Chodu Damad Antarvasna
मेरा नाम नीरज है। और मै बिहार का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 21 साल होगी, और मैं एक सरकारी जॉब करता हूँ। मैं देखने में बहुत स्मार्ट हूँ, इसीलिये मेरी जिंदगी में कभी भी लड़कियो की कमी नही थी। मैंने अपनी जिंदगी में बहुत सिटियाबाजी किया है। पहले अपने पापा के पैसो से और फिर नौकरी मिलने के बाद अपने पैसो से। Chodu Damad Antarvasna
मेरी जिंदगी में कभी भी पैसो की कमी नही थी जिससे चुदक्कड़ टाइप की लड़कियां खुद ही मेरे पास आ जाती थी। कुछ दिनों तक मैं उनकी खूब चुदाई करता और उसके बदले में मैं उनके उनके फोन में रिचार्ज करवा देता था और उनके लिए कुछ शॉपपिंग कर लेता था जिससे वो हमेशा खुश रहती थी।
मैंने अपनी जिदगी में बहुत सी लड़कियो को चोदा है लेकिन मेरा कभी मन नही भरता किसी की चुदाई करने से। और जब से मुझे नौकरी मिली है तब से तो मैं और भी ज्यादा चुदक्कड़ हो गया हूँ। अगर कोई लड़की पैसे भी मांग लेती है तो मैं पैसे देकर उसको चोद देता हूँ।
मैंने तो बहुत बार बहुत सी लड़कियो से झूठे प्यार के चक्कर में फसा कर चोद दिया है। और लड़कियो को भी मुझसे चुदने में मज़ा आता है तो वो मुझसे दुबारा चुदवाने के लिए मुझे फोन भी करती है लेकिन मैं दोबारा उन्ही लड़कियो को चोदता हूँ जो मुझे बहुत ही अच्छी लगती है।
कुछ साल पहले की बात है जब मुझे नौकरी मिली थी। मेरे घर वालो ने मेरी शादी एक जगह देखी और मुझसे कहा – “चलो तुम भी लड़की देख लो अगर पसन्द आ जाये तो हाँ कर लेना”। मेरा मन नही था लेकिन मम्मी के कहने पर मैं उनके साथ गया।
जब हम लोग वहां पहुचे तो मेरी साँस और ससुर दोनों हम लोगो का ही इंतजार कर रहे थे। हम लोग वहां पहुंचे तो उन लोगो ने हमारा स्वागत किया। पहले तो मैंने अपनी सास पर उतना ध्यान नही दिया क्योंकि मेरा ध्यान उनकी बेटी को देखने के लिए बेचैन था।
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मैं सोच रहा था न जाने कैसी लड़की को मेरे मम्मी पापा ने पसन्द किया होगा। मेरी होने वाली सास ने हमको पानी पिलाया और कहा – “मैं अभी दिव्या को बुला कर लेती हूँ”। वो अंदर चली गई, और फिर कुछ देर बाद अपनी बेटी के साथ में आई।
जब मैंने दिव्या को देखा तो वो तो मुझे एक ही नजर में पसंद आ गयी लेकिन फिर मेरी नजर अपनी होने वाली सास पर पड़ी , मैं तो उनको भी देखता रह गया। वो क्या गजब की लग रही थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उनकी कोई बड़ी बहन है।
मुझे तो माँ और बेटी दोनों पसन्द आ गई थी। मैंने तो सोचा भी नही था कि मेरी सास कभी मुझेसे चुदवा सकती है। मैंने शादी के लिए हाँ कर दिया। मैंने सोचा बेटी तो मिलेंगी ही और कभी टाइम मिला तो उसकी माँ को भी चोद लूंगा। जब मैंने शादी से हाँ कर दी तो सब लोग खुश हो गए।
घर के सारे लोग हम लोगो को घर में अकेला छोड़ कर बाहर चले गए की हम दोनों कुछ देर बातें करे। सबके जाने के बाद मैंने दिव्या से कुछ देर तक बातें की फिर मैंने उससे उसका फोन नंबर लिया। कुछ ही देर मैं उसके मन की बात जान ली , कुछ देर बाद मैंने चुपके से उसके गाल पर किस कर लिया। तो वो खुश हो गयी और अंदर चली गयी।
कुछ दिन बाद हमारी शादी तय हुई लेकिन मेरी नजर अपनी होने वाली सास पर थी। शादी से पहले मेरी तिलक हो चकी थी और कुछ दिन बाद हमारी शादी भी हो गयी और और हमारी शादी के बाद मेरी सुहागरात वाली रात आई, मैंने उस दिन एक जोश वाली दवाई लायी क्योकि मैं उसे पूरी रात चोदने वाला था।
रात हुई मै कमरे के अंदर गया, वो चुपके से बेड पर बैठी थी, मैंने अपने कपडे उतार कर उसके बगल में बैठी गया और कुछ देर मैंने उससे बातें की फिर मैंने अपने हाथो को उसके हाथो पर रख दिया और धीरे धीरे उसकी ओर बढ़ने लगा, वो भी थोड़े से जोश में थी क्योकि मुझे लगता है वो भी चुदाई के बार में ही सोच रही थी।
मैंने उसके घूँघट को हटा दिया और सीधे ही मै उसने होठो पर टूट पड़ा। और बहुत देर तक उसके होठो को चूसने के बाद मैने बहुत देर तक उसके मम्मो को दबाया और फिर मैंने उसके कपड़ो को निकाल कर उसके मम्मो को पिया और फिर मैंने मोटे लंड को दिव्या के मुह में रखा दिया और मै उसके अपना लंड भी चुसाया।
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अपने लौड़े को चुसाने के बाद मैंने अपने लंड से दिव्या की चूत को चोदना शुरु किया। मेरी चुदाई से धीरे धीरे दिव्या का बुरा हाल होने लगा मै उसको बहुत तेजी से चोदने लगा और उसकी चूत को चोद चोद कर फैलाने लगा। कुछ देर तक चोदने के बाद मैंने जोश वाली दवाई खा ली जिससे कुछ ही देर में मै दिव्या की चुदाई और भी तेजी से करने लगा।
और दिव्या चीख चीख कर रो रही थी, लेकिन मेरी चुदाई रुकने वाली नही थी। मै पूरी ताकत से दिव्या को चोद रहा था। मैंने लगभग दिव्या को 2 घंटे तक लगातार चोदता रहा। चुदाई खत्म होने के बाद भी मैंने बहुत देर तक उसकी चूत और चूचियो से खेलता रहा।
शादी के कुछ दोनों तक मैंने दिव्या को खूब चोदा। लेकिन कुछ दिन में जब मेरा मन उसकी चूत से भर गया तो मैने सोच की किस तरह अपनी सास को मै चोदुं। एक दिन मैंने अपनी सास को फोन किया और उनसे कहा – “आप की बेटी बहुत कामचोर है और मेरे साथ ठीक से नही रहती है”। अगर कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा तो मै जल्दी ही इसे छोड़ दूंगा।
तो मेरी सास डर गई और मेरे फोन को काट कर दिव्या को फोन किया। तो उसने अपनी माँ से कहा सब तो ठीक है कुछ नही हुआ है। तो कुछ देर बाद मेरी सास का फोन फिर से आया उन्होंने मुझसे कहा – सब तो ठीक है तब ऐसी बात क्यों कर रहे हो??
तो मैंने उनसे सीधे कह दिया सब तो ठीक है लेकिन मै आप को चोदना चाहता हूँ क्योकि जब मैंने पहली बार आप को देखा तो मेरे मन में आप को चोदने का ख्याल आया। ये सच है की अगर आप मुझसे नही चुदोगी तो मै आप की बेटी को छोड़ दूंगा।
मेरी बातों को सुन कर वो कुछ देर कुछ नहीं बोली फिर कुछ देर उन्होंने कहा अगर ऐसी बात है तुम मुझको चोदना चाहते हो तो चोद लो लेकिन मेरी बेटी की जिन्दगी मत बर्बाद करना। उन्होंने मुझसे कहा – तुम्हारे ससुर रोज दिन में अपनी डिउटी पर चले जाते है और मै घर में अकेली रहती हूँ, तुम आ जाना और किसी को सक भी नहीं होगा की तुम मेरी चुदाई करने आये हो।
मै उनकी बातो को सुन कर खुश हो गया, मेंने उनसे कहा मै कल आऊंगा। अगले ही दिन मै उनके घर आ गया, जब मै वहां पंहुचा तो वो घर पर ही थे, कुछ देर तक उनसे बातें हुई फिर वो चले गये और मुझसे कहा बेटा खाना खा कर जाना। तो मैंने मन में सोचा मै तो तुम्हारी पत्नी को खाने आया हूँ और खाना खाने की बात करते है।
जैसे ही वो गए मै अपनी सास को उनके बेड रूम में ले गया और उनको बेड पर लिटा दिया और उनकी पतली और रसीली होठो को चुसने लगा और साथ में मै उनक शरीर पर अपने हाथो को फेरते हुए उनकी चूचियो को दबाते हुए उनके मम्मो को मसल रहा था।
जिससे कुछ ही देर में मेरी सास भी जोशीली हो गई और मुझे अपने बाँहों में भर लिया और मेरे होठो को चूसने लगी और मेरे बदन को सहलाते हुए मुझको कस कर जकड़ लिया। मैंने उनके होठो को पीते पीते मै उनके गले को भी पीने लगता और मै उनके गले को अपने दांतों से काटने लगता जिससे मेरे सास तडप जाती थी और मेरे होठो को और भी जोर से चूसने लगती थी।
बहुत देर तक मै उनके होठो को शराब के प्याले की तरह पीता रहा। और साथ में मैं उनके निचले होठो को काट कर अपनी सास को और भी उत्तेजित कर रहा था। लगातार मैंने आधे घंटे तक मैंने उसकी होठो का रसपान किया और फिर मै धीरे धीरे उनके गले को पीते हुए उनकी चूचियो को पिने के लिए नीच बढ़ने लगा।
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जब मै नीचे बढ़ रहा था तो मेरी सास बहुत ही जोशीली हो गई थी। मैंने धीरे से उनके मम्मो को अपने हाथो में ले लिया और दबाने लगा और धीरे धीरे मैंने उनके ब्लाउस की बटन को खोल दिया और उनके गोर गोर मम्मो को अपने हाथो से सहलाते हुए दबाने लगा, क्योकि उन्होंने उस दिन ब्रा नही पहना था।
मैंने उनके मम्मो को मसलते हुए पिने लगा। कुछ ही देर मै और मै और भी जोश में आ गया और उनकी चूचियो को अपने दांतों से काटने लगा और मेरे सास जोर जोर से चीखने लगती और मुझको जोर से पकड लेती। कुछ देर तक उनके मम्मो को पीने के बाद मैंने अपने मोटे से लौडे को निकाल और अपनी सास के मम्मो पर पटकते हुए मैंने अपने लंड को उनके मुंह के पास ले गया और उनके होठो में अपने लंड को लगाने लगा।
कुछ देर बाद मेरी सास ने मेरे लंड को जल्दी से अपने मुह के अंदर ले लिया उर मेरे लंड को अपने पति के लंड की तरह से चूसने लगी। वो मेरे लंड को चूस ही रही थी की मेरे अंदर मेरे जोश का सैलाब उठा और मैंने उनके गले को पकड लिया और मै जल्दी जल्दी उनके मुह में पेलने लगा।
और कुछ देर बाद मैने अपने लंड को उनके गाल की तरफ कर दिया और उनके मुह में पेलने लगा, जिससे उनके गाल पर बहुत जोर पड़ रहा था और जोर जोर से अहह अहह अहह अह उह उह उह ओह ओह ०ह्हह ह्हहा करने लगी।
जब कुछ देर बाद मैंने अपने अपने लंड को उनके मुह से बहर निकाला तो उनके मुह से बहुत ज्यादा लार निकलने लगा, क्योकि उनको लार लीलने का समय नही मिल रहा था। उन्हें अपने लंड चूसने के बाद मैंने उनकी साडी को बिना खोले ही मैंने उनकी साडी को उठा दिया, जिससे उनकी काली रंग की पैंटी दिखने लगी थी।
मैंन उनके पीने को खीच कर छोडने लगा जिससे मेरी सास और भी कामुक होकर तडप जाती। फिर मैने उनकी पैंटी को निकाल दिया। जब मैंने उनकी पैंटी निकली तो मैंने देखा उनकी चूत काफी साफ और उम्र के हिसाब से काफी सटी हुई भी।
मैंने बिना कुछ सोचे समझे अपने लंड को उनकी चूत में लगने लगा और कुछ देर में मैंने पहले ही बार में जोर लगा कर अपने लंड को उनकी चूत के अंदर डाल दिया। जब मेरा मोटा लंड उनकी चूत के अंदर गया तो वो चीखने लगी।
लेकिन मैंने अपना लंड उनकी चूत से बाहर नही निकाल और लगातार उनकी बुर को चोदने लगा। कुछ ही देर में मेरा लंड और भी टाइट हो गया और उनकी चूत को फाड़ने लगा। मेरा लौडा बार बार मेरी सास के भोसड़े में में जा रहा था जिससे उनकी चूत होठ की तरह बार बार खुल और बंद हो रही थी।
और तेज तेज से .. “उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी.. हा हा हा.. ओ हो हो……..उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ. हमममम अहह्ह्ह्हह.. अई…अई….अई..आऊ….. आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह….सी सी सी सी.. हा हा ….अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्……उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह…..चोदोदोदो…..मुझे और कसकर चोदोदो दो दो दो” कह कर चीख रही थी।
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और मै लगातार उनकी बुर को चोद रहा था। कुछ देर बाद मैंने अपने लंड को उनकी चूत से बहर निकाल लिया और उनको कुत्तिया बना कर मै उनके उपर चढ़ गया और उनके गांड को फैला कर अपने लंड को उनकी गांड में डाल दिया और जोर लगा कर पेलने लगा। और मेरे सास और भी तेज तेज से चीखने लगी थी। लेकिन मै बिना कुछ सोचे समझे उनको चोद रहा था। मै लगातार उनके गांड को मार रहा था और कुछ देर बाद मुझे लगा अब मै झड़ने वाला हूँ.
तो मैंने और भी जोर लगा कर उनकी गांड मारने लगा। और मेरी सास बेचारी वो तो केवल दर्द से चीख रही थी। कुछ देर लगातार जोर लगाकर पेलने से मेरे लंड से मेरा माल मेरी सास की गांड में ही गिर गया उर कुछ देर बाद उनकी गांड में से चूने लगा। जब मेरा माल निकला तो मुझे बहुत अच्छा लगा। अपने सास को चोदने के बाद मैंने कुछ देर तक उनकी चूत में उंगली की और उनकी चूत से पानी निकाल लिया।