Bhai Bahan Vasna Porn
मेरा नाम अंकुर है, अभी मेरी उम्र २० साल है और मैंने इंजीनियरिंग का कोर्स ज्वाइन किया है दिल्ली में. दिल्ली में ही मेरी मीनाक्षी दीदी भी रहती है. इसलिए मैं दीदी के घर पर ही रहता हूँ और कॉलेज वही से जाता हूँ. दोस्तों मेरी दीदी अपने नाम की ही तरह काम की देवी है. Bhai Bahan Vasna Porn
दीदी की उम्र ३० साल है और फिगर ३८-३०-४० है. बड़े बड़े फुटबॉल की जैसी भारी चूचियां, पतली कमर और चौड़ी गदरायी हुई गांड दीदी की जवानी बयां करते है. उनकी थिरकती मटकती हुई मोटे चुत्तड़ किसी का भी लंड खड़ा कर सकती है और उनकी दूध से भरे हुए भारी स्तन कयामत ढाती है.
मेरे जीजाजी उम्र में दीदी से काफी बड़े है, उनकी उम्र ४५ साल है. जीजाजी काफी अमीर है इसलिए मेरे घरवालों ने दीदी की शादी करवा दी. उस समय मैं काफी छोटा था. पर जब मैं उनलोगो के साथ रहने लगा तो पाया की दीदी काफी दुखी रहती है. मैंने एक बार दीदी से पूछा भी.
मैं: दीदी आप इतना उदास क्यों रहती हो? शादी से पहले आप कितना मस्ती करती थी.
दीदी: कुछ नहीं भाई… तू नहीं समझेगा..
मैं: आप बताओ तो दीदी क्या बात है… यहा पर तो किसी चीज की कमी नहीं है… फिर भी आप खुस नहीं हो
दीदी: भाई मैंने भी पैसा देखकर ही शादी की थी… पर पैसा ही सबकुछ नहीं होता… चल छोड़ ना ये सब..
दीदी ने बात टाल दी. एक रात मुझे दीदी के कमरे से आवाज आयी.. मैं सोचा आज चुदाई देखने को मिलेगा… पर वहा नजारा कुछ अलग था… जीजाजी बेड पर सोये हुए थे और दीदी अपनी बूर में उंगली कर रही थी… और काफी आवाजे निकाल रही थी… ऐसा मैंने कई रातो में दीदी को करते हुए देखा है…
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मैं समझ गया की दीदी की परेशानी की वजह उनकी चुदाई है जो जीजाजी नहीं कर पाते है उम्र की वजह से… मैंने काफी सोचा और तय किया की दीदी की जवानी की आग को मैं ही ठंडा करूंगा…वैसे भी उनकी सेक्सी और गदरायी जवानी को मैं बर्बाद नहीं होने देना चाहता था..
एक बार किसी काम से दीदी मेरे कमरे में आयी उस समय मैं नहा कर निकला ही था.. दीदी मेरे गठीले बदन को कामुकता भरी नजरो से देख रही थी.. मैंने सिर्फ तौलिया लपेट रखा था.. मैंने मौका देख कर अपना तौलिया गिरा दिया… उस समय मेरा ८” का लंड पूरा खड़ा था … दीदी की आँखे तो खुली रह गयी मेरे मोटे और तगड़े लंड को देख कर… दीदी मेरे लंड को निहार रही थी… मैंने तौलिया उठाया…
मैं: सॉरी दीदी… गलती से निकल गया…
दीदी: कोई नहीं अंकुर… पर मैं तो तुझे बच्चा समझती थी… पर तेरा हथियार तो बहुत ही तगड़ा है..
मैं: क्या दीदी आप भी…
फिर मैं वहा से चला गया… पर उसके बाद दीदी की चाल ही बदल गयी.. अब वो मेरे साथ ज्यादा ही फ्रैंक होने लगी.. हमेशा अपनी चूचियों और गांड के दर्शन करवाती थी.. मेरे साथ रहती है तो वो पल्लू की फ़िक्र ही नहीं करती… टाइट ब्लाउज में मुझे हमेशा उनकी नंगी चूचियों के दर्शन हो जाते है…
एक रात मैं और दीदी बैठ कर टीवी देख रहे थे.. उस दिन दीदी ने एक मस्त साड़ी पहनी थी.. ब्लाउज का गला काफी बड़ा था जिससे क्लीवेज पूरा दिख रहा था…दीदी मेरे से चिपक कर बैठी थी पर मेरा पूरा ध्यान तो उनकी अधनंगी चूचियों पर ही था… मैंने दीदी से पूछा..
मैं: दीदी मुझे पता चल गया जीजाजी आपको टाइम नहीं देते इसलिए आप दुखी रहते हो.. देखो आज भी सो गए है…
दीदी: अरे अंकुर.. टाइम क्या वो तो कुछ भी देने के काबिल नहीं है…
मैं: मतलब दीदी…
दीदी: भाई तेरे जीजाजी बूढ़े है.. कुछ नहीं हो पता उनसे…
मैं दीदी की बातों से गरम हो गया… मैंने अपने हाथ उनकी जांघो में रख दिया और सहलाने लगा..
मैं: इसका मतलब जीजाजी आपको शारीरिक सुख नहीं दे पाते..
दीदी: हाँ भाई…मेरे तो भाग्य ही फुट गए है.. मेरी जवानी सुख गयी है
मैं: दीदी आप चिंता नहीं करो सब ठीक हो जायेगा…
मैंने दीदी को गले लगा लिया और उनकी नंगी पीठ को सहलाने लगा…
दीदी: कुछ ठीक नहीं होगा…. मेरे से अब बर्दास्त नहीं होता… मैं मर जाऊँगी भाई ऐसे तो…
मैं:ऐसा मत बोलो दीदी… आपको मैं इस हालत में नहीं देख सकता…
दीदी: भाई अब तू ही कुछ कर सकता है..
मैं: मतलब दीदी…
दीदी: भाई मेरे बदन की आग को तेरे जैसा जवान मर्द ही बुझा सकता है…
मैं: ये क्या बोल रही हो दीदी…
दीदी: हाँ भाई… जब से तेरा मोटा लौड़ा देखा है… मेरे बदन में आग लगी हुई है…तू अपना लंड मेरी बूर में डाल दे और भोग ले मेरा अपनी बहन का बदन
मैं: पर आप मेरी बहन हूँ..
दीदी: भाई अपनी बहन की जवानी बचा ले…
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दीदी मुझे किश करने लगी.. वो किसी भूखी शेरनी की तरह मुझ पर टूट पड़ी… मेरी शर्ट उतर दी और मेरे पुरे बदन को चूमने लगी.. मैंने दीदी का पल्लू गिरा दिया जिससे उसकी विशाल चूचियां आधी से ज्यादा नंगी हो गयी.. वो तेज तेज साँस ले रही थी जिससे उसके बॉल्स काफी हिल रहे थे.. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं उसकी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से दबा रहा था.. बहुत ही बड़े बड़े और सॉफ्ट चूचियां थी… दीदी अह्हह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह कर रही थी…मैंने दीदी का ब्लाउज फाड़ दिया और उनके कबूतरों को आजाद कर दिया.. उनकी चूचियां फुटबॉल के साइज की थी… मैं दोनों चूचियों को मसल रहा था और चूस रहा था…
दीदी: अह्ह्ह्हह्हह भाई… और जोर से दबा और चूस इन चुच्चो को…
मैं: कसम से दीदी कितनी बड़ी बड़ी चूचियां है आपकी… मजा आ गया इनका स्वाद चख कर…
दीदी: ओह्ह्ह्हह्हह उईईईईई भाई सिर्फ ऊपर ही करेगा या निचे भी … तेरी बहन की चुत पूरी गीली हो गयी है.. कुछ कर जल्दी…
मैंने दीदी की साड़ी उतार दी .. पेटीकोट में दीदी की चौड़ी गांड बहुत कसी हुई थी.. मैं दीदी की कमर को चुम रहा था और उनकी भारी चुत्तड़ो को मसल रहा था… मैं उनकी पतली सेक्सी कमर को हर जगह किश कर रहा था और अपने हाथो से उसकी सॉफ्ट गांड को दबा रहा था..
फिर मैंने दीदी की पेटीकोट भी उतार दी.. दीदी ने पैंटी नहीं पहनी थी.. अब दीदी पूरी नंगी मेरे सामने थी.. मैंने दीदी को अपनी गोद में उठाया और अपने कमरे में ले गया… वहा मैंने दीदी को अपने बेड पर लिटा दिया और उनकी बूर चूसने लगा… बहुत ही सुन्दर और चिकनी बूर थी…
दीदी: उईईईईई अह्ह्ह्हह भाई….. और मत तड़पा भाई…जल्दी घुसा अपना मुसल लंड और मनाले अपनी दीदी के साथ सुहागरात …
मैं: उफ्फ्फ पूरा मजा लूँगा अपनी दीदी के सेक्सी बदन का
दीदी: सब बाद में करना पहले अच्छे से चोद मुझे .. भाई अपनी दीदी का सील तोड़ दे… रगड़ डाल मेरे बदन को अपने बिस्तर में …
मैं: ठीक है दीदी…
मैंने अपना लंड दीदी की गीली चुत पर सेट किया और जोरदार झटका मारा. लंड का सुपाड़ा दीदी की बूर को चीरता हुआ अंदर धंस गया.. दीदी बहुत जोर से चिल्लाने लगी… उईईईईई माँ … मर गयी… ओह्ह्ह्हह्हह.. पर मैंने दीदी के एक ना सुनी और लंड को जोर से पेलने गया..
दीदी को किश करते हुए मैं धक्का मार रहा था..धीरे धीरे करके लंड ने दीदी के बूर में जगह बना ली और मेरा ८” का पूरा लंड दीदी की बूर में चला गया.. अब मैं धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था…दीदी भी अब मजे से चुदवाने लगी और मेरे हर धक्को का जवाब वो गांड उछाल उछाल कर दे रही थी…
दीदी: ओह्ह्ह्हह्ह अंकुर… तुमने मुझे चोद कर कितना अहसान किया है… कब से प्यासी थी तेरी बहन
मैं: उफ्फफ्फ्फ़ दीदी ऐसी टाइट बूर में लंड डाल कर बहुत मजा आ रहा है..
दीदी: आअह्ह्ह्हह उईईईईई भाई ऐसे पेलते रहो अपना लंड मेरी बूर में…. भाई तूने आज राखी का फर्ज अदा किया अपनी बहन का दुःख दूर करके.
हर शॉट्स के साथ दीदी की चूचियां उछल रही थी जिसे मैं दबा दबा कर चूस रहा था और मेरा लंड दीदी की बूर की मस्त चुदाई कर रहा था…
दीदी: ओह्ह्ह्हह अंकुर और चोदो अपनी अपनी दीदी.. फ़क मी हनी…
मैं: उफ्फफ्फ्फ़ … येलो दीदी…
दीदी: उईईईईई अंकुर… मेरे बहनचोद भाई मार अपनी दीदी की चुत… निकाल दे मेरी बूर से पानी…
मैं दनादन दीदी की बूर मार रहा था.. दीदी की चूचियों को चूस चूस कर मैं चोद रहा था.. मेरा लंड किसी मशीन की तरह दीदी के बूर में अंदर बाहर हो रहा था…
दीदी: उईईईईई भाई… तूने अपनी बहन की जवानी बचा ली…
मैं: उफ्फ्फ्फ़ दीदी ऐसा गदराया जिस्म चोदने में बहुत मजा आ रहा है
दीदी: अह्ह्ह्हह्हह ऊऊऊऊओ अंकुर फ़क मी… हार्डर हार्डर बेबी… मेरा आने वाला है..
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मैंने दीदी की चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी.. एक तरफ मैं दीदी की बड़ी बड़ी चूचियों को दबा दबा कर चूस रहा था और दूसरी तरफ मेरा लंड दीदी की बूर को बड़ी बेरहमी से चोद रहा था… काफी धक्को के बाद मैं और दीदी झड गए.. एक बार मेरे दोस्त ने अपनी बर्थडे पार्टी में बुलाया. मैं अकेला नहीं जाना चाहता था, क्यूकी वहा मेरे सारे दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड के साथ आने वाले थे. मैंने सोचा की दीदी को ही लेकर चालता हूँ.
मैं: दीदी आज मेरे एक फ्रेंड का बर्थडे है.. तुम भी चलो मेरे साथ.
दीदी: अंकुर मैं क्या करूंगी वहा जाकर..
मैं: चलो ना दीदी वहा सब अपनी गर्लफ्रेंड के साथ आएंगे.. मैं अकेला जाकर क्या करूंगा
दीदी: अच्छा तू मुझे वहा अपनी गर्लफ्रेंड बना कर ले जायेगा.. फिर तो मैं जरूर जाऊँगी.. पर भाई मैं क्या पहनू…
मैं: टेंशन ना लो दीदी .. ये ड्रेस पहन लो.. मैंने आपके लिए लायी है…
मैंने दीदी के लिए रेड कलर के एक ड्रेस ली थी..
दीदी: भाई ये तो बहुत छोटी है…
मैं: क्या दीदी आज कल इसी का जमाना है… इस ड्रेस में तुम आग लगा दोगी पार्टी में..
दीदी: ठीक है भाई… अगर तू कहता है तो मैं पहन लूंगी..
मैं: दीदी प्लीज अंदर ब्रा मत पहनना ..
दीदी: हट बदमाश कैसी कैसी डिमांड रखता है… चल ठीक है नहीं पहनुंगी..
रात ८ बजे मैं रेडी हो गया.. और मीनाक्षी दीदी का वेट कर रहा था… दीदी काफी देर तैयार हो कर आयी… मैं तो दीदी को देखता ही रह गया… दीदी ने लाइट मेकअप कर रखा था.. आज बहुत ही सुन्दर लग रही थी… ड्रेस तो मैंने काफी छोटी ली थी.. इसलिए काफी टाइट लग रही थी..
और दीदी के बदन का हर कर्व दिख रहा था… चूचियां तरबूज के साइज की लग रही थी और आधे से ज्यादा नंगी दिख रही थी.. दीदी ने ब्रा नहीं पहनी थी.. इसलिए दीदी की छाती का उभार पहाड़ जैसा लग रहा था. ड्रेस सिर्फ गांड के निचे तक ही थी..
दीदी की मोटी नंगी सेक्सी जाँघे जबरदस्त लग रही थी.. बहुत ही चिकनी और गोरी टांगे थी. ड्रेस में दीदी की विशालकाय भारी चुत्तड़ बहुत बड़ी और कसी हुई लग रही थी.. जब दीदी चल रही थी तो उनकी चूचियां हवा में बाउंस हो रही थी और उछल कर बाहर आ रही थी..
दीदी: अंकुर ये ड्रेस छोटी नहीं है..
मैं: नहीं दीदी बहुत मस्त लग रही हो.. एक दम सेक्स बम ..
दीदी: हट भाई… कुछ ज्यादा ही रिवीलिंग है ड्रेस
मैं: दीदी आपका बदन बहुत ही सेक्सी है.. ऐसे ड्रेस में आप और मस्त माल लगती हो..
मैंने दीदी को पकड़ लिया और उनकी चूचियां दबा दी…
दीदी: आआह्ह्ह्हह्ह अंकुर… क्या कर रहा है…
मैं: कुछ नहीं दीदी… तुम्हारी जवानी का मजा ले रहा हूँ.
दीदी: ओह्ह्ह्हह्हह भाई अभी नहीं… अभी चलो पार्टी में.
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फिर हमदोनो पार्टी में चले गए.. पार्टी के रिसोर्ट में थी. वहा मैंने अपने दोस्तों से दीदी को अपनी गर्लफ्रेंड की तरह मिलाया. मेरे सारे दोस्त दीदी का गदराया बदन देख लार टपकने लगे..
प्रकाश: अबे साले तेरी गर्लफ्रेंड तो बहुत पटाखा माल है
मैं: हाँ भाई… वो तो है…
प्रकाश: अबे क्या बड़े बड़े आम है यार और बहुत भारी गांड है तेरी माल की..
मैं: अबे अपनी गर्लफ्रेंड को ताड़.. मेरी माल पर क्यू नजर डाल रहा है…
प्रकाश: भाई रिसोर्ट में रूम भी बुक है… अपनी माल को रूम में लेजाकर अच्छे से चोद लेना.
मैं: ठीक है ब्रो.. तू भी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मस्त एन्जॉय कर.
पार्टी में मैंने और दीदी ने खूब दारू पिया. हम सब डांस कर रहे थे. मैं दीदी को पकड़ कर डांस कर रहा था. दीदी की चूचियां हवा में बहुत उछल रही थी. मैं अपना लंड दीदी की गांड में घिस रहा था और मौका देखकर उनकी चूचियों को मसल देता.. बहुत ही सॉफ्ट चूचियां थी…
दीदी: अह्ह्ह्हह भाई… ये क्या कर रहा है… मेरी चुत गीली हो गयी है..
मैं: दीदी आपके बॉल्स इतने उछल रहे है की कण्ट्रोल नहीं हो रहा है…
दीदी: भाई चल ना कही मजे लेते है.
मैं: ठीक है दीदी… यहाँ रूम बुक है वही चलते है.
दीदी: ओह्ह्ह्हह भाई… ग्रेट.
मैं दीदी को एक कमरे में ले गया और मैंने दीदी को हग कर लिया और किश करने लगा.. दीदी भी मुझे किश कर रही थी… मैं अपने दोनों हाथो से दीदी की भारी गांड को दबा रहा था. बहुत ही बड़ी और चौड़ी गांड थी साली की.. बहुत देर तक मैंने दीदी को किश किया और उसकी चुत्तड़ो को मसला… दीदी की सांसे तेज हो गयी और हर साँसों के साथ चूचियां ऊपर निचे हो रही थी.. मैंने दीदी की चूचियों को पकड़ लिया और दबाने लगा.. इतनी बड़ी बड़ी चूचियों को दबाने में बहुत मजा आ रहा था…
दीदी: आआआहह्ह्हह्ह्ह्ह भाई…
मैं: उफ्फ्फ्फ़ दीदी आपके आम तो मेरे हाथो में नहीं आ रहे है…
दीदी: ऊऊह्ह्ह्हह्ह भाई…. खूब दबा और चूस इन्हे…
मैं बहुत ही जोर जोर से उनकी चूचियों को दबा और चूस रहा था… मैंने ड्रेस की जीप खोल दी और दीदी को नंगा कर दिया… मैं उनके पुरे बदन को चूमने लगा.. वो आह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह की आवाजे निकल रही थी… मैंने दीदी की मोटी चिकनी जांघो को खूब चूमा.. दीदी की बूर पूरी गीली हो चुकी थी… ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
दीदी: भाई जल्दी से चोद मुझे…मैं कब से नंगी लेती हूँ तेरे सामने…
मैं: ठीक है दीदी… तैयार हो जाओ अपने भाई का लंड लेने के लिए..
मैंने दीदी को डॉगी स्टाइल में लिया.. और अपना ८” का लंड पेल दिया उसकी बूर में..
दीदी: आअह्ह्ह्हह भाई… ओह्ह्ह्हह्ह आईईईई.
मैं: उफ्फ्फ दीदी मस्त टाइट बूर है आपकी..
दीदी: भाई चोद अपनी रंडी को… और ले ले जवानी का मजा.
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मैं दीदी की चौड़ी गांड को पकड़ कर चोद रहा था… मेरा लंड दीदी की टाइट चुत का मजा ले रहा था… मैं अपना लंड पूरा निकाल कर फिर पेल देता था… इससे दीदी को चुदाई में बहुत मजा आ रहा था.. उनकी झूलती हुई बड़ी बड़ी चूचियों को मैं दबा दबा कर चोद रहा था…
दीदी: ओह्ह्ह्हह्ह अंकुर मेरे भाई… अपनी बहन की प्यास बुझा दे.. भोग ले मेरा बदन.
मैं: आह्ह्ह्हह दीदी … देखो कैसा मेरा लंड आपकी बूर चोद रहा है…
दीदी: अह्हह्ह्ह्ह भाई कीप फकिंग मी बेबी…आईईईई मेरी चूचियों को दबा दबा कर चोद मुझे…
मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी… दीदी भी बहुत तेज मॉन कर रही थी.. पुरे कमरे में दीदी की आँहो की आवाज आ रही थी.. मेरा बहुत बुरी तरह दीदी की बूर चोद रहा था…
दीदी: आअह्हह्ह्ह्ह भाई… और तेज… फ़क माय पुसी डार्लिंग..
मैं: अह्हह्ह्ह्ह दीदी…
दीदी: ओह्ह्ह्हह आईइइइइइइइ भाई फास्टर फास्टर… कीप फकिंग योर सिस्टर बेबी…
मैं: उफ्फ्फ्फ़ दीदी मैं झड़ने वाला हूँ.
दीदी: अंकुर… अह्ह्ह्हह्हह भाई थोड़ा और तेज चोद अपनी दीदी को मेरा भी निकलने वाला है… ओह्ह्ह माय स्वीट बेबी फ़क मी हार्डर… आईईईई…
हमदोनो बुरी तरह झड गए.. मैंने अपना मूठ दीदी के बूर में ही गिरा दिया… मैंने दीदी के गोरे नंगे बदन को खूब चूमा… फिर हम दोनों नंगे ही लिपट कर सो गए…