Hot Bhabhi Fuck
जया एक शादी शुदा और दो बच्चो की माँ है. वो मेरे बड़े साले की बीवी है. मुझसे करीब १० साल बड़ी यानी की ४० साल की… लेकीन उसे देखकर लगता है की उसकी उमर ३०-३२ की होगी, गोरा रंग, ३४ ३० ३६ का फीगुर, उसके बाल लंबे है और कुलहो तक आते है, खुले बाल ले कर जब वो कुल्हे मटकते हे चलती है तो आग सी लग जाती है. Hot Bhabhi Fuck
मुझे उसकी नज़रों से लगता था की वो मुझे चाहती है. मेरे सामने उसकी हरकते बड़ी मादक होती थी, छेडछाड और मज़ाक वगैरह, कभी कभी ऐडलट जोक्स भी. लेकीन उसने कभी लिमिट नही क्रॉस की थी और उसकी यही अदा मुझे उसकी तरफ खीचती थी.
उससे मिल के आने के बाद मैं बेचैन हो जता था और उस दिन माया (मेरी पत्नी) को बुरी तरह चोदता था, वो भी कहती थी आज क्या हो गया है.. उफ़ माँर डालोगे क्या.. वो बेचारी वैसे ही मेरे मोटे लंड से खौफ खाती थी, पहली रात की चुदाई के बाद ही उसने मुझसे वादा लिया था की मैं उसके साथ अहीस्ता और सलीके से सेक्स करु…
बेचारी को क्या मालुम की मैं उसे नही जया भाभी को चोद रह हु.(मैं उन्हें भाभी कहता हू)… और जया भाभी को तो ऐसे ही चोदना होगा… तभी मजा आयेगा… मैं दिन रात उस मौक़े की तलाश मे रहता था…. और एक दिन वो मौका आ ही गया..
हुआ यु की मेरी वाइफ और उसके भाई यानी भाभी के हसबंड को अपने कीसी property के सिल्सीले मे अपने पुश्तैनी गांव मे जाना था, मुझे भी उन्होने चलने के लिये कहा लेकीन मुझे ऑफीस मे कुछ जरुरी काम था. मैं उन्हें सुबह स्टेशन पर छोडने गया..
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तब भाई साब ने कहा जया अकेली है और बच्चे भी नाना के यहाँ गए है एक महीने के लिये. तुम शाम को एक फ़ोन कर लेना घर पर या फिर घर जा के आना. मैंने कहा जी ठीक है. और मैं वही से ऑफीस चला गया. शाम को लौटने मे देर हो गयी करीब ७ बज चुके थे. अचानक सेल पर मेरी बीवी का फ़ोन आया… अरे भाभी का फ़ोन नही लग रहा.. तुमसे कोई बात हूई क्या?
मैंने कहा “नहीं.”
मेरी बीवी बोली “प्लीज जरा उनके घर जा कर आओ.”
मैंने कहा ठीक है..
लेकीन अचानक मेरे दिमाग मे घंटी भाभी.. “यह गोल्डन चांस है.” आज seduce करो और चांस मिले तो… कम कर लो. मैंने टी शर्ट और जींस पहना, एक अच्छा वाला सेंट स्प्रे कीया और कार लेकर चल पड़ा उनके घर. उनका घर दो मंजीला है.
मैं वहा पोहुचा तो आवाज़ दी.. भाभी……… कोई आवाज़ नही आयी.. फिर दरवाज़ा खटखटाया.. तब हलकी आवाज़ आयी तुम रुको मैं आती हू. थोड़ी देर मे दरवाजा खुला.. ऊऊउफ़् भाभी के बाल थोड़े बिखरे हुये उनके चहरे पर आ गए थे और सीने पर दुपट्टा नही.. क्या मस्त चुचीयां है… मेरी बीवी की इनके सामने कुछ भी नही…
भाभी बोली आओ..
“भाभी आपका फ़ोन बंद है क्या.”
“मालुम नही, वैसे बहुत देर से कीसी का फ़ोन आया नहीं.”
मैं फ़ोन का रेसिएवर उठाया. “ओह भाभी ये तो बंद है.”
मैंने अपने सेल पर माया का फ़ोन लगाया “हाँ माया भाभी का फ़ोन बंद है.. लो भाभी से बात करो.”
उन दोनो ने कुछ बात की फिर भाभी ने कहा तुम थोडा बैठो मैं ऊपर स्टोर मे से कुछ समान और बिस्तर निकाल रही हू. वंहा का बेड साफ कीया अभी और भी थोडा काम है फिर चाय बनाती हू..” मैं चुप रहा और उन्हें देखता रहा उन्होने मेरी तरफ देखा और कहा “लगता है माया की बहुत याद आ रही है;” और एक sexy smile दी.
मैं तो तड़प गया, फिर वो उनके sexy कुल्हे मटकते सीडीया चढ़ने लगी और कहा “तब तक तुम tv देखो.” मैं अपने को रोक नही सका और ५ min. बाद मैं भी सीडीयाँ चढ़ के ऊपर पोहचा, वहा भाभी की पीठ मेरी तरफ थी और वो बेड को ठीक कर रही थी. मैंने उन्हें पीछे से पकड़ लिया…
”क्या कर रहे हो.”
“प्यार” अभी अपने कहा ना माया को मिस कर रहे हो: मैं उसे नही आपको मिस करता हू भाभी.”
“बदमाशी मत करो.”
मैंने अपने लंड को उनके हिप्स पर दबाया.. जो अब थोडा कड़क हो रहा था.. वहा लगते ही उसकी साइज़ बढ़ने लगा .वो मुझसे छुटने की कोशीश करने लगी.. मेरा हाथ उनके चुचियों पर पोहुच गया.. मैंने उनके गर्दन पर पीछे किस कीया..
“अशोक प्ल्ज़ ये गलत है.”
“क्या गलत है भाभी.”
“मैं माया की भाभी हू.”
तो क्या हुआ.. आप इतनी हसीं हो की मेरा दिल मचल गया है आपके लिये.
मेरा लंड उनकी गांड मे घुसने जा रह था आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् धीईरे…… मैंने हाथो से. उनकी चुह्की और जोर. से दबायी नहीई करूऊऊ. मेरा लंड पुरा टाइट हो गया.
भाभी विरोध कर रही है…… “नहीई.”
मैंने हाथो से उनकी चुच्ची और जोर से दबायी.
“आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् धीरे.”
ये सुन कर मैं समझा गया भाभी चुद्वाना तो चाहती है… लेकीन नखरे कर रही है.. मेरा लंड पुरा टाइट हो कर उनकी गांड मे घुसने जा रहा था. अब वो भी अपनी गांड मेरे लंड पर दबा रही थी. मैंने उनकी कमीज़ के अंदर पीछे से हाथ दाल दीया.. नरम पीठ से होता हुआ मेरा हाथ सीधे ब्रा के हूक पर गया. मैंने उसे जोर से खीचा वो टूट गया… ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पार पढ़ रहे है.
“क्या कर रहे हो?”
“आप प्यार से नही करने दे रही है.”
“क्या नही करने दे रही हू?????”
और वो घूम गयी, मैंने इस मौक़े पर एकदम उनका चेहरा पास लाया और उनके रसीले लाल होटो पर मेरे होट चीप्का दीये.. पहले तो वो मुह इधर उधर करने लगी.. फिर थोड़ी देर बाद मेर होटो को जगह मिल गयी…….. वो लम्बा चुमबन.. गीला……. ……ऊओह्..
और भाभी मुझसे दूर हटने लगी.. मैने फिर भी नही छोडा उन्हें और अब उनकी गांड जोर से पकड़ के खीचा.. मेरा लंड उनके पेट पर लगा… उनके हाथ झटके से मेरे गले पर आ गए.. फिर एक बोसा… इस बार गांड दबाते हुये और उन्होने मुह मेरे मुह से नही हटाया… मैंने उनके कमीज़ को ऊपर करना शुरू कीया और गले तक ले आया, उनके हाथ ऊपर कीये और निकल दीया….
“क्या कर रहे हो.”
“प्यार भाभी.”
मैंने अपना कुरता भी अब नीकाला… वो जाना चाहती थी लेकीन कमीज़ नीकल गयी वो ऊपर पूरी नंगी थी जली वाला ब्रा था और उसमे से उनके अंगुर जैसे काले नीप्पल दीख रहे थे. मैंने देर नही की झपट के उन्हें पाकर और नीप्पल पर मुह लगाया..
“आआआआआआआह्ह्ह्ह् हा अशोक्क्क्कक.. मैं तुमसे बड़ी हूऊ.. ये मत करो..”
लेकीन मेरा सर उन्होने अपनी छाती पर दबा लीया. मैंने पीछे हाथ कीये और ब्रा का हूक तोड़ दीया.. बड़ी बड़ी दुधीया चुचीया बहार मेरे हाथो मे आ गयी.. जोर से दबाया.
“ऊऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् फ्फ्फ धीईरीईईईई इतने ज़ोर से मत दबाऊऊऊऊऊ.”
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मैंने कुछ सुना नही, उनके बिस्तर पर धकेला… उनके पैर नीचे लटक रहे थे… मैंने सलवार की येलास्टिक खीची तो साथ मे pink कलर की पैंटी भी नीचे आ गयी..
भाभी- “अशोक्क्क्कक क्या कर रहे हूओओ.. मुझे खराब मत करो…”
लेकीन उन्होने गांड उठा दी और सलवार नीकल आयी और पैंटी भी… चुत पर छोटे छोटे बाल थे.. मेरा तो लंड अब बेकाबू होने लगा…… भाभी की गांड पर हाथ फेरा और ज़ोर से मसल दीया..
“आआआआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह …प्ल्ज़ मत करूऊऊ…”
वो उछाल पडी… क्या गोरी और चीक्नी गांड थी उनकी. मैंने अब अपने कपडे उतरना शुरू कीया.. इस मौक़े का फायदा उठा कर भाभी उठी और कपडे उठा कर जल्दी से नीचे भागी. मेरी पैंट आधी खुली थी.. मैंने पूरी खोली , उसे वही फेका और अंडरवीयर मे उनके पीछे भगा वो अपने बेड रुम मे घुस गयी दरवाजा बंद कर दीया…
मैं दरवाजे के पास गया और हलके से धकेला….दरवाजा खुल गया भाभी वैसी ही बेड पर उलटी लेटी हूई है.. मैं समझ गया… मैं उनके पीछे गया.. मैंने अपना अंडरवीयर भी नीकाल दीया.. मेरा काला मूसल जैसा ९” का लंड छिटक कर बहार आ गया.
मैं पीछे से उन्हें मेरा लंड टच कीया… वो चौंक कर पलटी “….आआआआआ ओछ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ…. मुझे क्यों परेशान कर रहे हो.. और ये क्या है…. अरे भगवान इतना बड़ा और मोटा… बाप रे… माया तो रोती होगी?”
“उसकी बात छोड़ दो भाभी लेकीन आप को तो ये अच्छा लगेगा.”
मैंने फिर से उन्हें दबोच लिया.. अब मेरा लंड उनके पेट के पास था… मैंने उनकी चुचीया ज़ोर ज़ोर से मसलन शुरू कीया और उनके होट चूमने लगा… इसबार वो सिर्फ आआआआह् नहीं.. ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्. अशोक मत्त्त्त्त्त्त्त करो.. लेकीन साथ मे मुझसे लीपटी जा रही थी. मेरे लंड का प्रीकम उनके पुरे पेट को गीला कर रह था. मैंने उनसे कहा इसे पकडो ना… और उनका हाथ मेरे लंड पर लगाया.. उन्होने बदमाशी की और उसे पकड़ के जोर से दबा दीया..
“आआआआआह् भाभीभी….. प्यार से सह्लाओ.”
“क्या प्यार से इतना मोटा है.”
भाभी पुरानी खिलाड़ी थी लेकीन फिर भी कहा तुम्हारा बहुत लम्बा और मोटा है… तुम आज मुझे बर्बाद कर के छोड़ोगे. मैंने कुछ नही कहा और उनके गोरे पेट को सहलाते हुऐ जीभ से गीला करने लगा… भाभी मुझे धल्केल रही थी लेकीन उन्होने मेरा लंड नही छोडा. मैंने अब सीधे उनके पैर फैला दीये… मेरा मुह उनके पैरो के बीच रखा और चूमा…
“आआआआआअ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ कितने गंदे हो.. वहा क्यों मुह लगा रहे हो?”
“भाभी अभी आप कुछ मत कहो.”
“तुम भाभी भाभी कहते हो, कहते हो इज्जत करता हु… ये इज्जत का तरीका है…… उयीईईईईई ईईईईइ.”
मेरी जीभ चुत के अंदर दाखिल हो गयी और मैं अंदर गोल गोल नाचने लगा…
“आआआआह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्छ अशोक्क्क्कक मैं पागल हो रही हूऊऊ.ये मत्त्त्त्त्त्त्त करूओ प्ल्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज़. मैं तुम्हारी भाभी हूऊउ.”
लेकीन मुझे अब उनकी गुलाबी चुत और उसके अंदर का नमकीन पानी ही याद था.. मैंने तेजी से चाटना शुरू कीया.. भाभी अपनी गांड उछालने लगी थी……. अशोक्क्क्कक…… अशोक्क्कक्क्क हरामीईइ ये क्या कर रह हैईई.. आआअह्ह्ह्ह्ह्.
भाभी का बदन अकडने लगा था… उनका पानी नीकलने वाला है ये मैं समझ गयाआआ… अब मैंने अपनी एक ऊँगली उनके मुह मे डाली उन्होने कट ली फिर उसे धीरे धीरे चूसना शुरू कीया.. मैंने पोजीशन बदली और उन्हें उठाया… कीनारे पर मैं बैठ गया और उनसे कहा नीचे आओ.
“क्यों.”
“आओ तो.”
वो नीचे आयी मैंने उन्हें घुटनों पर बीठाया. मेरा लंड उनके मुह के सामने था… वो तो तड़प रही थी फिर भी उठ कर जाने लगी.. मैंने जबरदस्ती बीठाया और लंड को उनके गालों पर राग्डा… फिर होटो पर रख कर कहा इसे कीस करो……
वो मेरी तरफ देखने लगी… मैंने उनके सर को पकड़ा और लंड को होटो पर राग्डा.. चाहती तो वो भी थी… पहले थोडा चाटा जीभ से फिर होटो को खोला और लंड का सुपाडा मुह मे लीया… मैंने देखा उनके छोटे मुह मे लंड नही जा रह था.. बहुत मोटा जो है.. मैंने सर को कस के पकड़ा और दबाया ले साली… बहुत दिनो से तडपा रही हो…. अपनी चूची और चूतर दिखा दिखा के..
अब उन्होने चूसना शुर कीया मैं तो जन्नत मे पोहुच गया था..ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् बजीईईईईईई मज़ा आ रह है……… थोड़ी देर बाद मुझे लगा की मेरे गोटीयों मे सुजन आ रही है मेरा हो जाएगा… मैंने भाभी को उठाया और बेड पर लीटा दिया. पैर नीचे लटक रहे थे… पैरो को उठाया..
”नही प्ल्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज़. .. अभी मैं सेफ नही हूऊऊऊउ.. मैं माँ बन जौन्गीईइ.. नहीईई.”
मैंने कहा फीक्र मत करो मैं बहार नीकाल लूँगा. और पैरो को फैलाया अपने कंधे पर रखा… लंड को चुत के ऊपर रगड़ना शुरू कीया…
“भाभी कैसा लग रह है.”
“हरामजादे अपने लंड को मेरी चुत पे लगा के भाभी कह रह हैईईई… अब जल्दी कर जो करना है.”
ये सुन कर मुझे तो जोश आ गया और आपना लंड उसकी चुत पे धीरे धीरे रगड़ने लगा रगड़ता रहा र्ग्डता रहा भाभी को छट्पटाता हुआ देख के मुझे बहुत मजा आ रहा था!! फिर मेने भाभी के मुम्मे दबाने लगा!! वो बोली मादर्चोद और कीतना तड़पायेगा !! मैं हंसा और अपाना लंड उसके छेद पर रख कर दबाया.
भाभी तड़प उठी…….ऊऊओह्ह्ह् ह्ह्ह मर गयीईई माद्र्र्र्र्र्चोदददद निकल्ल्ल्ल्लल्ल्ल निकाआल्ल्ल… बहुत मोटा हैह्ह्ह्ह.. मैं मर जाऊगीईईईइ…” मैं रूक गया. और उसे लंड को बहार खीच लीया. भाभी ने आंखे खोली….और पुछा” अब क्या हुआ?”
मैंने कहा “आपने कहा नीकाल ईसलिए नीकाल लीया.”
“हरामी क्यों तडपा रहा हईई… अब जो करना है कर…”
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मैंने आव देखा ना ताव और लंड को चुत पर रख कर जोर का झटका मारा… भाभी का पुरा बदन एठ गया आआआ आआआ आआआअ आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्छ मार दलाआआआअ रेई हरमीईईई… ये आदमी का है की घोड़े का, माया की क्या हालत करते होऊ, ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़् पूरी भर गयी मेरी… ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पार पढ़ रहे है.
मैंने अब थोडा थोडा आगे पीछे करने लगा और भाभी को चूमने लगा… नीप्पल को चूसने लगा.. वो थोडा नॉर्मल हूई और उनकी चुत ने भी अब फिर से पानी छोर… मैने आधा लंड बहार नीकाल के इस बार तुफानी शोट मारा और… बील्कुल धोनी की sixer की स्पीड से लंड पुरा भाभी के चुत मे पेल दिया.
“उयीईईईईईइ ईईईईईई माआआआआआ कीस मनहूस घड़ी मे मैं तुम्हारे हाथ लग गयीईईईइ…………”
मैंने उनके बगल के नीचे से हाथ डालकर उनके कंधों को पकड़ा जीससे वो हील नही पाए और फिर मैंने धोनी की स्टाइल batting शुरू की…. वो उफ़ उ फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ आआआआआआह् अह्ह्ह्ह्ह्छ कर रही थी, चुत से पानी की धार लग गयी उनकी गांड तक बहने लगी और नीचे चादर भी गीली हो रही थी…
मेरी स्पीड जोर से थी. भाभी के मुह से नीक्ला। ….. वहा मेरे शेर !!! वाह आज मुझे पहली बार इतना मजा आया ऊऊऊ..आज मेरी मुराद पूरी हो गयीईईईइ. .. ऊऊऊह् ऊओह्ह्ह्ह्ह्ह् मेरा होने वलाआआ हैईईईई और ज़ोर सीईई मैं उनके पुरे बदन को चूम रह था, काट रह था.. उनके लंबे नाखुम मेरे पीठ मे गड रहे थे. फाड़ दे… मेरी फाड़ दीईईईए.आआआआ आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्.
उन्होने मुझे कस के पकडा और वो झड़ने लागी… करीब २ min उनका orgasm चालू थाआआआ.. इधर मेरा भी होने वाला थाआआआ. उस तुफानी स्पीड मे मैंने कहा भाभी मेरा झडने वाला हैईईईई मैं कहॉ निकलू.
“मेरे अंदर डाल दो, दूऊऊऊओ..”
:आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् लो भभीईईई ये लूऊऊऊऊऊओ और मैंने लंड को उनकी चुत के एकदम अंदर मुह पर टीका दीया और मेरी पिचकारी शुरू हो गयी . दोनो ने एक दुसरे को कास के पकड़ा था.. इसी तरह हम करीब १० min रहे. उन्होने फिर मुझे धकेला और मेरी तरफ देखा.. कर दीया ना भाभी को खराब.. और मुझे धकेला.
मैंने उनकी चुत से लंड बहार खीचा , वो मासूम भाभी के और मेरे पानी से लिपटा हुआ था.. उसे देख कर भाभी ने कहा… देखो कैसे मासूम लग रहा.. उन्होने नीचे देखा… चुत फुल गयी थी उन्होने हाथ लगाया और सीहर उठी देखो क्या हालत की तुमने……छोटी सी थी.. कीतना सूज गयी है.. और कीतना दर्द हो रह है…
उनकी चुत से मेरा सफ़ेद पानी और उनका पानी बहार टपक रह था चुत का मुह भी खुल गया था… वो उठ भी नही पा रही थी कीसी तरह मैंने उन्हें उठाया और बाथरूम ले गया.. एक बार की चुदाई के बाद भाभी की हालत तो एकदम खराब हो गयी थी..
इस उमर मे इतनी जबर्दस्त चुदाई होगी. ये उन्होने सोचा भी नही था.. लेकीन मुझे भी उनका वो गदराया बदन इतने सालों बाद मिला.. मैंने जम कर चोदा.. सबसे बड़ी बात.. मुझे पता था की भाभी को मोटे और लंबे लंड से ज्यादा मजा आयेगा और वो मेरे पास है…
लेकीन मेरी बीवी मुझेसे इस तरह चोदने नही देती..रोने लगती है.. और मुझे चुदाई मे रहम से नफ़रत है… खैर मैं उठा.. लंड तो पुरा लथपथ था. .इतना माल तो मेरा कभी नही नीकला था.. और भाभी की चुत भी मुह खोलें “o” हो गयी थी.. पूरी लाल दीख रही थी.. बाथरूम बाजु मे था !!!! मैंने देखा भाभी ठीक से उठा नही पा रही है… मैंने उन्हें हाथ पकड़ के उठाया.. मैंने देखा भाभी के कांख मे बाल है.. और चुत पर भी बाल अब बडे थे..
मैं: “भाभी आप कांख के बाल क्यों साफ नही करती?”
भाभी: “नही क्यों?”
मैं: “कीया करो ना.. और स्लीव्लेस पहना करो.”
भाभी: “वह शेव केसे करु डर लगता है कट जाएगा तो????”
मैं: “शेवींग का समान दो मुझे..”
भाभी : “क्यों?”
मैं: “मैं कर देता हु आपका जंगल साफ.”
मैंने शेवींग का समान लीया.. भाभी को मैंने सामने खड़ा कीया.. उन्होने एक हाथ ऊपर करने के लीया.. भाभी पूरी नंगी खडी थी मेरे सामने… और मेरा लंड आधा खड़ा हो रहा था.. उनके कांख मे साबुन लगा कर आराम से शेव कीया..इस बीच उनकी चुचीया भी सहला रहा था… निप्प्ल कड़क होने लगे थे..
भाभी: “तुमने मुझे रंडी बना दीया.. मैंने पहली बार कीसी दुसरे मर्द को नंगा देखा.. और खुद भी इतनी बेशरम जैसी तुम्हारे साथ नंगी खडी हु.”
मैंने दोनो कांख पानी से धोया और उस पर कीस करने लगा..
भाभी: “..आआआआआअह् फिर से मुझे मत गरम करो प्ल्ज्ज्ज़….एक बार मैंने गुनाह कर लीया हैईईईइ.आआआआ आह्ह्ह्ह्छ.”
मेरे होंठ उनके निप्प्ल पर आ गए और उन्होने मेरा सीर जोर से दबा लीया..मेरा खड़ा लंड उनकी चुत के दरवाजे पर खड़ा था….वो अपनी चुत उसके साथ सटा रहा….आआआआ ह्ह्ह्ह्ह्छ . …..मात्त्त करूऊ नाआआआआ.
मैं: “क्या मत करो?”
भाभी: “बहुत बदमाश हो तुम? अपने से बड़ी भाभी के साथ ये सब कीया..?”
मैं अपने लंड को उनकी चुत पर राग्डने लगा… चुत का पानी आब बाथरूम के फ्लोर पर टपक रहा था.. तभी भाभी से नही रहा गया और खुद मेरे लंड को हाथ मे पकड़ा और अपने चुत के दाने पर रगड़ने लगी…. मैं तो बेकाबू होने लगा.
वही दीवार पर उनकी पीठ टीका दी और उनके पैर खुद ही फेळ गए लंड को रास्ता देने के लीये…. ऊऊउफ़्फ़्फ़्फ़् कीतना पानी नीकाल रही थी भाभी.. लगता है सालो से चुत को लंड नसीब नही हुआ. मैंने वैसे ही खडे खडे अपना लंड सेट कीया और क़मर हीला के धक्का मारा.
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भाभी: “आआआआअह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह हरमीईईई. धीरे कर ना.. अपने बीवी की चुत समझी है क्या?”
मैं: “बीवी की नही मेरी sexy भाभी की गदराई चुत है इसीलीये तो.”
भाभी: “अरे अभी तक दर्द हो रहा है..आआआआअह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह.”
उन्होने हाथ लगा कर देखा.. अभी तो इतना बहार है.. हीईईइ आल्लाह्ह्छ मैं तो मर जाउंगी…
मैं: “आपको दर्द है तो मैं बहार नीकाल लेता हु?” मैंने तडपाने के लिए कहा.
भाभी: “अरे ..अब्ब इतना डाल के बहार निकलेगा…. और अब उन्होने खुद चुत को लंड पर दबाया.. कीतना मोटा है.”
मैं अब क़मर हीला के आगे पीछे कर रहा था… भाभी की चुत ने इतना पानी छोड दीया की अब लंड आराम से जा रहा था और मैंने भी अब सनसना के धक्का मारा और पुरा लंड अंदर. मर्र्र्र्र्र्र गयीईईईईईई. सच मे मर्द हो… आज्ज मुझेसे लगा की असली मर्द क्या होता है….I लव यू ..मेरे राजा…चोदो मुझेसे ज़ोर से चोद्द्द्द्द्द्द्दूऊऊओ. फाड़ दो मेरीईईईइ.
मैं “(धक्के लगते हुये और उनके निप्प्ल को कटते हुये) क्या फाड़ दु भाभी?”
भाभी: “जो फाड़ रहे हो…”
मैं : “उसका नाम बोलो..”
भाभी: “अपना काम करो.”
मैं: “अभी तो एक जगह और बची है उसे भी फाड़ना है…सबसे sexy तो वोही है तुम्हारे पास.”
भाभी: “क्या?”
मैं भाभी के चूतर पर हाथ लगाया और उनकी गांड के छेद मे ऊँगली डाल कर ये वाली फाड़ना है.
भाभी: “आआआआआह्ह्ह्ह् हह नहीईईईइ वो नहीईइ.. वो तो मैंने उनको भी नही दी.”
मैं : “तो क्या हुआ.. मुझेसे तो पसंद है.”
भाभी : “नही नही..”
मेरे धक्के चालू थे.. मैंने देखा भाभी का बदन अकडाने लगा है… पैर सिकोड़ कर लंड को कस रही थी और मेरे कंधे पर दांतों से कटने लगी… नाख़ून मेरे पीठ को नोच रहे है… ये क्या कीया.. आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् मैं गय्य्य्यीईईईइ मेरा होऊ गयाआआआआआअऊओ ऊओह्ह्ह्ह् आब्ब नैहीईईईईइ आआआह् हाआआआआअह् आ.
और भाभी की चुत का पानी धार निकलने लगी मै गीरने लगा.. मैं रूक गया.. वो एक दम हलकी हो गयी थी. मैंने अब उन्हें दीवार से हटाया और बाथटब के अंदर ले गया. उसमे पानी और साबुन भरने लगा.. मैंने देखा उनकी चुत पर भी बाल है. सोचा अगर इसे भी चीकनी कर लू तो.. मैंने उन्हें वही लिटा दीया..
भाभी: “अब क्या कर रहे हो?”
मैं: “तुम्हारे खजाने को और खुबसुरत बना रहा हु जान..”
भाभी: “क्या कहा..जान.. फिर से कहो.. आःह्ह्छ मैं तुम्हारी जान.. लो कर लो साफ इसे भी.”
मैंने चुत पर भी साबुन लगाया.. और उसे साफ करने लगा.. जब चुत पूरी साफ हो गयी मैंने गरम पानी से धोया… मेरा हाथ बार बारा उनके दाने से लग रहा था…इधर मेरा अभी तक dischaarge नही हुआ एक बार भी नही हुआ था.. सो वो तो उछाल रहा था.. मैंने भाभी से कहा इसे थोडा सह्लाओ ना…… इसे !!!
मैं उनके मुह के पास लंड को ले गया.. उन्होने कुछ नही कीया…मैं ने उनकी चुत को देखा.. दोनो जांघों के बीच एक लकीर.. लग रहा था की एक शर्माई हूई मुनीया.. मैंने हाथ फेरा… लकीर के बीच ऊँगली डाली.. फिर से गीली लबालब पानी.. मुझसे अब रहा नही गया.
मैंने भाभी के पेट को चूमना शुरू कीया. और दोनो पैर भाभी के दोनो तरफ डाले और उनकी पर मुह रख दीया.. भाभी तड़प उठी छी गंदे..और पैर उठाने लगी… मैंने जबरदस्ती पैरो को फैलाया और उनका जूस चटाने लगा.. जीभ को दाने पर रगड़ा…
मेरा लंड उनके मुह के पास लटक रहा था भाभी से रहा नही गया उन्होने उसे हाथ मे पाकर और खीच रही थी मैंने क़मर और नीचे की और उसे ठीक उनके होटो पर टीका दीया…थोड़ी देर तो उन्होने कुछ नही कीया लेकीन फिर अचानक उसे जीभ से चाट.. और होट खोलकर उसा अंदर लीया… मैंने सिहरन सी मेहसूस की.
मैं “..आआआअह्ह्ह् भाभी चुसूऊऊ मेरी जान….अआः मजा आ रहा हाआईईईईइ.”
मैं तो उनके गरम होटो के टच से पागल हो रहा था… अब वो भी पूरी मस्ती मे उसे मुह मे ले रही थी.. अचानक मैंने थोडा अंदर दबाया.. लंड एकदम उनके हलक तक पोहुच गया. उन्होने तड़प कर उसे बहार नीकाला और कहा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पार पढ़ रहे है.
भाभी: “अब क्या मार डालोगे. .इतना लम्बा और मोटा गाले के अंदर डाल रहे हो.. मेरी संस् रूक जायेगी.”
मैं: “ओह भाभी आप इतना अचछा चूस रही हो..”
इधर भाभी की हालत फिर खराब होने लगी मेरी जीभ उनकी चुत के अंदर पुरा सैर कर रही थी.. भाभी ने फिर से पानी छोड दीया.. मैंने पुरा चाट लीया उन्की गांड तक बह रहा था.. गांड के छेद तक जीभ से पुरा चाटा..
इधर मुझे लग रहा था की मेरा भी पानी भाभी के मुह मे निकल जाएगा…. मैंने अपना लंड उनके मुह से नीकाल लिया उनके थूक से गीला हो कर चमक रहा था और भी मोटा हो गया था. मैं उठा कर कमोड पर बैठ गया और भाभी को अपने पास खीचा…
भाभी: “अब क्या कर रहे हो?”
मैं: “आओ ना, दोनो पैर साइड मे कर लो और सवारी करो.”
भाभी: “दीमाग खराब है क्या? मुझसे नही होगा..”
मैंने उन्हें पाकर के पोजीशन मे लीया अब वो मेरी गुलाम थी.. और लंड के ऊपर चुत को सेट कीया और कहा बैठो…… उन्होने कोशीश की…आआआआह् नही होगा.. मैंने उनके चूतड पर हाथ रखे और नीचे से धक्का कीया.. आधा लंड “गप्प” से अंदर.
अब मैंने उन्हें कहा धीरे धीरे इस पर बैठो…. वो बैठ ने लगी..फीसलन तो थी, अंदर घुसने लगा फिर वो रूक गयी.. अभी भी थोडा बहार था.. मैंने उनकी चूची और नीप्प्ल चूसना शुरू कीया.. बहुत किस कीये.. और पीछे से उनकी गांड के सुराख मे ऊँगली डाली उयीईईईईईई.
और मैंने उन्हें जोर से अपने ऊपर बीठा लीया… पुरा लंड अंदर और भाभी की चीख नीकाल गयी.. आआआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ मार अग्यीईईईईइ ऊओह्… अभी तक २ बार चुदने के बाद भी चुत इतनी टाइट लग रही थी मुझेसे मज़ा और जोश दोनो आ रहा था…
भाभी मेरे सीने से चीपटी रही.. फिर थोड़ी देर बाद वो खुद ही मेरे लंड पर ऊपर नीचे करने लगी… मैं भी नीचे से धक्के मार रहा था. भाभी बड बड़ने लगी आआआअह् तुमने मुझेसे जिन्दगी का मज़ा दे दीया अह्ह्ह्ह्छ मुझेसे माँ बाना दोओ.. और उनके उछालने की स्पीड बड़ गयीईई.
आआआअह् आआआआह्ह्.. मेरे अशोक्क्क्क्कक्क्क्क इतने दिन क्यों नही किया..आआअह्ह्ह् मेरा होने वाला है…. और ऐसे ही उछालते हुये उनका पानी नीकाल गया.. वो मेरे सीने से लीपट गयी मैं उन्हें चूमने लगा.. अब मैंने भाभी को खड़ा कीया.. मेरे दीमाग मे एक नया पोस आया, कमोद के ऊपर मैंने भाभी को झुकाया दोनो हाथ.. कमोद के ऊपर रखे…
भाभी: “ये क्या कर रहे हो.”
मैं: “मैं तुम्हे और मजा दूंगा जानेमन..”
मैं पीछे आ गया.. ऊऊओह् क्या मस्त उभरे हुये चूतड.. और ऐसे मे उनकी चुत का छेद एकदम गीला…और गांड का गुलाबी छेद… मैंने पीछे से लंड को उनके चूतर पर घुमाया… और गांड के छेद पर लगाया… वो एकदम उठ कर खडी हो गयी ..नईई वह नहीईईईइ. ……प्ल्ज्ज्ज्ज्ज़. नहीं.
डार्लिंग मैं सही जगह पर दूंगा और फिर से उन्हें झुकाया…. चूतड और ऊपर कीये ताकी चुत ऊपर हो… और फिर..
भाभी: “अह्ह्ह्छ धीरे…आआआआआ अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्.”
मेरा लंड अंदर जा रहा था, लेकीन मैंने उसे बहार खीचा और अब एक झटके मे पुरा अंदर डाला.. वो तो चिल्ला पडी अरीईईईईई मार डालोगे क्या ???.मैंने उनके चूतड सहलाये और आगे हाथ बड़ा कर उनकी चुचीया दोनो साइड से दबाने लगा…
करीब ३-४ min मे भाभी फिर… पानी छोड़ने लगी.. मैंने उसी पोज मे उन्हें खड़ा कीया.. दीवार की तरफ मुह कीया.. और उनका एक पैर कमोद के ऊपर रखा… और फिर तो मैंने भी राज धानी एक्सप्रेस की स्पीड से चोदना शुरू कीया. भाभी उफ़ उफ़ आह अह्ह्ह कर रही थी,
मैं: (उनके कानो के पास चूमा.) “जानू..मजा आ रहा है ना?”
भाभी: “बहूत.. और जोर से करो…”
अब मुझे लगा मेरा निकलने वाला है…एक घंटे से ऊपर हो गया था.. मेरी अंडों मे pressure आ रहा था.. मैंने भाभी को वही बाथ टब के अंदर लीया और लिटाया.. दोनो पैर फैलाये.. घुटनों से ऊपर बोड कर एक झटके मे अंदर डाला… उनकी आंखे फिर बड़ी बड़ी हो गयी लेकिन मैने कुछ देखा नही और फिर उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ वो धक्के लगाए की भाभी की संस् फूलने लगी वो सिर्फ अआः इश्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ इश्ह्ह्ह्ह्ह्छ आआः कर रही थी.
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मैं: “जनूऊऊऊऊ मेरा निकलने वाल है..अंदर डालू की बहार…”
भाभी: “एक बार तो अंदर डाल दीया है अब बहार क्यूऊउ . डाल अंदर तेरा लोडाl”.
मैं तो लूऊ आआआह् अह्ह्ह्ह्ह्ह्छ आह्ह्ह्ह ओह्ह ये लूओ मेरी जान्न्न्न… और पुरा लंड उनके बच्चेदानी के ऊपर टीकाया और 1…२..३..४. .5…6… .7.. कीतनी पीचकारी मरी की मैं भूल गया.. और उनके ऊपर लेट गया.. करीब १० min हम ऐसे ही पड़े रहे.. मैंने फिर उठाकर उन्हें कीस कीया… उन्होने आंखें खोली..
भाभी: “तुमने आज मुझसे बहुत बड़ा गूनाह करवा लीया.. आज के बद मैं तुमसे बात भी नही करुँगी.”
मैं: “बात मत करना जान..लेकीन ये तो करोगी ना..”
भाभी : “बेशरम, अब मेरी जुती करेगी ये काम. “
मैंने अपना लंड बहार खीचा.. पुरा लथपथ उनकी चुत से सफ़ेद रस नीकल रहा था और बाथ टब मे फेल रह था… मैंने उनकी गांड के छेद पर हाथ रख और कहा अभी तो इसका इनौगरेशन करना है.. अभी २ din और मैं यही रहूंगा.. तुम्हे माँ बना के ही जाऊंगा मैं..
वो बोली “क्क्य कहा.. २ din.. मे तो मर जाउंगी..”
मैंने धीरे से पुछा “जानेमन कैसा लगा.”
वो कुछ बोली नही.. सिर्फ मुस्कुरा दी.. फिर हम दोनो ने एक दुसरे को नहलाया रगड़ रगड़ कर मेरा फिर खड़ा होने लगा था.. लेकीन भाभी जल्दी से तोवेल लपेट कर बाहर निकल गयी..
Raman deep says
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Rohit says
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