Desi Sexy Widow Chudai
मैं अपना एक्सपीरियंस शेयर कर रहा हूँ इस कहानी के माध्यम से आशा करता हूँ आपको मेरी ये कहानी बहुत ही हॉट लगेगी। पहले मैं अपना और अपनी भांजी का परिचय दे देता हूँ। मेरा नाम संदीप है मेरी उम्र 32 साल है मैं शादीशुदा हूँ पर अभी तक को बच्चा नहीं है क्यों की मेरी शादी को अभी 8 महीने हुए हैं। Desi Sexy Widow Chudai
और मेरी भांजी का नाम रश्मि है। उम्र अभी मात्र 24 साल है हॉट और सेक्सी है। गजब की खूबसूरत है। पर भगवान् ने उससे उसका पति छीन लिया। एक एक्सीडेंट में उसके पति का मौत हो गया और मेरी भांजी विधवा हो गयी। मैं गाजियाबाद में रहता हूं। आईटी कंपनी में काम करता हूं।
मेरी पत्नी अभी गांव गई हुई है क्योंकि उसके मम्मी का तबीयत खराब है। मेरी भांजी ने लव मैरिज किया था पर उसका पति उसका साथ छोड़ दिया। मेरी दीदी बोली कि रश्मि को गाजियाबाद ही ले जाओ वहीं पर इसको रखना और वह टीचर ट्रेनिंग का कोर्स वही कर लेगी ताकि अपने पैरों पर खड़ा हो सके।
हर एक इंसान के पास एक हुनर होना चाहिए। मैंने भी दीदी को हां कह दिया और रश्मि गाजियाबाद आ गई जब वह गाजियाबाद आई थी तब मेरी पत्नी साथ ही थी पर अचानक से उसको लखनऊ जाना पड़ गया तो घर में मैं और मेरी भांजी दोनों ही रहने लगे थे।
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मैं फ्लाइट में रहता हूं तो किसी का आना जाना होता नहीं है मैं दिन भर काम में रहता हूं रात में अपने दोस्तों के साथ बाहर जाकर दारु पी कर आता था जबसे भांजी आई है तब से मैं घर पर ही रहता हूं। 1 दिन की बात है मेरी भांजी मुझसे बोली कि मामा मैं जिंदगी अच्छे से जीना चाहती हूं।
पर लोग एक विधवा के लिए लक्ष्मण रेखा खींच कर रखते हैं। मैं चाहती हूं खुशहाल जिंदगी मैं बिंदास होकर जीना चाहती हूं मैं पुराने जमाने की लड़की बनकर नहीं रहना चाहती मैं चाहती हूं कि मैं ऐसे जियो जैसे कि मेरा आज अंतिम दिन हो। मैंने कहा जीना भी ऐसा ही चाहिए लोगों को।
मेरी भांजी बोली आज शाम को मुझे घुमा कर लाओ कहीं। मैंने बोला ठीक है आज तो मेरी छुट्टी है तो एक काम करते हम लोग 4:00 बजे ही घूमने चलते हैं। 4:00 बजे मैं और रश्मि दोनों नोएडा सेक्टर 18 में एक मॉल है वहां पर घूमने गए उसके लिए शॉपिंग भी किए खाना भी खाए और खूब मजे किए। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
रश्मि को मैं पहला दिन ऐसा देखा जब वह बहुत ही ज्यादा खुश थी। वह मेरे हाथ पकड़ कर चल रही थी बाहों में बाहें डाल कर चल रही थी। ऐसा लग रहा था कि वह मेरी भांजी ना बल्कि मेरी बीवी रहे। किस को अच्छा नहीं लगता जब उसके साथ एक खूबसूरत सी औरत चले हर एक मर्द को अच्छा लगता है भले ही रिश्ते में कोई भी लगे।
पर मुझे कुछ रश्मि के नियत ठीक नहीं लग रहा था क्योंकि बार-बार वह अपनी चुचियों को मेरे हाथ से टच करती थी। मैं भी अपनी केहुनी से उसकी चुचियों को छूता था। पर वह कभी भी और असहज नहीं हुई थी। रात के करीब 9:00 बजे घर आए थे।
घर आते ही मैं बैग बनाने लगा मैंने मजाक में ही रश्मि को पूछ लिया लोगी क्या उसने तुरंत ही हां भर दे। खाना बाहर से खा कर ही आए थे मैंने उसके लिए भी पैक बनाया अपने लिए भी बनाया और दोनों पीने लगे। मैं भी दो पेग लिया वह भी दो पैग ली उसके बाद रश्मि हद से गुजर गई.
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वह मेरे करीब आकर बैठ गई और मेरे होंठ को चूमने लगी मेरे शर्ट के बटन को खोलकर मेरे छाती को सहलाने लगी। मैं सोफे पर बैठा हुआ था। मेरी आंखों में आंखें डाल कर देखने लगी उसके होंठ कहां पर है थे मैं चुपचाप उसको निहारा था ना मैं मना कर रहा था ना मैं उसको तुम रहा था बस उसको मैं देख रहा था।
बार-बार वह मेरे होंठ को चूमती और फिर मुझे देखते मेरे होंठ को चूमते फिर मुझे देखती। आखिरकार मेरा भी सबर टूट गया मैंने तुरंत ही अपने बाहों में रश्मि को लेकर उसके होंठ को चूमने लगा उसके गुलाबी होंठ को जैसे ही मैंने चुम्मा मेरा लंड तुरंत ही खड़ा हो गया उसके टाइप चूचियां पर जैसे मैंने हाथ रखे वह मचल उठी।
मैंने तुरंत ही उसके टॉप को बाहर फेंक दिया और पीछे से ब्रा का हुक खोल दिया। ब्रा का हुक खोलते उसके दोनों गोल गोल टाइट चूचियां बाहर आ गई। मैं उसके दोनों चुचियों से खेलने लगा उसके निप्पल को दबाने लगा हौले हौले से दबाने लगा।
रश्मि लेने लगी उसके तुरंत उतार दिए मैंने भी अपने शर्ट उतार फेंके और हम दोनों ही बेडरूम में चले गए। ड्राइंग रूम से बेडरूम तक हम दोनों एक दूसरे को चूमते ही गए थे और मैं कमरे में पहुंचकर रश्मि को उठाकर बेड पर लिटा दिया।
आगे फैलाकर दोनों हाथों को फैलाकर सेक्सी निगाहों से मुझे देख रही थी मेरे से रहा नहीं गया मैं टूट पड़ा उसके ऊपर मैं तुरंत ही उसके चुचियों को पीने लगा उसके होंठ को चूमने लगा उसके बालों को सहलाने लगा धीरे-धीरे करके मैं नीचे तक पहुंचा उसके पेंटी उतार दी।
उसकी चूत काफी गीली हो चुकी थी मैंने दोनों टांगों को फैलाया अपनी उंगली से उसके चूत को छुआ पानी पानी हो गया था गर्म गर्म पानी निकलता था। मेरे से रहा नहीं गया मैं तुरंत ही उसके चूत को चाटने लगा। जब जब मैं उसके चूत को चाटते था रश्मि आहे भर्ती थी अंगड़ाइयां लेती थी।
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वह काफी सेक्सी हो गई थी उसकी चूचियां टाइट हो चुकी थी होठ लाल हो गए थे आंख लाल हो गए थे गुलाबी गाल हो गए थे। मैंने अपना मोटा लंड निकाला और रश्मि के हाथ में रख दिया मेरा 9 इंच का लंड जैसे ही रश्मि के हाथ में गया रश्मि तुरंत ही सेक्सी निगाहों से देखने लगी उसके बाद अपने मुंह में ले ले उसके मुंह में मेरा पूरा लंड नहीं आ रहा था।
आधा लंड ही वह बार-बार चूम रही थी चाट रही थी। मेरे तन बदन में आग लग चुका था मैं बार-बार अंगड़ाइयां ले रहा था मुंह से सिसकारियां निकाल रहा था उसकी सेक्सी फिगर को देखकर मेरे से रहा नहीं गया मैं तुरंत ही रश्मि को बोला आजा आज मैं तुम्हें जन्नत दिखा दूं।
और मैंने लंड उसकी चूत के छेद पर लगाया और जोर से घुसा दिया मेरा 9 इंच का लंड जैसे उसके चूत में प्रवेश किया वह फरफरा गई। आंख में आंसू आ गए और वह शायद खुशी के आंसू थे आंसू के साथ-साथ वह मुस्कुरा रही थी मैं दोनों चुचियों को पकड़ कर मसल रहा था जोर जोर से धक्के देने लगा था।
उसका गोरा बदन मेरे सामने संगमरमर की तरह पढ़ा हुआ था उसके पूरे चेहरे पर मेरे हाथ के निशान आ गए थे लाल-लाल इतनी गोरी चिट्टी है मेरी भांजी। जोर-जोर से चोदते हुए मैं उसके चुचियों को मसल रहा था उसको चूम रहा था वह भी अब वासना से भर चुकी थी उसके अंतर्वासना भड़क चुकी थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वह तुरंत ही अपने गांड को गोल गोल घुमा कर मेरे लंड को अपने अंदर ले रही थी और सिसकारियां लेती हुई खुद ही अपने चुचियों को दबाती नीचे से धक्के देती और मैं ऊपर से देता मैं दोनों को पकड़ कर मसल रहा था। फिर मैंने उसको घोड़ी बनाया उसके चूतड़ के पीछे से लंड उसकी चूत पर छेद डाला और जोर-जोर से पीछे से धक्का देने लगा मैं कभी-कभी उसके चूतड़ पर थप्पड़ भी मारता था उसके बाल को पकड़कर में ऐसे चोद रहा था मानो कि मैं एक घोड़े पर बैठा हुआ हूं।
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फिर मैं नीचे लेट गया मेरे ऊपर वह चल गई। मैंने फिर से उसके चूत में अपने लंड को सेट किया और बैठने के लिए बोला वह बैठ गई मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर समा गया अब वह बार-बार जोर जोर से धक्के दे रही थी मेरे छाती के बाल से खेल रही थी मुझे चूम रही थी और गांड को गोल गोल घुमा घुमा कर मेरे को अपने अंदर ले रहे थे। करीब 2 घंटे के बाद झड़ गए वह भी शांत हो गई हम दोनों एक दूसरे को पकड़ कर सो गए उस दिन के बाद से हम दोनों अपनी आई थी।
मैंने अपनी भांजी की टाइट चूत को चोद कर फैला दिया था उसने भी इस बात को माना कि उसके पति ने भी इतना नहीं चोदा जितना कि मैंने चोदा। अब जब मन करता है जब मेरी बीवी घर पर नहीं रहती है इधर उधर जाती है क्या वह ऑफिस जाती है तो मैं अपने भांजी को जबरदस्त तरीके से चोदता हूं और उसको खुश करता हूं। मेरी जिंदगी बहुत ही अच्छी चल रही है मेरी भांजी की जिंदगी भी बहुत अच्छी चल रही है अब उसे फील नहीं हो रहा है कि उसका पति उसके साथ नहीं है वह और भी ज्यादा पहले से खुश है।