Plastic Ka Lund XXX
मेरा नाम हरिहरन उम्र 22 साल, कद 170 और मेरा वजन 65 किलो है। बहुत साहस करके अपनी खुद की वास्तविक कहानी आप लोगों का बता रहा हूँ। मैं उत्तराखण्ड का रहने वाला हू, यह बात उन दिनों की है जब मैं 11वीं कक्षा में पढ़ने हरिद्वार गया। Plastic Ka Lund XXX
हरिद्वार हमारे गॉंव से 18 किमी पड़ता है। मुझे रोज घर से स्कूल आने-जाने में परेशानी होती थी इसलिए मुझे हरिद्वार में ही एक कमरा किराए पर लेना पड़ा। बड़ी मुश्किल से कमरा मिला। उसका मकान मालिक 5 साल पहले एक दुर्घटना में मर गया था।
अब उसकी विधवा औरत ही उस घर की मालकिन थी। उसका नाम काजल, उम्र 30-32 के करीब थी। उसकी छोटी बहन और वो अपनी दो लड़कियों के साथ उस मकान में रहती थी। उसकी बहन का नाम मीना और लड़कियों के नाम रवीना और करीना थे।
उसकी बहन मीना की उम्र 25 के करीब थी और बेटियों की उम्र 18 और 20 होगी। उसके मकान में 3-4 कॉलेज की लड़कियाँ भी रहती थी। उनमें एक मेरे गाँव की लड़की सुधा भी रहती थी, वो भी कॉलेज में पढ़ती थी। उसकी उम्र बीस साल थी। उसने ही मुझे बताया था कि उस मकान में एक कमरा खाली है यदि तुम चाहो तो तुम वो मकान किराये पर ले सकते हो।
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उसने कहा था- वैसे तो वो लड़कों को कमरा किराये पर देती नहीं है, यदि तुम कहो तो मैं उनसे पूछ लेती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है, तुम पूछ लेना ! मुझे कमरा किराये पर नहीं मिल रहा है, मैं उसी में रह लूंगा।
अगले दिन मुझे बताया कि मकान मालकिन बडी मुशिकल से तैयार हुई है, तुम अपना सामान लेकर आज शाम को ही आ जाओ। यदि कोई लड़की आ गई तो वो कमरा उसे दे दिया जायेगा। मैं शाम को ही अपना सामान लेकर कमरे पर चला गया।
वो कमरा उस मकान की पहली मंजिल पर था। मेरे कमरे के पास में ही बाथरूम था। बाथरूम के नाम पर एक बड़ा सा कमरा था। बाथरूम में एक टंकी थी उसमें पानी भरा रहता था। सभी वहीं नहाते थे। नहाने के लिए कोई अलग से बाथरूम नहीं था।
उस कमरे में एक तरफ़ चार लेट्रीन थी पर एक का ही दरवाजा था, बाकी तीन पर दरवाजा ही नहीं था। मेरे कमरे से बाथरूम की ओर एक खिड़की थी जिससे उसमें सब कुछ दिखाई देता था। मेरे कमरे के साथ में एक कमरा और था उसमें एक टीवी लगा था।
उस कमरे की दीवार में भी एक छोटी खिड़की थी और एक खिड़की बरामदे की तरफ भी थी। अगले दिन जब मैं जगा तो देखा कि सभी लडकियॉं नंगी ही बाथरूम में नहा रही हैं और आपस में मस्ती कर रही हैं। कोई किसी की चूत में उंगली कर रही है, कोई किसी की चूची दबा रही है।
यह देख कर मेरा लण्ड खड़ा हो गया और मैं उसे शांत करने में लग गया। यार, मैं उनको देखते हुए मुठ मारने लगा। फिर जब सब नहा कर निकल गई, मैं तब नहाने गया तो उस दिन मैं स्कूल के लिए लेट हो गया।
अगले दिन मैं सुबह 4 बजे ही जग गया और तैयार होने बाथरूम में गया और दरवाज़े वाली लेट्रीन में घुस गया। थोड़ी देर बाद मकान मालकिन बाथरूम में तैयार होने आई तो वो अपने कपड़े खोल के ब्रा और पेण्टी में लेट्रीन के लिए आई तो दरवाजे वाली में तो मैं था, तो वो बगल वाली बिना दरवाजे की लेट्रीन में घुस गई।
जब मैं बाहर निकला तो वो अपनी चूत की झाँटें काट रही थी। जैसे ही मैंने उसे देखा, देखता ही रह गया, बाप रे ! क्या मस्त चूत थी ! एकदम पाव रोटी की तरह ! और क्या चूची थी पूरी 36 इन्च की ! मुझ पर उसकी नज़र पड़ी तो उसका हाथ ऐसे ही रूक गया जहाँ पर था।
मैं उसे सॉरी बोल के जल्दी नहा कर अपने कमरे में आ गया, पर मेरे दिमाग में वही उसकी चूत का दृश्य आ रहा था। फिर मैंने उसके नाम की मुठ मारी और स्कूल आ गया। मेरे दिमाग में वही दो दिनों के दृश्य घूम रहे थे तो मैं आधी छुट्टी में ही वापस आ गया।
जैसे ही मैं कमरे में पहुँचा तो टीवी वाले कमरे से अजीब आवाज आ रही थी। मैंने जब खिड़की से उस कमरे में देखा तो दंग रह गया। मेरी मकान मालकिन और मेरे गांव वाली लड़की सुधा दोनों नंगी होकर आपस में एक-दूसरे की चूतों को 69 पोजिशन में चूस रही थी.
और सुधा काजल से कह रही थी- काजल डॉर्लिंग, अब मैं तेरे लिए एक 18 साल का मस्त लड़का लाई हूँ। अब तू जल्दी से उसे पटा कर चुदवा ले और हमें भी चुदवा दे।
तो काजल बोली- सुधा डार्लिंग मुझे पहले ही बहुत जल्दी है इसलिए आज जब वो नहाने गया तो मैं भी अपना रेजर लेकर झाँटें काटने पहुँच गई जिससे उसे मेरी चमकती चूत के दर्शन हो जायें और उसे वो बाथरूम के पास वाला कमरा भी इसीलिए दिया है कि वो रोज चूतों और चूचियों के दर्शन कर ले ! क्यों डार्लिंग ?
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मैं उनकी बातें सुन कर उत्तेजित हो गया और उन्हें देखते हुए मुठ मारने लगा। थोड़ी देर बाद अचानक एक हाथ ने मेरे लण्ड को पकड़ा तो अचानक मेरा ध्यान भंग हुआ। देखा तो सामने मीना खड़ी हुई मेरा लण्ड हिला रही है।
मीना बोली- प्यारे, इस बेचारे की क्यों गर्दन मरोड़ रहा है, मुझे बोल, मैं इसको अपनी चूत के स्वर्ग में पहुँचा देती हूँ !
और वो मेरा लण्ड चूसते बोली- तुम मेरी चूची दबाते हुए अन्दर का नजारा देखते हुए मजा लो और मैं तुम्हारा रस पीती हूँ !
अब वो मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं उसकी चूची दबाते हुए अन्दर का नजारा देखने लगा। अन्दर सुधा और काजल 69 पोजीशन में होकर एक-दूसरे की चूत चूस रही थी और उंगली भी पेल रही थी। उनके सामने दीवार पर प्रोजेक्टर के द्वारा एक ब्लू फिल्म चल रही थी।
अचानक सुधा उठी और आलमारी से एक प्लास्टिक का लण्ड निकाल कर उसका बेल्ट अपनी कमर में बॉधा। यह प्लास्टिक का लण्ड बेल्ट के दोनों ओर था जिससे सुधा के बेल्ट कमर पर बाँधने से बेल्ट के पीछे वाला प्लास्टिक का लण्ड सुधा की चूत में घुस गया।
अब सुधा लण्ड को झूलाते हुए काजल के पास आई और बोली- जान अभी एक दो दिन ओर इस प्लास्टिक के लण्ड से चुद लें, फिर तो तू हरिहरन के असली लण्ड का स्वाद चखेगी ! इधर उनकी बातें सुनते हुए और मीना के लण्ड चूसने से मेरा हाल बुरा होता जा रहा था, अब मैं झड़ने के करीब था।
तो मैंने मीना को कहा- साली रण्डी, मीना कितना चूसेगी ? अब मेरा निकलने वाला है !
तो मीना बोली- मैं तेरे लण्ड के वीर्य का ही इन्तजार कर रही हूँ ! मुझे तेरा वीर्य पीना है !
तो ले पी साली ! और मैंने अपने वीर्य की पहली बरसात मीना के मुंह में कर दी।
और साली मीना मेरा पूरा वीर्य चाट-पोंछ के पी गई। उधर अन्दर सुधा प्लास्टिक के लण्ड से काजल को चोद रही थी, इधर मीना कहने लगी- साले तेरा लण्ड तो मैं चूस रही हूँ ! साले मेरी चूत को चूसने को क्या तेरी मां आयेगी?
तो मैंने कहा- साली, तेरी चूत भी मैं चूसूंगा !
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और मैं उसे उठा कर उल्टा करके उसके पैरों को अपने कंधों पर रख कर उसकी चूत चूसने लगा और वो उल्टे लटके हुए मेरा लण्ड चूस रही थी। 15 मिनट तक उसकी चूत चूस कर मैंने उसको सभी पोजीशन में चोदा। सबसे पहले मैंने मीना को उठा कर अपने लण्ड पे बिठा कर खड़े-खड़े चोदा, फिर घोड़ी बना के चोदा। मैंने मीना को 3 बार दिन और 4 बार रात में चोदा।
वो कहने लगी- तुम पहले आदमी जिससे मैं पहली बार चुदी हूँ, वैसे मैं अब तक रोज उसी प्लास्टिक के लण्ड से चुदवाती थी जिससे अभी काजल दीदी चुदवा रही थी। अब तुम जल्दी ही काजल दीदी और सुधा को चोद लोगे पर तुम जल्दी मत करना क्योंकि तुम देखो कि दीदी और सुधा तुमको कैसे चोदने के लिए तैयार करती हैं।
तो मैंने कहा- ठीक है, तुम रोज मुझ से चुदवाने मेरे कमरे में आ जाया करो ! और ऐसा 7-8 दिन चला।
फिर एक दिन काजल ने मुझ से चुदवा ही लिया और उसके 3-4 दिन बाद सुधा ने भी चुदवा लिया। और वहाँ रहने वाली हर लडकी को चोदा ! अगले दिन मैं जल्दी 5 बजे ही जगा, जब सब लड़कियाँ नहाती थी और खिड़की के पास बैठ गया। जब सुधा आई तो उसने मेरे कमरे की तरफ झांका और बाथरूम में चली गई। और जाते ही उसने करीना की गांड पर हाथ मारा और कहा- क्या हाल है मेरी चुदक्क्ड़ ?
और मेरी खिड़की की तरफ मुँह करके पूरे कपड़े उतार कर नंगी हो गई और करीना से कहने लगी- यार करीना, मेरी चूत में बहुत आग लगी है, किसी असली लंड से इसको चुदवा दे ! और अपनी चूत के होठों को खोलते हुए उसे मेरी तरफ मुँह करके दिखाने लगी जिससे मुझे उसकी चूत अन्दर तक लाल दिखाई दी और मेरा हाथ अपने लंड पर चला गया।
इतने में करीना बोली- अपने हरिहरन के लंड से चुदवा ले ना !
इतने में बाथरूम में मीना घुसते हुए बोली- यार कौन हरिहरन से चुदवाना नहीं चाहता? सभी चाहती हैं पर चुदवाने का बहाना तो तलाश करो !
और मीना ने अपनी एक ऊँगली सुधा की चूत में डाल दी तो इस पर सुधा बोली- अब इसे तेरी ऊँगली की नहीं, हरिहरन के लंड की जरुरत है !
फिर सभी लड़कियाँ मस्ती से नहाकर अपने कॉलेज चली गई और मैं भी नहाकर अपने कॉलेज चला गया पर जब मेरा दिल नहीं लगा तो वापस कमरे पर आ गया। वहाँ देखा कि काजल बाथरूम में नंगी ही नहा रही है ! तो मैं भी कपड़े धोने के बहाने पूरे कपड़े उतार कर सिर्फ अंडरवीयर में बाथरूम में चला गया।
काजल मुझे देख कर बाथरूम में इधर-उधर चक्कर लगाये क्योंकि वो अपने कमरे से नंगी ही नहाने आई थी। तो मैंने कहा- क्या हुआ काजल जी? आप ऐसे इधर उधर क्यों भाग रही हो? अब तो मैंने आपका सब कुछ देख लिया है, चूत भी चूचियाँ भी ! बड़ी मस्त चूत और चूचियाँ हैं !
इतना सुनकर वो बोली- मेरा इतना देख कर भी अपना लंड इस टेंट में छिपा रखा है ?
तो मेरा लंड निक्कर में फड़फड़ाने लगा। काजल मेरी निक्कर नीचे सरका कर उसे चूसने लगी तो मेरा लंड एक लोहे की छड़ की तरह हो गया।
मैं बोला- साली, यदि तू मेरा चूस रही है तो कुछ मुझे भी चुसा !
और मैंने उसकी टांग पकड़ के उसकी टांग ऊपर उठा के उसे उल्टा लटका दिया और उसकी चूत चूसने लगा और वो मेरा लंड ! 15 मिनट के बाद वो सी सी …….. करके अपनी टांग दबाने लगी और झड़ गई। मैं उसकी चूत का नमकीन और स्वादिष्ट रस पी गया।
फिर मैंने उसे खड़े खड़े ही पल्टा और उसको लंड पर बिठा कर चूत में लंड घुसा दिया और चोदने लगा। वो भी मेरे कन्धों को पकड़ कर अपनी गांड हिलाने लगी। अब वो पूरी मस्ती में आ चुकी थी, बोली- हरिहरन, प्यारे मैं तुझे पहले ही दिन देख कर समझ गई थी कि तू ही मेरी चूत की आग बुझा सकता है। आज मेरी चूत की आग चोद-चोद कर बुझा दे।
मैं बोला- मैं तो तब ही समझ गया जब आपको मैंने बाथरूम में झांट काटते हुए देखा और आपकी गुलाबी चूत ने मेरा जीना हराम कर रखा था। यह लंड मुझे जीने नहीं दे रहा था, आज मुझे शांति मिली है जब मैंने तेरी चूत में इसे घुसा दिया है। अब रोज तेरी चूत की धज्जियाँ उड़ाया करूँगा।
फिर मैं उसे दबा कर चोदता रहा और वो भी मुझे खूब गांड हिला कर उकसाती रही। जब मैं उसे तीसरी बार चोद रहा था तो काजल बोली- राजा, अब मुझे लंड पर बैठा कर चोदते हुए मुझे मेरे कमरे में ले चलो ! यहाँ कोई आ जायेगा !
फिर मैं उसे लंड पर बिठा कर उसके कमरे में लाकर उसके बेड पर घोड़ी बना कर चोदने लगा। जब मैं काजल को घोड़ी बना कर चोद रहा था तो अचानक मीना आ गई और वो बड़ी तेजी से कमरे में घुसी और घुसते ही रुक गई और हमें देखा तो मैंने उसे आँख मारी, वो समझ गई कि अपनी चुदाई की बात नहीं बतानी है।
वो काजल पर बरस पड़ी- आप तो हरिहरन से चुदवा रही हैं और यहाँ हमरी चूत की फिकर ही नहीं है !
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तो काजल उसे अपने पास बुलाया और उसकी चूची दबा कर बोली- यार, तू क्या समझती है कि मुझे पता नहीं है कि तू कल कहाँ थी जब मैं और सुधा आपस में प्लास्टिक के लंड से चुद रहे थे ! तो मैं अचानक चौंका- आपको कैसे पता चला? तो काजल बोली- जब हम चुदाई करते हैं और मीना होती है तो यह जरूर हमसे अपनी चूत में लंड डलवाने आती है और कल यह आई नहीं ! और मैंने तुम्हें कमरे में घुसते हुए देख लिया था।
फिर जब सुधा मेरी चूत में प्लास्टिक के लंड से चुदाई कर रही थी तो मैंने देखा कि कोई तेरे लंड को नीचे बैठे चूस रहा है क्योंकि मुझे मीना के सर के बल दिखे और जब मैंने सुधा को छोड़ा तो मैंने देख लिया था कि तुम मीना को घोड़ी बना कर चोद रहे थे। इस पर मीना बोली- दीदी आपको आना चाहिए था असली लंड से चुदवाने ! काजल बोली- मैंने सोचा कि अब मैं तो प्लास्टिक के लंड से चुदवा ही रही हूँ, चलो तुम ही चुदवा लो ! फिर मैंने काजल को दो बार और मीना को एक बार चोद कर रात को चोदने का फैसला किया और इसके बाद सुधा, करीना, मीरा को चोदा।