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पापा के साथ घर बसाया 5

नवम्बर 19, 2024 by hamari

Horny Daughter Blowjob XXX

नमस्कार दोस्तों, आप सभी का हमारी वासना पर फिर से स्वागत है. आप सबने कहानी के पिछले भाग पापा के साथ घर बसाया 4 में आपने पढ़ा कि माँ की मौत के बाद पापा ने बुआ की मदद से मेरे साथ शादी कर ली. और मेरे साथ सुहागरात मन कर पापा बेटीचोद बन गए. और मुझे भी अपनी कुंवारी चूत में पापा का लंड घुस्वाने में बहुत मजा आया. अब आगे- Horny Daughter Blowjob XXX

सुबह 6:00 टॉयलेट करने के लिए उठी तो भी पापा ने मुझे अपनी बाहों में जकड़ा हुआ था मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने ऊपर से हटाऔर और उठ कर टायलेट में गई शीशे में अपने को देखते हुए मैं शरमा गई बुर के आसपास हमारे पहले प्यार के ढेर सारे सबूत के खून और वीर्य के निशान थे रसभरी रसगुल्ला बुर सूज कर कचौड़ी बन गई थी.

तभी पापा भी पीछे से आ गए और उन्होंने मुझे किस किया और गुड मॉर्निंग शोना बोला मैंने भी पापा को गुड मॉर्निंग बाबू हैप्पी सुहागरात जानूं कहा हम दोनों साथ-साथ फ्रेश हुए। पापा ने मुझे अपनी बाहों में उठाया और चूमते हुए मूझे बिस्तर पर ले आए पापा ने मुझसे पूछा शोना रात में मज़ा आया नींद कैसी आई.

मै शर्माते हुए पापा के सीने पर मुक्के मारती हुई बोली पापा आप बड़े वो हो, पापा ने मेरी आंखों में आंख डालकर पूछा वो क्या, मैं बोली बड़े बदमाश हो, कैसे हूं बदमाश क्या बदमाशी की, आप सब जानते हैं कि मुझे भी बहुत मज़ा आया था मुझे परेशान कर रहे हैं हम बात करते हुए एक दूसरे को किस कर रहे थे और वो मेरी चूचियों को सहला रहे थे.

पापा बोले निशी अभी हमारी सुहागरात अधूरी है आज मैं पूरी करूंगा तेरी पूरी लूंगा मैं पापा को छेड़ते हुए शर्माते हुए बोली पापा प्लीज़ और नहीं मैं मर जाऊंगी आधे को ही लेकर मेरी जान निकल जाती हैं पापा मिन्नतें करने लगे मुझे बहुत अच्छा लगा कि मेरा पापा मेरी बुर लेने के लिए मिन्नतें कर रहा है मैं नखरे दिखा रही थी इन सबसे मेरा मन बहकने लगा मैं गर्म हो गई मेरी बुर का दर्द कम हो गया था.

मैं भी अपना हाथ पापा के सीने पर रख दिया और उनके निप्पल को सहलाने लगी पापा भी खुशी सी से सीसी करने लगे मेरे बालों में हाथ भरने लगे और बोले जानू थोड़ा सा बाईट लो पापा के निप्पल को दांतों से हल्का सा दबाऔर तो पापा सी कर लिए मुझे पापा का निप्पल काटने में बहुत मजा आया।

पापा मेरे कान में बोले जानू क्या मन है एक राउंड सुबह वाला हो जाए अब मेरा मन भी करने लगा मेरी बुर का दर्द हल्का हो चुका था बुर गीली होने लगी। मैंने मुस्कुराते हुए शर्मा कर कहां पापा मुझे और प्यार करना चाहते हो तो पापा बोले हां जानू लेकिन अगर तुम कहोगी तभी मैं तुम्हें और प्यार करूंगा.

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पापा आप मेरी इतनी केयर कर रहे हैं तो मैं आपको कैसे मना कर सकती हूं लेकिन थोड़ा धीरे-धीरे करना दवा के असर से अभी इधर दर्द बहुत कम हो गया है आई लव यू, आपके लिए बुर क्या जान भी हाजिर है पापा खुश हो गए और मुझे किस करने लगे पापा को किस करने लगी पापा बोले बिट्टू और मजा करना है तो 69 हो जाते हैं तुम मेरा लंड पियो तेरी बुर पीता हूं हम 69 हो गए.

मैंने अपनी बुर पापा के मुंह पर रख कर उनका लंड मुंह में ले लिया अल्लाह कसम थोड़ा मजा आने लगा मैं एकदम से कांपने लगी सारा पानी छोड़ दिया पापा सारा पानी बुर से खींच खींच कर पी गया मैंने पापा का लंड उसका खड़ा किया तो पापा ने मुझे पलट दिया और मेरे ऊपर आ गया मेरी दोनों टांगे खोलकर अपने लंड मेरी बुर के नकुए पर घिसने लगा.

मैं काम उत्तेजना में सी आह आह उई मां उई करने लगी और बोली पापा मुझे कुछ हो रहा है प्लीज कुछ करो पापा ने कहा क्या करूं बताओ मैं बोली मुझे शर्म आती है प्लीज करो ना पापा बोले जब तक खुलकर नहीं बोलोगी तो मजा भी नहीं आएगा और मैं भी नहीं करूंगा तो मैं बोली मुझे चोदो पापा बोले और खुलकर बोल मुझे सुनाई नहीं दिया.

मैं बोली मुझे चोदो पापा अपना लंड मेरी बुर में डाल और अपनी सुहागरात पूरी मना लो मेरी कुंवारी बुर ले लो अपनी बेटी को प्यार से चोदना दर्द मत देना मेरी जान आई लव यू। पापा ने अपने लंड को रगड़ते हुए थोड़ा सा नीचे झुका दिया और मेरे बुर के छेद पर लगाकर हल्का सा धक्का दिया पापा का सुपाड़ा अंदर घुस गया और मेरे मुंह से जोर की आहहह निकल पड़ी.

तो पापा ने मेरे होठों को चूम लिया मेरी आंखों में आंखें डालकर धीरे से बोले जानू कैसा लगा पापा मैं और मेरी बुर दोनों आपके हैं मुझको प्यार से चोदो, पापा ने सुपाड़ा बाहर निकाला फिर धीरे से अंदर किया मेरी बुर में 3 इंच घुस गया मैं जोर से सिसकी और पापा को कसकर पकड़ लिया बोलिए पापा थोड़ा धीरे-धीरे करो पापा ने कहा बिट्टू थोड़ा सा सहन करो उसके बाद तुम कहोगी की और जोर से और जोर से करो.

मेरे पापा ने पूरा लंड बाहर खींच लिया और फिर मेरी मेरी टांगों को उठाकर मेरी चूचियों से सटा दिया और कसके पकड़ लिया फिर लंड बुर पर रखकर एक धक्का मारा उनका लंड लगभग 4 इंच मेरी बुर में घुस गया और मैं दर्द के मारे छटपटाने लगी जोर से चीखी सी सी आह आह उई मां उई उई उफ बाबू बोली आई लव यू बाबू आराम से करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

तभी पापा ने मेरे होटों को से बंद किया और मेरी जीभ को चूसने लगे मेरे आंखों से आंसू बहने लगे जिसे पापा ने पी लिया थोड़ी मुझे थोड़ी सी राहत मिली पापा मैं अपना लंड धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू किया मेरी बुर पानी छोड़ने लगी मुझे मजा आने लगा तभी पापा ने एक जोर का धक्का लगाऔर 1 इंच लंड और अंदर कर दिया मैं छटपटाने लगी एकदम से तड़प गई.

पापा फिर से लंड बाहर खींचा और फिर अंदर किया अब पापा का लंड 6 इंच मेरी बुर में आने जाने लगा मैं आनंद से आसमान में उड़ने लगी पापा बोले जानू अब तक कैसा है मैं बोली पापा थोड़ा कम हो गया है अब मजा भी आ रहा है तो पापा बोले अगर कहो तो बचा हुआ लंड भी भी तेरी गरम बुर में डाल दूं और प्यार करूं तो हम दोनों को मज़ा आएगा.

मैं बोली पापा मेरी जान लेना चाहते हो इतने में ही आपका लंड मेरी बच्चेदानी के अंदर घुसने की कोशिश कर रहा है नाभी तक पहुंच गया है तो पापा बोले जानू मैं तुम्हारी हिम्मत की दाद देता हूं तुम मुझसे इतना प्यार करती हो आई लव यू जानू तुम थोड़ी सी हिम्मत और करो तो यह पूरा लंड ले लो तो तुम जन्नत की सैर करोगी थोड़ा सा दुखेगा मैनेज करो.

मैं बोली पापा मैं आपको बहुत प्यार करती हूं तभी मैं इतना दर्द लेते हुए आपका लंड अपनी बुर में लिया अगर आप चाहते हो तो अपनी बहन की बुर में 1 इंच और डाल दो पापा ने मेरी कमर को पकड़ कर अपने लंड को बाहर निकाला और एक जोरदार धक्का लगाऔर तो मैं बुरी तरह तड़प उठी आ आ मर जाऊंगी आ आआह सी सी ऊफ ऊई मां सी पापा निकाल लो बस करो पूरा 7 इंच मेरी बुर में बच्चेदानी तक घुसा हुआ था.

मैंने पापा से कहा प्लीज़ पापा अभी इतने से ही कर लो अगर और अंदर घुसा तो मैं निश्चित ही मर जाऊंगी पापा बोले शोना बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है निकाल लूं क्या मैं बोली नहीं पापा आप अपना काम धीरे-धीरे कर लो पापा ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया , टांगों को मेरे कंधे से लगा दिया और कसकर पकड़ लिया.

उन्होंने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी बुर पर रखा वह इतना मोटा था कि मेरी पूरी बुर छुप गई थी उन्होंने बुर की पुत्तियों को चियार कर अपना सुपाड़ा छेद पर रखा और एक धक्का मारा लंड 1 इंच अंदर घुस गया फिर खींच और एक और धक्का मारा तो लंड 4 इंच अंदर घुस गया फिर तीन चार बार अंदर बाहर किया अब मेरी बुर 6 इंच अंदर लेने के लिए रंवा हो गई थी.

मुझे आराम हो गया और थोड़ी सी ky jally उंगलियों में लेकर मेरी बुर में अच्छी तरह से लगा दी फिर पापा ने मुझसे कहा शोना मेरा लन्ड अपने बुर में लगाओ मैंने लंड पकड़ कर अपनी बुर के छेद पर लगा दिया पापा ने मेरी चूचियों को मसलते हुए 3-4 धक्के में धीरे धीरे अपना लंड मेरी बुर में 7 इंच बच्चेदानी में घुसा दिया और धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगे.

जैली की वजह से थोड़ी देर में दर्द नहीं हो रहा था मुझे मजा आने लगा फिर उन्होंने मुझे और कस के पकड़ा और बोले जानू अपने मुंह में कच्छी को डाल लो मैं डर गई और मैंने डरते डरते रिक्वेस्ट की प्लीज़ बाबू पूरा नहीं, मैं मर जाऊंगी प्लीज़ बस एक इंच ही डालना और मैंने कच्छी को अपने मुंह में भर लिया.

और मैं समझ गई कि अब पापा फिर से ठोक कर दर्द देने वाले हैं। पापा मेरे ऊपर लेट कर कंधा पकड़ कर एक जोर से धक्का लगाऔर तो लंड 1 सेंटी मीटर अंदर घुस गया मैं उई मां पापा आराम से पापा ने फिर से एक धक्का लगाऔर तो इस बार 1इंच और अंदर घुस गया मैं चीख पड़ी आ आ मर जाऊंगी आ आआह सी सी ऊफ ऊई मां सी पापा बस स्स बस और नहीं पापा प्लीज़.

पापा रूक गये अब 8 इंच मेरी बुर में खूंटें की तरह धंसा हुआ था ह मेरी नाभी ऊपर की तरफ खिंच गई थी पापा झुके और मेरी एक चूची को मुंह में भरकर पीने लगे और दूसरी को दबाने लगे जिससे मुझे मजा आने लगा और मेरा दर्द कुछ काम हो गया फिर पापा ने मेरी आंखों में डालकर पूछा करूं तो मैं पानी भरी आंसू भरी आंखों से इशारा किया पापा चोदो.

मेरी बुर से पापा ने लंड बाहर खींचकर एक भयंकर जोर का धक्का मार अब पापा का लंड पूरा 9 इंच मेरे बुर की दीवार को चीरते हुए अंदर घुसता हुआ मेरे दिल को छूने लगा मैं चीखी सी सी आह आह उई मां उई उई उफ बाबू बोली आई लव यू बाबू आराम से करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है मैं मर जाऊंगी पापा प्लीज निकाल लो सी सी आह आह उई मां उई उई उफ मर गई मां और उस बेतहाशा दर्द से कर बेहोश हो गई।

पापा जानते थे कि कि दर्द ज्यादा है पर अपने मज़े लेने के लिए उन्होंने लंड बाहर नहीं निकाला वहीं रूक गये और मेरे मुंह पर पानी की छींट डाली मैंने कराहते हुए धीरे से आंखें खोली पापा तुरंत मेरी आंखों को चूमने लगे और मेरे आंसू पी गये थोड़ी देर बाद पापा बोले शोना अब कैसा महसूस हो रहा है तो मैं बोली अब दर्द में राहत है पापा मुस्कुराने लगे और पूछा अंदर डालूं.

मैं डरते हुए बोली न न न पापा बहुत दर्द हुआ था मैं दोबारा बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी पापा बोले बेटू मैं धीरे-धीरे करके करूंगा वो आई लव यू , मैं बोली आई लव यू टू जानू मेरी दर्द से जान निकल रही है लेकिन मजा भी आ रहा है पापा धीरे धीरे अपना लंड अंदर बाहर करने लगे अब मेरी दर्द वाली चीखें आनंद वाली सिसकारियों में बदल गई थी आ आ सी ई उ आ आआह सी सी ऊफ ऊई मां सी.

पापा झुके और मेरी चूची को मुंह में भरकर पीने लगे जिससे मुझे मजा आने लगा और मेरा दर्द कुछ कम हो गया अब पापा का पूरा 9 इंच लंड मेरी छातियों में घुस रहा था कितनी दर्दनाक चुदाई हो रही थी आप सोच कर देखो 15 साल की नई जवान लड़की और 36 साल का जवान ताकतवर मर्द, जैसे मासूम बकरी को बब्बर शेर दबोच कर चोद रहा थे.

मैं सी सी आह आह उई मां उई उई उफसी सी आह आह उई मां उई उई उफ करती नीचे दबी चुदवा रही थी पापा चोदते हुए मेरी चूचियों को पीते हुए दूसरी को जोर जोर से दबा रहे थे आ आआ अह आह और फिर पापा ने थोड़ी स्पीड और बढ़ा कर मुझे चोदने लगे मैं दर्द और आनन्द से सी सी आह आह उई मां उई उई उफ कर रही थी.

लगभग 100 धक्के लगाने के बाद पापा ने मेरी बच्चेदानी में ढेर सारा गर्म गर्म लावा भर दिया ऐसा लगा कि जैसे सूखे खेत में पानी की बारिश हुई हम दोनों पसीने से लथपथ हो कर एक दूसरे को मुस्कुराते हुए निहार रहे थे मैं शर्माते हुए बोली ऐसे क्या देख रहे हैं पापा बोले निशी तुम कितनी अच्छी लग रही हो तुमने मुझे बहुत मज़ा दिया, आई लव यू बेटू.

मैं शरमा कर बोली आप बहुत ज़ालिम हो मेरी जान निकाल दी पापा मेरे ऊपर निढाल हो कर लेट गए थोड़ी देर बाद पापा मेरे ऊपर से नीचे उतर कर बराबर में लेट गये फिर मैंने अपने हाथ को नीचे ले जा कर उनके हथियार पर जिस ने मुझे जन्नत की सैर करवाई थी मुझे कली से फूल बना दिया उसपर अपना हाथ रख कर उसको सहलाते हुए पापा को चूमने लगी.

अपने कपड़े ढूंढने लगी तो देखा मेरी ब्रा और पैंटी पापा के नीचे दब गई थी और पापा आज काफी दिनों के बाद चेन की नींद सोये हुए थे आज मुझे पापा के सामने पूरी नंगी होने पर शर्म नहीं बल्कि एक अलग ही तरह से उत्तेजना हो रही थी, मेरी दोनों जांघों में, अभी भी दर्द ही हो रहा था मैं ठीक से चल भी नहीं पा रही थी।

एक ही रात में पापा के जालिम हल्लबी लंड ने मेरी चाल बदल दी थी, मैं मुस्कुराती हुई अपनी जाँघें चौड़ी करके और धीमे कदमों से चलती बाथरूम में चली गई। बाथरूम में मैंने आप को आने में देखा तो मेरे बदन पर चूचियों पर कितने काटने के निशान थे, जो पापा के दांत से बने थे। मैने महसूस किया कि मेरी चूचियां एक रात में ही कुछ बड़ी सी लग रही थी.

उन निशानों को देखकर मैं शर्मा भी रही थी और मुस्कुरा भी थी और पापा के साथ रात को बिताये प्यार के पलो को याद करके मुस्कुरा भी रही थी क्यों कि ऐसा प्यार मुझे पूरी जिंदगी में कभी नहीं मिला था और मैं मन ही मन पापा की मर्दानगी कि कायल हो गई थी। एक ही रात में पापा ने मुझे कली से फूल बना दिया था।

इन्हीं सोचो ने मुझे ये एहसास दिलाना चाहा कि मर्द का प्यार क्या होता है। पापा जिसने मुझे दर्द और आनंद एक साथ दिया हो और दर्द में भी सुख की अनुभूति हो रही थी। पर एक काटने का निशान जो मेरे गाल पर था वो मुझे परेशान कर रहा था और यही सोच रही थी कि मैं कैसे किसी के सामने जाऊंगी अगर रिंकी ने उस निशान के बारे में कुछ पूछा तो क्या कहूंगी फिर सोचा खेर जो होगा देखा जाएगा.

और जैसा है मैंने अपने टांगों को खोला और अपने टांगों के बीच देख कर मैं आईने के सामने खड़ी मुस्कुराने लगी एक ही रात मैं पापा ने मेरी चूत की क्या हालत बना दी थी कितनी खुल गई थी मेरी चूत। खुलती भी क्यों नहीं रात भर पापा ने अपना पाइप जैसा मूसल लंड मेरी टांगों के बीच फंसा कर जो रखा था।

मैं मूतने लगी तो पेशाब गिरने की आवाज बदल गई थी और सीटी की आवाज थोड़ी मोटी हो गई थी एक ही रात में मेरे पूरे बदन पर पापा के वीर्य के निशान थे जो सुखाकर पपड़ी के जैसे मेरे बदन पर चिपके हुए थे। अपने बदन पर पापा का बहुत पपड़ी की तरह जमा मुझे पापा के प्यार का एहसास करा रहा था।

शरीर के हर अंग को खूब साबुन मल कर नहाऔर और जब भी मैं अपने शरीर के किसी भी अंग को छूती और साबुन लगाती तो मुझे वो पल याद आ गया कि कैसे पापा ने रात में मेरे उस अंग को अपने हाथ की हथेली से सहलाऔर था, उस अंग को मसला था, अंगुठे और उंगली से निचोड़ा था और अपने होठों से चूमा था, चाटा था और अपने दांतों से काटा है, हां फिर जीभ की नोक से हिलाऔर और चोदा था।

जैसे ही उन पलों को याद करती तो मैं सिहर उठती, रोये खड़े हो गए, सांसे बढ़ने लगी, आंखों में खुमारी का इज़ाफा होने लगा और जिस्म हल्का होकर आसमान की ऊंचाईयों में उड़ने लगा। मेरे बदन पर जहां पापा के वीर्य लगा था जो अब सूख कर पपड़ी के जैसा हो गया था बाथरूम में पानी बूंदे मुझे आज अपने जिस्म पर पड कर एक अलग ही एहसास करा रही थी.

हालांकी पापा ने मुझे रात को मुझे बड़ा बेदर्दी से मसल मसल कर चोदा था पर फिर मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसा मेरा बदन काफी हल्का हो गया हो और मेरे हाथ खुद ही मेरी चुचियों पर चले गए जिनको पापा ने इतने जोर से मसला और चूसा था और वो अभी तक लाल थी और जैसे ही आज मैंने अपनी चुचियों को अपने हाथो मैं भर कर भीचा तो मुझे ऐसा लगा कि मानो मेरी चुचिया कल रात पापा के चूसने से बड़ी हो गई हो.

ये मेरे लिए एक नई बात थी कि कैसे इक ही रात मैं चुचिया मसलने से मुझे बड़ी लग रही थी और तभी मैंने अपने हाथो से अपनी चूत को खोला तो मुझे आज अपनी चूत का छेद कल के मुकाबले काफी बड़ा लगा। मेरी चूत का छेद एक ही रात मैं पापा ने अपना मूसल लंड डाल कर इतना बड़ा कर दिया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मैंने ध्यान दिया मेरे बदन पर जगह पापा के होठों के निशान थे मेरी चुचियो पर मेरी जांगो प्रति मेरे गालो प्रति पेट पर मैं उन निशान को देख कर शर्मा रही थी पर फिर मुझे ध्यान आया घर कौन ही जो ये सब देख कर मेरा मज़ाक उड़ाएगा और मुझे मुस्कुरा कर मल माल कर नहाने लगी।

मैं नहा कर ऐसी ही बाथरूम से बाहर आ गई आज से पहले मैं कभी बाथरूम से बाहर ब्रा पैंटी मैं भी नहीं आई थी और आज मैं सिर्फ तौलिया लपेट कर सिर्फ नंगी बदन कर सकती हूं. पापा के रूम यानी हमारे ही बेडरूम में आ गई थी मैं वहा आइना के सामने तैयार होने लगी कि तभी मुझे लगा कि कोई ही बेडरूम में है, भूल जो बेडरूम में है.

वो मेरे साजन जो मेरा सब कुछ देख चुके हैं, मैं चौकते हुए पीछे मुड़ी तो देखा तो पापा अभी भी सो रहे थे तो पापा को सोऔर देख कर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई और खुद ही अपने तौलिये को नीचे गिरा कर धीरे से बोली, सारी रात सोने नहीं दिया और अब कैसे आराम मिले और नंगी आने के सामने खुद को सजाने लगी.

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पापा अभी भी गहरी नींद मैं सोए थे और उनका लंड भी कुल कड़क होकर सीधा खड़ा हुआ था जैसे कि मुझे सलामैं दे रहे हो। पता नहीं, अब मुझे हमारे समय पापा के कमरे में मजबूरी होती हुई शर्म नहीं आ रही थी, बाल्की एक अलग ही तरह की एक्साइटमेंट हो रही थी, मैं वही खडी हो कर तैयार होने लगी तो आने मैं अपनी चुचियों को देख शर्मा गई.

क्योंकि मेरी चुचियों पर जगह लाल निशान जिनको देख कर कोई भी आसन से समझ सकता था कि चुचियों को पापा ने इन्हें कितनी बेदर्दी से मसला और चूसा होगा। मैं ऐसी ही मुस्कुराती हुई जल्दी से तैयार होने लगी। मैंने अलमारी में एक बहुत सुंदर काले रंग की साड़ी देखी, उसका मैचिंग ब्लाउज और पेटीकोट निकला।

और वहा पड़े ब्रा पैंटी के सेट से एक नई ब्रा पैंटी का सेट निकला। मैंने ब्रा और पैंटी को पहन कर पेटीकोट को पहना जो कि बहुत ही मुलायम कपड़े का था उसके बाद मैंने ब्लाउज उठाया और पहनने लगी तू मुझे कुछ टाइट लगा, लेकिन मैं जैसे तैसे करके उसे पहन लिया। ब्लाउज स्लीवलेस, डीप नेक बैक कम था।

ब्लाउज सामने की तरफ से बहुत छोटा था जो सिर्फ मेरी चुचियों की लाइन में आकर खतम हो जाता था और पीछे से सिर्फ एक पतली से डोरी से बांधा जाता था और अगर डोरी को खोल दिया जाता है तो ब्लाउज पूरा उतार सकता था। मुझे एक अजीब सी फीलिंग हो रही थी फिर मैंने सोचा पापा अगर चाहते हैं कि मैं ऐसे कपड़े पहनूं जिस्म में सेक्सी दिखाऊं।

तो फिर मुझे क्या ऐतराज हो सकता है आखिर मुझे पापा को ही तो अपनी जवानी से रिजाना था। मेरा ये ब्लाउज टाइट होने की वजह से मेरी चुचिया तनकर खडी हो गई थी और उनको संभालने के लिए ब्लाउज काफी छोटा था। मेरी चुचियों का ऊपर हिसा काफ़ी हद तक उजागर हो गया था और बहुत ही सेक्सी लुक दे रहा था।

मैंने अपने पेटीकोट को अपने नाभि से करीब 3 इंच नीचे बंद दिया, जिस से नाभि का एरिंकीपूरा का पूरा दिखाई देने लगा। फिर मैं साडी बांधी, उसके बाद ड्रेसिंग टेबल के सामने जाकर अपना मेकअप करने लगी खास करके जो मेरे गाल पर काटने का निशान था फाउंडेशन से धकने लगी जिस्म में काफी हद तक कामयाब हो गई मैंने अपने बालों को खुला छोड़ दिया।

मेरे बालों से अभी भी पानी की बूंदे गिर रही थी इसलिए मैंने अपने बालों को खुला छोड़ दिया और बाहर जाने से पहले एक नज़र पापा की और देखा जो अभी भी गहरी नींद में थी उनकी और देख कर धीरे से बोली देखो अब कैसे सो रहे है सारी रात मुझे सोने नहीं दिया कितनी बेरहमैं से मुझे मसलते रहे और अब खुद आराम से सो रहे है और फिर मुस्कुराते हुए जल्दी से बेटियां के कमरे की और चल पड़ी।

मैं तैयार हो कर बेटियां के कमरे की और गई और उनको उठाया और खुद पापा के लिए चाय बनाने किचन में चली गई चाय ले कर कमरे में आई तो देखा पापा अभी भी नींद में थे। सोते हुए पापा पर मुझे बड़ा ही प्यार आ रहा था। मैंने चाय की तरफ, राखी और अब मैंने भी शरारत से अपने होठ पापा के होठों पर रख दिए और पापा के होठों को चूमने लगी.

पापा मेरे इस तरह जगने के तारिके से इतने खुश हुए कि उनको ने मुझे बाहों में भर लिया और मेरे होठों को चूसने लगे. कुछ देर हम दोनो के होठ इसी तरह मिल रहे और फिर पापा मेरी आंखो मैं आंखे डाल कर बोले बड़ी जालिम लग रही हो और अपने हाथों को मेरे ब्लाउज के हुक पर ली जा कर मेरे ब्लाउज के हुक खोलने लगे.

तो मैं पापा की बाहों से निकलने की कोशिश करती हूं, ये क्या कर रहे हैं पापा, अपनी जान को प्यार तभी मैंने अपने आप को पापा की बाहों से आजाद किया और एक अदा से मुस्कुराऔर उनसे कहा रात को क्या काम किया था प्यार चलो उठे ना चाय ठंडी हो जाएगी और इतना कह कर मुस्कुराती हुई पापा की देखी हुई बहार जाने लगी.

तो पापा ने चाय का कप मेरी और बड़ा कर कहा जान जाने पहले इसको तो मीठा करती जाओ तो मैं मुस्कुराते हुए बोली मीठी है अब जल्दी से फ्रेश हो जाओ.. पापा; डार्लिंग तुम फ्रेश हो ना मुझे अपनी बाहों में भर लो तो मैं तुम्हारे साथ फ्रेश हो जाऊंगा.

मैं मुस्कुरा कर आप भी ना अब उठ जाएं और मुस्कुराती पापा की आंखें मैं देख कर पापा से कहने लगी पापा अब भी बिस्तर पर लेटे हुए थे अपने सीने को सहला रहे थे. उनकी तरफ अंडरवियर उछाल कर बोली, इसको अंदर कर लीजिये तो पापा अपने लंड को सहलाते हैं मुस्कुराते हुए बोले पास आओ कर दें अंदर पापा के इशारा अपने लंड को मेरी चूत के अंदर करने का था.

तो मैं थोड़ी शरमाते बोली, क्या आप भी ना और जल्दी से मैं बाहर जा कर बच्चों को तैयार करना ही और पापा अभी भी अपने कमरे में जब तक बच्चों के स्कूल जाने का वक्त हो चला था तो मैंने पापा को बाहर से आवाज दी अज़ी सुनते हो, रिंकी के पापा आओ ना बच्चों को स्कूल में देर हो जाएगी तो पापा ने अंदर से मुझे आवाज़ दी, आता हु डार्लिंग पहले आ कर मुझे कपडे दे दो।

पापा के मुँह से मेरे लिए डार्लिंग शब्द बेटियां के सामने सुन कर मैं अपने आप मैं शर्मा गई और उठ कर रूम मैं पापा के पास चली गई और थोड़ा गुस्से से पापा से कहने लगी क्या आप भी ना कुछ तो शर्म करो बच्चों से सामने कैसे बुला रहे ही .अकेले मैं तो ठीक ही पर बच्चों के सामने आप.

तो इस पर पापा ने मुझे मेरे लिए कुछ और बोलने से पहले ही मेरा हाथ पकड़ कर अपना पास खींच लिया और मुझे अपनी बांहों ने मैं भर लिया और मेरी आंखो मैं देखने लगे जिस से मैं शर्मा गई तो कहने लगी ये आप क्या कर रहे कृपया छोड़िऔर ना बचे अंदर आ जाए पर समय पापा ने मेरी बात को अनसुना करके मेरी आंखो को देखा रहे.

और अपने होठों को मेरे होठों के बहुत करीब ले आए कि मुझे उनकी सांसे सुनाई दे रही थी. पापा मेरे झुल्फो को जो मेरी गालों को छू रही थी हमें नफरत बोले जान क्या कयामत लग रही हो मैं मुस्कुराता हूं उनकी आंखें देखने लगी और मैं कुछ और कहती तभी पापा ने अपने होठ मेरे होठों पर रख दिये दिए और मेरे होठों को चूमने लगे.

और कहने लगे क्या हुआ जानू अपनी डार्लिंग को डार्लिंग ना कहू तो क्या कहू। पापा के इस रोमांटिक अंदाज से मन ही मन बड़ी खुश थी फिर भी थोड़ा सा मुंह बना कर बोली क्या बच्चों के सामने मुझे ऐसे बोलना अच्छा लगता है तो पापा का हाथ जो मेरे दो पर था उससे मेरे दो पर दबते हुए बोले तो फिर तुम भी बताओ मेरी रानी उनके सामने क्या कहूं जो तुम्हें अच्छा लगता है मुझे तो अपनी जान हो ऐसे ही बोलना अच्छा लगता है.

मुझे लगा कि पापा से अब आगे बढ़कर करना अच्छा नहीं लगेगा क्योंकि मैं जानती थी कि वो मानने नहीं वाले थे तो मैं भी मुस्कुराती हूं कहो आप मानोगे नहीं जो मर्जी कहे आप की मर्जी पर पहले जल्दी से बच्चों को स्कूल छोड़ आए ताकि उनको देर न हो जाए और मुस्कुराती खिलखिलाते उनकी बाहों से निकल कर बाहर को आ गई.

पापा भी कुछ ही हूं, मैं तैयार हो कर मेरे पीछे-पीछे आ गई और दोनों बेटियों को ले कर स्कूल जाने लगे तो छोटी बेटी बोली मां किसी को तो दो मैं नीचे बैठी तो रिंकीने अपनी बेटी मेरे गले मैं डाल दी और प्यार से मेरे गालों को चुमते बोली मम्मा आज आप बहुत क्यूट लग रहे हो तो मैंने मुस्कुराते हुए रिंकीको चूम लिया और कहा अब पापा के साथ स्कूल जाओ.

रिया; मम्मा आप ने मुझे पप्पी की पापा को भी तो करो पप्पी वो भी स्कूल जा रहे हैं.

रिंकी की बात सुन मैं मुस्कुरा पड़ी और पापा की आंखे देखने लगी तो पापा मुस्कुराते हुए आंखों के इशारे से कह रहे थे पप्पी का तो मैंने रिंकी के कपडे ठीक करते कहा बेटा तेरे पापा को अभी पप्पी नहीं मिलेगी अभी वो गंदे ही नहाए नहीं है ना जब नहा लेंगे तब दे दूंगी उनकी भी पप्पी..

रिंकी थोड़ी चंचल थी और वो बहुत जल्दी बात को पकड़ लेती थी उसकी नज़र मेरी चुची पर जहां पापा के दांतो के निशान थे वो देख कर बोली मम्मा आपके दूध पर ये कैसा निशान तो मैं शर्मिंदा हुई वो मच्छर ने काट लिया था और पापा की और देख कर मुस्कुराने लगी।

मैं उनको बहार जाते देख कर मुस्कुरा रही थी कि तभी पापा ने पीछे मुड़कर देखा, मुझे आंख मारी जिस से मेरे गाल फिर से गुलाबी हो गई, मैं समझ गई थी कि पापा का इशारा किस और वो बस दोनों बेटियों को छोड़ कर आ कर सिर्फ और सिर्फ मुझे प्यार करने वाले थे।

उनके जाते ही मैं जल्दी से जल्दी घर के कामों मैं लग गई क्योंकि मैं जानती थी जब पापा आ जाएंगे मुझे कोई काम नहीं करने देंगे और बस मुझे लेकर बहनें पर प्यार ही करते रहेंगे। मैंने पापा के जाते ही सब से पहले अपने कमरे को ठीक करने के लिए कमरे में आई तो वहां की हालत देख कर खुद ही शर्मा गई।

बिस्तर पर कुचले फूल और मेरी टूटी हुई झूले और साथ मैं कुछ मेरी टूटी हुई चूड़ीयो पड़ी थी और साथ मैं बिस्तर पर काई जगह मेरी चूत से निकले हुए खून के निशानों के साथ मेरी चूत से निकले पानी के साथ पापा के लंड के वीर्य के निशान जो अब सुख कर अपनी मजूदगी साफ बयान कर रहे थे.

उस रात को किस कदर पापा ने मुझे मसल मसल कर चोद कर सुहागरात मनाई थी मेरी कितनी जबरदस्त चुदाई की थी मेरी आँखों के सामने बार बार रात का मंजर आ रहा था कि पापा मेरे ऊपर चढ़े मुझे कली से फूल बना रहे. मैं दर्द और मज़े से कितना चीख रही थी मेरा पूरा बदन दर्द से टूट रहा था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मैं तो शूकर कर रही थी इस समय घर मैं मेरे इलावा और कोई नहीं था जो पापाकी ये हालत देखता। अगर कोई बहन की ये हालत देख लेता और मुझसे पूछता तो शर्म से मर ही जाती मैं जल्दी से बहन को ठीक किया और अलग जमीन पर पड़ी अपनी ब्रा पैंटी को उठाया जिस पर मेरी और पापा के लंड का पानी सुख कर डब्बा सा हुआ था मैंने जल्दी से वहा से इन सब चीज़ों को हटाया.

तो उनको धोने के लिए तब मैंने डालने ही वाली थी कि कुछ सोच कर रुक गई और उन सब चीज़ों को समेट कर संभाल कर रख लिया क्योंकि ये सब मेरी शगुन की निसानी थी इसलिए मैंने अपनी सुहागरात की निशानी को याद के टूर पर संभल कर रख लिया। और फिर गुनगुनाते हुए घर मैं बाकी कमो मैं लग गई।

मैं किचन, मैं अपने पति (पापा) के लिए प्यार से नास्ता बनाने में लग गई, क्योंकि मैं जानती थी कि पापा घर आ गए तो दरवाजे तक नास्ता बनाना, कुछ भी नहीं करने देंगे वो तो बस मुझे एक ही काम करने देंगे मुझे अपनी गोद में बिठा कर बस प्यार करते रहेंगे, किचन में नास्ता बना रही थी कि मुझे इस बात का पता ही नहीं चला, कब पापा मेरे पीछे आ कर मुझसे सात कर खड़े हो गए।

मैं पहले थोड़ा चौंकी पर फिर पापा को अपने पीछे देख कर मुस्कुरा उठी तो पापा ने अपने दोनों हाथ आगे बड़ा कर मेरी कमर से मेरी बगलों से होते हुए मेरी साड़ी के नीचे मेरे नंगे पेट पर रख दिये और मुझे अपने से चिपका लिया. मैं खाना बनती मुस्कुराती बोली क्या कर रहे हैं ही देखिये ना मैं नास्ता बना रही हूँ।

पापा मेरे साथ इस तरह से चिपकने से कि मुझे पापा का खड़ा लंड अपनी गांड में बहुत साफ महसूस हो रहा था.. पापा मेरे नंगे पेट को अपने हाथ की उंगलियों से सहला रहे थे गुदगुदी कर रहे थे और साथ ही पीछे से अपने कमर को ऐसे हिला हल्के हल्के हिला कर आगे पीछे कर रहे थे कि मानो मुझे खड़े खड़े ही चोद रहे हो.

मैंने अपने दोनों हाथ पापा के हाथो पर रख दिए पापा की इस हरकत से मुझे शर्म भी आ रही थी और मैं गरम भी हो रही थी कि पापा ने अपनी नाक मेरी कली घानी झुल्फो मैं रख दी और और मेरी झुल्फो की महक लेते हुए मदहोशी मैं धीरे से बोले निशी मेरी जान आई लव यू.

पापा के इस रोमांटिक अंदाज में मैं मस्ती में मदहोश होती जा रही थी और मेरी आंखे भी बंद होती जा रही थी मेरा पूरा बदन कांप रैप रहा था मैंने बस इतना ही कहा जी प्लीज ये क्या रहे है आप तो पापा ने मेरी झुल्फो को मेरी गार्डन से हटा कर मेरी गार्डन पर अपने महीने रख कर बड़े प्यार और नशे की आवाज भी बोले कुछ नहीं मेरी रानी मैं तो बस अपनी मलिका को प्यार कर रहे हैं और मेरी गार्डन को चूम रहे थे.

मेरे आँखों पापा के होठों को अपनी गर्दन पर महसूस करते ही, बंद हो गए… पूरा बदन टूट गया… मेरे हाथ अभी भी पापा के हाथ ऊपर थे… और वो अपने हाथों से मेरे पैरों को मसलते हुए, मेरे चूचों के तरफ बढ़ रहा था… मैं एक दम मदहोश से होती जा रही थी और पापा के हाथ को रोक नहीं पा रही थी..

धीरे-2 पापा के दोनों हाथ मेरे चुचियों पर आ फुंचे……. और ब्लाउज के ऊपर से मेरे मम्मों के निपल्स को अपनी उंगलियों में लेकर मसलने लगा… “आह जी धीरे” मैं एक दम चूस उठी…. कि तभी पापा ने मुझे अपने से और चिपका लिया, जिस कारण मुझे ऐसा लग रहा था कि उनका लंड मेरी साड़ी के साथ ही मेरी गांड में फंस गया हो।

मैं किचन मैं है खडी मदहोश हो रही थी मेरी पैर लड़खड़ाने लगे कि पापा ने अपने होठों को मेरे गले पर रख दया… और मेरे बगीचे को चूमने लगे और कभी मेरे चिकने गोरे गालों को चूमने लगे… मेरी आंखें पापा के हाथों का स्पर्श अपनी गर्दन पर महसूस करते ही, बंद हो गई… पूरा बदन टूट गया… मेरे हाथ अभी भी पापा के हाथों के ऊपर थे…

मैं तड़प उठी फिर भी शर्म से उनको रोकने के लिए जल्दी आवाज मैं बोली ये क्या जी नास्ता तो बनाने दो ना क्या कर रहे हो पर पापा थे कि जो मेरी बात सुने बिना ही अपना काम किये जा रहे थे उनके होठ मेरी गर्दन को चूमते चूमते उन्हें ने मेरे कानों के कानों को अपनी बाहों में दबा कर चूसने लगे और मदहोशी मैं बोले जान नाश्ता है तो कर रहा हूं.

और मेरी चुचियो को मसलते बोले रानी नास्ते मैं दूध तो पिलाओ मैं पागल हो उठी और मुझसे से अब खुद को कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था तो माइने पलट कर अपनी दोनो बहे पापा के गले मैं दाल दी और अपने जोड़े को थोड़ा ऊपर उठाया कर अपने होठों पर रख कर उनके होठों को चूसने लगी।

हम दोनों एक होठ ऐसे जुड़े हुए थे कि मानो के जैसे किसी फेविकोल के साथ जूड़े हो और अब मैं पापा के होठों को अपने होठों पर दबाये बड़े प्यार से चूस रही थी। कुछ देर इसी तरह होठों को दोस्त, ने के बाद जब मैं उनसे थोड़ा अलग हुई और उनकी आंखो ने देखा तो शर्मा कर खुद ही अपनी आंखे बंद कर ली और इठलाते हुए बोली क्या जी ये क्या कर रहे ही मुझे काम करने दीजिए ना.

तो पापा मुझे बांहों मैं भारत बोले काम ही तो कर रहा हूं मेरी जान। फिर से मुझे बाहों में भरते हुए बोले क्या कर रहा हूं मेरी जान मैं तो बस अपनी रानी को प्यार कर रहा हूं मेरी जान तुम इतनी नमकीन हो और तुझे जितना भी प्यार मेरी रानी उतना कम है.

फिर पापा ने अपने होठ मेरे रस भरे होठों पर रख दिए और उसे चूसने लगे। अब मैं भी पापा के चुम्बनो का मजा लेने लगी हम दोनों की जीभ अब आपस में टकरा रही थी कि पापा ने मेरी जीभ को अपने होठों पर दबा कर खींच लिया और मेरी जीभ को चूसने लगी।

पापा और मेरी दोनों की गरम सांसे एक दूसरे से टकरा रही थी मुझे चूमते चूमते पापा ने ढेर से मेरी साड़ी का पल्लू पकड़ा और उसको नीचे गिरा दिया और अपना एक हाथ मेरे ब्लाउज के ऊपर से मेरी चूची पर रख दिया और उसे फिर से मसलने लगे.

कुछ देर इसी तरह मुझे बाहों में लेने के बाद पापा ने मुझे अपने से थोड़ा अलग किया और मुस्कुराते हुए अपने हाथ में मेरे ब्लाउज के हुक पर ले आए, मुझे समझ आ गई थी कि आगे क्या होने वाला ही तो मस्ती, मैं सिसकती हुई मैंने अपनी आंखें बंद कर ली कर ली तो पापा ने धीरे-धीरे से मेरे ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए.

और उससे मेरी बाह से निकलने लगे तो मैंने अपना हाथ बड़ा उनको अपना ब्लाउज उतारने में मदद की और पापा की आंखो मैं देख कर बोली आप यहां क्या कर रहे किचन में कोई आ गया तो लेकिन पापा ने कहा कि मेरी सुन्ते उन्हें ने मेरा ब्लाउज जो कुछ देर पहले मेरे बदन पर था अब वो नीचे ज़मीन पर पड़ा था।

मेरी ब्रा मैं एकदुम कैसी हुई चूचियां पापा की आंखो के सामने थे तो मैं शर्म से मुद गई पापा ने मुझे फिर से अपनी बाहों में जकड़ लिया और इस बार तो वो मुझे पगलो की तरह चूमने लगे अपने होठों को मेरे चेहरे पर रगड़ने लगे पापा की गरम साँसें अपने गालों पर कार मैं और भी गरम हो उठी थी.

मैं पापा की बाहों में कसम खाने लगी और मस्ती मैं अपना मुँह इधर उधर झटका रही पापा का दूसरा हाथ मेरे पीछे मेरी गांड की खबर ले रहा था जिस पर वो कभी प्यार से और कभी जोर से थप दे देते। मेरी चूची और गांड से खेलते हुए पापा ने अपना हाथ आगे ले कर मेरी साड़ी को पकड़ा और खोलने लगे.

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तो मैं उनकी बाहों से निकल गई और मुस्कुराती प्यार से बहार की और जाने लगी पी और पीछे मुड़ कर पापा की आंखो मैं देख मुस्कुराती हाथ से उनको इशारा करती बेडरूम की और चलने लगी. मेरा इस तरह इशारे पर पापा के दिल कितनी जोरो से धड़कने लगा, मैं समझ सकती हूं कि पापा किसी पथर की मूर्ति की तरह मेरे पीछे दम हिलाये आने लगे।

पापा मेरे पीछे आये और पापा ने आगे खराब कर मेरी साड़ी का पल्लू पकड़ लिया मैं घुमती इस से मेरी साड़ी खुल कर पापा के हाथ मैं आ गई और पापा ने मेरी साड़ी को एक तरफ उछाल दिया। मैं अब ब्लाउज़ और पेटीकोट मैं शामते हुए बेडरूम मैं घुस गई तो पापा भी मेरे पीछे बेडरूम मैं आ गए और आते ही मुझे बांहों मैं भर लिया और मुझे चूमने लगे और अपने हाथ नीचे ले जा कर मेरे पेटीकोट की गांठ को टटोलने लगे।

और जैसे ही मेरे पेटीकोट का नाडा पापा के हाथ आया उनको ने जोर से मेरे पेटीकोट के नाड़े को खींच दिया जिस से मेरा पेटीकोट खुल कर मेरी कमर का साथ चोद नीचे जमीन को चूम रहा था। मैं अब पापा की बाहों में ब्रा और पैंटी मैं खडी थी और पापा मुझे चूमते अपने हाथ को मेरे बदन पर फिराते अपने कपड़े उतारे लगे और सारे कपड़े उतार कर पापा ने मुझे अपने से चिपका कर मेरे होठों पर लगाया को चूमने लगे.

तभी पापा का हाथ मेरी ब्रा के हुक पर लग गया और पापा ने एक ही झटके में मेरी ब्रा का हुक खोल दिया मैं ; थोड़ा नाटक करते हुए पापा से अब इसे क्यों खोल रहे हैं लेकिन पापा मेरी खुली ब्रा मैं मुझे चिपकाए मेरे होठों को चूस रहे थे मेरी ब्रा जो हुक खुलने से मेरे कंधो पर ढीली हो गई थी अब फिसलने लगी.

तो पापा ने मुझे अपना से थोड़ा अलग करके मेरी और मुस्कुराते हुए देख कर अपना हाथ बड़ा कर लिया मेरी ब्रा को मेरे बदन से अलग कर दिया। और मेरी दोनों चुचियों को प्यार से अपने हाथो मेरे लिए सहलाने लगे तो मैं बड़े प्यार से अपना हाथ पीछे ले जा कर पापा के गले, मैं डाल कर धीरे से बोली छोड़िऔर ना बहुत काम ही रात भर से खेलते रहे है.

पापा ने अपना एक हाथ मेरी कमर पर हाथ रखा मुझे अपनी और घुमा दिया। मैं अब तक जो कमर से ऊपर पूरी नंगी थी। और मेरे मोटे मम्मे सीधे ताने हुए थे। तभी पापा ने अपने हौंथ ले कर मेरी एक चुची पर रख दिए और मेरे निप्पल को अपने हौंथो और अपना दूसरा हाथ मेरी दूसरी चूची पर ले गए और उसे मसलने लगे.

और अपना दूसरा हाथ मेरी पैंटी के ऊपर रख पर मेरी चूत को सहलाने लगे। पापा के द्वार चूची चूसने में गरम हो उठी पापा मेरी चूची को जितना हो सकता है मुंह में भर आम की चुस्ते और कभी मेरे निप्पल को दांतो से काट देते मेरा हाथ पापा के सर पर था.

और मैं बोली हाए जी जरा धीरे चूसिए रात को भी अपने बुरी तरह से इन्हें चूसा था देखा नहीं कैसा काटा आप ना कितने नीला पड़ गए रिंकी भी पुछ रही आआह्हह्हह्हह्हह्हह्ह जी प्यार से ऐसे ही आआअह्हह्हह्हह्हह्ह मेरे निप्पल को आआआह्हह्हह्हह्ह ऐसे ही प्यार से चूसो.

तभी पापा ने मेरी चूची अपने होठों से निकल कर मेरी आंखो मैं आंखे डाल कर कहा, मेरी जान, तू बहुत नमकीन है, आई लव यू, डार्लिंग। है जी और मैंने अपनी आँखे नीची कर ली और पापा ने फिर से मेरी चूची को अपने होठों पर दबा लि और और उसे चूमने लगे मेरा हाथ उनके सर पर था और मैं उनके बालो में अपनी उंगली फिर रही थी.

पापा ने अपना हाथ मेरी पैंटी में डालने की कोशिश करने लगे तो मैंने भी मस्ती की, मैंने अपनी टांगों को थोड़ा और चौड़ा कर दिया, जिसे पापा ने अपना हाथ मेरी पैंटी के इलास्टिक से बांध दिया, पापा ने मेरी पैंटी को अलग खींच दिया, मेरी पैंटी को मेरे घुटनों तक पहुंचा दिया।

पापा ने मेरी चुची चुस्ते चुस्ते अपनी पैर से अलग कर दी अब मैंने भी अपनी पैर उठा कर अपनी पैंटी निकली, पापा की मदद की अब मैं पूरी तरह से नंगी हो कर पापा को अपनी चुचिउआओ चुसवा रही थी। पापा मेरी एक चूची को चूसें और दूसरे निप्पल को अपने हाथ से मसलें।

पापा मेरी एक चूची चूस रहे थे और दूसरी चूची को मसल रहे थे और उनका दूसरा हाथ नीचे मेरी टांगों के बीच था। और उनके हाथ ने मेरी चूत पर अपना पूरा कब्ज़ा जमा रखा था और वो मेरी चिकनी चूत बड़े प्यार से सहला रहे थे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

मस्ती मैं तो मेरी आंखे ही बंद थी मेरी चूत भर भर पानी छोड़ रही थी जिस से कि मेरी चूत के पानी से चूत और फिर भी चिकनी हो गई थी पापा ने अपनी एक उंगली मेरी चूत के ऊपर रख दी मेरी चूत चिकनी होने के कारण उनकी उंगली एकदुम सटाक से मेरी चूत के अंदर चली गई जिसे वो मेरी चूची अंदर बाहर करने लगे।

जोश में मैं अपने आपको काबू में नहीं रख पा रही थी और बोली, “है जी, प्लीज जल्दी कुछ करो ना। नहीं तो मैं पागल हो जाऊंगी। प्लीज” पर पापा कहा मनाने वाले थे मुझे दीवार के सहारे मूड कर खड़ा किया पापा का हाथ ने मेरी चूत पर अपना पूरा कब्ज़ा जमा रखा था और वो मेरी चिकनी चूत बड़े प्यार से सहला रहे थे।

और फिर भी चिकनी हो गई थी पापा ने अपनी एक उंगली मेरी चूत के ऊपर रख दी मेरी चूत चिकनी होने के कारण उनकी उंगली एकदुम सटाक से मेरी चूत के अंदर चली गई जिसे वो मेरी चूची अंदर बाहर करने लगे। जोश में मैं अपने आपको काबू में नहीं रख पा रही थी और बोली, “है जी, प्लीज जल्दी कुछ करो ना। नहीं तो मैं पागल हो जाऊंगी। प्लीज.”

पर पापा कहा मनाने वाले थे मुझे दीवार के सहारे मूड कर खड़ा किया और खुद नीचे बैठ गए और अपने दोनों हाथ मेरी गांड पर रख दिए और फिर उन्हें ने अपने होठ मेरे दो पर रख दिए और जीभ निकल कर मेरे डो को चाटने लगे और कभी मेरे डो पर अपने दांत गड़ा देते मस्ती के कारण अब मुझे से बर्दाश्त करना मुश्किल था.

कि पापा ने मुझे पलट दि और और मेरी टांगों को पूरी से फेला दि और और अपने होठ मेरी रस छोटी चूत के ऊपर रख दिये मैं; हाए मां उफ कितनी गर्म है आपकी जीभ आ आ उई मैं बुरी तरह से सिसकारियां निकलने लगीसी सी आह आह उई मां उई उई उफ पापा ने अपनी लपलपाती हुई जीभ मेरी चूत में अंदर तक घुसा दी और जीभ से चोदने लगे.

मस्ती मैं भी पूरी तरह से गरम हो गई थी तो मैंने आगे को होकर झट से पापा के सर को अपने हाथों में थाम लिया मैं पापा के बालो, मैं अपनी उंगली घुमाते पापा को अपनी चूत पर दबाने लगी मुझे पापा के होठों से अपनी चूत की तेज सुगंध और उसके तीखे नमकीन स्वाद का एहसास हो रहा था.

पापा के हाथ मेरी दोनों चुचियो पर जिसे वो बड़े ही जोर से दबा रहे थे सहला रहे थे. मैं इतनी गरम हो उठी थी कि मुझ से अपने आप को कंट्रोल करना मुश्किल ही नहीं नामुकिन था मस्ती, मेरे मुंह से निकला है जी आप ने तो मुझे पागल कर दिया ही, कृपया जल्दी से कुछ करो नहीं तो मर जाऊंगी।कितना चाटेंगे रात से ऐसे चाट रहे ही जैसे वहा रसमलाई रखी हो.

पापा ; मेरी जान मेरा तो दिल करता ही बस दिन रात चाटता रहूं तुम्हारी चूत एक दम रसमलाई है कितना रस छोड़ती है मीठा मीठा।

मैं ; बस कीजिए ना.

मेरे इतना बोलते ही पापा ने मेरा हाथ पकड़ा और फिर मेरे हाथ को अपने लंड पर रख दिया जो पैंट में तंबू की तरह खड़ा था। मैं बिना पल गवाये मैं नीचे घुटनो के बाल बैठ गई और जल्दी जल्दी पापा की पैंट खोलने लगी और कुछ ही पलों मैं मेने उनकी पैंट खोल दी जिसे पापा ने अपने टांगे उठा कर बाहर कर फेंक दि.

और अब पापा का अंडरवियर में तना हुआ लौड़ा बिल्कुल मेरी आंखो के सामने मेरे मुंह के करीब था. जो मेरी गरम सांसो से उनके अंडरवियर मैं और भी उछलकूद मचा रहा था। मैंने अपनी आंखें ऊंची करके स्माइल करते हुए पापा की आंखें देखीं पापा के अंडरवियर की इलास्टिक मैं अपनी अंगुली डाल दी और पल भर में पापा के अंडरवियर को नीचे खींच दिया।

जैसे ही मैंने पापा के अंडरवियर को नीचे किया, उनका काला लम्बा मोटा लंड हवा में किसी मस्त सांड की तरह झूमता मेरी आँखों के सामने था। मुझे आज उनका लंड कल रात के मुकाबले और फिर भी मोटा लग रहा था। मैंने अपने हाथ पापा के लंड पर रख दिए जैसे ही मेरा मुलायम नरम हाथ पापा के लंड पर पड़ा मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मैंने कोई गरम रॉड पकड़ ली जिससे मेरा हाथ जल जाएगा।

मैं मस्ती मैं पापा के लंड को अपने हाथ से सहलाने लगी जैसे ये मेरा सब से मनपसंद खिलोना हो मैं नीचे बैठी पापा के लंड को सहला रही थी कि पापा ने मुझे बाहों से पकड़ कर उठाया और फिर मुझे अपना बाहों मैं उठा लिया और मुझे लेकर बिस्तर की और चल पड़े और बिस्तर के पास आ कर मुझे बिस्तर पर लिटा दिया।

बेड पर लिटाने के बाद पापा ने मेरी गांड को बेड के किनारे पर रख दिया और खुद मेरी टांगों के बीच आ कर खड़े हो गए। मैं बिस्तर पर नंगी लेती हुई मेरी टांगों के बीच खड़े थे उन्हो ने मेरी दोनों टांगों को अपने हाथ से पकड़ कर पूरी तरह से फैला दिया जिस से मेरी चूत अब बिल्कुल उनके लंड के सामने थे.

जिस पर पापा ने आगे बढते हुए अपने लंड का टोपा मेरी चूत के ऊपर रख दिया. मेरे बदन की आग से मेरी चूत पहले से पानी छोड़ रही थी उस पर जैसे ही पापा ने अपना लौड़ा मेरी चूत पर रखा मुझे तो लगा जैसे मैं मस्ती के सागर मैं डूब चुकी हूं और मेरा पूरा बदन खत्म हो गया।

और मेरे बदन मैं जोर की झुरझुरी लेने लगी।मैने दर्द के डर से अपने होठ अपने दांतो मैं दबा लिया और अगले पल दोस्त का इंतजार करने लगी कि कब पापा एक झटका मार कर अपना लंड मेरी चूत मैं डालते हैं। मैं ये सब यही सोच ही रही थी कि तभी पापा ने अपना लंड चुत पर रखा ही एक जोर डर एक झटका मारा, और अब उनका लगबग आधा लंड मेरी चूत फटता हुआ अंदर घुस गया।

उनका ये झटका इतना जोरदार था कि मैं दर्द से चिल्ला उठी, उईईई……आआह्ह्ह ..मम्मी….मार……..जाउंगी…. मैं………. आआह्ह्ह्ह…… सेहन…. नहीं… हो .. रहा आआ… आआआह्ह्ह्ह……… जी…… धीरे रुक जाये रुक जाओ ना प्लीसे……. नहीं ले पाउगी जरा देर करिए.

उनका ये झटका इतना ज़ोरदार था कि मेरे मुँह से गाल निकल ते निकल ते रह गई क्यों कि उनको ने अपने होठों से मेरे होठों को दबा रखा था। मैं तो उनके नीचे लेटी दर्द से बस कराह ही रही थी। उनका आधा लंड अब मेरी चूत में घुस चुका था.. पापा अपना आधा लंड ही मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगे पर मुझे अभी भी बड़ा दर्द हो रहा था और मैं नीचे से कर रही थी.

जिस पर पापा अपना आधा लंड ही मेरी चूत में अंदर बाहर करते हुए होठों को चूम रहे थे। 2-3 मिनट तक आधे लंड से मुझे चोदने के बाद पापा ने एक जोरदार धक्का मेरी चूत पर मारा और उनका लंड गंदा हुआ मेरी चूत में और ज्यादा अंदर तक घुस गया। झटका इतना ज़ोरदार था कि दर्द के मारे मेरी गाल ही निकल गई.

चाहे पापा ने रात को मेरी चूत में अपना लंड डाला हो, मेरी चूत को अपने लंड के लिए एडजस्ट कर लिया हो, पर फिर भी दर्द से दर्द हो रहा था, यह समय है मेरे और पापा के इलावा घर में कोई नहीं था। मैं पापा की आंखो मैं देख कर उन से शिकायत करती बोली है जी कितने जोर से अपने डाला ही मेरी तो आप ने फाड़ के रख दी आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्ह जी क्या मार ही डालो गी प्लीज जानू जरा प्यार से डालो ना आआह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्ह प्रिये।

पापा भी मेरी आँखो में मुस्कुराते हुए अपना लंड मेरी चूत में आगे पीछे करते बोले, “मेरी रानी, मेरी जान ये क्या बोल रही हो जान तुम तो मेरी जान ही और तुमने रात को भी लिया था और तुम अब भी इतना चिल्ला रही हो देखो कितने आराम से पूरा चला गया है.

मैं चला नहीं गया आप ने घुसा दिया.

मैं ; क्या जी पूरा चल गया.

पापा ; हाँ.

पापा।” है मेरी रानी तुम हो है इतनी सेक्सी और मस्त कि तुम्हें देखते ही मेरा इतना हार्ड और मोटा क्यू हो जाता है.

और पापा ने अपना लंड एक ही झटके से मेरी चूत से बाहर निकाल लिया उनके द्वार लंड अपनी चूत से निकल लेने के बाद मुझे कुछ आराम मिला ही था कि उनको ने फिर से अगले ही पल अपना मसल लंड एक ही झटके में पूरे का पूरा मेरी चूत में डाल दिया। अब तो पापा जोरदार तरीके से अपना लंड मेरी चूत के अंदर बाहर करने लगे। जैसे ही मेरे मुँह से गाल कुछ कम होती वो एक धक्का ज़ोर से मेरी चूत पर लगा देते.

और मैं फिर चिल्लाती थी। कुछ देर तक पापा इसी तरह मेरी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करते हुए मुझे चोदने लगे। एबी उनका मसल लंड धीरे धीरे मेरी चूत की गहराई तक जगह बना चुका था और तेजी के साथ मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था। और अब उनका लंड मेरी चूत के अंदर अपना साथन पूरी तरह से बना चुका था।

अब तो पापा अपना पूरा लंड मेरी चूत से बाहर निकलेंगे और फिर जड़ तक मेरी चूत के अंदर डाल देंगे। मेरी चूत से निकले पानी से पापा का लंड मेरी चूत में बड़ी आसनी से अन्दर बाहर गचा गच हो रहा था और जब पापा धक्का मार कर अपना लंड मेरी चूत के अंदर तक डाल देते हैं और उनका लंड मेरी बछेदानी से टकराता है तो पागल हो उठती है.

और फिर मैं भी नीचे से अपनी गांड उठा कर पापा का लंड अपनी चूत में ले लेती हूँ। मेरी चूत इक बार पानी छोड़ चुकी थी कि पापा ने धक्के लगाते हुए बोले मेरी जान आओ अब मैं तुझे दूसरे स्टाइल में मजा देता हूं तो मैं पापा को अपनी बाहों में लेकर नीचे से अपनी गांड को जोर जोर से उठा कर बोली अभी इसी पोज में कर लूं बाकी जिस पोज के साथ मैं करना हूं रात मैं कर लूं मेरा होने वाला ही.

तो पापा मेरे ऊपर से उठे और मुझे खडी करके घुमा कर दीवार के सहारे खडी कर दिया। अब पापा भी मेरे पीछे आ कर दीवार के सहारे खड़े हो गए और पीछे से मेरी गांड पकड़ कर अपने लंड को मेरी चूत पर सेट किया। मैं उन्हें कहने ही वाली थी कि धीरे से डालना और मैंने ये सब बोलने के मुंह खोला ही था…… आआआआआआआ”। उन्होंने एक जोरदार धक्का चूत पर मारा था के उनका धा मूसल लंड मेरी चूत में जा घुसा..

मैंने अपने होठों को अपने दांतो में भींच लिया और दूसरे धक्के के लिए खुद को तैयार करने लगी और तभी पापा ने अपने कुल्हो का पूरा जोर लगाया, इसे धक्का मेरी चूत पर मारा के उनका लंड मेरी चूत को फैलाता हुआ मेरी चूत को चीरता हुआ सीधा मेरी चूत की जड तक जा घुसा।

“मैं चीखी सी सी आह आह उई मां उई उई उफ बाबू बोली आई लव यू बाबू आराम से करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है मेरी चीख पुकार का पापा पर कोई असर नहीं हो रहा था। मेरे मुंह से दर्द से गालियां निकलने लगी बेटीचोद आराम से चोद तेरी अपनी बेटी हूं सी सी आह आह उई मां उई उई उफ बाबू आई लव यू बाबू आराम से करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

मेरी गालियों का असर होता भी कैसे जब मर्द औरत को चोदता ही औरत की गालियाँ मर्द को और जोश दिलाती उसे चुदाई के दौरान औरत की गालियाँ और भी मस्ती प्रदान करती है और वो तो बस मेरी कमर को थामे अपना लौड़ा मेरी चूत मैं आगे पीछे पेलने लगे आआआईईईईईईईईईईईईई। ….”

पर पापा मेरी बात का कोई जवाब नहीं दे रहे थे और मेरी कमर थामे अपनी कमर को हिला कर आगे पीछे चला कर धक्के पर धक्का मारता रेहा। हर धक्के पर उनका लंड चूत में जड़ तक जा घुसता और उसके टट्टे मेरी चूत पर ज़ोर से ठोकर मारते हुए। मैं चीखती रही थी सी सी आह आह उई मां उई उई उफ बाबू आराम से करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है और वो बेदर्दी से मुझे चोद रहे थे।

फिर थे ने अपना एक हाथ आगे बढ़ाकर मेरे बाल पकड़ लिया और उन्हें खींचा तो मेरा चेहरा ऊपर उठ गया और मैं चेहरा घुमा कर पापा को देखने लगी। हाय…….मेरी चूत………मेरी चूत……….फट गई गई……फट गई मेरी चूत…. आआआने नहीं दे रहा कोई नहीं, प्लीज जानू धीरे करो जी, रुकने के बजाये.

और फिर तेजी से धक्के मारते हुए बोले मेरी जान क्या करू तुझे देखता ही सबर नहीं होता पता नहीं क्या हो जाता है मुझे दिल करता ही बस तुम्हारी चूत में अपना लंड डाले ही रहो आह्ह्हह्ह्ह्हह्ह्ह्ह क्या मस्त चिकनी टाईट चूत है तेरी मुझे तो अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहा है जो मुझे तुम मिलीं तुम ही मेरी जान हो है तुम्हारी मेरी रानी आआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह कभी सपने में मैंने नहीं सोचा था कि ऐसी नाज़ुक मस्त जवानी का मजा मुझे कभी मिल पाएगा। चाहे मेरी इस जवानी को लूट लो।” आआआआआआआआओ।

पापा मुझे पीछे से बराबर मुझे चोद रहे थे और मेरी गांड पर थप्पड़ मारते रहे थे। मैं चीखती रही, चिल्लाती रही, उन्हें छोड़ देने की भी खातिर करती रही, लेकिन पीछे से जोरदार धक्के मेरी चूत पर मरते रहे अब उनके धक्के की रफ़्तार और भी तेज़ हो गई थी.

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आअह्हह्हह्हह्हह्हह्ह आअह्हह्हह्हह्हह्हह्ह मेरी जान ले मेरा लंड मेरा निकल रहा है है जाआआआआआआआआअन आआआअन अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मेरा लंड मेरा लंड मेरा निकल रहा है। अंदर ही डाल कर आज ही तुझे अपने बच्चे की माँ बना दूँगा और इतना बोलते ही पापा के लंड ने एक तेज़ पिचकारी मेरी चूत मैं मारी.

उनका गरम गरम वीर्ये मेरी चूत मैं महसूस होते ही मुझे असीम आनंद प्राप्त हुआ कुछ देर तक किसी तरह मेरी चुत मैं झड़ते रहने के बुरे पापा मेरे पीछे से नफरत और अब मैं भी थकी हुई खड़ी थी तो मेरी नजर उनके लंड पर पड़ी जो मेरी चुत के रस से गिला हुआ था तो मैंने स्माइल करते हुए जगह बैठ गई और नीचे पड़ी अपनी ब्रा को उठा कर पापा के लंड को साफ किया।

और फ़िर अपनी चूत को जो अभी भी पापा के वीर्य से भरी पड़ी थी। तभी पापा ने मुझे फिर से अपनी बाहों में भर लिया और मेरे होठों को चूमते हुए कहा, निशी आई लव यू। . उनके आई लव यू के जवाब में मैंने भी उनके गले मैं अपनी बहे डाल कर उनके साथ चूमते हुआ कहा, जानू आई लव यू बस अब आप मुझे इसी तरह प्यार करते रहना।

और फिर से हम एक दूसरे के होठों को चूमने लगे हम दोनो मैं से कोई भी एक दूसरे के होठों को चूमने से चोदना नहीं चाहता पर फिर से हम दोनो अलग हुए और एक दूसरे की आँखे मैं आँखे डाले स्माइल करते मैं अपने कपड़े उठा कर पहन ने लगी तो पापा ने मेरा हाथ पकड़ लिया।

मैंने कसमसाते हुए कहा क्या जी छोड़िऔर ना कपड़े तो पहनने दीजिए तो पापा बोले रहने दो ना मेरी जान मेरी बरसों से इच्छा थी कि मेरी बीवी घर में सिर्फ ब्रा और पैंटी मेरे साथ रहे पर तुम्हारी मम्मी ने कभी भी मेरी ये इच्छा पूरी नहीं की और लगता ही है कि तुम भी और इतना कहते ही पापा चुप हो गए.

तो मैंने मुस्कुराकर कहा, अपने बहे पापा के गले में डाल दी और बोली आप की हमसे भीवी ने तो आप की इच्छा पूरी नहीं की पर आप की ये बीवी आपकी हर इच्छा को पूरी करेगी और अगर आप की यहीं इच्छा है तो ठीक है और फिर मैं ब्रा पैंटी पहनूं ही अदा के साथ किचन में जाने लगी और मुस्कुराती होए बोली अब आप तो कुछ पहन लीजिए.

तो पापा भी मेरी आंखो मैं देख कर बोले मेरी जान अब तो मैं भी ऐसे ही घर मैं रहूंगा। पापा अब बड़े खुश थे और मेरे पीछे किचन मैं आ गई और नाश्ता बनाने में मेरी मदद करने लगे। मेरी मदद तो क्या करनी थी पापा बस मुझ से छेड़ने लगे कभी मुझे पीछे से बाहों में जकड़ लेते. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

और कभी मेरी चूतडो पर प्यार से सहला देते मैं भी मुस्कुराती हुई अपने काम में लगी थी आज पता नहीं क्यू मुझे पापा के सामने ब्रा पैंटी मैं इस तरह घूमने में शर्म नहीं आती, इक अलग तरह का ही मजा आ रहा था। मेरे निप्पल फिर से मेरी लाल ब्रा, मेरे खड़े थे और पैंटी भी मेरी चूत के पानी से गीली हो रही थी।

मैं ; हटिये ना नास्ता बनने दीजिये ना.

पापा; मेरे गालों को चूमते मेरे कानों को मुँह में दबा कर बोला जान आज कुछ खाने का मन नहीं कर बस तुम्हें ही खाने का मन कर रहा है है मैं जानती थी अगर मैंने अभी पापा को ना रोका तो फिर मैंने खुद ही अपना आप पर कंट्रोल नहीं किया पाऊंगी और खुद ही उनसे लिपट कर उनकी बाहों में समा जाऊंगी। मैने पापा को प्यार से पीछे हटाऔर और कहा हटाये ना बाहर बैठे मैं नास्ता ले कर आती हूं.

जब नास्ता बन कर तैयार हो गया तो पापा के कहने पर मैंने एक ही प्लेट में नास्ता लगाऔर तो पापा ने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया, जैसे ही पापा की गोद में बैठी उनका मूसल लंड जो फिर से खड़ा था मेरी गांड में जोर से छुपा ऐसे जैसे मेरी पैंटी फाड़ कर मेरी गांड में घुस गया हो मैं थोड़ी शरमा कर बोली ये क्या जी आपका चिपक रहा है.

तो पापा ने मुझे फिर से अपने लंड पर बैठे हुए बोले मेरी जान ये तो तुमसे प्यार हो रहा है इसे अपने अंदर ले कर बैठ जाओ ना फिर नहीं चुबेगा पापा की इस बात पर मैं मुस्कुराती हुई उनके लंड पर ही बैठ गयी। पापा ने जन्म दिया कि इक भीटे उठाई और अपने मुंह में डाल कर मुझे अपने होठों से काटने को कहा.

अब हम दोनों इक दूसरे के मुंह में मुंह डाले नास्ता करने लगे आज इस तरह नास्ता करने पर मुझे बड़ा ही आनंद आ रहा था। आज से पहले मैं नहीं जानती थी कि पापा इतने रोमांटिक होंगे मैंने तो हमेशा उनको गंभीर मुद्रा में ही देखा था ये हो सकता था कि मम्मी को ये कहना पसंद न हो इसलिए पापा ने मम्मी की खुशी के लिए अपनी सारी इच्छा को मार दिया हो पर अब मैं पापा की हर ख़ुशी को पूरा करना चाहती थी।

नास्ता करने के बाद मैं पापा की बाहों से उठने लगी तो पापा ने मुझे पकड़ कर फिर से अपने बाहों से मिला लिया तो मैंने भी अपनी बाहे उनके गले मैं डाल कर बोली अब नास्ता तो कर लिया अब और क्या खाने का इरादा ही तो पापा मेरे होठों को चूमते हुए मेरी आंखो में देख मुस्कुरा कर बोला अब तो तुम्हें खाने का इरादा ही मेरी जान पापा की बात पर मैं शर्मा गई और उठने लगी.

तो पापा ने मुझे अपनी गोद में उठा लिया। पापा के मुझे इस तरह उठने पर मैं चिल्लाई है जी ये क्या मुझे नीचे उतरो मैं गिर जाउंगी तो पापा बड़े प्यार से उठें बेडरूम मैं और जेन लागे और बोले अपनी रानी को कहीं मैं गिरने दूंगा। मेरी जान इस नौकर के होते हैं तुम अपने इतने हसीन नाज़ुक पांव ज़मीन पर रखो ये नहीं हो सकता।

मैंने अपनी दोनो बहे पापा के गले में दाल दी.और बोली क्या जी आप भी ना कुछ भी बोलते ही. मेरी बात पर पापा बोला सच मेरी जान मैं तुम्हारा नौकर हूं और अब से तुम मेरी मालकिन इसी तरह पापा मुझे उठाया बेडरूम मैं आ गए और मुझे बिस्तर पर रख दिया।

मैं जान चुकी थी कि आगे क्या होने वाला ही मैं भी बिस्तर पेर लेटी मुस्करा कर अगले पल का इंतजार कर रही थी पापा बेड पर खड़े मुझे प्यासी नज़रों से देख रहे थे और उनका लंड अंडरवियर मैं ऐसे खड़ा था मानो ये अभी फाड़ कर बाहर आ जयेगा.

पापा ; अपने लंड को सहलाते हुए रानी देखो कैसा खड़ा है.

मैं बेड पर लेट कर मुस्कुराती हुई रात से देख रही हूं ये तो खड़ा ही है पापा झुके और आ कर बेड पर मेरे साथ लेट गए और मेरे बदन से खेलते प्यार भरी बातें करने लगे। बातें करते पापा ने अपना हाथ बड़ा मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मेरी ब्रा को उतार कर फिर से मेरे बदन से अलग कर दिया और मेरी चुचियों से खेलने लगे।

पापा को कहा मेरी चुचियों से खेलना बड़ा अच्छा लगता था इसलिए वो मेरी बाहों मैं अपना सर रख कर किसी छोटे बच्चे की बनती मेरी चुचियों को मसलने लगे और एक चूची मुंह में लेकर पीने लगे और अब मैं भी मस्ती में अपनी चुचियां उनको पिला रही थी तभी पापा के फोन की रिंग बजी पापा तो बस अपनी धुन में मेरे साथ मस्ती कर रहे थे.

जबकी फोन की रिंग लगातर बज रही थी तो आखिर पापा मेरी बाहों मैं लिए मुझसे से बोले निशी देखो ना किस का फोन ही कौन तग कर रहा ही तो मैंने फोन देखा तो बुआ का फोन था तो मैंने पापा से कहा, दीदी का फोन ही तो पापा बोले, काट दो, पता नहीं, जब देखो तंग करती रहती है, मैंने नहीं, नहीं, दीदी क्या सोचेगी.

और मैंने फोन उठाया, वैसे जब से बुआ ने मेरी और पापा के रिश्ते की बात थी तब से आज इतने दिनो में पहली बार हुआ था कि मैंने बुआ को फोन नहीं किया था, करती भी थी क्योंकि टाइम ही नहीं मिला था रात से सुबह तक पापा मुझे अपने से चिपकाए जो बैठे थे मैंने फोन उठाया.

और पापा को कुछ देर अपने से दूर रहने के लिए कहा पेर पापा कहा मनने वाले थे वो तो मेरी बाहों मैं सर रखे मेरी चुचियो को ही चूस रहे थे मैंने भी अपने निप्पल उनको चूसे उनके बालो मैं अपनी उंगली फिराते हुए फोन उठाया और बुआ से बात करने लगी मैंने जैसी है फोन उठाया और बोली नेमस्टे दीदी ती बुआ बोली भाभी कहा थी कितनी देर से कर रही है.

और फिर बुआ ने मुझसे पूछा हुआ कहा भाभी क्या हुआ इक ही रात मैं मुझे भूल गई तो मैंने कहा नहीं दीदी ऐसी कोई बात नहीं वो सुबह का समय नहीं मैला बस अभी आप को फोन करने ही वाली थी वो बुआ मुस्कुराते हुए बोले रहने दो भाभी अब आप को मेरे से बात करने का टाइम कहा तो मैंने कहा नहीं दीदी सच बस अभी करने ही वाली थी।

फिर बुआ बोली और सुनाओ भाभी रात कैसी रही बुआ के इस सवाल पर मैं शर्मा रही थी क्योंकि पापा मेरी बाहों मैं लेटी थी पापा हमारी बाते सुन रहे थे तो बुआ ने फिर से पूछा तो मैंने धीरे से फोन किया मैं कहा दीदी अच्छी। बुआ मुझे छेड़ रही थी तो मैंने भी बुआ को ताना मरते हुए कहा.

दीदी अगर मैंने आज आपको फोन नहीं किया तो आप ने कौन सा किया मुझे क्या पता था कि बुआ को इस तरह ताना मरना है मुझे ही लगेगा, मेरी बात सुनते हुए बस बोली, मेरी प्यारी भाभी मैं तो कर दीजिए आप को फोन पर सोचा आप सारी रात की थकी होगी तो रही होगी और फिर पापा के साथ प्यार का खेल खेल रही होगी.

और अगर मैंने फोन करके आपको डिस्टर्ब कर दिया होगा तो आप मुझे गलिया दे देती है कि कबाब मैं हड्डी और मैं कबाब मैं हड्डी नहीं बनाना चाहती मैं तो शर्मा ही उठी और चुप चाप फोन पकड़े सुनती रही तो बुआ ने पूछा और सुनाओ भाभी कल रात भैया को दूध पिलाऔर था मैं बोली हां दीदी एक गिलास.

बुआ हंसी और बोली मैं आपके दूधों की बात कर रही हूं मैं शरमा गई और बोली पूछो मत दीदी पापा ने मेरी चूचियों को इतना पिया इतना पिया और काटा कि पूरी चूची लाल नीली पड़ गई है कुछ सूजन लग रही है दर्द भी हो रहा है बुआ हंसने लगी बोली वो सूजन नहीं है बोली भाभी तुम्हारी चूचियां बढ़ गई है ही हीं हीं, अरे भाभी भैया बहुत लम्बे समयांतराल से भूखे थे फिर बोली कल रात को कितने गोल हुए।

मुझे तो समझ नहीं आया तो मैंने पूछा दीदी राउंड मतलब तो बुआ ने कहा क्या भाभी तुम भी राउंड मतलब कल रात पापा ने आप की कितनी बार आप पर चढ़ाई की मतलब आप कितनी बार चुदी अब समझी बुआ के मुंह से ये सब सुन कर मेरे मुंह से कुछ निकल ही नहीं रहा था क्यूकी नीचे पापा मेरी गोद में लेटे मेरी चुचिया चूस रहे थे साथ ही मेरी आंखो मैं देख रहे थे.

बुआ ने जब बार बार पूछा तो मुझे जवाब देना पड़ा क्यूकी मैं जानती थी बुआ ऐसे मेरा पीछा नहीं छोड़ेगी तो मैने धीरे से कहा दीदी 4 ये 4 मैंने इतने धीरे से कहा था कि पापा सुन ना ले पर पापा ने सुन लिया तभी उन्हें ने मेरे निप्पल को अपने दांतो मैं दबा कर हल्के से काट लिया जिस से मेरे मुंह से सिसिकी निकल गई.

जिससे शायद बुआ ने भी सुन लिया जिससे बुआ मुझे फिर से छेड़ती हुई बोली ये क्या भाभी, क्या भैया पास ही हैं, मैंने कहा नहीं, दीदी वो बाहर गए है तो बुआ बोली जानती हूं भाभी कितना वो बाहर गए है , इतनी सुंदर भाभी को छोड़कर कहां वो बाहर जाने वाले ही, मैं कुछ तो पापा की हरकतो से गरम हो रही थी.

और कुछ बुआ की बातें मेरे बदन में आग लगा रही थी जी से कि मेरी पैंटी पूरी गीली हो गई थी पापा मेरी चूची को चूस रहे थे और अपने हाथ को मेरी पैंटी डाल कर मेरी चूत को सहला रहे थे छेद में उंगली डाल रहे थे और फिर पापा ने मुझे पीछे लिटाकर अपने होठों को मेरी चूत पर दबा कर मेरी चूत का रस चूस रहे थे।

मैं पापा के बालो, में अपनी उंगली चलाती बुआ से बात कर रही थी, पर अब मुझसे अपने बदन की आग को संभालना मुश्किल हो रहा था, पर मैं कैसे अपने मुंह से बुआ और पापा को बोलती इसलिए मैंने बुआ से कहा, दीदी रखती हूं क्योंकि बच्चे आने वाले हैं तो बुआ ने मुझे फिर से चिढ़ाते हुए कहा अच्छा भाभी बच्चों का तो बहाना ही क्योंकि बच्चों के आने से पहले आप को पापा के साथ चुदाई वाला एक मैच जो खेलना ही.

और हंसने लगी ओके बोली अच्छा रखती हूं भाभी जब आप का मैच खत्म हो जाए जब मुझे फोन करना और बुआ ने फोन रख दिया। फोन रखते ही मैं पापा से जैसा कि बीवीयां अक्सर झगड़ा करती ही वासे बोलिए क्या जी आप भी क्या करते है देखते नहीं मैं दीदी से बात कर रही थी और आप ने इतना जोर से काट लिया मेरी तो चीख निकल गई दीदी ने भी सुन लिया पता नहीं वो मेरे बारे में क्या सोचेगी।

तो पापा मेरे निप्पल को प्यार से सहलते हुए बोले अरे मेरी जान वो क्या सोचेगी वो यही सोचेगी कि उसकी भाभी को उसका भाई बड़ा प्यार करता है। और हां तुम्हारी दीदी तुम्हें कह रही थी कि जल्दी से मैच खत्म हो जाएगा तो मेरी जान हो जाएगी इक बार फिर से। मेरी भी इस बात पर हंसी निकल गई है.

अब पापा को चुनने का मूड है और उनको धक्के देकर जल्दी से उठो और बोली, नहीं, नहीं, आप भी उठिये जल्दी से बचे आने वाले ही वासे ये सब मैं ऊपर से ही कह रही थी क्योंकि मैं जानती थी कि पापा अब मुझे छोड़ेंगे भी नहीं छोड़ेंगे और मैं भी यही चाहती थी पर अपने मुँह से कहते शर्म आ रही थी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

जबकी मेरी पैंटी पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। मेरे उठे है पापा भी उठे और आ कर मुझे पीछे से बाहों में जकड़ लिया. अपने नंगे बदन पर पापा के होठों पर कर मैं अंदर तक सिहर उठी। पापा ने मुझे पीछे से अपनी बाहों में कस लिया और उनके हाथ मेरी दोनों चुचियों पर जिन्हे वो खड़े कहे बड़े बेदर्द तारिके से मसल रहे थे.

उनके इस तरह मेरी चुचियों को मसलने में दिक्कत हो रही थी उनके होठ मेरी गर्दन को मेरे गालों को चूम रहे थे तभी उन्हो ने अपना इक हाथ नीचे ले जा कर मेरी टांगों के बीच मेरी पैंटी पर रख दिया मैं भी अब शरत के मूड में अपनी टांगों को बैंड करके बोली प्लीज छोड़िये ना बचे आने वाले ही तो पाछे इक नशीले ही आवाज, मेरे कानों को अपने होठों पर दबा कर बोले, अभी वक्त ही मेरी जान.

मुझे; कृपया बस कीजिए ना सुबह से 3 बार तो कर चुके है और कितना करोगे.

पापा; मेरे जान तुम चीज़ ही ऐसी हो कि जितना करो मन ही भरता.

मुझे; कृपया हटाइये ने कुछ हो रहा है.

पापा ; क्यू अच्छा नहीं लग रहा क्या.

मुझे; वो बात बात नहीं कही बच्चे ना जाये.

पापा उनके आने म अभी टाइम है जान आओ ना एक बार कर लेते है.

मुझे; आपका बहुत बड़ा है बहुत दर्द करता आप एक ही बार में घुसा डालते हो मैं दर्द से तड़प जाती हूं.

पापा ; मेरी जान प्यार से डालूंगा। जान जरा खोल ना अपनी टांगे.

तो मैंने देर से अपनी टांग फैला दी तो पापा ने अपना हाथ मेरी पैंटी में डाल कर मेरी चूत से खेलने लगे और मेरी चूत मैं उंगली अंदर बाहर करने लगे मैं और भी अंदर से जलने लगी और पलट कर उनके सीने से लग गई और पापा का चेहरा अपने हाथो मैं लेकर उनको चूमने लगी।अब मैं पापा के होठों को चूस रही थी.

कुछ देर इसी तरह हम दोनों एक दूसरे के होठों को चूमते रहे फिर पापा ने मुझे वही देखा के सामने खडी कर दिया और खुद मेरे पीछे खड़े हो गया और मेरी पैंटी को अलग खींच दिया। मेरी पेंटी अब नीचे मेरे पैरों में पड़ी थी और पापा ने अपना अंडरवियर भी नीचे करके अपना लंड मेरी चूत पर लगा कर इक जोरदार धक्का मारा और मेरी चूत मैं उनका लंड गचाक से 3 इंच तक अंदर घुस गया.

वैसे तो मेरी रात से उनका ये मसल लंड की बार अपनी चूत मैं ले चुकी फिर भी उनको अपना पूरा लंड एक ही झटका दिया तो मैं गाली दे उठी बेटी चोद आराम से करो तो पापा मुझसे पूछने लगे क्या हुआ मेरी जान तो मैं थोडा बनवाती गुस्से से बोली बड़ा मोटा है आपका.

तो पापा मेरी चुचियो को अपनी मुठियो में भरकर मसलने लगे और बोले मोटे से है तो मजा आता ही मेरी जान और बोल तो ऐसे रही हो कि जैसे पहली बार ले रही हो और मुझे आगे झुक कर मेरी चूत पर एक ही धक्के में 7 इंच अन्दर तक ठोक दिया और चूत मारने लगे अब मुझे भी मजा आने लगेगा मैं सिसकने लगी चीखी सी सी आह आह उई मां उई उई उफ बाबू बोली आई लव यू बाबू आराम से करो मुझे बहुत दर्द हो रहा है.

अब पापा मेरी कमर को पकड़ कर फुल स्पीड में गचागच अंदर बाहर कर रहे थे और फिर पापा ने एक जोरदार धक्का मारकर पूरा-पूरा 9 इंच लंड अंदर डालकर चोदने लगे और मैं मेरे सामने शीशे के खड़े पापा को अपने पीछे अपनी चूत में लंड डालते देख रही थी झुके होने के कारण पापा के धक्के से मेरी चुचिया अलग लटकी झूल रही थी.

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अब शायद पापा भी झड़ने वाले थे तभी उन्हें ने अपने धक्का दिया की स्पीड और भी तेज दी और आआआआआआआआआ करने तक तक पहुँचने के लिए मेरी रानी ले जाए, यह मेरी रानी है, यह मेरी रानी तू बड़ी नमकीन हो मेरी जान अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आआआआअह्हह्हह्हह्हह्ह मेरी जान बड़ा मजा आता है तेरी चूत लेने में आआआह्ह्ह्ह.

और इसके साथ ही पापा के लंड ने पिचकारी मेरी चूत में डाल दी और मेरे ऊपर गिर पड़े कुछ देर मेरे ऊपर इसी तरह पड़े रहने पर पापा उठे तो मैं पापा ने बोली जल्दी किजिये बच्चे आने वाले तो पापा उठे और उन्हें ने अपना लंड साफ करने के लिए कहा, मेरी ब्रा उठा ली और हमसे अपना लंड साफ करने लगे.

तो मैंने पापा ये क्या कर रहे हैं इस से क्यों साफ कर रहे हैं है तो पापा मुझे फिर से अपनी बाहों में भरते हुए मेरे होठों को चूमते हुए बोले मेरी जान तो फिर तुम इसे अपने इस रसीले होठों से साफ कर दो तो मैंने मुस्कुराते हुए कहा नहीं जी अभी आप इस से ही साफ कर लीजिए, रही बात होठों को हमसे मेरी रात को साफ कर दूंगी.

तो पापा को भी मुस्कुरा कर उठो मैं जल्दी से बिस्तर से उठो जबकी पापा अभी भी बिस्तर पर नंगे ही बैठे मुझे देख रहे थे मैं उठ कर पापा से बोली, सुनिये जी वो आप के नीचे मेरी पैंटी है पकड़ा दीजिये तो पापा मुझे पैंटी पकड़ाते हुए बोले यार रहने दो ना मैं पापा के हाथ से पैंटी ले कर उसे अपनी टांगों पर चढ़ाती मुस्कुराने लगी. वक्त कितनी तेजी से बदल जाता है ही कहा कुछ दिन पहले पापा को अपनी ब्रा और पैंटी पड़ी हो तो दिख जाने से शर्म से पानी पानी हो जाती थी.

और आज उनके सामने नंगी उनके हाथ से अपनी पैंटी पकड़ कर अपनी टांगों पर चढ़ा रही थी और मुझे शर्म नहीं बल्कि एक अलग ही मजा मिल रहा था और फिर मैं अपनी ब्रा पहनूंगी. पापा की और देख कर मुस्कुराती हुई बोली आप भी उठ जाइये और पापा का अंडरवियर पापा की और बड़ा कर आप भी पहन लीजिये बच्चे आने वाले ही और पापा नंगे उठे और बोले जान तुम ही पहना दो.

मैं; मुस्करा कर मैं पहनाऊंगी नहीं बाल्की उतारूंगी वो भी रात को.

मैंने पापा के साथ भारी ब्रा जिस से पापा ने अपना लंड साफ किया था उठा कर जल्दी से पहन ली क्योंकि मेरी दोनों बेटियां स्कूल से वापस आ गई थीं। पापा अभी भी नंगे घूम रहे थे उनको देखा वो अभी भी नंगे थे मैं साड़ी पहनती बोली अब आप भी कुछ पहन लीजिये ऐसे ही नंगे घूमेंगे तो वो बोले यार ऐसे अच्छा लगता है और मैंने उनका अंडरवियर उनको देते बोली पहन लीजिये बाचे आते होंगे।

पापा मेरे सामने अपने लंड को सहलाते रहें दो ना इससे कितना अच्छा लग रहा है आज ये भी कितना खुला मेहसूस कर रहा है मैं पापा के पास आई और उनको चूमते बोली रात को इसको खुला छोड़ देना अभी बच्चे आने वाले ही पहन लीजिए और फिर पापा ने भी कपड़े पहन लिए इतने में मेरी दोनों बेटियां भी स्कूल से आ गईं.

मैं अब अपनी दोनों बेटियों के साथ काम करने लग गई थी और पापा तो घर पर ही थे वो बार मुझसे, किसी ना किसी के पास, मेरे पास आते थे प्यार मेरे बदन को सहारा देते जिस से उनको मुस्कुरा कर धन देने का इशारा करती पर वो अपनी हरकतों से बाज ही नहीं आ रहे थे उनको जब भी मोका मिलता वो अपना हाथ मेरी गांड पर रख से प्यार से मसल देते जिस से मेरे मुँह से आह से निकल जाती.

और साथ ही डर भी लग रहा था कि कहीं दोनों बेटियां कहीं देख ना ले। पापा के लंड का वीर्य जो मेरी ब्रा पर लगा था वो सुख चुका था जिस से मेरी ब्रा मेरी चूची के साथ ही चिपक गई और मैं अपनी ब्रा को अपनी चूची से अलग करने लगी तो पापा ने देख लिया और स्माइल करते हुए मेरी आंखो मैं देख कर बोले, मेरी जान ये क्या कर रही हो अपने इस गुलाम को इसकी खिदमत का मौका दो.

तो मैंने भी उसी अंदाज में कहा नहीं आप को दिया तो आप ने इसको गंदा कर दिया तो पापा बोले सिर्फ इसे गंदा किया ही तो मैं शर्म से मुंह घुमा कर बोली धत्त और अपने घर के कामो मैं लग गई। शाम हो रही थी तो मेरी छोटी बेटी आइसक्रीम के लिए जिद करने लगी तो मैंने बोला बच्चे जिद कर रहे तो इनको खिला लाओ ना कुल्फी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

तो पापा मुझ से मस्त अंदाज मैं बोले मेरी जान इनको तो मैं खिला लूंगा कुल्फी और इनकी मम्मी के लिए जो कुल्फी है वो भी अभी खायेगी और अपने लंड को पैंट के ऊपर से मसल दिया तो शरमाते आंखो मैं आंखे डाल कर इशारे से कहा क्या आप भी ना खा लुंगी मैं भी पापा मेरे पास आए और फिर धीरे से बोले अभी खाओगी.

मुझे भी पापा की बातों से मजा आ रहा था बोली रात से खिला ही तो रहे हो अब जो भी खिलाना ही रात को ही खिलाना समझे। फिर पापा मार्केट गए और मेरी दोनों बेटियों के लिए कुल्फी ले आएं तो मेरी छोटी बेटी ने पापा से कहा ये क्या पापा आप हमारे लिए है कुल्फी लाए है मां के लिए नहीं लाए.

तो पापा मेरी और देख कर शरारत से बोले बेटा तुम्हारी मां को ऐसे कुल्फी अच्छी नहीं लगती तेरी मम्मी को तो दूसरी ब्लैक कलर की चोकोबार अच्छी लगती है और फिर मुझसे पूछने लगे क्यू निशी तुमको ये कुल्फी अच्छी लगती है और फिर ब्लैक कलर की। अब मैं भी रोमांटिक हो रही थी तो अपने होठों पर जीभ फेरते हुए उनकी आंखो में देख कर बोली मुझे ये अच्छी लगती है अगर आप ब्लैक चोकोबार खिलाएंगे तो वो खा लुंगी।

मैं जानती थी कि पापा कौन सी कुल्फी मुझे खिलाने का बोल रहे थे। फिर पापा अभी तुम लोग इसे खा लो तुम्हारी माँ को मैं वो खुली रात को खिला दूंगा और अपना हाथ अपने लंड पर रख कर उसे जोर से मसल डाला। पापा की इस हरकत पर मैंने बीवियों वाले अंदाज़ में पापा को आँखों से देखा और फिर ये बताओ कि कोशिश की बच्चों के सामने कैसी हरकत कर रहे हो.

तो पापा आंखो मैं देख कर स्माइल करते हुए आंखो से है सॉरी कहने लगे तो मैं भी मुस्कुरा पड़ी इस बार पापा ने एक कुल्फी मेरी और बड़ा कर कहा लो जान तुम भी चाह लो मैं भी शरारत के मूड में हूं बोली ना मैं सर हिला दिया कि नहीं चुसुंगी पापा बोले जानू अगर तुम मेरी कुल्फी नहीं चुसोगी नहीं तो फिर किस की चुसुगी.

मैं जानती थी कि पापा कुल्फी की नहीं अपने लंड की बात कर रहे हैं है बेटियां के सामने पापा के साथ ऐसे बाते करते करते मुझे शर्म भी आ रही और मजा भी तो पापा फिर से बोले ये चूस कर मजा लो तो रिंकी के हाथ से कुल्फी ली कर अपनी जीभ निकाल कर पापा की आंखो में देखे हुए अपनी जीभ ऊपर नीचे करते हुए चाटते बोली नहीं जी मुझे चुसने में मजा नहीं बल्कि बच्चे को चाटने में मजा आता है.

तो पापा भी मेरी आंखें, आंखें डाल कर बोले डार्लिंग तुम्हें ये कुल्फी चाटने में मजा कहा आएगा तुम जैसी खूबसूरत परी के लिए मेरे पास स्पेशल चोको बार कुल्फी है वो चाट कर देखो कितनी स्वादिस्ट है.

मैं अपना मुँह नीचे करके मुस्कुरा रही हूँ. धीरे से बोली वो चोकोबार तो मैं रात को खा लुंगी बस उस समय आपका जितना दिल करे मुझे खिला देना रोकुंगी नहीं बस।

पापा ; मेरे पास आ कर मेरे कान में बोले, अच्छा से तो बता दो मेरी जान रात को चोकोबार ऊपर वाले होठों से चटोगी हां नीचे वाले.

पापा से अब मैं काफी खुल चुकी थी तो मैं भी उसी अंदाज में मुस्कुराती बोली, अगर मेरा दिल दोनों से चाट करने का करेगा तो क्या दोनों से नहीं चटवाओगे.

मेरा ये जवाब सुन कर पापा और ज्यादा कामुक हो गए और अपने हाथ को मेरी गांड पर घुमा कर दर्द से दबाते बोले क्यू नहीं चटवाऊंगा मेरी जान मैं तो चाहता हूं कि तुम दोनों से क्या तीनो से चाटो पापा के मुंह से सुन कर आंखो के इशारे से बोली क्या आप भी ना ये बात सुन कर मैं जान गई कि पापा मेरी गांड के भी दीवाने हैं और आज नहीं तो कल वो मेरी गांड को भी खोल देंगे खुल कर बोलो तो मेरी गान्ड भी मारेंगे।

मर्दों को कितनी भी चिकनी टाईट चूत मिल जाए फिर भी मन गांड मारने में ही लगा रहता है. इसी तरह हंसी मजाक में कब रात हो गई पता ही नहीं चला रात को सोने से पहले दूध गरम किया और अपनी दोनों बेटियों को दिया और पापा से बोली, आप के लिए भी दूध ला दू और फिर बाद में पापा मेरी चुचियों की और देख कर बोले जानू मुझे ये दूध नहीं पीना है मुझे तो दूसरा दूध पीना ही अगर वो पिलाना ही तो अभी पिला दो.

तो मैं अब मस्ती के मूड में बोली अगर आप को वो दूध पीना ही तो वो तो रात को मिलेगा रात को जितना आप का दिल करे पी लेना मैं रोकुगी नहीं और छोटी बेटी को उठा कर बेडरूम मैं आ गई क्योंकि वो जिद कर रही थी कि मेरे साथ ही सोएगी इसलिए मैं उसको साथ ले कर उसके बेड पर सो गई ताकि उसके सो जाने पर मैं जा कर पापा की बाहों में समा जाऊं जौ.

मैं रिंकी के साथ लेती उसको सुलाने की कोशिश कर रही थी कि पापा बार बार किसी बहाने रूम में आते थे और मुझे अपने रूम में आने का इशारा करते थे तो मैं उनको आंखों से इशारा करके वहां से जाने का बोल रही थी। पापा अपने कमरे में जा कर किसी ना किसी बहाने मुझे आवाज दे रहे कभी पानी के बहाने और कभी अपने नाइट सूट के लिए मैं वही लाती उनकी बातों का जवाब दे रही थी.

जब मैं वहां से उठी तो नहीं तो पापा के कमरे में आई तो रिंकीअभी जाग रही थी तो मैंने उनसे पूछा आप यहां अब क्या चाहते हैं आपको तो पापा मेरी चुचियों को देख कर मुस्कुराते हुए बोले दूध .तुम्हें मुझे दूध तो नहीं दिया। पापा को इस तरह अपनी चुचियों की और देखते मैं भी मुस्कुराती हुई बोली, अभी आप जाइए सोने से पहले आप को दूध पिला दूंगी और अदा के साथ पापा के सामने अपनी चुचियों पर हाथ फिरा दिया।

अब आप जाए और कपडे चेंज कर ले। मुझे जल्दी आने का बोल कर पापा अपने कमरे में चले गये। मैं वहा से पापा की बेचैनियों को समझ आ रही थी क्योंकि पापा अपने रूम में मेरा इंतजार कर रहे थे, मैं किसी ना किसी चीज की आवाज उठा रहा था। मैं रिंकीको सुलाने लगी थी कि पापा 15 मिनटों के बाद फिर से बच्चों के रूम में आ गए।

और इस बार वो जिसकी हालत थी, मुझे देख कर हंसी आ गई क्योंकि दोनों बचिऔर सो गई थी। पापा को इस तरह रूम में देख कर मुस्कुराते हुए कहा, उन्हें डांटते हुए बोली ये आप कैसे आ गए बच्चों के रूम में। क्यूकी उस समय पापा के बदन पर इक वी शेप की ब्रीफ थी और हम भी उनका लंड किसी रॉड की तरह खड़ा था।

मुझे अपने लंड की और देख पापा भी मुस्कुराते हुए मेरे सामने ही अपने लंड को मसलते हुए बोले और मुझसे कहने लगे आओ ना जान अब कितना इंतजार करवाओगी तो मैंने भी लाईटे बोली शर्म करो इस तरह से बच्चों के रूम में आने के लिए देखिये केस अभी से आपका खड़ा ही मेरी बात पर पापा अपने लंड को ब्रीफ के ऊपर से सहलते हुए पीछे से मुझे अपनी बाहों में भरते बोले मेरी जान ये खड़ा भी अपनी महबूबा को याद करके हुआहै अपनी रानी के स्वागत के लिए खड़ा ही.

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पापा की बात पर मैं मुस्कुरा उठी.पापा बोले अब आओ ना पापा मेरा हाथ पकड़ कर अपनी और खींचा और मैं मुस्कराते हुए हटो ना छोरिये ना..

पापा ; तुम ने ही शाम को कहा कि मैं कुल्फी रात को खाऊंगी.

तो मैं भी अपने होठ चबाती बोली अच्छा जी तो आप मुझे बस कुल्फी ही खिलोगे और कुछ नहीं करोगे ना इतने मैं पापा मेरे पास आ गए और मुझे पापा से अपने बाहों से उठ लिया पापा बाहर चले गए और आधे घंटे में वापस आई तो मैंने पूछा कहां गए थे पापा अब मैं तेरी नहीं सुनूंगा मैं तो अपनी रानी को जी भर कर प्यार करूंगा। सिर्फ प्यार करूंगा और तुझे भी मुझे प्यार करना होगा फिर पापा ने पैकेट खोल दवा दिखाइ.

मैं बोली यह क्यों पापा आप इसके बिना भी फिट हो वह बोले यह हम दोनों के लिए है इसको लेने से दोनों में से कोई भी पीछे नहीं हटेगा और खुलकर मजा लेंगे मैं शर्मा कर पापाके सीने से लग गई और उनकी निप्पल को मसलने लगी पापा को मजा आने लगा.

पापा ने मुझको अलग किया और किचन से दो गिलास दूध ले आए और उसमें से आधी गोली खुद खाई मेरे लिए दूसरी गोलीसे आधी गोली मुझे खाने को दी मैंने मुस्कुराते हुए खा ली। पापा मुझे ले कर हमारे बेडरूम की और चल पड़े। मैं पापा की आंखो मैं देख रही थी और मुस्कुरा रही थी क्योंकि मैं जानती थी कि मेरे साथ आगे क्या होने वाला है.

बेडरूम मैं आ कर पापा ने मुझे बेड पर बिठा दिया और खुद दरवाजा बंद कर दिया। मैं बेड से उठी और अपनी साड़ी खोलने के लिए मैंने जैसे ही अपनी साड़ी का पल्लू हटाऔर कि तभी पापा ने पीछे से आ कर मेरी कमर मैं हाथ डाल दिया और अपने होठ मेरे बगीचे पर रख कर मुझे चूमने लगे और फुसफसा कर बोले जान कितना तड़पती हो जान.

मैं भी पापा के प्यार का मजा लेते बोली क्या आप भी ना आप को भी बिल्कुल भी सबर नहीं है अभी दोपहर को ही तो ली थी मेरी, तो पापा बोले मेरी रानी तुम चीज ही इसी हो अगर तुम्हें 24 घंटे बाद मैं भर कर प्यार करु तब भी कम ही पापा की मेरी प्रीति ये दीवानगी देख.

मैंने पूछा आप इतने रोमांटिक है तो मुझसे पहले आपका ये अंदाज तो मैंने कभी देखा नहीं था पहले तो आप इतने रोमांटिक नहीं हुए तो पापा ने मुझे पलटा कर मुझे अपनी बाहों में भरकर मेरी आंखो मैं देख कर बोले पहले मुझे इतनी सुंदर और सेक्सी बीवी जो नहीं मिलीं थी ये सब तो तुम्हारे हुस्न का कमाल ही मेरी जान कितनी गरम हो तुम मेरी जान.

अब मैं अपनी तारीफ सुन कर मुस्कुरा रही थी और अपने होठों को अपने दांतो में चबा कर बोली तो क्या आपकी पहली बीवी मेरी तरह गरम नहीं थी वो भी तो सुंदर और सेक्सी थी. पता नहीं अब मैं मम्मी को अपनी मम्मी क्यों नहीं कह पाई मैंने मम्मी को पापा की पहली बीवी कहा।

पापा मेरे होठों को चूमते क्या जान तुम तो आग हो आग और वो तो एकदम ठंडी थी। वो सामने नंगी भी होती थी ना तो ये बांस खड़ा नहीं होता था पापा की बात सुन कर मैं मुस्कुरा और और मैं तो पापा मुझे चूमते बोले, मेरी जान तुम तो आग हो तुम्हारा नाम सुनते ही ये खड़ा हो जाता ही मो पापा की बाहों में समय बोले झूठे अगर मेरी सौतन हॉट नहीं तो फिर 3 3 बचे कैसे।

पापा बोले जान वो भी बस कह लो जरूरी थी जब खड़ा होता था तो पानी निकलना था। असल में मेरी सौतन के 3-3 बच्चों को पैदा करने से चूत ढीली हो गई थी और पापा को ढीली चूत में अपना लंड डालने में मज़ा नहीं आता होगा, अब पापा को 16 साल की बच्ची की कच्ची कली मिली जिसे पापा कल रात से 7 बार अपने नीचे दबा कर रौंद चुके थे.

आप भी जानते हैं कि जवान लड़की की कच्ची चूत तो बूढ़े का भी लंड खड़ा कर देती है फिर पापा तो अभी अपनी जवानी के चरम पर थे, पापा ने अपना मुँह मेरे ब्लाउज के ऊपर रख दिया और ब्लाउज के ऊपर से ही मेरी चुचियाँ को चूमने लगे पापा के थूक से मेरा ब्लाउज भी गीला हो गया।

पापा ब्लाउज के ऊपर से मेरे निप्पल को मुँह में भरने की कोशिश करने लगे। मैं बोली आपने अभी 2 घंटे पहले जो दवा खिलाई है उससे बदन में अकड़न रही है मन कर रहा है कि आप मुझे पकड़ कर कसकर उछाल-उछाल कर चोदो पापा ऐसा लग रहा है कि आप खूब दर्दनाक चुदाई करो.

मैंने पापा से कहा क्या यहीं खड़े प्यार करने का इरादा ही तो पापा मुस्कुराए और बोले जानू मेरा भी मन कुछ ऐसा ही हो रहा है आज तुझे स्वर्ग की सैर करवाता हूं कहकर पापा ने मुझे बिस्तर में खींच लिया और पापा ने मुझे फिर से पीछे से पकड़ लिया और इस बार उन्हें ने मेरे कान को अपने हांथो मैं दबा कर चूसने लगे और उनके हाथ मेरी चुचियो पर जिनको वो जोर जोर से दबाने लगे।

मस्ती मैं मेरी आंखे बंद होने लगी और मेरे मुंह से बस यहीं निकल रहा था आआआआआआह्हह्हह…जी। .बस..कीजिये ना पापा ने तो अपना हाथ नीचे मेरे पेटीकोट की और बड़ा उसका नाडा डुंडने लगे और मुझे किस करते हुए जैसे ही पापा के हाथ में मेरे पेटीकोट का नाडा आया उनहो ने उसे पकड़ कर जोर से खींच दिया..

मैं भी पापा के साथ शरारत के मूड, मैं थी पति पत्नी के बीच रात को पापाजो शरारत होती है सेक्स से पहले उसका मजा ले रही थी पापा को इस तरह मेरे पेटीकोट का नाडा खोलते देख मैं बोली, लगता है काफी अनुभव ही हमारा नाडा खोलने का.

आप को देख कर लगता है है दीदी जब बाहों पर आती होंगी तब आप उनका आते ही खोल देते होंगे (पता नहीं अब मुझे मम्मी को अपनी मम्मी बोलने में परेशानी हो रही थी वैसे भी अब वो मेरी मम्मी कह रही थी वो मेरे पति की पहली पत्नी थी मुझसे बड़ी मेरी बहन कह लीजिये और फिर मेरी सौतन).

पापा; उसका नहीं तुम्हारा नाडा खोलना का अनुभव हो गया.

मुझे; मेरा तो रात से अपने ने एक बार ही खोला है और एक बार जब खोला उसके बाद तो पहनने ही नहीं दिया.

पापा; मेरी जान तुमने एक बार ही सिखाऔ ना और आंखो मैं आन.

खे दाल कर हंसने लगे. मेरा पेटीकोट मेरी कमर से ढीला हो कर मेरे पेयरो मैं खुल कर नीचे जमीन पर गिर पड़ा तो पापा ने अब मुझे बिस्तर लिता दिया और खुद भी मेरी बगल मैं आ कर लेट गई। मेरा ब्लाउज़ अब मेरी चुचियों पर से कसने लगा था और पापा को मेरी चुचियाँ देख सबर नहीं हुआ पापा तो इस समय किसी भूखे शेर की तरह थे। पापा ने अब मेरे ब्लाउज के सारे बटन धीरे-धीरे खोल दिये

ब्लाउज दो हिसो मैं बट गया और हमसे मेरी काले रंग की ब्रा पापा की आँखो के सामने थी। ब्लाउज अभी भी मेरे कंधे पर फैनसा हुआ था..जिससे पापा ने हाथ बढ़ा कर मेरे बदन से अलग कर दिया अब मैं ब्रा पेंटी में पापा की बहन हूं, थी पापा मुझे अपने सीने से भींचते हुए बोले तुम सच में बहुत खूबसूरत हो बिल्कुल किसी अप्सरा की तारा.

पापा मुझे बाहों में ले कर मेरी तारीफ कर रहे थे और मैं मुस्कुरा रही थी। और पापा की आंखो में देख बोली आप को दूध नहीं पीना ही क्या अगर आप कहे तो ले आओ तो पापा भी मुस्कुराते हुए बोले मेरी जान मुझे तो अब तुम्हारा ही ये मैथा दूध पीना ही और मेरी चूची को जोर से मसल दिया.

और पापा ने मेरी ब्रा की पट्टी को अलग कर दिया और नीचे से मेरी ब्रा को ऊपर कर दिया और एका एक मेरे दो बड़े बड़े पक्के आम उछल के बाहर आ गए और पापा मेरे ने मेरे बड़े बड़े स्तनों को अपने हाथों में ले लिया धीरे से दबने लगा और मेरे पालतू जानवर को चूमते हुए मेरी जांघो तक नीचे चूमते जा रहा था और मैं अपनी दोनों आंखें बंद करते हुए अपने दोनों होठों को पकड़ कर मजा ले रही थी.

मैं भी अब चुदासी हो रही थी और अपना हाथ पीछे अपनी ब्रा के हुक पर ले जा कर उसे खोलती हुई बोली तो फिर पी लो ना किसने रोका आप को। मेरी खुली ब्रा अभी मेरी कंधे पर ही थी और पापा नीचे से ऊपर तक मेरा पेटीकोट ऊपर करते हुए हुए मेरी जंघो को चूमते जा रहा था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

और मैं अब पूरी तरह से गर्म और उत्साहित हो गई थी और तड़प उठी थी और अपने होठों को दांतो तले दबा के काट रही थी और मैं अब पूरी तरह से से तड़पने लगी थी मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था और पापा मेरी चुचियों को बार बार दबाते जा रहा था ब्लाउज अभी भी मेरे कंधे पर फैनसा हुआ था..

जिससे पापा ने हाथ बढ़ाकर मेरे बदन से अलग कर दिया अब मैं ब्रा पैंटी में पापा की बाहों में थी. पापा मुझे अपने सीने से भींचते हुए बोले तुम सच में बहुत खूबसूरत हो बिल्कुल किसी अप्सरा की तरह। पापा मुझे बाहों में ले कर मेरी तारीफ कर रहे थे और मैं मुस्कुरा रही थी।

और पापा की आंखो में देख बोली आप को दूध नहीं पीना ही क्या अगर आप कहे तो ले आओ तो पापा भी मुस्कुराते हुए बोले मेरी जान मुझे तो अब तुम्हारा है ये वाला दूध पीना है और मेरी चूची को जोर से मसल दिया मैं भी अब चुदासी हो रही थी और अपना हाथ पीछे अपनी ब्रा के हुक पर ले जा कर उसे खोलती हुई बोली तो फिर पी लो ना किसने रोका आप को।

मेरी खुली ब्रा अभी मेरे कंधे पर ही थी जिसके पापा ने अपना एक हाथ आगे ले जा कर मेरी ब्रा को मेरे सीने से धीरे-धीरे नीचे की ओर सरकने लगे…… और कुछ ही पल में मेरी दोनों मुसम्मी जैसी कड़ी रसीली चूचियां पापा के आंखें के सामने बे-परदा हो गई।

मैं तो बस भूलभुलैऔर से आआआआ आ ह सी सी ऊ मां आ आ आह पापा आह पापा आ ह सी सी ऊ मां आ आ आह ह्हह्हह्हह्ह सिसक रही थी। मदहोसी के इस आलम में मुझे अब किसी बात का होश नहीं था। तभी पापा ने अपना मुँह बड़ा कर मेरी चूची पर रख दिया और मेरे निप्पल को मुँह में भर कर चूसने लगे।

कभी मेरे निप्पल को अपने दांतो पर दबा कर काट लेते जिस से मैं जोरो से सिसक उठती और बोली हाये धीरे धीरे काटिए ना बहुत मजा आ रहा है आआआ उम्र आऊच. कुछ देर इसी तरह मेरी चुचियों को चूमने के बाद पापा नीचे की और बड़े अब उनकी जीभ मेरी नाभि के पास द तो उनको ने अपनी जीभ को मेरी नाभि में घुसा दिया जिस से मेरे बदन में गुदगुदी होने लगी और तड़प उठी.

कुछ देर मेरी नाभि से खेलने के बाद अपनी जिह्वा को नीचे की ओर सरकाने लगे। जैसे पापा की जीभ नीचाई की ओर जा रही थी मेरी बदन मैं कुछ होने लगा था मेरी कमर खुद बी खुद हरकत मैं आ रही थी।की पापा ने अपने होठ मेरी चिकनी जांगो पर रख दिए और हौले हौले अपने दांतों से कटने लगे और कभी अपनी जीभ चूत पर फिराने लगी.

मैं तो मस्ती मैं निचे अपना कमर उचका कर बरबरा रही थी आआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्ह धीरे आआआह्हह्हह्हह्हह्हह मेरा हाथ उनके सर के ऊपर उनके बालो मैं था जिन मैं अपनी उंगली फिर रही थी मेरी पैंटी पूरी गीली हो रही थी मैं तो बस यहीं चाह रही थी कि कब पापा मेरी पैंटी उतार कर मेरी चूत को अपने होंठों पर ले कर चूस सकें.

मैं ये सोच ही रही थी पापा ने अपने होंठ मेरी चूत के ऊपर रख दिए और पैंटी के ऊपर से मेरी चूत चूसने लगे मेरे कीमती खजाने और पापा के बीच अब सिर्फ मेरी पैंटी थी। मेरे कीमती खज़ाने तक पहुंचने तक पापा सिर्फ एक कदम दूर थे। पापा ने अपने एक हाथ की उंगली मेरी पेंटी पे रख दी और अपनी उंगली को मेरी पेंटी के बीच में रखकर गोल गोल घुमाने लगे.

मेरे मुंह से धीरे-धीरे आवाज निकल रही थी पापा फिर मुझे चुचियों से ले कर नाभि तक चुम्मे लागे और अपना एक हाथ मेरी पैंटी के इलास्टिक में फंसा कर और ऊपर से पेंटी को पकड़कर धीरे-धीरे नीचे करने लगे और अब पापा मेरे कीमती खजाने तक पहुंच गए थे और मेरा कीमती खजाना पापा को साफ साफ दिखाई दे रहा था.

और पापा ने मेरी पैंटी को और अलग करते हुए निकल दी और दूसरी तरफ पापा मुझसे ऊपर से पहले तक चूमते ही जा रहे थे फिर पापा ने अपने होठ मेरी चूत पर रख दिए और उसे चाटने लगे। कुछ देर ऐसे ही मेरी चूत को चाटने के बाद पापा ने अपनी उंगलियों से मेरी चूत को खिलाऔर और अपनी जीभ को उसको मेरी गुलाबी चूत के अंदर घुसा दिया।

पापा की जीभ अपनी चूत के अंदर पाई तो उछल पड़ी आआआ. ….जान पापा जैसे अपनी जीभ मेरी चूत के और अंदर तक डाल रहे थे वैसे वैसे मेरा हाल था और फिर भी बुरा हो रहा था। और मैं अपने हाथ से अपनी चुचियों को मसल रही थी। मैं एक हाथ से अपनी चुचियों को मसल रही थी और दूसरे हाथ से पापा के सर को अपनी चूत पर दबाये नीचे से अपनी कमर उछाल कर मजा ले रही थी.

मेरे मुह से सिसकारी निकली और फिर से मैं राआआआआआआआआआआआआआआआआआआ जब तक मेरी चूत में अपनी जीभ डाले पड़े रहे, तब तक मेरी चूत से निकले रस की आखिरी बून्द चाट नहीं कर पाएगी। फिर पापा ऊपर आये और अपने प्यार पर रख कर चूमे लगे और बोले निशी आई लव यू और सिधा बाहों पर लेट गये मैं अब पापा के ऊपर आ गई और अपने होठों को उनकी गर्दन पर रख कर उनको चूमने लगी।

अपने होठों की मोहर लगाते बोली, जानू कह रहे थे कि रात को चोकोबार खिलाउंगा और अब पापा ने अपना हाथ मेरी कमर में डाल दिया और उससे मेरे छुटड़ो पर रख कर उसे सहलाने लगे।अब मैं अपने होठों का कमाल पापा को दिखा रही थी और अपने होठ धीरे-धीरे नीचे की और ले जाने लगी.

और अपने गुलाबी होठ पापा की बालों वाली चाहत पर रख कर उनकी चाहत पर चूमने लगी और पापा के सीने पर अपनी जीभ फिराने लगी जिस से पापा को गुदगुदी हो रही थी। और जैसे है मेरे होठ पापा के निप्पल पर पड़े पापा तो उछल पड़े स्याद आसा मजा पापा को पहले कभी मैला था. पापा मस्ती में बहुत बुरा लगे लागे आआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्ह मेरी जान क्या कर रही हो गुदगुदी होती है.

मैं ; डार्लिंग जब मेरी चुची चुस्ते ही क्या तब मुझे गुदगुदी नहीं होती.

और पापा के निप्पल को अपने होठों पर दबा कर खींचने लगी तो पापा मस्ती में आअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह आह्ह करते बोला निशी ऐसा मजा मुझे पहले कभी नहीं तुम्हारी मम्मी ने कभी ऐसा नहीं किया तो मैं अपना चेहरा ऊपर उठा कर उनकी आंखो में देखती बोली, लगता ही है अभी भी आप दिल मैं वो ही है मैं नहीं.

पापा; नहीं मेरी बस ऐसे ही उसकी याद आ गई आख़िर वो तुम्हारी माँ थी.

मैं ; नहीं अब वो मेरी मां नहीं है वाई अब मेरी सौतन है और मैं अपने जानू के दिल से अपनी सौतन को बाहर निकाल कर ही रहूंगी।

पापा भी समझ गए कि कोई औरत अपने पति के मुंह से किसी औरत का नाम सुनाना पसंद नहीं करती पापा ने बात बदलते बोले यार आज बड़ा मजा आ रहा है आअहहहहहहहहहहहहहहह। पापा के इस तरह सिसक कर मजे से बोलना पर मैंने अपने सिर ऊपर उठाया और पापा की आँखें देख कर मुस्कुराती हुई फिर से अपने होठ पापा के निप्पल पर रख दिये और धीरे धीरे पापा के निप्पल को अपने दांतों से काटने लगी।

और जैसे है मैं पापा के निप्पल को जोर से कट ती पापा गाल पड़ते और बोलते धीरे दर्द होता है और मुस्कुराती हुई कहने लगी मेरे कटने से आप को दर्द होता है और जब आप इतना जोर से कट ते है टैब और हा इस दर्द होता है असली मजा ही बस आप रिलैक्स होकर लेते रहिए। और फिर अपनी जिद सरकते हुए पापा के दूसरे निपल्स पर रख दिया है और वहां भी हल्के दांतों से कटनी लगी।

इसे भी पढ़े – बचपन की सहेलियों के साथ चोदा चोदी

पापा के निप्पल को चूसने के साथ-साथ मैं अपना हाथ नीचे की और ले गई और अपने हाथ को पापा के खड़े लंड पर रख दिया और ब्रीफ के ऊपर से पापा के लंड को सहलाने लगी….मेरे इस दोहरे हमले से तो पापा के मुँह से सिस्कारिंक ज़ोरों से पैर पड़ी……… इधर मैं पापा के एक निपल्स को अपने होठों में लेकर चूस रही थी वहीं दूसरे हाथ से पापा के लंड को अपने कोमल हाथ से सहला रही थी। कुछ देर इसी तरह पापा के निप्पल को चूसे मैं नीचे और सरकने लगी और अपने होठ पापा के अंडरवियर पर उनके लंड पर रख दिये.

कुछ देर इसी तरह पापा के लंड को ब्रीफ के सथ मैं होनथो मैं डाबा कर चस्टे पापा की आंहो मैं देख चुसे लगी से पापा आआआआआआआआआआआआ. पापा तो आआआअह्हह्हह्हह्हह्हह्ह आआआआह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्ह करने लगे। अब मैं पापा को बोलता हूँ क्या हुआ आप तो अभी से अह्हह्हह्हह्हह्ह आआआआआ करने लगे अभी करने लगे आप के इस कुल्फी का स्वाद भी नहीं आया, शाम को बच्चों को बोल रहे थे कि तुम्हारी मम्मी को दो चोकोबार खिलाना.

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Filed Under: Baap Beti Ki Chudai Tagged With: Blowjob, Boobs Suck, Family Sex, Hardcore Sex, Hindi Porn Story, Horny Girl, Kamukata, Mastaram Ki Kahani, Non Veg Story, Sexy Figure

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  1. Ishu says

    नवम्बर 28, 2024 at 8:33 अपराह्न

    Next series kab aayega

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