Chudasi Dulhan Sexy Katha
दुल्हन की रसीली चूत मैं बिलासपुर में रहती हूँ। मेरी उम्र 34 साल है। मेरी हाइट 5 फ़ीट 5 इंच है। मैं देखने में बहुत गोरी हूँ। मेरी आँखे बहुत ही नशीली हैं। मेरी नशीली आंखो को देखकर हर कोई मुझ पर फ़िदा हो जाता है। मेरी चूंचियां बहुत ही सॉफ्ट बिल्कुल मक्खन की तरह हैं। मेरी चूंचियो का रस बहुत ही मीठा है। मेरी चूंचियो का रस मेरे पति के अलावा अभी सिर्फ मेरे जेठ ने पिया है। Chudasi Dulhan Sexy Katha
मेरी गांड भी बहुत गोल मटोल है। मेरी उछलती गांड को देख कर हर किसी का लंड खड़ा हो सकता है। मेरी रसीली चूत को चोदने के लिए हर कोई परेशान हो जाता है। मेरी रसीली चूत को चाट कर मेरे पति ने खूब चोदा है। मेरे पति अब कुछ दिनों से चूत नहीं चोद नहीं पा रहे थे। मेरी चूत की प्यास बुझाई मेरे जेठ ने। दोस्तों मै अब अपनी कहानी पर आती हूँ।
मेरी शादी एक मिडिल परिवार में हुआ है। मेरे पति मेडिकल की एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते है। वो एरिया मैनेजर की पोस्ट पर है। कभी कभी उन्हें काम से बाहर जाना रहता है। मेरे घर में मेरे ससुर सास के अलावा मेरे जेठ जी भी घर पर ही रहते हैं। उनकी शादी को 10 साल हो गए थे।
हमारी जेठानी एक बच्चे को जन्म देकर ख़त्म हो गई थी। जेठ जी हमारे अकेले ही रहते थे। उन्होंने दूसरी शादी भी नहीं की। मैंने उनके बच्चे को पाल रही थी। जेठ जी बडे ही स्मार्ट औऱ हैंडसम लगते थे। उनका कद 6 फ़ीट के करीब होगा। जेठ जी बहुत ही गोरे हैं। मैं उनका नाम नहीं लेती हूँ। मै उन्हें भैया कहती हूँ।
भैया मुझे बहुत प्यार करते हैं। मुझे भी उनका अकेलापन देखा नहीं जाता। वो बहुत ही सीधे साधे हैं। देखने में बहुत ही अच्छे लगते हैं। मै तो यही सोचती हूँ। काश मेरी ही शादी इनसे हुई होती। लेकिन मेरे भाग्य में तो मेरे छोटे कद के पति ही लिखे थे। जिनका कद 5 फ़ीट 6 इंच होगा।
मुझे जवान बड़े कद के मर्द बहुत पसंद है। मेरे पति के साइज के हिसाब से उनका लंड बहुत छोटा है। उनके 4 इंच के लौड़े से कभी मेरी प्यास ही नहीं बुझती। मुझे लालच लगती है। जब मेरे जेठ जी अपना कच्छा पहन कर बाहर निकलते है। उनका तना लंड कों देखकर मेरी चूत में खुजली होने लगती है।
जी करता है इनका लंड अभी काट कर खा जाऊं। लेकिन भैया को ये कहाँ मंजूर था। मैं भैया के सामने बहुत ही हॉट सेक्सी बनी रहती थी। भैया कभी भी मुझे गलत नजरो से नही देखते थे। लेकिन मेरे हुस्न का कोई भी कभी न कभी दीवाना हो सकता है। मेरे पति को अक्सर बाहर जाना पड़ता है।
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जेठ जी का खुद का बिज़नस है। वो गुर पर जी रहते हैं। लेकिन हमेशा हर काम टाइम पर ही करते है। मै उन्हें देखकर मुठ मार लेटी हूँ। अपनी चूत में ऊँगली करके मुझे राहत मिलती है। मेंरी इतनी चिकनी चूत का मजा आज तक सही से मेरे पति ने नहीं ले पाया है। मैं अभी अच्छे से चुदाई को तरसती हूँ। “Chudasi Dulhan Sexy Katha”
काश मेरी कोई अच्छे से मेरी चुदाई करता। लेकिन मुझे क्या पता था। की मेरी इच्छा अब जल्द ही पूरी होने वाली है। मेरे पति किसी काम से बाहर गए हुए थे। मैं घर पर ही थी। सास ससुर भी मामा के यहां गये थे। घर पर हम जेठ जी और उनका छोटा सा बच्चा था। मैंने सोचा आज मैं चुदने के प्लान बना ही डालू। मौक़ा भी अच्छा है।
ऐसा मौका बार बार नहीं आता। मैंने उस दिन अपनी नेट वाली मैक्सी पहन कर घर पर ही घूम रही थी। मै बॉथरूम में गई। नहा कर मैंने तौलिया लपेट लिया। भैया बॉथरूम के बाहर थोड़ी दूर पर कुर्सी लगाये बैठे ही थे। मैंने अपनी तौलिया ढीली लपेट ली। मैंने थोड़े से छेद में देखा था कि भैया बाहर ही बैठे हैं।
पहले वो वहाँ पर नहीं थे। मैंने दोनों हाथों में कपड़ा लेकर बाहर निकली। उनके करीबी पहुँची ही थी। की मेरी तौलिया गिर गई। मैंने अंदर कुछ नहीं पहना था। भैया ने मुड़ के देखा तो वो चौक गए। मै तो जान बूझकर अपना अंग प्रदर्शन करवा रही थी। मैंने कपडे को नीचे रखा और अपनी तौलिया संभालने लगी।
मैंने नाटक किया कि मैने ये जान बूझकर नहीं किया था। भैया वहाँ से उठकर चले गए थे। मैंने अपना तौलिया फिर से लपेटा और वहाँ से चली गई। भैया मुझसे बात ही नहीं कर रहे थे। मुझसे ज्यादा तो वो शरमा गये। लेकिन वो भी मेरे चूंचियो को देखकर दंग हो गये।
उन्होंने मेरी चूत की तरफ देखा था तो देखते ही रह गए। मैंने अपनी चूत में जाकर ऊँगली की। और खुद को शांत किया। बाहर आकर देखा तो भैया का लंड डंडे की तरह उनके कच्छे में खड़ा था। मैंने 2 घंटे बाद भी देखा तो उनका लंड वैसे ही खड़ा हुआ था। शाम को जब मैं शरमा रही थी। “Chudasi Dulhan Sexy Katha”
तो भैया ने कहा-“इसमें शरमाना क्या?? ये तो किसी के भी साथ हो सकता है”।
मै-“भैया मै वो दोनों हाथ में कपड़ा पकडे हुई थी”।
भैया-“लेकिन कुछ भी हो कमाल की हो।
मै-“मैं वो वो!!!”कर ही रही थी तो उन्होंने कहा। तुम्हारी दीदी मालती भी ऐसे ही थी। वो भी कभी कभी ऐसे ही किया करती थी।
मैं-” लेकिन मैं आपकी बीबी मालती तो नहीं हूँ.”
भैया-” काश तुम मालती ही होती”.
मै-“भैया आपको बहुत याद आती है दीदी”.
भैया-“बहुत याद आती है उसकी। ज्यादा याद तो तब आती है जब मैं बिस्तर पर अकेला होता हूँ”।
भैया मुझसे अब खुलके बात कर रहे थे। अब उनकी भी नियत बिगड़ने लगी रही थी।
मैंने कहा-“आपके बिस्तर की याद ख़त्म हो सकती है”।
भैया ने बड़े गौर से मेरी तरफ देखा। और बोले-“कैसे हो सकती है”।
मैने कहा-“अगर आप गलत नका समझो हमे तो” मैं आपकी मदद करनी चाहती हूँ। भैया ने बड़े प्यार से मेरी तरफ देखा। रात के करीब 9 बज गये।
भैया-“तुम मेरी मदद करोगी”।
मैने कहा-” बिलकुल करूंगी”। करूंगी क्या मैं तो आपको अब कभी याद भी नही आने दूँगी।
भैया ने मुझे देखा। खाना खाकर अपने रूम में चले गए। मैंने उनके रूम में घर का सारा काम करके आ गई। भैया मेरे जी इंतजार में बैठे थे। भैया का लंड खड़ा मेरी चूत की ही प्रतीक्षा कर रहा था। भैया के पास आकर मैंने उनके बेटे को लिटाकर लेट गई। मै और भैया खूब ढेर सेक्सी बाते कर रहे थे। “Chudasi Dulhan Sexy Katha”
भैया ने मेरे ऊपर हाथ रख दिया। बीच में बच्चा सो रहा था। मैंने बच्चे को उठाया। बच्चे को को एक किनारे साइड में लिटाते दिया। मैंने भैया की बाहों में खुद को सौंप दिया। भैया बड़े प्यार से मेरे जिस्म पर अपना हाथ घुमा रहे थे। मेरे जिस्म में बिजली दौड़ रही थी। मैंने अपने जिस्म को अपने हो हाथों से सहलाने लगी।
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मैंने अपनी मैक्सी के ऊपर से ही अपनी चूत पर हाथ घुमा रही थी। मैं कभी अपनी चूत पर हाथ घुमाती तो कभी अपने पेट पर हाथ से दबाती रहती थी। भैया की तरफ मै गांड करके लेती थी। भैया मेरी गांड पर अपना पैर रखे हुए थे। उनका लंड मेरी गांड में चुभ रहा था। भैया का लंड बहुत ही बड़ा लग रहा था।
उनके लंड की गर्मी कच्छे के ऊपर से ही महसूस हो रही थी। पहली बार मुझे ऐसा लंड एहसास करने का मौका मिला था। मैं भैया के लंड को अपने चूत में जल्दी से डलवा कर चुदवाना चाहती थी। भैया ने मुझे अपनी तरफ घुमाया। मेरी आँखों को किस करते हुए। मेरे होंठो को चूस रहे थे। मैंने भी अपना होंठ भैया की होंठ में सटा दिया।
भैया मेरे होंठ को चूसने लगे। मै भी उनका साथ दे रही थी। एक बार वो मेरे होंठो को चूसते तो एक बार मैं भी उनके होंठों को चूसती थी। बार बार एक दूसरे का होंठ चूस चूस कर हम दोनों गरम हो रहे थे। मैंने अपना हाथ भैया के लौड़े पीकर रख दिया। भैया का लौड़ा टुन टुन कर रहा था। “Chudasi Dulhan Sexy Katha”
मैंने भैया के लौड़े को पकड़कर कच्छे में ही दबा दिया। भैया ने भी अपना हाथ मेरी दोनों चूंचियो पर रख कर दबाने लगे। भैया की चूंचियां दबाते ही मैं उनके लंड को कस कर दबा देती थी। भैया मेरी चूंचियो को दबा दबा कर भरता लगा रहे थे। मुझे बहुत मजा आ रहा था। भैया ने मेरी मैक्सी निकाल दी। मैंने अंदर लाल रंग की ब्रा और पैंटी पहन रखी थी।
भैया-“अब तुम्हे शर्म नहीं आ रही है”।
मै-“किस चीज की शर्म! अगर मेरी वजह से किसी की मदद हो सके तो किसी बात की शर्म नहीं मुझे”।
भैया हंसकर मेरी तरफ देखने लगें मैंने भैया की तरफ देखकर मुस्कुराई। मेरे मुस्कुराते चेहरे को देखकर भैया ने मेरी होंठो को और जोर जोर से चूसना शुरू किया। भैया ने मेरी ब्रा निकाल कर अपने मुँह में बच्चे की तरह मेरा दूध पीने लगे। भैया बीच बीच में मेटि निप्पलों को दांतों से काट लेते थे। “Chudasi Dulhan Sexy Katha”
मेरी मुँह से “उ उ उ उ उ…अअअअअ आआआआ….सी सी सी सी…ऊँ…ऊँ…ऊँ…” की सिसकारी निकल जाती। भैया मेरी दोनों चूंचियो को दबा कर पीकर मजा ले रहे थे। मुझे भी बहुत मजा आ रहा था। मैं पैंटी में ही थी। भैया ने मेरी पैंटी पर हाथ लगाया। मेरी पैंटी गीली हो चुकी थी। गीली पैंटी से भैया के हाथ में कुछ माल लग गया।
भैया उसे सूंघने लगें। भैया के सूंघते ही भैया मस्त हो गए। भैया ने मेरी टांगो को खोलकर मेरी चूत में नाक लगाकर मेरी चूत को सूंघने लगे। मैं भी अब चुदवाने को तड़पने लगी। भैया ने मेरी दोनों टांगो को खोल दिया। टांगो को खोलकर मेरी चूत के दर्शन करके भैया ने अपना मुँह मेरी चूत पर लगा दिया। “Chudasi Dulhan Sexy Katha”
भैया का मुँह मेरी चूत में लगते ही मेरी चूत में करंट दौड़ने लगी। मेरी चूत को कोई पहली बार चाट रहा था। मैं तो अपने पति का लंड चूसती लेकिन वो कभी मेरी चूत नहीं चाटते थे। मुझे चूत चटवाने में बहुत मजा आ रहा था। मैने भैया का सर अपनी चूत में दबा दिया। भैया मेरी चूत पर निकले माल को चाट रहे थे।
मैंने भैया की जीभ को अपने चूत के अंदर महसूस किया। भैया मेरी चूत में अपनी जीभ डाल कर चाट रहे थे। भैया की जीभ मेरी चूत में घुसते ही मेरी मुँह से “आऊ… आऊ…हमममम अहह्ह्ह्हह. ..सी सी सी सी…हा हा हा…” की आवाज निकल जाती थी। मैंने भी अपनी चूत हटाकर भैया का लौंडा अपने हाथ में थाम लिया।
भैया का लौड़ा बहुत ही गर्म हो गया था। भैया का लौड़ा मैंने अपने हाथों में लेकर मैं आगे पीछे कर रही थीं। भैया का लंड तो और बड़ा और मोटा होता जा रहा था। मैंने भैया के लंड को अपने मुँह में रखकर चूसना शुरू किया। भैया का लौड़ा खूब बड़ा मोटा हो गया।
मैंने भयानक लौड़े को आइसक्रीम की तरह मैं चाट चाट कर चूस रही थी। मैंने भैया का लौंडा अपने चूंचियो में लगा लगा कर चूस रही थी। मैंने भैया के लंड को छोड़ दिया। भैया ने मुझे लिटाकर मेरी चूत पर अपना लौड़ा रगड़ रहे थे। भैया का लौड़ा मेरी चूत में घुसने को तैयार हो गया।
भैया मेरी चूत में अपना लौंडा रगड़ रगड़ कर मेरी चूत को लाल लाल कर दिया। भैया ने अपनी उंगलियों से मेरी चूत के दाने को पकड़ कर खींच रहे थे। भैया का लौड़ा मेरी चूत के द्वार पर खड़ा दस्तक दे रहा था। भैया अपना लौड़ा उठा उठा कर मेरी चूत पर मार रहे थे। भैया ने मुझे इतना तड़पाकर आखिर अपना लौंडा मेरी चूत में डालने ही लगे। “Chudasi Dulhan Sexy Katha”
भैया का लौड़ा लगभग 10 इंच का रहा होगा। लौंडा आसनीं से मेरी चूत में घुस ही नहीं रहा था। भैया ने जोर से धक्का मारा। भैया के लंड का सुपारा ही मेरी चूत में घुसा ही था। मैं जोर से “ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ …ऊँ…ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा… ओ हो हो. की आवाज निकलने लगी। मेरी चूत का मुँह फट गया। “Chudasi Dulhan Sexy Katha”
भैया ने फिर से धक्का मारा। इस बार भैया का आधा लंड मेरी चूत में घुस गया। बार बार धक्का मार मार कर मेरी चूत को पूरी तरह से फाड़ डाला। मैं चिल्लती रही। लेकिन भैया ने मेरी चूत की चुदाई जारी रखी। मेरी चूत में भैया का लौड़ा घुसा धमाल मचाए हुए था।
भैया ने मेरी चूत को फाड़कर उसका भरता लगा रहे थे। मैंने भी धीऱे धीऱे चिल्लाते “…उंह उंह उंह..हूँ..हूँ…हूँ…हमममम अहह्ह्ह्हह.. .अई….अई…अई…”हुए अपनी चूत उठा उठा कर चुदवा रही थी। मुझे चूत को उछाल उछाल कर चुदवाने में बहुत मजा आ रहा था।
भैया अपना लौड़ा मेरी चूत में गपा गप पेल रहे थे। भैया ने मुझे कुतिया बनाया। कुतिया बनी झुकी हुई थी। भैया ने मेरी चूत में लौंडा डाल कर मेरी चूत को फाड़ डाली। मेरी फटी चूत को और अच्छे से फाड़ रहा था। भैया अपना लौड़ा अंदर तक मेरी चूत में दाल कर फाड़ रहे थे।
मैंने भैया की लड़ को जड़ तक घुसते महसूस किया। मेरी चूत ने अपना पानी छोड़ दिया। चूत से निकले पानी में भी भैया अपना लौड़ा छप छप करके मेरी चूत की चटनी लगा रहे थे। भैया ने मेरी चूत से लौड़ा निकाल कर मेरी चूत का सारा रस पी गये। रस को पीकर भैया ने अपने लंड पर लगे मेरे चूत के रस को मेरी गांड की छेड़ पर लगाकर मेरी गांड गीली कर रहे थे। “Chudasi Dulhan Sexy Katha”
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भैया लंड अब मेरी गांड मारने को तैयार था। भैया ने अपना लंड अब मेरी गांड की छेद पर लगा दिया। भैया ने जोर से अपने लौड़े को मेरी गांड में धकेला। मेरी गांड की छेद छोटी थी। भैया का लौंडा निराश होकर बाहर आ गया। भैया बार बार कोशिश कर रहे थे। भैया ने एक ही जोर के झटके में अपना पूरा लौड़ा मेरी गांड में घुसा दिया। भैया का लौड़ा अंदर घुसते ही। मेरी गांड फट गई। मै दर्द से “आ आ आ अह्हह्हह. ..ईईईईईईई… ओह्ह्ह्हह्ह. …अई…अई..अई…अई…मम्मी….” चिल्लाने लगी। भैया ने मेरी गांड मार मार कर मेरी गांड फाड़ डाली।
मेरी गांड की उस रात खूब चुदाई की। दर्द कम हुआ तो भैया अपना लौड़ा और जल्दी जल्दी मेरी गांड में डाल रहे थे। भैया भी झड़ने वाले हो गए। मैंने भैया का सारा माल अपने मुह में गिराने को कहा। भैया लेट गए। मै उनका लौड़ा हाथ से पकड़कर मुठ मारते हुए। अपने मुँह में ले लिया। भैया ने अपना पूरा माल मेरी मुँह में गिरा दिया। भैया का सारा माल मैंने पी लिया। भैया थक कर शांत हो गए। मै भी भैया के ऊपर नंगी ही लेट गई। पुरी रात हमने जागकर चुदाई की। जब भी अब हमें मौका मिलता हैं। हम दोनों खूब चुदाई करते हैं। “Chudasi Dulhan Sexy Katha”