Ladies Underwear Fetish
अनुराधा एक घरेलू महिला हैं जिसकी उम्र लगभग ४५ साल की और कद ५.२ इंच हैं। उसका वजन अधिक हैं जिससे वह मोटी ज्यादा दिखती हैं। इसके बावजूद वह एक गोरी चिट्टी सेक्सी महिला हैं जिसे देखकर हर दीवाने का लंड खड़ा हो जाये। उसकी तीन लड़कियाँ तथा एक लड़का हैं। Ladies Underwear Fetish
दो लड़कियों की शादी हो गई हैं तथा एक लड़की स्वाति जिसकी उम्र १९ साल तथा लड़के अंशुल की उम्र १५ साल हैं। इस उम्र में भी अनुराधा पर सेक्स का बुखार कम नहीं हुआ हैं उलटे और अधिक बढ गया हैं। अनुराधा के पति भूपेश का वजन भी ज्यादा हैं और अब उनमें वो बात नहीं रही जो जवानी में होती हैं। इसलिये अनुराधा संतुष्ट नहीं होती हैं।
अनुराधा अपने नाम के अनुरूप ही सजती संवरती हैं और किसी महारानी से कम नहीं लगती। आज अनुराधा कुछ ज्यादा ही सज-संवर रही थी। पति ने पूछा तो बताया कि आज के दिन हम पहली बार मिले थे इसलिये सज-संवर रही हूँ। आज हम फिर हमारी सुहागरात की याद ताजा करेंगें।
भूपेश मुस्कुराकर बोले- क्यों नहीं मेरी रानी। आज बहुत दिनों बाद हम सेक्स का मजा लेंगें।
अनुराधा- ठीक हैं ठीक हैं ! पर जल्दबाजी मत करना। प्यार से रगड़ना मुझे ! वरना तुम पप्पी झप्पी लोगे और सो जाओगे। मेरी चूत प्यासी रह जायेगी।
भूपेश- अरे तुम चिंता मत करो ! आज मैं ताकत के कैप्सूल खा लूंगा और तुम्हें जी भर कर चौदूंगा।
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दोनों हंसने लगे। भूपेश ने आगे बढकर अनुराधा के रसीले होंठों को चूम लिया। शाम होते होते अनुराधा भूपेश का इंतजार करने लगी। बच्चे अनुराधा से पूछने लगे कि आज क्या बात हैं जो आप इतना सज संवरकर बैठी हैं। किसी पार्टी में जाना हैं क्या?
अरे नहीं बच्चों ! बस आज मेरा मन बहुत खुश हैं इसलिये थोड़ा सज संवर लिया! अनुराधा बच्चो को समझाते हुए बोली। पर स्वाति समझ गई कि आज कुछ गड़बड़ होने वाली हैं। रात में सभी ने खाना खाया और अपने अपने कमरे में चले गये।
अनुराधा ने आज अपने कमरे में गुलाब जल छिड़क रखा था। भीनी-भीनी खुश्बू पूरे कमरे में महक रही थी। भूपेश और अनुराधा दोनों अपने बिस्तर पर बैठे बातें करने लगे। अनुराधा के हाथ भूपेश के हाथों में थे। भूपेश ने एक हाथ अनुराधा के बालों में डाला और अनुराधा के भीगे होंठों को चूसने लगे।
भूपेश ने अनुराधा की साड़ी खोल दी। अनुराधा ने भी तेजी दिखाई और भूपेश के कपड़े खोल दिये। अब अनुराधा सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में थी तो भूपेश सिर्फ अण्डरवियर पहने थे। उनका लंड अण्डरवियर में से अपनी झलक दिखला रहा था।
भूपेश ने ब्लाउज और पेटीकोट भी खोल दिया। अनुराधा पूरी तरह नंगी हो गई क्योंकि उसने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी। भूपेश अनुराधा के प्रत्येक अंग को चूमने लगे। अनुराधा उत्तेजित होने लगी। भूपेश ने अनुराधा के बडे -बडे बूब्स को खूब चूसा। एक एक अंग को चूमते चूमते भूपेश के होंठ अनुराधा की चूत को चूसने लगे।
अनुराधा बुरी तरह उत्तेजित हो गई। अनुराधा ने एक हाथ से भूपेश की अण्डरवियर में हाथ डाला और उनका लंड पकड लिया। अनुराधा ने भूपेश को उठाया और उनका लंड अपने मुंह में भर लिया। भूपेश तड़पने लगे पर अनुराधा और जोर-जोर से लंड चूसने लगी।
भूपेश को झड़ने में ज्यादा देर नहीं लगी और सारा वीर्य अनुराधा के मुंह में भर दिया। अनुराधा एक-एक बूंद चाट गई। अनुराधा ने भूपेश के होंठों को अपने होंठो के बीच दबा लिये और जोर जोर से चूसने लगी। गर्दन से नीचे आने पर अनुराधा ने भूपेश के छोटे-छोटे निप्पल को बुरी तरह से चूस लिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
भूपेश की तड़प बढ़ गई। अनुराधा भूपेश के शरीर को चूमते हुए फिर लंड तक पहुंच गई और ढीले लंड को मुंह में भरकर चूसने लगी। बहुत देर चूसने के बाद भूपेश का लंड फिर से खड़ा होने लगा। भूपेश जोश में आ गये और अनुराधा को बिस्तर पर लिटाकर अपना लंड अनुराधा की चूत में डाल दिया। भूपेश धक्के पर धक्के लगाने लगे।
अनुराधा को मजा आने लगा और वह कहने लगी- आज तो इस चूत की धज्जियां उड़ा दो मेरे सरकार ! फाड़ कर रख दो इसे !
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इतना सुनते ही भूपेश ने जोर जोर से धक्के लगाना शुरू किये और सारा माल एक ही झटके में अनुराधा की चूत में भर दिया। अनुराधा अभी तक झड़ी नहीं थी। लेकिन भूपेश का लंड ढीला हो चुका था। अनुराधा फिर से चूदाने के मूड में थी इसलिये फिर से उसने लंड को अपने मुंह में भर लिया।
बहुत देर तक लंड चूसने के बाद भी लंड खड़ा नहीं हुआ। अनुराधा फिर मन मारकर लेट गई। भूपेश थक गये थे इसलिये उन्हें फटाफट नींद आ गई लेकिन अनुराधा अभी भी प्यासी थी। उसने अपनी उंगलियों को ही चूत में डाल-डालकर अपना पानी निकाल लिया।
सुबह भूपेश बडे फ्रेश लग रहे थे लेकिन अनुराधा अनमनी सी लग रही थी। अनुराधा ने भूपेश से ज्यादा बात नहीं की और उन्हें खाना खिलाकर काम पर भेज दिया। दोनों बच्चे स्कूल चले गये। वह घर पर अकेली बोर होने लगी। वह बार-बार यहीं सोच रही थी कि कैसे अपनी प्यास बुझाई जायें।
इनका लंड तो अब डालते से ही झड़ जाता हैं। क्या किसी और से चूदवा लूं? लेकिन उसका मन नहीं मान रहा था। आज पहली बार किसी पराये मर्द के लिये उसके मन में ख्याल आया था। अनुराधा अभी इसी सोच में पड़ी हुई सोफे पर लेटी थी। तभी दरवाजे की घंटी बजी।
अनुराधा ने दरवाजा खोला तो सामने एक आदमी खड़ा था, जिसकी उम्र लगभग ५० साल की होगी। उसकी सफेद दाढ़ी थी तथा सिर पर बाल बहुत कम थे। उसने बताया कि भूपेश जी ने उसे टॉयलेट की सफाई के लिये भेजा हैं। अनुराधा उस आदमी को टॉयलेट तक लेकर गई।
अनुराधा ने उसका नाम पूछा तो उसने अपने नाम हरिया बताया। हरिया अपने काम में लग गया। कुछ ही देर में उसका सारा काम हो गया। काम होने के बाद हरिया के कपडे गीले हो चुके थे। वह बाथरूम में गया और अपने शर्ट और पेंट उतारकर शॉवर में नहाने लगा।
उसने दरवाजा आधा ही बंद किया था। उसने अंदर कुछ नहीं पहना था। वह नंगा होकर शॉवर का आनंद लेने लगा। काम हुआ या नहीं, यह देखने के लिये अनुराधा बाथरूम तक पहुंची। बाथरूम तक पहुंची तो उसके होश उड़ गये।
हरिया नंगा होकर नहा रहा था। उसका लंड देखकर उसकी सांसे तेज हो गई। हरिया ने अनुराधा को देख लिया था पर वह यह जता रहा था कि उसने उसे देखा ही नहीं। अनुराधा से कुछ बोलते नहीं बनी। अभी भी उसकी सांसे तेज चल रही थी।
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कुछ देर बाद अनुराधा संभली तो उसने हरिया को बोला- यह तुम क्या कर रहे हो। तुम्हें सिर्फ सफाई के लिये बुलाया था, नहाने धोने के लिये नहीं।
हरिया हकलाकर बोला- मुझे माफ कर दो मेमसाब ! मेरे कपड़े और बदन गंदे हो गये थे इसलिये सोचा कि दोनों को साफ कर लूं।
अनुराधा बोली- ठीक हैं, ठीक हैं। जल्दी करो। मैं अपने बेडरूम में जा रही हूं। काम हो जाये तो पैसे ले जाना।
हरिया- जी मेमसाब।
हरिया मन ही मन खुश हो रहा था कि मेमसाब उससे नाराज नहीं हुई। हो न हो उसे भी लंड की चाहत जरूर होगी वरना इतनी देर में तो कोई भी उसे खरी खोटी सुनाता और घर से निकाल देता। इधर अनुराधा अपने कमरे में जाकर बिस्तर पर बैठ गई।
उसके मन में हरिया का नंगा शरीर ही दिख रहा था। वह अपने को काबू में नहीं रख पा रही थी। उसने अपने कपड़े खोले और गाउन पहन लिया। हरिया नहाकर बाहर निकला। उसने कपड़े भी नहीं पहने और अनुराधा के कमरे की ओर चला आया।
अंदर अनुराधा गाउन पहने अपने बिस्तर पर लेटी थी। वह आंखे बंद करके मन ही मन में हरिया के बारे में सोच रही थी। हरिया ने देखा कि दरवाजा हल्का सा खुला हैं। उसने अंदर झांका तो अनुराधा आंखे बंद करके लेटी थी।
इस अवस्था में देखकर उसके मन में भी सेक्स का बुखार चढ़ने लगा। उसका लंड तनतनाकर ७ इंच का हो गया। वह दबे पांव अनुराधा तक गया और उसके होंठों पर होंठ रख दिये। अनुराधा बूरी तरह चौंक गई। वह सोच भी नहीं सकती थी कि हरिया आकर उसके होंठों को चूम लेगा।
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उसने सोचा कि हरिया को डांटकर भगा दे लेकिन अपनी हवस पर काबू नहीं रख पाई और हरिया से चिपक गई। हरिया ने भी उसे बाहों में भर लिया और उसकें होंठों का रस चूसने लगा। अनुराधा पर चूदवाने का नशा इस तरह चढ गया था कि वह एक भंगी के बदबूदार मुंह को अपने मुंह से लगाकर चूमाचाटी कर रही थी।
बहुत देर तक अनुराधा के होंठों की मां चोदने के बाद हरिया ने अनुराधा का गाउन खोलकर उसे नंगा कर दिया। उसे अनुराधा की बड़ी लेकिन प्यारी सी चूत दिखाई दी जो पूरी तरह क्लीन शेव्ड थी। हरिया ने चूत को अपने होंठों से लगाकर बूरी तरह चूसने लगा। अनुराधा पागल सी हो गई।
अनुराधा इतनी उत्तेजित हो गई थी कि वह एक भंगी से भी चूदवाने को तैयार थी। हरिया का लंड देखकर अनुराधा खुश हो गई कि आज यह लंड उसकी प्यास बुझा देगा। हरिया ने अपना लंड अनुराधा के मुँह में दे दिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
हरिया भी तड़प उठा पर यह सोचकर उसे अपनी जिंदगी पर गर्व होने लगा कि एक भंगी भी किसी अप्सरा को, चाहे वह मोटी ही क्यों न हो, चौद सकता हैं। आज हवस के नशे में एक मालदार महिला ने अपनी इज्जत एक भंगी के हाथों में दे दी। अनुराधा पूरी तरह गर्म हो गई थी। हरिया उसे अब अपना सब कुछ नजर आ रहा था।
अनुराधा – आह हरिया। अब देर मत करों। अपना लंड मेरी चूत में डालो और मेरी प्यास बुझा दे मेरे राजा।
हरिया ने अनुराधा की चूत का निशाना लगाया और एक ही झटके में पूरा लंड अनुराधा की चूत में डाल दिया। अनुराधा चीख पड़ी। आह कमीने धीरे से डाल ! मार डालेगा क्या !
हरिया तो पागल हो गया था। इस स्वर्गीय आनंद में वह जोर-जोर से धक्के लगाने लगा। अनुराधा का पूरा शरीर हिलने लगा। इतना आनंद तो उसे भूपेश से चुदाई कराने पर भी कभी नहीं आया। हरिया ने पूरी तरह से अनुराधा की चूत को भौंसड़ा बना दिया।
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आज अनुराधा तीन बार झड़ चुकी थी। हरिया ने तेज झटके मारे और सारा माल अनुराधा की चूत में डाल दिया। अनुराधा अपनी चुदाई से पूरी तरह संतुष्ट थी। दोनों एक साथ चिपककर लेटे रहे। थोड़ी देर बाद हरिया फिर चालू हो गया। उसका लंड फिर खड़ा हो गया। उसने अनुराधा को उलटा लिटाया और उसकी गांड के छेद पर लंड रखकर धक्का लगाया। अनुराधा दर्द से चीखने लगी। दो तीन झटको में हरिया ने लंड अनुराधा की गांड में घुसा दिया।
अनुराधा दर्द से चीख रही थी। कुछ देर में उसे भी मजा आने लगा। हरिया ने ५ मिनट तक अनुराधा की गांड मारी फिर तेज धक्कों के साथ अपने वीर्य से अनुराधा की गांड को भर दिया। कुछ देर तक हरिया और अनुराधा चिपककर लेटे रहे। फिर हरिया उठकर जाने लगा। हरिया ने बाथरूम में जाकर अपने कपड़े पहन लिये। हरिया जाने लगा तो अनुराधा ने हरिया को होंठों पर लंबा चुम्मा दिया और ढेर सारे पैसे भी दिये। हरिया खुशी-खुशी चला गया और अनुराधा पूरी तरह संतुष्ट होकर अपने कमरे में जाकर मीठी नींद में सो गई।