College Girl Jordar Chudai
मेरा नाम शशांक है, मेरे परिवार में हम 4 लोग है. मैं मेरे मम्मी पापा और मेरी बड़ी दीदी सोनाक्षी. मैं और दीदी दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते है. मेरी दीदी को कॉलेज मे कमल नाम के उसके सीनियर ने लाइन मारना शुरू कर दिया। दीदी उसकी सॉलिड पर्सनलिटी पर फिदा हो गयी पर दोस्ती करने से डरती थी। College Girl Jordar Chudai
कमल शहर के एक बड़े आदमी का बेटा था और कॉलेज में दादागिरी के अलावा उसे और कोई काम नहीं था। वह अपनी एय्याशी के लिये बदनाम भी था। आम तौर पर शरीफ लडकियाँ उससे बचती थी। पर उसकी पर्सनलिटी और चूत की खुजली ने दीदी के डर को दबा दिया.
और फिर वह उसे लिफ्ट देने लग गयी। इस मामले में उसने मुझे भी अलग रखा। धीरे धीरे उनकी दोस्ती बडने लगी और वे आये दिन कैंटीन या किसी रेस्टोरेंट में साथ दिखने लगे। लेकिन यह सब कॉलेज टाईम तक ही सीमित था। एक दिन वे एक रेस्टोरेंट में बैठे थे…
सोनाक्षी अब इस दोस्ती को कुछ आगे बढायें… कमल ने उसका हाथ पकड कर कहा.
क्या… ऐसे ही ठीक है ना… दीदी ने अपना हाथ आराम से उसके हाथ में दे दिया.
चल कभी लॉग इाइव पर चलें… कमल ने कहा.
क्यों… दीदी ने पूछा.
ऐसे ही कुछ प्यार श्यार हो जाये… वह आंख मारते हुए बोला
धत्त.. अभी तो देर हो जायेगी… दीदी ने घडी देखते हुए कहा.
पर वह तैयार तो थी ही, बल्कि यदि यह कहा जाये कि इसका ही इंतजार कर रही थी तो गलत नहीं होगा।
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चल थोडी देर घूम कर आते हैं… और कमल ने दीदी को हाथ पकड कर उठाया और फिर कार में शहर से बाहर ले गया। हाइवे पर आने के बाद उसने गाडी एक साइड लेन में डाल दी और फिर एक सूनसान स्थान पर रोक दी और दीदी का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा तो वह उसकी बांहों में चली गयी।
उसने अपने होंठ उसके होठों पर जमा दिये और फिर लगभग आधे घंटे तक वह उसे जगह जगह प्यार करता रहा। चूंकि समय कम था सो वे जल्दी ही वापस आगये। अब यह रोज का काम हो गया और 15 – 20 दिन में ही उनकी दोस्ती चुम्मा से शुरू होकर चूत लंड सहलाने तक पहुंच गयी।
वह उसे आये दिन अपनी कार में कहीं एकांत में ले जाता था और बूब रगडता था। बातों में भी वे इस बीच खुल चुके थे। बातों ही बातों में दीदी अपने पहले से चुदे होने पर सहमति जता चुकी थी। इस तरह दीदी की बेचैनी और बढती जारही थी। कमल इसे समझ रहा था पर शायद उसे पका रहा था। एक दिन वह उसे शहर से बाहर जंगल में ले गया.
ये कहां ले आये आज… यहां तो कोई भी नहीं दिख रहा… दीदी ने कहा.
तभी तो लाया हूं मेरी जान… ये सहलाने वहलाने से काम नही चलता… आज तो तेरी चूत की गहराई नापनी है… कमल ने कहा.
और कमल ने उसे अपनी ओर खींचा। दीदी को तो इस दिन का इन्तजार ही था सो उसकी गोद में जा गिरी और बोली ये कोई जगह है… यहां नहीं…. पर उसका यह इंकार बनावटी था यह बात कमल भी जानता था सो उसे जोर से भींच लिया। फिर कुछ देर प्यार करने के बाद वह उसे पीछे की सीट पर ले आया और पहले नीचे से नंगा किया और फिर उसका शर्ट उपर खिसका सीधे लिटा दिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
फिर उसने अपना पैंट उतारा और लंड हाथ से सहलाते हुए उपर आ गया। कुछ देर चूमने के बाद उसने लौडा चूत में उतार दिया और धीरे धीरे चोदने लगा। ज्यादा तेज चोट मारने का तो कार मे स्कोप था ही नहीं पर कमल पर ज्यादा देर टिक भी नहीं पाया। उसके तो लंड का तो पानी निकल गया पर दीदी की प्यास और बढ़ गयी (यह शायद उसकी चाल ही थी) दीदी बुरी तरह से तडपने लगी…
ये क्या कमल… बीच में ही छोड़ दिया… दीदी ने कहा.
कार में तो इतना ही हो सकता है ना… कमल ने कहा.
तो कहीं और ले चलना था ना… दीदी ने कहा.
अरे यार आजकल होटल्स में पुलिस का बहुत डर हो गया है… कमल ने कहा.
ऐसे तो फिर आगे से मैं नहीं आऊंगी… दीदी ने कहा (दीदी की आवाज में एक तडप सी थी).
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चल नेक्स्ट टाइम देख लेंगे.. कमल ने कहा और वह उठ गया…
किसी अच्छी जगह का इंतजाम करो… दीदी कपडे पहनते हुए बोली…
जगह तो है अगर तु मान जाये तो… कमल ने कुटिलता से बोला.
कहाँ?? दीदी ने पूछा.
पवन के घर पर… कमल ने कहा.
पर… वहाँ एक प्रॉब्लम है… कमल ने कहा.
क्या…????? दीदी अब कपडे पहन चुकी थी.
वो भी चोदेगा…
बातों में तो पूरी तरह से खुल ही चुके थे।
पर वो तो तुम्हारा अच्छा दोस्त है… इतना भी नहीं मानेगा.. दीदी ने पूछा.
अरे वो पक्का कमीना है.. नहीं मानेगा… कमल बोला.
नहीं कोई और जगह देखो… दीदी ने कहा.
कमल: वैसे वो मेरा विश्वास का दोस्त है…
दीदी: नहीं…
कमल: मान जा इससे तुझे क्या फर्क पड़ता है…
दीदी: अच्छा मैं कोई रंडी हूं क्या…
कमल: अरे यार एक और दो में क्या फर्क है… चल आज ही चलते हैं… तेरी चूत की खुजली मिट जायेगी और आगे के लिये भी जगह बन जायेगी…।
दीदी: नहीं…
वैसे भी वो कौन सी कोई सती सावित्री थी। दो से तो पहले ही चुदवा चुकी थी और तीसरे का लंड अभी अभी लिया है फिर भी बोली नहीं मुझे तो घर छोड़ दो…
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हालांकि उसकी आवाज में विरोध कम और सहमति ज्यादा थी। कमल ने उसे समझाया और फिर पवन को फोन कर दिया। दीदी विरोध तो कर रही थी पर उसके विरोध में ज्यादा दम नहीं था। उसके लिये एक नया अनुभव था इसलिये डर और रोमांच के बीच वह झूलती रही कि कमल उसे पवन के फ्लैट पर ले आया।
पवन ने उनका स्वागत किया। कमल ने दीदी का हाथ पकड़ा और बडे सोफे पर ले आया। दीदी चुपचाप बैठ गयी। कमल ने अपना हाथ उसकी कमर में डाला और अपनी ओर खींचते हुए बोला.. शरमा मत यार.. ये अपना ही घर है… और पवन से क्या शरमाना… इसे तो सब पता है…
इसी बीच पवन कोल्ड ड्रिंक ले आया और उसकी बगल में बैठ गया। कोल्ड ड्रिंक पीते पीते पवन ने उसकी जांघ पर हाथ रखकर दबाया और बोला… जब से इसने तेरे बारे में बताया तभी से मैं तो मिलने के लिये तडप रहा था… दीदी चुपचाप बैठी रही।
थोड़ी देर में ही उन्होंने दीदी को तैयार कर लिया और उसे अपने जांघों पर लिटा लिया। उसका सर पवन की गोद में था और पैर कमल की में। पवन ने अपना चेहरा झुकाया और अपने होंठ उसके होठों पर जमा दिये तथा कमल ने जांघ सहलाना शुरू कर दिया।
इसी के साथ दोनों ने एक एक चूची संभाल ली। पवन उसके होठ चूस रहा था तो कमल का हाथ सलवार के उपर से ही उसकी चूत को रगड़ रहा था। जल्दी ही दोनों गरम होगये तो उनके प्यार में सख्ती आगयी। अब दीदी बिलबिलाने लगी और छूटने की कोशिश करने लगी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वह जैसे तैसे छूटी और उनकी गोद से फिसलकर नीचे गिर गयी। वह हॉफ रही थी और वे भूखी नजरों से देख रहे थे। वे दोनों उठे और फिर पवन ने उसकी कमर पकड कर उठाया और बोला… क्या हुआ रानी…
दीदी: ये क्या कर रहे हो… मेरी तो सांस ही रुक गयी थी…
पवन: क्या करें रानी तू है ही इतनी हसीन…
कमल ने उसे चूमते हुए कहा कहाँ चुदवायेगी… यहीं या बैडरूम में.
पवन ने पीछे से ही उसकी चूची थाम लीं और बोला पर एक साथ नहीं एक बार में एक ही लंड जायेगा बहन के लौंडी चिंता मत कर… और वे उसे बैडरूम में ले गये। अन्दर आते ही उन्होंने सबसे पहले दीदी को पूरा नंगा किया और बिस्तर पर पटक दिया। दीदी ने आंखें बन्द करलीं। फिर वे भी नंगे होगये। दोनों के लंड खडे हुए थे। पवन सीधे दीदी के मुंह के पास आया और अपना लंड उसके गाल पर लगा दिया। दीदी चिंहुक पडी और उसे दूर हटाया।
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दीदी: ये क्या बदतमीजी है… वह गुस्से से बोली.
क्यों चूसेगी नहीं… पवन बोला.
दीदी: छिः…ये गन्दा काम में नहीं कर सकती…
ये क्या यार कमल… तुने इसे ढंग से ट्रेनिंग नहीं दी लगता है.. पवन हँसते हुए बोला.
कमल: आज पहली बार ही तो चोदी है… सब सीख जायेगी… यारों के साथ रहेगी तो…. कमल भी हँसा।
दीदी: बकवास मत करो… एक को तुम्हारी बात मान कर यहाँ आगयी हूं..उपर से तुम्हारे दोस्त को भी झेलू…।
अच्छा.. दो दो लौड़े का मजा भी तो लेगी रंडी…..कमल ने जोर से उसकी चूची दबाई अरे यार नाराज मत हो….
पवन उसकी बगल में लेटकर उसे चूमते हुए बोला बस खुलकर दिखा दे अपनी मस्त चूत के जलवे…
पवन ने अपनी टांग उसकी टांगों पर रख दी। इसी बीच कमल भी बगल में आगया और उसके बूब्स से खेलने लगा। उनके फनफनाते लंड भी उसके शरीर पर जगह जगह छेद करने की कोशिश कर रहे थे। दीदी भी अब शुरू होने लगी। उसने उनके लंड अपने एक एक हाथ में थाम लिये और उपर नीचे करने लगी।
थोड़ी ही देर में तीनों ही गरम हो गये। चलो अब शुरू करो ना… दीदी ने धीमे से कहा ऐसी क्या जल्दी है मेरी जान.. कमल ने उसकी चूत पर हाथ रखते हुए कहा. तो पवन उसके उपर आया और बोला चल बहन के लौडी.. टांग खोल. दीदी ने अपनी टांगें फैला ली और फिर पवन का लंड पकड कर चूत पर टिका दिया. तो पवन ने एक जोरदार धक्का मारा और पूरा लन्ड चूत में उतार दिया और फिर बिना रुके ही दनादन चोदने लगा।
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दीदी हाय हाय करती रही और वह पूरी ताकत से चोदता रहा। थोड़ी देर चोदने के बाद व हट गया और कमल ने उसकी टांगें अपने कंधों पर रखकर पेलना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद वह हट गया और पवन ने मोर्चा सम्भाल लिया। दरअसल जैसे ही वो झड़ने को होते वे अपना लंड खींच लेते थे। दीदी अब भर चुकी थी और उसे सहन नहीं हो रहा था. आअह्ह्ह्ह्ह… उउउह्ह… ये क्या कर रहे हो.. अब बस खतम करो…। रुक जा चुद्दकड ऐसे कैसे खतम कर दें… आज तेरी चूत का हलवा नही बनाया तो कहना…
और फिर उन्होंने उसे चौपाया बनाया और फिर पिल पडे। दीदी ज्यादा सहन नहीं कर पायी और झड गयी और औंधे मुंह बिस्तर पर पड गयी। पर वो कहाँ मानने वाले थे उन्होंने उसे सीधा किया और फिर पवन ने उसकी चूत पौंछी। झडने के बाद चूत टाइट हो गयी और जब पवन ने वापस लौडा डाला तो दीदी की चीख निकल गयी। वह चीखती रही और वे चोदते रहे। आखिर दोनों ने अपने अपने लन्ड खाली कर दिये। दीदी बुरी तरह से निढाल हो चुकी थी। उसके बाद तो वह उनकी रंडी बन गयी। आये दिन वे उसे बुलाने लगे और पूरी मस्ती और अधिकार के साथ चोदते।
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