Randi Aurat
मेरा नाम कोमल है। मैं मेरठ की रहने वाली है। मेरी जवानी की कहानी बहुत ज्यादा पूरे मोहल्ले में फैली हुई थी। मै बहुत ही हसीन और जवान माल हूँ। देखने मे मै बहुत ही कट्टो सामान लगती हूँ। दूध की तरह गोरी बदन पर सब लोग अपनी जान छिड़कते हैं। मेरे को चोदने के लिए सारा मोहल्ला परेशान रहता है। Randi Aurat
मै जब भी मोहल्ले में गुजरती थी सब लोग अपनी आँखे फाड़ फाड़ कर देखने लगते थे। मेरे हसबैंड इसी वजह से मेरे से नाराज हो जाते थे। मै खूबसूरत मर्दो को देखकर लाइन दे देती थी। मेरे को हर दिन एक नया लंड खाने का मन करता रहता है। लेकिन हर रोज नया लंड कहाँ से लेकर आती।
मैने अपनी चूत में मोहल्ले के लगभग सारे मर्दो का लंड खाया। मेरे को फिर से एक नए लंड को खाने की भूख लगी हुई थी। मेरे घर से लगभग दो किलोमीटर दूर एक गांव था। जिसमे बहुत से लोग दूध का धंधा करते थे। उस गांव में बहुत बडी डेयरी खुली हुई थी। काफी लोग शहर दूध बेचने आते थे।
मेरे पडोसी के घर एक बहुत ही जबरदस्त बॉडी का एक दूधवाला आता था। उसका नाम शैलेश था। मै बहुत ही ज्यादा फ़िदा हो गयी। देखने में वो कोई बहुत ही रईस आदमी के घर से लगता था। लेकिन दूध बेचना ही उसका धंधा था। मेरे को उससे चुदने का मन कर रहा था। उसके लिए मेरे को अपना दूध वाला चेंज करना था।
मेरे यहां उसी के यहाँ का दूसरा दूधवाला आता था। वो एक नंबर का कमीना था। हर दिन दूध में पानी भर लाता था। मेरे को दूधवाले को बदलने का बहाना मिल गया था। मै इसी मौके के तलाश में थी। मैंने अपने हसबैंड से कहकर दूधवाले को चेंज करा लिया। मेरे पडोसी के यहाँ आने वाला दूधवाला शैलेश मेरे घर भी आने लगा।
पहले दो दिन तक वो मेरे को दूध देकर चला जाता था। मै ही किसी तरह से उसके साथ में अपनी कहानीं को आगे बढ़ाना चाहती थी। एक दिन जब वो दूध लेकर आया तो मैंने उससे अपने घर में बुलाकर पर्दे को निकालने के लिए उसे अंदर बुला ली। मेरे से वो ज्यादा लंबा था। इसीलिये मै बहाने बनाकर अंदर ले के गयी हुई थी।
इसी बहाने मेरे को उससे बात करने का मौका मिल गया था। उस दिन से धीरे धीरे मेरे से बात करने लगा। इस तरह मेरी कहानी बनने लगी। मै चुदने को बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो रही थी। वो अक्सर पैजामा कुर्ता पहन कर आता था। मै उसके लंड की एक झलक देखने को व्याकुल थी।
धीरे धीरे उसे अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए उसे अपने लटके झटके दिखानी शुरू कर दी। एक दिन वो दूध नाप रहा था। तभी मैं नीचे झुकी और जान बूझकर अपनी साड़ी नीचे सरका दी। मै ब्लाउज में ही उसके सामने झुकी थी। उसकी नजर मेरे गोरे गोरे मम्मे पर पड़ी।
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मेरे मम्मे उस गहरे ब्लाउज में दिख रहे थे।शैलेश की नजर मेरे मम्मे से हट ही नहीं रही थी। वो टक टकी लगाए मेरे मम्मे को ही घूरता रहा। उसी दिन से जब भी मेरे को दूध देता तो मेरे मम्मो को ही ताड़ता रहता था। एक दिन भाग्य से मेरे हसबैंड कही बाहर गए हुए थे।
सुबह सुबह जब शैलेश दूध देने के लिए आया हुआ था। तो मेरे से बहुत ही रोमांटिक बाते करने के मूड में था। उसी दरमियां मेरे मोहल्ले की एक लड़की किसी लड़के के साथ में भाग गयी थी। उसी के बारे में वो खड़ा होकर मेरे से गेट पर बात कर रहा था।
“पता नहीं क्या खूबी देखी उस लड़के ने उस लड़की में की भगा ले गया” शैलेश ने कहा.
“कुछ बात तो रही होगी उसने ज्यादा हॉट सेक्सी रही होगी इसीलिए वो लड़का दीवाना होकर उसे भगा ले गया” मैंने कहा.
“वैसे तुम्हे किसी लड़की को ले के भागना होता तो कैसी लड़की ढूंढते” मैंने ये सवाल शैलेश से किया.
“अब आपकी तरह हो कोई लड़की तो आज ही लेकर उसे भाग जाऊं” उसने हसते हुए कहा.
“आप बहुत ही ज्यादा हॉट लगती हो! और आपसे से भी ज्यादा हॉट कुछ और ही है” वो कहकर मुस्कुराने लगा.
ये बात उसने मेरे मम्मो की तरफ देखते हुए कह रहा था। मै अपने दूध की तरफ देखकर उससे कहा.
“मेरे को तुम्हारे उस हॉट चीज से खेलने का मौका मिल जाए तो मजा आ जाये” उसने कहा.
“ठीक है मेरे को पता है! तुम किस चीज की बात कर रहे हो!” मैंने कहा.
वो हर बात में मेरे से आप! आप! कहकर बात कर रहा था। ये मेरे को अच्छा नहीं लगता था। मैंने उसे आप कहने से रोक दिया। अब वो हर बात को तुम तुम करके बोल रहा था। उसकी इस तरह बात करने को मेरे को बड़ी अच्छी फीलिंग आती थीं। मेरे से रोमांटिक बाते कर कर के वो भी गर्म हो गया। मै उससे खुल के बात कर रही थी। बार बार वो मेरी चूंचियो को ही घूर रहा था।
“जब से तुम यहां खड़े हो तब से सिर्फ मेरी चूंचियो को ही ताड़े जा रहे हो!” मैंने मुस्कुराते हुए उससे कहा.
“क्या करूं जबसे तुम्हे देखा है! मैं तो बस इसी अंग का दीवाना हो गया हूँ! कितने सौभाग्यशाली है तुम्हारे पति जो इतने खिले हुए मम्मो से रोज खेलने का मौका पाते है!” उसने बहुत ही इमोशन में कहा.
“मेरे अंग से खेलने के लिए उन्हें बहुत खर्चा उठानी पड़ती है” मैंने कहा.
“अब मै तो ठहरा दूधवाला तुम लोगो की तरह कहाँ पैसा खर्च कर पाऊंगा” उसने बहुत ही लहजे में ये बात मेरे से कही.
“तुम मेरे से एक डील फाइनल कर लो! तुम मेरे को एक महीने दूध दोगे! और एक दिन के लिए मै तुम्हे अपने दूध से खेलने का मौका दे दूँगी” मैंने कहा.
“ठीक है तो तुम आज मेरे को एडवांस में दे दो खेलने का मौका!” उसने बहुत ही उत्तेजित होकर कहा.
“क्या बात है! तुम तो ऐसे ही मेरे चूचो से खेलना चाहते हो जैसे मेरे कहते ही तुम्हारी प्रोपर्टी हो गयी हो!” मैंने हँसते हुए कहा.
मैंने उससे शाम को आकर मिलने का प्रोग्राम बनाया। काफी देर से मेरे पड़ोसी उस समय बाहर खड़े मेरे को देख रहे थे। हसबैंड जी तो शाम को आने वाले नही थे। पूरा घर खाली था। जिससे मेरे को चुदने में कोई तकलीफ नहीं थी। मैने अपनी चूत को नया लंड खिलाने का पूरा प्रोग्राम फिट कर दिया था।
मेरे को जल्दी से शाम होने का इंतजार था। मेरी चूत में बहुत ही ज्यादा खुजली हो रही थी। दिन किसी तरह से कट गया। शाम को मैं उसी के इन्तजार में बैठी हुई थी। करीब 8 बजे उसने गेट को खटखटा कर खोलने को कहा।
मैंने जल्दी से गेट को खोल दिया। उसने पहुचते ही मेरे को अपनी गोद में उठा लिया। छोटे बच्चे की तरह वो मेरे को बाहों में भर कर उठाये हुए था। उसके बॉडी में घी दूध का बहुत ही ज्यादा असर दिख रहा था। मेरे को कभी भी इस तरह से मेरे हसबैंड ने अपने गोद में लेकर प्यार नहीं किया था।
“आज मैं पहली बार किसी के घर पर उसका काम लगाने के लिए रात में आया हूँ वरना मै तो दिन में ही काम लगा देता हूँ” शैलेश ने कहा.
“जो मजा रात में है! वो दिन में कहाँ!! तुम भी क्या याद करोगे इस रात का मजा!” मैंने उसे चूमते हुए कहा.
वो मेरे को घर के अंदर लेकर चूमते हुए चल रहा था। मै उसे अपने रूम में ले गयी। घर के सारे दरवाजे बंद करके सेक्स का भरपूर मजा लेने बिस्तर पर आ गयी। उसने मेरे को बिस्तर पर पटक कर मेरे ऊपर चढ़ लिया। सांड की तरह उसका शरीर मोटा था। मेरी तो सांस ही फूलने लगी।
उसका लंड मेरी चूत के ऊपर चुभ कर चुदने की दस्तक दे रहा था। उसकी चौड़ी छाती मेरे बड़े मोटे मम्मे के ऊपर थे। यूं कह लो की मेरे हर एक अंग से उसका अंग सटा हुआ था। मेरे बालो को सहलाते हुए मेरी जवानी के मजे लूट रहा था। शैलेश के प्यार करने का मजा ही कुछ और ही था।
मेरे गले को किस करके वो अपनी हवस की प्यास को बुझा रहा था। मैं धीरे धीरे गर्म होने लगी। मेरे गले को चाटते हुए वो होंठो की तरफ अपना मुह धीरे धीरे बढ़ा रहा था। मेरे गालो को चूमते हुए अपना होंठ मेरे नाजुक नर्म गुलाब की पंखुडियो जैसे होंठों पर लगा दिया।
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शैलेश मेरे होंठो के रस को भौंरे की तरह चूस रहा था। नीचे ऊपर के होंठो को वो बारी बारी से पीकर अपने साथ मेरी भी प्यास को बुझा रहा था। मै उसके कंधे पर हाथ रख कर दबा रही थी। मेरे गर्म होने का एहसास उसे भी होने लगा। लगभग 5 मिनट तक उसने मेरी होंठ चुसाई की।
मेरे को किस करने में बहुत ही मजा आया। उसका हाथ मेरे चूचो पर था। मुस्कुरा कर मेरे को देखते हुए मेरे चूचे को बहुत ही तेजी से उसने दबा दिया। मैं जोर से “……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्…….उह ह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” की सिसकारी निकालने लगी। अचानक से उसके प्यार करने का रंग बदलने लगा।
उसने मेरे चूचो को ब्लाउज के ऊपर से निचोड़ना शुरू कर दिया। मैंने उस दिन काले रंग की साडी और ब्लाउज पहन रखी थी। उसने मेरे बदन से साडी और ब्लाउज उतार कर मेरे को नंगा कर दिया। उसके सामने मै ब्रा और पेटिकोट में ही लेटी हुई थी। वो मेरे जिस्म पर हाथो को फेरकर मेरे को गर्म करने में लगा हुआ था।
उसने मेरी ब्रा को निकाल कर संगमरमर की तरह चमकीले चूंचो को पकड़कर दबाते हुए पीने लगा। मै बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो गयी। मेरे बूब्स पर उभरे हुए काले निप्पल को उंगलियों से खीच खीच कर मजे से पी रहा था। मै बहुत ही गर्म हो चुकी थी। उसके मुह को मै कस कर अपने मम्मो में दबा रही थी। जी भर के उसने मेरे मम्मो को चूसा।
“कोमल इससे आगे भी प्रोग्राम को बढ़ाऊं” उसने पूँछकर मेरे से इजाज़त चाही.
“तुमने मेरे को बहुत ही गर्म कर दिया है! तू मेरे जिस्म के हर एक जगह से खेल! जो भी करना चाहता है। जी भर के कर ले!” मैंने जोश में अपने होंठों को काटते हुए कहा.
वो फिर से अपने काम पर लग गया। मेरी नाभि की तरफ बढ़कर उसने जी भर के उसकी चुसाई की। बार बार मेरी गहरी नाभि में अपने जीभ को डालकर मेरे को जोश की चरम सीमा ओआ पहुचा दिया। उसके बाद उसने मेरी पेटीकोट का नाडा खोला। पेटीकोट को पैंटी सहित एक ही झटके में बाहर कर दिया।
अब मैं पूरी तरह से निर्वस्त्र हो गयी थी। मेरी टांगो को फैलाकर उसने जोर जोर से मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया। मेरी चूत के किनारे किनारे अपनी जीभ लगाकर उसने कुत्ते की तरह चूत चटाई जारी रखी। चूत के दाने को वो काट काट कर मेरे को तड़पा रहा था। मैं उसके लंड को ख़ाने को बेकरार थी।
मैंने उसके पैजामे का नाडा खोला और उसके अंडरवियर सहित लंड को आजाद कर दिया। उसका लंड हवा में लहराते हुए खड़ा हो गया। मैने अपने हाथों से उसके लंड को पकड़ कर सहलाते हुए चूसना आरम्भ किया। हाथ के लगते ही उसका लंड और भयानक होने लगा।
लगभग 7 इंच का लंड कुछ ही देर में मेरे सामने खड़ा होकर तैयार हो गया। मैं उसे अपनी चूत में लेने के लिए बेकरार थी। मैं बिस्तर पर अपनी टांगों को फैलाकर चित्त लेट गयी। उसने अपना मोटा लंड मेरी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया।
मैं “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा हा” की सीत्कार छोड़ते हुए बिस्तर पर पड़े चादर को हाथो में समेट रही थी। वो अपना लंड मेरी चूत में घुसाने को तैयार था। उसका लंड ऊपर नीचे होकर मेरी चूत को फाडने को पूरी तरह से तैयार था।
“मेरे राजा! अब तुम और न तड़पाओ फाड़ दो मेरी नाजुक चूत को!” मैंने कहा.
“ले खा ले साली रंडी मेरा लंड तेरे मम्मो को तो काट काट कर खूब चूसा हूँ! अब तेरी चूत को फाड़ने की बारी है” उसने बहुत ही जोश में कहा.
इतना कहकर मेरी चूत में अपना लंड सटाकर जोर से धक्का मार दिया। उसका लगभग 4 इंच से ज्यादा लंड मेरी चूत में घुस गया। मैं जोर से “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” की आवाज को निकाल कर चीख उठी। वो मेरी चूत में बार बार धक्का मार मार कर अपना पूरा लंड घुसाकर ही दम लिया।
उसका डंडे जैसा 7 इंच का मोटा लंड मेरी चूत को फाड़कर उसकी चुदाई शुरू कर दिया। मेरी चूत उसके पूरे लंड को खाकर बहुत ही आनंद प्राप्त कर रही थी। वो अपनी कमर को उठा उठा कर जोर से मेरी चुदाई करनी शुरू कर दी। कुछ ही देर में मै अपने आप को बहुत ही ज्यादा गर्म महसूस करने लगी। मेरी चूत की भूख बढ़ती ही जा रही थी। उसके पूरे लंड को खाकर भी वो संतुष्ट ना हुई।
“चोदो! और जोर से चोदो! फाड़ दो मेरी चूत!” मैंने कहा.
मेरे कहते ही उसने मेरी चूत की जोरदार चुदाई करनी शुरू कर दी। मैं उसके लंड को अपनी गांड उठा उठा कर खा रही थी। थोड़ा बहुत मेरे को दर्द भी हो रहा था। लेकिन फिर भी मैं “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” की आवाजो के साथ उसके लंड को खा रही थी। कुछ ही देर में उसने अपनी स्पीड बना ली।
मेरी चूत में एक बार फिर से धूम मचाकर उसने खूब तेजी से मेरी चुदाई करनी शुरू कर दी। हम दोनों एक दूसरे का साथ देकर सेक्स का भरपूर मजा ले रहे थे। उसने मेरी एक टांग को उठाकर घुसक घुसक कर चोदना शुरू किया। मैं उसके लंड को बहुत ही मजे से अंदर ले रही थी।
वो भी पूरा लंड जड़ तक मेरी चूत में पेलकर बहुत ही मजे ले ले कर चुदाई का मजा दे रहा था। मै “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा..”, की आवाज के साथ उसका भरपूर सहयोग कर रही थी। उसने मेरी चूत को फाड़कर उसका भरता बनाने लगा। मेरी चूत का बुरा हाल हो गया। मै झड़ने की स्थिति में पहुच गईं।
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उसकी जोरदार चुदाई ने मेरी चूत से रस बाहर निकाल दिया। मै झड़ गयी। उसने मेरी चूत में अपना मुह लगाकर दूध की तरह सारा माल पी गया। उसके बाद उसने मेरे को झुका दिया। मेरी गांड के छेद पर थूक लगाकर उसने अपना लंड अंदर घुसाने का प्रयास करने लगा। उसका प्रयास सफल हुआ। अपना लंड घुसाकर उसने मेरी गांड भी फाड़ दी। मैं “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….” की चीख के साथ अपनी गांड चुदाई करा रही थी।
मेरी गांड में वो अपना लंड जोर जोर से पेलकर अपनी गर्मी को निकाल रहा था। आखिरकार कुछ ही देर बाद उसके लंड की भी सारी गर्मी निकल गयी। मेरे को अपनी गांड में कुछ गरमा गरम महसूस हुआ। उसका लंड मेरी गांड में ही अपना माल निकाल दिया। उसके बाद उसने अपना लंड मेरी गांड से निकाल कर थक हार कर बिस्तर पर लेट गया। मै भी उसके बगल में लेट गयी। उसने उस रात मेरी कई बार चुदाई की । आज भी मौक़ा मिलते ही मेरी चूत को अपना लंड खिलाता है।