Sister Sex
मेरे अमित भैया की नई नई शादी हुई थी। दोस्तों मेरी भाभी बहुत खूबसूरत औरत थी। जिस दिन भैया की सुहागरात होनी थी उस दिन वो भाभी के हुस्न पर पूरी तरह से पागल थे। उन्होंने सारी रात भाभी की चूत मारी थी। धीरे धीरे मेरे भैया भाभी के पीछे पूरी तरह से पागल हो गये है और सारा दिन कमरे में ही घुसे रहते है और भाभी की मस्त मस्त चूत चोदा करते थे। Sister Sex
जैसे ही रात हो जाती थी मैं चुपके से बड़े भैया के दरवाजे पर चली जाती थी और लॉक वाले छेद से मैं सारी चुदाई देख लिया करती थी। धीरे धीरे मुझे भैया भाभी की चुदाई देखने का नशा सा हो गया। रोज रात में मैं भैया के कमरे के दरवाजे पर खड़ी हो जाती और अंदर का सारा चुदाई वाला सीन देख लिया करती थी।
दोस्तों धीरे धीरे मेरा भी चुदने का और मोटा लंड खाने का दिल करने लगा। पर मेरे पास कोई बॉयफ्रेंड नही था। इसलिए मैं अपनी वासना और काम की हवस को शांत करने के लिए खुद ही अपनी चूत में अपनी ऊँगली, मूली और बैगन डाल लिया करती थी और चूत को फेट लिया करती थी।
पर मुझे वो असली वाला मजा नही मिल रहा था। मुझे असली लंड खाने का बड़ा दिल कर रहा था। मैं भाभी की तरह चुदना चाहती थी। और भरपूर मजा लेना चाहती थी। एक शाम भाभी मार्केट गयी हुई थी। मैं उनके कमरे में थी और अपनी एक साड़ी ढूढ़ रही थी।
मेरी भाभी मेरी साड़ी में फाल लगा रही थी इसलिए मैं वही साड़ी लेने आई थी। इत्तेफाक से मैंने भी उस दिन शौक शौंक में साड़ी पहन रखी थी। तभी लाईट चली गयी। उसी समय भैया आ गये और मुझे कमर से पकड़ लिया और प्यार करने लगे। मेरे भैया सोच रहे थे की मैं उनकी बीबी हूँ। वो मुझे किस करने लगे।
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“जान…आओ जल्दी से चूत दे दो। आज बजार में एक बड़ी सुंदर लड़की को देख लिया। बस उसे देखते ही मेरा मूड खराब हो गया। मेरा लौड़ा खडा हो गया है अब मुझे बस तुम्हारी रसीली चूत मारनी है!!” मेरे भैया बोले। उधर मेरा भी लंड खाने का मन कर रहा था इसलिए मैंने कोई आवाज नही निकाली।
वरना अमित भैया मुझे पहचान जाते और मुझे नही चोदते। उन्होंने मुझे पकड़ लिया और धीरे धीरे मेरी साड़ी निकालने लगे। लाईट चली गयी थी इसलिए कमरे में अँधेरा था। भैया मुझे भाभी समझ रहे थे। कुछ देर में उन्होंने मेरी साड़ी निकाल दी और फिर मेरी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी।
मैं बिलकुल चुप थी और कोई आवाज नही कर रही थी। फिर मेरे भैया ने मुझे बिस्तर पर सीधा लिटा दिया और मेरे रसीले होठ चूसने लगे। मैं पिछले कई महीने से भैया को भाभी का गेम बजाते हुए देख रही थी इसलिए मैं भी उनका मोटा लंड खाने के लिए तडप रही थी।
दोस्तों मेरे अमित भैया बहुत ही स्मार्ट और खूबसूरत थे। वो मर्दाना जिस्म के मालिक थे और उसकी मस्त बॉडी बनी हुई थी। उनका लंड तो ९” लम्बा था और बहुत मोटा और रसीला लौड़ा था मेरे भाई का। कमरे में अँधेरा था और वो मुझे भाभी समझ कर मेरे सेक्सी होठ पी रहे थे।
मैं भी उनका पूरा साथ दे रही थी। फिर अमित भैया मेरे उपर आ गये और मेरे दूध को अपने हाथ से दबाने लगे। मैं “मम्मी… मम्मी…. सी सी सी सी.. हा हा हा….. ऊऊऊ…. ऊँ.. ऊँ… ऊँ… उनहूँ उनहूँ..” की आवाज निकाल रही थी। अमित भैया मेरे खूबसूरत मम्मो को जोर जोर से अपने हाथो से दबा रहे थे और फुल मजा ले रहे थे।
मेरे मम्मे बहुत ही खूबसूरत थे। बिलकुल सफ़ेद सफ़ेद और गोरे रंग के थे। अमित भैया जान ही नही पाए की वो अपनी बीबी को नहीं बल्कि अपनी बहन के दूध को दबा रहे है। मुझे भी खूब मजा मिल रहा था। फिर अमित भैया मुंह लगाकर मेरे नशीले दूध को पीने लगे और मजा मारने लगे।
मैं आप लोगो को बता नही सकती हूँ की मुझे कितना मजा मिल रहा था। आज पहली बार मैं किसी मर्द को अपने मस्त मस्त दूध पिला रही थी। मैं भी जवानी के मजे लूट रही थी। अमित भैया मुझे भाभी समझ के मेरी नर्म नर्म कोमल छातियों को चूस रहे थे। उनको बहुत अच्छा लग रहा था।
वो मेरी एक छाती को १० मिनट तक चूसते फिर दूसरी छाती को मुंह में भर लेते है पीने लग जाते। आधे घंटे तक यही खेल चलता रहा। अधेरे में मेरा हाथ उनके लंड से टकरा गया तो मैं जान गयी की उनका लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका है और मुझे चोदने के लिए बिलकुल तैयार हो गया है। मेरे सगे भैया ने मेरी दोनों नर्म मुलायम छातियों को बहुत देर तक चूसा।
“जान….मेरे लौड़े को अपने हाथ से फेटो!!” अमित भैया बोले.
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और मेरे हाथ में उन्होंने अपना ९” का मोटा और रसीला लंड पकड़ा दिया। आज पहली बार मैंने किसी असली लौड़े को हाथ में लिया था। इससे पहले तो मैं बस मूली, गाजर, बैगन को ही हाथ में लेती थी पर आज मुझे अमित भैया का असली लंड हाथ में लेने का मौक़ा मिला था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं जल्दी जल्दी उसके लौड़े को फेटने लगी। अमित भैया आआआआअह्हह्हह…. करने लगे। फिर मैं जल्दी जल्दी अमित भैया का लंड फेट रही थी। मेरा उनका लंड चूसने का बड़ा मन कर रहा था क्यूंकि मेरी भाभी रोज रात में मेरे भैया का लंड चूसती थी।
इसलिए आज मेरा भी भैया का लंड चूसने का बड़ा मन कर रहा था। मैंने भैया को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके उपर लेट गयी और उनका लंड चूसने लगी। उनको बहुत अच्छा लग रहा था। मेरे ताजे गुलाबी होठ उनके लंड पर जल्दी जल्दी उपर नीचे हो रहे थे।
अमित भैया के हाथ मेरी बड़ी बड़ी ३६” की छातियों पर चले आये थे और वो मेरे बूब्स को हल्का हल्का दबा रहे थे। मैं उनके लौड़े को मुंह में लेकर चूस रही थी। और हाथ से जल्दी जल्दी फेट भी रही थी। कुछ देर बाद तो मुझे बहुत जादा मजा मिलने लगा और मैं जल्दी जल्दी अमित भैया का लंड चूसने लगी और हाथ से फेटने लगी।
उनको सेक्स और चुदाई का भरपूर नशा चढ़ गया था। वो हाथ ने मेरी निपल्स को घुमा रहे थे और ऊँगली से ऐठ रहे थे। ऐसा करने से मुझे सेक्स का नशा चढ़ रहा था। फिर मैं बिलकुल से पागल हो गयी और अमित भैया के लौड़े को मैं लील जाना चाहती थी।
इसलिए मैं जल्दी जल्दी उनके लंड को चूस रही थी। भैया का सुपाड़ा तो बहुत खूबसूरत था और काफी नुकीला था। दोस्तों मैंने आधे घंटे तक अमित भैया का लंड चूसा। आज मैं किसी देसी रंडी की तरह पेश आ रही थी। फिर अमित भैया ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे दोनों पैरों को उसने अपने कंधे पर रख दिया।
फिर उन्होंने मेरी चूत के दरवाजे पर अपना लंड रखा और जोर से धक्का मारा। उनका ९” का रसीला लौड़ा मेरी चूत में उतर गया और अमित भैया दनादन मुझे चोदने लगे. इससे पहले मैं अपनी बुर को बैगन और गाजर से चोद लिया करती थी। पर उसमे वो मजा नही आता था जो आज मैं उठा रही थी।
मेरे सगे अमित भैया मुझे गच्चक गचाक चोद रहे थे। मैं “आआआअह्हह्हह…… ईईईईईईई…. ओह्ह्ह्हह्ह…. अई.. अई.. अई…. अई.. मम्मी….” बोल बोलकर चिल्ला रही थी। भैया मुझे भाभी समझ के पेल रहे है। मुझे बहुत जादा यौन उतेज्जना महसूस हो रही थी।
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मैं अपने अमित भैया को सीने से चिपका लिया था और मजे से चुदवा रही थी। मैं किसी तरह का नाम नही ले रही थी वरना अमित भैया जान जाते की मैं उनकी बीबी नही बल्कि सगी बहन हूँ। वो चुदाई के नशे में बार बार मेरे गोरे चिकने गालों पर काट लेते थे और मुझे दनादन चोद रहे थे।
मैं पूरी तरह से उनके कब्जे में थी और उन्होंने मुझे दोनों हाथों से कसकर पकड़ रखा था। अमित भैया का लंड इतना मोटा था की जब वो अंदर मेरी चूत में जाता था जो मैं आगे की तरफ खिसक जाती थी। वो जल्दी जल्दी मुझे चोदकर मेरी बुर फाड़ रहे थे।
मैं अँधेरे में मजे से अपने सगे भैया से चुदवा रही थी और जन्नत का मजा ले रही थी। आज मेरी चूत चुद गयी थी और आज पहली बार मैंने असली लंड खा लिया था। कुछ देर बाद बड़े भैया को और जादा जोश चढ़ गया और वो मेरे दूध पीते पीते मुझे बजाने लगे। मुझे बहुत मजा मिल रहा था।
एक तो वो मेरे नर्म स्तनों को पी और चूस रहे थे और उधर मेरी चूत में जल्दी जल्दी लंड सरका रहे थे। मैं “उ उ उ उ उ अअअअअ आआआआ सी सी सी सी ऊँ ऊँ ऊँ बोल बोलकर चुदवा रही थी। कुछ देर बाद अमित भैया का माल छूट गया और उन्होंने मेरे भोसड़े में ही अपना माल गिरा दिया।
मैंने उनको सीने से लगा लिया और उनके होठ चूसने लगी। दोस्तों १० मिनट बाद अमित भैया का लंड फिर से खड़ा हो गया था। वो मेरी चूत पर आ गये और मेरी चूत पीने लगा। वो मुंह लगाकर मेरी हसीन बुर को चाट और चूस रहे थे। मेरे चूत के दाने को वो बार बार अपनी जीभ से चाटते थे और छेड़ते थे।
मुझे चूत में सनसनी लग रही थी। फिर अमित भैया मेरी चूत के होठो को जीभ से चाटने लगे। मैं पागल हो रही थी। मैं चुदाई के नशे में उनके सिर को बालों को अपने हाथ से नोच लिया। अमित भैया बहुत ही एक्सपर्ट आदमी थे।
उनको मालुम था की एक खूबसूरत लड़की की खूबसूरत चूत को किस तरह से अच्छे से चाटा जाता है। वो जल्दी जल्दी मेरी चूत पर अपनी जीभ हिलाने लगे। मैं बेकाबू हुई जा रही थी। मेरी चूत में आग लग गयी थी। जैसे मेरी चूत जल रही हो।
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फिर अमित भैया ने अपनी ३ उँगलियाँ मेरी चूत में डाल दी। मैंने अपनी गांड हवा में उपर उठा दी। क्यूंकि मुझे बड़ा अजीब लग रहा था। अमित भैया आज बड़े कायदे से मेरी चूत का शिकार कर रहे थे। वो मेरी चूत को अपनी ३ उँगलियों से चोद रहे थे।
मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” बोल बोलकर चिल्ला रही थी। मुझे लग रहा था की मैं मरजाउंगी। अमित भैया की ३ लम्बी उँगलियाँ जल्दी जल्दी मेरी बुर को चोद रही थी। फच्च फच्च की पनीली आवाज मेरे गुलाबी भोसड़े से आ रही थी।
मेरी तो दोस्तों जान ही निकल रही थी। मैं बार बार अपने पेट और कमर को उपर उठा देती थी। क्यूंकि मुझे बहुत तेज यौन उतेज्जना महसूस हो रही थी। अमित भैया ने ४० मिनट मेरी चूत को अपनी ऊँगली से चोदा और भरपूर मजा लिया।
इसी बीच मेरे सब्र का बाँध आखिर टूट गया और मेरी चूत का पानी झर्र झर्र निकलने लगा। शायद अमित भैया मेरी चूत का पानी पीना चाहते होंगे। वो अभी भी नही रुक रहे थे और मेरी चूत में से पानी निकाल रहे थे और मुंह में लेकर पी रहे थे। मेरी चूत में खलबली मच गयी थी।
मेरा तो बुरा हाल था। फिर अमित भैया ने मेरी दोनों टांगो को खोल दिया और अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया और मुझे ह्पाहप चोदने लगे। ये मेरा दूसरा राउंड था। अमित भैया इस बार मेरे सेक्सी पतले पेट को सहला रहे थे और मेरी चूत को बजा रहे थे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वो मेरे उपर लेते हुए थे और मेरी चूत बजा रहे थे। मैं उनकी गिरफ्त में थी। उनका पेट मेरे छरहरे पेट से लड़ रहा था जिससे चटर चटर की आवाज हो रही थी। एक बार फिर से अमित भैया विराट कोहली की तरह मेरी चूत की पिच पर अपने लौड़े से बैटिंग कर रहे थे।
मैं एक बार फिर से चुद रही थी। और अपने सगे भाई का लंड खा रही थी। आज तो अमित भैया ने मेरी रसीली और चिकनी बुर फाड़कर रख दी थी। मैं “…….उई.. उई.. उई…… माँ…. ओह्ह्ह्ह माँ…… अहह्ह्ह्हह…” की आवाज निकाल रही थी।
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अमित भैया का लंड बड़ी आराम से सट सट मेरी गुलाबी चूत में सरक रहा था। मैं मजे से चुद रही थी। मैंने जोश में आकर अपने नाख़ून अमित भैया की पीठ में गड़ा दिया था। हम दोनों भाई बहन गरमा चुदाई का मजा ले रहे थे। अमित भैया बार बार मेरी चिकनी जांघो को सहला रहे थे। मैं उनके सामने पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी। वो मेरे पुरे जिस्म को अपने हाथ से सहला रहे थे। मैं बहुत गजब का चिकना माल थी। आज मेरे सगे भाई ही मेरे साथ सम्भोग कर रहे थे। मेरी चिकनी और सेक्सी योनी में उनका लंड घुसा हुआ था और मुझे जल्दी जल्दी चोद रहा था।
मैं तो जैसे सातवे आसमान की सैर कर रही थी। अमित भैया तो एक भी सेकेंड के लिए रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। मुझे जल्दी जल्दी वो चोद रहे थे। ऐसा लग रहा था की वो कोई कद्दू काट रहे है। कुछ देर बाद उनका बदन अकड़ने लगा और उन्होंने अपना पानी मेरी चूत में ही छोड़ दिया। उसके बाद मैं बड़ी देर तक उनका लंड चूसती रही। जब मैं चुदवाकर चली आई तो लाईट आ गयी। कुछ देर में मेरी भाभी बाजार से आ गयी। मेरे भैया अपने कमरे में पूरी तरह से नंगे होकर लेटे थे। जब अमित भैया ने भाभी को देखा तो बिलकुल चौंक गये।
“तुम कहाँ गयी थी????” अमित भैया से हैरान होकर पूछा.
“मैंने तो ३ घंटे से बजार गयी थी कुछ समान खरीदना था!!” भाभी बोली.
उसके बाद भैया जान गये की उन्होंने गलती से मुझे अपनी बीवी समझ कर चोद लिया है। पर ये बात उन्होंने भाभी को नही बतायी। आज भी मुझे अपने अमित भैया की ठुकाई बार बार याद आती है।