Threesome Girl Fucking
मेरा नाम अनुपमा है। मैं प्रयागराज की रहने वाली हूँ। मेरा अफेयर कॉलेज के एक लड़के से हो गया था। उसका नाम अनिल था। मुझे उसको देखते ही प्यार हो गया। धीरे धीरे हम दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। मैं कॉलेज की छुट्टी होने के बाद अनिल के साथ बाइक पर टहलती थी। एक दिन किसी ने मेरे घर वालो को इसके बारे में बता दिया और मेरे पापा ने मेरी जमकर धुनाई कर दी। मेरे पापा, मम्मी, चाचा, मेरे दो बड़े भैया सब मेरे प्यार के खिलाफ हो गये थे। Threesome Girl Fucking
“वाह बेटी!!! तुझको कॉलेज पढने के लिए भेजा था। और तू वहां पर लड़को के साथ घूमती रहती है। क्यों हमारा नाम डुबो रही है। अब तू फिर कभी उस लड़के से नही मिलेगी” मेरे पापा से गुस्साकर बोला.
फिर कुछ दिन बाद मामला शांत हो गया। मैं फिर से अनिल से मिलने लगी। अब फिर से किसी ने देख लिया और मेरे घर में शिकायत कर दी। मेरे घर वाले इस बात से बहुत नाराज थे। उन्होंने जल्दी से मेरी शादी पक्की कर दी। अब मैं क्या करती क्यूंकि मैं अनिल से प्यार करती थी। इसलिए मुझे घर से भागना पड़ा। अनिल भी रेलवे स्टेशन आ गया और हम दोनों ने पटना की ट्रेन पकड़ ली।
अनिल सिविल परीक्षा की तयारी कर रहा था। उसकी पटना में अनेक दोस्तों से दोस्ती थी। अब हम दोनों के सामने समस्या थी की कहाँ पर रहते क्यूंकि पुलिस भी हम दोनों को ढूढ़ रही थी। ऐसी मुसीबत में अनिल मुझे लेकर अपने दोस्त दीपक के घर चला गया। दीपक का मकान काफी बड़ा और अच्छा था। उसकी फेमिली पटना में ही गाँव में रहती थी। अनिल मुझे लेकर दीपक के मकान पर चला गया।
“भाई!! कुछ दिन हम लोगो को अपने घर पर रहने दो” अनिल दीपक से बोला.
“अपना ही घर समझ यार। तुम दोनों जितने दिन चाहो रह लो” दीपक बोला.
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अब हम दोनों को किसी तरह की टेंसन नही थी। अनिल ने अपना फोन फेंक दिया था जिससे हम दोनों को पुलिस भी ट्रेस न कर सके। अब हमारे पास चुदाई करने का खूब समय था क्यूंकि अब हम दोनों घर से बहुत दूर थे। उस दिन अनिल का दोस्त दीपक अपने काम पर चला गया। हम दोनों का इधर मौसम बन गया।
अनिल मुझे लेकर बेडरूम में आ गया। हमारा किस चालू हो गया। मैं 5 फुट 3 इंच की सेक्सी देसी लड़की थी। मेरा जिस्म काफी छरहरा था। जिस तरह से देसी प्रयागराज की लड़कियाँ दिखती थी मैं वैसी ही थी। मैंने काले रंग का सलवार सूट पहना हुआ था। मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे बेड पर लिटा दिया और प्यार करने लगा। पहले मेरे ओंठो पर ओंठ रखकर किस करने लगा, फिर मुझे बाहों में समेट लिया।
“आई लव यू!! अनुपमा!” अनिल कहने लगा.
मुझे चूसने लगा। मैं भी जवान लडकी थी। अंदर से काफी हॉट थी तो मैं भी चालू हो गयी। मैंने भी बड़े जोश से अपने आशिक को पकड़ लिया। उसे किस करने लगी। हम दोनों मुंह चला चलाकर एक दूसरे के लब चूस रहे थे। अनिल मेरे 36 इंच के दूध पर हाथ लगाने लगा। मेरा फिगर 36 28 34 का था इस वजह से अनिल भी मुझे चोदने का मन बना चुका था। मुझे लिटाकर मेरी रसीली फूली फूली चूची को सहलाने लगा।
“अनुपमा डार्लिंग!! कुछ होता है की नही” अनिल बोला.
“होता है… बहुत मजा मिलता है ओह्ह माँ… ओह्ह माँ…” मैं बोली.
“चलो अपना सलवार सूट उतारो दो अनुपमा रानी” अनिल बोला.
उसके बाद मैं जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतार दी। अपनी ब्रा और पेंटी उतार डाली। उधर अनिल अपनी शर्ट पेंट उतार दिया। उसका लंड 8 इंच का बड़ा सा नाग जैसा दिख रहा था। मैं बेड पर लेट गयी। अनिल मुझसे चिपक कर लेट गया। मुझे पकड़ लिया और मेरे चुदासे जिस्म पर किस करने लगा।
मैं नंगी थी, बिना कपड़े में थी और बहुत चिकनी सामान दिख रही थी। मेरे चेहरे में इतनी कशिश थी की किसी का लंड मैं खड़ा कर सकती थी। अनिल मुझे किस करने लगा। मेरे गले और कंधे पर उसने हजारो बार चुम्मा लिया। फिर मेरी 36 इंच की बड़ी बड़ी चूची पर हाथ लगाने लगा। फिर दाबने लगा। मैं “ओह्ह माँ… ओह्ह माँ… उ उ उ उ उ… अअअअअ आआआआ…” किये जा रही थी।
“अनुपमा डार्लिंग!! तुम तो किसी अप्सरा से कम नही” अनिल बोला.
फिर जोर जोर से मेरी चूची को मसलने लगा। मेरे दूध बड़े सेक्सी थे। किसी भी लड़का का लंड खड़ा कर देती। उसके बाद अनिल मेरी चूची को मुंह में लगाकर चूसने लगा। मैं कुलांचे भरने लगी। अच्छे से चूसा रही थी।
“पी लो अनिल जान!! अच्छे से चूस डालो!!” मैं कहने लगी.
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मेरा बॉयफ्रेंड अब मेरे दूध को हाथ से कस कसके दबा रहा था और मुंह में लेकर चूस रहा था। ऐसी कामुक क्रिया करने से मैं गर्म हो गयी। मेरी चूत अपनी गंध छोड़ने लगी। फिर मेरी बुर अपनी रस छोड़ने लगी। मैं लंड खाने को मरी जा रही थी। अनिल मेरे उपर लेट कर मेरे दोनों दूध चूस रहा था।
मुझे उसने गर्म कर दिया। मेरी काली काली निपल्स को उसने सेक्सी अंदाज में दांत गड़ाकर काट लिया। मैं “ओहह्ह्ह….अह्हह्हह…अई..अई. .अई… उ उ उ उ उ.. बोलकर सिसक पड़ी। अनिल नीचे बढ़ गया और मेरे पेट पर जीभ लगाकर चाटने लगा।
चाटते चाटते वो मेरी नाभि पर पहुच गया और जीभ लगाकर उसे कायदे से चूसने लगा। अब तो मेरी हालत और खराब होने लगी। 5 मिनट तक मेरा बॉयफ्रेंड मेरी नाभि को चूसता रहा। फिर बड़े ही आश्चर्य से मेरी चूत देखने लगा। मेरी चूत पर बहुत सारी झांटे थी। काले काले घुघराले बालो का गुच्छा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
“अनुपमा डार्लिंग!! तेरी झांट बनानी पड़ेगी” अनिल बोला.
“तो बना डालो जान!!” मैं बोली.
फिर अनिल ने अपने दोस्त दीपक की शेविंग मशीन ने मेरी झांट बना डाली। मेरी चूत की सब घास को अच्छे से छील डाला। उसे चिकना बना डाला और वेसलीन क्रीम को अच्छे से चूत पर मल दिया। दोस्तों अब मेरी बुर किसी नई नवेली दुल्हन की बुर जैसी दिख रही थी।
अनिल देख देखकर ही मजे लूट रहा था। फिर जीभ लगा लगाकर चाटने लगा। मेरी चूत बड़ी गद्दीदार थी और उसकी बीच वाली सीधी लाइन कितनी मस्त दिख रही थी। अनिल देखकर ही पगला गया और जीभ लगा लगाकर चाटने लगा। जैसे बच्चे बर्फ का गोला जीभ लगाकर चूसते है।
मेरे जिस्म में तन मन में आग सी लग गयी। मैं “आआआअह्हह्हह… ईईईईईईई… ओह्ह्ह्… अई. अई.. अई… अई.. मम्मी…” करने लगी थी। मुझे अपने पैर खोलने पड़े। अनिल मेरी जवानी और चूत की सुन्दरता का कायल हो गया और मेरी चूत को जीभ घुमा घुमाकर चाटने लगा। मैं मचल रही थी।
“और चूसो मेरे साजन!!” मैं कहने लगी.
जब अनिल काफी देर तक चूत चटाई करता रहा तो मैं चुदने को हो गयी। मेरे गुद्दीदार चूत के दाने को अनिल विशेष रूप से सता रहा था। फिर चूत में ऊँगली करने लगा। अनिल ने अपनी लम्बी वाली ऊँगली मेरी चूत में घुसा डाली। मैं सी सी सी… हा हाँ करने लगी।
वो चूत की गली में अंदर तक ऊँगली डाल रहा था और बड़ी जल्दी जल्दी अंदर बाहर कर रहा था। मेरी तो जान ही निकली जा रही थी। “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ… ऊँ—ऊँ… ऊँ सी सी सी… हा हा.. ओ हो हो…” बोलकर मैं अपनी गांड उठाने लगी। अनिल फिर से चूसने लगा।
“अनिल जान!! क्या सिर्फ ऊँगली की करोगे या मुझे चोदोगे भी??” मैं कहने लगी.
फिर अनिल अपने रोकेट जैसे लंड को हाथ में लेकर फेटने लगा। कस कसे फेट रहा था। दोस्तों उसका लंड बड़ा डरावना दिख रहा था। मसल्स वाला लंड था उसका। किसी जहरीले सांप की तरह फुफकार मार रहा था। मेरे बॉयफ्रेंड अनिल ने मुठ दे देकर अच्छे से खड़ा कर दिया और अपने रोकेट को मेरी बुर में डालने लगा। मैं कुवारी कन्या था इसलिए चूत की सील बंद थी। मैं दोनों टांग को खोल ली।
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“जान!! घुसा डालो अपना लंड!! फाड़ दो मेरी भोसड़ी को!!” मैं बोली.
फिर अनिल भी अपने रोकेट जैसे लंड को हाथ में पकड़कर मेरी गुलाबी कलर की चूत में घुसाने लगा। अंदर ही नही जा रहा था। बड़े मुस्किल से अंदर गया। मुझे बहुत दर्द हुआ। अब अनिल का सांप जैसा लंड पूरा 8 इंच अंदर घुस गया। वो मुझे चोदने लगा। मैं सिसक कर “उ उ उ उ उ… अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी….. ऊँ… ऊँ… ऊँ…” करने लगी।
अनिल भी फुल मूड में आ गया था। धकाधक ठुकाई कर रहा था। मैं दोनों टांग को उपर उठा ली। वो धक्का पर धक्का मारने लगा। मैं कामक्रीड़ा करने लगी। अनिल तो पकापक मेरा गेम बजा रहा था। मेरी आवाजे उसने निकलवा दी। कुछ देर बाद वो झड़ गया।
“अनुपमा डार्लिंग!! चल मेरे लौड़े को फेट” अनिल बोला.
मैं हाथ में लेकर फेटने लगी। हम दोनों कमरे में नग्न अवस्था में थे। अब हमे किसी बात का कोई डर नही था क्यूंकि हम लोग अब प्रयागराज में नही थे। दीपक के घर में भी कोई नही था इसलिए मैं अनिल के साथ मजे लूट रही थी। मैं उसका लंड को हाथ में लेकर जल्दी जल्दी नीचे उपर हाथ चलाकर फेटने लगी।
फिर मुंह में लेकर चूसने लगी। “….उंह उंह उंह हूँ चूस और चूस अनुपमा डार्लिंग!!” अनिल अपनी आँखे बंदकर कह रहा था, मैं भी आज फुल चुदाई के मूड में आ गयी थी। हम लोग रति क्रीडा में मग्न थे की इतने में अचानक से दरवाजा खुल गया। अनिल का दोस्त दीपक आ गया था।
हम लोगो तो नंगे थे। दीपक से देखा तो देखता रह गया। “ओह्ह सोरी!” वो बोला और दूसरे कमरे में चला गया। अब दीपक का भी मूड बनने लगा था। रात पर वो मेरे बारे में सोच रहा था। जब रात हुई तो मैं अनिल के साथ सोयी थी। आधी रात में हम दोनों का फिर से मौसम बन गया।
“चल अनुपमा कुतिया बन जा” अनिल बोला
मैं भी कपड़े उतारकर कुतिया बन गयी। तभी दीपक हमारे वाले कमरे में घुस आया। और अनिल से मेरी चूत मागने लगा।
“भाई!! मुझे भी अपनी गर्लफ्रेंड की चूत दिलवा दो” दीपक बोला.
दोस्तों दीपक भी कुछ कम हैंडसम मर्द नही था। वो 6 फुट लम्बा हट्टा कट्टा मर्द था और देखने में खूबसूरत दिखता था। दीपक अपनी पेंट खोलने लगा। जब बार बार निवेदन करता रहा तो अनिल तो दया आ गयी।
“आओ भाई!! तुम भी मेरी सामान को चोद खा लो” अनिल ने दीपक से कहा.
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दीपक अपना शर्ट और अंडरवियर खोलकर सम्पूर्ण रूप से नग्न हो गया। उसकी बोडी बड़ी फिट दिख रही थी। 6 पैक्स ऐब बना रखे थे उसने। वो पीछे से आकर मेरे चूतड़ को चाटने लगा। दोस्तों मैंने आपको बताया की मेरा पिछवाड़ा 34 इंच था। मेरे पुट्ठे बड़े बड़े और बेहद नाजुक मुलायम थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
दीपक मुझे कुतिया बनाकर पीछे से किस करने लगा। मेरे दोनों पुट्ठे पर हाथ लगा लगा लगाकर सहलाये जा रहा था। ओंठ लगाकर चुम्मा ले रहा था। फिर मेरी गांड को अच्छे से ताड़ने लगा। दोस्तों आजतक किसी मर्द ने मेरी गांड नही चोदी थी। अब दीपक का पारा चढ़ गया और जीभ लगा लगाकर मेरी गांड का छेद वो चाट रहा था।
मेरा छेद बहुत ही चिकना था। दीपक तो देखकर ही पागल हो गया। मस्ती से चूसने चाटने लगा। मैं कामुक होकर “आऊ… आऊ…हमममम अहह्ह्ह्हह… सी सी सी सी.. हा हा हा..” कर रही थी। मुझे पूरे बदन में सनसनी सी लग रही थी। कितना मजा मिल रहा था।
मैं आप लोगो को बता नही सकती। दीपक मेरी गांड के भूरे छेद को अच्छे से चूसता रहा। फिर अपनी अपनी उगली को मुंह में लेकर गीला किया और होले होले मेरी कुवारी गांड में घुसा डाला। मैं पागल होकर …उंह उंह उंह करने लगी। दीपक अब चुदक्कड मर्द बन गया और मेरी गांड में ऊँगली अंदर बाहर करने लगा।
मेरा बदन कांपने लगा। मुझे बड़ा अजीब सा यौवन वाला सुख मिल रहा था। दीपक बार बार ऊँगली घुसाता और फिर मुंह में लगाकर चाट लेता। इस तरह से हजारो बार उसने अपनी मोटी ऊँगली मेरी गांड में घुसा डाली और जो रस निकलता उसे मुंह में डालकर चूस जाता।
“दीपक! प्लीस मेरी गांड मारो। घुसा दो अपना पप्पू मेरे छेद में! फाड़ दो मेरी गांड को!” मैं निवेदन करने लगी.
अब अनिल का दोस्त दीपक 10 इंची लंड को मुठ देने लगा। दोस्तों उसका तो और भी जादा लम्बा और खतरनाक लौड़ा था। किसी अंग्रेज की तरह 10 इंच का था। कुछ देर मुठ देकर खड़ा करता रहा। फिर मेरे मस्त मस्त चूतड़ पर पटकने लगा। फिर चुदाई का मौसम बनाकर अपने हाथ में थूक लेकर अच्छे से मलने लगा।
अब मेरी गांड में घुसाने लगा। दोस्तों मैं शरीफ लड़की थी। आज से पहले किसी लड़के से नही चुदी थी। इसलिए मेरी गांड कसी थी। दीपक मेहनत करना रहा और फिर अंदर घुसा डाला। मैं दर्द से मरने लगी। लगा की किसी ने कोई बांस मेरी गांड में घुसा दिया हो। दर्द से कराहने लगी। अब दीपक जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा। मेरी गांड फाड़ने लगा। मेरा क्रिया कर्म करने लगा।
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मैं शरीफ लड़की की तरह कुतिया बनी रही। दीपक मेरे उपर चढ़कर पीछे से मेरी गांड चुदाई कर रहा था। मैं “अई… अई… अई… अहह्ह्ह्हह… सी सी सी सी… हा हा हा…” किये जा रही थी। दर्द भरे समां में गुदा मैथुन करवा रही थी। दीपक तो किसी नीग्रो की तरह हब्सी बनकर मेरी गांड मार रहा था। मेरा बॉयफ्रेंड मेरे सामने ही खड़ा होकर अपने लंड को पकड़कर मुठ दे रहा था। मैं कुतिया बनी रही और कामवश अपना अंगूठा मुंह में लेकर चूसने लगी। दीपक ने 20 मिनट मेरी गांड फाड़ी फिर उसमे भी शहीद हो गया। मैं थककर बिस्तर पर दूसरी साइड गिर गयी।
दोस्तों इस तरह से अब दो दो मर्द रोज रात में मेरी ठुकाई करते थे। मुझे धीरे धीरे अनिल और दीपक दोनों से लव हो गया था। फिर दोनों ने मुझसे शादी कर ली। अब आप लोग बोलो को ये कैसे हुआ। पहले दिन अनिल मुझे शादी का जोड़ा पहना कर मन्दिर ले गया। शादी कर ली। फिर दूसरे दिन दीपक भी मुझे मन्दिर ले गया और शादी कर ली। अब मैं दो दो मर्दों की औरत बन गयी। उस रात अनिल और दीपक दोनों ने मेरे साथ सुहागरात बनाई। दोनों मर्द कपड़े खोलकर मेरे सामने आ गए।
“अनुपमा रानी!! अब तुम हम दोनों की औरत बन गयी हो। चलो अब हमारे लंडो को चूस डालो” दोनों कहने लगी
मैं भी कपड़े खोलकर नंगी हुई। ब्रा और पेंटी भी उतार डाली। फिर दोनों हाथों में दोनों का लंड लेकर फेटने लगी। चूस चूसकर खड़ा की और अच्छे से चुदवा ली दोनों से। अब मेरे दो पति थे। दोनों मेरी हर रात पेलाई करते थे।