Chalu Randi Aurat Chudai
मेरा नाम निखिल है। मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। यही पर एक प्राइवेट काल सेंटर में नौकरी कर रहा हूँ। मैं जवान और सेक्सी मर्द हूँ और अभी सिर्फ 21 साल का हूँ। रोज जिम जाकर बोडी बनाता हूँ जिससे मेरी बोडी बड़ी शेप में है और मेरे मस्त डोले बने हुए है। Chalu Randi Aurat Chudai
दोस्तों आप तो जानते ही होंगे की काल सेंटर की जॉब में काफी टेंसन और मानसिक तनाव और स्ट्रेस हो जाता है। इसलिए यहाँ पर काम करने वाले लडके लड़कियाँ अक्सर शराब और चूदाई करके अपनी टेंसन को दूर करते है। कुछ ऐसा ही मेरा हाल था।
मैं नाईट शिफ्ट में जॉब करता था और अक्सर ही अपने साथ वाली लड़कियों को पटाकर चोद लिया करता था। उधर मेरे पापा अब फिर से शादी करने जा रहे थे। मेरी माँ की मौत भरी जवानी में हो गयी थी इसलिए मेरे पापा को चोदने के लिए कोई चूत नही मिल रही थी।
मेरी माँ की मौत कैंसर से हो गयी थी। कुछ दिनों बाद लड़की वाले मेरे घर के चक्कर काटने लगे और “शादी कर लो बेटा!! कब तक ऐसे रहोगे” रोज ही बोलते थे। कुछ दिन में मेरे पापा से दूसरी शादी रचा ली और जब मेरी नई माँ और पापा की सुहागरात होनी थी तो दोनों बिना दरवाजा बंद किये सेक्स में डूब गये।
पापा का फोन मेरे कमरे में चार्ज हो रहा था तभी उनके दोस्त का फोन आ गया। उस वक्त रात के 9 बजे थे। मैं फोन लेकर जैसे ही पापा के कमरे में घुसा तो देखा की मेरी नई सौतेली को पापा पूरी तरह से नंगी किये हुए थे और जल्दी जल्दी लंड चूसा रहे थे।
ये सब देखकर मैं वापिस आ गया और बड़ा परेशान हो गया। आज अपनी सौतेली माँ के नंगे बदन को मैंने देखा तो मेरे सीने में भी उनके साथ सम्भोग करने की ललक जाग गयी। पर नई वाली माँ तो पापा की माल थी। आखिर मैं कैसे चोद लेता। मैंने फोन को ऑफ़ कर दिया और दोनों को डिस्टर्ब करना सही नही समझा।
अब तो आये दिन अपनी सौतेली सेक्सी माँ के जवान बदन के दर्शन हो जाते थे। कभी उनको नहाते देख लेता था तो कभी कपड़े बदलते हुए। कभी तो लगता की जबरदस्ती हाथ पकड़कर नई माँ को कमरे में ले जाऊं और जबरन चोद डालूं। उनका नाम चांदनी था। बहुत सुंदर लड़की थी दोस्तों।
अभी मेरे बराबर उम्र की थी और 22 23 साल की कच्ची कली थी। मेरे पापा को कितनी मस्त माल चोदने को मिली है यही बात मैं दिन रात सोचता रहता था। कभी कभी चांदनी को सोचकर मुठ मार लेता था। एक दिन मैंने अपनी नई माँ को किसी आदमी से फोन पर बात करते सुना। वो कोई साजिस कर रही थी।
“तुम परेशान मत हो जान!! मैं कुछ दिन में संजय (मेरे पापा) को अपनी खूबसूरती के जाल में फंसाकर उसकी सब जमीन जायदाद अपने नाम करवा लुंगी। फिर उसे दूध में जहर मिलाकर मार डालूंगी। फिर हम दोनों कही दूर जाकर ऐश की जिन्दगी जियेंगे!!” नई माँ किसी आदमी से कह रही थी और बड़ी तेज तेज हँसे जा रही थी।
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इसका मतलब उसका मेरे पापा से शादी करने का सिर्फ एक मकसद था पैसा। मैंने जब ये सुना तो मेरे तो कान खड़े हो गये। मैंने उसी वक्त उसकी सब बातचीत को अपने फोन में रिकॉर्ड कर दिया। नई माँ ने 1 घंटे तक उस आदमी से बात की। शायद वो उनका पुराना आशिक था जिससे वो सेट थी। शायद चुदवा भी ली होंगी।
अब मुझे किसी तरह उनका राज फास करना था। मैं अपनी नई माँ की जासूसी करने लगा। धीरे धीरे मैंने उनको उनके पुराने आशिक से चोरी छिपे बात करते पकड़ लिया और अनेक फोटो अपने मोबाइल से खींच ली। अब मेरे पास सबूत भी था। शाम को जब वो मटक कर घर लौटी तो बड़े अच्छे मूड में दिख रही थी। पापा के पैसो से शोपिंग करके आई थी।
“हलो माँ जी!! कहाँ से आ रही है। किसी खास आदमी से मिलने गयी थी क्या???” मैंने कहा.
“क्या मतलब है तेरा!! कहना क्या चाहता है??” वो बोली.
“यही की आपने मेरे पापा से शादी उनकी प्रोपर्टी और पैसा पाने के लिए की है। काम निकल जाने पर आप पापा को दूध में जहर देकर मार देंगी” मैंने बोला.
ये सुनते ही उनके चेहरा का रंग फीका पड़ गया।
“निखिल!! ये सब क्या बकवास कर रहे हो!! तबियत तो ठीक है तेरी??” वो मुंह बनाकर कहने लगी.
उसी वक़्त मैंने अपना फोन निकाला और रिकॉर्डिंग सुना दी जिसमे वो पापा को जान से मारने की बात कर रही थी। उसके बाद तो वो घुई घुई करने लगी। चांदनी माँ ने गहरे रंग की काली डीसाइनर पार्टी वियर साड़ी पहनी हुई थी और काफी गहरे गले का ब्लाउस पहना था, जिसमे उनके मस्त मस्त दूध दिख रहे थे।
हाफ स्लीवलेस ब्लाउस में उनकी दोनों दूधियाँ बाहे कितनी सेक्सी दिख रही थी। चांदनी माँ के दूध 34” के बड़े बड़े और काफी आकर्षक थे, फिगर 34 28 36 का किसी हीरोइन या मॉडल जैसा दिख रहा था। उसी वक्त मुझे उनको चोदने का पॉइंट मिल गया था। मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और पापा के बेडरूम की तरह ले जाने लगा।
“निखिल??? ये सब क्या है??? कहाँ ले जा रहे हो मुझे??” चांदनी बोली.
मैं बड़ी ताकत से उसका हाथ पकड़कर बेडरूम में ले गया और बेड पर धक्का दे दिया। वो गिर पड़ी।
“निखिल!! क्या है ये सब?? क्या बदतमीजी है ये!!” वो चिल्लाकर बोलने लगी.
“सुन पैसे की लालची औरत!! मुझे सीधे से अपनी चूत चोदने को दे दे वरना पापा के आते ही ये रिकार्डिंग पापा को सुना दूंगा और रात तक तू जेल में बंद होगी उनके खिलाफ साजिश करने के आरोप मे। तू जेल जरुर जाएगी कमीनी!!” मैंने कहा.
जेल वाली बात पर वो पिगल गयी और मेरी बात मान गयी।
“निखिल बेटा!! तू मुझे चोदना चाहता है चोद ले पर ये सब अपने पापा को मत दिखाना” चांदनी माँ गिडगिड़ाने लगी.
फिर मैं भी डाउन हो गया। मैं अपने मकसद में कामयाब हो गया था। मेरे इशारे पर मेरी सेक्सी जवान माँ अपनी साड़ी उतारने लगी और नंगी होने लगी। वो अब साड़ी खोलकर काले ब्लाउस और पेटीकोट में आ गयी। क्या मस्त सामान दिख रही थी। चांदनी ने आँखों में काजल लगाया हुआ था।
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आईब्रोस को सेट किया हुआ था, होठो पर गुलाबी लिपस्टिक उस पर बहुत जाँच रही थी और पलको को भी उसने रंगा हुआ था। क्या खूब दिख रही थी। साली बनठन पर अपने आशिक से मिलने गयी थी। मैं उसके पास जाकर लेट गया और उसके सब जगह किस करने लगा।
फिर उसके ब्लाउस के उपर से उसके 34” के सुडौल दूध को दबाने लगा। वो “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” करने लगी। उसकी सफ़ेद भरी हुई जवां चूचियां काले ब्लाउस में और भी मादक दिख रही थी।
मैं हाथ से दबा दबाकर मजा लेने लगा और उसके गाल पर चुम्मा लेने लगा। फिर मैं उसके ओंठो के उपर आ गया। चांदनी माँ मुझे बेताबी से देखे जा रही थी। फिर मेरी नजर उसके सेक्सी होठो पर गयी। उसके होठ बड़े रसीले दिख रहे थे। वो मुझे देखने लगी और मैंने फिर अपने ओंठो को उसके होठ पर रख दिया और चूसने लगा।
शुरू में वो बेमन से चूस रही थी पर जब मैंने दोनों चूचियों को हाथ से दबोटना शुरू कर दिया तो वो पट गयी और मेरा साथ देने लगी। उसके बाद वो भी सहयोग देने लगी। मैं जी भरकर उसके गुलाबी लिपस्टिक लगे ओंठो को चूस डाला और भरपूर मजा उसे भी दिया। हम दोनों जोश के साथ चुम्बन करते रहे।
“निखिल!! तू बड़ा अच्छा किस करता है” वो कहने लगी.
मैंने सर हिला दिया और अब उसके दूध पर आ गया। हाथ से दबाने लगा।
“चांदनी अपने ब्लाउस खोल और चूची दिखा” मैंने कहा.
वो फिर अपने काले ब्लाउस की बटन खोलने लगी और उतार दिया। फिर ब्रा भी निकाल दी। उसके दूध 34” के कितने रसीले थे। बड़े गोरे थे और कितने सेक्सी थे। मैं चांदनी माँ की मस्त मस्त चूची को पकड़कर दबाने लगा और हाथ से सहलाए जा रहा था। तेजी से मसल रहा था।
वो अब “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” करने लगी। फिर मैंने जादा समय न बर्बाद करते हुए उनके दूध को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। वो भी चुसाने लगी। रोज मेरे पापा चांदनी को नंगा करके चूसते थे पर आज मैं वही सब मस्ती करने जा रहा था।
उसके चुचे बेहद सेक्सी थे और किसी अनार की तरह भूरी भूरी निपल्स बहुत शोभा दे रही थी। मैं तो मजा लेकर मुंह में दबा दबाकर चूसे जा रहा था। वो गर्म गर्म आहे भरने लगी और मुंह खोलकर लम्बी सांसे लेने लगी। मैंने उसके चूचो को छोड़ा ही नही और बस चूसता चला गया। अब चांदनी माँ काफी गर्म हो गयी और मुझे “निखिल बेटा” कहकर बुलाने लगी।
उसके पेट को मैंने अनेक बार किस किया। फिर उसकी नाभि चूसने लगा। मैं उसके काले पेटीकोट की तरह बढ़ गया और नीचे से उसे उठाकर उसके पैरो पर हाथ लगाने लगा। “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….आराम आराम से करो बेटा!! ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई….” वो कहने लगी
मैं उसके पेटीकोट को उपर और उपर उठाता चला गया जब तक उसकी मस्त मस्त सफ़ेद भरी हुई सेक्सी संगमर्मर जांघे मुझे नही दिखने लगी। फिर मैं हाथ लगा लगाकर किस करने लगा। वो सु सु करने लगी। आज मैं अपनी सौतेली माँ के साथ गरमा गर्म चुदाई करने जा रहा था। उसकी जांघे मुझे बड़ी सेक्सी लगी।
मैं पेटीकोट को उठाकर किस करने लगा और चूत तक उपर उठा दिया। हाथ से अपनी सौतेली माँ के पैरो पर हाथ घुमा रहा था। उसी वक्त मेरी चुदाई और सम्भोग करने की इक्षा बड़ी तीव्र हो गयी। मैं उसकी काली पेंटी को उपर से जीभ लगाकर चाटने लगा। माँ अब….सी सी सी सी.. हा हा हा करने लगी। कुछ देर उपर से चाटता रहा।
“निखिल बेटा!! देखो धीरे धीरे चोदना!!” चांदनी बोली.
मैंने उसी वक्त उसकी पेंटी को कसके नीचे खींचना शुरू किया। पर दोस्तों उसकी पेंटी बड़ी चुस्त थी और कसी थी। जल्दी नही उतर रही थी। मैंने उसे जोर से खींचा और उतार दिया। फिर पेंटी को हाथ में लेकर बटोर दिया और वासना में आकर उसे नाक पर लगाकर सूघने लगा। चांदनी मुझे देखती रह गयी।
“माँ जी!! तेरी चूत की खुसबू तो अनमोल है…. आह क्या खुशबू है!! मैं तो पागल हो गया!!” मैं बोला.
वो चुप रही। फिर उसके काले पेटीकोट को बिना उतारे उसमे अपना सर घुसा दिया और चांदनी माँ के भोसड़े को जल्दी जल्दी चाटने लगा। वो हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगी। उसकी चूत बड़ी खूबसूरत थी। बिलकुल मोटी वाली ब्रेड की तरह कुप्पा जैसी फूली हुई। मैंने एक ऊँगली चूत पर रख दी और जल्दी जल्दी उपर नीचे हिलाने लगा जिससे उसको बड़ा मजा मिला।
वो अई अई करने लगी। मैं काफी देर तक चूत को हिला हिलाकर नई माँ के जिस्म में कम्पन करने लगा। मैं और जादा नीचे को खिसक गया और उसके काले पेटीकोट में मुंह घुसाकर सारे जमाने से छुपकर अपनी माँ की चूत चाटने लगा। वो तरह तरह से आहे लेने लगी। मुझे सपोर्ट करने लगी और अच्छे से चटवा रही थी।
उसकी चूत बिलकुल मक्खन की तरह चिकनी थी और एक भी झांट उस पर नही थी। मैंने 10 मिनट उसकी चूत को कोफ़ी की तरह चुस्की लेकर पिया और उसकी चींखे निकलवा दी। फिर चूत के होठो को दांत से पकड़कर काटने लगा।
““ हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ निखिल बेटा!! आराम से करो जो भी करना है!!” चांदनी माँ कहने लगी.
क्या गद्दीदार बुर थी दोस्तों। मुझे तो देखकर ही कितना आनन्द आ रहा था। फिर धीरे धीरे उसने ऊँगली डाल दी और अंदर बाहर करने लगा। माँ जी अब फिर से सी सी उई उई करने लगी। 12 13 मिनट तक जब जल्दी जल्दी अपनी ऊँगली उस बहनचोद की बुर में ट्रेन की तरह दौड़ाई तो चूत से मक्खन निकलने लगा। मैं जीभ में लेकर चाट गया और उसे भी चटवा दिया।
उसके बाद मैंने अपनी पेंट खोली और अंडरवियर भी उतार दिया। अपने लंड को चूत पर रखा और लंड को अंदर पंहुचा दिया। फिर अपनी सौतेली माँ के साथ जिस्मानी रिश्ता बनाने लगा। जल्दी जल्दी गद्दीदार चूत में धक्के देकर चोदने लगा तो वो सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” करने लगी। मैं आज सम्भोग से समाधि की ओर जा रहा था। मुझे परम सुख मिल रहा था। मेरी चांदनी माँ आहे ले लेकर चुदवा रही थी।
“आहहहहह….मेरे लंड के राजा!! ई ई ई.. सी सी सी और चोदो..मेरी कमसिन चूत को!!” वो कहने लगी.
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उसकी बाते सुनकर मुझे और जादा जोश आ गया और मैं तेजी से सम्भोगरत हो गया। मैंने अपनी कमर उठा उठा के दुगुनी गति से ठुकाई शुरू कर दी और नई माँ की सिसकियाँ निकलवा दी। मुझे उसकी चूत काफी कसी लगी। दोस्तों अपनी माँ को बिना पेटीकोट उतारे चोद रहा था। इस तरह से अधिक सेक्सी फिलिंग आ रही थी। मैं लम्बे और गहरे धक्के चूत की गुफा में देकर संहार किये जा रहा था। चांदनी माँ दोनों टांग उठाकर “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” किये जा रही थी।
“निखिल बेटा!! तू मस्त पेलता है रे!! और जोर से धक्के लगाओ बेटा जी….उंह उंह उंह हूँ…!!” चांदनी कहने लगी.
उसकी बाते मुझे और जोश देने लगी और मैं भी कमर उठा उठाकर अपने डंडे से उसकी भोसड़ी को फाड़ कर रख दिया और हांफते हुए उसकी बुर में ही शहीद हो गया। दोस्तों जैसे भी मैं झड़ा मेरे हाथ पैर और बदन में काफी दर्द होने लगा। मेरे घुटनों और कोहनी में खासतौर से दर्द होने लगा। मैं अपनी सौतेली माँ के उपर ही लेट गया और उसे ओंठो पर फिर से किस करने लगा। वो भी मुझे बाहों में भरकर चूसने लगी। मैं काफी देर तक उसके नंगे जिस्म पर लेटा रहा। हम दोनों एक दूसरे को दोनों बाहों में भरके मुहब्बत करने लगे।
“निखिल!! अब तुम अपने पापा से कुछ नही कहोगे ना? मुझसे प्रोमिस करो!!” वो कहने लगी
मैं सर हिला दिया। पर रात को पापा को जाकर सब कुछ चुपके से बता दिया। फिर पापा से उसे तुरंत ही डिवोर्स दे दिया क्यूंकि वो कभी भी धोका दे सकती थी.