Favourite Sex Position
कहानी में मैं हु, मेरा भाई सनी और मेरा पति अनूप, मैं अभी 24 साल की हु, मेरी शादी 21 साल में चंडीगढ़ के एक बड़े ही सम्भ्रान्त व्यापारिक परिवार में हुआ है, मेरे घर में मेरे पति के अलावा मेरे सास ससुर है, मैं थोड़ी गरीब फैमिली से हु इस वजह से मेरी शादी यहाँ हुई है. Favourite Sex Position
क्यों की मेरा पति डिसेबल्ड (विकलांग) है. उनका दिमाग थोड़ा कम चलता है. वो सुन्न दिमाग के है, वो क्या कर रहे है कुछ भी नहीं पता, क्या बताऊँ दोस्तों ऊपर से मेरी सास बच्चा दो बच्चा दो बच्चा दो, अरे भाई मैं बच्चा कहा से दू जब तेरा बेटा मुझे चोद ही नहीं सकता.
दोस्तों मेरी शादी हुई, मैं जवानी से भरपूर, मेरी चूचियाँ तनी हुई, गांड का उभार का क्या बताऊँ, नैन नक्स तो ऐसे की किसी को भी घायल कर दे. जब शादी होकर आई तो सब लोग ससुराल में कहते थे की कहा बन्दर के हाथ में परी आ गई है.
मुझे सेक्स बहुत पसंद है मुझे तरह तरह के पोजीशन में चुदवाना बहुत अच्छा लगता है. पर क्या करूँ ये सब तो सपना हो गया था, शादी के बाद मैं अपने पड़ोस के ही एक भैया थे अरविन्द खूब मजे लिए थे, वो चूत क्या गांड भी खूब मारे थे.
शादी के रात को मेरा पलंग सजा हुआ था, मैं घुंघट लेके बैठी थी, पति देव आये, बैठे हकला हकला के बात करने लगे. पर मैं खुश थी चलो पति जैसा भी हो सम्पति खूब है. मैं और मेरे घरवाले सिर्फ सम्पति के लिए ही शादी किये थे, तो शुरुआत हो गई, ज़िंदगी में हम दोनों कैसे खुश रहेंगे, ज़िंदगी में क्या क्या पलानिंग होगी, ये सब बातें तो मुझे फ़िल्मी लगती थी.
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मुझे तो लग रहा था की बस मुझे आज रात खूब चोद दे. ये शादी के चक्कर में तिन महीने से चुदी नहीं थी. मैं खुद ही पहल किया और आँचल निचे गिर दी पलंग पर ताकि मेरी चूचियों का दीदार हो जाये हुआ भी ऐसा ही.
ऊपर से मेरी चूचियाँ मेरी टाइट ब्लाउज और ब्रा से बाहर निकलने को आ रही थी. पति का ध्यान गया मैंने गले लगा के उनके छाती को अपनी चूचियों से गरम कर दिया वो धीरे धीरे मेरे पीठ को सहलाते हुए चुम्मा लेने लगे. फिर मैंने ब्लाउज की ऊपर की दो हुक खोल दी अब चूचियों के बिच का दरार और गोरी गोरी चूचियाँ आधी निकल गई.
पति को जोश आ गया और उन्हने मेरे चूचियों को दबाना शुरू कर दिया. मैंने भी उनका साथ दिया और ब्लाउज के सारे हुक खोल दिए और पीछे से ब्रा का हुक भी. उहोने मेरे ब्लाउज और ब्रा को निकाल दिया अब तो उनको मजा आ गया और मेरे गोद में लेट गए और मेरी चूचियों को दबाने लगे और पिने लगे.
निप्पल को दांत से काट रहे थे थोड़ा थोड़ा दर्द भी हो रहा था. पर मजा भी बहुत आ रहा था और मैं लेट गई और वो मेरे पेटीकोट को ऊपर कर दिए और पेंटी खोल कर मेरे चूत के झांटो से खेलने लगे. वो उँगलियाँ फ़िर रहे थे मुझे गुस्सा आ रहा था फिर उन्होंने पूछा की क्या मैं चूत में ऊँगली डाल दू.
अब बताओ दोस्तों मुझे कैसा लगा होगा, मुझे लगा की मादरचोद को एक लात मारू की पलंग से निचे गिरे. पर मैंने काबू रखी अपने आप पर और उन्हने मेरे चूत में उँगलियाँ डालने लगे, मेरा चूत पानी पानी होने लगा, मेरे दांत आपस में बजने लगे, मुझे लण्ड चाहिए था.
मैंने उनको अपने ऊपर किया और पजामा और अंडरवियर खोल दी. लण्ड देखकर हैरान रह गई. पतला सा छोटा सा, मेरी ऊँगली की तरह, ओह्ह्ह मेरे भगवान् ये क्या किया मेरे साथ. इतना बड़ा जुर्म. उसके बाद वो अपना लण्ड मेरे चूत पे रखे और घुसा दिए, मैंने कहा घुसाओ ना जी चूत के अंदर वो बोले पूरा चला गया है.
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अब आप भी बताओ मैं क्या करती, और वो दो मिनट में बाहर निकाल कर बोले हो गया आज के लिए. मैं तो जल भून कर राख हो गई. मैंने कहा ये क्या है. मर्द हो की नहीं, उन्होंने कहा मर्द भी औरत भी हु. साला ये आदमी तो पागल निकला, अब मैं करती क्या. उनका उम्र भी थोड़ा ज्यादा हो रहा था.
मुझे सम्पति पर नजर था इस वजह से मैंने एक चाल चली, उनके साथ खूब हिल मिलकर रहने लगी. उनका खूब ख्याल रखने लगी और सास ससुर का भी. करीब १ साल बीत जाने के बाद मेरी सास ससुर और पागल पति भी कहने लगा की बच्चा क्यों ना हो रहा है. बच्चा क्यों ना हो रहा है.
मेरे पति को ये एहसास था ही नहीं की वो मुझे चोद ही नहीं पा रहे है. वो सोच रहे थे की मैं खूब संतुष्ट कर पा रहा हु. और मैंने कोई शिकायत नहीं की इस वजह से सास ससुर को भी लग रहा था की मैं काफी खुश ही. एक साल होने पर मैंने पाने भैया को बुलाई, उनकी शादी नहीं हुई थी.
मुझे लगा की क्यों ना मैं इनसे सेक्स सम्बन्ध बना लु. क्यों की आज से तीन साल पहले कई बार उन्होंने मुझे चोदने की कोशिश की थी. पर मैं जाग गई थी. उन्होंने एक बार तो मुझे बोला भी था की संजना क्या तुम मुझे चोदने या गांड मारने दोगे पर मुझे अपने घर में चूत मरवाना ठीक नहीं लग रहा था आलरेडी मैं किसी और से चूद रही थी.
तो मैंने उनको बुलाया और कहा की भाई मेरे साथ ये ये प्रॉब्लम है अगर मुझे बच्चा हो जाता है तो मैं इस महल की मालकिन और इतना हैं दौलत अपना हो जायेगा, ये बूढ़ा बुढ़िया तो बस पांच दस साल और मेरा पति तो पागल है, इसका क्या कहना. कब भाग जायेगा या तो कुछ हो जायेगा कुछ भी नहीं पता.
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मेरा भाई समझ गया क्यों की वो भी अब हिस्सेदार हो गया था. और शुरू हो गया हम दोनों का खेल. भाई मुझे लेकर नैनीताल आया और सास ससुर को कह दिया की इलाज के लिए जा रहा हु वह पर एक डॉक्टर है जो हंड्रेड पर्सेंट गारंटी देता है.
बच्चा होने का, उन लोगो को बहुत अच्छा लगा की एक भाई अपने बहन के लिए कितना कर रहा है फिर क्या बताऊँ दोस्तों, नैनीताल में भाई प्लान बनाया की क्यों ना होटल बालों को कहने की हनीमून पे आये है. और फिर हनीमून का पैकेज लिए जिसमे मेरे कमरे को सजाया गया, मैं भी दुल्हन बानी और फिर भाई ने मेरे एक एक कपडे उतार फेंका.
और फिर मेरी चूचियों को दबाने लगा. मुझे भी काफी दिन बाद किसी मर्द का हाथ लगा था, मैं भी अंगड़ाई लेने लगी. वो मेरे बूब्स पे हाथ फेरते हुए मेरे रसीले होठ को चूसने लगा. फिर अपना जीभ निकाल कर मेरे ऊपर से लेके गर्दन होते हुए चूच पर से मेरे नाभि में घुमाया और फिर निचे गया.
मेरी चूत के पास जाकर रूक गया और चूत पे अपनी जीभ को घुमाने लगा, मैं पानी छोड़ दी. वो पानी को चाटने लगा. फिर वो ऊँगली कर कर के पानी निकालने लगा और फिर पिने लगा. फिर उसने मुझे उलटा लिया दिया और मेरे चूतड़ को सहलाते हुए बोला बताओ घर में इतनी खूबसूरत परी रहते हुए मैं बुढ़िया को चोद रह हु. मैंने कहा बुढ़िया?
तो बोला हां अपनी माँ, मैंने कहा मादरचोद तूने तो अपने माँ को भी नहीं छोड़ा, बोला करता भी क्या तुम मुझे कुछ नहीं बोल सकती क्यों की मैं पहले तुमसे पूछा था, तुमने मना कर दिया तब मैं माँ को पटाया और आज तक…
मैंने समझ गई ये कितना मादरचोद आदमी है. फिर मैंने कहा चल कोई बात नहीं अब बहनचोद भी बन जायेगा, फिर उसने मेरे गांड में अपनी भींगी हुई ऊँगली जो की मेरे चूत का पानी से सना था. गांड में घुसाने लगा और फिर घुसा दिया, वूू उफ्फ्फ आह क्या मजा आ रहा था. वो और फिर वो अपने जीभ से मेरे गांड को भी चाटने लगा.
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मैं वैचैन हो गई क्यों की मुझे लण्ड चाहिए था. मैंने कहा भैया देर मत करो, मैं तीन बार झड़ चुकी हु. मेरा भाई अपना मोटा लण्ड निकाला और मेरे चूत पे सेट किया और फिर जोर से धक्का मारा लण्ड मेरे बच्चेदानी पे जाकर टकराया और फिर मेरे चूच को मसलने लगा. मैं भी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी. दोस्तों उस रात को हम दोनों एक दूसरे का खूब साथ दिया और मन भर चुदाई की. नैनीताल में हम लोग आठ दिन रहे और दिन रात बस चुदाई ही चुदाई. वहाँ से आने के बाद मैंने सास को बोली की मुझे काफी हार्ड हार्ड सुई लगा है.
और डॉक्टर ने बोला है की तुम पांच दिन तक अपने पति के साथ रहोगी, सास का खुसी का ठिकाना ना रहा और पति का भी, रात में मुझे चोदने लगा, ये तो मेरा पति समझ रहा था की मैं चोद रहा हु. पर मुझे पता था की इस चुदाई से कुछ भी नहीं होने बाला, और फिर हुआ भी ऐसा की नेक्स्ट माहवारी नहीं आई, मैं प्रेग्नेंट हो गई, पति से नहीं बल्कि भाई से. घर में ख़ुशी का माहौल हो गया, मुझे और भी ज्यादा प्यार मिलने लगा और फिर नौ महीने बाद मैं अपने भाई के बेटे की माँ बन गई.