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मम्मी वासना में दुसरे मर्दों से चुदवाने लगी

अक्टूबर 16, 2024 by hamari

Desi Sex Party

मेरी फैमिली मे मम्मी पापा मैं और एक मुझसे बड़ा भाई है। मेरी एज अभी 18 साल और भाई 26 साल का है। पापा बैंक मैनेजर है। मेरी मम्मी 41-42 साल की है। मम्मी कसे हुए बदन की और बहुत सुंदर और सेक्सी औरत है। सावला कलर 5 फीट 3 इंच हाइट बॉडी साइज होगा 36 32 36। मम्मी मेकअप बहुत कम करती है बस सादा ही रहती है पर बहुत सुंदर और स्मार्ट है। Desi Sex Party

कोई भी आदमी उन्हे देख कर अट्रैक्ट हो जाता था। ये तब की बात है जब मैं लगभग 10 साल की थी। मेरा भाई 12 वी क्लास के बाद आगे पड़ने कोटा चला गया तो घर पर हम बस 3 लोग थे। पापा मम्मी के सेक्स संबंध अच्छे थे और दोनो भरपुर एंजॉय करते थे। पापा का ट्रांसफर उड़ीसा हो गया जिस बजह से मैं और मम्मी घर पर रह गये।

पापा का आना अब 2-3 महीने मे होता था। क्योंकि मम्मी पापा के साथ नही जा पाई तो अब उनकी सेक्स की प्यास बुझने बाला कोई नही था। जबकी इससे पहले मम्मी पापा लगभग रोज ही सेक्स करते थे। 5-6 महीने हो गये थे मम्मी को पापा के बिना। मैं स्कूल चली जाती तो मम्मी अकेले ही घर रह जाती।

एक दिन मम्मी जब बाजार गई थी तो उनकी मुलाकात एक पुरानी सहेली आशा आंटी से हो गई। दोनों ने एक दूसरे का हाल पूछा फिर आशा आंटी ने मम्मी को घर आने को कहा। 2 दिन बाद मम्मी आशा आंटी से मिलने उनके घर चली गई। आशा आंटी बहुत खुश हुए मम्मी को देख कर।

आशा आंटी एक सुंदर और सेक्सी महिला थी उनके चेहरे पर सेक्स की मादकता छाई रहती थी। दोनो मे इधर उधर की बातें होती रही। आशा आंटी ने पापा के बारे मे पूछा तो मम्मी ने बताया कि बो तो उड़ीसा मे है आजकल और 4 महीने से घर नही आये है। आशा आंटी मुस्कराई और बोली फिर तुम्हारी रातें कैसे कटती है।

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मम्मी शर्मा गई और बस हल्के से मुस्करने लगी। आशा आंटी ने फिर पूछा। बतायो ना क्या तुम्हें जीजाजी की याद नही आती। मम्मी बोली याद आती तो बहुत है पर जॉब ही ऐसी है तो क्या कर सकते है। आशा आंटी बोली हु तभी तू मुरझा गई है बिना सेक्स के तेरी जवानी कैसे रहती है क्या तुम्हें सेक्स की प्यास नही लगती। मम्मी चुप रही।

आशा आंटी बोली पगली जवानी सिर्फ चार दिन की है जरूरी नही कि पति के साथ ही सबकुछ किया आये। मम्मी बोली। धत्त। आशा आंटी मुस्करा दी। आशा आंटी के पति भी बाहर जॉब करते थे उनके कोई बच्चा नहीं था। आशा आंटी बोली चल पिक्चर देखने चलते है। मम्मी बोली आज नही।

आशा आंटी ने जिद की तो मम्मी राजी हो गई और नेक्स्ट डे का प्रोग्राम बना। अगले दिन मम्मी आशा आंटी के घर पहुँच गई। मम्मी काले रंग की साड़ी और ब्लाउज पहनी थी। मम्मी बहुत स्मार्ट दिख रही थी। तभी आशा आंटी का एक का परिचित लड़का जिसका नाम अशोक था और 24-25 साल का होगा उनके घर आया।

उसने मम्मी को देखा तो देखता रह गया। मम्मी गजब सेक्सी दिख रही थी। आशा आंटी ने अशोक का परिचय मम्मी से कराया और बोली ये मेरा भांजा है बड़ा ख्याल रखता है मेरा। आशा आंटी ने अशोक से कहा कि वो दोनों बाजार जा रही है तो वो बाद मे आये। अशोक चला गया।

आशा आंटी और मम्मी दोनों सिनेमा हाल पहुंच गई। सिनेमा हाल काफी चीप किस्म का था। उसमें विद्या बालन की डर्टी पिक्चर लगी हुए थी। बहुत भीड़ थी। ज्यादातर गांव और मामूली किस्म के लोग ही थे। मम्मी और आशा आंटी के अलावा शायद कोई महिला नही थी हाल मे। आशा आंटी ने बॉक्स का टिकट खरीदा और हाल मे आ गई।

बॉक्स मे मम्मी और आशा आंटी के अगल बगल लोग बैठे थे। मम्मी ने कभी भी अकेले हाल में मूवी नहीं देखी थी। पापा के साथ ही मूवी देखती थी वो भी अच्छे सिनेमा घर में। लेकिन इस सिनेमा हाल का माहौल अलग था। शोर शराबा भद्दी भद्दी बातें लोग कर रहे थे। पिक्चर शुरू हो गई लाइट ऑफ हो गई थी।

जेसे जेसे पिक्चर बढ़ी और विद्या बालन के सेक्सी सीन शुरू हुए तो हाल मे चारों तरफ अश्लील कमेंट होने लगे। मम्मी बहुत शर्मा रही थी आज तक उन्होंने ऐसे चीप सिनेमा हाल मे पिक्चर नही देखी थी। तभी मम्मी को अपनी जांघो पर कुछ महसूस हुआ। देखा तो पास की सीट पर एक आदमी बेठा था जिसका हांथ मम्मी की जांघो पर रेंग रहा था।

मम्मी ने उसका हाथ हटा दिया। फिर कुछ देर बाद दुबारा उस आदमी के हाथ मम्मी की जाघों को सहलाने लगे मम्मी ने आशा आंटी की तरफ देखा तो बहा भी एक आदमी आशा आंटी की चुचियों को मसल रहा था और आशा आंटी कुछ नही कह रही थी। अंधेरे में कुछ दिख नहीं रहा था।

उस आदमी के हाथ मम्मी की सुडौल जांघों पर तैर रहे थे। अब उस आदमी की हिम्मत बड़ गई और उसने अपना हाथ मम्मी के गले मे डाल दिया और नीचे की तरफ ला मम्मी की चुंचियो को सहलाने लगा। मम्मी की 36 साइज़ चुंचिया बहुत टाइट थी। अब उस आदमी ने मम्मी के ब्लाउज के 2 बटन खोल दिये और ब्रा के उपर से दबाने लगा।

मम्मी चुप थी क्योंकि पुरा माहौल ही ऐसा था। उन्हे डर था कि शोर मचाने पर कही और लोग उन पर न टूट पड़े। वैसे भी शायद और लोग मम्मी को उस आदमी की पत्नी ही समझ रहे थे। अब उस आदमी ने अपना एक हाथ मम्मी की जांघो के बीच उनकी चूत पर रख दिया और हल्के हल्के मसलने लगा।

मम्मी बहुत बैचन हो गई। करें तो क्या करें। उस आदमी के हौसले बढ़ते ही जा रहे थे। मम्मी ने आशा आंटी की तरफ देखा तो हैरान रह गई। आशा आंटी के हाथ मे काले सांप जेसा लंड था जिसे बो प्यार से सहला रही थी। आशा आंटी की दोनो गोलाईयां पास वाली सीट पर बैठे आदमी के हाथों मे थी जिनकी बो बेदर्दी से मिसाई कर रहा था।

ऐसा लगता था कि आशा आंटी वाह चुदने को तैयार थी। उधार बो आदमी मम्मी के मुम्मो को मसलने लगा। तभी उस आदमी ने मम्मी की ब्रा में हाथ डाल दिया और मम्मी के कठोर मम्मों को कसकर मसल दिया। मम्मी की दर्द भरी सिसकारी निकल पड़ी। मम्मी धीरे से बोली क्या कर रहे हो अपने हाथ हटाओ।

लेकिन उस आदमी ने मम्मी के निप्पलों को हल्के से मसल दिया। मम्मी के मुंह से निकल गया धीरे धीरे करो। ये सुनकर तो बस उस आदमी का हौसला और बढ़ गया और बो मम्मी से खेलने लगा। उस आदमी की हरकतों से मम्मी उत्तेजित होने लगी। चार पांच महीने की प्यासी मम्मी अब जो हो रहा था बो करने दे रही थी।

मम्मी की प्यास बढ़ने लगी उनका मन भी सेक्स करने को बैचेन होने लगा। इस बीच इंटरवल हो गया और लाइट ऑन हो गई तो मम्मी ने तुरंत अपने कपडे ठीक किये और उस आदमी के हाथो को अपने बदन से हटा दिया। वो आदमी बोला पास में होटल है वहीं चलते हैं बाहर में गेट पर आ जाओ। आशा आंटी पहले से उस आदमी से अलग हो चुकी थी।

शायद उन्हें पता था कि कब इंटरवल होगा। मम्मी और आशा आंटी बाहर आ गई बहुत भीड़ थी। मम्मी के नितंबों पर कई हाथ चल रहे थे। कई लोग तो जानबुझ कर उनकी चुचुचियो से अपनी कोहनियां टकरा रहे थे। मम्मी बहुत घबरा गई और आशा आंटी से बोली चलो घर चलो अब पिक्चर नही देखनी।

आशा आंटी मान गई। मेन गेट पर बो आदमी खड़ा था तो उससे बचकर दोनों बाहर आ गई। लौटते वक्त आशा आंटी ने कहा क्यों मजा आया। मम्मी शर्मा गई। धत्त तुम ऐसे हाल मे क्यों आई। मेरी तो जान ही निकल गई थी। बहुत चीप हाल है। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

आशा आंटी – अरी मेरी बन्नो पिक्चर देखने का मजा तो ऐसे ही हाल मे है। तूने भी तो बहुत मजे किये।

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मम्मी शर्मा गई। आशा आंटी ने कहा जो मजा सेक्स मे है बो किसमें भी नही। जवानी का मजा जवानी मे ना लिया जाए तो क्या फायदा। जरूरी नहीं कि पति के साथ ही सबकुछ करो। तुम्हें भी तो सेक्स की भूख लगती है तो जरूरी है जीजाजी ही तुम्हारी प्यास मिटाए। मैं तो बिना सेक्स के बिना रह नही सकती। मम्मी बोली फिर क्या करती हो। आशा आंटी बस अपना काम हो जाता है, तुम कहो तो तुम्हारे लिये भी कुछ इंतजाम करूं। मम्मी बोली नहीं नहीं मुझे कुछ नही करना।

आशा आंटी-अरी क्यों सती सावत्री बन्ने का ठेका ले रही है। तू क्या समझाती है कि तेरा पति किसी की चुदाई नहीं कर रहा होगा। 6 महीने कोई मर्द रह सकता है औरत के बिना। पागल मत बन बस मजा कर।

अब मम्मी भी उनकी बातो मे आने लगी थी। सेक्स की तड़प उनके चेहरे पर दिख रही थी पर उन्होने कहा कुछ नही। आशा का घर आ गया। मम्मी भी घर आ गई। रात भर मम्मी के दिमाग मे आशा आंटी के बाते घूमती रही। बो बहुत बेचैन हो गई। पिक्चर हाल मे भी उनका बुरा हाल हो गया था।

मम्मी का बदन वासना की आग मे तड़पने लगा था। उनके दिमाग मे बहुत उलझन थी कि आशा आंटी की बाते माने या नही। अब उन्होने शायद डिसाइड कर लिया था कुछ। मम्मी ने आशा आंटी से फोन पर कुछ बातचीत की। अगले दिन मम्मी तैयार हुई। उन्होने पिंक कलर की साड़ी और ब्लैक ब्लाउज पहना हुआ था।

उनके बड़े आम जैसी चुंचिया बहुत टाइट थी और सीधी खड़ी थी ब्लाउज़ में। ममू के नितंबों पर साड़ी कसी हुई थी जिसकी बजह से उनकी गांड के कस-बल साफ दिख रहे थे। बस सेक्स की देवी लग रही थी मम्मी। मोहल्लें में जिसने भी देखा तो चोदने की कल्पना किये बिना नही रहा।

पता नही कितनों ने उनके नाम की मुठ मारी होगी उस दिन। मम्मी आशा आंटी के घर पहुँची तो आशा आंटी बहुत खुश हुई उन्हें देख कर। आशा आंटी ने मम्मी के कान मे कुछ कहा मम्मी बहुत शर्मा गई पर बोली कुछ नही। आशा आंटी ने मम्मी की चुचियों को अपने हाथों मे पकड़ा और सहला दिया।

वाओ तेरी चुचियां तो पत्थर जैसी सख्त है आशा आंटी बोली बहुत मजा आयेगा तुम्हे। मर्द की तरह मम्मी के गुलाबी होंठों को चूम लिया। मम्मी शर्मा गई। थोड़ी देर मे आशा आंटी का भांजा अशोक आ गया और सामने बैठ गया। अशोक मम्मी को बड़ी गहरी नजर से देख रहा था।

अशोक ने अपनी नजर से मम्मी का पूरा बदन नाप लिया। हर सांस के साथ उठती बैठती मम्मी की बड़ी बड़ी गोलिइयां बहुत मादक लग रही थी। मम्मी के गुलाबी होंठ फड़फड़ा रहे थे। आशा आंटी ने देखा कि मम्मी अब वासना में तड़प रही है और अशोक का लंड भी पेंट में अंगडाई ले रहा था जेसे बिल मे घुसने को सांप तड़प रहा हो।

आशा आंटी बोली तुम दोनो बाते करों मे अभी बाजार से आती हूं और चली गई। अब अशोक और मम्मी ही घर पर थे। अशोक मम्मी के पास ही सोफे पर बैठ गया और मम्मी के बहुत करीब आ गया। मम्मी की गरम सांसे निकल रही थी। अशोक ने अपना हाथ मम्मी के गले मे डाल दिया।

मम्मी ने देखा तो अशोक मुस्कराया। मम्मी शर्मा गई। अशोक ने तुरंत मम्मी को अपनी तरफ खीच लिया और मम्मी को किस करने लगा मम्मी ने कोई विरोध नही किया। अशोक ने हाथ बढ़ा कर मम्मी की कठोर गोलाइयों को थाम लिया और सहलाने लगा। अशोक ने मम्मी के होंठ को अपने होंठो मे भर लिया और चूसने लगा।

अशोक दोनो हाथों से मम्मी के मुम्मो की मिसाई कर रहा था। मम्मी सिसयाने लगी। अशोक ने एक झटके से मम्मी कका ब्लाउज फाड़ दिया और ब्रा के उपर से मम्मी की पत्थर जैसी सख्त चुचियों को मसलने लगा। अशोक का एक हाथ मम्मी की जांघो पर रेंगने लगा और चूत पर पहुंच गया।

अशोक ने मम्मी की साड़ी उठाई और हाथ पैंटी मे डाल दिया। मम्मी की गर्म चूत अशोक के हाथों में थी। अशोक ने बिना देर किये साड़ी और पेटीकोट भी उतार दिया। अब मम्मी पैंटी और ब्रा में थी। अशोक ने मम्मी को गोद में उठाया और बिस्तर पर डाल दिया। मम्मी गुड़िया की तरह बिस्तर पर लेट गई।

अब अशोक भी बिस्तर पर आ गया और मम्मी को नीचे से ऊपर तक चुमने चाटने लगा। अशोक ने ब्रा के हुक खोल दिये। मम्मी के दोनों कबूतर फड़फड़ा कर बहार लिकल आये जिन्हे अशोक ने कस कर दबोच लिया और कबूतरों की मिसाई करने लगा। अशोक ने पैर के अंगूठे से मम्मी की पैंटी उतार दी।

बिना बालों चुत रोशनी मे चमक उठी। अब अशोक ने बिना देर किये अपने कपडे उतर दिए। अशोक का 8 इंच मोटा लंड तन कर खंबा हो गया था। लंड आग उगल रहा था। अशोक ने अपना लंड मम्मी की झटियो के बीच रख रगड़े लगा। मम्मी के बदन मे आग लग गई। मम्मी के आगे लग गई। गुलाबी चूत चिंगारिया झोड़ने लगी।

मम्मी की चुंचियों की रगड़ाई से अशोक के लंड का टोपा लाल हो गया अब अशोक ने मम्मी को सीधा लिटा दिया और अपने लंड का सुपारा मम्मी की गुलाबी चूत पर रखा। मम्मी बोली कॉन्डम तो पहन लो। अशोक मुस्कराया और बोला मेरी जान चुदाई का मजा बिना कॉन्डम के ही आता है, मम्मी बोली कुछ हो गया तो। अशोक बोला कुछ नही होगा।

मम्मी की चूत अंगारा हो रही थी। अशोक का लंड भी बिल मे घुसने को तड़प रहा था। मम्मी ने अपनी बाहों का हार अशोक के गले में डाल दिया। अब अशोक ने बिना देर किये अपना लंड मम्मी की चूत पर रखा और धक्का मारा। चरररररररररर लंड मम्मी की चूत को चीरता हुआ अंदर घुस गया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मम्मी की चीख निकल गई। अशोक ने अपने दोनो हाथ मम्मी की गोलाईयों पर जमा दिए और लंड के जोरदार धक्के मारने लगा। आईएएएएएच आफ़फ़फ़फ़ होले होले करो ना दर्द हो रहा मम्मी की मुंह से सेक्सी आवाजे निकल रही थी। अशोक बेकाबू सांड की तरह लंड अंदर बाहर करने लगा।

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अशोक मम्मी के कबूतरों को बेदर्दी से मसल रहा था। मम्मी को दर्द हो रहा था लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था। अशोक मम्मी की जबरदस्त ठुकाई कर रहा था। बिस्तर पर घमासान मचा था। सेक्स का तूफान चरम पर था। 1 घंटे की घनघोर चुदाई के बाद मम्मी और अशोक निढाल हो गये और दोनो झड़ गये।

अशोक ने मम्मी को अपनी गोद मे खींच च लिया और उनके रसभरे होंठों को चूसने लगा। । थोड़ी ही देर मे अशोक का लंड फिर खड़ा हो गया अब अशोक ने मम्मी को घोड़ी बना दिया और खुद पीछे आ कर मम्मी पर सांड की तरह चढ़ गया और चुदाई शुरू कर दी। चुदाई का दौर शाम 4 बजे तक चला।

मम्मी इतनी दमदार चुदाई से पस्त हो गई और संतुष्ट भी। मम्मी के चेहरे की चमक इतनी चुदाई से बढ़ गई। जब आशा आंटी वापस आई तो मम्मी अशोक की गोद मे गुड़िया की तरह झुईमुई जेसी बेठी थी। अशोक मम्मी के पपीतों का रस पी रहा था। बदन पर दोनो के ही कोई कपड़ा नहीं था।

आशा आंटी मुस्करी और मम्मी से बोली। मजा आया बन्नो। मम्मी शर्मा गई और मुस्करा दी। मम्मी से अब उठा भी नही जा रहा था। सेक्स की भूख मिटने की खुशी उनके चेहरे पर थी। मम्मी अब अशोक की गोद से उठी और तैयार हो गई। आशा आंटी बोली कल का क्या प्रोग्राम है।

अशोक ने मम्मी को खींचकर अपने से चिपका लिया और बोला जान आज यही रूक जाओ। मम्मी नहीं नहीं गुडिया घर आ गई होगी। अशोक ने मम्मी के गुलाबी होंठों को चूम लिया। मम्मी ने भी अशोक के सीने को चूम लिया। आशा आंटी ने बताया कि अशोक उनका भांजा नही है बो तो उनकी सेक्स की भूख मिटाने का साधन है। और भी कई जवान लड़के है जो आशा आंटी को मजा देते है।

पंद्रह बीस दिन मम्मी लगभग रोज आशा आंटी के घर चली जाती और अशोक के साथ रासलीला कर मेरे स्कूल आने से पहले वापस आ जाती। अशोक की दमदार चुदाई से मम्मी पर और निखार आ गया था। एक दिन आशा आंटी ने फोन पर मम्मी से कहा आज एक पार्टी में चलना है शाम को आ जाना और गुड़िया को भी साथ ले आना।

मम्मी आशा आंटी को मना नहीं कर सकी। मम्मी ने रेड कलर की साड़ी ब्लाउज पहना। ब्लाउज डीप गले का था जिसमें उनकी पीठ साफ दिख रही थी। कसी साड़ी में गोल नितम्ब गजब ढा रहे थे। हम जब घर आशा आंटी के घर पहुंचे तो आशा आंटी बहुत खुश हुई। आशा आंटी ने मम्मी से कहा लेट नाइट पार्टी है तो गुड़िया को खिला पिलाकर सुला दो और लौटने में देर होगी तो आज यही रूक जाना।

मम्मी बोली गुड़िया इतनी जल्दी नहीं सोती है।

आशा आंटी तुम इसकी चिंता मत करो बस उसे मैंने मैगी बना रखी है उसे खिला दो।

मम्मी ने मुझे मैगी खिला दी। दस मिनट बाद ही मैं बेसुध होकर नींद में खो गई।

मम्मी आशा आंटी से इसे क्या हुआ इतनी जल्दी कैसे हो गई।

आशा आंटी मैंने नींद की दवा मिला दी अब ये सुबह ही उठेगी जाओ तुम रूम में जाके तैयार हो जाओ।

मम्मी लेकिन गुड़िया अकेले होगी।

चिंता मत करो अशोक आता ही होगा वो रहेगा घर। रात में यही रूक जाना तो अशोक के साथ मस्ती भी कर लेना।

मम्मी शरमा गई।

मम्मी – मैं तो तैयार ही हूं।

आशा – नहीं मैंने तुम्हारे लिए रूम में कपड़े और मेकअप का सामान रखा है साथ ही अपने बदन के बालों को साफ कर चिकना कर लो।

मम्मी कुछ समझ नहीं पाई लेकिन आशा आंटी को न नहीं कर सकती थी। रुम में रेड कलर की एक छीने कपड़े की पेंटी ब्रा रखी थी। और बहुत मंहगा मेकअप का सामान था। मम्मी ने अपने पूरे बदन को वीट से साफ किया और पेंटी ब्रा पहन ली। पेंटी तो नाम की थी।

पेंटी के स्टेप चूत में धंसे जा रहे थे नितंब पूरे नंगे थे। ब्रा भी ऐसी ही थी बस साइड कट में मुश्किल से निप्पल छिप रहे थे। साड़ी ब्लाउज भी बहुत छीने कपड़े थे ब्लाउज केदार था पीछे से बैंक लैस और आगे से बस केवल निप्पल ही ढक सकते थे। हिचकिचाते मम्मी ने पहन ब्लाउज पहना लिया।

मम्मी के बड़े बड़े मम्मे आधे बहार थे। मम्मी जब बाहर आई तो आशा आंटी बहुत खुश होकर बोली पूरी सलोनी लियोन लग रही है शीला। मम्मी लेकिन पार्टी में ऐसे कपड़े पहनकर जाना सही रहेगा। आशा आंटी – बड़े लोगों की पार्टी है ज्यादातर औरतें ऐसे ही कपड़े पहनकर आती है घबरा मत।

अशोक को आशा आंटी ने फोन कर दिया कि बो लोग निकल रहे जल्दी घर आए गुड़िया अकेली है। आशा आंटी ने कैब बुला रखी थी तो दोनों पार्टी के लिए रवाना हो गई। पार्टी एक फार्म हाउस में थी। जब मम्मी आशा आंटी पहुंची तो पार्टी शुरू है चुकी थी मुश्किल से दस लोग ही थे पार्टी में पांच छः मर्द लगभग इतनी ही औरतें।

सभी औरतें कम उम्र और मम्मी जैसे आउटफिट में थी। एक अधेड़ उम्र का आदमी आशा आंटी और मम्मी की तरफ आया और बोला आशा डार्लिंग देर कर दी आने में। हां थोड़ी देर हो गई ,ये मेरी सहेली है शीला मम्मी का परिचय दिया और ये सुनील जी है बड़े बिजनेस मैन है पार्टी इन्हीं की तरफ से है।

सुनील ने मम्मी को बहुत ही गहरी नजरों से देखा और बोला बाकाई आशा तुम्हारी सहेली बहुत सेक्सी और हाट है। मम्मी शर्मा गई।

सुनील चलो तुम लोग कुछ कोल्डड्रिंक स्नेक्स वगैरह लो फिर असली पार्टी शुरू करते हैं।

आशा आंटी ने वाइन का गिलास मम्मी को दिया। काफी न नुकर के बाद मम्मी ने वाइन पी ली। एक पैग में ही मम्मी पर सरुर चढ़ने लगा।

आशा आंटी -शीला सुनील तुम्हें बहुत पसंद करता है मोबाइल में तुम्हारा फोटु देखकर ही सम्मोहित हो गया था।

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मम्मी -मतलब.

आशा आंटी – मतलब ये मेरी जान आज सुनील के साथ मौज कर।

मम्मी -पागल हो क्या।

आशा – अरे अशोक के साथ तो करती है न आज सुनील के साथ चुदाई करवा लें।

मम्मी – तुम भी न।

आशा आंटी ने मम्मी के होंठों पर किस किया अरे जवानी के चार दिन है मौज ले और रोज लें। अशोक तो बच्चा है सुनील के सामने। जन्नत का मजा है इस पार्टी में इंजाए कर।

मम्मी – तुम बहुत बदमाश हो।

औरत जब एकबार पराए मर्द से चुद जाए तो फिर किसी और से चुदाने में ज्यादा नखरे नहीं करती। यही मम्मी का हाल था।  सुनील भी पास आया गया था.

सुनील आशा आंटी से चलो आशा डांस करते हैं।

आशा आंटी -अपनी चिड़िया के साथ करो डांस।

मम्मी ने शरमा कर सिर झुका लिया।

सुनील – जैसा तुम्हारा हुक्म आशा डार्लिंग।

सुनील ने मम्मी का हाथ पकड़ा और डांस फ्लोर पर ले आया। सभी लोग जोड़े में ही थे। सुनील ने मम्मी की कमर में हाथ डाला और अपने से चिपका लिया। मम्मी के मस्त मम्मे सुनील की छाती में धंस गए। सुनील ने मम्मी के सुडौल नितम्बों को थामा और अपने से सटा लिया। मम्मी की दिल धक-धक कर रहा था। दोनों ही गर्म सांसें अपने चेहरे पर महसूस कर रहे थे।

सुनील – शीला यूं आर वेरी सेक्सी। तुम्हारी जैसी सुंदर औरत मैंने आज तक नहीं देखी।

मम्मी हल्के से मुस्कुरा पड़ी। सुनील अब मम्मी की कमर को सहलाने लगा। मम्मी के बदन में सिरहन दौड़ गई। दोनों हल्के हल्के डांस करने लगे। मर्द औरतें चिपटे पड़े थे और लिप किस भी कर रहे थे। मम्मी ने इधर उधर देखा तो आशा आंटी भी एक पचास साल के आदमी की बांहों में थी और चिपक चिपक डांस कर रही थी। बहुत ही सेक्सी माहौल था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

सुनील बोला शीला डार्लिंग शर्माओं मत पार्टी तो अब शुरू हुई खुलकर मजा लो और मम्मी के नरम होंठों पर अपने होंठ रख दिए।

सुनील की पकड़ इतनी मजबूत थी कि मम्मी छुट ही नहीं पा रही थी। सुनील मम्मी के रसभरे होंठों को चुसे जा रहा था। मम्मी सिसकारियां भर रही थी। सुनील ने मम्मी के कठोर मम्मों को थाम लिया और सहलाने लगा। दो तीन जोड़े फ्लोर से गायब हो गए। सुनील की हरकतें मम्मी को मदहोश कर रही थी।

सुनील – जान कमरे में चलें.

मम्मी ने सुनील अंकल को किस कर अपनी मौन स्वीकृति दे दी। सुनील ने मम्मी को गोद में उठाया और लिप किस करते हुए कमरे में आ गया। कमरा क्या था फाइव स्टार रूम था। बड़ा सा मखमली बिस्तर। हल्की रोशनी। सुनील ने मम्मी को बिस्तर पर लिटा दिया और अपने कपड़े उतार कर बस अंडरवियर में मम्मी की बगल में लेट गया।

सुनील मम्मी के अंगों में समाने की कोशिश करने लगा। साड़ी पेटीकोट उतार फेंका। ब्लाउज की डोरी खोल उसे अलग कर दिया। मम्मी बिस्तर पर ब्रा पेंटी में लेटी थी। मम्मी का गदराया बदन सोने की तरह चमक रहा था सुनील लगातार मम्मी के गुलाबी होंठों को चूस रहा था।

मम्मी की चिकनी और केलाई जांघों को सहलाते हुए सुनील ने एक हाथ मम्मी की पेंटी में घुसा दिया। मम्मी की मुनिया गन्ना उठी। सीसी आह आह। सुनील दूसरे हाथ मम्मी के कठोर मम्मों को मसल रहा था। सुनील ने अब ब्रा पेंटी से भी मम्मी को आजाद कर दिया और अपने आगोश में भरकर मम्मी को रगड़ने लगा।

सुनील ने अपना अंडरवियर उतार दिया। सुनील का आठ इंच लम्बा और चार इंच मोटा लंड खंभे की तरह खड़ा था। सुनील ने अपने लंड का टोपा मम्मी के होंठों पर रखा और मम्मी ने बिना हिचक लंड को चुसना शुरू कर दिया। मम्मी अशोक का लंड भी कई बार चुस चुकी थी।

सुनील मम्मी की जीभ की हरकतों से उत्तेजित हो रहा था। अब सुनील मम्मी की जांघों के बीच आ गया और अपनी जीभ मम्मी की गर्म चूत पर रख दी। मम्मी सिसयां उठी। सुनील की जीभ मम्मी की चुस्त के अंदर तक जा रही थी। मम्मी का बदन ऐंठ गया। काफी देर तक चुसने के बाद सुनील ने मम्मी को सीधा लिटाया और मम्मी पर चढ़ गया।

मम्मी की जांघों को अपनी कमर लिपटाकर मम्मी की चूत मे अपना लंड ठेल दिया। मम्मी की चीख निकल गई। आहहहह हल्के हल्के जान।  सुनील ने जोरदार धक्का मारकर मम्मी की चूत के अंतिम छोर पर ठोकर मारी। मम्मी ने अपनी बांहें सुनील पर कस दी। सुनील कस कस कर धक्के मार रहा था।

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मम्मी बिस्तर पर उछल रही थी। अब सुनील ने मम्मी को घोड़ी बनाया और मम्मी पर चढ़ गया। तूफानी रफ्तार से सुनील मम्मी को चोदने लगा। मम्मी उफ़फफफफ आहहहंह है बस करों आहहहह मर गई। आधे घंटे की ठुकाई के बाद सुनील का फुव्वारा छुट पड़ा मम्मी निढाल हो गई।

सुनील ने मम्मी को बांहों में भर लिया। थोड़ी देर में ही सुनील का पप्पू फिर खड़ा हो गया। सुनील ने मम्मी को अपने ऊपर ले लिया और मम्मी की चूत की खापों में लंड पेल दिया। मम्मी ऊपर नीचे होकर धक्के मारने लगी। तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा था। दोनों अब पस्त होकर बिस्तर पर लुढ़क गये।

सुनील – आई लव यू जाने मन.

मम्मी ने भी सुनील के होंठों को चूम लिया। थोड़ी देर में फिर सुनील मम्मी पर चढ़ पड़ा। सुनील ने रातभर मम्मी को बुरी तरह से चोदा। मम्मी का बदन महक रहा था। सुबह हो चुकी थी आशा आंटी ने दरवाजा खटखटाया तो दोनों ने कपड़े पहने।

आशा आंटी -क्यो सुनील बाबू कैसी रही रात।

सुनील – बहुत शानदार कहां छुपा रखा था इस कातिल हसीना को। सुनील ने मम्मी की चुचियों को मसल दिया।

मम्मी की आहहहह निकल गई।

आशा- अब ये चुड़िया आपकी है जब हुक्म करोगे हाजिर हो जायेगी।

मम्मी आशा आंटी घर आ गए। इसके बाद सुनील का जब मन करता वो मम्मी को फार्म हाउस बुलाकर रात भर चोदता। मम्मी भी अशोक को भूलकर बस सुनील से लिपटी रहती है। मम्मी सुनील की रखैल बन गई है। कुछ दिन बाद पापा ने हमें उड़ीसा बुला लिया तो मम्मी का खेल बंद हो गया। लेकिन सुनील वहां भी आ जाता है और होटल में बुलाकर दिनभर मम्मी की चुदाई करता है। मम्मी का बदन बहुत निखर गया है और बुड्ढे तक मम्मी को देखकर मूठ मारते हैं।

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  1. Mehak says

    अक्टूबर 17, 2024 at 9:31 पूर्वाह्न

    Sexy’ s

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