Cousin Love Making XXX
मैं अनंत आप सभी को अपनी मस्त कहानी सुना रहा हूँ. दोस्तों मैं बी ऐ फर्स्ट ईअर में पढ़ रहा था. मेरे श्याम मामा ने अपनी लड़की नयनतारा का नाम मेरे साथ ही मेरे क्लास में लिखवा दिया था. नयनतारा एक बहुत ही मस्त लड़की थी. बिलकुल छरहरी इलियाना डीक्रूज जैसी. Cousin Love Making XXX
उसकी पतली कमर तो इतनी सेक्सी थी की मन करता था की बस गोद में उठा लूँ और गपागप पेलने शुरू कर दूँ. मैंने शुरू से ही नयनतारा को पसंद करता था. उससे प्यार भी करता था. बट फ्रेंड्स सबसे बड़ी दिक्कत ये थी की रिश्ते में वो मेरी बहन लगता था.
श्याम मामा ने नयनतारा का नाम मेरे साथ ही लिखवा दिया. मैंने उसे सेट कर लिया. हम दोनों एक ही बेंच पर कॉलेज में बैठते थे. जब कोई मुझसे पूछता की ‘अनंत!! नयनतारा तुम्हारी कौन लगती है??’ मैंने जवाब देता की मेरी मंगेतर है और जल्द ही हम लोग शादी करने वाले है.
मैंने नयनतारा के मस्त मस्त गालों पर कई बार पप्पी ली थी. उसकी फोटोज मैंने अपने दोस्तों तो दिखाई तो सबके लंड खड़े हो गए. ‘भाई!! अनंत!.. तेरी माल तो बहुत जबरदस्त है यार. तूने इसी तो खा भी लिया होगा??’ दोस्त पूछते.
‘हाँ! दिन भर में एक ट्रिप तो लग ही जाती है’ मैंने जवाब देता.
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ये सुनकर मेरे दोस्त आहें भरने लग जाते. सब मुझसे बहुत जादा जलते क्यूंकि मैं कॉलेज में नयनतारा जैसी झक्कास आइटम का हाथ पकड़कर आता और हाथ पकड़कर जाता. मुझे अपने दोस्तों को जलाने में बहुत मजा मिलता. नयनतारा बिलकुल फूल की तरह थी.
जिस तरह से वो जूडा बांधती थी बिलकुल माल लगती थी. कुछ दिन बाद हमारे क्लास टीचेर ने बताया की हमारे क्लास का स्काउट कैंप शिमला जाने वाला है. ये सुनते ही मेरे मन में लड्डू फूटने लगे. अगर नयनतारा शिमला जाए तो इसकी चूत मिलना तय है.
पर दोस्तों मेरी खुशी पर तब ग्रहण लग गया जब श्याम मामा ने नयनतारा को स्काउट कैंप में जाने से मना कर दिया. ये तो बहुत बुरी खबर थी मेरे लिए. मेरा तो मूड ही ऑफ़ हो गया. पर मैंने अपने एक दोस्त से श्याम मामा को प्रिंसिपल बनकर फोन करवाया.
हलो!! सर आपको अपनी बेटी नयनतारा को कैंप में भेजना ही होगा. वरना उसके ५० मार्क्स कम हो जाएँगे और इसका भारी असर उसके बी ऐ फाइनल के टोटल मार्क्स पर पड़ेगा’’ मेरा दोस्त प्रिन्सिपल की आवाज निकालता हुआ बोला.
‘ओके प्रिंसिपल साहब!! मैंने नयनतारा को भेज दूंगा!’ श्याम मामा बोले.
अब जाकर मेरे दिल में चैन पड़ा. रेलवे स्टेशन पर श्याम मामा मुझे और नयनतारा को सी ऑफ़ करने आये. ‘बेटा अनंत! …नयनतारा का खयाल रखना. उसे ऐसी वैसी जगह मत जाने देना’ मामा बोले. मैंने सर हिलाया. ट्रेन चल पड़ी. पर ट्रेन में मैं नयनतारा के साथ जादा कुछ नही कर पाया.
क्यूंकि लड़कियों की सीट दूसरी बोगी में बुक थी, और लड़कों की सीट दूसरी बोगी में. पर मैं नयनतारा को लू की तरफ बुला लेता था और वहां सबसे छिपकर हम चुम्मा चाटी कर लेते थे. पर नयनतारा को मैं ट्रेन में चोद नही पाया.
उस जैसी फूल को ट्रेन की टॉयलेट में चोदना उसकी खूबसूरती का घोर अपमान होता. इसलिए मैंने अपनी माल के बस मम्मे ही दबाए और होठ पिये. हमारा स्काउट कैंप शिमला पहुच गया. वहां के एक पहाड़ की चोटी पर हम सबसे मिलकर कैंप लगाया. लडकियों के कैंप दुसरे तरफ थे और लडकों के इस तरह.
सुबह होते ही सबसे पहले सारे स्कॉट्स की गिनती होती थी. फिर दौड़ लगती थी, फिर परेड, पी टी, प्रार्थना , उसके बाद कहीं नाश्ता मिलता था. ११ से २ बजे तक फिर परेड होती थी और शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम. ३ दिन बीत गये पर नयनतारा को चोदने का मौका मुझे नही मिला.
फिर अगले दिन शाम होने पर मैं नयनतारा को लेकर पहाड़ी के दूसरी तरह ले गया. यहाँ घन जंगल था. वहां पंहुचा तो देखा की ८ ९ जोड़े गपागप चुदाई में मस्त है. मुझे हल्का हल्का इस बार का इल्म हो गया था की जरुर लड़के अपनी मालो को लेकर इस सुनसान जगह आंए होंगे. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और मेरा सोचना कितना सही निकला. यहाँ तो चुदाई चालू थी. मैंने ध्यान से देखा तो पाया की मेरा क्लास मेट आकाश अपनी माल सपना को चोद रहा है, अनमोल ईशा का नारा खोल रहा है और विक्रम सोनम को चोद रहा है. उसके अलावा भी इस सुनसान जगह पर कई लडके अपनी अपनी माल को ठोक रहे थे जिसने मेरी जादा बोलचाल नही थी.
‘अनंत !! शुरू हो जाओ तुम भी. सिर्फ आधा घटने का ब्रेक मिला है!!’ आकाश बोला.
मैंने तुरंत नयनतारा को एक नर्म घास पर लिटा दिया. उसकी पैंट शर्ट निकाल दी. अपने सगे मामा की मस्त माल लड़की नयनतारा के दूध पीने लगा. फिर उसकी पेंटी निकाल के मैंने अपना लंड उसकी चूत में पिला दिया और नयनतारा को चोदने लगा.
नयनतारा को भी बड़ा मजा आने लगा. वो मुँह खोल खोलकर आहें भरने लगी और गर्म गर्म सासें मुँह खोलकर छोड़ने लगी. मैं खटाखट नयनतारा की नर्म नर्म भरी चूत में लौड़ा देकर अंदर बाहर करता रहा. उफ्फ्फ्फ़!! कितना जादा मजा मिला मुझे.
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क्यूंकि करीब ६ महीने तक कोई एकांत जगह ही नही मिली थी जहाँ नयनतारा को ले जाकर खा पाता. आज इतने दिनों बाद ही ये मौका मिला. मैंने नयनतारा क एक बार चोद लिया था. दूसरी बार की तैयारी में था की शीटी बज गयी. सारे लड़के अपनी अपनी माल को लेकर कैंप की तरफ भागे. क्यूंकि वहां सबको लाइन में खड़ा करके गिनती होती है.
मैं भी तुरंत खड़ा हो गया और नयनतारा को जल्दी कपड़े पहनने को बोला. नयनतारा एक बार चुद चुकी थी. दूसरी बार उसे ठोकने की बड़ी तीव्र इक्षा थी. पर हमे जाना पड़ गया. दुसरे दिन फिर से परेड, पीटी, स्काउट प्रार्थना और सासंकृतिक कार्यक्रम हुए.
मैंने नयनतारा को आँख मारी और उसी सूनसान जगह आने को कहा. जैसी ही वो आई, मैंने उसे बाहों को भर लिया. आज भी वो हमेशा की तरह बिलकुल माल लग रही थी. ‘नयनतारा!! आई लव यू!’ मैंने उससे कहा और उसके होठ पीने लगा. ‘अनंत!! आई लव यू टू!’ नयनतारा होनी. आँखों ही आँखों में चुदाई की सहमती मिल गयी थी.
फिर से चारों तरह देखा तो सब लड़के अपनी अपनी माल को लेकर लगे पड़े थे. कोई माल की चूत मार रहा था, तो कोई गांड मार रहा है. मैंने नयनतारा को घास पर लिटा दिया. कपड़े निकाल दिए. मैंने अपने भी कपड़े निकाल दिए जिससे जिस्म से जिस्म की रगड़ लगे तो जादा मजा आये.
उसके बाद मैंने नयनतारा के ओंठ पीने लगा. बड़े गुलाबी गुलाबी फूले फूले ओंठ थे उसके. आज मैंने जी भरके उसके संतरे चुसे. उसके ओंठो को अपने दांतों से खूब काटा, खूब चबाया जिससे उसके मखमली होठो पर बिंदु बिंदु पड़ गए. फिर मैं नयनतारा के मस्त मस्त फूले फूले मम्मे पर आ गया और मुँह में भरके पीने लगा.
वाकई दोस्तों, आज तो मजा आ गया. आज शनिवार की रात थी इसलिए सासंकृतिक कार्यक्रम रात १ बजे तक चलने वाला था. इसलिए मैंने नयनतारा के साथ ४ ५ घंटे तो आराम से बिता सकता था. इसलिय कल की तरह मैंने कोई जल्दबाजी नही की.
मस्ती से नयनतारा के गोल गोल ३४ साइज़ के दूध पीने लगा. उसके निपल्स तो बहुत कड़क, बहुत सुंदर थे. उसपर काले गोल घेरे तो जैसी असली सौंदर्य और खूबसूरती थे. मैंने जीभ फेरफेरकर नयनतारा के दूध को पीने लगा. फिर पूरी की पूरी चुचि को मुँह में अंदर तक भरके पीने लगा.
जिससे मुझे दिव्य सुख मिला. नयनतारा एक बहुत ही गजब की माल थी. उसके जैसी लड़की चोदने खाने को किस्मत वाले को ही मिलती है. मैंने मूंठ से नयनतारा के दूध पीने लगा तो हाथ से दुसरे दूध को दबाने लगा. नयनतारा अब जवानी की दहलीज पार कर चुकी थी.
उसका भरा पूरा छरहरा बदन किसी गुलाब के फूल की तरह खिल गया था. नयनतारा अब किशोरावस्था को पार कर गयी थी और बालिग हो गयी थी इसलिए वो खुलकर चुदाई के मजे लूट सकती थी. इसलिए आज मैंने उसको चुदाई के मजे देने वाला था.
अपने मामा की लड़की को चुदाई के मजे देने वाला था. मैं हपर हपर करके जोर जोर से आवाज करते हुआ नयनतारा के दूध पीने लगा. दिलकश, कुवारे, और बिलकुल सफ़ेद रसीले दूध. मैंने मजे से पीने लगा. और जोर जोर से हाथो से दबाने लगा. मैंने नीचे देखा तो नयनतारा की चूत बह रही थी.
‘बहन!! मजा आया??” मैंने उसे छेड़ते हुए पूछा.
वो अपनी शर्ट से मुझे मारने लगी. क्यूंकि वो मेरी बहन थी और मैं उसे चोदकर बहनचोद बनने जा रहा था. मैंने देखा को नयनतारा की चूत बहने लगी थी. बिलकुल रसीली छमिया हो गयी है. हम लोगों को शिमला आये कई दिन हो गए थे. इस वजह से नयनतारा की झांटे निकल आई थी.
फिर भी वो चोदने लायक चूत थी. मैं मुँह लगाकर श्याम मामा की लडकी नयनतारा की चूत पीने लगा. उसका बहुत ही नमकीन कसेला पानी मेरे मुँह में जाने लगा. ये नयनतारा की चूत का बड़ा कीमती पानी था. मैं लपर लपर करके नयनतारा के मस्त मस्त भोसड़े में पीने लगा.
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क्या रसीला, गीला और नम भोसड़ा था. लाल लाल नयनतारा की चूत की फांकों की खूबसूरती देखते ही बनती थी. मैं उसके क्लिटोरिस को ऊँगली के पोर से घिसने लगा. नयनतारा मेरी माल गांड उठाने लगी. मैं बार बार उसके क्लिटोरिस को घिसने लगा. नयनतारा बार बार गांड और कमर उठाने लगी.
मैं समझ गया था की अब उसे तडपाना जादा सही नही होगा. क्यूंकि वो बेचैन दिख रही थी. फोरप्ले करने के बाद लडकी को तुरंत बिना देर किये चोद लेना चाहिए वरना लड़की ठंडी पड़ जाती है और उसे फिर से गर्म करना पड़ता है. ये सोचकर मैंने नयनतारा की चूत में लंड दे दिया और उसे मजे से चोदने लगा.
उसकी चूत बहुत ही गीली और माल से तर थी. मेरा लंड बड़े आराम से सट सट करके अंदर बाहर फिसल रहा था. जैसी लग रहा था की मैं उसकी चूत में स्केट्स पहन के स्केटिंग कर रहा हूँ. मैंने पिछवाड़ा और कमर चला चला कर अपनी माल नयनतारा को खाने लगा.
वो ‘उन्न्न्नन्न ऊँ ऊँ ऊँ मम्मी !! मम्मी!!’ करने लगा. पता नही लड़कियां चुदते समय अपनी मम्मी को ही क्यों याद करती है. ‘पापा पापा क्यूँ नही कहती. मैं सोचने लगा. नयनतारा मम्मी मम्मी करती रही मैं उसे ठोकता रहा.
कुछ देर बाद दोस्तों मेरा लंड तो सटासट उसकी चूत की गहराई नापने लगा. मैं इतना मस्त उसको चोदा की वो जिन्दगी भर नही भूलेगी. इतने जोर जोर से मैं धक्के देने लगा की नयनतारा की चूत में आग लग गयी और चिंगारियां छूटने लगी.
‘भैया धीरे पेलो!! धीरे आराम से!!..दर्द होता है!!’ नयनतारा आँख मूंदकर बोली.
चुदती मामा की लडकी नयनतारा का सौन्दर्य मेरे मन मस्तिष्क में बस गया. मैं धीरे धीरे उसे चोदने लगा. पर फिर रफ्तार खुद ब खुद बढ़ गयी. मैं गचागच नयनतारा को खाने लगा. उसने अपनी बला की खूबसूरत टाँगे बिलकुल उपर आसमान में उठा दी.
स्काउट कैंप में पहाड़ी के जंगल में नयनतारा की चूत लेना एक बड़ा ही अलग, विचित्र और रोमांचकारी अनुभव था. मैं मन ही मन कॉलेज प्रशासन को धन्यवाद देने लगा की वो लोग शिमला में कैंप लेकर आ गये और यहाँ कैंप लगाया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
नयनतारा को खाते खाते मैंने अपना माल उसके भोसड़े में छोड़ दिया. नयनतारा की चूत ने मेरा सारा माल किसी वकुम की तरह अंदर खिंच लिया. मैंने घडी देखी तो अभी सिर्फ १० बजे थे. २ घंटे हमलोगों के पास और थे. कुछ देर हम लोग चुम्मा चाटी करते रहे.
‘भाई अनंत!!…क्या शादी के बाद मेरा पति भी मुझे ऐसे ही चोदेगा!’ नयनतारा बोली.
‘हाँ बिलकुल…तुझे चोद चोदके खूब मजे देगा’’ मैंने कहा.
‘नयनतारा तुझे मजा आया???” मैंने पूछा.
‘हाँ बहुत जादा भाई!!’ वो बोली.
‘’तेरी शादी जब होगी और जब तू अपने पति के कमरे में सुहागरात मनाने जाएगी तो उससे ये मत बताना की मुझसे चुदवाती थी. जब तेरा आदमी तुझसे पूछे की तेरी सील कैसी टूटी तो बोल देना की साइकिल चलाते समय टूट गयी’’ मैंने नयनतारा को समझाया. वो समझ गयी.
मैंने उसे पेट के बल बिलकुल सीधा लिटा दिया और उनके मुलायम मुलायम नितम्बो को खोलकर नयनतारा की गांड का छेद ढूढ़ लिया. बड़ी सुंदर कुवारी कसी गांड थी. मैंने जीभ लगाकर उसकी गांड पीने लगा. बड़ा मजा आया मुझे. मैं और जोश में आ गया और नयनतारा की गांड पीने लगा.
फिर उसमे ऊँगली करने लगा. नयनतारा अपने नितम्ब उठाने लगी. मैंने उसकी गाड़ पीते हुए जोर जोर से उसमे ऊँगली करने लगा. कसी कसी गांड के छेद में मेरी ऊँगली मुस्किल से जा पा रही थी. नयनतारा को दर्द भी हो रहा था.
‘भाई !! धीरे धीरे करो!!!… लग रहा है की जैसी कोई मेरी गांड में काँटा चुभो रहा है!’ नयनतारा बोली.
मैंने चारो ओर देखा कहीं पानी नही था. इसलिए मैं ऊँगली में ढेर सारा थूक लगा लिया और नयनतारा की गांड में देने लगा. चिपचिपे थूक की लार से गीली हो चुकी ऊँगली आराम से नयनतारा की गांड में जाने लगी. बड़ी देर तक किसी नाली साफ़ करने वाले की तरह मैं नयनतारा की गांड में ऊँगली करता रहा.
फिर मैंने अपना खड़ा लंड उसके गांड के छेद पर रखा और जोर से धक्का दिया. लंड अंदर चला गया. नयनतारा पेट के बल घास पर लेती थी. मैंने उपर से उसके नर्म नितम्बों को खोलकर उसकी गांड चोद रहा था. नयनतारा को भीषण दर्द हुआ.
‘’भैया लंड मेरी गांड से निकाल लो!!!… बहुत जोर का दर्द हो रहा है!!!’ नयनतारा बोली और रोने लगी.
मैंने लंड बाहर नही निकाला और उसे लगातार चोदता गया. मुझे उसके दर्द पर तरह भी आने लगा. मन हुआ की उसे छोड़ दूँ, फिर सोचा की शुरू शुरू में गांड मरवाने में तो हर लड़की को दर्द होता है, उसे थोडा बर्दास्त करना सीखना चाहिए. ये सोचकर मैंने उसके नितम्बों पर बैठकर उसकी गांड मारता रहा और एक बार भी नही रुका. अपनी बहन की गांड लेने में मुझे बड़ी मेहनत लगी.
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मेरे सीने पर पसीना ही पसीना हो गया. फिर भी मैं लगातार किसी पहाड़ पर चढ़ने वाले पर्वतारोही की तरह नयनतारा की गांड चोदता रहा. फिर उसी में झड गया. नयनतारा की जरुरत से जादा कसी गांड के छेद ने मेरा सारा माल अंदर खीच लिया और गांड फिर से कसकर बंद हो गयी. मुझे बहुत प्यार आ गया. मैंने फिर से गांड पीने लगा. नयनतारा बड़ी देर तक रोती रही. मैंने अपने हाथों से उसके मोती से आशुं पोछे.
‘रो मत बहन !! रो मत!!..तुमको गांड मरवाने का मजा भी लेना चाहिए!!.. वरना कल को कोई गांडू गांड चोदने वाला पति मिल गया तो कैसे उसका लंड लोगी??’ मैंने कहा और उसके नर्म होठो पर प्यार से चुम्मी ली. वो चुप हो गयी.उसके बाद दोस्तों हमदोनो सांस्कृतिक कार्यक्रम खत्म होने से पहने अपनी अपनी स्काउट ड्रेस पहनकर ग्रुप में जाकर बैठ गये. १५ दिनों तक हमारे कॉलेज का स्काउट कैंप शिमला की सुंदर वादियों में लगा रहा. मैंने ४ बार नयनतारा को जंगल में ले जाकर ठोंका. उसे वादियों में घुमाने ले गया. फिर हम कॉलेज की टीम के साथ घर लौट आये.