Widow Aunty Chudai
मेरा नाम नम्रता है। मेरा घर मेरठ के एक गाँव में पड़ता है। मैं 35 वर्षीय विधवा हूँ। पति जंग में शहीद हो चुके है और अपने पीछे 2 बच्चे छोड़ गये है। दोस्तों वैसे तो मुझे किसी चीज की कोई कमी नही है। बस एक चीज ही मेरे पास नही है और वो है लंड। पति को मरे 12 साल हो गये है। Widow Aunty Chudai
तबसे एक भी बार मुझे लंड खाने को नही मिला। दिन रात मैं चुदने के लिए तड़पती रहती थी। मैं बदन आज भी बड़ा सेक्सी था। मैं इतनी गोरी थी की दूध भी मेरे रंग के सामने फीका पड़ जाए। मेरा फिगर 36 32 38 का है। मेरे चूचे बड़े और गांड काफी चौड़ी है। मुझे सजधज कर रहना बहुत पसंद है।
पति के मरने के बाद भी मैं हर हफ्ते ब्यूटी पार्लर जाती हूँ और तरह तरह के फेसिअल करवाती हूँ। मैं अक्सर ही स्लीवलेस साड़ी पहनती हूँ जो पीछे से भी काफी खुली होती है। इस ब्लाउज में मेरी गोल गुदाज, मांसल बाहे बड़ी आकर्षक लगती है। आगे से ब्लाउज का गला गहरा होता है जिससे मर्दों को मेरे गोल मटोल दूध देखने को मिल जाते है।
पीछे से मेरी पीठ पूरी तरह से खुली हुई होती है। मैं साड़ी को खूब कसा पहनती हूँ जिसमे मेरी गांड उभर के दिखती है। दोस्तों, मेरी बदकिस्मती ये थी की काफी सालों से जवान और सेक्सी औरत होने की बाजजूद भी मुझे कोई मर्द नही मिल रहा था। इस लिए चुदाई का जुगाड़ नही हो पा रहा था। फिर मेरे दोस्ती पास के एक लड़के से हो गयी। वो मुझे आंटी कहकर बुलाता था। उसका नाम शुभम था। अभी पढ़ रहा था।
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नये साल में शुभम मेरे घर आया और “हैपी न्यू ईअर आंटी जी!!” कहने लगा.
“हैपी न्यू ईअर बेटा जी!! कैसे है तुम?? आओ अंदर चलो। गाजर का हलवा बनाया है तुम्हारे लिए। अब मुझ जैसी विधवा को कौन पूछता है” मैंने कहा और शुभम को लाइन देने लगी। फिर उसके लिए गाजर का हलवा काजू डालकर ले आई।
“लो बेटा जी!! खाओ” मैंने कहा.
वो चखने लगा। मैं तो आज शुभम से चुदने के मूड में थी। वैसे भी 10 साल से कोई लंड नही खाया था। इसलिए चूत सुख सी गयी थी। अब तो सिर्फ उससे मूतने का काम करती थी। चुदाई तो बीते जमाने की बात हो गयी थी।
“आंटी जी!! आप विधवा वाली क्यों बात करती हो हमेशा। ऐसा मत कहा करो!!” शुभम बोला.
“बेटा शुभम!! न्यू ईअर में सब लोग एक दूसरे के घर गये पर मेरे घर कोई नही आया। मेरी सहेलियां भी मुझे मनहूस मानती है” मैं बोली और रोने का नाटक करने लगी.
शुभम मेरे करीब आ गया और कन्धो पर हाथ रखकर मुझे दिलासा देने लगा। फ्रेंड्स शुभम एक 23 साल का जवां लड़का था। 5.8 इंच उसकी हाईट थी और काफी स्मार्ट बन्दा था। मेरे को पता था की उसका लंड कम से कम 6” का तो आराम से होगा। इसलिए आज नये साल में चुदने का बड़ा मन कर रहा था शुभम से। मैं नाटक बनाकर और जादा रोने लगी और शुभम मेरे से बिलकुल चिपक गया।
“आंटी!! अपने आपको मनहूस मत समझो!!” वो बोला.
मैंने नाटक बनाते बनाते उसे सीने से चिपका लिया। फ्रेंड्स, उस दिन मैंने पिंक कलर की बड़ी खूबसूरत सी साड़ी पहन रखी थी। अच्छे से मेकअप कर रखा था। मैंने पार्लर जाकर थ्रेडिंग करवाई थी और फेसिअल भी। इस वजह से कुछ जादा ही मस्त माल दिख रही थी।
ओंठो पर मैंने हल्की पिंक कलर की लिपस्टिक लगाई थी और डार्क पिंक कलर का लिप लाइनर लगाया हुआ था। मैंने सोफे पर बैठे बैठे ही शुभम को खुद से चिपका लिया। 2 मिनट तक शुभम मुझसे चिपका रहा जिस वजह से मेरे परफ्यूम की सुगन्धित खुशबू से वो नहा गया। फिर अलग हुआ। मैंने शुभम की जांघ पर जींस के उपर हाथ रख दिया।
“बेटा कैसी लग रही हूँ मैं???” मैंने पूछा.
वो हँसने लगा।
“बिलकुल आइटम लग रही हो आंटी!! कोई भी मर्द आपको देखकर सेंटी हो जाए” वो बोला.
“अरे बेटा!! विधवाओ को कौन लाइन देता है। आजकल तो सबको कुवारी चूत चाहिए” मैं मुंह फुलाकर अफ़सोस दिखाने लगी.
“नही ऐसा मत बोलो आंटी!!” शुभम बोला.
वो मेरी तरफ देखे जा रहा था। शायद मैं आज उसे कुछ जादा ही पसंद आ गयी थी। फिर मैंने उसके सामने ही सोफे पर झुककर उसे अपने दूध के दर्शन ब्लाउस से करवा दिए। मेरी मस्त मस्त 36” की दूधिया गेंदों को देखकर उसका लंड जींस में ही खड़ा हो गया।
वो खामोश था। शायद कुछ कस्मकश में था। उसी वक्त मेरी जिस्म की चुदास की आग जाग गयी और उसकी जींस के अंदर खड़े हो चुके उसके लंड को मैंने उपर से पकड़ लिया और फेटने लगी। शुभम “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” करने लगा। मैं और तेज तेज लौड़ा फेटने लगी।
“उ उ उ……अअअअअ…क्या इरादा है आंटी आज आपका??” शुभम आहे निकालकर कहने लगा.
“बेटा!! कितने साल से लंड खाने को नही मिला। अब नया साल आया है। तू चोदेगा मुझे??” मैं किसी होशियार छिनाल की तरह बोली। फिर से उसका लौड़ा उपर से ही पकड़कर हिलाने लगी.
“ओके ओके आंटी!! डन!!” शुभम बोला.
मैं उठी और जल्दी से घर का मुख्य दरवाजा बंद कर आई। फिर नीचे बैठ गयी। शुभम को सोफे पर ही रहने दिया। उसकी जींस की बटन मैंने अपने हाथ से खोली। जींस अंडरवियर के साथ नीचे की और उसका बड़ा सा लंड लप्प से बाहर निकल आया।
पूरे 8” का कितना शानदार लंड था दोस्तों। मैं तो हैरान होकर देख रही थी। फिर हाथ में लेकर जल्दी जल्दी फेटने लगी। शुभम बेटा “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ…” करने लगा।
“ओह्ह आंटी!! आप अंक जबरदस्त माल हो !!” शुभम कहने लगा.
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मैं अपने सीधे हाथ से उसके मोटे से लंड को पकड़ कर जल्दी जल्दी मुठ देने लगी। उसने अपने पैर खोल दिए। दोस्तों शुभम की तरह उसका लंड भी काफी गोरा था और कितना क्यूट दिख रहा था। मैं जल्दी जल्दी पकड़कर उसे हिलाये जा रही थी।
फिर मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया। शुभम की तो हालत ही खराब कर दी मैंने। उसका लंड का टोपा काफी बड़ा था और कितना सेक्सी दिख रहा था। टोपे का छल्ला तो कितना गोल गोल उठा उभरा हुआ था। मैं हाथ से मुठ दे देकर फेटने लगी और अपने लिपस्टिक लगे खूबसूरत होठो से जब चूसने लगी तो शुभम की हालत खराब होने लगी।
“मेरा लंड चूसो!! आंटी!!” वो कहने लगा.
मैं और मेहनत से चूसने लगी और लंड को लोहे जैसा सख्त बना दिया। शुभम तो बस मुंह खोलकर आहे पर आहे निकाले जा रहा था। मेरे खूबसूरत ओंठ उसके लंड की मखमली खाल पर दौड़ लगाकर उसे जन्नत का मजा दे रहे थे। मैंने उसकी गोलियों को भी मुंह में लेकर चूस रही थी।
“आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….आंटी आप तो मस्त औरत हो!! ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई..मम्मी….” वो कहने लगा.
मैंने हाथ से जल्दी जल्दी लंड को मुठ देना चालू रखा। अंत में शुभम मेरी रंगीन अदाओं को सह न पाया और मेरे चेहरे पर उसने माल झाड़ दिया। मैं भी कुछ ऐसा ही चाह रही थी। मैंने उसके 8” हस्ट पुष्ट लंड को अपने चेहरे के सामने रखा और फेटती चली गई। मेरे गाल, नाक, आँखों पर ही शुभम ने पिचकारी छोड़ दी।
“आंटी!! आप तो मेरी जान ही निकाल दोगी” वो बोला.
“ऐसा ही कुछ इरादा है मेरा बेटे!!” मैं बोली.
उसके बाद हम दोनों बेडरूम में चले गये। मैंने फ्रिज से 2 बोतले हार्ड बियर निकाली। दोनों ने बियर पी। धीरे धीरे हम दोनों बिस्तर पर आ गये। शुरुवात शुभम बेटा ने की। मेरे खूबसूरत बदन को और चूचो को ब्लाउस के उपर से खूब मसला। धीरे धीरे ब्लाउज की बटन खोल दी और मुझे नंगा कर दिया।
फिर ब्रा भी उसी ने निकाल दी। शुभम मेरे नंगे दूध को देखकर चक्कर में पड़ गया। मैं उसके सामने नंगी थी। मेरी दोनों चूचियां उसके सामने आम की तरह खुली हुई थी। हालाकि मेरे बदन पर अभी भी साड़ी लिपटी हुई थी। शुभम बिना कुछ बोलो मेरे यौवन को आँखों से पी रहा था। मैं फिर से मुस्कुरा दी।
“ऐसे क्या देख रहे हो बेटा जी??” मैं बोली.
“यही की उपर वाले से आपको जरुर फुरसत में बनाया होगा। आह!! क्या फिगर है आपका??” शुभम बोला और अंगड़ाईयाँ लेने लगा.
“तो फिर आओ मेरे दूध मुंह में लेकर चूसो बेटा जी!” मैं किसी रंडी की तरह बोली.
शुभम ने एक एक करके अपने सारे कपड़े उतार दिए। फिर मेरे उपर आकर लेट गया। मेरी 36” की चूचियां बड़ी बेताब थी। शुभम हाथ लगा लगाकर दबाने लगा। मैं “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” करने लगी। फिर उसने खूब मसला मेरे उरोजों को खूब दबाया।
मेरी चूचियों को मनमुताबिक़ अपने पंजो से दबाए जा रहा था। मेरा तो हाल ही बिगाड़ दिया। फिर मुंह में लगाकर मेरी मुसम्मी जैसी चूचियों को चूसने लगा। मुझे तब के दिन याद आ गये जब मेरे पति मेरे दूध मुंह में लेकर चूस चूसकर पीते थे। मुझे कितना मजा देते थे। कितनी मस्त ठुकाई करते थे मेरी। आज वो सब यादे फिर से ताजा हो गयी।
“चूस शुभम बेटा!! अपनी आंटी के मस्त मस्त कबूतर को चूस!!” मैं बोली.
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उसके बाद वो भी सेंटी होकर दूध चुसाई करने लगा। उसके दोनों हाथ के पंजे मेरी चूचियों को आटे की तरह मसल रहे थे, गूथ रहे थे। मेरी चूत गीली होकर पानी छोड़ने लगी। शुभम ने तो मेरी वासना की भूख को जगा दिया। फिर साड़ी, पेटीकोट और पेंटी उतारकर मुझे नंगा किया।
फिर मेरे शबाब से भरे बदन को घूर घूर कर आँखे फाड़कर देखने लगा। फिर मुझसे प्यार करने लगा। मेरे उपर ही आ गया और मेरे पैरो और जांघो पर हाथ लगा लगाकर किस करने लगा।“हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ …. करो बेटा!! अपनी आंटी को ऐसे ही प्यार करो!! ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी… हा हा.. ओ हो हो… मैं कहने लगी।
दोस्तों सिर से पाँव तक मेरा बदन बहुत खूबसूरत दिख रहा था। मेरा दूधिया बदन बहुत ही मांसल और गुदाज था। शुभम बेटा के हाथ मेरी जांघो पर यहाँ वहां फिसल रहे थे। होठ से किस पर किस दे रहा था। फिर मेरे सपाट, सेक्सी पेट पर चुम्बन खूब किया उसने।
अंत में मेरे पैर खुलवा दिए। मेरी उभरी हुई पाव जैसी फूली चूत उसका लंड का स्वागत करने को बेकरार थी। फिर शुभम फटी हुई नजरो से मेरी चूत को देखने लगा। साफ सुथरी बाल सफा चिकनी चमेली बुर थी मेरी। देखने में सुंदर और चोदने में सुविधाजनक।
“चाट बेटा शुभम! देख क्या रहा है??” मैं बोली.
ये बोलते ही वो भी तडप गया। मुंह लगाकर जल्दी जल्दी मेरी गुलाबी फुद्दी चाटने लगा। फ्रेंड्स, मैं विधवा जरूर थी पर काफी सेहतमंद थी। इस वजह से मेरी चूत भी काफी सेहतमंद थी। शुभम बेटा अपने काम पर लग गया। मुंह लगा लगाकर ऐसे चूत चाटने लगा जैसे रबड़ी इमरती पा गया हो।
मैंने अपनी दोनों टांग अच्छे से खोल दी और उससे मजा लेकर चूत चटवाने लगी। शुभम चूत के दाने को दांत से काटकर और खींच कर चूस रहा था इस वजह से मुझे बहुत कामपिपासा मिल रही थी। मैं “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” की आवाजे लगाकर मुंह खोलकर निकाल रही थी। शुभम जी जान से मेरी चूत से निकलता रस पी रहा था। चूत को खोलकर उसके भीतर जीभ घुसा रहा था।
“करो बेटा जी!! और चूसो मेरी चुद्दी को…. सी सी सी सी—मैं बोल रही थी.
कुछ देर बाद शुभम ने अपना 8”लंड का टोपा मेरे चूत के गेट पर रख दिया और अंदर को धक्का दे दिया। लंड फक्क की आवाज करके भीतर घुस गया। शुभम बेटा ने मेरा चोदन कार्यकम शुरू कर दिया। मैं लम्बी लम्बी साँसे निकाल रही थी।
फिर से 10 साल पुरानी यादे ताजा हो गयी जब मेरे पति अपने 10” लंड से रात रात पर मेरी चूत की कुटाई करते थे। वैसे शुभम भी कुछ कम नही था। जल्दी जल्दी गहरे धक्के मेरी मखमली जवान चूत में दे रहा था। मेरा बुरा हाल बना रहा था।
“चोद बेटा!! और कसके पेल अपनी आंटी को!! उ उ उ उ उ……किसी रंडी की तरह चोद बेटा!!” मैं कहने लगी.
शुभम भी हूँ हूँ हूँ आ आ आ बोलकर चूत में गदर मचाने लगा। वो लड़का काफी सेक्सी निकला। मेरी आँखों में आँखों डालकर मेरे चिकने गालो पर हाथ रखकर चूत में लम्बे लम्बे धक्के दे रहा था। मैं तो बादलो में उड़ रही थी। अपने पंजो से अपनी 36” की रसीली चूचियां दबाये जा रही थी जिस वजह से मेरे नाख़ून मेरे ही दूध में चुभ रहे थे।
““….उंह उंह उंह हूँ—आंटी!! तू मस्त माल है रे!! जवाब नही तेरा! हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह” शुभम बेटा कहने लगा। मेरी चूत में बेशुमार धक्के मार मारके चोदता रहा। मेरी हालत बिगाड़ दी और अंत में झड़ने वाला हो गया। मेरी आँखे सेक्स की हवस से लाल लाल हो गयी। फिर शुभम ने झड़ते हुए लंड को चूत में अंदर की ओर दबा दिया। और फिर जोर जोर से आहे लेते हुए झड़ गया।
“जुग जुग जियो बेटा जी!! ऐसे ही मुझे चोदते रहना” मैं किसी चुदक्कड लंड की प्यासी रांड की तरह बोली.
शुभम हाफ्ता हुआ मेरे पैर के पास ही ढेर हो गया। लेटकर लम्बी लम्बी सांसे लेने लगा। मैंने अपनी बुर देखी। उसमे उपर तक शुभम का माल भरा हुआ था। ये सब देखकर मुझे बड़ा सुख अहसास हुआ। उसके माल को ऊँगली से लेकर मुंह में लेकर चाटने लगी। मैंने एक भी बूंद बर्बाद नही जाने दी। 15 मिनट बाद शुभम बेटा फिर से चोदन कार्यक्रम करने के लिए तैयार था।
“बोलो आंटी दूसरे राउंड की चुदाई कैसे चाहती हो??” शुभम बोला.
“लंड पर बिठाकर चोद बेटा मुझे!!” मैं बोली.
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फिर शुभम सीधा लेट गया। उसके लंड को कुछ देर हाथ से मुठ देकर खड़ा करती रही। फिर 5 मिनट मुंह में लेकर चूसती रही। फिर शुभम के लंड को पकड़कर चूत में लगाकर बैठने लगी। मेरे 65 किलो का वजन पड़ते ही उसका लंड किसी चाक़ू की तरह मेरी भोसड़ी में घुस गया। मैं शुभम बेटे का लंड चूत में लेकर बैठ गयी और उठ बैठ कर चुदवाने लगी। उसके चहरे पर बहुत ही संतोष का भाव था क्यूंकि मैं ही उचक उचक कर सेक्स कर रही थी।
शुभम मेरी चूत को बड़े ध्यान से देख रहा था। उसका लंड किसी तेज धार चाक़ू की तरह मेरी चूत फाड़ रहा था। उसने मेरे दोनों चूतड़ को पकड़ लिया और नीचे से फिर धक्के पर धक्के देने लगा। मेरी गुद्दीदार चूत में उसका लंड कस कसके ठोकर मार कर मुझे बड़ा सुख दे रहा था। शुभम बेटा ने 100 200 बार मेरी चूत में अपने लंड को अंदर बाहर करके चोदा। फिर उसी में झड़ गया। मेरा नया साल अब तो सच में खुशगवार हो गया था।
Raman deep says
कोई लड़की भाभी आंटी तलाकशुदा महिला जिसकी चूत प्यासी हो ओर मोटे लड से चुदवाना चाहती हो तो मुझे कॉल और व्हाट्सएप करे 7707981551 सिर्फ महिलाएं….लड़के कॉल ना करे
Wa.me/917707981551?text=Hiii Raman
Abhishek says
कोई लड़की भाभी आंटी तलाकशुदा महिला जिसकी चूत प्यासी हो ओर मोटे लड से चुदवाना चाहती हो तो मुझे message kare akanshajazz@gmail.com… ladke msg na kare…