Good Fucker Boy
दोस्तों ये बात कुछ दिनों पहले ही है । मेरी माँ की अचानक तबियत बिगड़ गयी। उनको दस्त पर दस्त आने लगे। सायद उनको डाईरिया हो गया था। रात में १ बजे थे। मेरे पापा ने कहा की मैं जल्दी से माँ को पास के प्राइवेट अस्पताल में ले जाऊं। मैंने माँ को बाइक पर बिठाया और तुरंत पास के एक प्राइवेट अस्पताल पंहुचा। Good Fucker Boy
वहां चारों तरह देखा तो कोई मुझे नही मिला। एमरजेंसी वाला कमरा खुला हुआ था पर कोई डॉक्टर नही दिख रहा था और ना ही कोई कम्पाउंडर दिख रहा था। मैंने माँ को एक कुर्सी पर बिठा दिया। उलटी और दस्त से माँ की हालत बुरी थी। उसको बहुत कमजोरी लग रही थी। जैसे ही उनको कोई दवा देता था फौरन उलटी हो जाती थी।
मैं हस्पिटल में अंदर गया तो देखा एक नर्स अपने केबिन में बैठी थी। वो टीवी पर कोई चुदाई वाला चैनल देख रही थी। उसका नर्स वाला कोट आगे से खुला हुआ था। उसकी सफ़ेद रंग की नर्स वाली सलवार भी खुली हुई थी। शायद वो चुदाई वाली पिक्चर देखकर अपनी चूत में ऊँगली डालकर मुठ मार रही थी। जैसे ही मैंने उसके पास पंहुचा उसने अपनी ऊँगली अपनी सलवार से निकाल ली।
“नर्स!! प्लीस चलिए !! मेरी माँ की तबियत बहुत ख़राब है! जल्दी से चलिए!” मैंने उससे कहा.
“देखो मेरा अभी ऑफ़ हुआ है! अभी कुछ देर में एक लड़का जा जाएगा, उसे दिखा देना, मैंने अभी ये फिल्म देख रही हूँ! ” नर्स बोली.
दोस्तों, मैं समझ गया की वो चुदासी है और अगर मैं उसको लंड ओफर कर दूँ तो वो मेरी माँ का इलाज कर सकती है, मैं तुरंत समझ गया।
“मैडम!! आप तो यहाँ सिर्फ पिक्चर देख रही हो। अगर आप मेरी माँ का इलाज कर दूँ तो मैं आपको ये सब मजा सच में दे सकता हूँ” मैंने कहा.
“…..मलतब की तुम मुझे चोदकर मजा दोगे???’ उसने पूछा.
“…हाँ पर पहले आपको मेरी माँ का इलाज करना होगा” मैंने कहा.
वो चुदासी नर्स राजी हो गयी। मेरा ऑफ़र सुनने के बाद उसके बदन में जान आ गयी। उसने और कोई बहाना नही माना। फौरन आगर उसने मेरी माँ को दवाइयां दे दी और एक बोतल गुलुकोज उसने मेरी माँ को लगा दी।
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“माँ !! तुम बोतल चढ़वाओ, मैं अभी नर्स को पैसे देकर आता हूँ!” मैंने कहा। नर्स मुझे लेकर अपने केबिन में आ गयी। उसने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया और पर्दे गिरा दिए जिससे कोई उसकी चुदाई देख ना पाए। मुझे पागलों की तरह चूमने चाटने लगी.
“मैडम !!! क्या आपको कोई यार नही है तो आपको चोद कर खूब मजे थे!” मैंने पूछा.
“यार इसी बात का तो रोना है की मुझसे कोई लौंडा पटा ही नही। कितने डॉक्टर्स को चोदने का ऑफ़र दिया मैंने पर सब बहनचोद एक बार mbbs कर लेते है तो उनको कोई लेडीज mbbs डॉक्टर की चाहिए होती है चोदने के लिए। इस वजह से मुझे आज तक किसी से चुदवाने के मौका नही मिला” नर्स बोली.
“वैसे तू देखने में ठीक ठाक लगता है। क्या नाम है तेरा???’ उसने पूछा.
“जयदीप सिंह !! यही पास के ठाकुरवाड़े में रहता हूँ” मैंने कहा.
“…तो जयदीप सिंह! मुझे जल्दी से चोद और तेरी फिस भी माफ़!!” नर्स बोली.
उसके बाद दोस्तों हम दोनों ने अपने अपने कपड़े निकाल दिए। मैंने सोचा की जब नर्स को चोदना ही है तो बेकार में उसे ब्रा और पेंटी पहनने हूँ। इसलिए मैंने अपने और उसके सारे कपड़े निकाल दिए। नर्स नंगी होकर बेहद सेक्सी लग रही थी। उसके दूध तो दोस्तों, ४० से कम नही होंगे। उसका फिगर आराम ने ४० ३६ ३६ का होगा। उसके चुतड बहुत ही गोल मटोल और सेक्सी थे। मैंने छू कर चेक करने लगा।
“जयदीप सिंह !! पहले मुझे अपना लंड पिलाओ!” नर्स बोली.
मैं उसकी बेंच पर लेट गया और नर्स मजे से मेरा लंड चूसने लग गयी। जिस तरह से वो एक मिनट में मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी उससे मुझे लगा की इतने सालों में उसने किसी मर्द का लौड़ा नही चूसा और ना ही किसी मर्द से नर्स ने चुदवाया। नर्स हपर हपर करके मेरा लंड चूसने लगी। दोस्तों मुझे भी बहुत अच्छा लगा।
क्यूंकि मैंने भी कई दिनों ने किसी लडकी को ना ही चोदा था और न ही लंड चुसवाया था। वो सेक्सी गोल गोल मम्मो और मस्त चुतड की मालकिन मस्ती से मेरा लम्बा लंड चूसने लगी। मुझे बहुत अच्छा लगने लगा। कितना सुकून मिल रहा था मुझे दोस्तों।
वो चुदासी नर्स मेरे लंड को मुँह में अंदर गले तक लेकर चूस रही थी। हम दोनों पूरी तरह से नंगे हो चुके थे। मैंने उसकी पीठ सहला रहा था और उसकी चूत में हाथ डाल रहा था। वो मजे से मेरा लंड चूस रही थी। उसके बाद वो खुद ही अपनी दोनो भरी भरी टांग फैलाकर लम्बी बेच पर लेट गयी।
“जयदीप सिंह !! आओ जल्दी से मेरे पास !! चोदो आकर मुझे!” नर्स बोली.
“नही मैडम !! पहले मैं आपके मस्त मस्त दूध पियूँगा!” मैंने कहा.
मैंने उसके उपर सवार हो गया और नर्स के दूध पीने लगा। उसके बूब्स कुछ जादा ही बड़े थे। ४० साईज के उपर होंगे। मैंने उसके दूध छूने लगा। और मजे से हाथ से दाबने लगा। क्या मस्त गोलाकर दूध थे दोस्तों। बिलकुल किसी रबड़ की गेंद की तरह। फिर मैं नर्स मैडम पर झुक गया और उनके होठ पीने लगा।
हम दोनों एक दुसरे के होठ बड़ी देर तक पीते रहे। उसके होठ भी काफी सुंदर थे। फिर मैं उसका गला और कान की खाल को कामवासना ने अपने दांतों से हल्का हल्का चाबाने लगा। इससे नर्स बहुत जादा गर्म हो गयी थी और बार बार कह रही थी ‘जयदीप सिंह ! जल्दी ने मुझे चोद दो! दूध बाद में पी लेना। मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है। प्लीस मुझे चोदकर मेरी बुर की खुजली दूर कर दो!’
पर मैंने उसकी बात नही सुनी और मैं उसके दूध पीने लगा। फूले फूले रबर की गेंद जैसे दूध थे। छूने पर ही मुझे जन्नत का सुख मिल रहा था। फिर मैं हाथ से नर्स के दूध दबाने लगा। जैसे बर्फबेचने वाला अपना हॉर्न दबा दबाकर बर्फ बेचता है। ठीक उसी तरह मैं नर्स के ४० साईज के दूध हॉर्न की तरह जोर जोर से बजा रहा था और अपना लंड बेच रहा था और अपनी चुदास की मार्केटिंग कर रहा था।
फिर मैंने नर्स के ढूध मुँह में भर लिए और मजे से पीने लगा। उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ ! क्या सेक्सी खूबसूरत दूध थे उसके। मैं मनमुताबिक तरह से नर्स के मम्मे दबा रहा था। इतने बड़े बूब्स थे की मेरे हाथों में मुस्किल से आ पा रहे थे।
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नर्स ने अपना हाथ मेरे पैर के बीच डाल दिया था और मेरी भरी भरी सेक्सी चिकनी जांघो को सहला रही थी। फिर उसका हाथ और आगे बढ़ गया और उसने मेरा लंड ढूढ़ लिया और हाथ में ले लिया। फिर वो लंड की प्यासी नर्स मेरा लंड फेटने लगी.
“मैडम !! आप तो बहुत सेक्सी माल है ! अगर मेरी मुलाकात आपसे और पहले हो जाती तो मैं आपको कब का चोद चूका होता!!” मैंने कहा.
“जयदीप सिंह ! इस बात का अफ़सोस तो मुझे भी है की मेरी मुलाकात तुमसे पहले क्यों नही हुई। क्यों बेकार में मैं डॉक्टर्स को पटाती रही और उसको चुदवाने का ऑफर देती रही!” नर्स बोली.
“…..कोई बात नही मैडम !! अब मैं आ गया हूँ। आपको टेंसन लेने की कोई जरूरत नही है। अब मैं आपको रोज आकर चोदूंगा!” मैंने कहा और फिर उसके दूध पीने लगा। नर्स मेरे लंड को हाथ में लेकर फेटने लगे। मुझे बहुत मजा आ रहा था दोस्तों। कुछ देर बाद मैंने उसके पैर खोल दिए और नर्स की बड़ी सी मेरे सामने थी।
‘मैडम ! अगर आपके पास कंडोम तो लो चढ़ा लूँ!” मैंने कहा.
“नही यार जयदीप !! ऐसी ही मुझे चोदो! कंडोम में उतना मजा नही मिलता है! और अब तो तुमसे रोज चुदवाना है तो ये पर्दा क्यों??” नर्स बोली.
“ठीक है मैडम !! जैसी आपकी मर्जी!” मैंने कहा और नर्स की बड़ी सी चूत में लंड डाल दिया। वो खूबसूरत माल को देखकर मेरा तो दिमाग बिलकुल ख़राब हो गया था। मेरे लंड में खून बहुत जादा बहने लगा थाऔर मेरा लंड बहुत मोटा हो गया जैसे मूसल की तरह। मैंने नर्स की चूत पर रख दिया और बड़े प्यार से अंदर की ओर धक्का दिया। मेरा लंड नर्स के भोसड़े में उतर गया।
नर्स का मुँह हल्का सा पिचक गया जैसे ही उसने मेरा लंड खाया। मैं धीरे धीरे उसे चोदने लगा। उसके बाद तो दोस्तों मुझे बड़ी मजा आने लगी। नर्स का मुँह हल्का सा खुल गया। वो मजे से मुझसे चुदवाने लगी और मेरा लंड खाने लगी। सच में दोस्तों, वो नर्स पूरी तरह से कुवारी थी। उसकी चूत इतनी कसी थी की क्या बताऊँ। उसे पेलने में मुझे बहुत सुख मिल रहा था।
उसकी नजरे अब और जादा कजरारी और तरेरी लग रही थी। उसकी तीखी आँखों में देख देख के मैंने उसे गपागप पेल रहा था। कुछ देर बाद मेरी पेसेंजेर ट्रेन ने रफ्तार पकड़ ली और सुपर फ़ास्ट ट्रेन बन गयी। मेरा लंड नर्स की चूत को सट सट चोदने लगा। मैंने नीचे देखा तो मेरा लंड बहुत जादा फूलकर मोटा हो चूका था।
नर्स की चूत का खून और मक्खन मेरे लौड़े पर लग गया था जैसे किसी ने ग्रीस लगा दी हो। मैंने सोचा की जब इस छिनाल को पेल ही रहा हूँ तो क्यूँ ना कायदे से पेलू। मैंने नर्स को अपनी बाहों में भर लिया। उस पर पूरी तरह से लेट गया। मेरा चेहरा उसके चेहरे के बगल में आ गया।
मैं जोर जोर से उसे ठोकने लगा तो उसकी ऊऊऊउ उऊ ऊँ आ हा आआअ आऊ आऊ आऊ जैसी मीठी मीठी सिस्कारे मेरे कान में जाने लगी और मुझे और जादा चोदने के लिए आमंत्रित करने लगी। मैंने नर्स को दोनों बाहों में अच्छे से पकड़ लिया और इतनी जोर जोर से कमर उठा उठाकर चोदने लगा की उसकी माँ चुद गयी। उसके चुतड थर्रा गये और वो कमर उठा उठा कर चुदवाने लगी.
“ओह्ह जयदीप सिंह !!! यू आर ए ग्रेट फकर!!…..फक मी हार्डर!!! कामोन…चोद दो मुझे!!! चोदो चोदो !! और जोर से !!” नर्स चिल्लाने लगी.
“टेक इट बिच!!” मैंने कहा और जोर जोर से उसे चोदने लगा। मुझे तो जैसे जन्नत का सुख मिलने लगा दोस्तों। उधर मेरी माँ अपना ग्लूकोस चढ़वा रही थी। इधर मैं नर्स हो चोद रहा था। मैंने नर्स के दूध में मुँह में दबोच लिया और उसके बड़े बड़े दूध को काटते काटते उसे चोदने लगा।
उसे बहुत तेज लग रही थी पर फिर भी वो रंडी कोई शिकायत नही कर रही थी। उसकी चूत में मुझे बहुत कसावट मिल रही थी। मैं उसे उसे चोदने में डूबा हुआ था। अचानक मैंने उसकी काली निपल को दांत से जोर से काट लिया। नर्स को जोर का दर्द हुआ और छोड़ने के लिए कहने लगी, पर मैं उसे नही छोड़ा और पकापक उसे पेलता ही रहा।
हम दोनों सातवे आसमान में उड़ रहे थे। चुदासी नर्स की खुसबू मेरी नाक में जा रही थी। मैं उसे अपनी गर्लफ्रेंड की तरह चोद रहा था जैसे वो मेरा पर्सनल माल हो। उसकी चूत और पसीने की भीनी भीनी खुसबू मेरी नाक में जा रही थी। मैंने उसका पहला दूध छोड़ दिया और दूसरा मम्मा मुँह में भर लिया।
अपने तेज पैने दांतों से मैं उसकी बड़ी बड़ी चुच्ची पीते पीते उसे ठोंकने लगा।हम दोनों का चेहरा चुदाई के कारण बेहद लाल हो गया था। हम दोनों मर्द और औरत का दिल जोर जोर से धड़क रहा था क्यूंकि जोर जोर से हम दोनों चुदाई का आनंद उठा रहे थे। आज रात मैंने उस मादरचोद को पूरी तरह से खा जाना चाहता था।
मैं नर्स को इतना चोदना चाहता था की वो सिर्फ मुझसे ही चुदवाये और मेरे लंड की गुलाम बन जाए। कुछ देर बाद दोस्तों, मुझे लगा की मैं झरने वाला हूँ। मैं नर्स की चूत में अपने लंड की बारिश करने लगा। उसे जोर जोर से ठोकने लगा की जिस बेच पर वो चुद रही थी उसके चारों पाये हिलने लगे। नर्स ने अपने दांत मेरे मांसल कंधो पर गडा दिए और जोर से मेरे कंधे पर काटने लगी।
इससे मैं और जादा कामातुर और चुदासा हो गया और उसे इतनी जोर जोर से ठोकने लगा की उसकी जान निकलने लगी। फिर अनगिनत गहरे धक्को के बीच मैं झड़ गया और मैंने अपने लंड से वीर्य की पिचकारी उसकी चूत में छोड़ दी। पिच्च पिच्च करते हुए मेरा लंड ने अपना सारा माल नर्स की चूत में छोड़ दिया।
नर्स एक बार मुझसे चुद गयी थी और बेहद खुश थी। उसके चेहरे पर खुशी और संतुस्टी मैं साफ़ देख सकता था। चुदाई के दौरान बहुत गर्मी भी हम दोनों के बदन से निकल आई थी और पसीने की बुँदे मेरे और सेक्सी नर्स दोनों के माथे पर आ गयी थी। मैंने उसके मत्थे का सारा पसीना पी लिया सेक्सी अंदाज में। नर्स ने भी मेरे साथ ऐसा ही किया.
“जयदीप !! यू फक वेरी वेल!! यू आर ऐ ग्रेट फकर!!” नर्स बोली.
“मैडम !! आप भी बहुत मस्त चुदवाती हो!! मुझे भी आपकी फुद्दी मारकर बहुत मजा आया” मैंने कहा और उसे सीने ने लगा लिया। कुछ देर बाद हम दोनों फिर से चुदाई के मूड में आ गये थे। नर्स नंगे नंगे ही मेरी माँ की कमरे में गयी देखने के लिए की मेरी माँ को ठीक से ग्लूकोस चढ़ रहा है की नही। मेरी माँ लेती हुई थी और उनकी आँखें बंद थी।
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ग्लूकोस की बोतल ठीक से चढ़ रही थी। नर्स फिर से मेरे पास लौट आई। उसने अपनी नर्स वाली तौलिया उठाई और अपने बदन का पसीना साफ़ किया। फिर मैंने भी अपना पसीना साफ किया। दूसरी बाद मैंने उसको कुतिया बना दिया और उसकी गाड़ पीने लगा। बड़ी देर तक मैं उसकी गांड के छेद को अपनी जीभ से चाटता रहा। फिर उसमे ऊँगली करने लगा। कुछ देर बाद मैंने नर्स की गाड़ में लंड दे दिया और उसे चोदने लगा। दोस्तों उसकी गाड़ भी बिलकुल कुवारी थी।
इतना कसा कसा मुझे लग रहा था की मैं क्या बताऊँ। नर्स अपने दोनों कन्धो पर बेंच पर पेट के बल लेटी हुई थी और उसने अपना पिछवाड़ा किसी रंडी की तरह उपर उठा रखा था। इस तरह वो देखने में भी बहुत सेक्सी और चुदासी लग रही थी। मैंने आधे घंटे उसकी गांड ली और जब झड़ने लगा तो मैंने अपना माल उसकी गांड में ही छोड़ दिया। हम दोनों में बेहद मजा आया। फिर माँ को लेकर मैं घर आ गया। दोस्तों, अब वो चुदासी और सेक्सी नर्स मुझे रात में बुला बुलाकर चुदवाती है और सभी इलाज फ्री में करती है।