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भाभी ने अपने बोबे चुसाए देवर ने

मई 2, 2025 by hamari

Jungle Me Chudai Maja

कहानी शुरू करने से पहले कहानी के पात्रो का परिचय सविता देवी: इस घर की माँ, उमाशंकर सिंह: बड़ा भाई उम्र 33 साल. कंचन: घर की एकलौती बहु उम्र 32 साल, हाइट 5 फ़ीट 3 इंच. गिरिजेश: सविता का भाई, उम्र 24 साल, हाइट 6’2″. हेमंत: सबसे छोटा भाई, उम्र 22 साल, हाइट 6’00”. वरुणा: सबसे छोटी बहन उम्र 20 साल. Jungle Me Chudai Maja

दोस्तो इस परिवार में तीन भाई और एक बहन है। इसके अलावा खानदान का आसपास के गाँव में बहुत नाम है। इसलिए आए दिन रिश्तेदार और सगे संबंधी आते जाते रहते है और घर में नौकर भी खूब है। परिवार का कारोबार और खेत खलिहान का हिसाब मुनशी जी संभाल लेते है और बड़ा बेटा उमाशंकर सिंह सम्भलता है।

दोनो छोटे भाई बड़े भाई का हर कहना मानते है। और दोनों परिवार के लिए दुनियाभर में किसी से भी लड़ सके ऐसे हिम्मतवाले है। हेमंत और रणबीर के बारे में बता दें की दोनों भाई ठाकुर परिवार के थे और दोनों लंबे चौड़े ताक़तवर और दिखने में खूबसूरत थे। बांके जवान और दोनों के लंड घोड़े के जैसे लंबे और शक्तिशाली थे।

उमाशंकर सिंह की बीवी का नाम कंचन है। नाम जैसे ही गुण थे। अपनी सास की चहिती और अपने पति के तीनों भाई बहनों को माँ के समान प्रेम करती है। वो दूध जैसी गोरी और खूबसूरत चेहरे की मालकिन है। उसका फिगर 36-32-34 है और बहुत आकर्षक दिखती है। उसको अभी 1 महीने की बेटी हुई है।

इसलिए दुधारू होने की वजह से उसके बॉब्बे बड़े बड़े है। उसकी छाती में दूध का प्रोडक्शन ज्यादा होता था इसलिए बच्चा हेल्थी था। एक दिन उनके हँसते खेलते परिवार को किसी की नज़र लग गई और उमाशंकर सिंह का एक्सीडेंट में देहांत हो गया। दोनो भाइयो के सर से जैसे छत चली गई और माँ और बहन का रो रो कर बुरा हाल था।

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कंचन के सिर पर तो जैसे आसमान टूट पड़ा था। उसको लगा की अब उसके बच्चे का क्या होगा। पर दोनों भाइयों और बहनने भाभी को संभाला और अपने भाई की निशानी उनकी भतीजी को कोई कमी ना रह जाने का वादा किया। उमाशंकर सिंह की मौत को अब सात महीने गुजर चुके थे।

दोनों भाइयो की आदत थी कि वे सालाना एक बार शिकार करने के लिए जंगल जाते थे। पर इसबार दोनों जंगल में कहीं घूम गए और दो दिन तक लौटे ही नही। ठकुराइन मंजुला देवी का दिल बैठ गया। एक बेटे को गवा चुकी थी अब दो और घूम हो गए थे। इसलिए माँ की ऐसी हालत देखकर नौकरों की टुकड़ी के साथ कंचन भी गई अपने प्यारे देवरो को ढूंढने।

कंचन जल्दी जल्दी आगे बढ़ रही थी लेकिन नौकर सब पीछे छूट गए। पर अचानक उसे दोनों देवर मिल गए। उसने उन दोनों को खूब डाँटा। फिर तीनों जंगल से बाहर जाने का रास्ता खोजने लगे। कंचन को रास्ता पता था। पर रात बहोत हो गई थी। जंगल की रात भयानक और डरावनी होती है।

तभी अचानक तेज बारिश होने लगी और वे भीग गए। तभी उन्हें सामने एक फारेस्ट का खाली क्वार्टर दिखा जिसमे कोई ड्यूटी पर नही था। क्योंकि दोनों भाईओ को ढूंढने में फारेस्ट लगी थी। उन तीनों ने अंदर जाकर लाइट जलाई और दिन होने का इंतेज़ार करने लगे।

कंचन पूरी तरह से भीग चुकी थी। उसकी सफेद साड़ी उसके गोरे चिकने बदन से चिपक गई थी। और साड़ी और ब्लाउज थोड़े ट्रांसपेरेंट भी हो गई थी उसमें से उसके बदन का कसाव साफ दिख रहा था। सफेद ब्रा में से उसके निप्पल भी गौर से देखने पर दिख रहे थे।

कंचन को हेमंत ने टॉवल ढूंढ के दिया जिससे वो अपने बालों को खुला कर के पोंछने लगी। गिरिजेश ने अपने शर्ट को निकाल दिया। कंचन की नजर उसके मर्दाना बदन पे ही टिक गई। जब रणबीर ने कंचन की आंखों में देखा तो उसने आंखे चुराली। फिर हेमंत ने भी अपनी शर्ट निकाल दी। उसके बॉडी पे एक भी बाल नही था और जिम जा कर सिक्स पैक बॉडी बनाया था। तभी कंचन को जोरोसे छींक आई।

हेमंत: भाभी आपके कपड़े बुरी तरह भीग चुके है। आपको सर्दी लग जाएगी!

कंचन: पर यहां कुछ पहनने को नही है।

गिरिजेश और हेमंत कुछ पहनने को ढूंढने लगे तभी वहां हरे रंग का कपड़ा मिला। उन दोनों ने कंचन को दिया और उनके मना करने पर भी उसे साड़ी निकाल देने के लिए कन्विन्स कर लिया। कंचन दूसरे रूम में जाकर अपने कपड़े निकालने लगी।

पहले उसने साड़ी को अपने बदन से दूर किया। अब ब्लाउज के पीछे की डोरी को निकालने लगी। पर डोरी अटक गई थी। खुल ही नही रही थी। उसने बहुत ट्राय करने के बाद आखिर में हेमंत को बुलाया। हेमंत अंदर आते ही उसकी नजर भाभी के गोरे बदन उसकी कमर और नाभि पर गई।

उसका मन अब बदलने लगा था। कंचन के कहने पर वो ब्लाउज की डोर खोलने लगा। कुछ प्रयत्न के बाद उसने डोर खोल दी और भाभी के ब्लाउज को निकालने लगा। कंचन ने चौकते हुए उसके हाथ को रोक लिया। एक हाथ से वो अब अपने ब्लाऊज को संभाले हुए थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पढ़ रहे है.

हेमंत ने फिर कंचन की कमर पकड़कर उसे घुमाया और पेटीकोट के नाड़े को खोल दिया। जिससे पेटीकोट गीरने ही वाला था की कंचनने आधे से पकड़ लिया पर उसकी सफेद पेंटी और गोरी गोरी जांघे आधी दिख रही थी। उफ्फ! क्या मादक लग रही थी कंचन! जैसे तैसे अपनी वस्त्रो को सम्भाले हुए थी।

उसका मुंह खुला का खुला था पर हेमंत मुस्कुराते हुए निकल गया। यहाँ कंचन ब्रा और पेंटी सहित पूरे कपड़े निकाल कर नंगी हो गई। उसके पास एक्स्ट्रा ब्रा थी जो वह हमेशा अपने पास रखती थी। क्योंकि उसके सीने में दूध का भरपूर प्रोडक्शन होता था। जिससे कई बार उसकी छातियों में से दूध का लीकेज हो जाता था।

उसने काली ब्रा पहन ली और नीचे पेटीकोट की जगह हरे रंग का कपड़ा लपेट लिया। कपड़ा छोटा था इसलिए उसकी नाभी से काफी नीचे बंधा हुआ था। अब वो बाहर आई तो दोनों भाई अपनी सगी बड़ी भाभी को देखते ही रह गए। काली ब्रा में उसका बड़े बड़े मम्मे और रेशमी हरे कपड़े में उसकी गांड का उभार।

ऊपर से गोरा चिकना बदन।खूबसूरत चेहरा। जिसमे गुलाब की पंखुड़ियों से होंठ जिसे देखते ही चूसने का मन हो जाए। दाढ़ी के भाग में काला तिल। एक और तिल उसके उन्नत स्तनों के मध्यरेखा (क्लीवेज) की ठीक बाई और मम्मे पे था। दोनों ही के मुँह में पानी आ गया और उनके लंबे काले लंड फनफनाने लगे।

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उन दोनों को अपने इस कृत्य पर मन ही मन पछतावा भी हो रहा था। लेकिन वह नजारा ही ऐसा था कि किसी भी मर्द को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाए। कंचन को बहुत अनकम्फर्टेबल लग रहा था। दोनो भाईओने पूछा तो उसने कुछ नहीं कहा। हेमंत बताने के लिए जोर देने लगा।

तो कंचन ने बात फिराते हुए कहा, “तुम दोनों को भूख लगी होगी मेरे पास कुछ सूखे मेवे है।”

उसने अपने पर्स से काजू बादाम और पिस्ते निकाल के दोनों भाईओ को दिए। उनकी भूख तो नही मिटी पर राहत हुई। अब वो क्वार्टर के बरामदे में बारिश को देख रहे थे। तभी जोरो से बिजली चमकी तो कंचन घबराकर गिरिजेश से लिपट गई।

गिरिजेश ने भी उसे अपनी बाहों में समा लिया। फिर अचानक कंचन को खयाल आते ही अपने आप को उससे दूर हटा लिया। कंचन के चेहरे पर शर्मिदगी के भाव था। उसके खुले बाल चांद से चेहरे पर आ रहे थे। गिरिजेश ने अपनी उंगलियों से बाल की लट को कंचन के कान के पीछे सटा दिया।

गिरिजेश: भाभी बताओ ना क्या हुआ है? आप का चेहरा कुछ बेचैन लग रहा है।

कंचन: कुछ नहीं हुआ गिरिजेश!

गिरिजेश: आप को मेरी कसम बताओना भाभी।

कंचन: बच्ची को दूध नही पिलाया कल से। इसलिए छाती भारी हो गई है। और थोड़ा दर्द हो रहा है!

कंचन को अपने जवान देवर के सामने ये बात कहने में बड़ी लाज आ रही थी। कुछ देर तक कोई कुछ नही बोला, फिर।

हेमंत: भाभी अगर आप चाहें तो हम आपकी मदद कर सकते है।

कंचन: कैसे?

गिरिजेश: आप चाहे तो हम मुन्नी की जगह…

इतना कहते कहते तो कंचनने गिरिजेश को एक थप्पड़ मार दिया। और वहाँ से चली गई। वो अंदर के कमरे में चली गई जहां पर एक बेड था जिसपे जाके बैठ गई। दोनों भाई अपनी भाभी को मनाने के लिए वहाँ पहुँचे। गिरिजेश और हेमंत अब अपनी भाभी के अधनंगे बदन का अवलोकन कर रहे थे।

सिर्फ काली ब्रा में उसकी बड़ी बड़ी छातियां और नंगी गोरी बाहे उन दोनों के मुंह मे पानी आ गया। दोनों अपनी भाभी के अगल बगल बैठ गए। कंचन खड़ी होने गई तो गिरिजेश ने उसे हाथ पकड़ कर बैठा लिया। फिर उसने ब्रा के हुक खोल कर नीचे कर दिया।

अब कंचन भी उन दोनों के इस बर्ताव से गर्म हो चुकी थी। पर अब भी वो उन दोनों को आगे नहीं बढ़ने दे रही थी। इसलिए हेमंत ने उसे पीछे से दोनों हाथों को पीछे की तरफ बांध कर कसके पकड़ लिया। अब गिरिजेश के लिए उसका शिकार तैयार था। बेबस और लाचार।

उसने कंचन के दाए मम्मे को मुंह मे ले लिया और चूसने लगा। कंचन के मुँह से आह निकल गई। और दूध की एक तेज धार गिरिजेश के मुँह में गई। मीठा गाढ़ा दूध उस आदमी की पिपासा को शांत कर रहा था। कंचन की आंखे बंद थी। उसका विरोध अब बंध हो चुका था। इसलिए हेमंत ने हाथ छोड़ दिए।

कंचन ने प्यार से गिरिजेश के सिर पे हाथ रखा अब हेमंत भी अपनी जगह बाए मम्मे पे आ गया था। दोनों देवरों को कंचन अपने सीने का रस पिलाने लगी। और संतुष्टी के भाव में उसने अपनी आंखें बंद कर ली। दोनों ने कंचन को उठाकर बेड पर लेटा दिया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पढ़ रहे है.

और अब कंफर्टेबली उसके सीने से दूध पीने लगे करीब 15 मिनट तक दोनों ने कंचन के दूध को नीचोड़ दिया। उन दोनों ने तृप्त हो कर अपने मुँह को हाथ से साफ किया। अब दोनों खड़े होकर एक दूसरे की ओर देखने लगे फिर दोनों ने निर्णय करके अपने कपड़े निकालने चालू किया।

कंचन: क्या कर रहे हो तुम? पी तो लिया मेरा दूध। अब ये कपड़े क्यों निकाल रहे हो?

हेमंत: तुम्हें इस रूप में देख कर शायद कोई नामर्द ही होगा जो तुझे छोड़ देगा।

आप से तुम सुनकर और ऐसी बात सुनकर कंचन चौक गई।

कंचन: हटो पागल हो गए क्या दोनो? में तुम्हारी भाभी हु!

गिरिजेश: भाभी भैया के जाने के बाद हमारा ही फर्ज है तुम्हें प्यार देना।

कंचन उठ के जाने लगी तो गिरिजेश ने उसे पकड़ लिया। और वही खड़े खड़े ही उसे बिल्कुल नंगा कर लिया।

हेमंत: लगता है यह ऐसे नहीं मानेगी। मगर हमें मनवाना आता है।

उसने कंचन के हाथों को कपड़े से बांध लिया और उसे बेड पर पटक दिया। दोनो भाई भी अब नंगे हो चुके थे। उनके बड़े बड़े लंड देखकर कंचन घबरा गई। कंचन की कलाइयों जितने मोटे और लंबे काले लंड थे। हेमंत कंचन के चेहरे को अपने पास लेकर उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिये।

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गिरिजेश उसके शरीर के नीचे के हिस्सों पर हाथ फिरा रहा था। हेमंत फ्रेंच किस किए जा रहा था और गिरिजेश उसकी नाभी से होता हुआ उसके चूत तक पहुँच चुका था। उसने अब अपना कमाल दिखाते हुए कंचन की चूत की गहराइयों में अपनी जीभ फिराने लगा।

कंचन का बुरा हाल था की ना चाहते हुए भी मुंह से सीसकिया निकल रही थी। दिमाग का कहना अब मेरा शरीर नहीं मान रहा था। ऑर्गेजम के कारण कंचन का शरीर एकदम अकड़ गया और चूत से पानी निकलने लगा। वो पानी गिरिजेश पी गया। थोड़ी देर पहले उसका दूध पिया था अब चूत का रस पीने लगा।

फिर हेमंत को हटा कर गिरिजेश ने कंचन की टांगो को चौड़ा किया। अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पे रखा और धक्का मारा। लंड चूत की दीवारों से गिसता हुआ अंदर चला गया। पर बहुत दिनों से कंचन चूदी नहीं थी इसलिए उसके मुंह से चीख निकल गई। गिरिजेश रुक गया।

अब हेमंत उल्टा आ कर उसे स्पाइडर मैन किस करने लगा। और गिरिजेश धीरे धीरे धक्के मारने लगा। हेमंत धीरे धीरे उसके होंठो से नीचे आकर उसके उरोजों पे दांत गड़ाने लगा। उरोज पे दांत के निशान पड़ जाते थे। मानो बरसो का भूखा हो।चूत में अब फिर से गीलापन आने लगा था।

गिरिजेश ने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी। चूत से फच फच फच की आवाज़ आने लगी। कंचनके मुँह से सिसकिया निकलने लगी। उँह आह उँह आह। कुछ देर ऐसे चुदाई के बाद कंचन उत्तेजना में पागल होने लगी। मुँह से “आह नहीं,” जैसी आवाजें निकलने लगी।

अब गिरिजेश ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और कंचन को किसी गुड़िया की तरह उठा कर उल्टा कर के उसकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया। डॉगी स्टाइल में चुदाई करने लगा। हेमंत अब सामने आ गया था उसने कंचन के खूबसूरत होंठों पर अपना काला मूसल लंड फिराने लगा।

हेमंत ने कहा, “खोल अपना मुँह।” कंचनने अपने मुँह को थोड़ा सा खोला। हेमंत ने अपने लंड को उसके मुँह में डाल दिया। उसके खुले बालों को कस के पकड़ कर अपने लंड को अंदर तक पेल दिया। कंचन की आंखे बाहर आने लगी। उसने आज तक लंड मुंह मे नही लिया था।

वो अब गपागप मुंह की चुदाई करने लगा। पीछे से गिरिजेश उसकी चूत मारते हुए चूतड़ों पर जोरों से थप्पड़ मार रहा था। जिससे उसकी गांड लाल हो गयी थी। करीब 20 मिनिट तक कंचन की चुदाई ऐसे ही चली। कामोत्तेजना के कारण वह चीखना चाहती थी। मगर मुंह में लंड होने के कारण सिर्फ ‘ऊई, ऊई’ जैसी ही आवाज निकली।

कंचन के बड़े बड़े स्तन हिल रहे थे कंचन जैसे झूला झूल रही थी। दोनों भाई एग्रेसिव हो चुके थे। कंचन की चुदाई करते हुए मर्दाना आवाज़ निकाल रहे थे। घोड़े जैसी ताकत थी दोनों में। बीच में मासूम सी कली पीस रही थी। कंचन की अस्मत को रौंदते हुए दोनों का अब निकलने वाला था।

गिरिजेश ने कंचन की चूत में ही अपने गर्मा गर्म वीर्य की धारा छोड़ी जिसे उसकी चूत को भर दिया। इधर हेमंत ने भी अपना गाढ़ा वीर्य कंचन के मुंह मे छोड़ दिया। उसका मुंह भर गया। काफी सारा रस वो पी गई और कुछ उसके होंठ से टपक रहा था।

अब तीनों निढाल हो कर बिस्तर पर लेट गए। तीनों की सांसे तेज चल रही थी। कंचन कुछ देर ऐसे ही पड़ी रही। वो सोच रही थी कैसे उसके पति के दोनों भाईओने उसकी इज़्ज़त को लूंट लिया। उसकी छाती का – उसकी चुत का रस तक चूस लिया था।

फिर थकावट के कारण उसकी आंख लग गई। और सुबह जब वो उठी तो अपने आप को दोनों के बीच सैंडविच की तरह उनकी छाती से लिपटा हुआ पाया। वो उठी तो उसके बदन पर दांत और नाखुनो के निशान थे, होंठ फट गए थे, बाल बिखरे हुए थे और ठीक से चल भी नही पा रही थी।

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सुबह एक घंटे बाद फारेस्ट पुलिस आ गई और उन तीनों को सही सलामत घर पहुँचा दिया। माँ और बहन खुश हो गई। उनको अपनी बड़ी बहू पर बहुत गर्व हुआ जो अपने देवरों को बचा कर ले आई थी। भाभी अपनी सांस को देखते ही लिपट कर रोने लगी। दोनों भाई घबरा गए मगर भाभी ने कुछ नही बताया।

दूसरे दिन शाम को सारे रिश्तेदार जो आए थे वे चले गए। माँजी और बहन दोनों भी एक रात के लिए बाहर दर्शन के लिए चले गए क्यों की उनके दोनों बेटे सही सलामत लौट आए थे। कंचन ने साथ चलने ले लिए खूब कहा मगर माँजी नहीं मानी। अब घर पे गिरिजेश, हेमंत, कंचन और छोटा बच्चा ही थे।

इधर कंचन ने बच्ची को सुला कर बाथरूम में गर्म पानी से नहा रही थी। साथ में कल की उस घटना को सोचते हुए ग्लानी की अनुभूति कर रही थी। किंतु उसे एक पूर्णता का एहसास भी हो रहा था। साथ में एक उधर ये दोनों भाई उसके कमरे में घुस के बेड पर लेटे हुए थे। कंचन बाथरूम से सिर्फ तौलिया लपेटकर बाहर आई तो दोनों भाई इस स्वर्ग की अप्सरा का आकर्षक शरीर को निहारने लगे।

कंचन उन्हें देखकर चौक गई। उसने दोनों से पूछा, “तुम यहाँ क्या कर रहे हो?”

गिरिजेश: हम तो आपसे मिलने आए थे। आपका शुक्रिया अदा करने आए थे की आपने हमारी जान बचाई!

कंचन गुस्से से बोली: हाँ। बहुत खूब! और तुमने जो मेरे साथ किया वो? में तो तुम्हे अपने बच्चों जैसा समझती थी। पर तुम्हें शर्म नहीं आई अपने भाई की बेवा बीवी के साथ।।।(कंचन चुप हो गई)

हेमंत: भाई के जाने के बाद आपका ख्याल रखना हमारा फर्ज भी है और हक भी।

गिरिजेश: और जो कल हुआ वो एक हादसा था उसका आप दुःख मत लगाईए। (कुटिल मुस्कान के साथ) क्योंकि वो अब हररोज होगा।

इतना कहते ही उसने कंचन को अपने कंधे पे उठा लिया और अपने कमरे की और बढ़ने लगा। कंचन को उसने अपने बिस्तर पर पटककर फिर उसका तौलिया निकाल कर खुद भी नंगा हो गया और AC चला दिया। उसके तने हुए मजबूत लंड को देखकर डर की वजह से कंचन के रोंगटे खड़े हो गए। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पढ़ रहे है.

सफेद चादर में कंचन का दूधिया शरीर, उभरी हुई गांड, बड़े बड़े बॉब्बे और गुलाबी चुत देखकर गिरिजेश रोमांचित हो उठा। कंचन जानती थी के उस ताकतवर मर्द के सामने उस अबला की एक नही चलने वाली थी। अब गिरिजेश उसके ऊपर सवार हो गया फिर उसकी कानों को हल्के हल्के चूसने लगा। और फिर से होठों को चूमने लगा। फिर आंखों को।

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कंचन अब मदनहोश हो रही थी। उसका लिंग अब तनकर उसकी नसे दिख रही थी। ‘वह अब नीचे लेट गया और उसने कंचन को उठाकर अपने लिंग पर बिठा दिया। लिँग के योनी प्रवेश से कंचन के मुंह से ‘आआआआह’ की आवाज उत्तेजना के मारे निकली।

कंचन की चूत अब गीली हो चुकी थी। गिरिजेश अब नीचे से गांड उठा कर प्रहार करने लगा। कंचन इस ताकतवर घोड़े की सवारी करने लगी। उसकी चुत से पूच पुच पुच की आवाज आने लगी। वो भी अब अपनी गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी।

कंचन के मुंह से ‘उँह आह’ की आवाज आने लगी। गिरिजेश बिना लंड बाहर निकाले बिस्तर पर बैठ गया। कुछ देर कंचन को उसने फ्रेंच किस करने लगा। इधर हेमंत इन दोनों की चुदाई देखकर उतेजित हो गया था। हेमंत का लंड अब तन कर लाल हो गया था। उसकी नसे जैसे फटने को बेताब थी।

उसने कंचन को खिलौने की गुड़िया की तरह गिरिजेश के पास से उठा कर खड़े खड़े ही चुत में लंड डाल दिया। वह उसकी गांड के नीचे हाथ से उठा कर खड़ा हो गया था। और कंचन को अपनी गोद में ही उठाकर खड़े खड़े चोदने लगा। कंचन ने अपनी दोनों बाहों उसे गले लगा लिया था टांगे हेमंत की कमर से लिपट गई थी।

इस तरह खड़े खड़े 20-22 शॉट मारने के बाद उसने कंचन को बिस्तर पर गिरा कर उसके ऊपर आ गया। जिससे लंड कंचन की बच्चे दानी तक पहुँच गया। कंचन के मुंह से ‘आह’ की चीख निकल गई। परंतु कंचन को आराम नहीं मिलने वाला था। अपने से 10 साल बड़ी औरत मानों उस नौजवान लड़के के लिए स्वर्ग की अप्सरा थी।

हेमंत ने कंचन को पेट के बल लिटाकर उसकी गांड को साइड से पकड़कर घुटनो के बल कर दिया। और गांड के नीचे से होते हुए लंड को उसकी योनी में ‘फूच’ की आवाज के साथ डाल दिया। कंचन के मुंह से चीख निकली। अब वो दनादन उसकी योनी का मर्दन डॉगी स्टाइल में करने लगा।

कंचन के काले घने बालों को पकड़कर जानवर की तरह पूरी ताकत से ठोकने लगा। कंचन की बड़ी बड़ी चुचिया धक्के के साथ लय में हिल रही थी। पूरा कमरा ‘फच फच फच’ की आवाज से गूंज रहा था। एक हाथ से उसने कंचन घोड़ी के बाल खींच रहा था और दूसरे हाथ से उसने कंचन की गोरी गोरी चिकने गांड पर जोर से चमाट मार कर चोदने लगा।

कंचन चीख पड़ी। उसकी गांड लाल हो गई। कंचन को अब ऑर्गेजम आने के कारण उसकी योनि का रस बह कर अब उसकी जांगो पर आ गया था। लंड जैसे अंदर योनी में घुसता वहां से ‘धप धप धप’ चुदाई की आवाज से पूरा कमरा गूंज रहा था। कंचन तेज सांसे ले रही थी।

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उसने कहा, “अब तो मुझे छोड़ दो जो करना था वो कर चुके।” पर दोनों कहा मानने वाले थे। 32 साल की भरी हुई मेच्योर औरत इन नौजवान लड़को के पूरे नियंत्रण में थी। अब हेमंत नीचे लेट गया। गिरिजेश ने मुझे उठा कर उसके लिंग पे बिठा दिया। धीरे धीरे पूरा लंड अंदर चला गया। अब हेमंत ने कंचन को सीने से लगा लिया। पीछे से गिरिजेश ने अपना लंड कंचन के गुदा द्वार पर लगा कर जोर से धक्का मारा। “मर गई!” की चीख हवेली के बाहर तक सुनाई दी। कंचन छूटने के लिए कबूतरी सी फड़फड़ाने लगी।

परंतु उसे दो मर्दो के बलिष्ठ हाथों और पैरो ने जकड़ रखा था। उसकी आँखों से आंसू आ गए। थोड़ी देर बाद गिरिजेश पूरा लंड कंचन की गाँड में डाल कर उसके और हेमंत के ऊपर आ गया। कंचन की हालत सेन्डविच की तरह हो गई थी। दो तगड़े लिंग ऊपर और नीचे से उसे ठोक रहे थे। दोनों ने उस औरत को झिंझोर कर नोच डाला। और दोनों बोले, “भाभी अब से आप हम दोनों की बीवी हो। हम आपको इस खानदान का वारीस देंगे।” फिर दोनों एक साथ दहाड़ कर अंदर ही झड़ गए।

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Filed Under: Devar Bhabhi Sex Story Tagged With: Blowjob, Boobs Suck, Family Sex, Hardcore Sex, Hindi Porn Story, Horny Girl, Kamukata, Mastaram Ki Kahani, Non Veg Story, Sexy Figure

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Comments

  1. Sumit Kumar says

    मई 4, 2025 at 1:44 पूर्वाह्न

    अगर किसी भाभी आंटी और कोई महिला को झारखंड से छुड़वाना हो लड़का होगा तुम मुझे कांटेक्ट करें 8250196410

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