Village Girlfriend Outdoor Sex
ये कहानी करीब 7 साल पुरानी है जब मैं 12 का एग्ज़ॅम दिया था रिज़ल्ट्स आने मे कुच्छ टाइम था मैं उस समय फ्री था. ये मेरी पहली चुदाई थी, मैने पहली बार किसी लड़की को छोड़ा था. एग्ज़ॅम ख़तम हुए 1 सप्ताह हुए थे और मैं अपनी आज़ादी की जिंदगी जी रहा था. एक दिन मैं सुबह सुबह अपने बरामदे के बाहर बैठ क ब्रश कर रहा था तभी मेरे पड़ोस के घर से बड़ी ही खूबसूरत लड़की बाहर निकली, मैने उसे इससे पहले कभी नही देखा था. Village Girlfriend Outdoor Sex
मैने अंदाज़ा लगाया की वो यहा अपने रिलेटिव के यहा आई थी. वो निकली, वो देखने मे जबरदस्त थी. बड़ी ही मस्त लग रही थी फिर पड़ोस की बुआ से बाते करने लग गयी. पहले नज़र मे ही मेरी नज़र उसे लग गयी और मई बड़े गौर से उसे देखने लगा.
मैं जानबूझकर जो हॅंडपंप वही बाहर लगा था वाहा जाकर फ्रेश हुआ और फिर आकर बैठ गया. थोड़ी देर बाद वो वाहा से चली गयी और इस तरह मैं उसे पहली बार देखा था. 1 या 2 दिन तक मैने उसे नोटीस किया और उसकी टाइमिंग्स वग़ैरह नोटीस किया फिर मैने नोटीस किया की वो भी मुझे अच्छा खासा घूरने लगी थी.
मेरे बरामदे का दरवाजा और उसके बरामदे की खिड़की आमने सामने थी मैं अक्सर अपने बरामदे के बाहर कुर्शी लगा के बैठ जाता था और वो भी अपने बरामदे के खिड़की क पास बैठ जाती थी और थोड़ी थोड़ी देर मे पलट के मुझे देख भी लिया करती थी. मुझे भी लगने लगा था की सबकुच्छ सेट है बस एकबार बात सुरुआत करने की ज़रूरत है, और ये भी ख्वाहिश एक दिन पूरी हो गयी.
हुआ यू की जो पड़ोस की बुआ थी जिससे वो पहले दिन बाते कर रही थी वो भी अनमॅरीड थी तो वो दोनो हमेशा उनके घर पे बैठा करते थे और टाइम पास किया करते थे, और मेरी भी बुआ से बहुत अच्छी खशी बनती थी. एक दिन मैं ऐसे ही घूमते हुए उनके घर जा पहुचा वो भी वाहा बैठी थी, बुआ बोली बहुत दिन से तू आया नही इधर बहुत बिज़ी हो गया है आजकल.
मैने भी पूरी फ्लर्टिंग करते हुए कहा “नही बिज़ी आजकल आप रहती हो किसी क साथ इसीलिए मैं डिस्टर्ब नही कर रहा था”. दोनो हंस पड़े फिर मैं बैठ गया और हमारी वही बकचोदी सुरू हो गयी. बीच बीच मे हम दोनो एकदुसरे को घूर भी लिया करते थे.
बात करते करते पता चल वो भी इस इयर दसवीं की एग्ज़ॅम दी और रिज़ल्ट मे टाइम था सो यहा आ गई अपने नानी के घर. और है उसका नाम भी उसी दिन पता चला, उसका नाम मोहिनी था. फिर ये सिलसिला चल पड़ा हमे बुआ का घर पास होने की वजह से मुझे लड़की पटाने का प्लॅटफॉर्म मिल गया मिलने का और बाते करने का.
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और बहुत जल्द हम खुल गये और हर तरह की बाते शेयर करने लगे. पर मेरी हिम्मत नही हो रही थी की मैं बात आगे बढ़ा साकु. क्यों की इसके पहले कभी भी मेरे मन में किसी लड़की को पता कर चोदने का इरादा नहीं आया था.
इस वजह से थोड़ा झिझक था की कभी कुछ गड़बड़ ना हो जाये. एक दिन ऐसे ही हम तीनो बैठ के बाते कर रहे थे की बुआ थोड़ी देर क बाद बाहर चली गयी. जैसे ही बुआ बाहर गयी हम दोनो बिल्कुल शांत हो गये और तोड़ा सा अनकंफर्टबल फील होने लगा.
फिर अचानक से उसने अपना हाथ आगे बढ़ाया और मेरे हाथ मे एक पेपर देके और वाहा से चली गयी. मैं शॉकड हो गया, मेरी तो ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा, ये तो वही हुआ की आग शायद दोनों तरफ से लगी हुई थी, अब मुझे बैचेनी होने लगी और मेरे अंदर उसको पढ़ने की चुल मचने लगी.
मैं भी बाहर आया और बुआ को बोला मैं अभी जा रहा हू फिर बाद मे आऊंगा. और वहा से निकल के अपने बरामदे मे पहुच गया. मैने लेटर खोला और पढ़ा ओह्ह माय गॉड क्या बताऊँ दोस्तों मेरे तो खुशी के मेरे पैर ज़मीन पे नही पड़ रहे थे.
मुझे पहली बार किसी ने लव लेटर भेजा और वो जिसको मैं पसंद कर रहा था मैने भी बिना देर किए आनन फानन मे में मैं भी एक बड़ी ही रोमांटिक लेटर भेज दिया और इस तरह हमारी लव स्टोरी की सुरुआत हो गयी.
फिर हम कुछ दीनो तक यूँही शाम को अंधेरे मे मिलते और मैं उसको होठो को चूमता और चूचियों को दबाता और गांड को सहलाता और चूत पे भी हाथ फेर देता. फिर एक दिन शाम को उसने मुझे अपने बरामदे आने का इशारा किया ऑलमोस्ट अंधेरा हो चुका था.
मैं वाहा गया तो उसने आते ही मुझे ज़ोर से भींच लिया अपनी बाहों मे फिर मैने उसके चेहरे को उठाया और एक जोरदार लीप किस दिया. फिर धीरे से मैने उसके चुचे दबा दिया और बोला क्या बात है आज कुछ ज़्यादा ही प्यार आ रहा है मेरी जान क्या बात है.
उसने कुछ जवाब नही दिया. मैं उसके चुचियो को दबाने लगा और एक हाथ से उसकी गांड पे भी हाथ फेरता रहा. फिर मैं उसको लेके वही पड़े एक चौकी पे बैठ गया और उसके कमीज़ मे हाथ डालकर उसके चुचे को सहलाने लगा उसके ब्रा के उपर से.
फिर उसने कान के पास आकर बोला मुझे आपसे मिलना है. मैने कहा अभी मिल ही तो रहे है. फिर उसने कहा कही अकेले मे, फिर मैने कहा अभी कौन सा सरेआम मिल रहे है. फिर वो चिढ़ गयी और बोली मेरा मतलब कही और जहा थोड़ा टाइम मिल सके अकेले मे.
ये सुनकर मैं भी तोड़ा सर्प्राइज़ हुआ फिर अंदर ही अंदर खुश भी हुआ. मैने कहा बताओ तो कहा मिलना है और कब मैं जाऊंगा. उसने थोड़ी देर सोच क बोला खाना खाने क बाद सबलॉग सोने चले जाते है और मैंऔर बुआ जी उनके यहा बैठ के बाते करते है और मैं देर से सोने जाती हू.
मैं घर पे बोल दूँगी बुआ जी के पास जा रही हू और थोड़ी देर बुआ जी से बात करके मैं निकल जाउंगी हम दोनो नानाजी के खलिहान मे मिलते है वाहा रात मे कोई नही होता. मैने कहा आइडिया अच्छा है. चलो मैं खाना खाने क बाद बरामदे मे ही रहता हू तुम बस मुझे बता देना निकालने से पहले.
हमारी डील हो गयी पक्की. कुछ ही घंटे बाकी थी हमारे मिलने के. ये मेरे लिए किसी हसीं सपने से काम नहीं था ये मेरे लिए पहली बार था ऐसा कुछ एहसास नही था की आज की रात क्या होने वाला है. मेरे दिमाग़ मे बस इतना ही था की हम मिल रहे है. मैं आज टाइम से थोड़ा पहले ही रात का खाना खाकर आके बरामदे के बाहर कुर्शी पर बैठ गया.
तकरीबन आधे घंटे के अंदर वो बाहर आई और बुआ जी के घर मे चली गयी. तबतक घर के सब लोग सो चुके थे. गाँवो मे लोग जल्दी ही सो जाते है. 10 मीं मैं यूँही बैठा रहा फिर वो बुआ जी के घर से निकली और मेरी तरफ बढ़ी. मेरे पास पहुच कर उसने धीरे से कहा मैं निकल रहा हू 5 मिनिट क बाद तुम यहा से निकलना.
मैने कहा ठीक है और वो आगे बढ़ गयी. मेरी एग्ज़ाइट्मेंट की तो बात ना पूछो दोस्तों. मैं भी ज़्यादा देर तक इंतेजर नही कर पाया और 5 मीं के अंदर मैं भी निकल गया. धीरे धीरे वॉक करते हुए मैं पहुच गया खलिहान मे. वहा बिल्कुल सन्नाटा था और अंधेरा था अंदर घर मे एक धीमी रोशनी जल रही थी.
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मैं दबे पाँव आगे की तरफ बढ़ा और जैसे ही करीब तक पहुचा वो दरवाजे पे खड़ी थी उसने मेरा हाथ पकड़ के अंदर की तरफ खींच लिया. फिर हम दोनो अंदर रूम मे गये जहा एक खटिया पड़ा हुआ था. अंदर पहुच के हम दोनो खड़े हो गये दोनो एक दूसरे को खामोशी से देख रहे थे.
फिर मैने उसे हग किया और उसे किस करने लगा और उसकी पीठ पे हाथ फेरने लगा. उसने भी मुझे टाइट्ली हग कर रखा था और किस करने मे पूरा साथ दे रही थी. फिर मेरा एक हाथ उसके चुचियो पे आ गया और उसकी कुरती के उपर से ही मैं उसकी चुचिया दबाने लगा. उसकी आँखें बंद होने लगी और धीरे धीरे मोन करना चालू हो गयी.
फिर उसने मेरा दूसरा हाथ पकड़ के खुद ही कुरती के अंदर कर के अपने चुचियो पे रख दिया उसके ब्रा के उपर से मैं उसकी चुचियो को सहलाना और दबाना शुरू कर दिया. फिर मैने उसकी कुरती निकली और उसकी ब्रा को भी खोल दिया अब उसकी नंगी चुचिया मेरे सामने थी मीडियम साइज़ की चुचिया और निपल्स एकदम से टाइट हो रखे थे.
गजब का लग रहा था, मैने उसे बेड पे लिटाया और भूखे सेर की तरह उसकी चुचियो पे टूट पड़ा और उसकी चुचियो को चूसने लगा उसकी मोनिंग और भी गहरी होती जा रही थी. और वो अपना गांड उठा उठा के मेरे लॅंड पे रगड़ रही थी.
मैने अपना एक हाथ उसके सलवार के उपर से ही उसकी चूत पे रख दिए और फिर उसके चूत को सहलाना शुरू कर दिया वो पूरी तरह से कामुक हो गयी थी और अपनी गांड उठा उठा के मेरे हाथ पे अपनी चूत रगड़ रही थी और मेरा सर अपनी चुचियो मे दबाए जा रही थी.
मैं समझ गया अब ये चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार है. मैने अपना हाथ बढ़ा के उसके सलवार का नाडा खोलने की कोशिश की पर वो उलझ गया फिर उसने खुद ही अपना नारा खोल दिया. मैने उसकी सलवार निकल दिया और साथ ही पेंटी भी निकल दी औ वो पूरी नंगी मेरे सामने लेटी हुई थी.
फिर वो उठी और मेरे लोवर को खींच के नीचे कर दी. और मेरे अंडरवेर मे हाथ डाल के मेरा लंड बाहर निकाला और उपर नीचे करने लगी मैं सच कहु तो इतना मज़ा रहा था मेरी आँखें बंद हो रही थी. फिर मैने अपना लोवर और अंडरवेर निकल के फिर उसे लिटा दिया और एक बार फिर से उसकी चुचियो को चूसने लगा और उसकी चूत मे उंगली करने लगा.
थोड़ी देर ऐसा करने पर उसका कंट्रोल लूज होने लगा और उसने मेरा लंड पकड़ क बोली अब बहुत हो गया उंगली करना अब ये डालो. मैं भी बेताब था अपना लंड उसकी चूत मे डालने को मैने बिना देर किए लंड का सुपरा उसकी चूत पे निशाना लगाया और एक ज़ोर का झटका दिया पर निशाना चूक गया.
मैने फिर से ट्राइ किया बुत नो लक फिर उसने खुद ही मेरा लंड पकड़ के अपनी चूत पे सेट किया और फिर कहा आराम से अंदर डालो मैं भाग नही रही. फिर मैने इस बार तोड़ा आराम से डाला और आधा लंड अंदर चला गया, और हल्की सी सिसकारी निकली उसकी और उसने मुझे कस के पकड़ लिया और रुकने को बोला.
मैं थोड़ी देर तक ऐसे ही रुका रहा और किस्सिंग करता रहा फिर उसे तोड़ा रिलॅक्स फील हुआ और उसने अपनी कमर हिलना सुरू कर दिया. मैं भी धीरे धीरे अपना लंड अंदर डालने लगा. और धीरे धीरे मेरा पूरा लंड उसके चूत मे चला गया.
ये देख के मैं हैरान रह गया और समझ गया ये ऑलरेडी चुदी है. फिर मैं धीरे धीरे धक्को की स्पीड बढ़ता गया और वो भी अपनी गांद उठा उठा के मेरा लंड अपने चूत मे लेती जाती. बीच बीच मे हमारी किस्सिंग चलती रहती और मैं उसकी चुचियो को मसलना और सक करना चालू रखा.
वो पूरे मज़े लेके चुदा रही थी. मेरा लंड उसकी चूत मे पूरी टाइट्ली अंदर तक जाती इससे मेरा एग्ज़ाइट्मेंट और बढ़ जाता था. कुछ धक्को के बाद उसने अचानक से मुझे ज़ोर से पकड़ लिया और अपनी पैर टाइट कर लिए एकदम से लगा जैसे मेरा लंड उसकी चूत मे जाम हो गया मैं समझ गया वो झाड़ रही है मैने धक्के लगाने चालू रखे.
फिर थोड़ी देर मे उसका बदन ढीला पड़ा. मैने अपनी स्पीड थोड़ी स्लो की और उसको किस किया वो तो बिल्कुल पागलो की तरह मुझे चूमने चाटने लगी और मेरे बॅक पे हाथ फेरने लगी. फिर उसने कहा मैं झड़ गयी तो मैने कहा लेकिन मैं तो नही झड़ा.
उसने मेरे होठ को धीरे से दाँत काटते हुए कहा अब तुम्हारी बरी है, चलो सुरू हो जाओ पेलते जाओ अपना लंड अंदर. बहुत अच्छा है तुम्हारा लंड और तुम चोदते भी बहुत अच्छा हो. पहली बार उसने चुदाई और लंड की बाते करी मुझे मज़ा आया.
मैने कहा तो फिर रेडी हो जाओ एक और राउंड के लिए और मैने एक ज़ोर का धक्का मारा. उसने भी अपनी गांद उठा के धक्के का जवाब दिया और कहा मैं हमेशा रेडी हू तुम बस चोदते जाओ जितनी मर्ज़ी करे आज तो चोद लो.
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मैं और भी जोश मे आगेया और ज़ोर ज़ोर के धक्के लगाने लगा. वो भी गांद उठा उठा के अपने चूत मे पूरा लंड लेने लगी और फिर उसकी पकड़ और ज़्यादा टाइट हो गयी. और उसने पैर इस तरह से टाइट कर लिए की मेरा लंड उसकी चूत मे टाइट्ली फँस क ज रहा था. 2 3 मिनिट के और धक्को के बाद मुझे लगा मैं अब झड़ने वाला हू. मैने उसे कहा मैं झड़ने वाला हू तो उसने कहा अंदर ही डाल दो मैं पिल्स ले लूँगी.
फिर मैने 8 10 और तेज धक्के मारे और फिर उसकी चूत मे ही अपना सारा माल डाल दिया. फिर ऐसे ही मैं उसके उपर थोड़ी देर लेता रहा. फिर उसने कहा चलो चलते है देर हो रही है. मैने कहा एक राउंड और बनता है तो उसने कहा क्यू कल से कही जाने बाले हो? मैने कहा नही तो उसने कहा तो कल की चुदाई के लिए भी कुच्छ बचा के रख लो. फिर हम दोनो हँसे फिर हम दोनो उठे और अपने अपने कपड़े ठीक किए और फिर पहले वो निकल गयी घर की तरफ फिर मैं भी चला गया.