Office Sexy Masti
सर्दियो का मौसम था मेरी एक फाइनेन्स कंपनी मे नई नई जॉब लगी थी ओर वो काफ़ी अच्छी ओर बड़ी कंपनी है मुझे अभी ऑफीस जाते हुये 2 महीने पूरे नही हुये थे लेकिन अपनी चार्मिंग लुक्स ओर स्वभाव से ऑफीस मे काफ़ी फेमस हो गया था. लड़कियो के साथ मेरी बचपन से अच्छी बनती आई है तो मुझे लड़कियो से दोस्ती करने मे ज्यादा टाइम नहीं लगता था. Office Sexy Masti
ओर मैने वहा काफ़ी अच्छी दोस्ती बना ली थी ओर काफ़ी लड़कियां मुझ पर फिदा भी थी लेकिन में पहले से प्लान कर चुका था की ऑफीस मे अगर किसी पर हाथ मारूँगा तो किसी बड़ी चीज़ पर जिस से कुछ फायदा भी हो तो बस अपने उसी प्लान के मुताबित चल रहा था.
लेकिन मेरी नाइट शिफ्ट थी ओर उसमे कोई ज्यादा ख़ास ओर माल लड़की नही थी तो प्लान पूरा होने मे टाइम लग रहा था लेकिन किस्मत ने साथ दिया ओर मेरे अच्छे काम को देख कर मुझे सुबह की शिफ्ट में कर दिया गया क्योकि सुबह की शिफ्ट मे ज्यादा लड़कियां होती थी ओर उनसे काम करना आसान नही होता था.
तो मुझे ये काम दिया गया ओर जब पहले दिन मे सुबह को तेयार हो कर ऑफीस पहुचां तो मुझे मेरी सीनियर से मिलने को भेजा गया उसके केबिन मे मुझे उसके ही नीचे काम करना था जैसे ही में केबिन मे अन्दर गया तो सेन्ट की मस्त सी खुशबू आ रही थी वो सामने कुर्सी पर बैठी थी ओर फोन पर बात कर रही थी.
उसने मुझे बैठने का इशारा किया में कुर्सी पर बैठ गया ओर वो फोन पर थी. मैने केबिन मे जाने से पहले सोचा की वो बड़ी सी उम्र वाली लेडी होगी लेकिन मेरी तो किस्मत अच्छी चल रही थी वो देखने मे मेरी उम्र की ही लग रही थी उसका कलर बिल्कुल फेयर नही था लेकिन चॉकलेट कलर की स्किन थी.
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उसकी हेयर स्टाइल बहुत अच्छी थी वो दिखने मे बहुत हॉट और सेक्सी थी उसकी लम्बाई ज्यादा नहीं थी लगभग 5 फीट और 4 इंच थी ओर बॉडी पर्फेक्ट शेप मे थी उस दिन उसने हल्के नीले कलर की ऑफीशियल शर्ट ओर ग्रे कलर की पेन्ट पहनी थी उसकी शर्ट मे ही उसके बूब्स टाइट शेप मे दिख रहे थे ओर उसकी ब्रा भी हल्की हल्की दिख रही थी.
पहली नज़र मे देखने से ही पता चल रहा था की उसके बूब्स 34 साइज़ के थे बाकी कुर्सी पर बैठे होने की वजह से उसकी कमर ओर गांड का साइज़ पता नही चल रहा था. उसने मेरे आने के बाद उसने 10 मिनिट तक बात फोन पर जारी रखी जिस बीच मे मैने जो कुछ बताया था वो सब चेक आउट कर लिया था.
ओर इसी बीच शायद उसे लग रहा था की में उसे देख रहा हूँ तो उसने फोन पर बात करते हुये मुझ से इशारे मे पूछा “क्या हुआ” ओर मैने कुछ नही का इशारा कर दिया. लगभग 10 मिनिट के बाद उसने फोन रख दिया ओर मेरी तरफ़ स्माइल करके हाथ आगे बढ़ा कर कहा “हाय आई एम शिखा.”
ओर मैने भी हाथ मिलाते हुये कहा अपना परिचय दिया ओर फिर उसने मुझे काम बताया ओर कहा की आज उसे जल्दी जाना है तो में काम संभाल लूँ ओर में काम मे व्यस्त हो गया कुछ दिन काम करता रहा ओर इसी बीच मेरे दिमाग़ की बत्ती भी जल गई थी की पटाना है तो शिखा को ही पटाना है.
फिर एक टीम मे काम करते हुये हमारी बाते होने लगी ओर इसी बीच मुझे पता लगा की वो मेरे ही आगे की है ओर उपर से जिस मोहल्ले मे मेरा घर था वो वही रूम ले कर रहती थी जो की मेरे लिये प्लस पॉइंट था इस वजह से हमारे बीच अच्छी दोस्ती हो गई थी.
अब ऑफीस ख़त्म होने के बाद हम साथ मे घर जाया करते जब वो मेरे पीछे बाइक पर बैठती थी तो खुद ही काफ़ी चिपक कर बेठती थी ओर उसके बूब्स मेरी पीठ से टच हो जाते थे ओर उस 15 मिनिट के सफ़र मे मेरा लंड खड़ा ही रहता था ओर मुझे रोज घर आ कर मुट्ठ मार कर उसे शांत करना पड़ता था.
इसी बीच एक दिन हम ऑफीस मे लेट तक काम कर रहे थे तो उसने मुझसे मस्ती मे पूछ लिया की “मनीष मुझे लगता है की तुमकुछ छुपाते हो मुझ से जब मुझे घर ड्रॉप करते हो तुम” उसके चेहरे पर एक छोटी सी स्माइल थी ओर वो मेरी तरफ देख रही थी में भी कमीना ही हूँ.
मैने भी तपाक से बोल दिया की “अगर ना छुपाऊ तो तुम जाने थोड़े दोगे फिर घर” ओर स्माइल दी ओर उसने मेरे पास आ कर पूछा “क्यो जी ऐसा क्या छुपाते हो” मैने कहा “मौका आने पर पता चल जायेगा” ओर उठ कर बाहर आ गया उस दिन काम ज्यादा था तो हमने ऑफीस मे ही खाना खा लिया था.
तो मैने घर पर फोन करके खाना बनाने के लिये मना कर दिया था ओर तभी शिखा ने मुझसे कहा की घर पर बोल दे की शायद आज ऑफीस मे ही रुकना पड़े तो मैने ये भी बोल दिया ओर फिर काम निपटाने लगे काम टाइम से पहले ही ख़त्म हो गया तो मैने सोचा घर चला जाता हूँ. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
शिखा ओर में बाइक पर निकले रात के करीबन 11 बजे थेठंड ज्यादा थी तो शिखा मुझ से कुछ ज्यादा ही चिपक कर बैठी थी ओर मेरे सीने पर अपने हाथो को फेर भी रही थी ओर उसकी गर्म साँसे मेरे कानो को छू रही थी ओर उसकी चुचियां मेरी पीठ मे गढ़ी हुई थी स्वेटर पहने होने के बावजूद मुझे उसके बूब्स अच्छी तरह फील हो रहे थे ओर मेरा लंड ठंड मे भी खड़ा हो गया था.
मैने शिखा के घर के बाहर बाइक रोकी और उसे उतरने को कहा और वो उतर गयी ओर मुझ से कहने लगी “मनीष तुमने तो घर आने को मना कर दिया था तो अब तो घर वालो ने दरवाजा बन्द कर दिया होगा फिर क्या करोगे”. हुआ यूँ की मैने कह दिया की “जगाना पड़ेगा उन्हे अब”.
उसने मेरे हाथ पर हाथ रखते हुये कहा की “एक काम करो आज मेरे यहा ही रुक जाओ परिवार को क्यों तंग करना” मैने भी ठीक हे कहा ओर अपने ऑफिस बेग से अपने खड़े लंड को छुपाते हुये बाइक को बरामदे मे पार्क करने लगा बेग को आगे लटका कर बाइक पार्क करने मे दिक्कत हो रही थी.
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जो शिखा ने नोटीस कर लिया ओर उसने कहा की बेग मुझे पकड़ा दो मैने मना किया लेकिन फिर भी उसने बेग मुझसे ले लिया ओर जैसे ही बेग हटाया तो लाइट की रोशनी मे मेरा तने हुये लंड का तंबू उसे दिख गया ओर उसने झट से पूछा मनीष ये क्या है मैने हँसते हुये कहा वही है जो रोज छुपाता हूँ ओर आज तुम ने पकड़ ही लिया.
ओर उसने हँसते हुये कहा लल्लू अभी पकड़ा कहा है अभी तक तो हाथ भी नही लगाया. ओर मेरे पास आ कर मेरे कान में धीरे से बोली मनीष मेरे ज़रा से चिपकने से तुम्हारा ये हाल है तो बाकी से क्या हाल होगा. मैने उसकी कमर मे हाथ डाल कर उसे अपने पास खींचते हुये बोला की “ट्राइ कर के देख लो क्या हाल होगा”.
ओर उसके होठों को चुमने लगा वो भी मेरा साथ दे रही थी ओर ज़ोर ज़ोर से होठों को चूस रही थी मेरा लंड तो पहले से ही खड़ा था वो उसकी टांगो के बीच मे उसकी चूत के ऊपर रगड़ रहा था जिससे वो ओर टाइट हो गया. मैने उसको घुमाया ओर उसकी गांड को बाइक पर टीका कर उसे चुमने लगा.
ओर उसके एक बोबे को अपने हाथो से दबाने लगा वो गर्म होने लगी थी ओर मुझे ओर ज़ोर से किस करने लगी थी ओर अपनी जीभ मेरे मुँह मे घुसेड़ने लगी ओर अपना हाथ मेरे हाथ पर रखकर अपने बोबे दबवाने लगी मुझे बहुत मज़ा आ रहा था ओर वो भी अपनी गांड हिलाने लगी थी.
लेकिन तभी दूर से आती एक गाड़ी की लाइट पड़ी तो हम अलग हो गये ओर वो रूम का लॉक खोलने लगी ओर में बाइक पार्क करके अंदर आ गया. उसका रूम काफ़ी अच्छा था उसने ज़मीन पर ही अच्छे से बिस्तर लगा रखा था जो काफ़ी नरम था.अंदर आते ही वो सीधा बाथरूम मे चली गयी.
ओर मुझे अंदर से आवाज़ लगा कर कहा “में फ्रेश हो कर आती हूँ तुम भी तब तक बैठ जाओ” मुझे कहा आराम आना था मेरा तो डंडा खड़ा था ओर झटके मार रहा था मैने भी जल्दी से अपने कपड़े उतारे ओर केवल चड्डी मे बाथरूम के पास गया ओर शिखा को आवाज़ लगाई ओर कहा की मुझे भी मन कर रहा है नहाने का आ जाऊ. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
ओर उसने कोई जवाब नही दिया बस दरवाजा खोल दिया मैं भी झट से अंदर घुस गया ओर देखा वो सफेद पेन्टी ओर ब्रा मे शावर के नीचे खड़ी थी गर्म पानी के छीटे उस पर से हो कर मुझ पर गिर रहे थे पानी उसके सर से होता हुआ उसकी ब्रा मे उसके बोबो के बीच की धारी मे जा रहा था ओर सफेद रोशनी मे भीगी हुई क्या लग रही थी यार बता नही सकता.
उसने मुझसे कहा की “मेरे बाहर आने तक का वेट नही हो रहा था जो अभी नहाना था. मेंने झट से उसे अपनी बाहों मे भर कर बिना कुछ कहे उसकी गर्दन पर किस करने लगा ओर चूसने लगा पानी उसकी गर्दन से बहता हुआ मेरे मुँह मे जा रहा था जो नमकीन सा लग रहा था वो भी मेरे बालो मे उंगलियां डाल कर सहला रही थी.
मैने उसके होठों को चुमना शुरू कर दिया ओर वो भी ज़ोर ज़ोर से मेरे होठ चुसने लगी मैने उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुये उसकी ब्रा का हुक खोल दिया ओर उसने जल्दी से अपनी ब्रा अपने कंधो से अलग कर दी ओर मेरे सामने उसके नंगे बोबे थे क्या चीज़ थी वो यार बिल्कुल तने हुये हार्ड थे ओर उस पर भूरे कलर के निप्पल कमाल लग रहे थे.
मैने झट उन्हे मसलना शुरू कर दिया ओर अब वो आँहे भरने लगी अहह सस्स्स्स्स्सस्स की आवाज़े निकालने लगी. मैने उसके निपल को मुँह मे लेकर चुसना शुरू कर दिया ओर वो पागल हो गयी अपने बोबो को मेरे मुँह मे ओर ज़ोर से दबाने लगी ओर अपनी चूत को मेरे लंड पे रगड़ने लगी.
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क्या सीन था दोस्तो में तो बस उसके रसीले बोबे चुखते ही उनको खा ही जाना चाहता था. मैने अब उसे बाथरूम की दीवार के सहारे खड़ा किया ओर अब दोनो हाथो से उसके बोबो को नींबू की तरह निचोड़ रहा था ओर वो आवाजे कर रही थी सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स अहह की आवाजे निकाल रही थी.
फिर मैने एक हाथ उसकी गांड पर फेरना शुरू कर दिया ओर पेन्टी में हाथ डाल कर उसकी गांड दबाने लगा ओर उसे अपनी तरफ खींच कर अपने लंड से उसकी चूत रगड़ने लगा वो भी मेरा साथ दे रही थी ओर अपनी चूत लंड पर रगड़ रही थी. मैने उसे पेन्टी उतारने को कहा.
उसने एक हाथ से पेन्टी नीचे की ओर की फिर टांगो से बाहर निकाल दी क्या चूत थी उसकी यार एक दम डबल रोटी के जैसी फूली हुई ओर एक भी बाल नही था पूरी क्लीन शेव थी मैने अपना हाथ उसके ऊपर फेरना शुरू किया तो वो काँप उठी ओर मेरे होठों को काटने लगी.
मैने उसकी चूत के अंदर उंगली डाल कर हिलाना शुरू कर दिया वो बिल्कुल टाइट थी ओर बहुत गर्म थी वो भी अपनी गांड हिला हिला कर उंगली अंदर ले रही थी ओर आह्ह्ह आह्ह्ह की आवाज़े निकाल रही थी मेरा लंड तो अब खड़े खड़े दर्द करने लगा था ओर शायद उसे ये पता लग गया.
उसने मुझे घुमा दिया ओर दीवार के साइड कर दिया ओर झट से नीचे झुक कर मेरा अंडरवेयर उतार कर मेरे लंड को हाथो मे ले कर सहलाने लगी ओर एक बार मेरी ओर देख कर उसे मुँह मे ले लिया ओर चूसने लगी. ओह माई गॉड क्या फीलिंग थी यार उसका गर्म गर्म थूक मेरे लंड पर चिकना सा लग रहा था.
उसके मुँह मे लंड आधा ही जा रहा था लेकिन वो उसे पूरा गले तक लेने की कोशिश कर रही थी में बता नही सकता यार की वो कितने अच्छे से लंड चूसती थी. अब वो मेरे लंड को पागलो की तरह चूस रही थी मानो जैसे आज ही उसे पूरा निगल जायेगी उसके चूसने से पुचूक पुचूक जैसी आवाज़े निकल रही थी जो मुझे ओर पागल बना रही थी.
अब मुझ से रहा नही जा रहा था मैने उसके सर को पकड़ कर उसके मुँह को चोदने लगा ओर वो भी मेरा लंड पूरे गले तक ले रही थी ओर एक हाथ से अपनी चूत सहला रही थी 10 मिनिट तक उसका मुँह चोदने के बाद में उसके मुँह मे ही झड़ गया ओर मैने देखा की वो मेरा सारा माल पी गयी ओर फिर मेरे लंड को चाटने लगी.
ओर फिर मैने उसे गले लगा लिया ओर किस करने लगा मेरा लंड अभी भी खड़ा था ओर मुझे ओर करना था तो मैने उसे टावल से लपेटा उसे गोद मे उठाया ओर बेड पर ले गया ओर उसे बेड पर लिटा कर उसका टावल उतार दिया ओर उसके नंगे बदन को चुमने लगा वो कसमसा रही थी में उसके बोबे दबा रहा था ओर मसल रहा था ओर वो तड़प रही थी.
फिर मैने उसकी टांगो को फैला कर उसकी फूली हुई चूत को चुमना शुरू किया ओर वो अहह करने लगी ओर अपनी टांगो को ओर फैला दिया ओर मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया मैने अपनी जीभ उसकी चूत मे डाल कर उसे चाटने लगा ओर चुसने लगा वो पागलो की तरह “अहह अहह ओर चुसो ओर चुसो जान पूरी जीभ अंदर डालो” बोल रही थी.
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ओर अपनी गांड उठा उठा कर मेरे मुँह को दबा रही थी और जितने में वो फिर झड़ गयी ओर मेरे मुँह मे नमकीन सा पानी आ गया जो अच्छा भी लग रहा था. फिर उसने कहा “मनीष डाल दो मेरे अंदर मुझ से रहा नही जा रहा प्लीज” मैने कहा जैसा तुम कहो जान.
मैने उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया ओर उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ कर उसे गीला किया ओर अपना टोपा उसकी चूत के मुँह पर रखा ओर धीरे से अंदर घुसा दिया उसे थोड़ा सा दर्द हुआ ओर उसने मुझे अपने ऊपर खींच लिया ओर बोलने लगी की दर्द हो रहा है मैने भी लंड को ऐसे ही रहने दिया.
ओर इतने मे ही उसे धीरे धीरे हिलाने लगा उसे भी थोड़ा सा अच्छा लगने लगा था ओर वो अपनी टाँगे खोलने लगी थी ओर उसकी चूत ओर गीली हो गयी थी में धीरे धीरे लंड उसके अन्दर करता जा रहा था मेरा लंड थोड़ा ओर अंदर चला गया था वो मज़े ले रही थी ओर में इतने मे ही उसे चोद रहा था ओर पचक पचक की आवाज़ आ रही थी.
फिर मैने उसके होठों को चुसना शुरू कर दिया ओर अपनी स्पीड भी बड़ा दी ओर फिर ज़ोर लगा कर लंड को ओर अन्दर कर दिया. वो दर्द से छटपटा रही थी उसने अपनी टाँगे टाइट कर दी थी जिस से लंड अटक गया था ओर वो गहरी साँसे ले रही थी मैने उसके होठों को चुमा.
ओर उससे कहा की जान टाँगे ढीली छोड़ो वरना ज्यादा दर्द होगा वो नही मानी फिर थोड़ा समझने के बाद उसने अपने आप को ढीला छोड़ा ओर मैने तुरंत एक झटके मे पूरा लंड उसके अंदर डाल दिया वो चिल्लाने लगी ओर मुझे अपने से चिपका कर जकड़ लिया में उसे लगातार स्पीड से चोदता जा रहा था.
वो अभी भी आआआआआ आआआआ आआआआआहह कर चिल्ला रही थी ओर गहरी गहरी सांसे ले रही थी 5 मिनिट तक में उसे ऐसे ही चोदता रहा फिर वो थोड़ा शांत हुई ओर अब उसकी आवाज़ भी हल्की सी चेंज हो गयी थी ओर वो सिसकारियां लेने लगी थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वो अब अपनी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी थी ओर ज़ोर ज़ोर से उछल रही थी पूरे रूम मे पचक-पचक की आवाज़े आने लगी थी सर्दियो का मौसम होने के बावजूद हम दोनो पसीने से भीग चुके थे में अब पूरा लंड बाहर निकाल कर अंदर डाल रहा था जो उसे बहुत अच्छा लग रहा था.
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ओर वो हर बार भारी आवाज़ मे कह रही थी “फक ऊहह फुक्कककक फुक्ककक मे जाआअन्णन्न् फुक्ककककककक मे ओर ओर अंदर डालो. ऊऊऊओह एससस्स ओएसस्स” ऐसी आवाज़े सुन कर मेरा झड़ने का मूड नही कर रहा था मन कर रहा था की पूरी रात उसे ऐसे ही चोदता रहूँ. लेकिन 30 मिनिट तक ऐसे ही जंगली चुदाई के बाद मेरा माल निकल गया ओर मैने सारा उसकी चूत मे ही डाल दिया ओर उसके ऊपर से हटने लगा लेकिन शिखा ने मुझे हटने नही दिया ओर मुझसे लिपटी रही हम कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे फिर में उठा.
मैने देखा की उसकी चूत से खून निकला हुआ था जो मेरे माल के साथ मिल कर उसकी चूत से बह रहा था वो ऐसे ही टाँगे फैलाये लेटी हुई थी मैने उसे देखने को कहा तो उसने एक स्माइल के साथ कहा “ये तो होना ही था आज में औरत जो बन गयी हूँ” ओर मैने उसे फिर से किस किया. उससे उठा नही जा रहा था तो में उसे उठा कर बाथरूम तक ले गया उसने अपनी चूत को गर्म पानी से साफ करने को कहा जिससे उसे थोड़ा आराम भी मिला मैने तब तक बेडशीट चेंज कर दी थी वो बाहर आई तो फिर में उसे उठा कर बेड तक ले गया.
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