Father In Law Chudai
ससुर बहु का संभोग मेरा नाम जहान्वी है, मै इंदौर की रहने वाली हूँ। मेरी उम्र लगभग 26 होगी। मेरी शादी हो चुकी है, मै अपने ससुराल में रहती हूँ। जब मेरी शादी नही हुई थी, तब तो मै बहुत ही मस्त माल थी मेरे पीछे लड़के चक्कर काटते थे, लेकिन मै मिडिल क्लास की लड़की हूँ इसलिए मैंने किसी को भी लाइन नही दिया और ना ही किसी को चोदने का मौका दिया। Father In Law Chudai
जब मेरी शादी हुई तब पहली बार मेरी चुदाई हुई और मेरे पति ने मेरी सील को तो कर मेरी चुदाई का खाता खोला। मुझे अपने पहली चुदाई में बहुत मजा आया था और जब मेरी सील टूटी थी तो जोर जोर से चीखने लगी थी और मेरी आंखे भी भर आई थी।
मेरे पति थोड़े स्मार्ट काम है इसलिए मुझे उनसे ज्यादा चुदने का मन नही करता है लेकिन वो मुझे जबरदस्ती ही चोदने लगते है, इसलिए मुझे चुदवाना ही पडता है। पहले मेरे बूब्स बहुत ही टाइट और सुडोल थे। ऐसा लगता था की जैसे कोई टाइट मुसम्मी है, लेकिन शादी के बाद मेरे पति ने मेरी चूची दबा दबा के उसको खूब बड़ा और ढीला कर दिया।
लेकिन फिर भी अभी भी वो बहुत ही चिकनी और बड़े बड़े है। अब तो मुझे भी उनको मसलने में मजा आता है। और मै अपनी चूत को हमेसा साफ रखती हूँ। हर तीसरे दिन मै अपने झांटो को साफ करती हूँ ताकि मेरी चूत दिखने में अच्छी लगे। अब मेरी चूत भी थोड़ी ढीली हो गयी है लेकिन कुछ दिन ना चुदवाने से फिर थोड़ी टाइट हो जाती है।
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मेरे ससुरल में मेरे पति, मेरी सास और ससुर रहते है। मेरे ससुर की उम्र लगभग 45 साल होगी लेकिन देखने से लगता है कि अभी वो 35 के होगे। ये सब सरकारी नौकरी का कमाल है, नौकरी के पैसे से मेरे ससुर खूब खाते थे, इसलिए वो अभी भी दिखने जवान ही लगते है।
मेरी शादी को 4 साल हो गया है, हमने अभी कोई बच्चे पैदा नही किया है क्योकि मेरे पति कि अभी नौकरी नही लगी थी, इसलिए वो कहते थे जब पैसे आने लगे तब बच्चे पैदा कर लेंगे, अभी केवल चुदाई करो बस। हमारा खर्चा मेरे ससुर ही उठाते है, क्योकि वो अभी रिटायर नही हुए है।
मेरे ससुर तो बहुत ही हरामी है, मेरी सास बता रही थी कि इन्होने अपने जमाने में बहुत सी लड़कियों को चोदा है और अभी भी जब मन करता है तो ये चुदाई करने के लिये रंडियो के पास जाते है। मैंने बहुत बार देखा है कि मेरे ससुर मेरी तरफ देखा करते थे लेकिन मै अपने काम में बिजी रहती थी।
कुछ दिन पहले कि बात है मेरे पति को एक नौकरी का पेपर देने जाना था। वो अपने पेपर देने चले गये। घर में मै और मेरे सास ससुर बचे थे। मै अपने कमरे में लेटी हुई थी और मेरे ससुर मेरे कमरे में आ गये, मैंने उनसे पूछा – क्या हुआ पापा कोई काम है क्या??
तो उन्होंने कहा – “हाँ बैठो बता रहा हूँ।
मै बैठ गयी उन्होंने कहा – “सुनो तुम्हारे पति का अभी नौकरी तो लगी नही है और मुझे लगता है कि तुम्हे पैसे कि जरूरत रहती होगी। तुम चाहो तो मै तुम्हे हर महीने पैसे दे सकता हूँ”।
मैंने उनसे पूछा – आप इतना महरबान क्यों है मुझ पर?
तो उन्होने ने हँसते हुए कहा – “मै तुम्हे पैसे दूँगा और तुम मुझे उसके बदले में कुछ दे दिया करना”।
मैंने उनसे पूछा – आप को मुझसे क्या चाहिए?
तो उन्होंने कहा – “मुझे तुम्हारे चूत के दर्शन करने है और तुम्हारी चूत को चाटकर चोदना भी है”।
ये सुन कर मुझे गुस्सा आ गया मैंने उनसे कहा – “और आप के अंदर शर्म नाम कि चीज नही है क्या और कोई अपने बहू से ऐसे बात करता है क्या”।
मेरी बात सुनकर मेरे ससुर जाने लगे और उन्होंने फिर एक बार कहा इस बारे में सोचना जरुर। जब मेरे पति वापस घर आये तो उन्होंने कहा – “लगता है कि अब कोई काम करना ही पड़ेगा कब तक ऐसे ही चलेगा”।
उन्होंने मुझसे कहा – “अगर पापा थोड़े पैसे दे दे तो मै अपना काम शुरू कर दूँ। लेकिन पापा पैसे देंगे नही जल्दी”।
मैंने उनसे कहा – “एक बार कहो तो सही हो सकता पैसे देने के लिये मान जाये”।
मै और मेरे पति दोनों साथ में ससुर जी के पास गये, मेरे पति ने उनसे पैसे मांगे, लेकिन उनकी नजर मेरे ऊपर ही थी, मैंने उनको इशारे में कह दिया कि मै आप से चुदने के लिये तैयार हूँ बस आप इनको पैसे दे दीजिये। मेरे ससुर ने कहा ठीक है मै पैसे दे दूँगा, कितने चाहिए?
मेरे पति ने कहा – दो लाख रूपये दे दीजिये।
उन्होंने कहा- ठीक है मै बैंक से निकाल कर दे दूँगा।
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मेरे पति खुश हो गये, उन्होंने मुझे अपने गोद में उठा लिया और मुझको बेड पर ले गये। वो इतने खुश थे कि उन्होंने मुझे बड़े प्यार से उस दिन चोदा। उन्हें क्या पता था कि मैंने उनके खातिर अपनी चूत को बेच दिया था। उनको तो पैसे मिल जायेगे लेकिन मुझे तो उनसे चुदवाने का दर्द मिलने वाला था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मेरे ससुर ने मेरे पति को पैसे दे दिए, अब वो अपने काम को सेट करने में लग गये, दिन में कोई घर नही रहता था, मेरी सास तो हमेसा दूसरों के घर में बैठी रहती थी। एक दिन घर में कोई नही था, मै अपने कमरे में लेटी थी और वहां मेरे ससुर आ गये। वो मेरे बगल में बैठ गये, और मेरे हाथो पर अपना हाथ रख के सहलाने लगे.
और मुझसे कहा – “अब तो तुम खुश हो, अब मै तुम्हे चोद सकता हूँ मैंने तो पैसे भी दे दिए??
मैंने उनसे कहा – “हाँ आप मुझे चोद सकते है लेकिन ये बात मेरे पति को नही पता चलनी चाहिए”।
उन्होंने मुझसे कहा – “तुम चिंता मत करो किसी को पता नही चलेगा”।
मेरे ससुर मेरी चुदाई करने वाले थे, वो मेरे हाथो को सहलाते हुए मेरी मेरे हाथो के ऊपर बढ़ने लगे और कुछ ही देर में उनका हाथ मेरे कंधे पर पहुँच गया। वो मुझे जोश में लाने के लिये मेरे हाथो को सहला रहें थे। मै भी धीरे धीरे जोश में आने लगी थी।
उनका हाथ मेरे कंधे से होते हुए मेरी गाल तक पहुँच गया। वो मेरे गाल को मसलते हुए मेरे होठो को ओने हाथ की उंगलियो से सहलाने लगे जिससे मै बहुत ही ज्यादा बैचैन होने लगी, और मैंने उनके हाथो को पकड लिया और अपने चुचियो के ऊपर फेरते हुए अपने चूत तक ले गयी जिससे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।
मेरे ससुर भी धीरे धीरे पूरे पावर में आ गये उनका लंड खड़ा हो गया था और उनके हाथ भी गरम होने लगे थे। उन्होंने मुझे बैठा दिया और मेरे गाल पर चुम्मा लेने लगे। मैंने उनसे कहा – “आज कल ये नही चलता मै बताती हूँ कैसे किस करते है।
मैंने उनके गालो को कटे हुए उनके होठ को अपने मुह में भर लिया, और मस्ती से उनके होठो को चूसने लगी। मेरे ससुर भी धीरे धीरे मेरे होठो को चूसने लगे और कुछ ही देर में वो मेरे होठो को अपने मुह में डाल लिया और काटने लगे।
मै मचलने लगी थी, वो लगातार मेरे होठो को चूस कर पीते हुए मुझे मदहोश कर रहें थे। मैंने उनके निचले होठ को अपने दांतों से काटते हुए उनको अपने बाँहों में भर लिया और उनसे कस कर चिपक गयी। मेरे ससुर भी जोश में आने लगे वो मेरे होठो को चूसते हुए मेरे मम्मो को दबाने लगे और बिना ब्लाउज की बटन खोले उसमे अपने हाथो को डालने लगे।
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वो बड़े मजे से मेरे होठो की चूस रहें थे और मेरे मम्मो को भी दबा रहें थे। वो मेरे होठो को 30 मिनट तक पीते हुए मेरी चूची को खूब दबा। फिर वो मेरे गर्दन को पीते हुए मेरे चुचियो की तरफ बढ़ने लगे। वो मेरे चुचियो को ब्लाउज के ऊपर ही से अपने नाक से सूंघते हुए दांतों से काटने लगे।
मैंने जल्दी से अपने ब्लाउज की बटन को खोल दिया और उसे निकाल दिया। मेरी चुचियाँ मेरे लाल रंग के ब्रा में किसी शिकार की तरह फसें हुए थे मेरे ससुर ने ,मेरे मम्मो को मसलते हुए मेरे ब्रा को निकाल दिया। मेरे ब्रा को निकलने के बाद वो मेरी चुचियो के निप्पल को अपने जीभ से गोल गोल चाटते हुए मुझे उत्तेजित करने लगे।
धीरे धीरे वो मेरे मम्मो को अपने हाथो से जोर जोर दबाने लगे और साथ साथ वो अपने मुह में मेरे मम्मो को रखकर गार घार कर पीने लगे। ऐसा लग रहा था कि जैसे मै कोई भैंस हूँ और ये मेरी छाती को गार गार कर पी रहें है।
वो मेरी चूची के निप्पल को मसलने लगे जिससे मै सिसक सिसक के धीरे धीरे …अहह ..अह्ह्ह आह ओह ओह ओह ओह्ह्ह्ह… ओह्ह्ह.. मम्मी,,, आह… करके चीखने लगी थी। लेकिन मजा भी आ रहा था। वो लगातार मेरे चुचियो को दबाते हुए पी रहें थे।
बहुत देर तक मेरे मम्मो को पीने के बाद मेरे ससुर ने अपने लंड को सहलाते हुए बाहर निकाला, मै तो उनके लंड को देखती ही रह गई। मेरे पति का लंड तो इनके लंड से बहुत छोटा है, मैंने उनके लंड जल्दी से अपने हाथो में पकड लिया और सहलाने लगी।
जब उनके लौड़े को सहलाती तो उनका लंड और भी टाइट हो जाता और तन भी जाता। मैंने उनके लंड को सहलाते हुए चूसने लगी। मैंने उनके पूरे लंड को अपने मुह के अंदर ले लिये और मज़े से चूसने लगी। उनका लौड़ा मेरे मुह ठीक से नही आ रहा था, लेकिन उसको चूसने का मजा ही अलग था।
मै उनके लंड को बहुत देर तक चूसती रही और कुछ देर बाद मेरे ससुर ने अपने लंड को मेरे मुह से निकाल लिया और मेरी कमर कि पीते हुए मेरी साडी को खोल दिया और साडी निकलने के बाद धीरे से मेरे पेटीकोट के नारे को भी खोल दिया।
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मैंने उस दिन पैंटी नही पहनी थी। मेरी चूत बहुत ही कटीली लग रही थी, मैंने दो दिन पहले अपनी झांट बनाई थी, अब वो किसी नुकीले कटे कि तरह छोटे छोटे हो गये थे। मेरे ससुर ने मेरी चूत को देखते हुए मेरी चूत को सहलाने लगे और धीरे धीरे मेरी चूत में अपनी उंगली को डालने लगे।
मै जान गयी कि मेरे ससुर मेरी चूत का पानी निकलना चाहते है, इसीलिए वो मेरी चूत में उंगली करने लगे थे। मै धीरे धीरे और भी कामुक होने लगी और अपने बदन को ऐठने लगी। वो मेरी चूत को उंगली डाल कर अंदर अपनी उंगली को फैला देते थे जिससे मै मचल जाती थी और तडप कर सिसकने लगी।
धीरे धीरे वो अपनी उंगलियो को बहुत तेजी से मेरी बुर में डालने लगे जिससे मै तड़पने लगी और … आह्ह्ह..आह अहह… मम्मी…मम्मी… सी सी सी सी.. हा हा हा… ऊऊऊ…. ऊँ.. ऊँ… ऊँ… उनहूँ उनहूँ… ही ही ही ही ही… अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह… उ उ उ करके चीखने लगी और साथ साथ अपने मम्मो को दबते हुए मै मचल रही थी।
कुछ देर लगातार तेजी से मेरी चूत में उंगली करने से मै बेकाबू होने लगी और कुछ ही देर में मेरी चुत से पानी निकलने लगा। मेरे ससुर अपने मुह को लगा के मेरी चूत के पानी को पीने लगे। पानी पीने के बाद उन्होंने मेरी चूत को चाटते हुए उसमे अपनी जीभ डालने लगे.
और मेरी चूत की झालरदार दाने को चाटने लगे, अब तो और भी पागल होने लगी थी। मेरे अंदर काम की ज्वाला और भी भडकने लगी थी। कुछ ही देर में वो अपने लंड को मेरी चूत के पास ले गये और उसको मेरी चूत के ऊपर पटकने लगे और धीरे से मेरी चूत में डाल दिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मुझे उनका लंड अच्छा लगा क्योकि मेरे पति से मोटा और बड़ा भी था। ऐसा लग रहा था कि पहली बार चुदाई हो रही है। मेरी चूत हो ढीली थी लेकिन मोटे लंड से मजा आ रहा था। लेकिन कुछ ही देर में मेरे ससुर मुझे जानवरों कि तरह पेलने लगे मेरी चूत तो फटी जा रही थी और मै पागलो कि तरह जोर जोर से चीखने लगी थी।
उनका लंड जब मेरी फुद्दी के अंदर जाता तो ऐसा लगता कि कोई कितनी मोटी चीज मेरी चूत में जा रही है। उनका लंड बार बार मेरी चूत के अंदर जाता और बाहर आता और मै बड़ी जोर जोर से ..आह हा ओह्ह्ह ओह्ह्ह सी सी सी सी.. हा हा हा.. ओ हो हो…….उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ. हमममम अहह्ह्ह्हह.. अई…अई….अई…आऊ… आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…. सी… अई… अई… अई… अई… इसस्स्स्स्स्स्स्स्… उहह्ह्ह्ह… ओह्ह्ह्हह्ह… मेरी चूत को आज ही फाड़ दोगे.
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क्या आराम से चोदो मुझे ओह्ह्ह…. बहुत दर्द हो रहा है… लेकिन मजा भी आ रहा है चोदो लेकिन आराम से आह्ह ओह्ह्ह… करके चीख रही थी लेकिन मेरे ससुर तो मेरी चूत को फाड़ने में लगे थे। कुछ ही देर में वो अपनी पूरी जोर लगा कर मुझे चोदने लगे, अब तो उनकी रफ़्तार और भी तेज हो गयी थी। अब तो ऐसा लग रहा था कि कहीं मेरे प्राण ना निकाल जाये, लेकिन कुछ देर में उन्होंने अपने लंड को बाहर निकाल लिया और मुठ मारने लगे।
जब उन्होंने अपना लंड निकाला तो मुझे थोडा आराम मिला लेकिन मेरी चूत और भी फ़ैल गई थी। कुछ देर मुठ मारने से उनके लंड का माल निकलने लगा। और कुछ ही देर में उनका लंड ढीला पड़ गया। चुदाई के बाद मैंने उनसे कहा – “अगर आप मुझे पैसे देते रहें तो मै आप से रोज चुदने के लिये तैयार हूँ”। मेरे ससुर ने कहा – “ठीक है मै तुम्हे पैसे देता रहूँगा और तुम मुझसे ऐसे ही चुदवाती रहना”। इसके बाद मेरी तो एक दिन में दो बार चुदाई होती थी। कुछ दिन बाद जब मुझे लडका हुआ तो वो भी जुड़वाँ थे, एक मेरे ससुर का और एक मेरे पति का।