Desi Lover Caught Sex
यह बात तब की है, जब मैं अपने दोस्त को सारी बातें बताता था. रंजन भी मुझे सारी बातें बताता था. मैंने और रंजन ने मिलकर अनेकों बार मुठ मारी थी. हम लोगों ने मिलकर कई सेक्सी वीडियो भी देखे थे. जिस समय हम दोनों सेक्स वीडियो देखते थे. तब आपस में शर्त लगा कर मुठ मारते थे कि किसका माल पहले गिरता है. Desi Lover Caught Sex
एक बार जब मैं अपने दोस्त के साथ घूमने जा रहा था, मैं जरा किसी काम से रुक गया और रंजन आगे बढ़ गया. कुछ आगे निकल कर रंजन की नजर खेत पर पड़ी. उसने देखा एक लड़का लड़की खेत में सेक्स कर रहे थे. रंजन ने अपनी जेब से फोन निकालकर उन दोनों की चुदाई करते हुए की फोटो खींच ली. साथ ही उन दोनों की वीडियो भी बना ली.
जब तक मैं अपने दोस्त के पास आ गया. उसने मुझे ये बात बताई. हम दोनों की आंखें चमक उठीं. हम दोनों वहां पर गए. उन दोनों को धमकाया, तो लड़की ने झट से अपने सारे कपड़े पहन लिए और लड़का कपड़े लेकर भाग गया. हमने उस लड़की को बताया कि मैंने तुम्हारी फोटो और वीडियो निकाल लिए हैं.
ये सुनकर लड़की डर गई, वह पैर पकड़ने लगी- प्लीज फोटो और वीडियो डिलीट कर दीजिए.
रंजन मेरे कान में बोला- भाई चुत मिल गई.
मैंने मना किया, पर रंजन न माना. उसने मुझे भी राजी कर लिया. पर मेरा एक उसूल है कि लड़की जब तक राजी न हो, तब तक चोदना नहीं और जब लड़की राजी हो, तो उसे चोदना नहीं है.
मैंने रंजन से कहा- इससे मुझे बात करने दो.
रंजन ने मायूस होते हुए सर हां में हिला दिया.
मैंने लड़की से कहा- वह लड़का कौन था?
वह बोली- वो मेरा बीएफ था.
मैंने उससे पूछा- तुम लोग कितनी बार सेक्स कर चुके हो?
उसने कहा- मैं पहली बार कर रही थी.
मैंने कहा- कर रही थी से क्या मतलब है? क्या अभी अन्दर नहीं लिया था?
वो शर्माते हुए बोली- नहीं.
मैंने फिर पूछा- क्या तुम्हारी चुत सीलबंद है?
वो लड़की हंसने लगी. उसने हां में सर हिला दिया.
मैंने लंड पर हाथ फेरते हुए कहा- हम दोनों से चुदोगी?
वो कुछ नहीं बोली, बस मेरी पेंट में फूलते लंड की तरफ देखने लगी.
रंजन बोल पड़ा- तुम्हारी फोटो एक ही शर्त पर डिलीट करूंगा, तुमको मेरे साथ सेक्स करना पड़ेगा.
लड़की पहले तो मना करने लगी.
मैं बोला- ये फोटो मैं डिलीट करवा दूँगा. हम दोनों किसी की मजबूरी का फायदा नहीं उठाते हैं. हां लेकिन हम दोनों का तुमको चोदने का मन है.
लड़की कहने लगी- प्लीज ये फोटो किसी को मत दिखाना.
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ये कह कर वो मुस्कराने लगी. हम दोनों की खोपड़ी घूम गई कि अभी तो ये बंदी डर रही थी और अब मुस्कुरा रही है. मैंने उससे मुस्कुराने का कारण पूछा, तो वो खुद से चुदने की बात कहने लगी. वो कहने लगी कि वो लड़का मैंने ही सेक्स के लिए सैट किया था. मुझे उससे कोई लव नहीं था. मतलब वो हम दोनों से चुदने को मान गई थी.
हम दोनों उसे अपने रूम पर लाए. रंजन कुछ खाने पीने का सामान लेने की कह कर निकल गया. मैं उस लड़की से बात करने लगा. कोई दस मिनट बाद रंजन बाहर जाकर कुछ खाने पीने का सामान ले आया. तब तक मैं उस लड़की से काफी बातें कर चुका था. रंजन कमरे में आते ही उस लड़की को किस करने लगा.
लड़की फिर से रंजन से ड्रामा करने लगी- प्लीज मान जाओ.
मैंने उससे कहा- अभी तो तू चुदने को राजी हो गई थी. अब नाटक कर रही है.
वो हंसने लगी और बोली- इसको छेड़ रही थी. ओके मैं रेडी हूँ, तुम दोनों एक एक करके कर लो.
पहले हम दोनों दोस्त उसके साथ एक साथ सेक्स करने वाले थे. फिर रंजन ने लड़की से कहा कि तुमको सैंडविच सेक्स का मजा भी दे देंगे. वो समझ ही न सकी कि सैंडविच सेक्स क्या होता है. वो बोली- ठीक है, मैं सैंडविच सेक्स का मजा भी ले लूंगी.
उसने मुझे किस किया. मैंने उसके कपड़े उतार दिए. उसने ऊपर टी-शर्ट पहनी थी, नीचे जींस पैंट पहनी थी. मैंने उसकी टी-शर्ट और पेंट उतार दी. देखा, वो बहुत सेक्सी माल लग रही थी. उसके बूब्स बहुत बड़े थे. उसका गोरा बदन देख कर हम दोनों के लंड खड़े हो गए.
रंजन ने उसके बूब्स चूसना शुरू कर दिए. उसकी ब्रा के ऊपर से दूसरी तरफ से मैं भी जाकर उसके बूब्स चूसने लगा. फिर हम लोगों ने उसकी ब्रा पेंटी भी उतार दी और अपने भी सारे कपड़े उतार दिए. जब मैंने उसकी पेंटी उतारी, तो उसकी चुत के बाल बने हुए थे.
उसकी गुलाबी चुत देख कर हम दोनों के लंड एकदम से कड़क हो गए. अब रंजन ने अपना लंड उसके मुँह में दे दिया. वो मना करने लगी. पर रंजन न माना. उसने लड़की की एक चूची जोर से मसली, तो लड़की का मुँह खुल गया. उसी समय रंजन ने अपना लंड लड़की के मुँह में दे दिया.
वो लंड चूसने लगी. उसे भी मजा आने लगा. फिर मैंने भी उसे अपना लंड चूसने को कहा. वो मेरे लंड को भी चूसने लगी. अब रंजन ने अपने लंड और उसकी चुत पर तेल लगाया. मुझे भी तेल दे दिया. मैंने भी अपने लंड पर तेल लगा लिया.
फिर रंजन ने उसे चुदाई की पोजीशन में लिटा कर उसकी चुत में लंड डाला, तो वो चिल्ला उठी. उसे दर्द होने लगा. लेकिन रंजन न रुका. उसके एक दो झटके में ही उस लड़की की चुत से खून आने लगा था. वो रोने लगी- निकाल लो … प्लीज निकाल लो … बहुत दर्द हो रहा है.
मैं जाकर उसे किस करने लगा और उसके बूब्स दबाने लगा. रंजन थोड़ा रुक गया. जब लड़की का दर्द कम हुआ तो रंजन ने फिर से धीरे धीरे चुदाई शुरू कर दी. अब लौंडिया को भी मजा आने लगा. धकापेल चुदाई होने लगी. कुछ देर बाद वो और रंजन एक साथ झड़ गए.
उसके बाद मैंने उसकी चुत मारी. मेरा लंड बड़ा था. मेरा लंड लेते ही लौंडिया चिल्ला उठी. उसकी आंखों की पुतलियां फ़ैल गई थीं. उसकी आवाज बड़ी मुश्किल से आ पा रही थी ‘अअ उम्म्ह … अहह … हय … ओह … अ ऊ ऊ ऊ.’
कुछ देर बाद से मजा आने लगा. मैंने भी से बीस मिनट तक चोदा और उसकी चुत में ही निकल गया. इसके बाद हम तीनों ने कुछ देर रुक कर एक दूसरे से बातें की. मैं और रंजन उस लौंडिया की चुचियों से खेलते रहे. फिर सैंडविच सेक्स की बात शुरू हो गई.
रंजन ने उसकी गांड में तेल लगा कर अपना लंड पेल दिया. वो फिर से चिल्ला उठी. उसकी आवाजें निकलने लगीं. ‘ऊ ऊ उम्म्ह … अहह … हय … ओह … अ..’ इसी बीच मैंने आगे से लंड पेल दिया उसकी सैंडविच चुदाई होने लगी. वो बहुत चिल्ला रही थी.
लेकिन बाद में जब हम दोनों ने उसे गोद में उठा कर उसके दोनों छेद एक साथ चोदे, तो उसे लंड झूला मजा देने लगा. अब वो बड़ी मस्ती से चुदवा रही थी. कुछ देर बाद खेल अपनी समाप्ति पर आ गया था. अब तक हम लोग दो-दो बार झड़ चुके थे. फिर मैंने उसके फोटो और वीडियो डिलीट कर दिए.
आज का खेल खत्म होने पर हम तीनों ने कपड़े पहन कर एक नया फोटो खींच लिया. हम लोगों ने एक दूसरे के साथ दुबारा मिलने की बात पक्की कर ली. लौंडिया हमारे व्यवहार से बड़ी खुश थी. फिर रंजन ने नाश्ता खोला और हम तीनों ने नाश्ता किया. इसके बाद रंजन उसे छोड़ने चला गया.
उसने जाते समय मुझसे कहा- जब भी तुम लोगों का मन हो, तो मुझे बुला लेना, मैं तुम दोनों के साथ चुदने के लिए राजी हूँ. वह हम दोनों से पट चुकी थी, उसे भी बहुत मजा आया था. जब रंजन उसे छोड़ने गया, तो उसकी नजर उसकी मां पर पड़ी.
लौंडिया की मम्मी के मम्मे बहुत बड़े बड़े थे. उसकी मम्मी भी बहुत सेक्सी माल लग रही थी. रंजन का मन मचल गया. जब वह मेरे पास वापस आया, तो चुपके से उसकी मम्मी की फोटो खींचकर लाया था. वो बोला- देख … कितनी कट्टो माल है.
मैंने पूछा- कौन है?
वो बोला- अभी जिस लड़की को चोदा है ना, ये उसकी मां है.
मैंने पूछा- तो इसकी फोटो क्यों खींच कर लाया?
वो बोला- इसको भी चोदेंगे.
मैं बोला- कैसे चोदेंगे?
उसने कहा- तू टेंशन मत ले … मैं तुझे इसे सैट करने के बाद में बताऊंगा.
अब हम दोनों लौंडिया की मम्मी पर नजर गड़ाए हुए थे. कुछ दिन तक उसकी मम्मी की जानकारी की, उसका कोई आशिक भी नहीं था. उसका पति भी खूब मालदार था … लेकिन शरीर से मरियल था. एक दिन रंजन बोला कि आज उस लड़की को फिर से चोदा जाए.
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मैंने कहा- हां वो तो खुद कह कर गई थी कि जब चाहो तब बुला लेना. लेकिन उसकी मम्मी का क्या हुआ?
रंजन बोला- अभी उसकी मम्मी सैट नहीं हुई है, आज उसकी मां नहीं, तो वही फिर से सही.
मैंने और रंजन ने उस लड़की से बात की. रंजन ने कहा कि आज रूम पर आ जाना.
वह मना करने लगी- अभी नहीं, बाद में आती हूं … आज दिन में मुझे बहुत काम है.
वो अपने हाथ में फोन लिए थी. उसे देख कर रंजन बोला- महुआ, यह फोन किसका है?
महुआ- यह फोन मेरा है?
फिर हमने उसका नंबर ले लिया. उसने महुआ से कहा कि मैं तुम्हें मिस कॉल कर रहा हूं. मेरे नम्बर पर कॉल करके बता देना कि कब आ रही हो. लेकिन जल्दी आना. वो हां कह कर चली गई. शाम को जब मेरे पास फोन आया- तुम लोग मेरे घर आ जाओ.
मैंने उसके घर आने के कारण पूछा.
तो महुआ ने कहा- इसलिए क्योंकि आज मैं घर पर अकेली हूँ. मेरे मम्मी पापा शाम को मेरे लिए लड़का देखने जा रहे हैं. वो लोग दूसरे दिन वापस आएंगे. तुम लोग रात के 10:00 बजे के बाद आ जाना.
मैंने कहा- ठीक है.
मैंने रंजन को फोन लगाया और कहा कि महुआ का फोन आया था. वो आज रात को अपने घर बुला रही है. रंजन ने भी ओके कह दिया. वो कुछ देर बाद मेरे घर आ गया. फिर हम लोग शाम का इंतजार करने लगे. रात को 9:30 बजे हम अपने घर से उसके घर के लिए जाने लगे. मैंने एक बार फिर से महुआ को कॉल किया- हम लोग आ रहे हैं.
महुआ- हां आ जाओ.
हम दोनों महुआ के घर पहुंचे. महुआ ने दरवाजा खुला रखा था. हम दोनों इधर उधर नजर बचाते हुए अन्दर आए, तो देखा कि महुआ बहुत ही सुंदर कपड़ों में सामने खड़ी थी. हम लोग अन्दर आ कर बैठ गए. उसने खाना लगाया और हम तीनों लोगों ने खाना खाया.
इसके बाद हम तीनों उसकी मम्मी के बेडरूम में आ गए. उस कमरे में उसकी मम्मी की कई सारी फोटो लगी थीं. फोटो देखकर रंजन का मन चंचल हो गया. रंजन ने महुआ को किस किया. मैं पीछे से जाकर उसके कपड़े उतारने लगा. फिर हम लोगों ने उसे देखा, तो ऐसा लगा कि खुद हम लोगों से ज्यादा जल्दी से चुदने की पड़ी थी.
महुआ खुद हम दोनों को दिखा दिखा कर अपनी चूत सहला रही थी, उँगलियों से खोल खोल कर अंदर का गुलाबी भाग दिखा रही थी, हमें ललचा रही थी. हम दोनों ने उसके मुँह में अपने लंड दे दिए. उसका मुँह छोटा था, तो लंड एक साथ नहीं जा रहे थे. वो हम दोनों के लंड एक एक करके चूस रही थी. हम लोगों ने उसे लिटा कर खूब चूमा. वो एकदम गर्म हो गई थी.
मैं बोला- एक एक करके लोगी या एक साथ?
वो बोली- एक साथ लूंगी.
हम दोनों ने एक साथ उसके दोनों छेदों में लंड पेले … और उसे गोद में उठा कर खूब चोदा. एक बार की चुदाई के बाद एक एक बार अलग अलग करके भी उसको चोदा. फिर हम तीनों नंगे ही लिपट कर सो गए. सुबह 4:00 बजे उठकर रंजन उसकी चुत में फिर से लंड पेला, तो वो फिर से गांड उठा उठा कर मजा देने लगी. उसके बाद मैंने भी महुआ को चोदा और उससे कहा- महुआ, मुझे तुमसे एक बात कहनी है.
महुआ बोली- क्या?
मैंने कहा- हम दोनों को तुम्हारी मम्मी बड़ी मस्त लग रही हैं. यदि हम दोनों उनकी चुदाई करें, तो तुमको कोई ऐतराज तो नहीं होगा?
पहले तो महुआ चुप रही, फिर बोली- मुझे कोई दिक्कत नहीं है बल्कि मैं खुद तुम दोनों की इस काम में मदद करूंगी. उसके मुँह से ये बात सुनकर हम दोनों खुश हो गए. फिर हम दोनों उसके घर से आ गए. महुआ को चोदने के बाद हम तीनों ही महुआ की मम्मी की चुदाई करने की जुगत में लग गए थे.
महुआ को पहले से ही अपनी मम्मी की चुदास की जानकारी थी. उसने कई बार अपने पापा और मम्मी की असफल चुदाई को देखा था. उसकी मम्मी एक मजबूत लंड से चुदने के लिए खुद से बेचैन थीं. जब महुआ ने मुझे ये बात फोन करके बताई, तो मेरे दिमाग में एक आइडिया आ गया.
मैंने महुआ से कहा- मैं तुम्हारे पास एक दोस्त बन कर उस समय आना चाहता हूँ, जब तुम्हारी मम्मी घर पर हों.
उसने हामी भर दी. मैं दूसरे दिन उसके घर गया और उसकी मम्मी के सामने उससे मिला. महुआ ने अपनी मम्मी से मेरा परिचय अपने साथ पढ़ने वाले लड़के के रूप में कराया. उसकी मम्मी के हाव भाव से मैं समझ गया कि उसकी मम्मी को सैट करना बड़ा काम नहीं है.
कुछ ही देर में मैं महुआ की मम्मी से घुल मिल गया. मैंने महुआ को इशारा किया कि वो हम दोनों को अकेला छोड़ दे. महुआ मुझसे कह कर चली गई कि मैं जरा मन्दिर तक जा रही हूँ. अभी आधा घंटे में आ जाऊंगी, तुम मेरे आने तक रुके रहना. मैंने हां कह दी और उसकी मम्मी से बात करने लगा.
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महुआ के जाते ही उसकी मम्मी ने मुझसे सीधे सीधे पूछ लिया- क्या तुम महुआ को पसंद करते हो?
मैंने अपना सर झुका लिया. महुआ की मम्मी का नाम देविका था. जब देविका आंटी ने मुझसे जोर दे कर पूछा, तो मैंने हां कहते हुए कहा कि यदि आपको उसके लिए मैं पसंद नहीं हूँ, तो मैं आगे नहीं बढूँगा, आप बेशक उसकी शादी किसी और जगह कर सकती हैं.
देविका आंटी ने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- मुझे तुमसे कुछ ख़ास बात करनी है. मैं उनके इस तरह से अपने कंधे पर हाथ देख कर कुछ चौंक गया, लेकिन मैंने उनसे कहा- हां आप कुछ भी पूछ सकती हैं. उन्होंने एक लम्बी सांस लेते हुए कहा- मैं चाहती हूँ कि तुम मुझे साफ़ साफ़ बताओ कि क्या तुम मेरी बेटी को खुश रख सकोगे?
मैंने कहा- हां मैं इस बात की गारंटी लेता हूँ कि महुआ मेरे साथ खुश रहेगी.
वो बोलीं- तुम किस किस तरह से खुश रखने की बात की गारंटी दे रहे हो?
मैंने कहा- मैं हर तरह से उसे खुश रखने की बात कह रहा हूँ.
आंटी ने मुझसे सटते हुए पूछा कि क्या तुम उसके साथ सेक्स कर चुके हो?
मैंने ना में सर हिला दिया. उन्होंने कहा कि मैं अपनी शादी से सेक्स से खुश नहीं हूँ और मैं चाहती हूँ कि कहीं ऐसा न हो कि उसको भी मायूसी झेलना पड़े. मैं समझ गया कि अब आंटी चुदाई की बात करना चाहती हैं.
मैंने उनसे पूछा- इसको साबित करने के लिए मुझे क्या करना होगा?
आंटी ने एकदम से मुझे अपनी छाती से लगा लिया और बोलीं कि पहले तुमको मुझे खुश करना पड़ेगा. मैंने इसके आगे कोई बात नहीं की और उनकी चुचियों को मसलते हुए कहा- इसमें कौन सी बड़ी बात है. वो मुझे खींचते हुए अपने कमरे में ले गईं और कमरे की कुण्डी लगा दी. अगले कुछ ही पलों में हम दोनों नंगे थे. आंटी मेरा लम्बा लंड देख कर मस्त हो गईं और बैठ कर मेरे लंड को चूसने लगीं. मैंने भी आंटी को खूब चूसा.
देविका आंटी बोलीं- अब जल्दी से मेरा काम उठा दो … नहीं तो महुआ आ जाएगी.
मैंने आंटी को बिस्तर पर चित लिटाया और उनकी चुत में लंड पेल दिया. मेरा बड़ा लंड लेते ही आंटी की चीख निकल गई और अगले कुछ ही मिनटों में आंटी मेरे लंड से अपनी चुत की खाज मिटवाने लगीं. मैंने बीस मिनट तक आंटी की चूत को ठोका और उनके पेट पर अपने लंड का माल निकाल दिया.
अभी हम दोनों सेक्स करके फ्री ही हुए थे कि महुआ की आवाज आ गई. आंटी ने झट से अपने कपड़े उठाए और बाथरूम में घुसते मुझसे कपड़े पहन कर बाहर जाने का कह दिया. मैंने अपने कपड़े उठाए और नंगा ही बाहर आ गया. महुआ ने मुझे नंगा देखा, तो वो समझ गई कि मैंने उसकी मम्मी की चुदाई कर दी है.
वो मेरे लंड को चूसने लगी और बोली- अब आज ही तुम मुझे मेरी मम्मी के सामने चोद कर जाओगे.
मैंने उसे नंगी कर दिया और सोफे पर लिटा कर उसकी चुत चूसने लगा. दो मिनट बाद देविका आंटी कमरे से बाहर निकलीं, तब तक मैंने महुआ की चुत में लंड पेल दिया था. मुझे देविका आंटी का कोई डर नहीं था. आंटी ने मुझे चुदाई करते देखा, तो वो वापस कमरे में जाने लगीं.
मैंने महुआ से कहा- अपनी मम्मी को भी बुला लो.
उसने मम्मी को आवाज दी. उसकी मम्मी बाहर आ गईं. मैंने आंटी को अपने पास खींचा और उनको भी नंगी कर दिया. आंटी कुछ नहीं बोलीं, शायद वो खुद भी अपनी बेटी के सामने मुझसे चुदवाना चाह रही थीं. उनकी यही मंशा थी कि घर में ही कोई चोदने वाला फिट हो जाए और उनकी बेटी को भी उससे कोई ऐतराज न हो.
इस तरह से उस दिन मैंने आंटी के सामने महुआ की चुदाई करके उन दोनों को एक साथ चोदने का प्रोग्राम सैट कर लिया था. अब रंजन की एंट्री करवाना बाकी थी. इसके बाद से मैं आंटी के सामने बेखौफ चुदाई का खेल खेलने लगा.
मैंने महुआ से जब इस बात को कहा, तो वो बोली कि तुम किसी भी दिन घर में रंजन को ले आओ. मेरी मम्मी को उससे एक बार मिलवा दो. मैं एक हफ्ते के बाद रंजन को आंटी से मिलवाने लाया. आंटी ने रंजन को देखा तो मुझे अलग ले जाकर पूछा- ये कौन है?
मैंने बताया कि ये आपको चोदने के लिए कैसा रहेगा. आंटी को तो लंड की भूख थी … उन्होंने मुझसे पूछा- बिस्तर में सही काम करेगा?
मैंने कहा एक बार इसका लंड लेकर देखो. मुझसे थोड़ा छोटा है … लेकिन मोटा ज्यादा है. देर तक चलता भी है.
वो हंस कर बोलीं- क्या तुम दोनों एक साथ चुदाई कर चुके हो?
मैंने देविका आंटी की चूचियां मसलते हुए कहा कि हां हम दोनों कई बार एक साथ चुदाई कर चुके हैं, यदि आप बोलो तो आपकी खिदमत में रंजन को पेश कर दूँ? आंटी मन ही मन खुश हो रही थीं. वे बोलीं- तुम बस इतना देख लो कि किसी तरह की बदनामी न हो.
मैं समझ गया कि रंजन के लंड की सैटिंग हो गई है. मैंने कहा कि आज रात को ही उसको बुला लेता हूँ. आंटी ने हंस कर मुझे चूम लिया और कहा कि आज रात हम महुआ को शामिल नहीं करेंगे. मैंने हां कर दी, लेकिन मुझे मालूम था कि महुआ इस बात से मानेगी नहीं, वो पूरे समय पर इस ग्रुप सेक्स का हिस्सा बनेगी.
रंजन को अलग ले जाकर मैंने कह दिया- भाई तेरी चमन चुत चुदाई के लिए राजी हो गई है.
रंजन ने अपनी ख़ुशी जताते हुए पूछा- कब का प्रोग्राम बना है?
मैंने कहा- आज रात को ही उसकी चुत का भोसड़ा बना देते हैं.
उसने पूछा- अभी ही क्यों नहीं?
मैंने कहा- अभी महुआ के पापा को आना है.
रंजन ने हामी भर दी. रात को तय समय के अनुसार हम दोनों महुआ के घर पहुंच गए. उनके घर पर महुआ के पापा हमेशा की तरह अपने बिजनेस के सिलसिले में घर से बाहर निकल गए थे. घर पहुंच कर मैंने रंजन को देविका आंटी को सौंपते हुए कहा- आप इसको चखो, जब तक मैं बाहर बैठा हूँ. मैं आपको बाद में ज्वाइन कर लूंगा.
आंटी ने मुझे हग किया और मेरा लंड दबाते हुए कहा कि तुम महुआ से उसके कमरे में जाकर मिलो, जब तक मैं रंजन के साथ बात करती हूँ. रंजन देविका आंटी को उनके रूम में ले गया. आंटी ने कमरे में जाते ही कमरा बंद कर लिया … मगर मैंने रंजन को इशारा कर दिया था कि तुम दरवाजा खोल देना.
अन्दर जाकर रंजन ने आंटी को नंगी कर दिया और खुद भी नंगा हो गया. आंटी उसके मोटे लंड को चूसने लगीं. कुछ ही देर में रंजन ने दरवाजा खोल दिया. आंटी मना करते रह गईं और रंजन ने दरवाजा खोलते हुए मुझे आवाज लगा दी. आंटी कुछ न कह सकीं. मैं और महुआ एकदम नंगे होकर देविका आंटी के कमरे में आ गए. आंटी ने जब हम दोनों को नंगा देखा, तो वो समझ गईं कि रंजन भी महुआ को चोद चुका है.
आंटी ने मुझे खींचते हुए कहा- मतलब तुम तीनों का पहले से ही ग्रुप सेक्स का प्रोग्राम था.
मैंने हंसते हुए आंटी की चूचियां मसल दीं.
बस फिर क्या था … हम चारों एक ही बिस्तर पर चुदाई के महा खेल में लग गए.
पहले मैंने महुआ की चोदा और रंजन ने देविका आंटी को चोदा. इसके बाद मैंने आंटी की गांड में तेल लगाया, तो आंटी कहने लगीं- मैं इस छेद में पहली बार लंड ले रही हूँ … जरा धीरे से करना.
मैंने आंटी की गांड में लंड लगाने से पहले रंजन से महुआ की गांड में लंड पेलने का इशारा कर दिया. रंजन ने महुआ को कुतिया बनाते हुए उसकी गांड में लौड़ा पेल दिया. महुआ एक मीठी सी सिसकारी लेते हुए गांड मराने लगी. उसे गांड मराते हुए देख कर आंटी की हिम्मत भी बढ़ गई और उन्होंने ख़ुद कुतिया बन कर मेरे लंड को अपनी गांड में फिट करवा लिया.
मैंने भी बिना देरी किए आंटी की गांड में लंड ठोक दिया. आंटी की तेज चीख निकल गई, लेकिन मुझे मालूम था कि ये दर्द कुछ ही देर का है. मैंने लंड पेलता गया और दो मिनट से भी कम समय में आंटी गांड मराने का सुख लेने लगीं. इसके बाद गांड चुदाई के बीच में ही हम दोनों ने छेद बदल लिए. अब मैं महुआ की गांड मारने लगा था और आंटी की गांड में रंजन का लंड फिट हो गया था.
एक घंटे बाद मैंने आंटी से कहा- अब आपके दोनों छेद चालू हो गए हैं और अब आप सैंडविच सेक्स का मजा भी ले लो.
आंटी की समझ में नहीं आया. मैंने कहा कि अभी सब समझ आ जाएगा. मैंने महुआ को इशारा किया और उसने मेरे लंड को अपनी चुत में लेते हुए मेरी गोद में झूल गई, उसके बाद रंजन ने महुआ की गांड में लंड पेल दिया. महुआ सैंडविच सेक्स का खेल दिखाने लगी.
आंटी की आंखें फ़ैल गईं. पहले तो वो डरीं, लेकिन अपनी चुत से निकली चुत को दोनों तरफ से बजते देखा, तो वो भी सैंडविच सेक्स के लिए राजी हो गईं. मैंने महुआ को अलग किया और आंटी को चोदना चालू कर दिया. आंटी मेरे ऊपर थीं. तभी पीछे से रंजन ने आंटी की गांड में लंड पेल दिया.
आंटी को दर्द होने लगा, तो रंजन ने आंटी को किस करना शुरू कर दिया, मैंने बूब्स चूसना शुरू कर दिया. फिर हम दोनों ने उन दोनों को एक साथ चोदा. महुआ हम दोनों के लंड के साथ अपनी मम्मी की चूत भी चूस रही थी.
फिर जब हम दोनों के लंड झड़ गए तो उन दोनों माँ बेटी ने आपस में चुत चटाई की. करीब तीन घंटे बाद हम दोनों दोस्त अपने घर चले गए. फिर उसकी सगाई वाले दिन हम उसके घर गए और भाई और पापा से मिले.
महुआ की मम्मी ने कहा- ये हमारे दूर के रिश्तेदार हैं.
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हम तीनों लोग उस रूम में गए, जिधर महुआ बैठी हुई थी. हम दोनों ने मिलकर उन दोनों को चोदा. आज की चुदाई बहुत जल्दी में चल रही थी. लेकिन मजा बहुत आया. फिर शादी वाली रात को हम दोनों दोस्त ने मिलकर मां और बेटी को एक साथ चोदा. उस दिन रंजन ने चुदाई करते समय अपना बीज महुआ की चुत में डाल दिया और कहा कि तुम्हारी चूत से हमारा बच्चा ही होना चाहिए. उसने हंस कर हामी भर दी. उसने कहा कि मैं तुम दोनों को कैसे भूल सकती हूँ.
जब शादी के बाद घर आई, तो उसने हम दोनों को भी बुलाया और बताया कि सुहागरात वाले दिन ही मैं बिना कंडोम के चुदवाया था. मैंने उसका सारा पानी बाथरूम में जाकर निकाल दिया. जिससे बच्चा तुम्हारा ही होगा. बाद में महुआ ने प्रेगनेंसी टेस्ट कराया था तो वह पोजीटिव निकला था. हम चारों लोग बहुत खुश हुए. महुआ ने अपने बेबी के जन्म के बाद उसका नाम भी रंजन ही रखा. महुआ की मम्मी को अभी भी हम दोनों खूब चोदते हैं. हमें चुत की कभी कमी नहीं हुई.