College Girl Sex Life
मेरा नाम अनीशा यादव है। मै देवरिया में रहती हूँ। मेरी उम्र 21 साल है। मेरी कद 5 फुट 3 इंच है। मेरी बदन खूब गोरी है। मेरी हिप्प निकली हुई है। मेरी चूत खूब चिकनी और गोरी है। मेरे गाल एक दम लाल लाल टमाटर की तरह हैं। मेरे बूब्स उछल उछल के धमाका करते रहते हैं। College Girl Sex Life
संतरे की तरह मेरी बूब्स को देख बच्चे बूढ़े जवान सब इसको चूसकर मजा लेना चाहते हैं। कुछ लोगो को ही अब तक मेरी चूत का दर्शन हो पाया हैं। अभी अभी ही तो मैं जवान हुई हूँ। मेरे बॉयफ्रेंड ने अब तक अपने छोटे लौड़े से मेरी कई बार चुदाई की है। मेरा फ्रेंड 18 साल का थी। तभी से चोदकर कर मेरी चूत की प्यास बुझाते था।
लेकिन अब मैं बड़ी हो गयी हूँ। कई सारे लड़के मेरे पीछे घुमते रहते हैं। मेरी मटकती गांड को देख कर अप डाउन बोलते रहते है। मुझे भी चुदवाने में बहुत मजा आता है। मुझे चोदने को लड़के बेकरार रहते है। मेरी खूबसूरती के आगे टीचर भी अपना लंड खड़ा करके सलाम करता हैं। टीचर भी मुझे मौका पाते ही छू लेते है। कई टीचर तो मेरी बूब्स को दबा देते हैं।
दोस्तों मै अब अपनी कहानी पर आती हूँ। दोस्तों मैं एक मिडिल परिवार की लड़की हूँ। मेरे पापा का खुद का बिज़नस है। मैं सिर्फ दो बहन हूँ। मेरी दीदी की शादी हो गई। वो अपने ससुराल रहती हैं। मेरा दो भाई है। मुझे मेरे पापा ने तैयारी के लिए लखनऊ भेजा था। मैं एक साल से लखनऊ में तैयारी कर रही थी। एक साल बाद मुझे फिर से तैयारी करनी थी।
लेकिन घर की स्थिति ठीक न होने के कारण पापा मुझे घर आने को बोल रहे थे। मैंने पापा से आने को मना कर दिया। दूसरे दिन मैं डाइरेक्टर सर के ऑफिस में गई। डायरेक्टर सर का मुँह मुझे देखकर खुला का खुला रह गया। उन्होंने मुझे अपने सामने रखी कुर्सी पर बैठने को कहा। मैंने अपनी सारी प्रॉब्लम सर को बताई। उनका नाम दीपक था।
दीपक सर मुझे घूर घूर के देख रहे थे। मुझे बहुत डर लग रहा था। उन्होंने कहा तुम्हारी फीस माफ़ हो सकती है। लेकिन मेरी एक शर्त है। मैंने उनकी शर्त सुनी तो मै चौक गई। उन्होंने उस रात अपने घर पर बुलाया था। मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। मैंने रात तक सोचने के बाद दीपक सर के घर रात को 8 बजे पहुँची।
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दीपक सर मेरा ही इंतजार कर रहे थे। दीपक सर के अलावा उनके घर पर कोई नहीं था। दीपक सर से पूंछा तो बताया। मम्मी पापा गांव पर ही रहते हैं। अभी उनकी शादी नहीं हुई थी तो कोई और घर पर कोई नहीं था। मुझे अंदर ले जाकर दीपक सर ने मुझे चुदवाने को कहने लगे। उन्होंने कहा बहुत दिनों की प्यास है मेरी।
तुम मेरी चुदाई की प्यास बुझा दो मै तुम्हारी फीस माफ़ कर दूंगा। मैंने सर से विनती की लेकिन वो बस यही बात कहते रहे। मुझे भी चुदने का मन हो रहा था। मैंने दीपक सर का तना हुआ लंड पैजामे से घूर रहा था। दीपक सर कक लंड काफी बड़ा और मोटा लग रहा था। मैंने दीपक सर से हाँ बोल दिया।
दीपक सर मुझे अपनी बाहों में पकड़ कर उठा लिया। मुझे पकडे हुए मेरी गालो पर किस करने लगे। मै भी अब चुदने के लिए बेकरार होने लगी। दीपक सर मेरी गालो से लेकर गले तक को चूम रहे थे। मुझे दीपक सर का लंड चुभ रहा था। दीपक सर मुझे खड़े खड़े चूम रहे थे।
दीपक सर मेरी होंठ पर अपना होंठ रख कर जम के चुसाई कर रहे थे। मै भी दीपक सर का साथ दे रही थी। दीपक सर मेरा बाल पकड़ कर मेरी होंठो को चूम चूम कर चूस रहे थे। मेरी गुलाबी गुलाब जैसी होंठो को चूस चूस कर और ज्यादा गुलाबी कर दिया। मै भी दीपक सर के होंठ की जबरदस्त चुसाई कर रही थी।
दीपक सर को बहुत मजा आ रहा था। वो मेरी मुह में मेरी जीभ को चूस रहे थे। मैंने भी दीपक सर की तरह किया। मैंने भी उनकी होंठो से लेकर जीभ तक को चूसना शुरू किया। दीपक सर मेरी बूब्स पर अपना हाथ रख कर दबाने लगे। मुझे अब और ज्यादा चुदने का मन करने लगा।
दीपक सर मेरी गांड में ऊपर से ही धक्का मार रहे थे। मेरी चूंचियों दबाते दबाते मुझे दीपक सर किस कर रहे थे। कभी कभी वो मेरी बूब्स जोर से दबा देते। मेरी मुँह से सी… सी…सी….सी ….इस्स… स्स… स्स निकल जाता था। दीपक सर ने मुझे अपने बेडरूम में जाकर मुझे अपने बेड पर लिटा दिया। मेरे ऊपर खुद चढ़ गए।
मेरी चूंचियों को किस करते हुए। दीपक सर मेरी चूत को जीन्स के ऊपर से ही किस करने लगे। मै धीऱे धीऱे गरम हो रही थी। मुझे किस करते हुए खड़ी कर दिया। दीपक सर मेरी टी शर्ट निकाल दी। मैंने उस दिन सफ़ेद रंग की टी शर्ट और ब्लू रंग की जीन्स पहनी थी।
मेरी गांड जीन्स में उभरी उभरी दिख रही थी। मेरी टाइट ब्रा में कसी हुई चूंचियों को दीपक सर निहारने लगे। मै काले रंग की ब्रा में बहुत ही हॉट लग रही थी। मुझे ब्रा में देख कर दीपक सर कहने लगे। तू तो और भी सेक्सी लग रही है। तुझे तो कोई पोर्न स्टार होना चाहिए। दीपक सर मेरी चूंचियों को सहलाने लगे।
दीपक सर का तना लंड मै अपनी हाथों से छूने लगी। दीपक सर और उत्तेजित होकर मेरी चूंचियों को किस करते हुए दबाने लगे। मेरी चूंचियों को ब्रा सहित अपने मुँह में भर लिया। मेरी ब्रा की पट्टियों को खिसकाते हुए पीछे अपना हाथ करके मेरी ब्रा की हुक खोलने लगे।
मेरी ब्रा की हुक फंसी हुई थी। दीपक सर मेरी पीठ पर किस करते हुए। मेरी ब्रा को निकाल कर रख दिया। दीपक सर मेरी आगे आके मेरी मुसम्मी का रस पीने लगे। मेरी गोरी गोरी मक्खन की तरह मेरी चूंचियों का रस निचोड़ रहे थे। मुझे बहुत मजा आ रहा था। मैं भी दीपक सर को कस के पकडे हुई थी।
दीपक सर मेरी चूंचियो को पीते पीते मेरे भूरे निप्पल को काट रहे थे। उनके बीच बीच में निप्पल काटते ही मेरी मुह से सी…सी…सी… सी…सी..इस्स. सुह्ह निकल जाती। दीपक सर मेरी चूंची को अच्छे से पी रहे थे। मेरी चूत में अब जोर जोर से खुजली हो रही थी। मै अपना हाथ जीन्स में डालकर चूत में उंगली कर रही थी।
दीपक सर ने मेरी जीन्स से बेल्ट को खोलकर निकाल दिया। मेरी जीन्स का बटन खोलकर मेरी जीन्स निकाल कर मुझे पैंटी में कर दिया। मुझे पैंटी में देखकर दीपक सर बहुत ही उत्तेजित होकर जल्दी से अपना पैजामा निकाल कर फेंका। उनका लंड अंडरवेअर में तना खड़ा था। लग रहा था जैसे अंडरवेअर फाड़ के अभी बाहर कूद आएगा।
दीपक सर का बड़ा मोटा लंड देखकर अंदर से मेरी चूत धुक धुक करने लगी। मुझे अपनी चूत की फिक्र होने लगी। दीपक सर मेरी पैंटी को निकाल कर सूंघने लगे। मेरी पैंटी को सूंघते ही दीपक सर का लंड अंडरवेअर में उछलने लगता। दीपक सर ने मेरी दोनों टांगो को खोलकर मेरी चूत के दर्शन किया।
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मेरी चूत को देखकर वो चाटने को टूट पड़े। जैसे बिस्किट को देखकर कुत्ते टूट पड़ते है। दीपक सर मेरी चूत को अपनी पूरी जीभ लगा कर चाट रहे थे। जैसे मेरी चूत पर चॉकलेट लगा हो। बड़े ही मजे ले ले कर मेरी चूत चूस चाट रहे थे। मै गरम गरम साँसे छोड़ रही थी। मै दीपक सर को अपने चूत में दबा रही थी।
मेरी दबाते ही दीपक सर मेरी चूत को अच्छे से पीने लगते थे। मुझे अपनी चूत का रस छोड़ना ही पड़ा। जिसका दीपक सर इंतजार कर रहे थे। मेरी चूत का रस निकलते ही दीपक सर सब चाट पोंछ कर साफ़ कर दिया। दीपक सर अपनी जीभ मेरी चूत में डालकर चूत की चटाई कर रहे थे।
दीपक सर ने मेरी चूत के दाने को को होंठो से पकड़ पकड़ के खींच कर खेल रहे थे। मुझे बहुत मजा आ रहा था। दीपक सर ने मेरी चूत को चाट चाट कर काट रहे थे। चूत को काटते ही मेरी जान निकल जाती। दीपक सर मेरी चूत में दो उंगलियों को डाल रहे थे। अपनी दोनों अंगुलियां अंदर बाहर करके मुझे तड़पा रहे थे।
दीपक सर बार बार अपनी अंगुलिया मेरी चूत में अंदर बाहर करके निकाल कर चाट रहे थे। मेरी चूत का सारा माल निकाल कर चाट लिया। मैंने भी दीपक सर का कच्छा निकाला। फिर मैने दीपक सर के लौड़े का दर्शन किया। इतना बड़ा और मोटा लंड का दर्शन मुझे सिर्फ ब्लू फिल्मो में होता था। आज मुझे रियल में दर्शन करके बहुत अच्छा लग रहा था।
मुझे दीपक सर ने अपना लौड़ा पकड़ा दिया। मै उनके लौडे को आगे पीछे करने लगी। देखते ही देखते उनका लौड़ा और बड़ा और मोटा हो गया। मैंने अपने मुँह में लौड़े का टोपा लेकर चूसने लगी। दीपक सर ने मेरी बाल पकड़ कर मेरी मुँह में टोपे से ज्यादा लौड़ा घुसा दिया। मैं लौड़े को आइसक्रीम की तरह चूस रही थी। बीच बीच में मुठ भी मार देती।
दीपक सर भी चोदने को उत्तेजित हो रहे थे। मेरी मुँह में ही हो अपना लंड अंदर बाहर कर रहे थे। दीपक सर का बड़ा मोटा लंड मेरी गले तक अंदर जा रहा था। मेरी सांस फूलने लगती थी। मैंने अपनी मुँह से लंड को बाहर निकाल दिया। चैन से सांस ले ही रही थी।
इतने में दीपक सर ने मुझे लिटाकर मेरी टांगों को फैला दिया। अपना बड़ा सा लंड हिलाते हुए मेरी चूत की तरफ बढे। मेरी चूत धुकुर धुकुर होने लगी। मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ते हुए। मेरी चूत को और गरम कर रहे थे। दीपक सर अपना गरम लंड मेरी चूत पर अच्छे से जोर जोर से रगड़ रहे थे।
मेरी चूत अब उनका मोटा लंड खाने को तैयार ही गई। मै बहुत ही गरम हो चुकी थी। मेरी मुँह से कुछ आवाज ही नही निकल रही थी। मैंने अपनी हाथ से उनके रगड़ते लंड को पकड़ कर अपनी चूत में डालने लगी। दीपक सर समझ गए की मैं चुदवाने को बेकरार हूँ। उन्होंने मेरी चूत के दाने पर अपना लंड रगड़ते हुए।
मेरी चूत में अपने लंड को डालने की कोशिश की। मेरी चूत बहुत टाइट थी। उनका लंड बाहर ही रह गया। छोटे लंड से खेलते आयी मेरी चूत का सामना आज बड़े लंड से हो रहा था। मेरी चूत तो लंड को देखते ही फट गई थी। दीपक सर ने बेड पर रखे तेल को थोड़ा सा अपने लंड पर और थोड़ा सा मेरी चूत के छेद में डाल दिया।
दीपक सर के तेल लगाने पर भी लंड को चूत में अन्दर डालने की कोशिश बेकार जा रही थी। ग़ुस्से में आकर दीपक सर ने जोर से धक्का मारा इस बार मेरी चूत फट गई। उनके लंड का टोपा मेरी चूत में घुस गया। मै जोर जोर से “ मम्मी….मम्मी..सी सी सी सी- हा हा हा ….ऊऊऊ ..ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ…” ओह्ह…ओह्ह.. करने लगी।
मेरी चूत में सर का लंड घुसा रहा था। दीपक सर का लंड मेरी चूत को चीरता हुआ अंदर घुस रहा था। मेरी चूत सिकुड़ फ़ैल रही थी। मै दर्द से अपनी चूत को अपनी हाथों से मसल रही थी। मेरी चूत का का दर्द कम होने लगा। दीपक सर अपना लंड मेरी चूत में पूरा का पूरा घुसा रहे थे। मुझे अब चुदने में बहुत मजा आ रहा था।
दीपक सर का बड़ा लंड मेरी चूत को लगातार चीरता रहा। मेरी चूत को दीपक सर का लंड आने जाने भर का फाड़ चुका था। मेरी चूत दीपक सर का पूरा लंड अंदर तक ले रही थी। मैं भी कमर उठा उठा के चुदवा रही थी। दीपक सर भी अपनी दोनों गोलियों को मेरी गांड में टन टन लड़ा रहे थे।
मुझे अब चूत के दर्द में भी चुदवाने में मजा आ रहा था। दीपक सर धक्के पर धक्का मार कर मेरी चुदाई कर रहे थे। दीपक सर ने मुझे उठा के झुका दिया। मेरी चूंचियां लटकने लगी। पीछे से अपना लंड मेरी चूत में डालकर मुझे खड़ा होकर चोदने लगें। मेरी चूत बार बार अपना पानी छोड़ रही थी।
मेरी चूत गीली होने से उनका लंड जल्दी जल्दी घुसता था। मै एक हाथ से अपनी चूंचियो को दबा दबा कर अपने होंठ काट रही थी। दीपक सर का लौड़ा खाकर मेरी चूत की खुजली अच्छे से शांत होने लगी। मै “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ …ऊँ…ऊँ…ऊँ सी सी सी सी…हा हा हा…ओ हो हो…” करके चुदवा रही थी।
दीपक सर ने मेरी चूत को फाड़ कर उसका भरता बना रहे थे। मेरी चूत चोदते चोदते अचानक मेरी गांड के छेद पर अपना लंड रख दिया। दीपक सर मेरी गांड में अपना लंड घुसाने लगे। इतनी देर बाद अभी चूत का दर्द आराम हुआ था। कि वो एक दर्द और देना चाहते थे।
मैंने मना किया वो नहीं माने। अपना लंड मेरी गांड में घुसा दिया। अब चूत के साथ साथ मेरी गांड भी फाड़ डाली। मै फिर से जोर जोर से चिल्लाने लगी। “ओह्ह माँ—-ओह्ह माँ…मर गई …मेरी…आह गांड उ उ उ उ उ…अ अ अ अ अ आ आ आ आ..” कहते हुए चिल्ला रही थी। दीपक सर थक के लेट गए। मुझे अपने मीनार जैसे लंड पर बिठा लिया।
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मै धीऱे धीऱे से अपनी गांड को मरवा रही थी। मैं दर्द कम होते ही उनके लंड पर उछलने लगी। दीपक सर का पूरा लंड मै ऊपर नीचे होकर अंदर तक ले रही थी। दीपक सर मेरी गांड को अपने हाथों से उठा उठा कर मार रहे थे। मैंने अपने गांड से लंड निकाल कर अपनी चूत में डाल लिया। फिर मैं दीपक सर के ऊपर लेट कर अपनी कमर उठा उठा कर चुदने लगी। दीपक सर उठे और मेरा एक टांग उठा कर चोदने लगे।
दीपक सर की चोदने स्पीड बढ़ती ही जा रही थी। दीपक सर ने झट से मेरी टांग नींचे करके मुझे बिठा दिया। मेरी चूंचियो को छुआ करके मुठ मार रहे थे। दीपक सर का लौड़ा अकड़ने लगा। उन्होंने अपना लंड मेरी मुँह में रख दिया। मेरी मुँह में गरमा गरम ताजा ताजा माल गिरा दिया। मैंने उनका सारा माल पी लिया। दीपक सर बेहाल होकर लेट गए। मुझे भी चिपका लिया। रात भर हम दोनों लोग खूब मजे किये। मेरी फीस भी माफ़ हो गई। मुझे दीपक सर ने अपने घर में ही रख लिया। हम दोनों पति पत्नी की तरह से रहते हैं। मैं अब हर रोज दीपक सर के लंड से खेलती हूँ।