Sexy Servant Pussy
जब नशा चुदाई का लग जाए तो इंसान किसी को भी चोद देता है और यही इस कहानी में हुआ। चुत मिले बहुत वक़्त हो गया था और अब लंड संभल नहीं रहा था। उसको चुत चाहिए थी और इसी भूखेपन के दौर में मुझे अपनी खाना बनाने वाली बदलनी पड़ी और नयी रखनी पड़ी। Sexy Servant Pussy
ये नयी कामवाली, पतला शरीर, छोटी नीबू जैसी चूची और गांड का उभार भी कुछ ज्यादा नहीं। मगर लम्बाई अच्छी थी और देखने में भी अच्छी दिखती थी और कुछ ज्यादा की बातूनी थी। जब वो काम करने आयी तब मेरे मन में चोदने का कोई ख्याल नहीं था।
एक दिन ये खाना बनाने आयी मैंने बता दिया क्या खाना बनेगा फिर अपने रूम में आ गया। तभी उसकी किसी सहेली का फ़ोन आया। और ये बात करते करते खाना बनाने लगी और उसके बात करने की आवाज रूम पे आ रही थी। ये क्या बोल रही थी बातो ही बातो में मैंने सुना की इसने बोला ये मुझे भईया बुलाती है।
उधर से उसका जो भी जवाब हो ये जवाब में बोली, “शैतान मै सब समझ रही क्या बोल रही, बहनचोद।” धीरे से बोला उसने और हसने लगी। मै समझ गया सामने वाली ने क्या बोला होगा और ये साली भी मुझसे चुदाई का ख्याल रखती है। ये बात ताड़ मेरा लौड़ा लोहा होने लगा।
मै जब घर पे रहता हू गर्मी में ऊपर कुछ नहीं पहनता और नीचे हाफ शॉर्ट्स के अंदर अंडरवेयर नहीं पहनता। उसकी बात सुन मेरा लंड तैयार हो चूका था और मै भी आज उसको बहनचोद का मतलब समझाना चाहता था। मै रूम से बाहर निकला तबतक शिल्पा ने फ़ोन रख दिया था।
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शिल्पा उसका नाम है मैंने देखा वो चूल्हे की तरफ मुँह कर के खड़ी थी और उसकी पीठ मेरी तरफ थी। आज मै बस उसको चोदना चाहता था बिना कामक्रीड़ा के। मै दबे पाँव उसके पीछे जा के खड़ा हो गया उसके पीछे से कमर के पास से हाथ डाल के चूल्हा बंद किया और एक हाथ से उसकी छोटी चूची मसल दी। वो सकपका के घूमी।
अब उसका मुँह मेरे सामने था और वो मेरे हाथो के घेरे के अंदर थी। वो कुछ समझ पाती मेरा हाथ उसके साड़ी को लांघता हुआ सलवार से निकल के उसकी चुत को रगड़ रहा था जोर जोर से। और ओठो से उसकी गर्दन को चाट रहा था। वो मस्ती में पागल होके समर्पण कर चुकी थी क्यूंकि अब बात उसकी पहुंच से दूर थी।
मैंने अपना शॉर्ट्स उतारा और मेरा ८ इच का नाग फुंकार रहा था। मैंने बिना देर किये उसकी पैंटी निकाल दी और साड़ी को उठा के अपना ८ इंच का लंड एक झटके में उसकी झांटो वाली चुत में दे दिया। मेरा भुजदंड उसकी चुत को फाड़ता हुआ पूरा उसकी चुत में था.
और शिल्पा दर्द से मुझे नोच रही थी। बोल रही थी भईया छोड़ दो मर जाउंगी। मगर मेरा लंड आज अलग ही मूड में था। मैंने खड़े खड़े उसकी चूत में धक्को की झड़ी लगा दी। ५ मिनट मैं हपक के उसकी चूत का हलवा बनता रहा। लंड से उसकी चूत में खलबली मचा दी।
लंड उसकी सुखी दरार को फाड़ के पानी निकालने लगा। शिल्पा ५ मिनट में झड़ गयी और ढीली होके मेरे ऊपर पड़ गयी। ऐसा लगा मर गयी। मेरी गांड फट गयी। मैंने फटाफट लंड निकाला और उसको बिस्तर पे लिटाया तब जाके उसकी सांस में सांस आयी।
फिर वो बोली, “इतनी कमजोर नहीं हूँ, भईया। बस अभी तैयार नहीं थी। और आपका लंड इतना मोटा और बड़ा था सुखी चुत झेल नहीं पायी।”
मैं वैसे ही गरम था और साली ने गरम छोड़ दिया था। वैसे ही मूड ख़राब हो गया था। गाली देते हुए बोला, “छिनार २ मिनट में टेढ़ी हो गयी और बाते चोद रही मादरचोद। तुझे तो चोदने से भी डर लग रहा मर ना जाए तू।”
वो एक दम शांत हो गयी और उठ के खाना बनाने लगी।
वो बोली, “भईया एकबार और चोद दो। प्लीज मुझे आराम से चोद दो मैं झेल लुंगी आपका भीसड़ लंड। यकीन करो। बहुत दिन से अच्छे से चुदी नहीं हू बहुत भूखी हूँ।”
उसकी बात सुन के पागल लंड और पागल हो गया। मैंने किचन में जाके उसके सारे कपडे उतार दिए और उसको किचन के स्लैब पे झुका दिया। उसकी गांड मेरे सामने थी मैंने लंड पे भर के थूक लगाया और चूत पे लंड फिट किया है जबरदस्त झटका मारा। मेरा पूरा लंड उसकी चूत में था और वो स्लैब से पूरी चिपकी थी।
ना आगे जा पा रही थी ना पीछे। कमर से उसको पकड़ के मैं उसकी चूत में चप्पू चलाने लगा। अब वो अच्छे से मेरा लंड ले रही थी। कुछ देर मैंने उसको वैसे ही चोदा। फिर उसने मुझे धक्का दे पीछे किया और किचन की स्लैब पे टांग फैला के बैठ गयी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
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मैंने करीब जाके एक हाथ उसके कंधे पे रखा एक से पकड़ी कमर और उसकी चूत की बोरिंग करने लगा। उसने अपनी दोनों ताने मेरी गांड पे रख दी थी और चूत की तरफ दबा रही थी। ३० मिनट तक मैंने उसको हिला हिला के चोदा। किचन में लिटा लिटा के चोदा।
मेरे धक्को को जब वो आसानी से झेलने लगी उसके बाद मैंने उसको उठा हाल के सोफे पे पटक दिया और अब शुरू किया रेलगाड़ी चलना। रेलगाड़ी की चुदाई में बिजली की गति से मैं ५०० झटके मारने की ताकत रखता हूँ। मैंने उसको सीधा लिटा के उसके दोनों पैरो को हवा में उठा के ९० डिग्री का कोन्ड बनाया।
दोनों हाथो से उसको टांगो को पकड़ के अपनी तरफ खिंचा। अब उसकी चूत मेरे लंड के सामने थी। मैंने उसकी चूत पे अपने भुजदंड को रखा और उसकी चूत का मखन्न निकालने को तैयार हो गया। अब मैंने शुरू की रेलगाड़ी चलना और धीरे धीरे पहले झटके दे उसको चोदता रहा।
उसके बाद एक दम से मैंने स्पीड पकड़ी और धकमपेल तरीके से धक्के लगाने लगा। ३० सेकंड में २० झटके इतनी तेज गति थी। और जोर से जोर चिलाने लगी, मस्तियाने लगी। काटने लगी अपने ओठो को। २० मिनट की रेलगाड़ी की सवारी में वो चिनार २ बार झड़ गयी। और फाइनली मैंने अपने लंड को आजाद किया और पूरा माल उसके ऊपर निकाल दिया। उसका चेहरा एकदम खुश होक चहकने लगा।
बोली, “भईया आप चोदते नहीं हो चोद चोद के मार देते हो। अब मैं आपको एक दीदी के यहां काम करती हूँ उनकी चुत दिलाऊंगी। वो भी साली बहुत चुदकड़ है आप उसे चोद के उसकी अकड़ ढीली कर देना।”
“मै बोला साली चूतिया समझती है। तू बोलेगी और तेरी दीदी चुत खोल के खड़ी हो जाएगी मेरे लिए, रंडी।”
तो वो बोली, “भईया दीदी का बॉयफ्रेंड कभी कभी आता है। दीदी को उनका मकान मालिक और उनका ब्रोकर जिसने मकान दिलाया है दोनों चोदते है। एकबार दीदी की सैलरी ३ महीने नहीं आयी थी और उन्होंने रूम का किराया नहीं दिया था। एकदिन जब मै दीदी के घर खाना बना रही थी।
तभी उनका मकान मालिक और ब्रोकर आ गए। उनके घर में किचेन थोड़ा अलग बना है कोई किचेन में है। ये अगर कोई घर में आये तो नहीं पता लगेगा। इस वजह से उन दोनों को पता नहीं लगा की मै घर पे हूँ। वो दोनों दारु पी के घर में घुसे और दीदी से पहले प्यार से किराया माँगा।”
मकान मालिक बोला, “बिटिया ३ महीने हो गए तुम्हारा किराया नहीं आया अभी तक। लेने मुझे आना पड़ा आज। आज तो कुछ ना कुछ लेके जाउगा देखो बात साफ़ है।”
दीदी ने बोला, “आजकल सैलरी रुकी है आते ही भेज दूँगी।”
मकान मालिक गुस्सा हो गया और ब्रोकर को बोला इसको अभी घर से बाहर कर। साली ने मजाक समझ लिया है। पब में जाके कमर मटकाने के पैसे है मुझे देने को नहीं है।”
दीदी बोली, “अंकल, आराम से, ज्यादा बोल रहे।”
मकान मालिक बोला, “अभी सिर्फ बोल रहा। किराया वसूलने पे आ गया तो सब वसूल लगा,” और बोल के दीदी की चूचियों को ललचायी भरी नज़रो से घुरा।
वो बोला, “आज तो किराया देना पड़ेगा आपको। देख लो किस तरह से दोगे।”
दीदी का नाम दिव्या है दिव्या, वो हल्की मोटी है और खूब गोरी हैं। उनकी चूँचिया तरबूज की तरह गोल है और जाँघे मांसल मखमली से हैं गोल वाले तकिये की तरह।
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ब्रोकर बोला, “दिव्या जी या तो किराया दे दीजिये। या दे दीजिये अच्छे से देगी तो किराया माफ़ हो जाएगा। वैसे भी हम दोनों आज लेने ही आये है और लेके जायेगे। चिंता ना करिये पैसा नहीं है तो क्या हुआ। आप किसी और तरह चूका दीजिये।” उसने अपने लंड पे हाथ फेरते हुए कहा
दीदी २ मिनट कुछ नहीं बोली। वो दोनों समझ गए सिग्नल हरा है। मै भी किचन में चुपचाप खड़े ये तमाशा देख रही थी। मुझे पता था उनको पता लगा तो दोनों मादरचोद है। साथ में मुझे भी चोद देंगे और मै उन २ बुढो से नहीं चुदना चाहती थी। उन दोनों की उम्र ५५ और ६० होगी।
उन दोनों ने गेट लॉक किया और दारु की बॉटल निकाली। और बोले, “दिव्या जी, बड़े दिन से आपकी चूत का ख्वाब पाल रखा है। आज पूरा शहद चूस लेंगे चूत का। खुदा कसम बहुत सुन्दर है आप और नाजुक भी। आज बदन के सारे दर्द आपके दूर करेंगे।”
और बोल के मकानमालिक ने टीशर्ट के ऊपर से दीदी की चूँचिया मसल दी कसकर के। दीदी दर्द से बिलबिला गयी और पीछे हट गयी। भईया, बड़े कमीने थे दोनों। सालो ने गद्दा जमीन पे बिछा दिया और दीदी को नंगा करके जबरदस्ती दारु पिलाई। मकानमालिक ने दीदी को गोद में बिठा लिया।
उनके बदन पे हाथ चलाते हुए बोला, “दिव्या जी, आपको जब रूम दिया था तबसे ही आपके गदराये बदन पे हमारी नज़र थी। कसम से बड़ा तड़पाया है। आज मौका मिला है। तुम्हारी चुत को भोसड़ीवाली ना चोद चोद के फाड़ दिया ना तो हमारा नाम भी परमजीत और अशोक नहीं।”
इतना कहते ही दोनों ने दीदी को अपने बीच में कस लिया। २ पाव में आलू की तरह दीदी चिपक गयी। और दोनों उनको कुत्तो की तरह नोचने लगे। दीदी का गोरा बदन लाल हो गया और दोनों की बेरहमी बदन पे झलकने लगी। परमजीत ने अपना लंड दीदी की सीधे गांड में डाल दिया।
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बड़ा ही भूखा था बुड्ढा उसका मोटा काला लंड जैसे ही दीदी की गांड में घुसा दीदी उछल के खड़ी ही गयी। तब अशोक ने दीदी के दोनों हाथ अपनी कमर में डाल के पकड़ लिया और झुका दिया। और बोला, “परमजीत, किराया वसूल कर, फिर मै अपनी ब्रोकरेज लूगा। बहन की लौड़ी ने मेरी भी ब्रोकरेज काटी थी। मैंने भी इसी दिन के लिए कुछ नहीं बोला था।”
दीदी बिचारी एक तो नशे में थी ऊपर से वो दोनों हरामी। कैसे संभालती? दीदी ने बस इतना बोला, “प्लीज, कंडोम लगा लीजिये।” दोनों हराम के पिल्लै भड़क गए और उसके बाद परमजीत ने गाली दे के बोला, “रांड तू ऐसे ही चुदेगी।” और ये कहते ही अपना लंड दीदी की गांड में बिना थूक लगाए पेल दिया।
उसका मोटा बीहड़ लंड घोड़े के लौड़े जैसा था। दीदी तड़पने लगी और उसने बेरहमी से दीदी की गांड मारनी चालू कर दी। उसकी रफ़्तार के आगे दीदी बस कराह रही थी। वो जैसे ही हटा अशोक ने बिना देर किये परमजीत की जगह ली। और दीदी की गांड मारने लगा और बोलने लगा, “रानी ऐसा चोदेंगे आज तुझे रोज हमें बुलाएगी।”
उसके बाद दोनों ने चुत और गांड को एक साथ चाटना शुरू किया और १ घंटे तक चाटते रहे। अब दीदी भी खुल गयी थी। दीदी बोली, “दल्लो चोदो मुझे, हरामियों, नहीं लंड काट दूँगी।” ये सुन के दोनों जोश में आ गए और एक साथ दीदी की गांड और चुत चोदने लगे।
भईया क्या बताऊ उन सालो ने दीदी को लगातार ४ घंटे चोदा। मै किचन में तड़पती रही। चोदने के बाद दोनों उठे और दीदी की चुत को चूमा और बोले, “कमाल है तू जो हमें झेल गयी। इससे पहले वाली तो एक एकेले को नहीं झेल पाई थी चुपचाप भाग गयी कुतिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अशोक उसकी ले भी नहीं पाया। बिचारा कोई नहीं अब हम दोनों तेरा अच्छा ख्याल रखेंगे। और तू चिंता ना कर ये राज राज ही रहेगा।” मगर उन हरामियों ने दीदी को रंडी बना दिया। सालो ने दीदी को अपना काम निकलवाने के लिए थाने के थानेदार से भी चुदवाया है। ये सब दीदी ने मुझे बताया है।
तो आप चिंता ना करो। दीदी को प्यार से चोदने वाला चाहिए हवस मिटने वाला नहीं। मै दीदी की चुत दिलवा दूँगी दीदी खूबसूरत है आपको भी मजा आएगा चुदाई की कहानी सुन मेरा भुजदंड तना हुआ था, गरम था। मैंने भी बिना सवाल किये अपने ओठ शिल्पा के ओठ पे रख दिया और उसको प्यार से चूसने लगा।
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उसके चूचियों से खेलने लगा। फिर उठा के उसको बेड पे पटक दिया और उसके बदन से सारे कपडे अलग कर दिए। उसका पतला सावंला बदन मादक लग रहा था। मैंने शिल्पा की टाँगे खोली और वह आराम से बैठ के चुत के फाको को खाने लगा। शिल्पा ने पागल होके दोनों टांगो से मेरे सर को जकड लिया और मैं चूत का रस पीता रहा। फिर मै उठ के बैठ गया। शिल्पा को उठा के अपने लंड पे रख दिया और छोड़ दिया। शिल्पा लंड पे धप से आ के गिरी और कसमसा गयी। यही एक तरीका था उसकी कसी चुत को एक झटके में दर्द दे के मजे देने का।
फिर मै छोटे छोटे चुचो को चूसने लगा और वो लंड लेके बैठी रही। अचानक से मैंने पोजीशन बदली और शिल्पा अब मेरे नीचे थी और मै उसके ऊपर चढ़ा हुआ था। कमाल का चुत और लंड का मिलाप था। फच फच की आवाज के साथ उसकी कामुक आवाज मेरा जोश और बढ़ा रही थी। लगभग २० मिनट के बाद मैंने शिल्पा को कुतिया बनाया और उसकी चूत हांकने लगा। वो भी मस्त होके हिल रही थी। लगभग ४५ मिनट बाद वो झड़ गयी और उसके झड़ने के बाद मैंने उसको और चोदा। जिसमे वो 2 बार झड़ी। कमाल की गरम थी शिल्पा।