता है. Threesome Ladki Chudai

मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि किशोर अंकल ऐसे होंगे. लकड़ी की दीवार में एक छेद है, जो लकड़ी की गाण्ठ निकल जाने से हो गया था, छेद को बंद करवाने की कभी जरूरत महसूस नहीं हुई थी. मैं सहमते हुए उस लंड के और नजदीक गई क्योंकि अब मेरा डर उत्सुकता में बदल गया था.

अंकल का लंड अविश्वसनीय रूप से मोटा और काफी लम्बा था, लंड एकदम गुस्सैल नाग की तरह फुफकारता हुआ, हिलता हुआ दिख रहा था. लंड का सुपारा अत्यंत ही फ़ूला हुआ दिख रहा था, सूजा हुआ ऐसा लग रहा था. इतने विशाल, एकदम काले लंड को देख कर मेरी चूत के दोनों ओंठ डर के मारे थरथर काँपने लगे.

उसके घने बाल सिहरन के मारे एकदम झनझना कर खड़े हो गये, योनि से कुछ चिकना सा निकलने लगा. फिर मैंने डरते हुए उस लंड हल्के से स्पर्श किया, फिर डर थोड़ा कम हुआ तो मैंने उसको अपने हाथों से पकड़ लिया, वह विशाल लंड मेरे हाथ के स्पर्श के बाद और भी मोटा और सख्त हो गया था, लंड को पकड़ने में मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था.

फिर मैंने उत्सुकतावश लंड के सुपारे के आवरण को हटाया तो मैं एकदम से डर गई क्योंकि वो एक अंडे जितना बड़ा था. इतना बड़ा सुपारा तो मैंने ब्लू-फिल्मों में भी नहीं देखा था. उसके छेद से कुछ चिकना सा तरल पदार्थ निकल रहा था, जिसे मैंने छू कर देखा तो मुझे वो चिपचिपा सा लगा.

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यह सब करते हुए मेरे दिल की धड़कन एकदम से तेज हो गई, और गर्म सांसें चलने लगी थी, मेरी योनि ने पानी छोड़ दिया, पैन्टी एकदम गीली हो गई थी. अंकल के लंड का अत्यंत विशाल सुपारा मुझे दिखने में बहुत ही प्यारा लग रहा था तो मैंने हिम्मत करते हुए सुपारे पर अपने गुलाबी, नाजुक होठों से एक चुम्बन ले लिया.

मेरे चुम्बन लेने से लंड का आकार और भी दैत्याकार हो गया. ऐसा करने से मैं बहुत ही उत्तेजित हो गई थी. मैंने अंकलजी के मोटे सुपारे को अपनी जीभ से चाटना शुरू कर दिया, चाटने से उनके लंड से कुछ चिकना सा निकलने लगा था, जिसे मैं चाट गई फिर मैंने उसे थोड़ा सा मुँह में लेकर चूसना शुरू किया, अत्यंत मोटा होने के कारण मैं उसे मुँह में ले ही नहीं पा रही थी.

तभी एक झटके से विशाल सुपारा मेरे होंठों को चीरते हुए मेरे मुख में घुस गया, मुँह में घुसने के बाद मैं उसे बहुत प्यार से अपनी जीभ से सहलाने लगी. थोड़ी देर के बाद फिर एक हल्का सा धक्का आया और आधा लंड मेरे मुँह में घुस गया, इतने मोटे लंड को मुझे अपने मुँह में लेने में बहुत दिक्कत हो रही थी, लेकिन मैं उसे किसी तरह से चूस रही थी.

लंड चूसते समय अनायास ही मेरा हाथ मेरी पैंटी में घुस कर अत्यंत घने बालों वाली योनि की फाँकों को सहलाने लगा था. करीब 10 मिनट तक चूसने के बाद उस लंड ने मेरे मुँह में एक गर्म सी मलाई छोड़ दी, वैसे तो यह मेरा प्रथम अनुभव था परन्तु वो कहते हैं ना कि ‘शादी नहीं हुई तो क्या, बारातें तो बहुत देखी हैं!’

मैंने बहुत सी ब्ल्यू फ़िल्में देख रखी थी, और कहानियाँ तो हर रात मेरी हमबिस्तर होती थी, गर्म-गर्म मलाई का स्वाद मुझे कुछ अजीब सा लगा, मितली होने को भी हुई पर उसे मैं यौनामृत समझ कर पी गई. अगले दिन सुबह जब मैं किशोर अंकल से मिली तो उन्होंने मुझसे इस तरह से बात की कि जैसे बीती रात कुछ भी नहीं हुआ था.

सुबह ही मेरे मम्मी-पापा मेरठ चले गए क्योंकि आज वहाँ मेरे दादाजी के हर्निया का ऑपरेशन होने वाला था, घर में केवल मैं और दीपिका भाभी थी, भैया अपने ऑफिस के काम से दिल्ली गए हुए थे. दिन भर मैं रात होने का इंतज़ार करने लगी, मेरे ध्यान में किशोर अंकल का मोटा लंड आते ही मेरी मासूम योनि में कम्पन शुरू हो जाती और योनिरस निकलने लगता, दिन में तीन बार मैं अपनी पैंटी बदल चुकी थी.

रात करीब 10 बजे जब मैं अपने कमरे में आई तो मेरी नजर सबसे पहले उसी छेद पर गई, वहाँ पर सामान्यतः दिखने वाली रोशनी नहीं थी, मुझे लगा कि उस पार कोई है छेद के पास! इसका मतलब यह था कि छेद से अंकल मुझे देख रहे थे. परन्तु मैंने अपनी सामान्य गतिविधी जारी रखी, मैंने अपने सोने वाले वस्त्र पहनने थे तो मैं एक एक करके अपने कपड़े उतारने लगी.

मैं जानबूझ कर छेद के सामने चली गई और अंकलजी को अच्छे से अपने नंगे जिस्म को दिखाने लगी, इतने में अंकलजी ने उस छेद से अपने सख्त लंड को बाहर निकाल दिया, जिसे देखकर मेरे शरीर में जैसे एकदम से करंट दौड़ गया हो. मैं छेद के पास जाकर अंकल का लंड पकड़ कर उसे बेतहाशा चूमने लगी फिर उसका सुपारा को खोल कर उसपर अपने होठों की एक गर्मा-गर्म छाप दी, उसे अपनी मुट्ठी में भींच कर आगे-पीछे करने लगी.

फिर मैं अंकल के लंड को अपने जीभ से चाटने लगी. लंड को चाटने से रह-रह कर मेरी चूत के दोनों कोमल ओंठ एकदम फड़कने लगे. मैं अंकल का लंड अपने मुंह में लेकर पागलों की तरह चूसने लगी. दीवार के दूसरी ओर से भी अंकल की सिसकारियाँ स्पष्ट सुनाई दे रही थी.

अब मैं इससे आगे कुछ करना चाह रही थी, मैंने अपने बिस्तर को उस लकड़ी की दीवार से सटा दिया और मैं दीवार के सामने अपनी टांगों को फैला कर इस तरह बैठ गई कि अब अंकल का लंड और मेरी योनि एकदम आमने-सामने थी. मैंने अपनी योनि की दोनों होंठों को चीर के उसे अंकलजी के लंड पर ऊपर-नीचे रगड़ने लगी तो मेरी योनि से योनिरस निकलने लगा.

अब मैंने अपनी 4 इंच लम्बी दरार वाली योनि को एकदम से चीर के अपनी चूत की छेद को अंकल के भीमकाय मोटे सुपारे पर एकदम से सटा कर उसे रगड़ने लगी, फिर मैंने थोड़ा ताकत लगा के उसे अपनी योनि में समाने का प्रयास किया परन्तु सुपारे का आकार बड़ा होने कारण अन्दर नहीं घुस पाया, मैंने 3-4 बार थोड़ा और ताकत लगा के प्रयास किया लेकिन हर प्रयास असफल ही गया.

उस समय मुझे लग रहा था कि कैसे मैं अंकल जी का पूरा लंड अपने चूत में पूरा समा लूँ. उत्तेजना से मेरी पूरी जिस्म एकदम गर्म हो चुका था. तभी अंकल ने छेद से अपना लंड निकाल लिया और छेद के पास अपना मुँह लाकर बोले- बेटी गरिमा , कान यहाँ लगा कर मेरी बात सुनो!

जब मैं अपना कान वहाँ पर ले गई तो अंकल ने कहा- गरिमा, मेरा लंड बीमारी के कारण अत्यंत मोटा हो गया है, यह अब ऐसे तुम्हारी चूत में ऐसे नहीं घुसेगा. तुम अपनी योनि में ढेर सी वेसलीन लगा कर घोड़ी बनकर छेद में अपनी योनि को सटा दो. इस तरह से तुम्हारी योनि में मेरा लंड घुस जायेगा. फिर मैंने अपनी चूत में ढेर सारी वेसलीन लगा ली और छेद के आगे चूतड़ लगा कर घोड़ी बन गई.

फिर अंकल ने कहा- जब मैं अपना लंड अन्दर घुसाऊंगा तो तुम्हें शुरू में दर्द होगा पर तुम जरा भी चिल्लाना नहीं, अपनी दाँत पर दाँत चढ़ा के अपना जबड़ा एकदम से भींच लेना, थोड़ी देर ही दर्द होगा, बाद में आनन्द आना शुरू हो जायेगा.

इसके बाद मैं घोड़ी बनकर छेद के पास अपनी चूत को एकदम से सटा दिया. फिर मेरी अत्यंत कसी हुई के चूत के दोनों पंखुड़ी जैसे कोमल ओठों को फैलाता हुआ अंकल का बेरहम सुपारा जैसे ही मेरी चूत में घुसा, मेरे मुँह से अचानक उईईई ईईईई माँ की चीख निकल गई. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

तभी मैंने अंकल को बोला- अंकलजी, मुझे बहुत ही दर्द हो रहा है, आप जल्दी से अपना लंड बाहर निकाल लो.

यह सुनकर अंकल एकदम घबरा गए और उन्होंने अपना लंड बाहर निकलने का प्रयास किया परन्तु उनका लंड बाहर नहीं निकला. लंड का सुपारा मेरी तंग योनि में बुरी तरह फँस चुका था और अंकलजी के बहुत प्रयास करने के बाद भी निकल नहीं पा रहा था. मेरे तो होश ही एकदम उड़ गए थे, मेरी चूत में दर्द भी बहुत हो रहा था.

अब इस आफत की घड़ी में किसी की मदद भी नहीं ले सकती थी, तभी मेरे दिमाग में एक आईडिया आया कि घर में तो मम्मी-पापा तो हैं नहीं, घर में तो केवल दीपिका भाभी है, भैया तो अपने ऑफिस के काम से दिल्ली गए हुए हैं. सोचा कि अभी मुसीबत की घड़ी में भाभी से मदद ले लेती हूँ फिर भाभी से मैं और अंकल जी माफ़ी मांग लेंगे.

मेरा मोबाइल मेरे सामने ही था, मैंने भाभी को फ़ोन करके बोला कि भाभी अभी मैं एक बहुत बड़ी मुसीबत में फँस गई हूँ, आप जल्दी से मेरे रूम में चली आओ. भाभी ने ज्यों ही मेरे कमरे में प्रवेश किया तो वहाँ का नजारा देख कर एकदम सन्न रह गई.

मैंने भाभी से कहा- भाभी, आप चाहे बाद में मुझे कितना भी डांट लेना या पीट लेना लेकिन अभी मेरी मदद कर दो, आप अभी पीछे के कमरे में जाकर के किशोर अंकल से मेरी चूत में फँसा उनका लंड निकालने का कोई उपाय पूछो.

भाभी जब अंकलजी के कमरे में गई तो अंकलजी ने गिड़गिड़ाते हुए भाभी से माफ़ी मंगाते हुए कहा- दीपिका बेटी, मुझे माफ़ कर दो.

तब भाभी ने गुस्से में कहा- माफ़ी आप बाद में माँगिएगा, पहले आप गरिमा की चूत में फंसा हुआ आपका वो निकालने का उपाय बताइये.

किशोर ने कहा- बहू, तुम गरिमा की कमर को पकड़ के थोड़ी ताकत लगाते हुए उसे मेरे लंड की ओर धकेलना और जब मेरा पूरा लंड उसकी योनि में घुस जायेगा तो तुम उसकी कमर को पकड़ के उसे आगे-पीछे करना, इससे थोड़ी देर में मेरा स्खलन हो जायेगा और मेरा लंड छोटा होकर बाहर निकल जायेगा.

भाभी मेरे कमरे में चली आई, पहले उसने अंकल का मोटा लंड को पकड़ के उसे छुड़ाने का प्रयास किया तो मेरी योनि में और भी दर्द होने लगा तो भाभी ने ऐसा करना छोड़ दिया फिर उसने मेरी पतली कमर को पकड़ के उसे लंड की ओर धकेलने का प्रयास किया. तो घप्प से अंकलजी का पूरा लंड मेरी योनि के अन्दर तक घुस गया, मैं दर्द से एकदम चिल्ला उठी तो भाभी ने कहा- थोड़ा बर्दाश्त करो गरिमा.

उधर से अंकलजी ने कहा- शाबाश बेटी दीपिका, इसी तरह से धीरे-धीरे प्रयास करते रहो. तुम गरिमा की कमर को पकड़ के उसे धीरे-धीरे आगे-पीछे करो.

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फिर भाभी ने मेरी पतली कमर को पकड़ के उसे अंकल की मोटी रॉड के आगे-पीछे पिस्टन की तरह करने लगी मेरी अत्यंत कसी हुई चूत की मांसपेशियों ने अंकल के गधे जैसे लम्बे और मोटे लंड को एकदम दबोच रखा था. भाभी मेरी नाजुक कमर को पकड़ के उसे लयबद्ध तरीके से आगे-पीछे कर रही थी.

मेरे मुँह से दर्द और आनंद की मिली-जुली कराह निकल रही थी. थोड़ी देर के बाद मेरा दर्द कम हो गया और मुझे आनन्द की अनुभूति होने लगी. भाभी मेरी कमर को पकड़ कर उसे खूब जोर-जोर से आगे-पीछे कर कर रही थी, कमरे में फच-फच की भद्दी सी आवाज़ चारों तरफ फ़ैल रही थी और उधर से अंकल की आनन्द भरी कराहट भी सुनाई पर रही थी.

भाभी ने मुझसे पूछा- गरिमा, चुदवाने में अब तुम्हें कोई दर्द महसूस नहीं न हो रहा है?

तो मैंने कहा- भाभी अब बिल्कुल दर्द नहीं हो रहा है, अब अच्छा लग रहा है. बहुत मजा भी आ रहा है.

ये सब देखते हुए लग रहा था कि भाभी भी बहुत उत्तेजित हो गई थी. अब मैं खुद अपने नितम्ब आगे-पीछे करने लगी तो भाभी ने मेरी कमर को छोड़ दिया. मुझे अपनी चूत चुदवाने में इतना ज्यादा आनंद आ रहा था, जिसे मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकती. जब मैं अपनी नितम्ब को आगे-पीछे कर रही थी तो भाभी अंकल के कमरे में चली गई.

और उनसे बोला — अंकलजी, 10 मिनट हो गये हैं और अब और कितनी देर में आपका छूटेगा?

तो अंकल ने कहा- बेटी, गरिमा की चूत तो अत्यंत ही कसी है, स्खलन तो अब तक हो जाना चाहिए था, अगर तुम थोड़ी मेरी मदद करोगी तो जल्द ही छूट जाएगा.

दीपिका ने कहा- कैसी मदद चाहिए, अंकलजी?

तो अंकल ने- बहू, अगर अभी तुम मेरी अंडकोष को अपनी हाथों से सहलाओगी तो मेरा माल जल्द ही गिर जाएगा.

दीपिका भाभी भी मेरी चुदाई देखकर उत्तेजित हो गई थी, फिर भाभी ने शरमाते हुए अंकल के अंडकोष अपने गोरे-गोरे, नाजुक हाथों से सहलाने लगी. भाभी के अंडकोष सहलाने के कारण अंकल को अत्यधिक उत्तेजना मिलने लगी. अंकल के अंडकोष को सहलाते हुए भाभी ने कहा- अंकल, आपके अंडकोष तो मेरे पति से बहुत बड़े हैं.

तो किशोर ने कहा- बेटी, मेरा लंड बहुत ही बड़ा है इसलिए मेरे अंडकोष भी बड़े हैं.

किशोर बोला- अच्छा बताओ बेटी, मेरे और तुम्हारे पति के तुलना में किसके अंडकोष ज्यादा सुन्दर हैं?

भाभी- अंकलजी, आपके अंडकोष ज्यादा सुन्दर हैं, बहुत प्यारे हैं दिखने में.

यह सुनकर अंकल ने कहा- बेटी दीपिका, एक बात बताओ, हम लोग हर सुन्दर और प्यारी चीज़ को चूम लेते हैं ना?

दीपिका- हाँ अंकल जी.

किशोर – तो फिर तुम मेरे अंडकोष भी चूमो ना, तुमने अभी इसे सुन्दर और प्यारा कहा है.

यह सुनकर भाभी का गोरा चेहरा शर्म से लाल हो हो गया.

किशोर – शर्माओ मत बेटी, जल्दी से किस करो तो मेरा भी जल्दी से छूट जायेगा.

फिर भाभी ने शर्माते हुए अंकल की टांगों के बीच उनके पीछे से घुस कर अंडकोष अपने दोनों हाथों से पकड़ कर उस पर अपने नाजुक गुलाबी होठों से एक चुम्बन लिया. अंकल ने कहा- बेटी, इस पर अपने होठों को रगड़ो तो मेरा जल्द ही छूट जायेगा.

ऐसा सुनकर भाभी ने अंडकोष को पकड़ कर उसे अपने गुलाबी होठों पर रगड़ना शुरू कर दिया, होठों पर गोली रगड़ने के कारण गोली गीली होकर भाभी के मुँह में घुस गई तो अंकल ने कहा- अपने मुँह से मत निकालना बेटी, गोली को चूसती रहो तो मेरा जल्दी ही फॉल हो जायेगा.

अपनी गोलियाँ चुसवाने में अंकल को असीम आनन्द आ रहा था. थोड़ी देर अंकल ने कहा- बेटी मेरी दोनों गोलियों को लेकर अपने मुँह में लेकर जल्दी से चूसो क्योंकि अब मेरा जल्द ही फॉल होने ही वाला है. ऐसा सुनकर भाभी दोनों गोलियों को अपने मुंह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगी.

इसके थोड़ी देर के बाद मेरे गर्भाशय पर गर्म-गर्म वीर्य की बौछार होने लगी. अंकल का फॉल होते देख भाभी अंकल के कमरे से तुरंत निकल कर मेरे कमरे में आ गई. इतने तगड़े लंड से जबरदस्त चुदाई के बाद मैं एकदम थक गई थी और अपने बिस्तर पर निढाल पड़ी थी.

भाभी भी सामने कुर्सी पर चुपचाप बैठी थी. इतने में मेरे कमरे में किशोर अंकल आकर दीपिका भाभी के पैर पकड़ लिए और गिड़गिड़ाते हुए माफ़ी माँगने लगे तो भाभी ने कहा- ठीक है अंकलजी, इस बार मैं आपको माफ़ कर देती हूँ पर आप आगे से ऐसा गलत काम गरिमा के साथ नहीं करेंगे.

किशोर – थैंक यू बेटी दीपिका, अब मैं आगे से ऐसा कोई गलत काम नहीं करूँगा.

फिर दीपिका भाभी ने अंकलजी से कहा- अंकलजी, मैं तो आपका इतना बड़ा लंड देख के एकदम से डर गई थी, अभी तक मैं डर से सहमी हुई हूँ, मेरे पति से आपका लंड दुगना लम्बा और काफी मोटा है.

किशोर – बेटी, मेरे लंड में बीमारी होने के कारण यह 10 इंच लम्बा और अत्यधिक मोटा हो गया है. पहले तो यह केवल 7 इंच लम्बा था.

किशोर ने महसूस किया कि दीपिका उनके लंड की बातों में दिलचस्पी ले रही है. फिर किशोर अंकल ने कहा- बेटी दीपिका, मेरा लंड कोई साँप थोड़े न है जिसे देख कर तुम डर गई, लो अभी मैं तुम्हें अपना लंड दिखा कर तुम्हारा डर समाप्त कर देता हूँ.

यह बात सुनकर भाभी शर्म से लाल हो गई और बोली- नहीं अंकलजी, उस समय तो मैंने मजबूरी में आपका लंड देख लिया था पर अभी देखने में शर्म आएगी. अंकल ने दीपिका को फुसलाते हुए कहा- डरो नहीं बेटी, एक बार देख लो, अगर तुम्हें देखने में अच्छा नहीं लगेगा तो मैं तुरंत बंद कर लूँगा. दीपिका भाभी ने शरमाते हुए, सकुचाते हुए बोला- ठीक है अंकलजी, दिखाईये.

दीपिका भाभी की भैया के साथ शादी अभी दो महीने पहले ही हुई है. भाभी एकदम गोरी और अत्यधिक सुन्दर है, भाभी की जिस्म तो एकदम छरहरा है पर उनके मुम्मे और नितम्ब शरीर के अनुपात में अत्यंत बड़े हैं. कोई भी उनकी ओर देख के तुरंत आकर्षित हो जाता है. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

भाभी की हाँ सुनते ही किशोर अंकल का लंड उनके लुंगी के अन्दर खड़ा हो गया था. अंकल ने ज्योंही अपनी लुंगी खोली तो उनके 10 इंच लम्बा लपलपाते हुए लंड को भाभी हक्की बक्की हो कर के विस्फरित नज़रों से देखने लगी. भाभी अंकलजी का फनफनाया हुआ गधे जैसा लंड देख के एकदम सिहर उठी. वो बहुत गौर से अंकल का लपलपाता हुआ लंड देखने लगी.

अंकल भाभी को गर्म होते देख कर भाभी से कहा- डरो नहीं बहू, लंड को पकड़ कर देखो, इससे तुम्हारा डर ख़त्म हो जायेगा. भाभी ने सकुचाते हुए अपने कोमल, नाजुक हाथ से अंकल का गधा जैसा मोटा लंड पकड़ लिया. भाभी का हाथ अंकल के लंड पर पड़ते ही उसका आकार और भी बड़ा हो गया.

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फ़िर भाभी ने कहा- अंकलजी, यह तो बहुत ही मोटा है. मेरे पति का लंड तो इसके तुलना में बहुत पतला है.

किशोर – बेटी, तुम्हे अब डर नहीं ना लग रहा है?

भाभी- नहीं अंकलजी, अब डर नहीं लग रहा है.

किशोर – बेटी, अभी तुम्हें मेरा लंड पकड़ने में कैसा लग रहा है?

भाभी ने उत्सुकतावश अंकल से पूछा- अंकलजी, जरा अपने लंड की टोपी खोल के दिखाओ तो, मुझे खोलने में शर्म लग रही है.

किशोर – शर्माओ मत बेटी, तुम खुद इसे खोल के देख लो.

फिर भाभी ने अंकल के लंड की टोपी खोला तो उनके अंडे जितने बड़े सुपारे को देख कर अचंभित होकर बोला- ओ, माई गॉड! यह तो किसी भी लड़की की योनि को एकदम से फाड़ देगा, पता नहीं गरिमा ने इसे कैसे बर्दाश्त कर लिया?अंकल ने मुस्कुराते हुए कहा- ऐसी बात नहीं है बेटी, क्या गरिमा की चूत फटी? मोटे लंड से सम्भोग करवाने से किसी भी स्त्री को अत्यधिक आनन्द आता है.

भाभी- ना बाबा ना, इतने मोटे लंड से तो मैं सम्भोग करवाने के बारे में सोच भी नहीं सकती हूँ.

अंकल- अरे बाबा, मैं तुम्हें मुझसे कोई सम्भोग करवाने को थोड़े न बोल रहा हूँ, मैं तो केवल तुम्हारा डर ख़त्म करना चाहता हूँ.

तभी भाभी ने देखा कि अंकल के लंड के छिद्र से कुछ चिकना सा निकल रहा है तो अंकल से पूछा- अंकलजी, ये आपके लंड के छिद्र से ये चिकना सा क्या निकल रहा है?

अंकल- बेटी, इस चिकनाई के कारण योनि में लंड सुगमता से प्रवेश कर जाता है, कसी हुई भी योनि में जरा भी दर्द नहीं होता है. बेटी इस चिकनाई को चाट कर देखो यह तुम्हें अत्यंत ही स्वादिष्ट लगेगा.

भाभी- अंकलजी, चाटने से कोई बीमारी नहीं न हो जाएगी?

किशोर- नहीं बेटी बिल्कुल नहीं कुछ होगा, ये चिकनाई तो प्रोटीन से भरी एक अत्यंत ही स्वास्थवर्धक चीज़ है.

ऐसा सुनकर भाभी अंकल के सुपारे पर लगी चिकनाई को अपने जीभ से चाटने लगी. भाभी के सुपारे चाटने से अंकल का सुपारी और भी बड़ा हो गया था.

किशोर – बेटी, सुपारा को चाटने के बजाय उसे अपनी मुँह में लेकर चूसो तो चिकनाई तुम्हारे मुँह में अच्छे से जायेगी.

भाभी- पर अंकल, आपका सुपारा तो अत्यंत ही बड़ा है, ये मेरे मुँह में नहीं जा पायेगा.

किशोर – गरिमा, इसे अपने मुँह में लेकर चूस चुकी है, यह अन्दर चला जायेगा बेटी. ऐसा सुनकर भाभी अंकल का मोटा सुपारा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

किशोर – बहु, सुपारी चूसने में कैसा लग रहा है?

भाभी ने अपने मुँह से सुपारी निकाल कर बोला- अंकल जी, बहुत अच्छा लग रहा है!

अंकल ने कहा- बेटी, मेरे पूरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसो तो तुम्हें और भी अच्छा लगेगा.

ऐसा सुनकर भाभी अंकल का 10 इंच लम्बा लंड अपने पूरे मुँह में लेकर चूसने लगी, और इधर अंकल ने धीरे से भाभी के बड़ी-बड़ी, कसी हुई बड़ी बड़ी मस्त चूचियों को अपने दोनों हाथों से दबाना शुरू कर दिया. भाभी भी पूरी मस्ती में आ गई थी इसलिए उसने कुछ नहीं बोला.

फिर अंकल ने भाभी की भरी भरी चूचियाँ दबाना छोड़ कर भाभी की बालों को पीछे से पकड़ कर उसके मुँह में अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगे, वो भाभी की मुँह को चूत की भांति चोद रहे थे. ऐसा करने से भाभी को थोड़ा दर्द होने लगा तो भाभी ने अपना मुँह लंड से बाहर निकाल लिया. थोड़ी देर सुस्ताने के बाद अंकल ने कहा- बेटी, तुम्हारी योनि कसी हुई है या खुली हुई है?

भाभी- मुझे इस बारे में कोई आईडिया नहीं है अंकल जी.

अंकल- ठीक है बेटी, अभी अपनी योनि को मुझे दिखाओ तो मैं तुम्हें बताता हूँ कि तुम्हारी योनि कसी हुई है या खुली हुई है.

भाभी- मुझे अपने कपड़े खोलने में शर्म आ रही है अंकल जी, आप खुद ही मेरे कपड़े खोल के मेरी योनि को देख लीजिये.

फिर क्या था, अंधे को जैसे दो आँखें मिल गई हो, अंकल ने पहले भाभी की साड़ी को खोला फिर पेटीकोट को खोल दिया, फिर ब्लाउज को खोल दिया. अब भाभी केवल ब्रा और पैंटी में थी. अंकल भाभी के ब्रा और पैंटी में उनके गदराये हुए गोरे-गोरे जिस्म, बड़े बड़े मुम्मे और चौड़ी मस्त गांड को देख करके एकदम सन्न रह गये, और अपने लंड को आगे-पीछे हिलाने लगे.

भाभी- अंकलजी, मुझे ब्रा और पैंटी में देख कर आप अपने लंड को क्यों हिला रहे हैं?

किशोर – बेटी, तुम्हारे इतने सुन्दर जिस्म को देख के मैं अपने आपको नियंत्रित नहीं कर पा रहा हूँ.

भाभी- अंकल जी, मुझे आपके इरादे नेक नहीं लग रहे हैं, कहीं आप मेरे साथ चुदाई करने को तो सोच नहीं रहे हैं.

किशोर – नहीं बेटी, मुझे गलत मत समझो, मैं तो केवल तुम्हारी योनि का निरीक्षण करना चाहता हूँ.

भाभी- ठीक है अंकल जी, कीजिये.

फिर अंकल ज्यों ही भाभी का पैंटी खोलने लगे तो भाभी ने शर्म से अपनी हाथों से अपने चेहरे को छिपा लिया. पैंटी उतारने के बाद किशोर भाभी की गोरी-गोरी, बिना बालों की एकदम चिकनी और एकदम पाव की तरह फूली हुई मस्तानी चूत को देख कर उनकी आँखें एकदम फटी की फटी रह गई.

किशोर ने भाभी के कोमल योनि को सहलाते हुए बोला- बेटी, तुम्हारी योनि तो अत्यंत ही सुन्दर है, तुम्हारा पति तो अत्यंत ही भाग्यशाली व्यक्ति है. किशोर के योनि सहलाने से भाभी के जिस्म में एकदम करंट सा दौड़ गया. फिर भाभी ने कहा- अंकलजी, अब आप मेरी योनि को देख के बताईये कि यह कसी हुई है या खुली हुई है?

किशोर – बेटी, ऐसे देखने से पता नहीं चलेगा, तुम्हे बिस्तर पर लेटा कर तुम्हारी योनि को चीर के देखना पड़ेगा. ऐसा कह कर किशोर अंकल ने भाभी को अपने दोनों हाथों से उठा के बिस्तर पर लेटा दिया और फिर भाभी की दोनों टांगों को एकदम से फैला दिया. फिर अंकल ने भाभी के योनि के दोनों फांकों के चीर के देखा, बीच का भाग एकदम गुलाबी था फिर किशोर अंकल ने भाभी की चूत को सूँघ करके उसकी मादक खुशबू को लिया फिर उसे चूम लिया.

भाभी- अंकलजी, अपने मेरी योनि पर चुम्बन क्यों लिया?

किशोर – बेटी, किसी सुन्दर चीज़ का चुम्बन लेना कोई अपराध है क्या? मैं तुम्हारे साथ सम्भोग थोड़े न कर रहा हूँ.

भाभी– ओ के, अंकलजी!

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फिर अंकल ने भाभी के पाव जैसे फ़ूली हुई योनि को अपने दोनों हाथों से चीर के उसके बीच के गुलाबी भाग को अपने जीभ से कुत्ते की तरह चाटने लगे, इधर भाभी के मुँह से आनन्द भरी सिसकारी निकलने लगी. अंकल के भाभी के चूत को चाटे जाने से भाभी की चूत से मलाई निकलना शुरू हो गया, जिसे अंकल प्यार से चाट-चाट कर खाने लगे. भाभी की मुँह से सी-सी की आवाज़ निकल रही थी.

थोड़ी देर के बाद भाभी ने अंकल से कहा- अंकलजी, अब जल्दी सा मेरी चूत का निरीक्षण करके बतलाइये कि मेरी चूत कसी हुई है या ढीली है?

यह सुनकर किशोर ने चूत की मलाई खाना छोड़ कर भाभी की दोनों टांगों को फैला कर उनकी चूत को चीर कर उसका निरीक्षण करने लगे. थोड़ी देर के बाद अंकल बोले- बहू, ऐसे तुम्हारी चूत को चीर कर देखने से पता नहीं चल रहा है, तुम्हारी चूत के छेद पर पर मुझे अपने लंड का सुपारा को रगड़ कर चेक करना पड़ेगा.

भाभी- ठीक है अंकलजी, पर मेरी चूत के अन्दर आपका लंड नहीं जाना चाहिए.

किशोर – नहीं बेटी बिल्कुल अन्दर नहीं जायेगा, मैं पूरी सावधानी बरतूँगा. ऐसा बोल कर किशोर ने भाभी के चूत के दोनों गुलाब की पँखुरी जैसे चूत के होंठो को फैला कर अपने लंड का सुपारा को रगड़ने लगे.

अंकल भाभी के चूत के पूरी फाँक पर ऊपर से नीचे तक अपने सुपारे को रगड़ रहे थे. भाभी भी मस्ती में आकर आह-ऊहह करने लगी. भाभी को मस्ती में आया देखकर के अंकल ने भाभी से कहा- बेटी, केवल रगड़ने से कुछ पता नहीं चल रहा है, तुम्हारी चूत में केवल अपना सुपारा घुसा के चेक करूँ क्या? मैं तुम्हें चोदूँगा नहीं.

भाभी- ठीक है अंकलजी, पर मेरी चूत के अन्दर आपका लंड नहीं जाना चाहिए.

किशोर – नहीं बेटी बिल्कुल अन्दर नहीं जायेगा, मैं पूरी सावधानी बरतूँगा.

ऐसा बोल कर अंकल ने भाभी के चूत के दोनों गुलाब की पँखुरी जैसे ओठों को फैला कर अपने लंड का सुपारा को रगड़ने लगे. अंकल भाभी के चूत के पूरी फाँक पर ऊपर से नीचे तक अपने सुपारे को रगड़ रहे थे. भाभी भी मस्ती में आकर आह-ऊहह करने लगी. भाभी की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

भाभी को मस्ती में आया देखकर के अंकल ने भाभी से कहा- बेटी, केवल रगड़ने से कुछ पता नहीं चल रहा है, तुम्हारी चूत में केवल अपना सुपारा घुसा के चेक करूँ क्या? मैं तुम्हें चोदूँगा नहीं. ऐसा सुनकर भाभी ने कहा- ठीक है अंकलजी, पर आप अपना लंड सुपारे से ज्यादा आगे मत घुसाना.

फिर अंकल ने भाभी की टांगों को फैला दिया और उससे कहा- बहू, अपनी चूत को जरा अपनी दोनों हाथों से खोलो क्योंकि तुम्हारा छेद अत्यंत तंग लग रहा है.

ऐसा सुनकर भाभी ने अपनी दोनों हाथों से अपनी चूत को चीर के उसे फैला दिया, फिर अंकल ने भाभी की चूत में उंगली घुसा के उसकी थोड़ी सी मलाई निकली और अपने भयंकर सुपारा पर लगाया. फिर अंकल ने भाभी की चूत पर अपना सुपारा रख के उसे धकेला तो सुपारी भाभी की कसी हुई चूत में नहीं घुसा.

तो अंकल ने भाभी के चूतड़ को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर थोड़े जोर से धक्का दिया तो अंकल का विशाल सुपारा भाभी की चूत की दोनों कोमल होठों को बेरहमी से रौंदता हुआ अन्दर घपाक से घुस गया और दर्द के मारे भाभी के मुँह से उईईईइ माँ की आवाज़ निकल पड़ी.

किशोर ने कहा- बेटी, डरो नहीं, अब और दर्द नहीं होगा.

ऐसा बोलकर अंकल भाभी के नाजुक चूत में धीरे-धीरे अपना सुपारा अन्दर-बाहर करने लगे. भाभी की छोटी सी तंग चूत में घुसा हुआ अंकल का विशाल सुपारा का नजारा देखने में बहुत अजीब सा लग रहा था, लग रहा था जैसे कि भाभी की चूत फट जाएगी. अंकल का सुपारा अन्दर-बाहर हो रहा था और भाभी कराहें ले रही थी.

फिर थोड़ी देर के बाद भाभी की कराहट सिसकारी में बदल गई, लग रहा था कि भाभी को अब मजा आने लगा था. थोड़ी देर के बाद भाभी ने मस्ती में अपने चूतड़ को थोड़ा ऊपर उठा दिया तो अंकल का थोड़ा सा लंड और अन्दर घुस गया. भाभी की चूतड़ को ऊपर उठाते देख कर अंकल समझ गए कि दीपिका पूरी मस्ती में आ गई है अब यह मेरा पूरा लंड खा जाएगी.

फिर अंकल ने सोचा कि इस तरह उसकी चूत में पूरा लंड घुसाने से कहीं वो मुझ पर चोदने का कोई इल्ज़ाम न लगा दे अतः किशोर अंकल ने कहा- बेटी, ऐसे मुझे तुम्हारी चूत का निरीक्षण करने में दिक्कत हो रही है इसलिए मैं बिस्तर पर लेट जाता और तुम मेरे लंड पर बैठ कर अपनी योनि में केवल मेरा सुपारा घुसा के उसे अन्दर-बाहर करना तो मुझे तुम्हारी चूत के बारे में अच्छा से पता चल जायेगा.

दीपिका भाभी की वासना जागृत हो चुकी थी, भाभी बिस्तर से खड़ी हुई और अपनी चूचियों को ब्रा से आजाद कर दिया. अंकल भाभी के बड़े-बड़े, सुडौल चूचों को देख कर एकदम दंग रह गये. भाभी जब बाथरूम जाने के लिए मुड़ी तो उसके अत्यन्त बड़े चूतड़ों को देख कर अंकल के दिल धड़कन अचानक बढ़ गई.

भाभी जब बाथरूम से आई तो अंकल ने कहा- बेटी, चूचियों को दबाने से चूत का मुँह थोड़ा फ़ैल जाता है, जिससे चूत में आसानी से लंड के सुपारे का प्रवेश हो जायेगा.

यह सुनकर भाभी ने कहा- ठीक है अंकलजी, आप मेरी चूचियों को दबा लीजिये पर इसे आप ज्यादा जोर से मत दबाइयेगा क्योंकि ये बहुत ही टाइट हैं, जोर से दबाने से दर्द होने लगता है.

किशोर – ठीक है बेटी, आराम से दबाऊंगा.

फिर अंकल ने भाभी से कहा- बेटी, तुम अपने चूतड़ों की दोनों फाँकों को फैला कर मेरे गोद में मेरे लंड पर बैठ जाओ, फिर मैं तुम्हारी चूचियों को दबाऊँगा.

ऐसा सुनकर भाभी अपने विशाल चूतड़ों को चीर कर उसे अंकल के मोटे लंड पर रखकर गोद में बैठ गई. अब अंकल आगे अपने हाथ बढ़ा कर अपने सामने आम के जैसे लटक रहीं भाभी की चूचियों को दबाना शुरू कर दिया, उनके निप्पलों को चुटकी से मसलना शुरू कर दिया. भाभी ने मस्ती में अपनी आँखें बंद कर ली और मीठी-मीठी कराहें लेने लगी.

फिर अंकल भाभी को अपने गोद में आमने-सामने बिठा कर उनकी निप्पल को चुसना शुरू कर दिया. भाभी तो मानो आनन्द के सागर में गोते लगा रही थी. दीपिका भाभी की चूचियों को कुछ देर तक दबाने के बाद अंकलजी ने दीपिका से कहा- बेटी, अब मैं लेट जाता हूँ और तुम मेरे लंड पर बैठ जाओ और फिर मैं तुम्हारी चूत का निरीक्षण करता हूँ, बेटी मेरे लंड पर सावधानी से बैठना, केवल सुपारा ही अपने चूत में घुसाना.

इसके बाद अंकल लेट कर अपने खड़े लंड को सीधा करके अपनी हाथों से पकड़ लिया, दीपिका भाभी ने अपनी चूत की संकरे से छेद को अंकल के भयंकर सुपारा पर रख कर धीरे से बैठ गई, अंकल का मोटा सुपारा भाभी की चूत को फैलाता हुआ उसमें घुस गया तो अंकल ने कहा- बहू, अब तुम अपने कूल्हों को धीरे-धीरे ऊपर-नीचे करो तो मैं पता करता हूँ कि तुम्हारी चूत कितनी टाइट है.

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भाभी धीरे-धीरे अपनी गांड को ऊपर-नीचे करने लगी, तभी अंकल ने पूछा- बेटी, दर्द नहीं न हो रहा है?

भाभी- नहीं अंकलजी!

किशोर- बेटी गांड को ऊपर-नीचे करने में करने में कैसा लग रहा है है?

भाभी ने शरमाते हुए कहा- अंकलजी, अच्छा लग रहा है.

अंकल- बहुत अच्छे, पर बेटी जरा ध्यान से अपने चूतड़ को ऊपर-नीचे करना करना, कहीं सुपारे से ज्यादा लंड तुम्हारे चूत में न घुस जाये.

भाभी ने कोई जवाब नहीं दिया, वो मस्ती की लहरों पर सवार थी. थोड़ी देर बाद अंकल ने देखा की दीपिका अपने चूतड़ को नीचे दबाते हुए लंड को अपने चूत और घुसा रही है. अंकल की खुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा. अंकल का आधा लंड दीपिका के चूत में घुस गया था, फिर दीपिका ने थोड़ा ताकत लगते हुए अंकल के पूरे लंड को अपनी अत्यंत तंग चूत में पूरा समा लिया.

अंकल को तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि दीपिका ने अपनी छोटी से चूत में उनका पूरा 10 इंच लम्बा लंड समाहित कर लिया है. अपने टाइट चूत में पूरा लंड सामने के बाद दीपिका ने थोड़ी देर सुस्ताया फिर अपनी कसी हुई चूत से किशोर अंकल को घपाघप चोदने लगी.

दीपिका भाभी अपने बड़े चूतड़ों को खूब ऊपर-नीचे कर रही थी, चूतड़ ऊपर-नीचे करने में भाभी की बड़ी-बड़ी चूचियाँ बहुत मस्त तरीके से हिल रही थी. भाभी की अत्यंत कसी चूत होने के कारण घप-घप की बहुत भद्दी आवाज़ पूरे कमरे में गूंज रही थी. चुदाई के कारण भाभी की चूत की खुशबू चारों तरफ फ़ैल गई थी. अंकल और भाभी दोनों के मुँह से आह-ऊह की आवाज़ निकल रही थी.

तभी अंकल ने भाभी से कहा- बेटी, तुम यह क्या कर रही हो? मेरे लंड को अपनी चूत में पूरा समा के मुझे चोद रही हो?

तो भाभी ने मुस्कुराते हुए कहा- इतने भी भोले मत बनो, अंकलजी, आप बहुत ही चालाक हो, मुझे ललचाने के लिए आपने अपना गधा जैसा मोटा लंड दिखा दिया और अब बहुत भोले बन रहे हो, इतना मोटा और लम्बा लंड देखकर तो कोई भी लड़की एकदम पागल हो जाएगी. मैं तो बहुत लकी हूँ जो मुझे इतना बड़ा घोड़े जैसा लंड लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. आई लव यू अंकल जी!

ऐसा सुनकर अंकल ने मुस्कुराते हुए कहा- बेटी, अब बताओ, तुम्हें मुझसे से ज्यादा मजा आ रहा है कि अपने पति से आता है?

दीपिका- अंकलजी, मेरे पति का साइज़ तो आपसे आधा है, आपको चुदवाने में तो मुझे स्वर्ग जैसा आनन्द मिल रहा है. अब तो मैं आपसे खूब चुदवाऊंगी.

अंकल- दीपिका बेटी, मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि मुझ जैसे बदसूरत, बुड्ढे आदमी के 10 इंच लम्बे काले लंड पर एक 22 साल की गोरी, ख़ूबसूरत लड़की बैठकर उसे अपने गुलाबी चूत में पूरा समा कर अपनी गांड ऊपर-नीचे करके मुझे घपाघप चोदेगी. मैं तो एक अत्यंत ही भाग्यशाली व्यक्ति हूँ.

दीपिका- अंकलजी, मैं भी बहुत खुशनसीब हूँ, इतना विशाल लंड का सौभाग्य तो बिरले को ही प्राप्त होता है. आपका लंड तो देखते ही मेरी चूत से पानी निकलने लगा था.

फिर अंकल ने भाभी को लिटा दिया और उनकी टांगों को फैला कर चूत को चौड़ा कर दिया, फिर चूत के छेद पर थूक लगाकर अपना सुपारा चूत के छेद पर रख के जोर से धक्का मारा, भाभी दर्द से चिल्ला उठी. अंकल का आधा लंड भाभी की चूत में समा चुका था.

फिर थोड़ी देर रुकने के बाद अंकल ने एक जोर का धक्का मारा तो अंकल का 10 इंच लम्बा पूरा लंड भाभी की चूत में घच से घुस गया, इसके बाद अंकल ने धीरे-धीरे अपने लंड को अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया. फिर थोड़े देर के बाद अंकल ने भाभी की पतली कमर को पकड़ कर बेरहमी से जोर-जोर से धक्के मारने शुरू कर दिया.

दीपिका ‘मम्मी- उई मम्मी’ बोलकर कर आनंद भरी कराह ले रही थी. बीच-बीच में अंकल का मोटा लंड भाभी के तंग चूत में फँस जाता था तो अंकल जोर का धक्का मारकर उसे छुड़ाते जिससे भाभी कराह उठती. अंकल भाभी की दोनों चूचियों को अपने हाथों से दबोचे हुई उनकी चूत को घपाघप चोद रहे थे.

करीब 15 मिनट बाद अंकल का फॉल हो गया. भाभी बिस्तर पर से उठकर बाथरूम में अपनी चूत धोने चली गई. भाभी जब बाथरूम से आई तो उनके गदराए हुए अत्यंत विशाल नितम्ब को देखकर अंकल के मुंह में पानी आ गया, अंकल ने कहा- दीपिका, तुम्हारे चूतड़ तो बहुत बड़े हैं, क्या इसे तुम्हारे पति ने तुम्हारी गांड मार मार कर इसे चौड़ा कर दिया है? ऐसा बोलते हुए अंकल भाभी के बड़े-बड़े नितम्ब सहलाने लगे.

भाभी- नहीं अंकलजी, मैंने आज तक गांड नहीं मरवाई है, ये कुदरती बड़े हैं.

किशोर- बेटी, तुम्हारे नितम्ब बहुत ही सुन्दर हैं, मुझे इसे प्यार करने का बहुत मन कर रहा है, तुम जरा बिस्तर पर घोड़ी बन जाओ तो मैं तुम्हारी गदराए हुए नितम्बों को प्यार करूँगा. ऐसा सुनकर भाभी बिस्तर पर अपने दोनों घुटनों और हथेलियों के बल घोड़ी बन गई.

अंकल ने पहले भाभी के बड़े-बड़े चूतड़ों को खूब सहलाया, उन पर ढेर सारा चुम्बन भी लिया, फिर भाभी के चूतड़ों की दोनों फाँक को फैलाया तो उसके गुलाबी छेद देख कर एकदम दंग रह गए और उसने कहा- बेटी, तुम्हारा गुलाबी गांड का छेद तो दिखने में अत्यंत ही सुन्दर है, कोई भी इसे देख के एकदम पागल हो जायेगा. गांड की प्रशंसा सुनकर भाभी ने अंकल को धन्यवाद बोला.

किशोर ने चूतड़ों के बीच के छेद को सूंघा तो उसकी खुशबू पाकर उनका लंड एकदम फनफना कर खड़ा हो गया. फिर अंकल ने छेद पर एक चुम्बन लिया फिर गांड के छेद को फैला चाटने लगे. अंकल के चाटना शुरू करते ही भाभी के मुंह से सिसकारी निकलने लगी. भाभी की छेद की कुछ देर चाटने के बाद अंकल ने भाभी के गांड में अपनी एक उँगली घुसा के उसे आगे-पीछे करने लगे तो भाभी के मुँह से सीत्कारें निकलने लगी.

अपनी उंगली को अंदर-बाहर करते हुए पूछा- बेटी, कैसा महसूस हो रहा है?

दीपिका- मजा आ रहा है अंकलजी!

किशोर – बेटी, इसमें मेरा मोटा लंड घुसवाओगी तो स्वर्ग जैसा आनन्द मिलेगा. यह सुनकर भाभी ने डरते हुए बोली- ना बाबा ना, चूत के मुकाबले मेरी गांड का छेद तो अत्यंत छोटा और काफी संकुचित होता है और आपका सुपारा तो भयंकर मोटा है, मुझे अपनी गांड नहीं फड़वानी है.

फिर अंकल ने उसे फुसलाते हुए कहा- डरो नहीं बेटी, तुम्हारा गांड तो अत्यंत ही बड़ी है, वो मेरा पूरा 10 इंच आसानी से खा जायेगा और फिर मैं तुम्हारे छेद में ढेर सारा वैसलिन लगा दूंगा और बहुत धीरे-धीरे घुसाऊंगा और तुम्हें जरा भी दर्द होगा तो मैं अपना लंड तुरंत बाहर निकाल लूँगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

तब भाभी ने कहा- ठीक है अंकलजी, पर धीरे-धीरे आराम से घुसाइएगा.

किशोर – ठीक है बेटी, अब तुम घोड़ी बन जाओ.

भाभी के घोड़ी बनने के बाद अंकल ने उनके चूतड़ों की दोनों फाँकों को फैला कर उसके छेद में ढेर सी वेसलिन लगाई और उसके बाद भाभी के गाण्ड के छेद पर अपना मोटा सुपारा को रगड़ने लगे फिर अंकल ने छेद में थोड़ा सा सुपारा घुसाने के बाद भाभी की पतली कमर को पकड़ कर एक जोर का धक्का मारा तो अंकल का मोटा सुपर भाभी के सिकुड़न-सलवटों वाले गुलाबी छेद को फैलाता हुआ गप्प से अन्दर घुस गया.

भाभी दर्द से चिल्ला उठी तो अंकल ने झट से अपना लंड बाहर निकाल लिया. लंड को बाहर निकालने के थोड़ी देर के बाद अंकल ने भाभी को पुचकारते हुए कहा- बेटी, अब दर्द कैसा है?भाभी- अब दर्द बहुत कम हो गया है, अंकलजी. फिर थोड़ी देर के बाद अंकल ने कहा- ऐसा करो बेटी, मैं लेट जाता हूँ और तुम अपनी गांड का छेद मेरे लंड पर रख के धीरे-धीरे बैठो, इससे तुम्हें बहुत ही कम दर्द होगा.

भाभी ने डरते हुए कहा- ठीक है मैं कोशिश करती हूँ पर मुझे दर्द हुआ तो मैं लंड पर से उठ जाऊँगी.

किशोर – ठीक है बेटी, अब मैं लेटता हूँ और तुम अपनी गांड को चीर कर अपनी गुलाबी छेद को मेरे सुपारा पर रख कर धीरे-धीरे बैठो. अंकल बिस्तर पर लेट गए और मुट्ठी से अपना लंड पकड़ लिया.

फिर भाभी ने अंकल के फ़नफ़नाये हुए भयंकर, काले सुपारे पर अपने विशाल नितम्बों को चीर कर अपने गांड के गुलाबी छेद को रखकर धीरे से बैठी तो अंकल का सुपारा भाभी के कसे, सिकुड़न-युक्त छेद को फैलाते हुए घप्प से छेद के अंदर घुस के गांड के छल्ले में फँस गया.

भाभी अचानक दर्द से चिहुंक उठी तो अंकल ने भाभी को कहा- डरो मत बेटी, शुरू में दर्द होगा पर जब मेरा पूरा लंड तुम्हारी गांड में समा जायेगा तो बिल्कुल दर्द नहीं होगा और तुम्हें बहुत ही मज़ा आएगा.

भाभी ने करहाते हुए कहा- अंकलजी, मुझे बहुत दर्द हो रहा है, मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगी, मुझे बहुत डर लग रहा है.

तब अंकल ने भाभी को फुसलाते हुए कहा- डर मत पगली, चूत में भी तो शुरू में घुसवाने में थोडा दर्द हुआ था पर बाद में तुम्हे कितना मज़ा आया था.

भाभी- वो बात तो है अंकलजी, ठीक है मैं धीरे-धीरे बैठती हूँ ताकि ज्यादा दर्द न हो.

फिर भाभी थोड़ा जोर लगाकर बैठी तो अंकल का 2 इंच लंड गांड में और घुस गया. भाभी को अत्यंत दर्द होने लगा और वह करहाते हुए अंकल के लंड पर से उठने लगी, ऐसा करते देख कर अंकल ने भाभी की पतली, नाजुक कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और उसे नीचे अपनी ओर जबरदस्ती खींचने लगे.

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अंकल ताकत लगा कर जैसे-जैसे भाभी को नीचे खींच रहे थे वैसे-वैसे अंकल का वेसलीन लगा हुआ लंड भाभी की गांड के तंग छेद में धीरे धीरे घुसता जा रहा था. भाभी दर्द से चिल्ला रही थी पर अंकल ने उसकी परवाह किये बिना उसके गांड में अपना 10 इंच लम्बा लंड पूरा घुसा दिया.

भाभी की आँखों से आँसू निकल रहे रहे थे पर अंकलजी उसकी परवाह किये बगैर अपने चूतड़ उचका-उचकाकर भाभी की गांड में अपने दैत्याकार लंड को अंदर-बाहर करने लगे. थोड़ी देर के बाद भाभी की कराहट मादक सिसकारियों में बदल गई. पाँच मिनट तक धक्के लगाने के बाद अंकल थक कर रुक गये तो भाभी अपनी गांड को ऊपर-नीचे करने लगी. ऐसा करते देख कर अंकल ने प्रसन्नता से कहा- शाबाश मेरी मुन्नी, अब मज़ा आ रहा है ना दीपिका बेटी?

दीपिका ने लजाते हुए कहा- हाँ अंकलजी, आप बहुत अच्छे हैं.

किशोर- बेटी अब मेरे लंड पर रोज बैठोगी ना?

दीपिका- बिल्कुल अंकल जी, अब तो मैं रोज अपने दोनों छेदों को आपके लण्ड पर रख कर बैठूंगी.

ऐसा बोलने के बाद भाभी अपने चूतड़ तेजी से ऊपर-नीचे करने लगी और अंकल ने भाभी के गांड में अपनी गर्म-गर्म वीर्य की बौछार कर दी. इस तरह अंकल ने छह महीने तक अपने भीमकाय लंड से मुझे और मेरी भाभी की चूत और गांड को चोद-चोद कर अत्यधिक बड़ा बना दिया है.

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  1. Girish Paliwal says

    मई 15, 2025 at 8:50 अपराह्न

    Achi he bhabhi ki to nikal padi

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