Chut Pahla Sex
मेरा नाम मयंक है। मैं 25 साल का जवान मर्द हूँ और बहुत हैडसम दिखता हूँ। जींस और ब्लैक लेदर जेकेट पहनकर जब काला चश्मा लगाकर मैं अपनी बुलेट पर निकलता हूँ तो कितनी लड़कियाँ मेरी तरफ मुड़ मुड़ कर देखती है। दोस्तों आपको बता दूँ की मेरी जवानी और खूबसूरती की वजह से जवान और सेक्सी लड़कियाँ मुझसे पट जाती है और खुद ही चुदवा लेती है। Chut Pahla Sex
आपको अपने लौड़े के बारे में बता देता हूँ। मेरा लंड 10” लम्बा है और 2” मोटा है। जिस लड़की की चुदाई कर देता हूँ वो बार बार इस मोटे लंड को मांगती है। अब स्टोरी पर जाता हूँ। मैं अपनी फेमिली के साथ गुरुग्राम में रहता हूँ। मेरे डैडी मुझे एक डॉक्टर बनाना चाहते थे इसलिए उन्होंने मेरा नाम गुरुग्राम की एक बड़ी मेडिकल कोचिंग में लिखवा दिया।
उस नामी मशहूर कोचिंग में सबसे जादा बच्चे बड़े और अमीर घर के थे। मैं भी एक अमीर बाप की औलाद था। मेरे डैडी कितने भी हजार रूपए मेरी पार्टीज के लिए दे देते थे। हमारी कोचिंग में कुछ दिनों बाद एक नई और सेक्सी टीचर कंचन मैडम आ गयी। वो बला की खुबसुरत औरत थी और वो कुवारी थी।
जींस टॉप पहनकर वो क्लास में आती थी और उनके क्या मस्त मस्त दूध थे दोस्तों। चेहरा उनका लम्बा था और क्या सेक्सी हुस्न की मलिका दिखती थी। कंचन मैडम को देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया और उनको चोदने की इक्षा मेरे दिल में बैठ गयी।
हमारी क्लास 2 घंटे की होती थी शाम को 5 से 7, उसके बाद क्लास खत्म हो जाती थी। मैंने अब क्लास के बाद अपने प्रश्न पूछना शुरू कर दिया। इसके पीछे मेरा मकसद उनकी चूत बजाना था। जब मुझे सब्जेक्ट में कोई प्रॉब्लम नही होती फिर भी मैं उसके पास चला जाता और झूठ मूठ पर सवाल पूछने लग जाता।
कई बार प्रश्न पूछते पूछते कंचन मैडम का हाथ मेरे हाथ से टच कर जाता तो कितना मजा आता। वो तो पढ़ाई में लगी रहती पर मैं उनके टॉप और टी शर्ट से उसके मस्त मस्त 34” के दूध देखता तो बड़ा आनन्द आता। एक दिन वो सवाल बता रही थी और मैं उनके संतरे की तरह देख रहा था।
“मयंक!! कुछ दिन से देख रही हूँ की तुम्हारा ध्यान पढने में नही रहता है। तुम रोज क्लास के बाद मुझसे सवाल पूछने आते हो पर किताब की तरफ नही देखते हो। हो क्या रहा है आजकल???” कंचन मैडम पूछने लगी.
“मैडम!! मैं तो आपके करीब आना चाहता हूँ। आप मुझे अच्छी लगती हो। मैं आपको पसंद करता हूँ। सब जगह सिर्फ आप ही आप दिखती हो मुझे” मैंने कहा तुरन्त ही मेरा गाल पर एक चांटा जोर का पड़ा।
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“तुम सब आमीर बापों की औलादे बिगड़ी होती है। तुम पढाई करने नही आते हो और मुझे ताड़ने आते हो। मैं समझती थी तुम अच्छे लडके होगे पर तुम तो बाकी की तरह अमीर बाप की बिगड़ी औलाद हो!” कंचन मैडम बोली और कुर्सी से उठ गयी। अपना पर्स और किताबे लेकर चलती बनी।
उसके कुछ दिन मैं कोचिंग क्लास नही गया। फिर एक दिन मेट्रो ट्रेन में मैडम से मुलाक़ात हो गयी। मैंने उनको हंसकर गुड मोर्निंग बोला। वो क्लास में आने के लिए कहने लगी। मैं उनके पास ही बैठ गया और उन्होंने बताया की वो अभी पूरी तरह से कुवारी है। जब हम दोनों कनाट प्लेस पर उतरने लगे तो एक चोर मैडम का पर्स छीनकर भागने लगा। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
“मयंक!!! वो चोर मेरा पर्स छीनकर भाग रहा है. उसे पकड़ो!!!” कंचन मैडम बोली उस दिन भी वो टी शर्ट, जैकेट और जींस में थी और उसकी गांड का साइज 36 था। जींस पर से उनके बड़े बड़े मटकते कुल्हे और चूतड़ मुझे दिख रहे थे। मैं दौड़ा और मैंने उस चोर को दबोच लिया। उसे 2 चांटे मारे और कंचन मैडम का पर्स ले आया।
“लीजिये मैडम!! आपका पर्स!!” मैंने देते हुआ कहा.
“थैंक्स यू सो मच मयंक!! इस पर्स में मेरा मोबाइल फोन, चाभियाँ और सभी ID थी। अगर ये खो जाता तो मुझे बहुत दिक्कत होती” कंचन मैडम बोली.
दोस्तों उनके बाल खुले हुए थे और उनमे शैम्पू किया हुआ था। कंचन मैडम हमेशा खुले बालो में रहती थी और हवा में उनके बाल उड़ते थे तो कितनी सेक्सी दिखती थी। उस दिन के बाद से मैंने फिर से कोचिंग ज्वाइन कर ली और पढने लगा। मैंने फिर से क्लास के बाद रुककर उनसे सवाल पूछना शुरू कर दिया और हम दोनों की सेटिंग होने लगी।
“क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड नही क्या मयंक???” एक दिन मैडम अच्छे मूड में होकर बोली.
“अगर होती तो आपको लाइन क्यों देता??” मैंने कहा.
कंचन मैडम ने उसी वक्त मेरा हाथ पकड़ लिया और दूसरे हाथ से सहलाने लगी। मैं अपने काम में कामयाब हो गया था। मैंने भी मैडम के हाथ पर अपना हाथ मलना शुरू कर दिया और काफी देर तक रगड़ता रहा। वो मेरे सामने ही कुर्सी पर बैठी मुझे घूर रही थी। मैं भी इस तरफ कुर्सी पर था और बीच में टेबल थी। मैं आगे बड़ा और बैठे बैठे मैडम के गाल पर चुम्मी ले ली।
उसके बाद वो भी मेरे साथ हो गयी। मैं अपनी कुर्सी से उठ गया और मैडम के पास चला गया। उसके बाद मैंने ही उनके चेहरे को पकड़ लिया और ओंठो पर किस करने लगा। वो बैठी रही और मैं खड़ा होकर उनके लब चूस रहा था। कुछ देर में कंचन मैडम को खड़ा होना पड़ा।
उसके बाद वो मुझसे आकर चिपक गयी और मुझे दोनों हाथों से पकड़ ली। दोस्तों उस दिन 31 दिसम्बर था। ये पिछले साल की बात है जो आपको सुना रहा हूँ। मैंने भी उनको पकड़ लिया और जोश से भरके उनके गुलाबी होठो पर अपने होठ रखकर चूसने लगा।
कंचन मैडम ने किरकिरी वाली लाल लिपस्टिक लगाई थी जिसमे वो काफी सेक्सी दिख रही थी। मैंने कुछ देर उनको चूसा, फिर उनकी टी शर्ट पर उनके मस्त मस्त 34” के दूध पर अपना हाथ रख दिया और दबाने लगा।
मैडम “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा सी सी सी ओह्ह” करने लगी। मैने अपनी क्लास का डोर बंद किया और मैडम के दूध को हाथ से टी शर्ट के उपर से मसलना शुरू कर दिया। उनको खूब मजा दिया।
“मयंक!! ये क्या कर रहा है??” वो पागल होकर बोली.
“आपसे प्यार कर रहा हूँ। क्या आपको मजा नही आ रहा है” मैंने उनके संतरे को दबाते हुए पूछा.
“हा हा हा सी सी सी ओह्ह मजा तो बहुत आ रहा है पर कोचिंग में ये सब करना सही नही। अगर मेनेजर ने मुझे तेरे साथ ये चुम्मा चाटी करते देख लिया तो नौकरी से निकाल देगा” कंचन मैडम बोली.
“कोई नही आएगा मैडम!! आप बेकार में डर गयी है। आज मनेजर 4 बजे ही जा चुके है” मैंने कहा.
फिर धीरे धीरे उनको क्लास में नंगा कर दिया और अपने कपड़े भी उतार दिए। हमारी क्लास में सिर्फ कुर्सी ही कुर्सी पड़ी हुई थी। कोई लम्बी बेंच नही थी जिस पर चुदाई कर लेता इसलिए मुझे कुछ नये तरीके से आज अपनी टीचर की चुदाई करनी थी।
मैंने कंचन मैडम को नंगी करके कुर्सी पर बिठा दिया और उनके मस्त मस्त दूध दबाने लगा। ओह्ह गॉड!! वो पूरी तरह से कुवारी माल थी। एक बार भी चुदी नही थी। मैडम के दूध बड़े सॉफ्ट और कोमल दिख रहे थे। 34” की सफ़ेद सफ़ेद चूचियां अत्यंत रसीली दिख रही थी।
मैंने उनके कबूतरों को हाथ से पकड़ लिया और हल्का हल्का दबाने लगा। मैडम “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करने लगी। उसके बाद मैं कुर्सी पर उनके नजदीक बैठ गया और बैठे बैठे ही झुक गया और अपनी सेक्सी टीचर की चूचियां मुंह में भरके चूसने लगा। ओह्ह हो हो हो कितना आनन्द आया दोस्तों।
आखिर मैंने उनको अपने प्रेमजाल में फंसा ही लिया था। मैं हाथ से उनकी दोनों रसीली चूचियों को दबा दबाकर रस निकाल रहा था और मुंह में लेकर चुसे जा रहा था। कुछ ही देर में मैडम के अंजर पंजर ढीले हो गये और उनकी चूत अपना रस छोड़ने लगी।
“मैडम!! पैर तो खोलो!! अपनी मुनिया रानी चूत तो दिखाओ जरा” मैंने कहा.
लाल रंग की प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठे बैठे कंचन मैडम ने अपने पैर खोल दिए। मैं नीचे झुका और उनकी चूत को खोलकर दीदार करने लगा। साफ़ चिकनी चमेली चूत थी मैडम की। अब मुझे उसको चाटना था। मैंने मैडम की कमर पकड़ी और कुर्सी पर आगे की तरफ खींच लिया फिर दोनों पैर खुलवा दिये।
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लाल लाल गुलाबी सेक्सी उभरी सुंदर चूत मुझे दिख गयी। मैं कामुक होकर ऊँगली से रगड़ने लगा तो वो …..सी सी सी सी करने लगी। फिर मुझे नीचे फर्श पर बैठना पड़ा। मैडम ने पैर खोल दिए और मैं जीभ लगाकर उनकी चिकनी चमेली चूत को चाटने लगा। वाह !!!! कितना मजा आया दोस्तों!! मैं किसी रेगिस्तान में प्यासे आदमी की तरह जल्दी जल्दी उनकी कमसिन चूत को जीभ लगा लगाकर चाटने लगा।
अब कंचन मैडम “अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..सी सी सी सी…मयंक!! कितना आनन्द आ रहा है!! ….हा हा हा… करने लगी। मैं भी बिलकुल ठरकी मर्द बन गया और 15 मिनट तक उनकी सेक्सी बुर को चाट चाटकर साफ़ कर दिया। इस बीच मैडम कुर्सी पर पीछे टेक लगाकर लेटी रही। “ला अपना लौड़ा दे!!” वो बोली और खुद ही मेरे 10” लम्बे और 2” लौड़े को पकड़ लिया और फेटने लगी।
“फेटो मैडम!! इस हरामी लौड़े को आप आज अपने हाथो से फेटो!!” मैंने कहा खुले बालो में कंचन मैडम क्या मस्त माल दिख रही थी। अपने सीधे हाथ से मेरे लौड़े को जल्दी जल्दी फेटे जा रही थी और कितनी सेक्सी दिख रही थी। मेरे पेट और नाभि पर उन्होंने किस किया। मेरी पोते की गोलियां लटक रही थी।
कंचन मैडम झुक गयी और मेरे मोटे से नीग्रो जैसे लंड को हाथ से फेटते हुए मेरी गोलियों को मुंह में लेकर चूसने लगे। मैं “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..”करने लगा। “और चूसो मैडम!! मेरी गोलियों को!!” मैंने बोला.
उसके बाद कंचन मैडम पूरी तरह से चुदासी औरत हो गयी और मेरी दोनों गोलियों को रसगुल्ले की तरह मुंह में लेकर चूस रही थी। मैंने देखा की उनके ओंठो पर लगी किरकिरी वाली लाल लिपस्टिक छूट रही थी। मेरी गोलियों पर लगी जा रही थी। पर मुझे इस तरह से चुसाकर खूब मजा मिला। अंत में मेरी सेक्सी कंचन मैडम से मेरे लंड के चमकते हुए मोटे सुपारे को किस करना शुरू कर दिया।
“मयंक!! तेरा लौड़ा तो बहुत मोटा है रे!!” मैडम बोली.
“हाँ, मैं असली मर्द हूँ। आज आपको पता चल जाएगा” मैंने कहा.
उसके बाद मैडम हल्की संकोच और शर्म के बाद आखिरकार मेरे सुपारे को मुंह में ले ली और चूसने लगी। उनका मुंह काफी छोटा था इसलिए मेरा सुपारा मुस्किल ने उनके मुंह में जा पाया था। मैंने मैडम के बाल पकड़े और सिर को लंड की तरफ दबा दिया। ऐसा करने से मेरा 10” मजबूत और लम्बा लौड़ा उनके मुंह में गले तक गपाक से घुस गया।
फिर कंचन मैडम के पास कोई विकल्प नही बचा। अब वो चूसने लगी और हाथ से मेरा लौड़ा फेट रही थी। मैं तो बड़ा प्लेजर लेने लगा। बड़ा आनन्द लिया। चूसते चूसते मैडम गरमा गयी और अब यौन उत्तेजित हो गयी। अब खुलकर हाथ से फेट फेटकर चूसने लगी। काफी देर मैंने उनके साथ ओरल सेक्स किया।
फिर अपने लौड़े को उनके मुंह से बाहर निकाला। मैडम के सेक्सी ओंठो की लिपस्टिक अब पूरी तरह से मेरे लौड़े पर चुपड़ गयी थी। उनके लिप्स पर मेरा माल लगा हुआ था। मैडम अब भी कुर्सी पर बैठी थी और मैं उनके सामने खड़ा था। “मयंक!!! तुम मुझे कैसे चोदोगे?? यहाँ तो सिर्फ कुर्सियां है” कंचन मैडम बोली “मैडम एक काम करो!! आप कुर्सी पर ही अपने पैर खोल दो!! मैं झुक कर आपको चोद लेता हूँ” मैंने कहा.
उसके बाद दोस्तों जिस कुर्सी पर वो बैठी थी थोडा और आगे आ गयी और दोनों पैर खोल दिए। मैं हल्का सा झुका और अपने लंड को फेटते फेटते उनके भोसड़े में घुसा दिया। ““उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ…. देखो मयंक!! धीरे धीरे से पेलना!! आज पहली बार चुदा रही हूँ” कंचन मैडम बोली.
उसके बाद मैंने उसकी पेलाई शुरू कर दी। उनकी चूत में लंड घुसाकर ठुकाई शुरू कर दी। मैडम हां हां ओह्ह ओह करने लगी। मैं धिंचक धिंचक उनको लेने लगा। हम दोनों मजे लूटने लगे। मैडम तेज तेज आवाजे निकालने लगी। रोज मैडम इसी क्लास में हम स्टूडेंट्स को पढ़ाती थी। पर आज संयोग देखो की इसी कमरे में मुझसे चुदा रही थी।
मैं भी दबाकर उनकी ठुकाई करने लगा। मेरा लंड बड़े सहज भाव से उनकी चूत की गली गली में टहल रहा था। कंचन मैडम जैसे खूबसूरत औरत के साथ सम्भोग करना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नही था। मैं हचक हचक कर उनको जल्दी जल्दी तेज और गहरे धक्के चूत में दे रहा था जिससे उनको जादा से जादा सम्भोग और चुदाई का मजा मिल सके।
मैडम भी कुर्सी पर टांग फैलाये “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” बोल रही थी। मेरे धक्को से कुर्सी चूं चूं चर चर्र बोल रही थी। मैडम मेरे पेट और कमर पर अपना हाथ लगाने लगी और ओह ओह करने लगी।
“क्यों मैडम!! मजा आ रहा है की नही??” मैंने पूछा.
पर शायद वो अपनी दुनिया में खोयी रही और कुर्सी पर पड़े पड़े चुदवाती रही। अपना मुंह खोलकर सी सी कर रही थी। मैं जल्दी जल्दी अपना लंड उनकी चूत की गली में दौड़ा रहा था। बड़ा रोमांटिक मौसम बन गया था फ्रेंड्स। काफी देर तक मैंने चोदा अपनी कंचन मैडम को। उनकी गद्दीदार चूत काफी सेक्सी दिख रही थी। फिर जब झड़ने को आया तो लौड़ा बाहर खिंच लिया।
“लो मैडम इसे चूसो!!” मैंने कहा.
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अब कंचन मैडम फिर से मेरे लंड हाथ से पकड़कर फेटने लगी। फिर मुंह में लेकर चूसने लगी। मेरी तरह मेरा लंड भी काफी गोरा और सुंदर था। मैडम के होठ फिर से मेरे लंड की खाल पर दौड़ने लगे तो मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। मैडम के सिर पकड़कर मैंने अपनी तरह से उनके मुंह में चोदना शुरू कर दिया। बड़ा आनन्द हुआ। फिर लंड उनके मुंह से बाहर निकाला और हाथ से पकड़कर उनके गोरे गालो पर रगड़ने लगा। मेरे लंड से रिसता माल की चाशनी उनके पुरे चेहरे पर चुपड़ गयी।
“करो और करो मयंक!! अच्छा लगता है” कंचन मैडम बोली.
अब मैं उनके दूसरे गाल पर लंड को रगड़ने लगा। फिर उनके पुरे चेहरे पर लंड के सुपारे से पेंटिंग करने लगा। उनकी आँखों पर लंड रगड़ दिया। फिर से उनके पैर खुलवा दिए और चूत में फिर से लौड़ा घुसा दिया। 15 मिनट अपनी टीचर को और चोदा फिर जल्दी से मुंह पर अपने माल की पिचकारी छोड़ दी। मैडम के खूबसूरत चेहरे पर सब तरफ मेरा ही मेरा माल था। जिसे उन्होंने अपनी लाल पेंटी से पोछकर साफ़ किया। फिर दोनों कपड़े पहन लिए। कंचन मैडम को वाशरूम जाना पड़ा अपना मुंह धोने के लिए। दोस्तों अब तो अक्सर अपनी टीचर से चुदाई हो जाती है।