Nude Didi Chudai Kahani
मेरा नाम सलीम है मैं हैदराबाद में रहता हूँ. मेरे घर में मेरे अलावा मेरी अम्मी और अब्बू है. अब्बू एक गवर्नमेंट अफसर है. जहाँ तक मेरी बात है मैं 28यियर्स 5’10” हूँ. बचपन से ही मैं पढ़ने में बहुत तेज़ हूँ जिसके कारण मैं हमेशा लकड़ियों से घिरा रहा. इसलिए लिए मेरे सभी दोस्त मुझे प्रेम कह कर पुकारते है और बाद में मेरे पेरेंट्स भी इसी नाम से पुकारने लगे. Nude Didi Chudai Kahani
मेरे क्लास की लगभग सभी लकड़ियों मुझसे कुछ पूछने के बहाने हमेशा मेरे साथ टाइम गुजरना चाहती थी. पर मैं कभी उनमें इंटरेस्ट नहीं लिया. शायद मुझे चूत और लंड का रिलेशन ही नहीं पता था. बात आज से २ साल पहले की है. जब मैं कॉलेज मैं पढता था. मेरे एक चाचा है जो विजयवाड़ा में रहते है.
एक समय में वह काफी बड़े बिजनेसमैन थे. पर आज वह खाने को मोहताज है. उनके फैमिली में उनकी वाइफ यानि मेरी चाची और एक लकड़ी है. जो निहायत ही खूबसूरत है. वैसे तो उसका नाम नूरजहां है पर सब उसे नूरी कहते है. पैसे के प्रॉब्लम के कारण मेरे अब्बू नूरी को अपने घर ले आये.
एक दिन जब मैं कॉलेज से घर आया तो नूरी को देख कर मुझे काफी ख़ुशी हुई. आज 5 साल बाद मैं उसे देख रहा था. जब मैंने उसके पुरे बदन पे एक नज़र डाली तो मेरे बदन में सनसनाहट होने लगी. मैं कभी सोचा भी नहीं था की वह इतनी खूबसूरत और सेक्सी होगी. 5’3” लम्बी 34-28-36 फिगर और दूध जैसे गोरी. उसकी आँखे नीले रंग की है.
उसके बाल लम्बे लम्बे थे. उसके होंठ छोटे-छोटे गुलाब की पंखुड़ी जैसे है. उसकी चूची एकदम गोल और नुकीली थी. उसके चूतड़ काफी सुडौल लग रहे थे. कुल मिलाकर पूरी सेक्स-बम थी. उस समय उसे कोई भी मनचला देख कर एक बार जरूर सोचता की उसे बेड पर ले जाकर उसके होंठों का जम कर पिए उसके संतरे जैसे चूचियों को मसले और उसकी गांड को सहलाये.
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आज से पहले मुझे किसी लकड़ी को देख कर ऐसा ख्याल कभी नहीं आया. मालूम नहीं मुझे क्या हो गया था. वह मुझसे 1 साल बड़ी है. फिर भी और हमलोग आपस में काफी घुले मिले है. मुझे देखते ही वह दौड़ के मेरे पास आयी और मेरे गले लग गयी. उसकी नुकीली चूचियां मेरे छाती में धंसने लगी.
मैं भी उसे दोनों हांथों से जकड़ लिया. उसका बदन इतना सॉफ्ट होगा मुझे मालूम नहीं था. तभी मुझे लगा जैसे मेरे पेण्ट के निचे कुछ हलचल हो रहा है. मेरे लंड में सुगबुगाहट हो रही थी. मेरा लंड खड़ा होकर उसके केले जैसी मुलायम जांघो को टच करना चाह रहा था.
हालाँकि इससे पहले कई बार लकड़ियों को प्रॉब्लम बताते हुए मैंने उनकी चूची देखी थी कई बार तो कुछ नॉटी लकड़ी अपनी चूची मेरे शोल्डर से टच कर देती थी लेकिन कभी मेरे लंड में ऐसी हरकत नहीं हुई. पर आज नूरी को छूते ही न जाने मुझे क्या हो गया. मैं अपने पर कण्ट्रोल करना चाहा अम्मी आ गयी और उसने कहा की नूरी अब यहीं रहेगी. तब मैं बहुत खुश हुआ.
कुछ दिन ऐसे ही बीत गए. और मैंने यह नोटिस किया की यह अब पहले वाली नूरी नहीं रह गयी. वह अक्सर मुझे छुप छुप कर देखा करती थी. खासकर जब मैं इवनिंग को एक्सरसाइज करता था. एक्सरसाइज के वक़्त मैं सिर्फ अंडरवियर ही पहनता था. और नूरी मेरे नंगे बदन को गौर से देखा करती थी.
उसकी नज़र मेरे बड़े हेयरी चेस्ट और अंडरवियर पर होती थी. ऐसा लगता था की वह मेरे लंड को देखना चाह रही है. जब मैं नूरी को इस तरह की हरकत करते देखता तो मेरे तन बदन में आग लग जाती. मेरा लंड अंडरवियर के बाहर निकलने के लिए छटपटाने लगता. मन करता उसके सामने अंडरवियर खोल के फ़ेंक दूँ और उसे लंड दिखा कर उसे तड़पाता रहूं.
फिर मुझे ख्याल आता आखिर वह कजिन है और मुझे उसके बारे में ऐसा नहीं सोचना चाहिए. और फिर से एक्सरसाइज करने लगता. एकदिन की बात है अब्बू ऑफिस गए थे और अम्मी बाजार. मैं मुहं धोकर नहाने चला गया. नहाते वक़्त मैं पूरा नंगा हो जाता हूँ. मैं आपको अपने बारे में एक बात और बता दूँ कुछ महीनो पहले मैं नाईट फॉल से परेशान था.
नाईट फॉल से मुझे नफरत थी. अक्सर देर रात अंडरवियर गिला हो जाता था और नींद में उठ कर चेंज करना पड़ता या रात भर वैसे ही सोना पड़ता. मेरे दोस्तों ने कहा की और नाईट फॉल से बचना चाहते हो तो डेली मूठ मारो. उस दिन से मैं डेली बाथरूम में नहाते वक़्त नंगा हो जाता. आईने में अपने को देखता और मूठ मारता था.
तो उस दिन अपने लंड को सहलाते हुए मुझे ऐसा लगा की कोई मुझे बाहर से देख रहा है. मैं थोड़ा रुक गया और सोचा अब्बू ऑफिस गए है अम्मी बाजार फिर मुझे कौन देख रहा है, जरूर यह नूरी होगी. यह बात सोचते ही मेरा लंड खड़ा हो फुफकारने लगा. लेकिन मैं फिर भी कन्फर्म कर लेना चाहता था.
मैं बिना कोई हरकत किये धीरे धीरे दरवाज़े की तरफ मुड़ गया. हमारे दरवाज़े और दीवार के बीच थोड़ा गैप है जिससे बाहर का आदमी अंदर देख सकता है पर अन्दर से देखा नहीं जा सकता. लेकिन इतना जरूर मुझे दिखा की कोई रेड कलर का कपडा पहने है मैं समझ गया यह नूरी ही है.
मेरा लंड दुगुने उत्साह में फुफकारने लगा. और मैं इस तरह घूम गया नूरी मेरा पूरा लंड देख सके. हालाँकि मेरे मन में यह कत्तई ख्याल नहीं आया की मैं नूरी को चोदु. लकिन मैं उसे बहुत प्यार करता था. इसलिए मैंने उसकी इच्छा पूरी कर देनी चाही. मैं दरवाज़े की मुड़ के अपने लंड को आगे पीछे करने लगा.
पहले धीरे से फिर तेज़ी से अपने लंड को आगे पीछे करने लगा. उस दिन मेरा लंड पूरा ७ इंच लम्बा किसी नाग के फैन की तरह दिख रहा था. मैं दनादन लंड को आगे पीछे करने लगा और अंत में मेरे लंड से पानी बाहर आ गया और मैं रुक गया. तभी मुझे नूरी के जाते हुए क़दमों की आवाज़ सुनाई पड़ी.
और मैं नहाने लगा और मौका देख कर मैं दरवाज़े मैं एक छेद कर दिया ताकि अंदर से बाहर देखा जा सके. नूरी को जब भी मौका मिलता वह मुझे नहाते समय जरूर देखा करती. मैं भी जब अम्मी घर में नहीं होती तभी नहाने जाता ताकि नूरी मेरे 7” लम्बे लंड को आराम से देख सके.
जब मैं लंड को आगे पीछे करता नूरी अपनी चूची दबाने लगती और उसके आँखों में नशा छा जाता. और मैं यह देख कर मुठ मारा करता. यह सब करीब 2 महीने चला उसके बाद मुझे परवरदिगार की कृपा से मुझे चूत चोदने का मौका मिला वह भी अपनी प्यारी बहन नूरी की.
हुआ यु की अब्बू के एक क्लोज फ्रेंड के लड़के की शादी थी और वह बैंगलोर में रहते थे. चूंकि फ्रेंडशिप क्लोज थी इसलिए उन्हें और अम्मी को 15 दिन पहले जाना पड़ा. मैंने कहा नेक्स्ट मंथ एग्जाम है इसलिए मैं नहीं जाऊंगा. नूरी को उनलोगो ने यह कह दिया कि तुम रहोगी तो प्रेम को खाने में तकलीफ नहीं होगी.
अब सिर्फ मैं और नूरी घर में रह गए 15 दिनों के लिए. 2 दिन तो नार्मल वे में क्रॉस कर गया. तीसरे दिन जब मैं कॉलेज से आया तो नूरी को देखते ही पूछा क्या हुआ नूरी. नूरी बोली प्रेम पेट बहुत दर्द कर रहा है. टेबलेट ली लेकिन ठीक नहीं हुआ. फिर मैंने एक हाथ से नूरी के कमर को पकड़ा और दूसरे हाथ से उसके हाथ को पकड़ के बिस्तर पर ले गया.
मैं आपको नूरी के बैडरूम के बारे में बता दूँ. नूरी के बेड के सामने दरवाज़ा था और दूसरी और ड्रेसिंग टेबल. कोई भी दरवाज़े पर खड़ा होकर पुरे रूम को ड्रेसिंग टेबल पर लगे मिरर में देख सकता था. प्रेम अगर तुम बुरा न एक बात बोलू. मैं कहा बोलो नूरी. उसने कहा अगर अम्मी होती तो तुमसे कभी नहीं कहती.
मैं जोर देकर कहा बोलो क्या बात है. नूरी बोली ऐसा दर्द मुझे पहले भी हुआ था और अम्मी ने मेरे पेट की मालिश की तो ठीक हो गया था. क्या आज तुम मालिश कर दोगे. मेरी समझ में नहीं आया क्या कहूं लेकिन नूरी की दशा देख कर मैंने हाँ कर दी. मैं एक कप में मालिश वाला आयल ले आया और बोला की बोलो कैसे मालिश करुं.
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उस समय वह सलवार-कमीज़ पहने थी. मेरे आते ही कमीज़ खोल कर वह बेड पर लेट गयी और आंख बंद कर ली और बोली अब मालिश करो. मैं मालिश करते करते हुए उसके नंगी जिस्म को देखने लगा जो कमर के ऊपर सिर्फ ब्लैक ब्रा पहने थी और वह ब्रा उसकी बड़ी चूचियों को पूरी तरह ढंकने में नाकामयाब थी और उसकी आधी चूची ब्रा से बाहर निकली थी.
उसका पूरा बदन दूध जैसा गोरा था और उस पर ब्लैक कलर की ब्रा. मेरे लंड में हलचल होना निश्चित था. उसकी बड़ी बड़ी चूचियों के बीच दरार दिख रहा था वह और भी सुन्दर था. तभी नूरी बोली प्रेम अच्छे भैया मालिश करो न. मैंने न चाहते हुए भी नज़र हटा ली और थोड़ा तेल हाथ में लगा कर उसके पेट को मालिश करने लगा.
उफ़ उसका पेट था या संगमरमर. इतना सॉफ्ट मैंने कभी सोचा भी नहीं था. जैसे जैसे मैं उसे मालिश करता मेरा लंड आउट ऑफ़ कण्ट्रोल होता जा रहा था. इतने सामने से आज तक कभी किसी की ब्रा और चूची नहीं देखी थी और न ही किसी लकड़ी के पेट को छुआ था. पेट सहलाने से नूरी थोड़ा अच्छा महसूस करने लगी.
तभी मैंने थोड़ा तेल उसके नाभि में गिराया और धीरे धीरे उसके नाभि के निचे मालिश करने लगा. उसके सलवार के निचे ब्लैक कलर की पेंटी थी. मैंने सोचा नूरी शायद मैचिंग पसंद करती है. नूरी बोली मेरे राजा भैया बहुत अच्छा लग रहा है, नाभि के निचे थोड़ा और मालिश करो.
और उसने हाथ बढ़ा कर सलवार की रस्सी खोल दी. मैं यह सब देख के पागल हुआ जा रहा था. सोचा क्या नूरी मेरे सामने अपनी सलवार भी खोल देगी. मैं भी सोच रखा था की आज मैं अपनी प्यारी बहन को सिर्फ ब्रा और पेंटी में देखूंगा. लेकिन नूरी ने ऐसा नहीं किया उसने सलवार और पेंटी दोनो को पकड़ के थोड़ा निचे खिसका कर छोड़ दी.
ऐसा करते समय मैं एक पल के लिए नूरी के चूत के बाल को भी देख लिया जो हलके ब्राउन कलर की थी. यह सब देखते हुए मुझे महसूस हुआ की मेरा लंड मेरा पैंट फाड् के बाहर आ जायेगा. मैंने एक हाथ से अपने लंड को दोनों जांघो में दबाने लगा पर कोशिश नाकामयाब हुई. तभी नूरी फिर बोली प्लीज मालिश करो न.
मैं नाभि के निचे मालिश करने लगा. धीरे धीरे नूरी के मुहं से सिसकारी निकलने लगी. उसके ब्रा और चूची को देखते हुए मैं मालिश करने लगा. धीरे से मैं अपना एक हाथ उसके चूत के बाल के पास ले गया और उसे टच करने लगा. ऐसा करते ही मेरा लंड फुफकारने लगा.
नूरी भी अजीब आवाज़ निकलने लगी. मैं पूछा क्या हुआ नूरी? बोली प्रेम तुम बहुत अच्छा मालिश करते हो. मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. लेकिन मेरा बर्दाश्त करना अब मेरे बस में नहीं था. मेरा लंड पैंट फाड् देने को बेताब था. लग रहा था मेरा लंड अब पानी छोड़ देगा. और ऐसा हो भी क्यों न.
अगर नूरी जैसी सुंदरता की परी को ब्रा और पेंटी में देख ले और उसका पेट मालिश करना पड़े तो किसी के भी लंड से पानी निकल जायेगा. मेरा भी बुरा हाल था और नूरी का भी. अगर मेरा हाथ 1इंच और निचे जाता तो मैं उसकी चूत को छू लेता. लेकिन मैं नूरी के साथ गन्दा रिलेशन नहीं बनाना चाहता था.
मैं उसे एक बड़ी बहन की तरह प्यार करता था. इसलिए मैं तुरंत उठ गया और टॉयलेट गया और मूठ मारने लगा. 10-20 बार आगे-पीछे करने के बाद ही मेरे लंड ने ढेर सारी पिचकारी छोड़ दी जो आगे दीवार तक जा कर गिरी. हाथ धो कर मैं किचन गया पानी पिया थोड़ी देर वहीँ खड़ा रहा. फिर सोचा चलो देख आये नूरी कैसी है?
यह सोचकर मैं बैडरूम के तरफ बढ़ने लगा. लेकिन दरवाज़े तक आते ही मेरे पैर रुक गए. मैने देखा नूरी सिर्फ ब्लैक ब्रा में थी. उसने अपनी सलवार और पेंटी दोनो निकाल कर बेड पर फ़ेंक दी थी. और मिरर के सामने ड्रेसिंग टेबल पर दोनों पैर रख कर बेड पर बैठी थी. उसका एक हाथ उसके चूची पर था और दूसरा हाथ दोनों जांघो के बीच में.
यह देखते ही मुझे समझ में नहीं आया क्या करूँ और दीवार के पीछे छुप कर देखने लगा की मेरे प्यारी बहन क्या कर रही है. बिना दरवाज़े तरफ देखे वह बाये हाथ से अपनी चूची को जोर जोर से मसल रही थी और उसके दुसरे हाथ की बीच वाली ऊँगली उसके चूत के बाहर भीतर हो रही थी.
धकाधक वह चूत में ऊँगली पेल रही थी. लेकिन मैं उसके चूत को नहीं देख पपा रहा है. सिर्फ चूत के ब्राउन बाल दिख रहे थे. मेरे लंड में फिर सनसनाहट होने लगी. और मैं भी एक हाथ से अपने लंड को मसलने लगा. तभी वह अपने हाथों से अपने बाल को पीछे बांधने लगी और तभी मैं बालों के पीछे छुपे उसके नन्ही चूत को देख पाया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
दूर से उसका चूत गुलाब की पंखुड़ी की तरह दिख रही थी. मैं अपनी ज़िन्दगी में पहली बार चूत के दर्शन कर रहा था. यह वही चूत थी जिसे देखने को लड़के पागल रहते है. और मैं फ्री दर्शन कर रहा था. वह भी अपनी प्यारी बहन का जो की अप्सरा से कम नहीं थी. मैं अपने भाग्य पर खुश था. और साथ ही अपने लंड को मसल रहा था.
मेरे मन में आया की मैं नूरी के पास जाउ और कहूं की प्यारी नूरी तुम्हे अपनी ऊँगली को तकलीफ देने की जरुरत नहीं है मैं अपनी ऊँगली से तुम्हारी चूत चोदुंगा लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया. अब नूरी भी एक हाथ से अपने जांघो को अलग कर दूसरी अंगुली से चूत को देखते हुए धकाधक पेले जा रही थी.
उस समय इतने मज़े में थी की उसने यह भी नहीं सोचा की उसका भाई उसकी नंगे बदन और उसके चूत को देख रहा है. बाल बांधने के बाद मैं नूरी की गांड की दरारों को भी बखूबी देख सकता था. जिसे देख कर मेरा लंड फनफनाने लगा. और मैं भी लंड को पैंट से बाहर निकाल लिया और आगे पीछे करने लगा.
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दरवाज़े के उस पार एक बहन अपनी ऊँगली से अपनी चूतचोद रही थी और दरवाज़े के इस पर उसका भाई अपनी बहन की चूत और गांड देख कर अपने लंड को हिला रहा था. तभी मैंने देखा की नूरी अपने ऊँगली को जोर जोर से अंदर बाहर करने लगी शायद उसके बूर से पानी निकलने वाला था यह देख कर मैं भी अपने लंड को जोर से मूठियाने लगा.
करीब 5 मिनट बाद नूरी अपनी ऊँगली हिलना बंद कर दी वह झड़ चूची थी इधर मेरे लंड से भी पानी निकलने लगा. मैं जल्दी से दूसरे रूम में जाकर टीवी देखने लगा ताकि जब नूरी बाहर निकले तो मुझे न देख ले. मैं मन ही मन कहा आई लव यू माय डिअर सिस्टर नूरी, जो तुमने अपनी चूत देखने का मौका दिया.
शाम के 4 बज रहे थे नूरी चाय बना कर ले आई और मैं बिना उसकी आँखों में देखे चाय पिने लगा पर नूरी मुझे बड़े गौर से देख रही थी. वह इस समय शर्ट और मिनी स्कर्ट में थी उसकी जांघे काफी सेक्सी लग रही थी. वह मेरे बगल में आकर बैठ गयी और प्यार से मेरे बालों को सहलाने लगी और मुझे मालिश के लिए थैंक यू बोली.
बालों में ऊँगली करने से उसकी चूची मेरे कंधे से साथ लग रही थी जो फिर से मेरे लंड को खड़े होने का दावत दे रही थी. आलरेडी मैं २ बार मुठ मार चुका था इसलिए मैं उठ गया और कहा की मैं मार्किट जा रहा हूँ, कुछ मंगवाना है तो बोल दो. और मैं घर से निकल गया.
एक कप चाय पिने के बाद मैं सामने के पार्क में बैठने चला गया. एक्चुअली मेरा सर बहुत भारी लग रहा था. बार बार नूरी का चेहरा मेरे सामने आ रहा था और मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया की आखिर वह मुझसे चाहती क्या है? अपने कजिन के लंड को चोरी छुपे देखना उसे अपना ब्रा और पेंटी दिखाकर पेट मालिश करवाना.
क्या रियली उसके पेट में दर्द था. या अपना चूची दिखा कर मुझे आकर्षित करना चाहती थी. और तो और मेरे घर में रहते हुए दरवाज़ा खुला छोड़ कर अपने चूत में ऊँगली डालते हुए दिखाना क्या शो करता है? तभी मैंने सोचा नूरी मुझसे यानि अपने भाई से चुदवाना चाहती है. यह सोचते ही मेरे लंड में तनाव आने लगा.
हालाँकि मैं जानता हूँ हमारे धर्म में कजिन को चोदना या उससे शादी करना कोई गलत बात नहीं है. फिर भी मैं इसमें विस्वास नहीं करता था. मैंने डिसाइड कर लिया की अगर नूरी मुझसे चुदवाना चाहती है तो मैं मना नहीं कर सकता क्योंकि मैं उसे बहुत चाहता हूँ और मैं अपना लंड उसके नाम कर दूंगा.
वह रात एज युज्युअल रहा. दूसरे दिन मैं सारा दिन घर में ही रहा. नास्ते के बाद मैं टीवी देखने लगा. करीब आधे घंटे बाद नूरी टीवी के पास झुक कर कुछ खोजने लगी. मेरा ध्यान नूरी के तरफ गया. नूरी मिनी स्कर्ट पहने थी. ड्रेस इतनी छोटी भी हो सकती है मैंने इमेजिन नहीं की थी. उसकी गोरी गोरी जांघे मुझे उत्तेजित कर रही थी.
मेरे लंड में अकड़न आ रही थी. उसकी ब्लैक पेंटी मुझे दिख जाती. केले के खम्भे की तरह चिकनी उसकी जांघे थी और उसकीपेंटी मुझे एक्साईटेड करने लगी. उसकी पेंटी इतनी छोटी थी की मैं नूरी का आधा चूतड़ देख सकता था. 10 मिनट तक वह इसी तरह खड़ी रह कर कुछ खोजती रही.
मैं थोड़ी देर और देखता तो मेरे लंड से पानी गिरने लगता. मैं उठ के जल्दी से बाथरूम और जल्दबाजी में बिना डोर बंद किये मुठ मारने लगा. करीब 5 मिनट बाद मेरे लंड से ढेर सारा पानी निकला. मैं वापस अपने मुरझाये लंड को पेंट में डालकर वापस पलटा तो नूरी को देख कर मेरे होश उड़ गए.
वह मुस्कुरा के मुझसे पूछ रही थी क्या हुआ प्रेम भैया. मैं बिना जवाब दिए वापस आ गया. नूरी मुस्कुराती रही. वापस आकर मैं फिर टीवी देखने लगा. लेकिन मेरा दिमाग नूरी की हरकतों पर अटका था. इतना मैं समझ गया था की उसे मेरा मस्ताना लंड चाहिए. पर वह मुझसे बोल क्यों नहीं रही है? शायद वह डरती हो कहीं मैं ना ना कर दूँ.
चोदना तो अब मैं भी चाहता था पर कहूं कैसे. अगर नूरी को मालूम हो जाता की मैं भी उसे चोदना चाहता हूँ तो शायद रास्ता आसान हो जाये. इसलिए मैने एक तरकीब सोची. मैंने नूरी को आवाज़ दी नूरी मेरा टॉवल दो मुझे नहाना है. फिर मैं टॉवल लेकर नहाने चला गया.
मैंने पुरे कपडे उतार दिए. मैं जानता था नूरी जरूर मेरे लंड को देखने आएगी और वैसा ही हुआ वह दरवाज़े के पास आ चूकी थी. मेरा लंड इस समय मुरझाया हुआ था. धीरे धीरे लंड को सहलाने लगा और मेरा लंड एक बार फिर फुफकारने लगा. मैं दरवाज़े की तरफ घूम गया ताकि नूरी ठीक से मेरे लंड को देख सके. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब मेरा लंड पूरी तरह अकड़ गया था. लंड का सूपाड़ा (फ्रंट पार्ट) तन के लाल हो गया था. तेल की बोतल ले कर मैंने थोड़ा आयल लंड पे लगाया. और फिर लंड को आगे पीछे करने लगा और आहिस्ते से बोलने लगा “ओह नूरी मेरी जान आई लव यु डार्लिंग. हां नूरी मैं तुम्हे चोदना चाहता हूँ नूरी. आई वांट तो फ़क यू नूरी. आई वांट तो फ़क योर पुसी.”
मेरे मुहं से नूरी अपना नाम सुन कर आश्चर्य करने लगी. और फिर मुस्कुराने लगी. मुझे रेडी करने का उसका सपना पूरा हो गया था. नूरी को और एक्साईटेड करने के लिए मैं फिर कहने लगा “ओह नूरी तुम बहुत सुन्दर हो. तुम्हारी चूची मुझे पसंद है. मैं तुम्हारी चूचियों को दबाना चाहता हुईं. तुम्हे नंगा देखना चाहता हुईं. और तुम्हे चोदना चाहता हूँ नूरी.” और मैं मुठ मारता रहा.
मेरे लंड का सूपाड़ा पूरी तरह लाल हो गया. अपने हाथ से लंड को जोर जोर से आगे पीछे करते हुए नूरी का नाम लेने लगा. कुछ देर बाद मेरा लंड शांत हुआ और मैं नहा का वापस आ गया. नूरी मुझे अजीब नज़रों से घूर रही थी. और मैं नहीं जानता था की आज की रात मेरे लंड और नूरी की चूत में दोस्ती हो जाएगी.
हुआ यूं की नाईट में अपने बेड पर जा कर टीवी देखते हुए सोने की तैयारी करने लगा. तभी नूरी मेरे रूम में आयी और बोली की मुझे उस रूम में अकेले डर लगता है मैं भी तुम्हारे साथ सोऊंगी. मैं थोड़ी देर तो टाल मटोल करता रहा फिर मान गया. उस वक़्त नूरी पिंक कलर की नाईटी पहने थी जो सिर्फ उसके थाई के काफी ऊपर था.
और उससे मिलते हुए कलर का ब्रा और पेंटी को भी मैं देख सकता था. नाईटी इतनी छोटी थी की अगर वह बैठ जाये तो उसकी पेंटी दिख जाए. मैंने वैसी पेंटी सिर्फ फिल्मो में देखा था. खैर वह मेरे बगल में आकर सो गयी. मैं उस वक़्त सिर्फ और सिर्फ अपने शॉर्ट्स में था. नूरी सोने लगी और मैं एक जासूसी सीरियल देखने लगा.
थोड़ी देर बाद मैं देखा नूरी सो गयी है और उसका राइट पैर मेरे शॉर्ट्स के ऊपर ठीक मेरे लंड पर था. उसकी संगरमरमर जैसी खूबसूरत जांघे टीवी के हलकी लाइट में बहुत सुन्दर और सेक्सी दिख रही थी. मेरा मन उसकी सेक्सी टांगो को छूने को हुआ और मैंने देखने लगा की नूरी सोई है या नहीं.
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उसके चेहरे को देखते ही मेरे बदन में सनसनी होने लगी. ओह माय गॉड! नूरी के नाईटी के ऊपर के 2 बटन खुले थे. और मैं उसकी ब्रा क्लियर देख सकता था. उसकी ब्रा बहुत छोटी थी जो उसकी चूचियों को ढकने के लिए कम थी. उसकी आधी चूची दोनों ब्रा से बाहर निकले हुए थी. दोनों चूचियों के बिच की दरार मुझे एक्साईटेड कर रही थी.
मैंने टीवी बंद कर दिया और हाथ बढ़ा कर नूरी के जांघ पर रख दी और धीरे धीरे सहलाने लगा. हाय क्या सॉफ्ट थी उसकी थाई. कुछ देर तक मैं उसके जांघों को सहलाता रहा. नूरी डीप नींद में थी. मैं हिम्मत कर एक हाथ उसके चूची पर रख दी और देखने लगा की नूरी सोई है या नहीं. पर कोई हलचल नहीं थी. मैं ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियों को सहलाने लगा.
एक एक कर दोनों चूचियों को सहलाने लगा. मेरी ज़िन्दगी में यह पहली बार था जब मैं किसी लड़की की चूचियों को छू रहा था. मुझे बहुत आनंद मिल रहा था. 10 मिनट तक मैं उसकी चूचियों के साथ खेलता रहा. नूरी को गहरी नींद में देख मुझे लगा मैं गलत कर रहा हुईं. यह सोच कर मैं उसकी चूचियों को छोड़ सोने लगा.
नूरी का पैर अभी भी मेरे लंड के ऊपर था और चूचियों को दबाने से मेरा लंड खड़ा हो गया था. तभी नूरी बोली “प्रेम दबाओ न अच्छा लग रहा है”. आई वाज शॉकड शी इज नॉट स्लीपिंग. मैं उठा और उठकर बैठ गया. नूरी मेरा एक हाथ पकड़ के अपने चूची पर ले गयी और बोली मेरे प्यारे भैया प्ल्ज़ इसे दबाओ न.
इसे खुला ऑफर समझ के मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा. अब मैं दोनों हाथों से नूरी की दोनों चूचियों को दबा रहा था. नूरी आंख बंद कर मज़ा ले रही थी. अचानक मैंने जोर से चूची दबा दी तो नूरी के मुझ से उह निकल गया. आँख खोल के उसने बड़ी प्यार से कहा प्रेम ब्रा तो खोल दो दर्द हो रहा है. इतना कह कर अपनी नाईटी निकाल दी.
अब वह सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी और ज़बरदस्त सेक्सी लग रही थी. मैंने नूरी के बदन को गौर से देखने लगा फिर हाथ बढ़ा कर उसके ब्रा को खोलने लगा. नूरी मेरा साथ दे रही थी और फाइनली नूरी की दो खूबसूरत चूची मेरा आँखों के सामने थी. मैं उसे गौर से देखने लगा. नूरी बोली प्रेम उस दिन की तरह मेरे बदन को तेल से मालिश करो न.
मैं उठ कर आयल लेन चला गया और वापस आया तो देखा की नूरी बेड पर आँख बंद कर लेती थी. उसकी चूचियां सूंदर दिख रही थी. मैं तुरंत बेड पर चढ़ गया और नूरी की दोनों चूचियों पर तेल गिराने लगा. अब मैं दोनों चूचियों को फिर से दबाने लगा. बीच मैं चूचियों के किसमिस (निप्पल) को दो उँगलियों से मसल देता और नूरी ऊफ करने लगती.
10 मिनट तक मैं नूरी की प्यारी चूचियों को मसलता रहा. नूरी मस्त हो चूची थी उसके मुहं से अजीब तरह की आवाज़ निकल रही थी. चूचियां लकड़ी की तरह हार्ड हो गयी थी. अब मैं नूरी की पेट मालिश करने लगा. सॉफ्ट और सेक्सी पेट को मालिश करने में बहुत मज़ा आ रहा था.
मेरा लंड शॉर्ट्स के अंदर हलचल मशीन लगा था. नूरी की सेक्सी बदन को मालिश कर मैं भी मस्त हो चुका था. मैं नूरी से पूछा “नूरी क्या जांघों पर भी तेल लगा दूँ”. आंख बंद किये हुए नूरी बोली “हाँ प्रेम लगा दो”. मैं बोला “पर उसके लिए तो पेंटी निकालनी पड़ेगी”. “तो निकाल दो न प्रेम अब तुमसे कैसा शरमाना. तुमने तो मुझे आधा नंगा देख ही लिया है…” नूरी बोली.
और मैं जोश मैं आकर नूरी की पेंटी निकाल कर बेड पर रख दी. या अल्लाह आज मैं पागल हो जाउंगा. नूरी मेरे सामने पूरी तरह नेकेड थी. उसका गोरा बदन नाईट बल्ब में भी चमक रहा था. उसके लाल गाल गुलाबी होंठ २ बड़ी चूचियां सेक्सी पेट मस्त चूत और संगमरमर की तरह चिकना बदन देख के तो कोई भी पागल हो जाता.
इस हालत में नूरी को देख 60 साल के बूढ़ा का लंड भी खड़ा हो जाये, फिर मैं तो वर्जिन था. नूरी की चूत मुझे पागल बनाये जा रही थी. चूत क्या थी संतरे की 2 फांक थी. उसके चूत पर एक भी बाल नहीं थे. हाँ चूत के ऊपर कुछ भूरे बाल थे जो चूत की सुंदरता बढ़ा रही थी. आज पहली बार किसी लड़की की चूची और चूत को देख रहा था वह भी इतने सामने से वह भी मैं अपनी आपा(एल्डर सिस्टर) की जो किसी परी से काम नहीं थी.
कुछ देर तो मैं नूरी की चूत को देखता ही रह गया. मुझे विस्वास ही नहीं हो रहा था की मेरे सामने मेरी आपा अपने भाई के सामने नेकेड लेती हुई है. तभी नूरी बोली “भाईजान तुम देखते ही रहोगे या मालिश भी करोगे.” हाथ में तेल लेकर थाई की बदले मैं उसकी चूत मालिश करने लगा.
ओह माय गॉड नूरी की चूत इतनी सॉफ्ट होगी मैंने कभी सोचा भी नहीं था. पहले तो धीरे से फिर जोरों से उसकी चूत मालिश करने लगा. नूरी के मुहं से अजीब तरह की सिसकारी निकल रही थी जो मुझे एक्साईटेड कर रही थी. ओह्ह्ह्ह.. अअअअअ… अअअअअ…… हाय प्रेम हाय भाईजान बहुत मज़ा आ रहा है… और ज़ोर से मालिश करो.. आआ…… माआआआ…. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैंने उसके दोनों पैर काफी फैला दिए और मैं उसके पैरों के बिच बैठ गया और एक हाथ से चूची को और दूसरी हाथ से चूत को मसल रहा था. मुझे जन्नत का मज़ा आ रहा था. आज मुझे मालूम हुआ की मेरे दोस्त लड़कियो को देख कर आहेँ क्यों भरते थे. तभी मुझे याद आया नूरी उस दिन अपनी ऊँगली से अपनी चूत चोद रही थी. यह सोच कर मैं चूची मसलते हुए एक ऊँगली उसके चूत में घुसेड़ दी. नूरी तड़प के रह गयी.
मैंने पूछा “नूरी कैसा लग रहा है.”
नूरी बोली “बहुत मज़ा आ रहा है इसी तरह मेरी चूत में अपनी ऊँगली पेलते रहो.”
मैं बोला “नूरी तुम्हारी चूत तो बहुत सुन्दर है और तुम्हारी चूची भी”.
नूरी बोली “सब तुम्हारे है भाईजान”.
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मैं जोर जोर से ऊँगली हिलाने लगा. नूरी बेचैन हो चूकी थी. वह काफी सेक्सी नज़र से मुझे देख रही थी. उसकी चूची और गाल लाल हो चुके थे. नूरी जोरों से सिसकारने लगी आआआ भाईजान बहुत मज़ा आ रहा है और ज़ोर से चोदो… और ज़ोर से हाय श्रीलता देख मेरा भाई मुझे कैसे चोद रहा है. आई लव यू प्रेम आई लव यू डिअर.
अब मैं 2 ऊँगली घुसा कर उसे चोद रहा था. अचानक नूरी अपने दोनों पैर दबा ली. मेरा हाथ उसके दोनों जांघो के बिच दब गया. और नूरी ज़ोर से बोली “प्रेम भाईजान ज़ोर से चोदो अब मैं झड़ने वाली हु”. मुझे कुछ समझ में नहीं आया फिर भी मैं उसे ज़ोरों से चोदने लगा. उँगलियों को अंदर बाहर करने लगा.
तभी नूरी के चूत से ढेर सारा पानी निकल कर बेड पर गिरने लगा और मैं पेंटी उठा कर उसकी चूत पोछने लगा. नूरी सुस्त हो गयी थी. और मैं उसके बगल में लेट गया. मेरा लंड पुरे जोश में था. मैं शार्ट के अंदर हाथ घुसा कर अपने लंड को सहलाने लगा. थोड़ी देर बाद नूरी उठ कर मुझे चूमने लगी.
और कहने लगी “थैंक यू प्रेम तुमने मुझे इतना मज़ा दिया. पर मेरे रहते अब तुम्हे अपने हाथों को कष्ट देने की जरुरत नहीं है. आज से मैं तुम्हारे लंड को सहलाऊंगी.” यह कह कर नूरी शॉर्ट्स के ऊपर से मेरे लंड को पकड़ ली. “हाय प्रेम तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा है. आई लाइक इट. लेकिन प्रेम तुमने मुझे नेकेड देख लिया और तुम अभी तक शॉर्ट्स पहने हुए हो. चलो इसे उतारो.”
नूरी को ज़रा भी शर्म महसूस नहीं हो रही थी. मैने कहा “तुम ही निकाल दो”. तुरंत ही उसने मेरी शॉर्ट्स निकल दी. और मेरे 7इंच लम्बे लंड को देखने लगी. मैं पूछा “क्या हुआ नूरी. तुम्हे पसंद नहीं आया.” “नहीं प्रेम मैं तो यह देख रही हुईं की जिस लंड को मैं चोरी चोरी देखती थी आज वही लंड मेरी आँखों के सामने है.”
नूरी आयल की बोतल उठा का मेरे लंड पर गिराने लगी. फिर अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ ली. “उह प्रेम तुम्हारा लंड तो बहुत गरम है. इसे सहलाने में बहुत अच्छा लग रहा है.” “मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा है नूरी. और तेज़ी से आगे पीछे करो.” और नूरी मेरे लंड से खेलने लगी. नूरी के सॉफ्ट हाथों में आकर मेरा लंड सांप की तरह फुफकारने लगा.
आज मेरी ज़िन्दगी मैं बहुत सी घटना पहली बार हो रही थी आज मैं एक लड़की की चूची देखी उसकी चूत देखी चूत को ऊँगली से चोदा और पहली बार कोई लड़की मेरे लंड को सहला रही थी. और मैं यह भी बता दूं की कुछ देर बाद मैंने उसी चूत को अपने लंड से चोदा भी. और वह लड़की कोई और नहीं मेरी कजिन है मेरी आपा है जिसे मैं बहुत चाहता हूँ. और जो अपने भाई के लंड पर फ़िदा है.
मैं पैर फैला के लेट गया और नूरी बिच में बैठ गयी. फिर मैं अपने दोनों पैर से नूरी के कमर को बांध लिया. ऐसा करने से मेरा लंड उसके पेट से टकराने लगा. मैं इस कदर उसे जकड़ा था की उसकी चूत मेरा आँडू से सटी हुई थी. मैं जन्नत का मज़ा महसूस कर रहा था. नूरी लंड पकड़ के अपने नाभि को सहलाने लगी. फिर मेरे लंड पर तेल मालिश करने लगी.
तभी मैंने नूरी से पूछा “यह श्रीलता कौन है? जब मैं तुम्हारी चूत चोद रहा था तब तुम उसका नाम ले रही थी.” “सब बताउंगी प्रेम पहले मुझे मेरे प्यारे लंड को सहलाने दो. कितने दिन से मैं इसे अपने हाथों में पकड़ने के लिए बेचैन थी.” अब वह अपने दोनों हाथों को मेरे लंड के ऊपर निचे करने लगी.
ऐसा करने से नूरी की दोनों चूचियां हिल रही थी जिसे देख कर मुझे नशा छा रहा था. मेरा लंड पूरा लाल और गरम हो चूका था. मेरे मुहं से सिसकारी निकले लगी. आआह नूरी बहुत मज़ा आ रहा है और ज़ोर से नूरी और ज़ोर से. नूरी ऐसा लग रहा है जैसे मेरे लंड से आग निकलने वाला है.
यह सुन कर नूरी ज़ोर से मेरे लंड को ऊपर निचे करने लगी. और करीब पांच मिनट बाद मेरे लंड से आग निकलने लगा जिसे नूरी प्यार से देख रही थी और बाद में अपनी ब्रा उठा कर उसे पोछने लगी. फिर हम दोनों नेकेड ही बिस्तर पर लेट गए. मुझे विस्वास नहीं हो रहा था की नूरी मेरे बगल में नंगी लेती है.
कुछ देर हम दोनों युहीं लेते रहे. और उसके बाद मैंने नूरी से पूछा नूरी यह श्रीलता कौन है? बताओ न. नूरी बताने लगी— श्रीलता मेरी बेस्ट फ्रेंड है जो मेरे घर के बगल में रहती और मेरी ही उम्र की है. वह भी देखने में काफी सुन्दर है. लड़के उसे देख कर लार टपकाते रहते है. जब वह चलती है तो उसकी गांड ऊपर निचे होते रहती है जिसे लड़के घूर घूर के देखते रहते है.
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मेरे यहाँ आने के करीब 5 मंथ पहले उसकी शादी हुई थी. शादी के 2 महीने बाद वह वापस घर आयी. शादी के बाद वह और भी खिल गयी थी. उसकी चूचियां बड़ी हो गयी. गालों में एक तरह की चमक आ गयी थी. हर वीक वह सैटरडे एंड संडे 2 रात मेरे रूम में मेरे साथ सोती थी. एक्चुअली उसके पेरेंट्स वीक में एक बार अपने गांव जाते थे और वह श्रीलता को घर में अकेले छोड़ने से डरते थे.
इसलिए वह 2 दिन हमारे घर में रहती थी. इसी तरह शादी के बाद भी वह फर्स्ट सैटरडे को मेरे रूम में सोने आयी. लेकिन वह अब पहले की तरह नहीं रह गयी थी. कभी मेरी चूची दबाती कभी मेरे गांड पर हाथ मारती और मेरे होंठो को चुम लेती. मना करने पर कहती की उसके हस्बैंड ने उसकी आदत बिगाड़ दी है.
पहले कुछ दिन तो मुझे अच्छा नहीं लगा. फिर मुझे भी यह सब अच्छा लगने लगा. अब वह देर रत तक मेरी चूचियों को दबाती और मेरी चूत में ऊँगली की आदत भी उसी ने डाली. अब हम लोग दोनों नेकेड हो कर सोते और एक दूसरे की चूचियां दबाती एक दूसरे के चूत में ऊँगली करते. वीक में इन 2 दिनों का हम बेसब्री से वेट करते.
श्रीलता कहती की जब कोई लड़का तुम्हे ऊँगली के बदले लंड से चोदेगा तो तुम्हे 100 टाइम्स ज्यादा मज़ा मिलेगा. यही है मेरे और श्रीलता की स्टोरी. उसने मुझे लड़की होने का फायदा बताया. चूत और लंड का रिस्ता बताया. मेरे अंदर के सेक्स को जगा को वह अपने ससुराल चली गई. फिर मैं यहाँ आ गयी.
एक दिन जब तुम सो रहे थे जो मैं तुम्हारे कमरे में आई. तुम सोये हुए थे और तुम्हारी लुंगी खुली और तुम्हारा लंड दिख रहा था. तुम्हारे लंड को देख के मेरे अंदर का सेक्स फिर से जग गया. कुछ देर तुम्हारे लंड को देखने के बाद मैं वापस चली गयी और सोचने लगी काश तुम अपने लंड से मेरी चुदाई करो. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और उस दिन से मैं तुम्हारे लंड की दीवानी हो गयी और जब भी मौका मिलता चोरी छुपे तुम्हारे लंड को देखा करती और सोचती काश तुम मुझे चोदते. इतना कह नूरी उठ मेरे कर कमर पर बैठ गयी. नूरी की स्टोरी सुन कर मेरा लंड पहले ही खड़ा हो गया था. जब उसकी सॉफ्ट गांड मेरे लंड पर पड़ी तो मेरा लंड फनफनाने लगा.
नूरी झुक कर मेरे होंठो और गलों को पागलों की तरह चूमने लगी और बोलने लगी “प्रेम तुम मुझे चोदेगे न बोलो न प्रेम. प्रेम मैं तुम्हारे लंड की दीवानी हूँ.” और नूरी मेरे लंड को पकड़ के मसलने लगी और बोली प्रेम तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा है. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
नूरी की चूची मेरे मुहं के सामने थी. मैंने दोनों हाथों से उसकी चूची मसलने लगा और बोला “नूरी मेरी आपा, तुम्हे मेरा लंड पसंद आया. आज से यह लंड तुम्हारा है. मैं तुम्हे चोदुंगा नूरी. और खूब चोदुंगा. मगर नूरी मैंने आज तक किसी को चोदा नहीं है मुझे नहीं मालूम की कैसे चोदा जाता है.”
यह सुन कर नूरी ने एक बार सेक्सी नज़र से मेरी तरफ देखी और बोली प्रेम मैं तुम्हे चोदना सिखाउंगी. और थोड़ा कमर के निचे खिसक गयी और मेरे बदन पर झुक गयी. अब मेरा लंड उसके चूत से छू रही थी. और उसकी चूची मेरे मुहं के सामने थी. “प्रेम मेरी चूची को अपने मुहं में ले कर चुसो.”
और मैं एक हाथ से चूची दबाता मुहं से दूसरी चूची चूसने लगा. और नूरी मेरे लंड को अपने चूत पर रगड़ने लगी. मुझे काफी मज़ा आ रहा है. मेरी अपनी बहन मुझे चुदाई का पाठ पढ़ा रही थी. करीब 10 मिनट तक मैं चूची और नूरी मेरे लंड से खेलती रही. फिर नूरी बिस्तर पर लेट कर हाफने लगी और बोली “प्रेम अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है प्लीज मुझेचोदो. अपने लंड को मेरे चूत में घुसाओ.”
मैं किसी आज्ञाकारी बालक की तरह उठ के नूरी के चूत के सामने आ गया. नूरी बोली जिस तरह से तुम मेरी बूर में ऊँगली घुसाई थी उसी तरह अपनी लंड घुसाओ. मैं अपने लंड को नूरी के चूत पर रगड़ने लगा और झुक कर उसके होंठो को चूमने लगा. फिर लंड को चूत के छेद पर रखकर जोर से धक्का दिया.
लेकिन लंड अंदर जाने के बजाय बाहर छिटक गया. नूरी बोली प्रेम तुम्हारा लंड बहुत मोटा है इसलिए यह अंदर नहीं जा रहा है. इस पर तेल लगा लो. पास ही रखी तेल की सीसी उठा कर अपने लंड पर तेल लगाने लगा. और एक बार फिर नूरी के चूत के छेद पर रख कर जोर से धक्का दिया.
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इस बार मेरे लंड का सूपाड़ा नूरी की चूत में था और नूरी के मुहं से उफ़ निकल गयी और बोली प्रेम इसी तरह पुरे लंड को चूत में घुसेड़ दो. आई लव यू प्रेम. मैं फिर से धक्का मारा अब मेरा आधा लंड नूरी की चूत में था. नूरी की चूत काफी गरम और टाइट थी. मेरा लंड उसकी चूत में जाकर फंस गया था.
नूरी ने चूची दबाने का इशारा किया. और मैं उसी तरह लंड को चूत में डाल दोनों हाथ से चूचियों को दबाने लगा. और नूरी के होठों को चूसने लगा. कभी उसके होंठ चुसता तो कभी उसकी चूची. अब उसकी चूची एकदम पत्थर की तरह हार्ड हो गयी थी. नूरी को भी पूरा मज़ा आने लगा.
वो अपनी कमर आगे पीछे करने लगी. इसी बिच मैं अपना लंड थोड़ा निकाल कर फिर एक जोरदार धक्का दे दिया. नूरी के मुहं से चीख निकल गयी. और एक दो धक्के के बाद मेरा लंड नूरी की अनचुदी चूत में चला गया था. और मैं अपने कमर को आगे पीछे करने लगा.
नूरी चीखने लगी उह प्रेम तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है मुझे दर्द हो रहा है प्ल्ज़ इसे निकालो. साले निकालो अपने लंड को मुझे नहीं चुदवाना. लेकिन मैं तो पूरी मस्ती में था. नूरी की बात को अनसुनी करते हुए उसके होठों को चूमते चूचियों को दबाते चोदते रहा.
थोड़ी देर बाद नूरी को भी मज़ा आने लगा उह प्रेम बहुत मज़ा आ रहा है इसी तरह चोदते रहो मेरे भाई. मेरे अच्छे प्रेम तुम्हारा लंड तो सचमुच जबरदस्त है ओओओओओओह आआआआआआ प्रेम आई लव यू प्रेम और ज़ोर से चोदो. उसने दोनों पैर उठाकर मेरे कमर को कस ली और सिसकी आआह्ह्ह्ह.
नूरी की बात सुन कर मुझे भी जोश आ रहा था और जोर से धक्के लगाने लगा. बार बार अपने लंड को बाहर निकालता और फिर उसकी चूत में पुरे जोर से पेल देता. नूरी के मुहं से चीख निकल जाती. वाह रे किस्मत आज तक मैं वर्जिन था और मेरी वर्जिनिटी टूटी भी तो मेरे सिस्टर के कारण. मुझे नहीं मालूम की मैं सही था या गलत.
लेकिन मुझे काफी मज़ा आ रहा है. और मैं चूचियों को मसलते हुए जोर से चोदने लगा. नूरी कहने लगी हाय मेरी जान कौन कहता की तुम चोदना नहीं आता तुम तो शानदार चुदाई करते हो. आआआआआ ऊऊऊऊओ जो भी लड़की एक बार तुमसे चुदा ले वह तुम्हारे लंड की दीवानी बन जाएगी. आए प्रेम और जोर से प्रेम.
और इसी तरह हम लोग मंज़िल की तरफ बढ़ने लगे. हम दोनों के मुहं से सिसकारियां निकलने लगी. मैं मस्ती में पागलों की तरफ बोलने लगा आआआआआ ऊऊऊऊओ नूरी यह लो मेरी जान आज से यह लंड तुम्हारा हुआ. जब चाहो इससे चुदवा लो. आज मैं तुम्हारी प्यास मिटा दूंगा मेरी जान.
ओओओओओओजआऊवो और जोर से चोदो प्रेम और जोर से आआआपपपपपपररररररमममममम मैं झड़ने वाली है और जोर से प्रेम आआआआआआओओओओओओऊऊऊऊऊऊम्म्म्मम्मम्ममआआआआ ऊऊऊऊ देख श्रीलता मेरा भाई मेरी जान मेरा यार मुझे कितना अच्छा चोद रहा है. आआआआआआओ. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
इसी तरह 10-20 धक्के के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए. नूरी धक्का दे कर मेरे ऊपर लेट गयी. और मुझे पागलों की तरह चूमने लगी. आज कई महीनो की उसकी प्यास बुझ गयी थी. और फिर हम दोनों अगल बगल लेट गए. आई लव यू प्रेम तुमने मुझे इतना मज़ा दिया. मेरी प्यास बुझा दी. आज यह जिस्म तुम्हारा है तुम जब चाहो इसे चोद लो.
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मैं भी नूरी के होंठों को चुम लिया. और बोला आई लव यू टू नूरी. थैंक्स टू यू. तुमने मुझे चोदना सिखाया. मुझे तो पता ही नहीं था की चूत क्या होती है. और चूचियों से खेला कैसे जाता है. आई लव यू मेरी जान. आज से तुम मेरी आपा नहीं मेरी जान हो. और फिर हम लोग चुदाई में जुट गए. उस रात मैंने 4 बार नूरी को चोदा. १५ दिनों तक मैने नूरी की जमकर चुदाई की. मेरे घर का ऐसा कोई कोना नहीं था जहाँ मैने नूरी को नहीं चोदा हो. टॉयलेट बाथरूम किचन एवरीव्हेयर.
और एक दिन मेरे अब्बा ने फ़ोन किया उसके दोस्त काफी ज़िद कर रहे है की वह शादी के बाद कुछ दिन रुके इसलिए वह एक वीक बाद आएंगे. और इन 7 दिनों का हमने भरपूर फायदा उठाया. नूरी मेरे लंड की दीवानी थी और मैं नूरी के संगमरी बदन का. अब मैं पूरी तरह चुद्दकड़ बन गया था. पेरेंट्स के आने के बाद भी मौका मिलते ही नूरी को चोद लिया करता था. नूरी को मेरी ज़िन्दगी में आये 2 साल हो गए. इस बिच मैंने 4 और लकड़ियों को चोदा और चारो वर्जिन थी. इस की स्टोरी मैं बाद में लिखूंगा.
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