Hot Model Girl
मेरा नाम जयंत है। मेरी उम्र 24 साल है और मैं मेरठ से हूँ। मैं देखने में काफी स्मार्ट दिखता हूँ और 6 फिट लम्बा हूँ। मेरा बदन शेप में है और सुडौल है। मैं रोज जिम जाता हूँ इस वजह से मेरी छाती तनी और उभरी हुई है और मस्त डोले शोले भी बने हुए है। दोस्तों मेरी एक ही कमजोरी है और वो है खूबसूरत और जवान लड़कियाँ। Hot Model Girl
मस्त मस्त गांड और चूची वाली लड़कियों को देखकर मेरी नियत खराब हो जाती है और लंड खड़ा हो जाता है। चुदाई करने का दिल करने लग जाता है। मेरे रिश्तेदारी में एक दूर की दीदी लगती है। वो मेरे घर आई हुई थी। उनके साथ में उनकी लड़की भी आई थी जिसे देखते ही मैं सब कुछ भूल गया।
उसका नाम तृषा था। वो अपने बालो को खोलकर तेल लगा रही थी। जब मैंने उसे देखा तो देखता ही रह गया। सीधा अपनी माँ के पास गया और उसके बारे में पूछा तो वो बोली की वो मनोरमा दीदी की लड़की तृषा है। उसके बाद तो मुझे बहुत अच्छा लगा।
“हाय!! मेरा नाम जयंत है!!” मैंने जाकर तृषा से कहा.
“हेलो!! मैं तृषा!!” वो बोली.
उसकी पूरी बोडी मैं ध्यान से देख रहा था। उसने नीली जींस पहनी थी जिसमे उसकी गांड पीछे को निकली हुई कितनी मस्त दिख रही थी। तृषा का रंग काफी गोरा था और खुले बालो में वो डीवा मॉडल जैसी दिख रही थी। उनसे एक पिंक शर्ट पहन रखी थी जिसमे उसके दूध मस्त मस्त दिख रहे थे।
अगर 36” के दूध रेडीमेड शर्ट से मुझे साफ़ साफ़ दिख रहे थे जिसकी वजह से शर्ट काफी तनी हुई थी। मैं भी खुसी खुसी तृषा से बात करने लगा और फिर उसे अपने कमरे में अपना नया टीवी दिखाने ले गया। तृषा ने मुझे बताया की वो फैसन डिजाईनिंग का कोर्स कर रही है। मैंने उसे बताया की मैं CA की तयारी कर रहा हूँ।
“तृषा!! You are very beautiful” मैंने उससे हंसकर कहा तो वो हल्का सा मुस्कुरा दी.
“तुम भी काफी हैंडसम हो!!” वो बोली.
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फिर दीदी के कमरे में चली गयी। उसे यादकर मैंने लंड को फेट फेटकर मुठ मारी। तृषा हमारे घर कुछ दिन रहने वाली थी। उसे मुझे कम समय में पटाकर चोदना था और ये काम काफी टफ था। अगले दिन मेरे छोटे भाई का बर्थडे था। शाम को फंक्शन हुआ और तृषा ने बहुत अच्छा डांस किया। उसने सनी लिओन के गाने “मैं बेबी डोल सोने की” पर डांस किया। फिर फंक्सन खत्म हो गया।
“क्या तुम मेरा डांस देखोगी???” मैंने तृषा से पूछा.
“हाँ हाँ! बिलकुल” वो बोली.
“आओ मेरे कमरे में” मैंने कहा और उसे हाथ पकड़कर उपर दूसरी मंजिल पर ले गया।
मेरा असल मकसद तो उसे चोदने का था। वैसे तो मैं कम ही डांस करता हूँ पर आज तृषा को किसी तरह गिअर में लेना था। मैंने उसे रूम में ले जाकर प्रभुदेवा के गाने पर डांस किया जो तृषा को बहुत पसंद आया।
फिर उसे हाथ देकर अपने साथ डांस करने को कहा। कुछ डांस स्टेप्स हम दोनों ने साथ में किये और मैंने उसकी कमर में हाथ डाल दिया। धीरे धीरे तृषा मेरे बिलकुल पास आ गयी और मेरे सीने से लग गयी। मैंने भी उसे पकड़ किया और ओंठो पर अपने ओंठ रखकर किस करने लगा। वो भी चूसने लगी।
“क्या तुम किसी से बोलती हो???” मैंने पूछा.
“क्यों?? तुमने क्यों पूछा??” वो बोली.
“तुम्हारे जैसी सुंदर लड़की खाली कहाँ रहती है। हर खूबसूरत लड़की का बॉयफ्रेंड होता है” मैं बोला.
“मेरा नही है” वो बोली.
“मुझे बनाओगी??” मैंने उसकी आँखों में आँखे डालकर बोला.
“ओके!!” वो बोली.
उसके बाद सब कुछ तेजी से होने लगा। मैंने उसे पकड़ लिया और खड़े खड़े ही उसके ओंठो को चूसने लगा। आज फिर से तृषा रेडीमेड शर्ट और जींस में थी। उसके 36” की बड़ी बड़ी चूचियों से उसकी शर्ट तनी हुई थी। मैं धीरे धीरे उसके हाथो में अपने हाथ डालने लगा और उसकी उँगलियों में अपनी ऊँगली फंसा दी।
फिर हम दोनों बेड पर चले गये। तृषा और मैं दोनों बेड पर बैठ गए और वो सब आराम से करने दे रही थी। कुछ देर उसकी सफ़ेद गोरी उँगलियों से खेलता रहा। फिर उसके गोरे गोरे गालो पर पप्पी लेने लगा। उसने कुछ नही कहा। “Love me जयंत!! लव मी!” तृषा धीरे से बोली।
मैं समझ गया की आज ये भी चुदाने के मूड में है। धीरे धीरे उसे बिस्तर पर लिटा दिया। उसकी आँखे, चेहरा, दूध, गांड, चूत सब मुझे बहुत मस्त दिख रही थी। मैंने उसकी शर्ट पर हाथ रखा दिया और मेरे हाथ उसके 36” के मस्त मस्त दूध पर चले गये।
उसकी सुडौल छातियों को मैं सहलाने लगा तो तृषा “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा सी सी सी” करने लगी। मैं उसकी मस्त मस्त चूचियों को दबाने लगा और उसके होठो को फिर से काट काटकर चूसने लगा।
मैंने अच्छे से चूस चूसकर उसकी साँसों को पिया और उसे गर्म कर दिया। फिर दोनों हाथो से शर्ट के उपर से उसकी मस्तमौला चूचियों को दबाने लगा। उफ्फ्फ्फ़!! ऐसी भरी भरी चूचियां मैंने आजतक नही दबाई थी। जब उपर से इतना आनन्द आ रहा था तो मुंह में लेकर चूसने में कितना आएया। मैं सोचने लगा।
“बेबी!! अपने दूध तो पिलाओ!! खोलो अपनी शर्ट को!!” मैंने कहा.
तृषा अपनी शर्ट के बटन खोलने लगी। शर्ट उतार दी। उसके दोनों आम चुस्त गुलाबी ब्रा में कैद थे। मैंने फिर से उसके दूध पर हाथ रख दिया और मसलने लगा। कुछ देर मजा लिया। फिर तृषा ने अपनी ब्रा खोली।
“आओ जयंत!! चूस लो मेरी मुसम्मी को!! इतने चिकने दूध तुमको फिर नही पीने को मिलेंगे” तृषा बोली.
दोस्तों मैं नजरे फाड़कर उसकी मस्त मस्त मुसम्मी हो देखने लगा। कितनी सुंदर, कितनी कोमल खरगोश से दूध थे उसके। जब मैं दोनों सफ़ेद मुसम्मी पर हाथ लगाने लगा तो तृषा फिर से “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….”करने लगी।
मैं नाजुक मम्मो को बड़े सम्भाल के पकड़ रहा था। फिर हल्के हाथो से दबाने लगा। तृषा अपना छोटा सा मुंह खोलकर उंह उंह करने लगी। फिर मैं उसके उपर ही लेट गया और जवान चूचियों को मुंह में लेकर चूसने लगा। मस्ती से पी रहा था। कितना आनन्द आ रहा था। मैं दूध को ताड़ ताड़ कर चूस रहा था।
“जयंत!! धीरे धीरे चूसो!! दर्द होता है” तृषा बोली.
मैं अब धीरे धीरे चूसने लगा। मुंह में भरकर आज दीदी की लौडिया की जवानी का रस चूस रहा था। इस तरह की देसी लौंडिया जल्दी चोदने को मिलती कहाँ है। मैं सोचने लगा। ये कहो की डांस करके इसको किसी तरह पटा लिया। मैं तृषा के दोनों स्तनों को हाथ से मसल मसल कर रस निकाल निकाल कर चूस रहा था।
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मुंह चला चलाकर चूस रहा था। इस दौरान वो पुरे वक़्त “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी….हा हा हा…” करती रही। उसे भी बराबर मजा मिल रहा था। मैं अपने हाथो से मसल मसल कर सब रस निकाल दिया। अब तृषा के सेक्सी गुलाबी होठो को देखकर लंड चुसाने का दिल करने लगा। मैंने उसी वक़्त अपनी जींस उतारी और नंगा हो गया। तृषा के उपर उसके सीने पर जाकर बैठ गया।
“लो बेबी!! चूस डालो!! देखो मेरे पप्पू को नाराज मत करना। अगर इसे खुश कर दिया तो बहुत मजा मिलेगा तुमको!!” मैंने तृषा से कहा.
तृषा ने मेरे लंड को पकड़ लिया। दोस्तों मेरे लंड की लम्बाई 8” की है और 2” मोटा है ये। रोज जिम जाने की वजह से लौड़ा और मोटा हो गया है। तृषा जब इसे हाथ में लेकर फेटने लगी तो लंड खड़ा होने लगा। “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा—फेटो जान!! इस हरामी लंड को और फेटो!!” मैं उससे कहने लगा।
फिर तृषा भी पुरे जोश में आ गयी और किसी छिनाल की तरह जल्दी जल्दी मेरे लौड़े को फेटने लगी। फिर मैं उसके मुंह में लौड़ा घुसा दिया। तृषा लेटे लेटे मेरा लौड़ा चूसने लगी। वो कही भाग भी नही सकती थी। क्यूंकि उसके सीने पर दूध के नीचे मैं बैठा हुआ था।
अब तृषा खुलकर चूसने लगी। पहले मेरे लंड के चमकते गुलाबी सुपारे को किस किया, फिर मुंह में अंदर ले ली। अब चूसने लगी। लंड को जड़ तक मुंह में लेकर चूसने लगी तो मुझे अद्भुत आनन्द की प्राप्ति होने लगी। आज 18 साल की जवान लौडियां से लंड चूसा रहा था। खूब अच्छे से चुसवा रहा था।
“यस बेबी!! और चूसो इस लंड को!!” मैं कहने लगा और तृषा के सिर को पकड़कर उसके मुंह में लंड डालने लगा।
अब उसके मुंह को जल्दी जल्दी लंड से चोदने लगा। तृषा को भी परम सुख मिल गया। खूब आनन्द मिल गया। उसने काफी देर लंड चुस्व्व्ल किया।
“ओह्ह जयंत!! अब देर मत करो!! जल्दी से चोद दो मुझे!!” तृषा पलके झपकाकर कहने लगी.
तृषा अपनी जींस की बटन खोलने लगी। फिर अपनी गुलाबी पेंटी उतार दी। उसकी चूत मैंने देखी। बिलकुल भरी हुई गुलाबी चूत। हल्की हल्की झांटे थी पर जादा नही थी। मैं झुक गया और पास से तृषा की बुर का दीदार करने लगा।
कुछ देर तक उसकी चूत की खूबसूरती को निहार रहा था। इतनी देर से उसके साथ जो मजे लूट रहा था इस वजह से तृषा की चूत अपना घी/ मक्खन छोड़ रही थी। मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाली और घी को लेकर मुंह में लेकर चाटने लगा। तृषा की भोसड़ी का मक्खन नमकीन था। फिर मैंने ऐसा २ ३ बार किया।
अब मुझे ये घी का कटोरा पूरा पीना था इसलिए मैं झुक गया और मुंह लगाकर उसके गुलाबी भोसड़े को चाटने लगा। तृषा “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करने लगी। “और चाटो जयंत!! आज इस चूत को मजे लेकर पी जाओ!!” वो भी यौन उत्तेजित होकर कहने लगी।
उसकी गर्म गर्म आवाजे सुनकर मैं पूरे जोश में आ गया और जल्दी जल्दी उसकी चूत का घी चाटने लगा। कुछ ही देर में तृषा बहुत गरमा गयी और उसकी बुर किसी आग की भट्टी की तरह दहक रही थी। मैं उसकी चूत में जुगाड़ करके 2 ऊँगली घुसा दी और जल्दी जल्दी फेटने लगा। अब वो तृषा का बुरा हाल हो गया। उसकी चूत को मैंने काफी देर तक फेटा और ताजा मक्खन मेरी उँगलियों में सब गया।
“ले चूस अपने रस को!! मैंने तृषा से बोला.
वो अपना माल चाट गयी। उसी वक़्त मैं अपने 8” के मोटे लंड को मुठ देने लगा और खड़ा करने लगा। 2 मिनट लंड पर मुठ दी और लंड लोहे जैसा कड़ा हो गया। मैंने xtra डॉटेड कंडोम अलमारी से निकाला और लौड़े पर चढ़ा लिया। दोस्तों इस कंडोम में 100 से भी जादा डॉट्स थे। अब मैं लंड के टोपे से तृषा की चूत को रगड़ने लगा।
वो “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” करने लगी। “करो और करो!! अच्छा लग रहा है जयंत!!’ तृषा कहने लगी.
मैं रगड़ता चला गया। मेरे लंड के सुपारे पर भी extra डॉट्स थे जिस वजह से उसे बड़ा आनन्द मिल रहा था। मैंने 5 6 मिनट तृषा की चूत को रगड़ा फिर लंड अंदर घुसा दिया। “आई!!” वो चीख पड़ी। मैंने चुदाई शुरू कर दी। तृषा सिसियाने लगी। कराह रही थी और आहे ले रही थी।
मैं लंड को उसके छेद में दौड़ाना शुरू कर दिया। अपने चूतड़ उठा उठाकर उसकी चूत का भर्ता बनाने लगा। तृषा “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” करने लगी। उसकी आवाजे और सिसकियाँ मुझे और जोश दिलवा रही थी। मैं जल्दी जल्दी पेलने लगा और दोनों मजे लुटने लगे।
फिर तृषा ने दोनों पैरो को और खोल दिया और सेक्स करने लगी। मैं ऊँगली से उसके चूत के दाने को हिलाने लगा। ऐसा करने से उसे काफी जोश चढ़ रहा था। मैं धक्के पर धक्के लगा रहा था। तृषा सी सी कर रही थी। मैंने उसकी 10 मिनट पेला। फिर लगा की स्खलित हो जाउंगा। मैंने जल्दी से लंड बाहर निकाल लिया।
फिर उसके दोनों 36” के दूध को हाथ से दबाने लगा। अब मुझे अपना ध्यान कुछ पल के लिए चुदाई से हटा देना था इसलिए मैं दूध पर चला गया। हाथ से उसकी निपल्स को छूने और दबाने लगा। तृषा चुदासी होकर “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगी।
मैं उसकी मस्त मस्त निपल्स से खेलने लगा। उसके चूचे जितने सफ़ेद थे उसकी निपल्स और चूचक उसके काले थे और बड़े बड़े काले गोले वाले थे। ऐसी रसीली चूचियां तो किसी भी मर्द का कत्ल करने के लिए पर्याप्त है। मैं दोनों हाथ से दूध को दबाने लगा। फिर से मुंह में लेकर चूसने लगा। कुछ देर चूसकर आनन्द लिया।
“चलो जान!! घोड़ी बनो!! अब तेरी गांड फाडूगा” मैंने कहा.
तृषा दोनों हाथो पर घोड़ी बन गयी। उसकी चूत को मैंने पीछे से कुछ देर फिर से चाट चाटकर उसे गर्म किया। फिर उसके सेक्सी पुट्ठो पर हाथ लगाने लगा। ओह्ह!! कितने मस्त मस्त हिलते चूतड़ थे तृषा के। मैं तो धन्य हो गया ऐसे मस्त लड़की पाकर। अपने हाथो को तृषा के मस्त मस्त चूतड़ पर घुमा रहा था और आनन्द ले रहा था। फिर किस करने लगा।
उसके चूतड़ पर हाथ घुमा घुमाकर मजा ले रहा था और ओंठो से किस कर रहा था। उसके चूतड़ को मैंने खोल दिया तो कुवारी गांड का भूरा छेद मुझे दिख गया। मेरे लंड को अब इसी में घुसना था। मैं जीभ लगाकर तृषा की गांड को चाटने लगा। फिर से वो कसमसाने लगी। “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” करने लगी।
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मैंने चाट चाटकर उसकी गांड को गर्म किया। फिर अपने 8” लौड़े को फिर से मुठ देने लगा। जब उसकी गांड में लंड डालने लगा तो अंदर ही नही जा रहा था। फिर मैंने ऊँगली में थूक लेकर तृषा की सेक्सी कुवारी गांड पर लगा दिया और अपने लंड के टोपे पर लगा दिया। फिर घुसाने लगा तो लंड 2” अंदर घुस गया। तृषा अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…करने लगी। मैंने कुछ धक्के और दिए तो लंड पूरा 8” जड़ तक उसकी गांड में दफन हो गया। दर्द से तृषा का बुरा हाल था।
मैंने धीरे धीरे उसकी गांड मारना शुरू कर दी। “लगती है जयंत ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह… वो कहने लगी। पर मैं अपने कामे में लगा रहा और गांड चुदाई करता रहा। काफी देर तक उसे मैंने दर्द दिया फिर गांड में ही झड़ गया। जब मैंने अपना लौड़ा निकाला तो सफ़ेद क्रीम से तृषा की भूरी रंग की गांड भरी हुई थी और माल बाहर टपक निकल रहा था। उसके एक दिन हफ्ते तक मेरी दीदी की लड़की तृषा मुझे चुदवाती रही। उसके जैसी सेक्सी खूबसूरत लड़की आजतक नही चोदी मैंने।