Vacation Sex Story
पहले मैं आपको अपना परिचय देता हु. मैं वैसे तो नागपुर का रहने वाला हु लेकिन फिलहाल मैं औरंगाबाद में जॉब होने के कारण हॉस्टल में रहता हु. मेरा नाम जितेन्द्र है. मेरी आगे २६ साल है. मेरी हाइट ५’११” है. यह स्टोरी मेरी और मेरे मामा की लड़की की है. जिसके साथ मैंने पहली बार चुदाई की. Vacation Sex Story
मेरे मामा के लड़की का नाम आशा है. वो मेरे से ४ साल छोटी है. अभी कुछ महीने पहले ही उसकी शादी हुई है. बचपन से ही मैं उसको चाहता था और वो भी मुझे चाहती थी. हम साथ साथ ही पले और बड़े हुए. जब भी मैं मामा के गांव जाया करता था तो वह हमेशा मेरे साथ ही समय बिताया करती थी.
हम दोनों अकेले घूमने जाया करते थे. हमें जब भी मौका मिलता हम एक दूसरे को किस करते. मैं उसके मिडी ऊपर करके उसके चूत में ऊँगली डाला करता और वो बेकरार हुआ करती तो मैं उसको छेड़ा करता. हमारा बचपन बहुत अच्छा गुजरा. हम हमेशा एक साथ सोते थे.
मैं ड्राइंग में बचपन में अच्छा था. मैं हमेशा कुछ न कुछ ड्राइंग बनाया करता. एक दिन उसने मुझे उसकी ड्राइंग बनाना को कहा. हम दिवाली की छुट्टियां होने के कारण मामा के गांव गए थे. मैं उस वक़्त बरमूडा पहनता था. एक दिन शाम को मैं हमेशा की तरह ड्राइंग बनाने लगा.
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शाम का समय होने के कारण मेरी माँ एंड मामी बाजार गए थे और मामा और मेरे पिताजी बाहर घूमने गए थे. घर पर मेरी नानी मेरा बड़ा भाई मैं और मामा की लड़की आशा थी. मैं सोफे के ऊपर बैठा था और पैर सामने वाले टेबल पर पैर रखे हुए ड्राइंग बनाने लगा.
मेरे सामने वाले चेयर पर ही मेरे मामा की लड़की बैठी थी. उसने मुझे कहा की क्या कर रहे हो. तो मैंने जवाब में कहा की कुछ नहीं ऐसे ही ड्राइंग बना रहा हु. वह मेरे पास आके बैठ गई और मुझसे बोलने लगी की मेरी भी ड्राइंग बना दो. मेरे मना करने पर वो नाराज हो गई और मेरे हाथ से मेरा पेपर छीन लिया.
तो मैंने उसे उसकी तस्वीर लाने को कहा. वह अपनी तस्वीर लेके मेरे पास आई. और मेरे बाजु में मुझसे चिपक कर बैठ गई मैंने बरमूडा होने के कारण पैर टॉवल से धक् दिए थे. मैं अपने गोदी में तकिया लेकर उसपर पेपर रखकर ड्राइंग बनाना शुरू किया. मैं उसकी ड्राइंग बना रहा था.
कुछ देर बाद मुझे तकिये के निचे से कुछ होने का अहसास हुआ लेकिन मैंने नजरअंदाज कर दिया. थोड़ी देर बाद फिर से तकिये के निचे से मेरे पैरो पर कुछ होने का अहसास हुआ मैंने तकिये के निचे हाथ डालकर देखा तो मेरे मामा की लड़की का हाथ था.
वह अपना हाथ मेरे बरमूडा के अंदर डालने की कोशिश कर रही थी. मैंने उसे कहा की क्या कर रही हो. तो उसने जवाब दिया कुछ नहीं. मैं फिर से ड्राइंग बनाने लगा कुछ देर बाद फिर से उसने तकिये के निचे से मेरे बरमूडा के अंदर हाथ डाला. इस बार उसका हाथ मेरे अंडरवियर पर घूम रहा था.
उसके छूने से मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया था. मुझे कुछ अजीब सी फीलिंग हो रही थी. मैं ड्राइंग बनाने पर कंसन्ट्रेट नहीं कर सका. मुझे उसके हाथो का स्पर्श बहुत अच्छा लग रहा था. मैंने भी अपना हाथ उसके स्कर्ट के निचे से उसकी टांगों पर फिरा रहा था. मेरे उसके टांगो पर हाथ घूमने से वो इतनी गरम हो गई की उसने स्कर्ट के अन्दर ही मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे हाथ को अपने चूत पर रख दिया.
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सच बताऊँ तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. मैंने धीरे धीरे अपना हाथ उसके चूत के ऊपर से घूमाने लगा. कुछ देर बाद मुझे मेरे हाथ को कुछ गिला चिपचिपा होने का अहसास हुआ तो मैंने देखा की मेरे बार बार छूने से वो इतनी गरम हो गइ थी की उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया था.
वह मुझसे बोलने लगी कि तुम मेरी चूत में ऊँगली डालो. लेकिन हॉल सामने ही होने से मैंने उसे ऊपर वाले बेडरूम में चलने को कहा. पहले वो गई और उसके बाद मैं ऊपर वाले बेडरूम में गया. मेरे रूम में जाते ही उसने दरवाजा बंद कर लिया और मुझे पकड़कर मेरे होंठो को चूमने लगी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मेरी भी जीभ उसके मुँह में घूमने लगी. हम एक दूसरे के होंठो को करीब दस मिनट तक ऐसे से चूसते और एक दूसरे को चूमते रहे. थोड़ी ही देर में वो फिर से गरम हो गई. तब तक उसने अपनी स्कर्ट उतार दी थी. एक दूसरे को चूमते वक़्त उसका हाथ मेरे बरमूडा के ऊपर घूमने लगा और उसने खींचकर मेरा बरमूडा निचे खींच दिया.
मेरा लंड चड्डी के अंदर फनफना रहा था. उसने मेरी अंडरवियर भी उतार दी. तब तक मैंने उसका शर्ट भी उतार दिया था. उसके उरोज चूमते हुए मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी. अब मैं उसके सामने और वो मेरे सामने बिल्कुन नंगे खड़े थे. हम एक दूसरे को चिपके हुए किस कर रहे थे.
मेरा हाथ कभी उसके बूब्स पर तो कभी उसके चूत पर घूम रहा था. चूत पर हाथ घूमाते हुए मैंने अपनी ऊँगली उसके चूत में डाल दी वो सिसक पड़ी अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह… मैं उसे बेड पर ले गया और फिर से उसको चूमने लगा. मेरा लंड उसकी चूत पर झटके मार रहा था.
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किस करने से वो इतनी गरम हो गई थी की उसकी चूत ने और मेरे लंड ने दोबारा पानी छोड़ दिया. उसकी चूत का पानी निकलने की वजह से उसकी चूत और भी चिकनी लग रही थी. तब मैंने नीचे आते हुए उसके बूब्स चूसने लगा. उसके बूब्स चूसने लगा और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैं उसकी चूत में ऊँगली कर रहा था.
वो जोर जोर से सिसक रही थी और मेरा लंड चुत में डालने के लिए बोल रही थी. तब मैंने उससे कहा कि तुम घोड़ी की तरह खड़ी हो जाओ और मैं तुम्हारे चूत में पिछे से लंड डालता हु. वो तैयार हो गई. वो घोड़ी की तरह खड़ी हो गई. मैं उसके पीछे गया और उसके चूत में मेरा लंड डालने की कोशिश करने लगा. बहुत मुश्किल से मेरा लंड उसकी चूत में सिर्फ १” इंच तक ही जा पाया.
मैंने जोरदार एक धक्का मारा तो वो जोर से चिल्ला उठी आईईईईईईई मररररररर गईईईईईईई निकाकाकाकालोलोलोलो अपना लंडडडडड…. बहोत्ततत्तत्त दर्द होओओओओओओ रहा है. मैंने उससे कहा की बस थोड़ी देर बाद में बहुत मजा आएगा. मेरा लंड उसकी चूत में ४” इंच तक घुस चुका था और ३” इंच बाहर था. मैंने स्पीड कम कर दी और जब उसका दर्द कम हुआ तो मैंने फिर से एक जोरदार धक्का मारा.
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और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा चुका था. वो फिर से जोर से चिल्ला उठी. इस बार मैंने मेरा हाथ उसके मुँह पे रख दिया ताकि वो चिल्ला न सके. मैं थोड़ी देर वैसे ही धीरे धीरे धक्के मारता रहा. और जब वो मस्त होने लगी तो मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी. अब उसको भी मजा आने लगा. वो मुझे बोल रही थी और जोर से चोदो जोर से अह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह बहुत मज़ज़ज़ज़ज़ा आआआआअ राहा आआआ है. अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह और जोर से चोदो राजजजजजा प्लेईईईज और जोररररररररर से.
करीबन २० मिनट की चुदाई के बाद मैं झड़ गया. इस दौरान वो २ बार झड़ चुकी थी. मैं कुछ देर थकावट के कारण उसके बाजू में लेता रहा. थोड़ी देर बाद फिर से मैंने उसकी चुदाई की. उस दिन मैंने पहली बार उसको चोदा और ये चुदाई करीबन १ घंटे तक चली. और ये हमारा हमेशा का सिलसिला हो गया. जब भी वो मेरे गाँव आती या फिर मैं उसके गांव जाता तो हम जी भरकर चुदाई करते थे. शादी के बाद उससे मुलाकात नहीं हो सकी क्योकि उसकी शादी के वक़्त मैं औरंगाबाद में था.
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