Desi Night Out Sex
खुले में चुदाई कहानी पढ़े हेल्लो दोस्तों मैं कनिका अपनी कहानी का अगला भाग लेकर फिर हाज़िर हूँ. दोस्तों आप लोगो को मेरी कहानी कैसी लग रही है कमेंट करके बताइए. तो आपने मेरी कहानी बहनों को चुदने के लिए लंड चाहिए 2 में पढ़ा की कैसे हम दोनों बहनों ने बाथरूम में लेस्बियन सेक्स किया और मेरी बहन रितिका लंड लेने के लिए बोलने लगी. अब आगे- Desi Night Out Sex
दोस्तों फिर थोड़ी देर में माँ, पापा मार्केट से आ गये और माँ ने आते ही मुझे पूरी दोपहर सोने के लिए डांट लगाई, फिर माँ ने पूछा रितिका कहाँ है तो मैंने कहा कि रूम में है माँ ने कहा कि देखो हम लोग तो डिनर करके आये है और तुम्हारा डिनर पैक करा लाये है.
अब तुम लोग देख लो कहाँ खाना है या तो अपने रूम में ले जाकर खा लो, या यहीं खा लो, तुम्हारी मर्ज़ी. हम लोग बहुत थक गये है और सोने जा रहे है मैंने कहा ठीक है. फिर मैंने सारा डिनर प्लेट में लगाया और रितिका को आवाज़ दी, लेकिन वो नहीं आई तो में समझ गई अब ऊपर जाकर ही उसे मनाना पड़ेगा.
फिर में डिनर प्लेट में लगाकर ऊपर ही ले गई रितिका एक कोने में गुस्सा होकर बैठी थी और उसने अभी तक कुछ नहीं पहना था. मैंने उससे बोला पागल ऐसे गुस्सा नहीं होते और कुछ पहन ले माँ, पापा आ गये है, वो गुस्से में बोली ना मुझे कुछ खाना है और ना ही में कुछ पहनूंगी.
मैंने मज़ाक करते हुए कहा तो तू सारी ज़िंदगी ऐसे ही नंगी रहेगी, वो मुँह फेर कर बैठ गई में उसके पास गई और उसकी नंगी पीठ पर हाथ फेरते हुए बोली, जो तू सोच रही है वो कभी नहीं हो सकता है रितिका बहुत ज्यादा कठिन काम है तो इस बात पर वो गुस्सा हो कर बोली रिस्की माई फुट.
में भी उसे समझा समझा कर हार गई थी. मैंने थक हार कर कहा चल कल देखते है उसके होठों पर मुस्कान आ गई और वो तुरंत मुझसे लिपट गई और बोली सच कल चलेगी तू, मैंने कहा हाँ देखते है कल चल सकते है कि नहीं.
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फिर वो बोली कि नहीं कल पक्का चलेंगे और अगर वो ही बस मिल गई तो अन्दर चल के मज़े लेंगे और तू चिंता मत कर हमें कुछ नहीं होगा. मैंने बोला चल ठीक है चल तू अब कुछ पहन ले और फिर डिनर करते है उसने टॉप और शॉर्ट्स पहन लिया. और फिर हम लोगों ने डिनर किया और फिर उसने कहा चल डिनर के बाद बाहर एक राउंड घूम कर आते है.
तो में बोली माँ, पापा नहीं जाने देंगे तो वो बोली अरे अपनी कॉलोनी में क्या डर? यहाँ तो घूम ही सकते है. फिर मैंने कहा चल में पूछती हूँ और फिर में पूछने माँ के रूम में गई तो देखा कि गेट हल्का सा खुला था. मैंने गेट और दरवाज़े के बीच की हल्की सी दरार से अंदर देखा तो काफ़ी अंधेरा दिखा.
तो मैंने सोचा शायद पापा, माँ सो गये है तो मैंने हल्के से दरवाज़ा बंद किया और रितिका को नीचे आने का इशारा किया. फिर रितिका नीचे आ गई उसने सफ़ेद कलर का टॉप और नीचे शॉर्ट्स पहन रखा था. मैंने भी गुलाबी टॉप और नीचे लाल कलर का पायजामा पहन रखा था.
मैंने रितिका को देखा कि वो शॉर्ट्स में ही उतरकर आ रही है तो मैंने उससे धीरे से बोला पागल है क्या तू? वो बोली क्यों? मैंने कहा शॉर्ट्स में ही बाहर चलेगी क्या? उस पर वो हंसी और फिर बोली हाँ. मैंने उसकी और देखा और फिर बोली इतने छोटे शॉर्ट्स पहनकर बाहर निकलेगी तो सड़क पर सब तुझे ही देखेंगे, तुझे शर्म नहीं आयेंगी?
वो बोली अरे यार इतनी रात को बाहर कोई नहीं होगा और ऊपर से कोई देख भी लेगा तो क्या? मैंने उसकी और देखा और उसके बेफिक्र चेहरे पर चुदने की इच्छा को देखकर में मुस्कुरा दी और उसके चूतड़ों पर हल्का सा थप्पड़ मारा और बोली तू तो बिल्कुल रंडी हो गई है.
उसने मेरी और देखा और मुस्कुराते हुए मेरे चूतड़ पर हल्का सा ज़ोर का थप्पड़ मारा और बोली आख़िर हूँ तो तेरी छोटी बहन ही ना. फिर हम दोनों एक दूसरे की तरफ हंस पड़े और मैंने मेन गेट खोला और हम दोनों बाहर आ गये और बाहर रोड़ बिल्कुल खाली था और हमारे घर से हर 20 मीटर के अंतराल में एक रोड़ लाईट थी. “Desi Night Out Sex”
रोड़ पर 5 स्ट्रीट लाईट लगी हुई थी. फिर उसके बाद तो पूरे रोड़ पर अंधेरा था. फिर एक दूसरे के साथ मज़ाक करते हुए हम दोनों उसी रोड़ पर चल दिए और धीरे धीरे हम सारी स्ट्रीट लाईट पार कर गये और फिर अंधेरे वाला रोड़ देखकर मैंने रितिका से कहा कि चल लौट चलते है तो इस पर वो बोली अरे लाईट में घूमने का क्या मज़ा? अंधेरे में घूमते है मज़ा आयेगा.
मैंने फिर रितिका को देखा और मुस्कुरा दी और फिर हमने घूमना जारी रखा और अंधेरे में चलते चले गये. फिर बात करते करते रितिका अपना टॉप उतारने लगी और में देखती रह गई कि वो क्या पागलपन कर रही है? और में जब तक कुछ बोलती उससे पहले उसने अपने बूब्स बिल्कुल नंगे कर दिए.
मैंने उसे धीरे से कहा कि क्या पागलपन कर रही है? रितिका तू मरवायेगी क्या? कोई देख लेगा तुझे ऐसे तो? तो वो बोली अरे रोड़ पर कोई नहीं है और अपने बदन को ताजी हवा खिला रही हूँ. मैंने कहा पागल हो गई है तू तो वो बोली तू भी उतारकर देख, बड़ा अच्छा सा महसूस हो रहा है. मैंने कहा नहीं, में तेरी तरह पागल नहीं हूँ. “Desi Night Out Sex”
फिर उसने अपने शॉर्ट्स भी उतार दिए और बिल्कुल नंगी हो गई. अब में क्या बोलती? वो तो बिल्कुल पागलपन कर रही थी. मैंने गुस्से में रितिका से बोला क्या पागलपन कर रही है तू? अरे किसी ने देख लिया तो क्या होगा? तुझे कोई नहीं बचा पायेगा, लेकिन उसे तो किसी बात का डर ही नहीं था, वो बोली अरे इस रोड़ पर कोई नहीं आता कनिका कुछ नहीं होगा.
मैंने कहा तू पागल है और यह कहकर मैंने उससे उसके कपड़े लिए और ज़बरदस्ती उसे कपड़े पहनाने लगी, लेकिन वो कहाँ मानने वाली थी, वो मुझसे दूर भागने लगी में उसके पीछे कपड़े लेकर भाग रही थी और वो आगे आगे नंगी भाग रही थी.
में आख़िरकार थक कर बोली कि रुक रितिका पागलपन मत कर मेरे लिए कपड़े पहन ले, वो बोली तू पागल है में नहीं पहन रही तो तुझे क्या और देख रोड़ पर अब तक कोई नहीं आया और तू फालतू में परेशान हो रही है.
फिर मैंने भी देखा कि रोड़ सुनसान ही था, यह देख कर मेरी थोड़ी हिम्मत बड़ी तभी रितिका ने पीछे से आ कर मेरा पजामा नीचे कर दिया और मेरा पजामा नीचे होते ही में पेंटी में आ गई, लेकिन अगले ही सेकेंड उसने मेरी पेंटी भी नीचे खींच दी. फिर में पीछ मूडी और पेंटी और पजामा ऊपर करते हुए रितिका को मारने भागी. “Desi Night Out Sex”
लेकिन फिर मैंने भी सोचा कि ट्राई करते है शायद बाहर नंगा होने का अलग ही मज़ा हो यह सोचकर मैंने अपना पजामा और पेंटी उतारकर अपने कंधे पर रख लिए. और फिर में अपना टॉप उतारकर बिल्कुल नंगी हो गई और यह देख रितिका मुस्कुराते हुए मेरे पास आई और बोली कि देख आया ना मज़ा.
मैंने उसे ऊपर से नीचे देखा और उसे देख मुस्कुरा दी और बोली हाँ मज़ा तो आ रहा है, लेकिन बस कोई देख ना ले. फिर रितिका बोली कि तू पागल है, यहाँ पर कोई नहीं आता है और वो मुझे पूरी सड़क दिखाने लगी.
फिर हम नंगे ही घूमने लगे, पूरे बदन पर ठंडी ठंडी हवा महसूस हो रही थी और जब मेरे चूतड़ और चूत पर हवा का स्पर्श होता तो पूरा बदन सरसरा उठता, घबराहट तो थी कि कोई देख ना ले, लेकिन उससे ज्यादा अब उत्तेजना होने लगी थी. फिर रितिका जानबूझ कर धीरे धीरे चलने लगी और में उससे आगे हो गई और फिर वो मेरे पीछे चलती हुई बोली कि हाय तेरी क्या ग़ज़ब चाल है बिल्कुल मॉडल्स जैसी. “Desi Night Out Sex”
फिर मैंने कहा अच्छा और फिर में रितिका के पीछे गई और बोली कि नहीं तेरी चाल है बिल्कुल मॉडल्स जैसी और फिर उसके कूल्हों को हल्का सा नोचा और मेरे नोचते ही उसके मुँह से हल्की सी आहह निकली और वो जैसे ही मेरी तरफ मुड़ी तो मैंने उसे कसकर अपनी और खींचा और फिर उसका स्मूच ले लिया.
वो पहले तो पीछे हटने की कोशिश करने लगी, लेकिन फिर वो भी मेरा साथ देने लगी और में स्मूच करते हुये उसके चूतड़ों को मसलने लगी. फिर उसने भी पंजे उठाकर अपनी चूत मेरी चूत से बिल्कुल चिपका दी और हम दोनों ऐसे ही 1-2 मिनट तक स्मूच करते रहे, तभी मुझे किसी के पैरों की आहट सुनाई दी, में एकदम डर गई और रितिका से दूर हट गई.
फिर मैंने रोड़ के किनारे लगे एक पेड़ के पीछे उसे खींच लिया और फिर आहट तेज होती गई, उधर मेरे दिल की धड़कन भी तेज होती जा रही थी. रितिका भी यह सोच रही थी कि पता नहीं कौन है और चिंता उसके चेहरे पर भी साफ़ दिख रही थी, वो चौकीदार था वो हमारी परछाई देखकर शायद यहाँ आ गया था और फिर वो देखने लगा कि कौन है. “Desi Night Out Sex”
में बुरी तरह डर गई थी और रितिका को बिल्कुल अपनी बाहों में जकड़ लिया था और पेड़ में कम से कम जगह में हम दोनों सिमटने की कोशिश करने लगी, जिससे कि हम पेड़ के पीछे छुप जाये और वो हमें देख ना पाये. रितिका के बूब्स पेड़ के तने से सट गये और में बिल्कुल रितिका के पीछे उसकी गांड से अपनी चूत सटा कर खड़ी हो गई.
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कुछ देर उसने देखा, लेकिन कोई नहीं दिखने पर वो जाने लगा तब मेरी जान में जान आई, लेकिन पता नहीं क्या सोचकर वो वापस मुड़ा और फिर वापस हमारे पेड़ की तरफ आने लगा, मेरी धड़कन से फिर से तेज हो गई और रितिका को भी डर लग रहा था.
उस समय में यह उसके बदन के थरथराने से महसूस कर सकती थी और चौकीदार हमारे पेड़ के आगे आकर खड़ा हो गया तो मुझे लगा कि अब बस हम पकड़े गये तो यह अब हमारे साथ सेक्स करके ही हमें छोड़ेगा या हमारे पापा, मम्मी को सब बता देगा. यह सोच मैंने अपनी आँखें बंद कर बस बचने की मन्नत करने लगी. “Desi Night Out Sex”
फिर तभी मुझे चैन खुलने की आवाज़ आई, मैंने और रितिका ने पेड़ के पीछे से देखा तो चौकीदार ने अपनी पेंट की चैन खोली हुई थी और अपनी पेंट का बटन खोलकर अपनी चड्डी नीचे सरका रहा था. फिर उसने जैसे ही अपनी चड्डी नीचे सरकाई तो उसका कम से कम 7 इंच बड़ा लंड झूलता हुआ बाहर आ गया और हम दोनों का मुँह फटा का फटा रह गया और जब उसका लंड बाहर आया था तो खड़ा था.
फिर उसके लंड से पेशाब बाहर आने लगा, जैसे ही पेशाब गिरने की मात्रा कम हुई वैसे वैसे उसके लंड का आकार भी छोटा होता गया और फिर आख़िरी में उसने अपने लंड को हिला कर अपनी बची हुई दो चार बूँद भी गिरा दी. में यह देख अपना डर तो भूल गई थी ऊपर से गर्म भी हो गई थी. रितिका बिल्कुल पेड़ के तने से सटकर खड़ी थी और उससे बिल्कुल चिपककर में खड़ी थी.
मेरी चूत उसकी गांड से चिपकी हुई थी और मेरे बूब्स उसके कंधे को टच कर रहे थे और लंड देखकर मेरा हाथ अपने आप रितिका की चूत को सहलाने लगा, लेकिन रितिका का ध्यान चौकीदार के लंड पर ही था. फिर चौकीदार ने अपनी चड्डी वापस पहनी और पेंट ऊपर की और वो वापस चला गया. “Desi Night Out Sex”
फिर तब रितिका को मेरे हाथ का स्पर्श अपनी चूत पर होने का पता चला, वो मेरी और मूडी और फिर हमने एक दूसरे के होंठ से होंठ मिला दिए और वो मेरे होठों को चूसने लगी. फिर मैंने उसकी एक टाँग उठाकर अपनी कमर पर टिका ली, जिससे मुझे उसकी चूत के दरवाजे का आसानी से रास्ता मिल गया.
फिर में उसकी चूत को तेज़ी से रगड़ने लगी और रगड़ते-रगड़ते वो झड़ने की कगार पर आ गई, लेकिन में उसकी चूत को और तेज़ी से सहलाने लगी, वो मेरे बूब्स को मसलने लगी. फिर मैंने उसके होंठ चूसना छोड़ा और हल्का सा नीचे झुककर उसके निपल्स को चूमा, फिर धीरे धीरे उसके निपल्स को चूसना शुरू कर दिया और दूसरी और उसकी चूत में अपनी एक उंगली डालकर अंदर बाहर करने लगी.
हम दोनों अभी तक वर्जिन थे इसलिये उसकी चूत बड़ी टाईट थी और उंगली ज्यादा अंदर तक नहीं जा रही थी, लेकिन मैंने भी अधिक कोशिश ना करते हुए जितनी उंगली अंदर गई थी उसे ही अंदर-बाहर करने लगी. उसको हल्का सा दर्द तो हुआ, लेकिन बाद में उसे मज़ा आने लगा. फिर उसने अपनी आँखें बंद कर ली और मज़े में खो गई और में उसके निपल को चूसने के बाद धीरे धीरे उसकी नाभि को चूसते हुए उसकी चूत तक पहुँच गई. “Desi Night Out Sex”
फिर मैंने रितिका को अपने पैर छोड़ने को कहा और उसने मेरे दोनों पैर छोड़ दिए और में उसके दोनों पैरों के बीच बैठ गई और फिर मैंने उसकी चूत के होठों से अपने होंठ मिला दिए और दो चार बार उनको चूमा और फिर मैंने उसकी चूत को चूसना शुरू कर दिया. वहां ऐसे बैठने से मेरी गांड खुल गई थी और उसमें ताज़ी ताज़ी हवा लग रही थी. रितिका की चूत को चूसते चूसते बड़ा मज़ा आ रहा था.
मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ की दरार को फैलाया और फिर अपनी उंगली से उसकी गांड के छेद को सहलाने लगी, वो सिसकारियां भरने लगी. फिर मैंने उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी, मेरी जीभ का स्पर्श पाते ही वो थरथरा उठी और चूत में अंदर कुछ देर तक जीभ फेरने के बाद.
मैंने अपनी जीभ उसकी चूत से बाहर निकाल दी और दो चार बार फिर से चूत को चूमा और फिर उसकी कमर पकड़ कर, मैंने उसको पलट दिया. जिससे अब उसकी गांड मेरे सामने थी. फिर मैंने उसे पंजो पर खड़ा होने को कहा, उसने वैसा ही किया और मैंने उसकी चूत से लेकर गांड के छेद पर दो चार बार जीभ फेरी. “Desi Night Out Sex”
वो पागल हो उठी और फिर मैंने उसकी गांड के छेद को चूसना शुरू कर दिया, वो कुछ ही देर में झड़ गई और उसकी चूत बिल्कुल गीली हो गई और पेड़ से लिपटते हुए ज़मीन पर चूतड़ों के बल बैठ गई उसकी साँसें बहुत तेज चल रही थी.
फिर में भी उसके बगल में बैठकर उसके बूब्स को सहलाने लगी, वो कुछ देर में नॉर्मल हो गई और फिर उसने मुझसे उसके ऊपर खड़े होने को कहा में खड़ी हो गई और वो मेरे पैरों के बीच में बैठ गई और मेरी चूत को चूसने लगी. में भी उसके होठों का स्पर्श अपनी चूत पर होने की वजह से पागल हो गई और में उसके सिर को पकड़ कर अपनी चूत से उसके मुँह को सटा दिया.
फिर कुछ देर तक, वो मेरी चूत चूसती रही और में अपने हाथों से अपने ही बूब्स को सहलाती रही. फिर उसने मेरी चूत को चूसते चूसते मेरी चूत में उंगली डाल दी. उंगली डालते ही में हल्का सा उछल पड़ी. फिर वो अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगी तो मुझे भी मज़ा आने लगा. “Desi Night Out Sex”
और वो अपने मुँह को मेरी गांड के छेद के ऊपर ले गई और अपने दोनों होठों को मेरी गांड के छेद पर रख दिया और चूसने लगी. इस तरह कुछ देर में ही में झड़ गई और रितिका के ऊपर ही गिर गई और उसके होठों को चूमने लगी और वो भी मेरे होठों को चूमने लगी और कुछ देर में रितिका के ऊपर ही पड़ी रही. “Desi Night Out Sex”
फिर हम दोनों उठे और रितिका ने मुझसे पूछा कि बाहर सेक्स करने में कैसा मज़ा आया तो मैंने कहा यार तू सही थी, बहुत मज़ा आया और फिर हम दोनों नंगे ही रोड़ पर चल दिए और वॉक करते हुये मेरी गांड में ताज़ी ताज़ी हवा लग रही थीज बड़ा मज़ा आ रहा था और चलते चलते कभी में रितिका के चूतड़ को मसल देती तो कभी वो मेरी चूत मसल देती.
फिर हम एक दूसरे को नंगे देखकर हंस रहे थे. तभी पता नहीं कब हम लाईट के उजाले में आ गये और हमने ध्यान नहीं दिया कि हम अब सबको नज़र आ सकते है और जब हम अपने पड़ोसी के घर के सामने थे और जब हमने उनके गेट खोलने की आवाज़ सुनी तो हमें होश आया और हम सीधे अपने घर की और भागे. “Desi Night Out Sex”
लेकिन इतने में उनका गेट खुला और श्रीमती अग्रवाल जो कि हमारे पड़ोसी है, वो बाहर आई, लेकिन वो हमारा चेहरा देख पाती उससे पहले हम भाग गये और उनको लगा शायद कोई जानवर होगा. फिर हम भागते भागते अपने घर में घुस गये और फिर रितिका ने मेन गेट बंद किया.
लेकिन दरवाजा लगाने में हल्की सी आवाज़ हो गई तो मैंने उससे कहा कि धीरे धीरे नहीं तो मम्मी पापा जाग जायेंगे और अगर उन्होंने हमें ऐसे देख लिया तो पता नहीं क्या होगा? फिर हम गेट को लॉक करके ऊपर अपने रूम में भाग गये और अपना रूम लॉक कर हम एक दूसरे को देखकर इतना हँसे कि पेट में दर्द ही होने लग गया. फिर रितिका ने अपने कपड़े एक तरफ फेंके और बेड पर कूद गई.
फिर मैंने कहा कपड़े नहीं पहनेगी तो वो बोली जब बाहर नहीं पहने तो अंदर रूम में क्यों पहने? आज ऐसे ही नंगे सोते है. मैंने कहा और जब सुबह माँ आयेंगी तो चूतड़ों पर डंडे देंगी तो वो बोली अरे माँ नॉक करके आयेंगी ना और रूम तो लॉक है जब तू खोलने जाये तो मुझे जगा देना तभी कपड़े पहन लेंगे और माँ भी जानती है दिल्ली की गर्मी को, तो कुछ नहीं बोलेगी.
मैंने भी सोचा कि रितिका सही कह रही है और मैंने भी अपने कपड़े एक तरफ फेंके और अपने बेड पर लेट गई. फिर रितिका बोली मेरे बेड पर ही आ जाना, रात भर मज़े करेंगे, में बोली नहीं में अब थक गई हूँ अब में सोने जा रही हूँ और कितने मज़े करेगी तू, तो वो बोली तू पूरे दिन तो सोई है तुझे अब रात में नींद कहाँ से आयेगी. “Desi Night Out Sex”
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फिर में अपने बेड से उठी और रितिका के बगल में जाकर लेट गई, उसने अपना एक हाथ फिर से मेरी चूत पर रख दिया और मेरी चूत की दरार में अपनी हल्की सी उंगली अन्दर कर दी और चूत को अपनी उंगली से सहलाने लगी. मैंने भी उसे जो कर रही थी करने दिया. फिर उसने मेरी और देखा और पूछा फिर कल कब चलेगी तू? मैंने कहा यार तू भी? वो बोली क्या तू भी?
फिर मैंने कहा हम मज़े ले तो रहे है इतना रिस्क लेने की क्या जरूरत है तो वो बोली यार वो मज़ा अलग ही होगा, उसके आगे यह सब तो कुछ नहीं है, वो तो अपने लिए मस्त माहोल होगा. मैंने कहा ठीक है चल कल शाम को देखते है, वो बोली ठीक है फिर उसने लाईट ऑफ कर दी और थोड़ी देर बाद ऐसे ही चिपके चिपके हम कब सो गये पता ही नहीं चला. आगे की कहानी अगले भाग में. “Desi Night Out Sex”