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हमारे घर के बगल ही एक परिवार रहता था। 4 भाई थे और 2 बहने। उनके बाप मर चुके थे। माँ बीमार रहती थी। 4 भाई सुबह ही काम पर चले जाते थे। और बहनें कॉलेज जाती थी। बड़ी बहन बड़ी सीधे स्वाभाव की थी। पर छोटी गुड़िया रानी चंचल स्वाभाव की थी। Chut Seal Porn
वो दुबली पतली थी। बड़ी गोरी थी। उसे हम लोग करिश्मा कपूर बुलाते थे। वो सारा दिन रोड पर लेफ्ट राईट करती थी। सारे लड़के उसे देखते थे तो मचल पड़ते थे और उनके लण्ड खड़े जो जाते थे गुड़िया रानी को चोदने के लिये। गुड़िया रानी पढाई, नाचने गाने, खाना बनाने में माहिर थी जैसा की सभी गुप्ता परिवार में लड़कियां होती है।
गुड़िया रानी पैदल 2 ही कॉलेज पढ़ने जाती थी। उसे कई लड़के लेने देते थे। पर वो कोई रिस्पांस नही देती थी। गली के सारे इश्कबाज लड़कों ने सोचा की सायद ये प्यार, व्यार, बुर और लण्ड के खेल के बारे में कुछ नही जानती है। सायद इसीलिये कोई रिस्पांस नही देती है। लड़कों को साफ 2 कुछ समज नही आ रहा था। वो दूसरी लड़कियों को लाइन मारने लगे।
गुड़िया रानी का चेहरा आज भी मेरे दिमाग में कैद है। वो बड़ी दुबली पतली थी। वो बड़ी तेज चाल से चलती थी। लड़के सोचते थे की देगी तो बड़ी तेज 2 देगी। वो पैरों की धूल उड़ाते हुए चलती थी। वो चोर आँखों से सरे लड़कों को एक नजर देख लेती थी पर कभी किसी को बात करने का मौका नही देती थी। सरे लड़के हाथ मलते रह जाते थे जब वो रोड से गुजरती थी।
इस तरह कुछ साल बिट गए। गुड़िया रानी बीए में पढ़ने लगी। और सबसे बड़ी बात उसे इश्क़, मुहब्बत, बुर और लण्ड के खेल के बारे में पता चल गया। उसके घर में उसके मामा का लड़का आता था। और गुड़िया रानी को उससे प्यार हो गया। दोंनो की आँखे टकराई और मुहब्बत परवान चढ़ने लगी।
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दोनों ने योजना बनाई की कैसे अकेले में मिला जाए। भीम जो इसके मामा का लड़का था उसने प्लान बनाया की अगर गुड़िया उससे ट्यूशन पढ़ने के बहाने हर सुबह उसके घर आ जाए तो मिलन हो जाएगा और किसी को शक भी नही होगा। चूँकि भीम रिस्ते में गुड़िया का ममेरा भाई लगता था पर गुड़िया उससे ही फस गयी थी। एक दिन भीम गुड़िया रानी के घर आया…..
बुआ अगर तुम कहो तो मैं गुड़िया को ट्यूशन पढ़ा दूँ भीम बोला. गुड़िया की माँ मान गयी क्योंकि घर में बड़ी गरीबी थी। उनके बाप इंटरवल में ही निकल गए थे। गुड़िया और भीम के मिलने का जुगाड़ फिट हो गया। और गुड़िया रानी सुबह 5 बजे अपने मामा के घर जाने लगी भीम से ट्यूशन पढ़ने।
पहले ही दिन जब वो कॉपी किताब लेकर सुबह 5 बजे निकली तो सब जाने की वो पढ़ने जा रही है। पर गुड़िया रानी मुहब्बत का पाठ पढ़ने वाली थी। जैसे ही वो भीम के स्टडी रूम में गयी, भीम से उसे बाँहों में जकड़ लिया। और गुड़िया को साइन से लगा लिया। गुड़िया रानी को पहली बार पता चला की मुहब्बत क्या चीज है। उसे भी सुरूर चढ़ा। गुड़िया ने भी भीम को खुद से चिपका लिया।
दोनों काफी देर तक एक दूसरे से चिपके रहे। फिर दोनों बेड की ओरे बढ़ गए। भीम का हाथ गुड़िया रानी की छाती पर चला गया। उनसे मम्मे जरा से थे, निम्बू के आकार के थे। क्योंकि गुड़िया बड़ी दुबली पतली थी। पर गुड़िया एक तो बड़ी गोरी थी, दूसरे उसकी आँखें ऐस्वर्या की तरह नीली थी। इसलिए मोहल्ले में वो नम्बर 1 क्वालिटी का मॉल थी।
मोहल्ले के सारे लड़के उसे चोदना चाहते थे। भीम ने उसके निम्बू के आकार के मम्मे हल्के 2 दबाने शुरू किये। गुड़िया रानी को जवानी की मौज मिलने लगी। अभी तक गुड़िया इस तरह के सुख से अनजान थी। ये पहली बार था उसे प्यार मुहब्बत के बारे में पता चला था। भीम का भी ये पहला प्यार था पर उसने bf देख देख कर काफी जानकारी ले ली थी। वो गुड़िया रानी यानि अपनी बुआ के लड़की को चोदना चाहता था।
गुड़िया आई रियली लव यू भीम बोला.
आई लव यू टू भीम गुड़िया बोली.
पर ट्यूशन के पहले दिन चुदाई ना हो पायी। इसके पीछे कई वजह थी। एक तो भीम और गुड़िया का रिश्ता इल्लीगल था। गुड़िया भीम की फुफेरी बहन लगती थी, तो क्या वो बहनचोद बन जाता। दूसरा मनोजर एक अच्छा लड़का था। वो पहली बार प्यार में पड़ा था। वो गुड़िया की माँ से डरता था क्योंकि बुढ़िया लंगड़ थी और बहुत झगड़ालू थी।
अगर बुढ़िया को मालूम चल जाता की गुड़िया भीम से सेट है तो वो भीम की गांड में उंगली कर दी। भुढ़िया ही इस कहानी की असली विलेन है। इस तरह गुड़िया हर रोज अपने मामा के घर सुबह 5 बजे उठकर ट्यूशन पढ़ने आने लगी। पहले 1 महीने तो भीम उसको पहले मेहनत से पढ़ाता फिर चुम्मा चाटी करता। पर शूरु के एक महीने वो गुड़िया रानी को पेल नही पाया।
हलाकि वो उसे पहले ही दिन पेलना चाहता था। पर उसे डर था की कहीं गुड़िया पेट से ना हो जाए। भीम गुड़िया को अपनी बाँहों में लेकर लेट जाता था। उसकी नीली आँखों में डूब जाता था और उसे बार 2 चूमता था। गुड़िया रानी को मुहब्बत के बारे में पता चल गया था।
मोहल्ले के लड़कों ने मार्केट में गुड़िया और भीम को कई बार एक साथ देखा था और सारे लड़के बोलते थे की घर का माल घर में ही सेट हो गया गुड़िया और भीम पूरे बरेली शहर में स्कूटर से घूमते थे। कई महीने बिट गए पर गुड़िया और भीम चुदाई का गरमा गरम रसगुल्ला नही खा पाये।
गुड़िया का मामा यानि भीम का बाप एक फौजी था। वो बेहद सख्त स्वबाव का था। अगर उसे भनक लग जाती की उसका लड़का भीम का अपनी बुआ की लड़की से चक्कर है तो वो भीम को गोली मार देता। इसलिए भीम की बहुत फटती थी अपने बाप से। दिन बीतते गए पर गुड़िया और भीम को चुदाई का सुख नही मिल पाया।
कई महीने बाद गुड़िया रानी को कस के पेलने का एक सुनहरा मौका भीम के हाथ लगा। गुड़िया का बीएड का सेंटर 50 km दूर पड़ा। इसके चारो भाई प्राइवेट नौकरी करते थे, छुट्टी नही मिली। इसलिए भुढ़िया ने भीम से कहा की गुड़िया का पेपर दिला लाये। भीम ख़ुशी 2 तैयार हो गया। क्योंकि उसे मुहब्बत की चूत मिलने वाली थी।
पहले दिन जब भीम गुड़िया को स्कूटर पर बैठा ले गया तो कुछ दूर जाकर गुड़िया रानी उससे चिपक गयी। और उसको दोनों हाथों ने पकड़ लिया। दोनों मजे से बाटे करने लगे। जन सेंटर में पहुचे तो ना आदमी ना आदमी की जाट। दोस्तों, ये एक बड़ा सा गांव था। गाँव के बीचो बिच कॉलेज बना था दरवाजे गायब थे।
कुछ लोगों ने बताया की 3 घण्टे बाद पेपर सूरु होगा। ये कॉलेज 3 मंजिला था। कम से कम 15 कमरे हर फ्लोर पर। कुछ लड़कियां जो अपने आशिक़ो के साथ आई थी। एक एक कमरे में बैठ गयी थी। चुम्मा चाटी चल रही थी। भीम के लौड़े में गर्मी आ गयी। उसने गुड़िया रानी को तीसरी मंजिल की ओर इशारा किया।
गुड़िया रानी ने सफ़ेद रंग का सलवार सूट पहन रखा था। वो हर की परी लग रही थी। दोनों तीसरी मंजिल पर आ गए। बड़े 2 कमरे खली थी। बेंच पड़ी थी। भीम की आँखों में वासना उत्तर आई। वो गुड़िया रानी को एक कोने में ले गया। गुड़िया रानी भी दीवानी हो गयी।
भीम ने गुड़िया को पकड़ लिया। कॉपी किताब और उसके लेडीज पर्स को उसने एक ओरे रख दिया और गुड़िया रानी को पकड़ लिया। दोनों जवान थे, इसलिए दोनों के लब टकरा गए। भीम गहरी साँस लेकर गुड़िया के लब पिने लगा। दोनों अपुतपूर्व सुख के सागर मे डूब गए। गुड़िया देवी गर्म होने लगी। वो भीम के बस में आ गयी।
भीम ने उसका दुपट्टा एक बेंच पर बिछा दिया। और गुड़िया रानी को बेच पर लिटा दिया। वो गुड़िया के छोटे 2 नींबू के आकार के मम्मे दाबने लगा। भीम का हाथ गुड़िया की सलवार के नारे पर चला गया। वो आज ही गुड़िया को चोदेगा, उसने फैसला किया। आज यही कॉलेज में सुबह के 9 बजे वो गुड़िया को चूत मरेगा। भीम ने तय किया।
आखिर उसने गुड़िया की सलवार का नारा खोल दिया और सलवार उतार के दूसरी बेंच में रख दिया। उसने गुड़िया की कमीज भी उतार दी। गुड़िया रानी जिसे हमलोग बड़ा शरीफ, इज्जतदार मानते थे, वो गुड़िया भी फूल चुदने के मूड में थी। गुड़िया का नंगा बदन देख भीम की रगों में खून दौड़ गया।
वो आपे से बाहर होने लगा। अचानक उसके अंग 11000 वाल्ट की बिजली पैदा हो गयी। गुड़िया रानी की चुदने की तमन्ना भी आज पेपर के बहाने पूरी हो होने वाली थी। भीम गुड़िया के निम्बू साइज़ के मम्मे पिने लगा। उसका लण्ड लोहे जैसा हो गया। गुड़िया रानी की आँखों में मुहब्बत, इश्क़ और चुदाई का नशा छाने लगा।
भीम ने गुड़िया की चड्डी उतारी। सफ़ेद रंग की साफ चड्डी। उसने गुड़िया रानी की चड्डी को काफी देर सुंघा। उसे एक अलग ही मजा मिल रहा था। जिस चूत को मारने के लिए वो दिन रात सपने देखता था वो चूत फाइनली उसे मिल रही थी। भीम ने अपनी चड्डी उतारी, और उसका लण्ड गुड़िया रानी को लहराता दिखाई दिया। कुछ मिनट तक गुड़िया रानी उसके बड़े से साफ रंग के लौड़े को घूरती रही।
देखा? कैसा लगा? बड़ा है ना? भीम ने पूछा.
गुड़िया रानी से इससे पहले सिर्फ छोटे बच्चों का लण्ड ही देखा तो पर आज उसने एक जवान लण्ड देखा था। उसके होश उड़ गए।
कितना बड़ा है? गुड़िया से शरमाकर कहा फिर वो डरकर बोली ये कहाँ जाता है?
ये गुड़िया रानी का पहला चुदाई उत्सव था, इसलिये वो नादान थी। पर आज इसको बहुत चीज पता चलने वाली थी। गुड़िया के पैर बहुत चिकने और गोरे थे, जिसे पाकर भीम का लण्ड टाइट हो गया। भले ही गुड़िया उसकी फुफेरी बहन लड़की है पर जब लौण्डिया खुद चूत दे रही है तो कैसा ऐतराज। चूँकि गुड़िया पहली बार चुदाई का मजा ले रही थी इसलिये उसे कुछ पता नही था की क्या करते है।
भीम अपने बड़े ने लौड़े को फेटने लगा। उसके हाथ जल्दी 2 अपने मोठे लौड़े पर दौड़ने लगे। गुड़िया रानी एक ऐसी लौण्डिया थी जिसे मोहल्ले का हर लड़का चोदना चाहता था। अगर आज आवारा लड़कों को जो हमेशा चूत ढूंढते रहते है पता चल जाता की कॉलेज की तीसरी मंजिल पर एक खुले कमरे के कोने पर गुड़िया रानी का प्रथम चुदाई पर्व चल रहा है तो गुड़िया रानी का गैंगरेप हो जाता।
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अरे रानी, तुम तो बड़ी भोली हो, कुछ सेकंड ठहरो! सब बताता हूँ भीम बोला.
गुड़िया रानी को पता नही था की ये लण्ड उसकी बुर घुसने वाला था।
ले छू के देख भीम ने कहा.
गुड़िया रानी ने अपने नाजुक हाथों ने भीम का लण्ड छूकर बड़ा सा, क्रीम रोल जैसा बड़ा सा गोल सा प्यारा लंड था। गुड़िया रॉनी को ये बेहद प्यारा लगा। पर ताज्जुब था की कैसे ये प्यारा सा मासूम लण्ड उनकी नर्म चूत को फाड़ देगा। वो बहुत मासूम थी। कुछ जानती ना थी।
रानी, इसे चूमो तो! भीम अपनी बुआ की लड़की से बोला।
गुड़िया ने उसे अपने पतले गुलाबी ओंठों से भीम के लण्ड को चुम्मी दी। उसने 2 3 बार लण्ड को चूम लिया। मुझसे दोस्तों करोगे? गुड़िया मासूमियत से लण्ड से बोली.
अब ले इसे चूस! भीम बोला
गुड़िया को ताज्जुब हुआ की इसे चूसते भी है। उसन मुँह खोला और लण्ड को मुँह में ले लिया, और चूसने लगी। अरे इस पर तो एक तिल भी है गुड़िया बोली.
जिसके लंड पे तिल होता है, वो सबकी नानी चोदते है भीम से हस्ते हुए मजाक से कहा.
गुड़िया रानी अपने मामा के लड़के का लण्ड चूसने लगी। उसे ये काम थोडा अजीब लग रहा था। पर जवानी के दिनों में ये उसके लिये नया काम था। बिचारी गुड़िया रानी जो एक घरेलु लड़की थी, जो हमेशा सब्जी काटने का काम, खाना बननाने के काम करती थी, उसके लिये ये नया काम था।
भीम ने उसके छोटे से सर को पकड़ लिया और गहराई से चुसवाने लगा। वो घरेलु लड़की गुड़िया रानी के सर को पकड़ ऊपर निचे करने लगा। गुड़िया रानी के गले तक लंबा लण्ड जा रहा था। उसके छोटे 2 निम्बू तन रहे थे। उसकी भुंडी तन रही थी। गुड़िया रानी की बेहद नरम चूत धीरे 2 गरम हो रही थी।
गुड़िया मेरे लण्ड को अपने मुँह की दीवारों पर रगड़ भीम बोला.
गुड़िया लण्ड को अपने मुँह की बायीं और दाई दिवार पर मलने लगी, घिसने लगी। भीम को मजा मिलने लगा। उसकी ढीली गोलियां में ताव आने लगा। गुड़िया रानी अपने चुदने के महा पर्व की तैयारी करने लगी। उसे भी मजा आने लगा। भीम का लण्ड धीरे 2 लोहे जैसा होने लगा।
नीली आखों वाली ऐस्वर्या राय जैसी बेहद खूबसूरत लड़की को चोदना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि थी। और ये नेशनल अवार्ड, ऑस्कर अवार्ड भीम को मिलने वाला था। भीम ने उसके सफ़ेद सूट को भी निकाल दिया। गुड़िया ने कॉटन समीज पहन रखी थी उत्तरपदेश में हर लड़की खुद ही सिलती है। समीज देख कर भीम पागल हो गया। प्यासा कुँए के पास पहुच गया था।
भीम से गुड़िया की समीज निकल थी तो छरहरी चिकनी दुबली नंगी गुड़िया रानी सामने थी। रुई की तरह या कहे मलाई की तरह 2 सफ़ेद रस गुल्ले उसके सामने थे। गुड़िया की दुबले होने के कारन एक 2 पसलियां दिख रही थीं।
गुड़िया तुम बेहद खूबसूरत को! भीम बोला।
उनसे अपने ओंठ गुड़िया के मलाई जैसे मम्मो पर लगा दिया। और उन्हें पूरा एक बार में खा गया। गुड़िया रानी जवानी के मजे उठाने लगी। भीम अपने मुँह को बाहर ही ना करता था। जब उसने चक्कर गुड़िया रानी के मलाई के गोले खा लिए तब उसे याद आया की गुड़िया की तो अभी चूत भी मारनी है।
भीम से गुड़िया की तांग फैला दी। उससे नजर ना मिला सकी। क्योंकि गुड़िया का ये प्रथम चुदाई पर्व था। दूसरे, चोदने वाला उसका फुफेरे भाई था। गुड़िया से अपनी आँखें बन्द कर ली, जैसे इंडिया में ज ादातर लड़कियां चुदते समय आँखे बन्द कर लेती है। वो लण्ड तो खाना चाहती है पर उनको सरम आती है।
भीम ने देखा की गुड़िया की बुर काली नही बल्कि भूरी 2 लाल लाल थी। रुस्सियन लड़कियों जैसी गोरी होने के कारन गुड़िया रानी की चूत लाल लाल थी। एक दो जगह झांटे उग आई थी। गुड़िया के बुर के ओंठ क्लाइटोरिस के पास बड़े 2 उठे 2 थे। ऐसा कुछ लड़कियों के होता है।
भीम ने ऊँगली से गुड़िया की चूत फैलाकर चेक की। उसे चूत की बन्द सफ़ेद झिल्ली दिखाई थी। चूत सीलबन्द थी। भीम ही सील चोदने जा रहा था। उसने जरा सा थूक अपने लण्ड पर लगाया और बुर पर रखा। दुबला होने के कारन गुड़िया की बुर भरी 2 गद्देदार ना थी बल्कि दबी 2 सिकुड़ी 2 थी। भीम ने धक्का मारा।
बुर का गेट एक बार में ही टूट गया और लण्ड अंदर चला गया। खून की खुश बुँदे इधर उधर बहने लगी। गुड़िया रानी की आँखों में दर्द से आँशु आ गए और किनारे से बहने लगे। भीम जो गुड़िया को प्रेम करता था, ने अपने ओंठ गुड़िया के मुँह पर रख दिए। वो इसे चुप करना चाहता था।
गुड़िया रानी जो हमेशा बड़ी नजाकत से रहती थी, ने अपने सफ़ेद रुमाल को हाथों में भीच लिया दर्द के वक़्त। थोड़ा आराम मिलने पर भीम ने लण्ड को अंडर बहार सुरु किया। बुर में चीरा लग चूका था। उफ़ बेहद टाइट चूत। भीम बोला.
भीम ने गुड़िया से उसका सफ़ेद रुमाल ले लिया और खून साफ किया और धीरे 2 के पेलने लगा। गुड़िया को अभी 2 दर्द हो रहा था। भीम ने थोड़ा और थूक लण्ड पर लण्ड पर मला और उसे पेलने लगा। कुछ मिनट बाद दर्द कम हो गया। भीम अपने लौड़े से अपनी बुआ की लड़की की चूत नापने लगा।
भीम को आस्चर्य हुआ की गुड़िया की 2 बित्ते की जरा सी कमर में उनका लण्ड पता नही कहा जा रहा था। पर गुड़िया उसे पूरा 2 खा रही थी। कोई भी लौण्डिया चाहे जितनी पतली दुबली हो मोटा लण्ड आराम से खा लेती है। भीम इस निष्कर्ष पर पंहुचा। उसने गुड़िया को बिना रुके, बिना साँस लिये घण्टों चोदा। उसे जन्दगी का सबसे बड़ा जवानी का सुख मिला।
जब नाजुक गुड़िया रानी की नीली आँखों में दर्द हो जाता, भीम उसकी आँखों को चूम लेता, और ओंठों को पिटे हुए निचे से चोदता रहता। गुड़िया भीम का बड़ा का 8 10 इंच का लण्ड पूरा 2 खा रही थी। अब उसे पता चला की जो लण्ड उसे कुछ घण्टे पहले बड़ा मासूम लग रहा था, वो बड़ा कातिल निकला। कैसे चाकू की तरह उसने उसकी बुर में चीरा लगा दिया।
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घण्टों चोदने के बाद भीम ने गुड़िया को घोड़ी बना दिया। और पीछे से उसकी लाल रंग की चूत मरने लगा। गुड़िया रानी अब कुवारी ना रही। अब वो एक औरत बन गयी। लगभग 2 घण्टे तक गुड़िया रानी को चोदने के बाद भीम ने उसकी रसीली चूत में ही अपना माल छोड़ दिया। गुड़िया ने उस रुमाल से अपनी बुर साफ की।
इस रुमाल को सम्हाल के रखना भीम बोला.
गुड़िया रानी ने अपनी सील टूटने की खून की छीटों वाला रुमाल मोड़ कर तय किया और अपने लंबे से गोल्डन लेडीज पर्स में रख लिया। गुड़िया रानी से चड्डी पहन ली, फिर समीज पहनी, फिर सलवार सूट।
क्यों रानी मजा आया? भीम ने पूछा.
गुड़िया झेप गयी। उसकी नजरे झुक गयी। भीम ने उसे सीने ले लगा लिया गुड़िया रानी, मोहल्ले की सबसे टॉप लौंडियाँ जिसको देखकर सारे लौंडे आहे भरते थे, आज उसको उसके मामा के लड़के ने ही औरत बना दिया। राजेन्द्र नगर की सबसे खुससुरत लौंडिया चुद चुकी थी। सन् हाथ मलते रह गए। चुदाई करके गुड़िया ने अपना कॉपी किताब उठाया और भीम के साथ एग्जाम हाल में चली गयी। 2 छोटे लड़के जो छिपकर उसा रानी का प्रथम चुदाई पर्व देख रहे थे, बोले हुई गवा भैया….हुई गवा भैया!
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