Randi Aurat Chut
मेरा नाम संध्या है। मैं पटना की रहने वाली हूँ। अब मेरी शादी बनारस में हो गयी है पर इससे मेरी ऐयासी पर कोई असर नही पड़ा है। मुझे खुदा ने कुछ जादा ही गर्म औरत बनाया है। किसी भी हैंडसम मर्द को देखकर उसे पटाकर उसका लंड खा लेती हूँ। मुझे अपनी आदत पर कोई शर्म नही आती है क्यूंकि मैं पैदा ही हुई हूँ चुदवाने के लिए। Randi Aurat Chut
मैं दिखने में बिलकुल देसी लड़की हूँ। मेरी उम्र 24 साल है। मेरी शादी एक अच्छे परिवार में हुई है। मेरे हसबैंड भी मेरी तरह सेक्सी मर्द है और रात में जब तक 2 3 बार मुझे चोद नही लेते न तो उनको शांति मिलती है और न मुझे।
मेरे हसबैंड मेरी ऐयाशियों के बारे में सब जानते है। मैं उनके कई दोस्तों का 10 10” का लौड़ा खा चुकी हूँ। वो मुझे कुछ नही बोलते है। वो भी मेरी कितनी सहेलियों को चोद चुके है। हम दोनों हसबैंड वाईफ बहुत खुले हुए मिजाज के है।
इसलिए न तो उनको कोई दिक्कत आती है और न मुझे। मैं अपने हसबैंड से जादा गर्म औरत हूँ। उनको ये नही मालुम है की मैं अपने सगे बाप से भी चुदवा चुकी हूँ। फ्रेंड्स कुछ दिनों बाद होली का त्यौहार आ गया था और मेरी माँ चाहती थी की मैं मायके आ जाऊं। मेरा भी दिल था।
“सुनिए जी!! माँ होली पर घर बुला रही है। आप मुझे चलकर छोड़ आओ” मैंने अपने हसबैंड से कहा.
“संध्या!! मुझे तो मरने का भी टाइम नही है। तुम अकेले ही चली जाओ” वो बोले.
मैंने अपना सामान पैक कर लिया। ऑटो पकड़ कर रेलवे स्टेशन आ गयी। ट्रेन में बैठ गयी। कुछ देर बाद ट्रेन चल पड़ी। मैं बहुत खुश थी की अभी मायके जाकर सबसे मिलूंगी। कितना मजा आ जाएगा। पर उससे पहले ही एक कांड हो गया। मेरी सीट के सामने ही एक नौजवान मर्द बैठा था जो मुझे आँख मारने लगा। मैं उसका इशारा समझ गयी।
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“क्या कह रहे हो आप??” मैंने उससे हल्के से पूछा.
“बाथरूम में आओ” वो हल्के से बोला.
मैं समझ गयी की क्या होने वाला है। मैं उठ गयी और बाथरूम में चली गयी। वो हैंडसम मर्द मेरा ही वेट कर रहा था। अंदर जाते ही उसने मेरा हाथ पकड़ लिया।
“तुम बड़ी खूबसूरत औरत हो। अगर चाहो तो मैं तुमको ट्रेन में मजा दे दूँ???” वो कहने लगा.
उसकी बात सुनते ही मेरा भी चुदने का दिल करने लगा।
“मैं भी यही चाहती हूँ” मैं बोली.
उसके बाद मैंने चालू हो गयी। उसे पकड़ ली और किस करने लगी। मैंने पीली रंग की साड़ी पहनी थी। मैं गोरी चिट्टी और खूबसूरत औरत थी। मेरा फिगर 36 30 38 का था। मेरी गांड बाहर को निकली हुई थी जो बहुत नर्म और मुलायम थी।
उस अनजान मर्द से मुझे पकड़कर खूब किस किया। मैंने अपने लिप्स पर मैजेंटा कलर की लिपस्टिक लिप लाइनर के साथ लगा रखी थी जिसमे मैं बेहद सेक्सी माल दिख रही थी। पहले उस अजनबी मर्द ने खूब चूसा मेरे लिप्स को और सारी लिपस्टिक छुड़ा डाली। फिर मेरे ब्लाउस पर हाथ लगाने लगा।
“ब्लाउस खोलिए जी!! आपकी चूची पियूँगा” वो मर्द बोला.
“पर ऐसे तो बहुत देर लग जाएगी। लोगो को शक हो सकता है” मैंने कहा.
“लोग अपनी माँ चुदा ले। तुम अपना ब्लाउस खोलो” वो वासना में बोला.
मैंने ट्रेन के बाथरूम का गेट अंदर से लोक कर लिया था। फिर अपना ब्लाउस मुझे खोलना पड़ा। हम दोनों खड़े खड़े ही मौज लेने लगे। क्यूंकि फ्रेंड्स ट्रेन के बाथरूम में लेटने की जगह तो होती नही है। इसलिए खड़े होकर ही हम दोनों को चुदाई करनी थी। मैंने ब्रा भी खोल दी, वो अजनबी आकर मेरी 36” की बड़ी बड़ी आफ़ताब जैसी चिकनी चूचियों को मसलने लगा और दबाने लगा।
“आपके पपीते तो बहुत चिकने है जी!! मर्द का माल तो चोदने से पहले ही झर जाए” वो बोला.
“सब उपर वाली की देन है” मैं मटक कर बोली.
फिर वो मुंह में लेकर मेरी बड़ी बड़ी गोल गेंद जैसी चूची चूसने लगा। मैं “..अहहह्ह्ह्हह स्सीईईईइ….अअअअअ….आहा …हा हा सी सी सी” करने लगी। वो मर्द बहुत दिन का चुदासा लग रहा था। वो 6 फुट का एक बलिष्ठ बदन वाला मर्द था। वो अपने बड़े बड़े ताकतवर हाथो से मेरे बड़े बड़े आम दबाने लगा और मसलने लगा।
वो बिलकुल पगला गया था। मुंह में लेकर ऐसे चूस रहा था जैसी मैं कोई उसकी रंडी थी। उसने मेरे दोनों बड़े बड़े पपीते को चूसा और मुझे भी भरपूर मजा दिया। उसके बाद लंड चुसाने को दे दिया। उसका लंड वाकई 7” से जादा ही था।
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मैंने भी खड़े खड़े हाथ में लेकर उसके लंड को फेटा और कायदे से मुठ दी। फिर चूसने लगी। उसका लंड किसी मोटे खूटे जैसा दिख रहा था। मैंने मुंह में लेकर पहले तो खूब चाटा और फिर पूरा लंड मुंह में लेकर चूसने लगी।
मैं सिर को आगे पीछे हिला हिलाकर चूस रही थी। वो मेरी साड़ी को खोल डाला और मुझे नंगा कर दिया। मैंने ट्रेन की खिड़की पर अपनी साड़ी टांग दी। मैं उसके 7” लौड़े को चूसने में व्यस्त थी। वो मेरी गांड पर हाथ लगाने लगा।
मेरे दोनों नितंब बहुत चिकने और 38” के थे। वो सहलाने लगा। हाथ लगा लगाकर मजा ले रहा था। मैं उसके हथियार को हाथ से मूठ दे देकर चूस रही थी। वो मेरी गांड में ऊँगली कर रहा था। उसका लंड अपना पानी छोड़ने लगा। मेरे मुंह में उसका नमकीन माल लग गया था जिसे मैं चाट गयी।
“आपने मेरा लौड़ा चूसकर मुझे खुश कर दिया है। अब आपको खुश करने की बारी मेरी है जी” वो अजनबी बोला.
मुझे सीधा खड़ा कर दिया। वो नंगा होकर अपने कपड़े उतारकर नीचे बैठ गया। मेरी चूत में जीभ लगाकर चाटने लगा। मैं “……अई…अई….अई…..इसस्स्स्स्…….उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह….” करने लगी। वो तो मेरी खुशामद अच्छे से कर रहा था। मेरी चिकनी चूत को जीभ लगा लगाकर चूस चाट रहा था। मैं सिसकने को विवश हो गयी थी।
““….उंह हूँ.. हूँ…मेरी चूत के देवता!! अच्छे से चाटो मेरी रसीली चूत को!! हूँ..हमम अहह्ह्ह..अई….अई…..” मैं कहने लगी.
वो अपना मुंह मेरे भोसड़े पर दबा दबाकर चूसने लगा। मैं पागल होने लगी थी। मैंने कभी सोचा नही था की आज ट्रेन में इस तरह का मजा मिल जाएगा। कम औरतो को ही ट्रेन में लंड से चुदने को मिल पाता है। मैं बहुत तकदीर वाली औरत थी। उस अजनबी मर्द ने 10 मिनट चलती ट्रेन में मेरी बुर को चूसा। ऊँगली से मेरी बुर खोलकर जीभ अंदर डाल दी। फिर जल्दी जल्दी 2 ऊँगली घुसाने लगा। खूब चूसा उसने। अब चोदन की बारी थी।
“क्या तुम बस चूसते रहोगे। चोदना है तो मुझे जल्दी से चोद लो!! वरना मेरा पानी निकल जाएगा अई…..अई….अई… अहह्ह्ह्हह…..”मैं बोली.
उसने खड़े खड़े मुझे जरा सा पीछे को झुकाया और अपना 7” लंड मेरे भोसड़े में पिला दिया। उसके बाद खड़े खड़े मेरी चूत का चुकन्दर बनाने लगा। मैं लम्बी लम्बी साँसे भरते हुए “आऊ…..आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…सी सी सी सी..हा हा हा…..” करने लगी। वो खड़े खड़े मुझे चोद रहा था। चूत में लम्बे लम्बे झटके दे देकर मुझे ले रहा था।
मैं धन्य हो गयी थी। चलती ट्रेन में मैं लंड खा रही थी। मैं कितनी किस्मत वाली लड़की थी। उसके बाद मैं उसे किस करने लगी। उसने मुझे दोनों बाहों में पकड़ लिया और चुम्मा ले लेकर मेरा काम लगाने लगा। वो मेरे गाल, गले और होठो पर बराबर किस कर रहा था।
धका धक वो कमर हिला हिलाकर मुझे पेल रहा था। मैं चलती ट्रेन में जोर जोर से चिल्ला रही थी पर ट्रेन में इतनी आवाज हो रही थी कि कोई सुन नही पा रहा था। आखिर उसका चोदन का प्रोग्राम खत्म हुआ। वो अजनबी आखिर झड़ गया। माल उसमे मेरी बुर में ही निकाल दिया।
“आओ इसे फिर से मुंह में ले लो रानी!!” वो बोला.
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मैं फिर से उसके लौड़े को चूसने लगी। चुदाकर हम दोनों को बड़ी शांति मिल गयी थी। फिर हम दोनों अपने अपने कपड़े पहनकर बाथरूम से बाहर आ गये। अपनी अपनी सीट पर आकर बैठ गये। वो दूसरी ओर मुस्की दे देकर देख रहा था। कुछ घंटो बाद पटना आ गया। मैं ऑटो पकड़कर अपनी माँ के घर चली गयी। मुझे हल्की नींद भी आ रही थी। मेरी माँ, बहन, पापा, भाई सब मुझे देखकर बहुत खुश थे।
“मेरे बेटी आ गयी। ट्रेन में कोई दिक्कत तो नही हुई??” मेरी माँ जी पूछने लगी.
मैंने एक लम्बी अंगराई भरी क्यूंकि चुदाई के बाद ही मुझे हल्की सुस्ती लग रही थी। कितना चोदा था उस मर्द ने मुझे खड़े खड़े। मैं तो थक ही गयी थी।
“माँ!! ट्रेन में मुझे बहुत आराम मिला। बस आप पूछो मत!!” मैंने बोली.
मैं फिर जाते ही सो गयी थी। कुछ देर बाद मेरे हसबैंड का फोन आ गया। मैंने उनको बताया की कोई दिक्कत नही हुई। दूसरे दिन होली थी। मेरी बहन ने मुझे गालो पर ढेर सारा रंग लगा दिया था। मेरा भाई सनी भी बहुत शरारती थी। पूरे परिवार के साथ मैंने खूब होली खेली। मुझे मायके में बहुत मजा आ रहा था।
यहाँ पर कब सुबह होती थी और कब रात पता ही नही चलता था। इस तरह से 10 दिन मेरा मायके में गुजर गया। अब रात होती तो फिर से वो अजनबी मर्द मुझे याद आ जाता था। मैं उसको याद कर करके चूत में ऊँगली डालकर आनन्द ले लेती थी। इस तरह से कुछ राते मैंने चूत में ऊँगली डालकर काम चलाया। अब तो ऊँगली से भी मजा नही मिलता था।
क्यूंकि अगर दोस्तों लंड की बजाय लड़कियों को ऊँगली से मजा मिल जाता तो कोई लड़की लंड से नही चुदाती। फिर तो मेरा एक एक मिनट कटना मुस्किल होता जा रहा था। मेरे हसबैंड भी मेरे पास नही थे जो मुझे चोदकर मजा दे देते। अब मुझे अजय की याद आने लगी। शादी से पहले वो मेरा बॉयफ्रेंड था। उसने मुझे कितनी बार चोदकर मजा दिया था। मैंने फौरन अजय को काल कर दिया।
“हलो” वो उस साइड से बोला.
“अजय!! मैं संध्या। इधर ही हूँ पटना में। मिलेगा क्या???” मैं मजाक बनाते हुए पूछा.
“बहन की लंड!! तू ही शादी करके बनारस चली गई। वहां पर अपने हसबैंड से खूब चुदाती होगी। मैं इधर लंड हाथ में लेकर हिला रहा हूँ” मेरा बॉयफ्रेंड शिकायत करते हुए बोला.
“तभी तो मैंने तेरे को काल किया है। मैं अभी 10 दिन और पटना में रहूंगी। तेरे को लौड़ा हाथ में लेकर हिलाने की जरूरत नही है। अगर मेरी चूत चोदनी है तो मिल मुझसे” मैं किसी रंडी की टोन में बोली.
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“तेरी माँ की चोदू रंडी की!! मैं तो चूत के साथ तेरी गांड भी मारूंगा” अजय बोला.
“बोल कब मिलेगा” मैंने कहा.
शाम को अजय ने मुझे काल किया और होटल सम्राट में आने को बोला। उसने पहले ही रूम ले रखा था। होटल के कमरे में जाते ही अजय मेरे से चिपक गया। जल्दी जल्दी किस करने लगा।
““i love you!! संध्या!! “i love you!!” अजय कहने लगा.
उसने ही मेरी साड़ी खोलने का काम किया। मेरे पेटीकोट और पेंटी को उसने ही उतारा। मुझे फुल नंगी औरत बना दिया। फिर अजय नंगा होकर लंड हाथ में लेकर फेटने लगा। उसका लंड 8” लम्बा था और 2” मोटा था।
उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी नंगी बड़ी बड़ी दूध को मसलने लगा। मैं “….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ..हमममम अहह्ह्ह्हह..अई…अई…अई…..” करने लगी। पहले तो अजय ने मेरे दोनों पपीते को मुंह में लेकर चूस डाला और भरपूर मजा मुझे दिया।
फ्रेंड्स मेरा एक एक पपीता काफी बड़ा बड़ा था और सफ़ेद दूध की निपल्स डार्क ब्राउन कलर की बेहद चिकनी दिख रही थी। जिसे देखकर मेरा बॉयफ्रेंड सब कुछ भूल गया। वो मुंह में लेकर मेरे काली जूसी निपल्स को चूसने लगा। खूब चूसा।
मैं मस्त होकर अंगराई लेने लगी। उसके बाद अजय ने मेरी दोनों बड़ी बड़ी दूध के बीच में अपना 8” का लंड रख दिया और दोनों चूची को दबाकर खूब चोदा। मैं चुदाई के नशे में आकर मजे लेने लगी। खूब आनन्द लेने लगी मैं। अजय से आधे घंटे तक मेरे दोनों दूध के बीच में लंड रखकर चोदा। उसे भी बहुत सेक्सी लगा।
“देख तेरे लिए क्या लाया हूँ???” अजय बोला.
उसने अपनी जेब से एक लम्बा बैगन निकाला।
“माँ के लौड़े!! तू आज भी बिलकुल नही बदला” मैं बोली.
शादी से पहले अजय मुझे चोदने से पहले मेरी बुर में बैगन डालकर घंटो फेटता था। आज भी उसने ऐसा ही क्या। पहले उसने मेरी चूत को मुंह लगाकर खूब चाटा। खूब मजा दिया मुझे। फिर मेरे पैर खोलकर अजय मेरी चूत की एक एक कली चाटने लगा।
वो मेरी चिकनी चमेली चूत को जीभ लगा लगाकर चूसने लगा। मैं अपनी सुध बुध खोने लगी। “उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ…ऊँ…ऊँ….” करने लगी। उसमे मेरी चूत के मीठे पानी को खूब पिया। खूब मजा लिया।
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। फिर अजय कमीनेपन पर उतर आया। उसमे बैगन लेकर मेरी चूत में डाल दिया। वो बैगन 11” से भी लम्बा था और 3” मोटा था। अजय दोनों हाथो से बैगन अंदर डालने लगा। जल्दी जल्दी फेट रहा था। मेरी तो जान ही निकल रही थी।
“बहनचोद!! अजय!! धीरे धीरे कर वरना मैं मर जाउंगी!!” मैंने बेड पर लेटे लेटे बोला अपनी दोनों बड़ी बड़ी दूध को हाथ से मसलते हुए.
पर दोस्तों वो साला सुनने को तैयार नही था। दोनों हाथ से जल्दी जल्दी मेरी चूत में बैगन कर रहा था। तेजी तेजी से अंदर बाहर। मेरी तो गांड ही फटी जा रही थी। मैं “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ…ऊँ…ऊँ सी सी सी… हा हा.. ओ हो हो….”बोलकर चीख चिल्ला रही थी।
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खूब चीखी मैं। मेरे पूर्व बॉयफ्रेंड ने बहुत देर तक मुझे बैगन बुर में डाल डालकर तड़पाया। बैगन भी मेरी चूत के रस से सन गया था। अब अजय ने फिर से अपने 8” लंड को हाथ में ले लिया और खूब फेटा। जब पत्थर जैसा बन गया तो उसने सीधा मेरी चूत में लौड़ा डाल दिया और जल्दी जल्दी चोदने लगा। मैं चुतड उठा उठाकर चुदा रही थी। “….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी…अपने लंड वाले गन्ने को मेरी चूत की चक्की में आज तुम पीस डालो अजय!!…..अह्हह्हह…अई..अई.” मैं तडप कर कहने लगी.
ये बात सुनते ही उसे बड़ी मौज आ गयी। वो खटा खट मोटे लंड से लम्बे लम्बे शॉट्स लगाने लगा। पूरा बेड ही चरर चरर करने लगा। मैं अपने ओंठ चबा चबाकर सेक्स कर रही थी। मैं उसके लंड की बहुत भूखी हो गई थी। अजय ने काफी देर मेरी चूत का बाजा बजाया। कत्थे की तरह मुझे घिस डाला उसने। फिर वो झड़ने वाला हो गया। अपना तमतमाया लौड़ा उसने मेरी बुर से निकाला और मेरे मुंह पर सारा पानी झार दिया। मेरा फेस उसके माल से नहा चूका था। मेरी वासना की आग को उसने चोद चोदकर बुझा दिया था।