Village Bathroom
मेरा नाम पंकज है. मेरा घर गाँव में है, मेरे पापा दो भाई है लोग. जिसमे मेरे चाचा के बड़े लड़के की शादी हो चुकी है, और मेरी भाभी का नाम मेनका है. उस दिन मेनका पेटीकोट ब्लाउज पहन के सुबह के वक्त अपने आहाते में मंजन कर रही थी. वो मेरे चचेरे भाई कमलेश की बीबी है. Village Bathroom
मेरा उससे अच्छा बैठता है. मेरा और मेरे चचेरे भाई कमलेश का घर आमने सामने बना है. मेरे पिताजी २ भाई है. जब मेरे दादा से जमींन का बटवारा किया तो बराबर बराबर जमीन मेरे पिता और चाचा को बाँट दी. दोनों ने घर बना लिया. कमलेश की शादी कर दी गयी तो मेनका घर में आ गयी. वो जरा देहाती मिजाज की लड़की थी.
उसके पिताजी लेखपाल थे. उन्होंने कमलेश को २० लाख का मोटा दहेज दिया. मेरे चाचाजी [कमलेश के बाप] बड़े लोभी आदमी है. जहाँ उनको पैसे का लालच दिया गया, उन्होंने तुरंत कमलेश की शादी मेनका से कर दी. बाद में पता चला की मेनका १० वी पास भी नही है. वो बिल्कुल देहाती लड़की थी.
शादी के बाद वो सबसे पहले उठ जाती और ब्लाउज पेटीकोट में ही मंजन करने लग जाती. जब एक दिन मैं मूतने के लिए गया तो मैंने अपनी बालकनी से उसे पेटीकोट ब्लाउज में देखा. मेरी नींद तुरंत भाग गयी. मैं अपनी खिडकी के कांच के पीछे से बड़ी देर तक उसे घूरने लगा. मेनका रिश्ते में मेरी चचेरी भाभी लगती थी.
वो जोर जोर से हिल हिलकर मंजन कर रही थी. उसके दोनों मस्त मस्त गोल गोल चूचे हिल रहें थे. उसने लाल रंग का पेटीकोट पहन रखा था. उसका पिछवाडा खूब बड़ा था. खूब बड़े बड़े चुतड थे उसके. जोर जोर से हिलहिलकर मंजन करने से उसके दोनों पिछवाड़े भी हिल रहें थे.
अपनी चचेरी भाभी को आज पहली बार मैंने इस गजब के रूप में देखा था. मेनका का बड़ा गोरा गोरा पेट मुझे साफ़ साफ दिख रहा था. उसका ब्लाउज पीछे से काफी जादा खुला हुआ था. उसकी पीठ बड़ी सधी हुई लग रही थी. मेनका भाभी को आज इस मस्त मस्त रूप में देख के मेरी सारी नींद उचक गयी.
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मेरा लौड़ा खड़ा हो गया. मैं अंदर बाथरूम में भाग गया और हाथ से मुठ मारी. माल गिराया. तब जाकर मुझे चैन मिला दोस्तों. अब मैं ये बात अच्छी तरह जान गया था की ठीक साधे ६ बजे मेनका अपने अहाते में आ जाती है. वो साड़ी उतार के रख देती है और रोज इसी तरह पेटीकोट ब्लाउज में सूरज की रौशनी में मंजन करती है.
ये सिलसिला चल निकला. मैं अपने मोबाइल में साढ़े ६ बजे का अलार्म लगा देता. हर रोज मेनका भाभी को देखता और मुठ मारता. भाभी के गोरे गोरे मस्त मस्त बदन को देखके तो यही जी करता की किसी दिन ये अकेले में मिले तो इनको बस चोद लूँ. इनकी चूत मार लूँ.
फिर एक दिन मैं अपने चचेरे भाई कमलेश के मोबाइल से मेनका भाभी का नॉ निकाल लिया. भाभी को मेसेज कर दिया की भले की कमलेश उनको हुस्न परी ना मानता हो, पर भाभी तुम किसी हिरोइन से कम नही हो. शुरू शुरू में तो उसने बड़ा भाव खाया पर जब एक दिन कमलेश से उसे किसी बात पर पीटा.
तो अगले दिन ही मेनका भाभी मुझसे पट गयी. वो मेरे घर में आई और उन्होंने मेरी माँ को सब बताया. फिर मुझको भी बताया की जब एक दिन उसने गलती से खाने में जादा नमक डाल दिया तो कमलेश ने उनको लात ही लात से पीटा.
‘मेनका भाभी! मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ. आपमें सारे हुनर है. आप ऐश्वर्य राय से कम नही हो. कमलेश आपको कैसा समझता है, मैं नही जानता पर आप मेरे लिए दुनिया की सबसे सुंदर औरत हो!’ मैंने कह दिया.
मन तो हुआ की इसी समय १० मिनट में भाभी को अपने कमरे में चोद लूँ, पर मैंने जल्दबाजी करना सही नही समझा. भाभी अपने घर लौट गयी. अगले दिन वो नहाने के लिए फिर सुबह साढ़े ६ बजे आई. मैं बालकनी में खड़ा था. बस उनका इन्तजार ही कर रहा था. मेनका भाभी ने मुझको देखा.
मैं जल्दी से उनको एक हाथ वाला उड़ता चुम्मा दिया. वो हसंने लगी. अभी इस वक्त उनके घर में बाकी लोग सोये होते थे. मेनका भाभी ही सबसे पहले उठती थी. मैंने हाथ के इशारे से कहा की आज वहां कोई नही है. इसलिए प्लीस मेरे लिए आज ब्लाउज उतार के मंजन करो.
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भाभी ने ऐसा ही किया. सूरज की रौशनी में उन्होंने जैसे ही अपना ब्लाउज उतारा तो मुझे मौज आ गयी. सायद मैंने आज जिंदगी में सबसे खूबसरत चीज देख ली. मेनका भाभी से जैसे ही ब्लाउज निकाल दिया, उनके मस्त मस्त कबूतर मुझे दिकने लगे.
मेरे चचेरे भाई कमलेश ने भाभी को खूब चोदा खाया था. खूब उसके मम्मे दिए थे, इसलिए भाभी के मम्मे जरा लटक गई थे. पर दोस्तों, उस पर खूब बड़े बड़े कत्थई घेरे थे जिनको देख के मुझे मौज आ गयी थी. मेरा हैंड अपने आप मेरे लोअर पर चला गया. मैं अपने लौडे को छूने और सहलाने लगा.
मेनका भाभी मेरी ही ओर देखते हुए हिल हिलकर फिर से मंजन करने लगी. जिस तरह वो हमेशा करती थी. अपने टुथब्रुश को उन्होंने अपने मुँह में डाल रखा था. अपने मस्त मस्त चमकते दांत को ब्रुश से रगड़ रही थी. भाभी के हिलने से उसके मस्त मस्त बड़े बड़े काले घेरे वाले मम्मे हिल रहें थे. मुझे बड़ा सुख मिल रहा था. भाभी इस वक्त सिर्फ और सिर्फ पेटीकोट में थी.
मुझे बड़ी जोर की चुदास लग गयी. मैं नीचे गया. घर से बाहर निकाला और सीधा मेनका भाभी के घर में बाउंड्री से अंदर कूद गया. मेनका भाभी ने मुझको देखा तो उनकी गांड फट गयी. वो बहुत डर गयी. उनकी आँखें बड़ी बड़ी होकर फ़ैल गयी. उन्होंने तुरंत टूथब्रुश अपने मुँह से निकाल लिया और पिच से पीक थूक दी.
पंकज!! तुम यहाँ क्यूँ आये हो?? अगर किसी ने देख लिया तो तुम नही जानते की कितना बड़ा बखेडा खड़ा हो जाएगा भाभी बोली.
भाभी! मैं कुछ नही जानता. मुझे बस आज आपको चोदना है. मैं आपकी चूत मारे नही जाऊँगा! मैं साफ साफ कह दिया.
मेनका भाभी की गांड फट गयी. क्यूंकि वो कमलेश से बड़ा खौफ खाती थी. क्यूंकि वो उनको कई बार पीट चूका था. भाभी समझ गयी की उनका देवर यानी मैं चुदासा हो गया है. इसलिए भलाई इसी में है वो मुझे जल्दी से २ मिनट में अपनी मस्त मस्त गुलाबी चूत दे दे. उन्होंने मेरा तुरंत हाथ पकड़ और पास रस्सी पर पड़ी अपनी साड़ी और तौलिया जल्दी से खीच ली. मेरा हाथ पकड़ के वो मुझे गुसलखाने में ले आई.
“पंकज! चल अच्छा. मुझे जल्दी से चोद ले. जादा वक्त मत लेना. वरना घर का कोई आदमी यहाँ आ सकता है. जल्दी से मेरी चूत मार ले. फिर यहाँ से भाग जा!!” भाभी बोली.
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मैंने सहमति में सिर हिला दिया. उनका बाथरूम किसी छोटे कमरे से कम नही था. काफी बड़ा था. मैंने उनको सूखे फर्स पर लिटा दिया. मैंने अपना लोवर और कच्छा निकाल दिया. भाभी के जरा जरा ढीले मम्मो को मैंने हाथ में ले लिया और दबाने लगा.
मैं मेनका भाभी के उपर ही लेट गया. कितनी अजीब और मर्दानगी वाली बात है ना मैं उनके घर में ही उनको चोदने वाला था. अगर कोई आ जाता तो बहुत लम्बा रायता फ़ैल जाता. पर हिम्मते मर्दा, मर्दे खुदा. मैं इस सूक्ति पर चल रहा था.
कभी कोई हम दोनों देवर भाभी को रंगरलियाँ मनाते पकड़ ना ले, इससे बचने के लिए भाभी ने बाथरूम का दरवाजा बंद कर लिया. मैं उनके उपर लेट गया था. उनके मस्त मस्त मम्मे दबा रहा था और पी भी रहा था. सच में मेनका भाभी कम से कम मेरे लिए तो दुनिया की सबसे जानशीन औरत थी.
उन्होंने अपना सोने के लोकेट वाला मंगल सूत्र पहना हुआ था. गले में मंगल सूत्र के साथ साथ २ ३ सफ़ेद मोतियों वाला माला भी थी. भाभी को मैं अपने बीबी समझ के चोदने वाला था. भाभी सच में बड़ी मस्त माल थी. मैं उसके दूध को मस्ती से पी रहा था.
भाभी मुझसे कुछ देर में चुदवाने वाली थी. रोज वो कमलेश से चुदती थी, पर आज मुझसे चुद जाएंगी. उनका बदन सच में बड़ा कमाल का था. मैंने उनसे पूरी तरह चिपक गया था और उनके मस्त मस्त दूध पी रहा था.
रोज जिस भाभी को मैं अपने घर की बालकनी से देखकर सडका मारता था, आज मैं उनके साथ उनके ही बाथरूम में था. सच में मेरी किस्मत खुल गयी थी आज. मैंने उनके जिस्म के हर भाग पर चुम्मा ले लिया. उनके कंधों को खूब काटा और चबाया मैंने. मेरे काटने से उनके कंधों पर मेरे दांत के निशान बन गए.
देवर जी !! धीरे से, जादा निशान पड़ गए तो कमलेश पूछने लग जाएगा!!
भाभी बोली. मैंने खुद पर काबू लिया. उनके दोनों मस्त मस्त मम्मो को मैंने मुँह में भरके खूब पिया. भाभी जान गयी की अब मैं उनकी चूत मारूंगा. उनको चोदूंगा. उन्होंने अपना पेटीकोट खोल दिया और उतार दिया. बाप रे !! कितनी गोरी गोरी टाँगे थी उनकी.
मैं भाभी की जांघ, घुटने, पैर, टखने, उनके पाँव की उँगलियाँ सब चूमने लगा. सच में दोस्तों, आज मेरी किस्मत जाग गयी थी. क्या मस्त माल आज चोदने को मुझे मिल गयी थी. भाभी के घुटने तो बहुत ही सुंदर थे. बड़ी चिकनी चिकनी खाल थी उनके पैरों की.
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मैंने खूब चूमा. फिर उनके दोनों घुटने मैंने खोल दिए. भाभी चुदने को दिल से तयार हो गयी. उनका सुंदर भोसड़ा मैंने देखा. होश उड़ गए मेरे. साला मेरा चचेरा भाई कमलेश मेरी मस्त मस्त भाभी को रोज चोदता होगा. साला कितना किस्मतवाला है ये चिलांडू. मैं मेनका भाभी की चूत पीने लगा.
खूब बड़ा भोसड़ा था उनका. चूत फटी हुई थी. मैं जान गया की साला कमलेश रोज मेनका भाभी को चोदता खाता होगा. बड़ी उभरी हुई गदराई चूत थी उनकी. मैंने अपनी जीभ लगा दी और उनकी उभरी हुई चूत पर उपर से नीचे जीभ फिरा दी. फिर मैं पीने लगा दोस्तों. कुछ देर बाद मैं भाभी को चोदने लगा.
मैं जोर जोर से उनको ले रहा था. मेरे लंड को बड़ा सुकून मिल रहा था. बड़ा अजीब सा अहसास था. जब मैं मुठ मारता था, तो जो उस समय बड़ा मखमली मखमली अहसास मेरे लौडे पर होता था बिल्कुल वैसा ही लग रहा था. मैंने नीचे मेनका भाभी की चूत में देखा मेरा लौड़ा उनकी चूत नाप रहा था.
खूब चोदा मैंने भाभी को. कुछ देर बाद मैंने अपना एंगल बदल लिया. भाभी को जरा सा करवट दिला दि, इससे मेरा लौड़ा उनकी चूत में और गहराई तक मार करने लगा. मैं भाभी को मजे से चोदने लगा. मेरी किस्मत आज बहुत अच्छी थी.
नंगी नंगी भाभी भी देखने को पा गया और उनकी चूत भी मैं पा गया. मैंने अपने हाथ भाभी के कबूतर पर रख दिए. उनको जोर जोर से दबाने लगा और चोदने लगा. कुछ देर बाद मैंने फिर से अपना पोज बदल दिया. भाभी के दोनों घुटने मैंने मोड़ दिए.
उनको बायीं ओर करवट दिला दी. उनके दोनों घुटने मैंने उनके पेट से चिपका दिए. उनके पीछे मैं फर्श पर लेट गया भाभी के दायीं ओर पर. मैंने पीछे से अपना लौड़ा ले गया. हाथ से उनकी चूत ढूंड ली, लंड चूत में फिट कर दिया और उनको चोदने लगा.
इस तरह ये वाला पोज बड़ा गरमा गरम वाला पोज था. मेनका भाभी के बगल लेट के मैं उनको ठोक रहा था. वो पूरी की पूरी मेरे बदन में आ गयी थी. उनसे चिपककर मैं उनको ले रहा था. कुछ देर बाद मैंने उनकी चूत में ही माल गिरा दिया. भाभी और मैं दोनों गहरी गहरी साँस भरने लगे.
देवर जी ! अब आप जल्दी यहाँ से भाग जाओ!! मेनका भाभी धीरे से फुसफुसाकर बोली.
भाभी! बस एक बार और तुम्हारी चूत मारूंगा. उसके बाद मैं चला जाऊँगा! मैंने आग्रह किया. भाभी मना ना कर सकी.
ठीक है ! जल्दी से मुझे एक बार और चोद लो! वो दबी आवाज में बोली. मैंने उनको अपने लौडे पर बैठा लिया. मेरा चचेरा भाई इस तरह भाभी को खूब चोदता था. भाभी ये वाला पोज जानती थी. वो खुद उचक उचककर मेरे लौडे की सवारी करने लगी.
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मुझे खुशी हुई की भाभी ये वाली चुदाई जानती है. वो जल्दी जल्दी आगे पीछे करते करते अपनी पतली नागिन जैसी कमर चलाने लगी. खुदा कसम भाभी तो मुझ पर बिजलियाँ ही गिरा रही थी. उनके मम्मे पेड़ों से लटकते आम जैसे लग रहें थे. मैं उनके मस्त मस्त आमों को सहला रहा था. भाभी मेरे मोटे से लौडे पर फट फट करके कूद रही थी और मजे से चुद रही थी. वो पल मेरी जिंदगी का यादगार पल था. आज मैंने मेनका भाभी का ये नग्न वाला दिव्य रूप देखा था.
जैसी वो कोई देवी लग रही थी. मैं इस देवी की मस्त मस्त चूत का सेवन कर रहा था. मैं इस देवी की चूत का उपभोग कर रहा था. मैं इस देवी की चूत का भोग लगा रहा था. मित्रों, कुछ देर बाद मैंने ताबडतोड धक्के देकर भाभी की चूत को चोद डाला और झड गया. अचानक पता नही कहा से बहनचोद मेरा चचेरा भाई कमलेश आ गया. दरवाजा पीटने लगा ‘मेनका ?? मेनका?? क्या तुम अंदर हो?’ वो बोल रहा था. मैंने भाभी को जल्दी से उनके होठ पर चुम्मा लिया और पीछे वाली बाथरूम की खिड़की से मैं बाहर निकल आया. फिर दीवाल कूद पर बाहर आ गया.