Incest Taboo Sex
मेरा नाम राजीव है और मेरी बहन का नाम छवि मेरे से बड़ा मेरा भाई है जिसकी शादी हो चुकी है। मेरी बहन की उम्र 18 साल है और वह कॉलेज में पढ़ते हैं वह बहुत सुंदर और हॉट है। आज 4 साल पहले से मेरी बहन के साथ एक बीमारी है वह गिर जाते हैं और उसका शरीर कांपने लगता है। Incest Taboo Sex
आंख की पुतलीया उसके ऊपर हो जाती है और वह बेहोश हो जाती है। मेरे मां-बाप उसको लेकर कहां-कहां नहीं गए कहां-कहां नहीं दिखाया कानपुर जिला में जो भी डॉक्टर है सब के पास घूम आए फिर भी मेरी बहन छवि ठीक नहीं हुई। कई डॉक्टर को दिखाने के बाद जब वह ठीक नहीं हुई तो दिल्ली में एक डॉक्टर को दिखाएं।
क्योंकि मेरी बहन का छवि सबसे खूबसूरत और हर हर लड़कियों में से एक है तो मेरे मां-बाप को पहले से ही छवि से बहुत लगाव था तो छवि को वह खुश देखना चाहते थे आज के चाहते थे कुछ को कोई बीमारी नहीं होता कि शादी जब उसकी हो तो वह खुश रहे अपने पति के साथ रहे।
पर यह सब संभव नहीं था क्योंकि उसको बीमारी थी तो पहले बीमारी को ठीक करना बहुत जरूरी था। दिल्ली के डॉक्टर ने मेरी मां और पापा को बुला कर देखें इसको कितना भी कुछ करवा लीजिए ठीक करवा लीजिए चाहे विदेश में दिखवा लीजिए पर होगा कुछ नहीं क्योंकि इसको एक ऐसी बीमारी है जो सिर्फ सेक्स करने के बाद ही खत्म होगा।
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और यह संभव नहीं है जब तक कि इसकी शादी नहीं हो जाए इसलिए आप इसके जल्दी से जल्दी शादी करवा दीजिए। मेरे पापा छवि के लिए लड़का देखने लगे जैसे छवि को पता चला कि वह उसके लिए लड़का देखा जा रहा है तो गुस्सा होने लगे कहने लगे कि मैं मर जाऊंगी शादी नहीं करूंगी अभी मुझे पढ़ाई करना है मुझे आगे बढ़ना अपने पैरों पर खड़ा होना है।
मां बाप को इस बात का डर था कि बीमारी ऐसी थी कि ठीक करना भी बहुत जरूरी था। तो बात शुरू हुई मेरी मां और भाभी से मेरी मां बोली भाभी को छवि के बारे में डॉक्टर ने ऐसे कहा है कि अगर वह सेक्स कर लेती हैं तो बीमारी खत्म हो जाएगी, बीमारी सिर्फ सेक्स की बीमारी है।
उन्होंने कहा कि आपस में बातचीत की, भाभी ने मेरी मां को सजेस्ट किया कि क्यों ना राजीव जी को ही तैयार किया जाए इसके लिए घर की बात घर में रह जाएगी और छवि भी ठीक हो जाएगी। पहले तो मेरी मां इसके लिए तैयार नहीं हुई थी और भाभी के काफी समझाने के बाद वह तैयार हो गई.
और बोली ठीक है फिर एक काम करती हूँ, मैं और तुम्हारे पापा दोनों कुछ दिन के लिए बाहर चले जाते हैं। तो राजीव को इसके लिए तैयार करना क्योंकि अनिल भी दिल्ली नहीं आया हुआ है उसको भी आने में 10 दिन लगेगा, अनिल मेरा बड़ा भाई। तो घर में मैं छवि और मेरी भाभी थी एकदम छवि कॉलेज गई. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
तो भाभी दिन में मुझे पूरी बात बताई छवि के बारे में की छवि की जिंदगी अब आपके हाथ में है अगर आप चाहते हो कि छवि खुश रहे तो आपको छवि के साथ। सोना पड़ेगा। और अगर आप नहीं सोओगे तो बीमारी और भी ज्यादा बढ़ जाएगी फिर उसकी शादी होना भी मुश्किल होगा.
और फिर जिंदगी भर के लिए वह कुंवारी रह जाएगी और यहीं रह जाएगी और भगवान ना करे कुछ आगे पीछे हो जाए तो और भी जिंदगी हम सबकी नरक हो जाएगी इसलिए आपको ही कुछ करना पड़ेगा। मैंने तो तुरंत ही बोल दिया कि मैं ऐसा नहीं कर सकता कोई अपनी बहन के साथ ऐसा कर सकता है क्या।
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भाभी के काफी समझाने के बाद मैं तैयार हो गया अब बात हुई थी छवि को तैयार करने के लिए। मैं उसी दिन अपने दोस्त के बर्थडे पार्टी में शाम को 4:00 बजे ही चला गया था भाभी बोली कि मैं शाम को छवि को समझा लूंगा तुम रात को जल्दी आ जाना।
मैं रात को 1:11 बजे के करीब आया। मैं दोस्त के पार्टी में गया था तो थोड़ा पी भी लिया था इसलिए थोड़ा थोड़ा नशा भी मुझे था। घर आया तो भाभी दरवाजा खुले और मुस्कुरा कर बोली कि काम बन गया छवि तुम्हारे कमरे में है। जब मैं कमरे में पहुंचा तो छवि मेरे बेड पर सोई हुई थी और मोबाइल चला रही थी।
मैं छवि के करीब बैठा और उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया और उसको देखने लगा वह भी मुझे देखने लगी। मैंने कहा कि जो भी हम दोनों के बीच में आज होगा वह तुम्हारे लिए ही होगा तुम्हारी जिंदगी के लिए होगा। छवि बोले कि हां मुझे पता है भाभी ने सब कुछ बता दिया है मुझे और मां भी इसीलिए बाहर गई है वह भी यही चाहते हैं कि मैं तुम्हारे साथ करू।
दोस्तों अभी तक तो सिर्फ दिल की बातें हो रही थी समझने और समझाने की हो रही थी पर जब सामने एक जवान लड़की सोए हो जाए रिश्ते में कोई भी लग रहे हो। और वह भी सेक्स करने के लिए तैयार हो और मुझे भी पता है कि जो सोई हुई है उसके साथ मुझे सेक्स करना है।
तो तन बदन में आग लगने में ज्यादा देर नहीं लगता। मेरी घबराहट बढ़ने लगी सबसे तेज चलने लगे ऐसा ही मेरे बहन के साथ भी हो रहा था उसके भी सांसे तेज तेज चल रही थी और मेरी भी सांसे तेज तेज चलती थी। अब हम छवि के बगल में लेट गए और अपना हाथ छवि के चुचियों पर रख दिया।
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छवि अपना हाथ मेरे हाथ के ऊपर रख दी। मैं धीरे-धीरे छवि छवि की चूचियों को सहलाने लगा। धीरे-धीरे करके हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े खोल दिए और एक दूसरे को चूमने लगे लिप लॉक करने लगे। छवि की बड़ी-बड़ी चूचियां मुझे पागल बना रही थी।
मैं सहला रहा था उसके निप्पल को दबा रहा था उसके चुचियों को पी रहा था वह मुझे सहला रही थी। अब मैं छवि के बदन को सहलाता हुआ नीचे तक पहुंच गया दोनों पैरों को अलग-अलग करके। उसके चूत को निहारने लगा, उसके चूत सफेद गोरी थी, बाल बिल्कुल भी नहीं था।
अब मेरे से रहा नहीं गया मैंने जीभ लगा दिया। और चाटने लगा छवि की चूत से नमकीन पानी निकल रहा था और मैं उसको पी रहा था। धीरे धीरे वह काफी ज्यादा सेक्सी। छवि ने कहा कि देर मत कर मुझे चोदते जा. मैंने भी अपना लंड निकाला और छवि के चूत पर लगाया और जोर से घुसा दिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
छवि का चूत काफी टाइट था इसलिए जल्दी जा नहीं रहा था पर जोर जोर से धक्के देने के बाद आराम आराम से अंदर बाहर होने लगा। मैंने दोनों बड़ी बड़ी चूचियों को सहलाने और मसलने शुरू किया और जोर-जोर से उसके चूत में धक्के दे देते चूत चुदाई करने लगा। कभी वह ऊपर कभी मैं नीचे कभी खड़े होकर कभी बैठ कर कभी लेट कर कभी घोड़ी बनाकर।
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पूरी रात मैंने छवि को चोदा। सुबह जब हुआ तो भाभी बोले कैसा रहा रात मैंने कहा बहुत अच्छा। फिर भाभी छवि से पूछे कैसी रही रात। छवि ने भी यही कहा। भाभी बोली छवि से तुम मेरी अब देवरानी हो गई है। छवि हंसने लगी और मैं भी हंसने लगा। उसके बाद 4 दिन हम दोनों ने एक दूसरे को खूब खुश किया हम दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे। कुछ दिन बाद मैं भी आ गई मां को भी सब पता है हम दोनों के बारे में। अब हम दोनों छत पर जो रूम है उस में सोते हैं। छवि को अब दौरा नहीं पड़ रहा है छवि भी ज्यादा खुश है।
बीमारी का नामोनिशान नहीं है। मेरे परिवार में खुशियां ही खुशियां। छवि की शादी की बात भी चल पड़ी है तो जल्द से जल्द छवि की शादी भी हो जाएगी। पर दोस्तों मैं अपने दूसरी कहानी हमारी वासना डॉट कॉम पर लिखने वाला हूं वह मेरे और मेरे भाभी के बीच की है। क्योंकि उसी दौरान मेरी भाभी के साथ भी सेक्स संबंध बन गए हैं। अनिल भैया तो ज्यादा घर से बाहर जाते हैं अपने ऑफिस काम के लिए महीने में तीन-चार दिन ही घर आते हैं। उनका टूर का बिजनेस है अब मैं घर भी संभाल रहा हूं बहन भी संभाल रहा हूं और भाभी भी।
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