Hot Bhabhi Chut Showing
मैं विजय 22 साल का हूँ और अपने भाई जन्मेजय 26 और भाभी 25 के साथ रहता हूँ। ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद मुझे शहर आना है, मेरा भाई एक प्राइवेट फर्म में काम करता है और भाभी के साथ रहता है। निकट भविष्य में मुझे उनके साथ रहना है, इसलिए उन्होंने ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर के साथ एक घर चुना है। Hot Bhabhi Chut Showing
मैं फर्स्ट फ्लोर के एक कमरे में रहता हूँ जिसमें शौचालय अटैच्ड है। ग्राउंड फ्लोर में एक ड्राइंग रूम, बेडरूम और किचन है, इस घर में प्राइवेसी थोड़ी कम है। मेरे भाई और भाभी की शादी को 3 साल हो गए हैं, लेकिन कोई बच्चा नहीं है। मुझे अपने शरीर पर गर्व है, मेरी बॉलीवुड हीरो जैसी मज़बूत मांसपेशियाँ हैं और मेरे दूसरे अंग भी ऐसे ही हैं।
मुझे मेरी भाभी बहुत पसंद है मैं उनके सपने भी देखता था. और मैं हर सब्जेक्ट्स पर भाभी से बाते करता जैसे मैं अपनी भाभी के साथ भाभी तुम बहुत खूबसूरत हो आपके रसीले होठो का रस पिने के लिए कोई भी मर्द चाहेगा गोल गोल बड़ी आंखो मे अजीब सी उलझन है.
आपकी पतली कमर देख कर कोई भी छुने को चाहेगा काजोल की जैसे बड़ी बड़ी चूचिया है आपकी दो मोटे कूल्हों को देखकर हर कोई दीवाना हो जायेगा सच कहु भाभी आप एक हसीन हीरोइन जैसे दिखती हो. भाभी बोली बस बस बहुत तारीफ करते हो वो भी झूठी ये क्या कहा आपने मैं भी कुर्बान जाऊ आप पर अगर झूठा निकला तो.
मेरा भाई बहुत बार काम की वजह से आउट ऑफ़ सिटी जाता रहता था. और ऐसे ही एक बार भाई बाहर गया था और उस दिन भाभी काली साड़ी काली ब्लाउज पहनी थी. भाभी गोरी थी इस लिए मैंने उसकी खूब तारीफ की कहा भाभी आप तो काले कपड़ो में बहुत ही खुबसुरत दिखती हो वो मुस्कुरा के बोली झूठे कहिके.
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फिर कई दिनों तक मन मे एक सपना सजता रहा कब भाभी को पा लू. एक दिन भाई को सुबह सुबह शहर से बाहर जाना था और मुझे ही उसे रेलवे स्टेशन छोड़ने जाना था. मैं छत पर कसरत कर रहा था केवल अंडरवियर में तभी भाभी अचानक उपर आई और मैं हडबडा कर जल्दी से तौलिया उठाने लगा अपने कमर में लपेटने लगा.
तभी भाभी मेरे पास आई और बोली देवर जी आपकी बॉडी तो बहुत स्रोङ्ग है. फिर धीरे से जिस्म पर हाथ फिरा के बोली क्या सख्त है बाजु. मेरा लंड स्पर्श पाते ही मचलने लगा. भाभी बोली चलो तुम्हारे भइया राह देख रहे है. वो चली गई पर मेरा लंड गरम हो चुका था. टॉयलेट जाके अंडरवियर निकला तो पूरा तन कर खड़ा हो गया.
पहली बार किसी औरत ने मुझे छुआ था उसी दिन रात को जब को जब घर आया तो भाभी लॉन में बैठी थी. मुझे आता देख वो भी साथ घर में चली आई और मेरे से गप्पे मारनी लगी फिर बोली चलिए छोडो ये बात को मैं कैसी दिखती हु इन काले कपड़ो में. मैंने हँसते हुए कहा भाभी तुमने तो नीले रंग की गाउन पहनी है.
भाभी बोली उस दिन तो कहते थे भाभी तुम काली साडी और काली ब्लाउज में अप्सरा लगती हो.
मैंने कहा- लेकिन भाभी आपने तो…
भाभी ने अपना गाउन निकाल दिया मैं उसे देखते ही दंग रह गया सच भाभी काले रंग की छोटी सी ब्रा और काले रंग की बिलकुल छोटी सी निकर में थी. उसकी दोनों चूचिया आधी से ज्यादा नंगी थी जब निकर उसकी आधी चूत को ही ढंक पा रही थी दोनों ओर से चूत नंगी दिखाई दे रही थी. ये नजारा देख कर मेरा लंड अंडरवियर में मुड़कर खड़ा होने लगा.
उस दिन तो बड़ी तारीफ करते थे आज क्या हो गया.
भाभी तुम्हारी चूचिया और चूत का कोई जवाब मेरे पास नहीं है. पहली बार किसी औरत का आधा बदन नंगा देखा है.
सच कह रहे हो.
तुम्हारी कसम भाभी इतनी खूबसूरत गढ़ी हुई जवानी पहली बार देख कर मैं बाग़ बाग़ हो गया हूँ.
आगे कदम बढ़ाया तो भाभी चहकी नहीं नहीं पहले अपने आपको सम्भालो मैं समझ गया. अपनी शर्ट निकाल दी ऊपर का बदन नंगा हो गया फिर बिना सोचे अपनी लवर उतार दिया सिर्फ अंडरवियर में आ गया मेरी नजर भाभी की चुचियों पर गयी छोटी सी ब्रा में कैद बड़ी बड़ी चूचिया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
अब मैंने पीछे जा के हूक खोल दी दो नंगे फल भाभी के बदन पर झुलने लगे, बिना परवाह किये पेंटी को एक ही झटके में उतार दिया और अपने अंडरवियर को निकल दिया. ये क्या कर रहे हो भाभी बोली. मैंने अपनी बाहों मे नंगी भाभी के जिस्म को दबोच लिया वो कहरने लगी.
मेने दोनों होठो को उसके रसीले होठो पर रख दिए जी भर के उसका रसपान करने लगा एक हाथ से चूचियों को दबाता मसलता रहा दूसरे हाथ से उसका जिस्म पूरा कस के मेरे जिस्म से चिपकाया. ये सब अचानक हो जाने से वो हाथ पाव मारने लगी लेकिन उसकी कुछ न चली और मैं भाभी के जिस्म को बुरी तरह रोंदने लगा.
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होठोके बिच जीभ डाल के मैं उसे बुरी तरह चूमने लगा उसके मुह मे गोगो की आवाज निकलने लगी पर मैं पूरी तरह चूचियों दबाता रहा उसकी कड़ी निपल को दो उगली के बिच ले के मसलने लगा. भाभी अब सिसकारियां भरने लगी. हम दोनों की सांसे तेज होने लगी.
मैंने जम कर भाभी के पुरे बदन को बेतहाशा चुमा. वो मीठी मीठी आहे भरने लगी. मेरी नजर उसकी चूत पर पड़ी मैं झूम उठा एक भी बाल नहीं था गुलाबी रंग की चूत के बीच मे एक लाल रंग का होल दिखाई दिया ये देख कर मुह मे पानी आ गया. भाभी के जिस्म को चारो और से चूमने सहलाने और दबाने के बाद चुचियों को प्यार से मुह मे लेकर कई बार चूसा.
भाभी का अंग अंग महकने लगा उसकी दोनों चूचिया कड़ी और बड़ी हो गयी उसके रेड्डिश निपल उठ कर खड़े हो गए तीर की तरह. तब मेरी भाभी मेरे से जोर से लिपट गयी दो बदन एक दूसरे से रगड़ने लगे. मेरी सांसे फूलने लगी, हम तेजी से अपने गोल की ओर आगे बढ़ने लगे.
१० मिनट्स तक हम दोनो ने एक दूसरे पूरा चूमा सहलाया. भाभी ने पहली बार शरमाते शरमाते लंड को पकड़ा तो बदन में बिजली सी दौड़ गयी. मैंने कहा मेरी जान उसके साथ खेलो शर्माओ मत अब हम दोनों में शर्म कैसी. भाभी का बदन बहुत ही गरम हो चूका था तब मैंने भाभी को फर्श पर लिटा दिया.
मैंने ऊपर आके जोर से चुचियों को फिर दबाया बाद में उनकी चूत की तरफ देखा गीली हो गयी थी. अब उन्होंने पावो को चौड़ा किया तो भाभी की चूत पूरी दिखने लगी. भाभी की गुलाबी चूत को देखकर बोला भाभी सच बहुत ही चिकनी है तेरी ये चूत बिना बाल की गोरी उभरी हुई.
मैं चूत पर झुक कर चूमा और भाभी की सांसे तेज हो गयी. चूत के होठो को अपने होठों से चूमने लगा. भाभी सिसकारने लगी तब मैंने अपनी जीभ चूत में डाल दी. भाभी की आहे अह्ह्ह्हह्ह्ह उफ्फ्फ्फ़ इरी से कमरा गुजने लगा हाय रे… है… है अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.
मैं बड़े प्यार से चूत में चूसना चूमना जीभ से करने लगा. भाभी दूसरी बार झड़ गयी फिर भी मैंने भाभी का बहता रस सररररर सरररर कर पिने लगा. भाभी बोली हाय रे क्या कर रहे हो अब मुझसे ये सहा नहीं जाता आओ मेरे देवरजी और अपनी ये प्यारी भाभी को चोदो जी भर के चोदो.
मैं उनका इनविटेशन स्वीकार लिया चूत से अलग हो गया थोड़ा ऊपर किया तो भाभी दंग रह गयी मेरा लंड पूरा तन चुका था बड़ा मोटा था. मैंने भाभी के दोनों पावो को ऊपर लेके चौड़ा किया भाभी की चूत मेरे सामने आ गयी. धीरे धीरे अपने तने लंड को फैली हुई चूत के ऊपर टिकाया.
तो भाभी आहे भरने लगी मैंने धीरे धीरे चूत पर लंड को रगड़ने लगा, भाभी ऊऊऊऊऊई ऊऊऊऊईमा माँ माँ करने लगी उफ्फ्फ ओईईईईईईई रे. मैंने रगड़ना और तेज किया तो भाभी के तो होश ही उड़ गए पागल हो गयी आह्ह्हह्ह अह्ह्ह्हह्ह उईईईईई उईईईईई करने लगी.
तब मैंने आसान सजाया ऊपर चढ़ के चूत में सेण्टर किया लंड को फिर एक धक्का जोर से लगाया. भाभी के मुह से चीख निकल गई हाय रे मर गयी दर्द से उनकी जान निकल गयी आँसू भी निकल आये पर लंड अंदर जा चुका था चूचियों जोर जोर से दबाया मसाला. भाभी को थोड़ी राहत मिली तो मैंने दूसरा धक्का जोर से मारा.
भाभी की तो जान निकली थी निकाल दो उसे निकाल दो कहते रोने चिल्लाने लगी. फिर मैंने वही खेल खेला चूचियो को पकड़ कर बड़े जोर जोर से दबाने लगा पर लंड नहीं निकला. फिर मैंने कंधो से पकड़ कर लंड को जोर से दबाया भाभी चीख उठी पर मैंने कस कस कर धक्के पर धक्के मारते ही रहा.
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धक्को की रफतार के साथ की लंड पूरा चूत मे समां चूका था मैं चोदने लगा. थोड़े थोड़े अंतर के बिच धक्के धक्के मारते रहा भाभी की चूत में से पानी निकलने लगा फिर भी मैं चोदता रहा मजा मिलने लगा अब वो पूरा जोश दिखाने लगी मैंने स्पीड बढ़ाया तो बोल पड़ी देवर जी और तेज देवरजी और तेज.
मैं पूरी तरह स्पीड बढ़ा कर उन्हें चोदने लगा, फच फच फचा फच की सुरीली आवाज कमरे गूंजने लगी और तेज और तेज… फिर स्पीड बढाई फचफचफचफच फच आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह आह्ह्ह्हह्ह शाबाश मेरे राजा और चोदो और तेजज हाय रे… अहह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह्हह. मैं पूरी मस्ती से धक्के धक्के मार मार के भाभी को चुदाई मजा देने लगा.
मैं अब पूरी तरह ऊपर आ गया तेज रफतार कर दी और भाभी के ऊपर छाने लगा. चूत पानी से लबा लब हो गयी तेज तेज धक्के से चोदते चोदते फलो को चूसने लगा. भाभी को दुगना मजा आने लगा मैं अपने आप में नहीं थी पूरा बदन भाभी जी के साथ चुदाई का सुखः भोगने लगा था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
आवाज में परिवर्तन हुआ फचा फचा के बदले फच फच फच फच की मधुर धवनि गुजने लगी. मैं जी जान से चोद रहा था मेरी और उनकी सांसे तेज तेज होने लगी थी अपने पर काबू नहीं पा रहे थे. की मैंने तेज धक्का धका धका धक्के मारते भाभी के बदन पे आ गया. भाभी ने दोनों हाथो को पीछे करके चूचियों पर जोर से दबाये पावो को मोड़कर पीछे ले के जोर से लंड को चूत में दबाया.
तो मैं तेज तेज धक्के मारने लगा, भाभी की आहो से कमर गूंजा, नहीं अब देर मत करो आ जाओ मेरे बदन को दबा दो. मैंने कस कस कर धक्के मारे और भाभी के जिस्म को दबोच लिया तेज धार चूत में गिरी भाभी भी झड़ गयी. पहली चुदाई तो पूरी हुई लेकिन हम दोनो एक दूजे से पूरी तरह जुड़के एक हो गये सांसे थभने का नाम नहीं ले रही थी अभी सांसो तूफान चल रहा था.
धीरे धीरे बंद हो गया मैं भाभी से अलग तो हुआ मेरा दिल नहीं मनाता था पर उससे उठ कर भाभी को देखा आँखे बंद करके पड़ी थी उसका नंगा जिस्म देख कर दूसरी बार चोदने की इच्छा हुई. भाभी की चूची दबाके बोला भाभी उठो. वो उठकर बैठ गई दोनो चूचियों ने तो मुझे और पागल कर दिया मेरी नजर चूत पर पड़ी वो गुलाबी गुलाबी हो चुकी थी.
भाभी बोली हटो जाओ मुझे निचे जाने दो.
मैंने हाथ पकड़ के कहा नहीं भाभी अब तुमको अपने जिस्म को थकाने की जरुरत नहीं.
भाभी बोली ये क्या कहते हो चलो हटो.
मैंने उठा कर भाभी को दोनों हाथो से ऊपर उठाया और निचे जाने के लिए चलने लगा.
तुम बड़े लुच्चे हो क्या अभी भी चोदने का इरादा है भाभी बोली.
मैंने कहा आपने मेरे मन की बात कह डाली फिर नंगी भाभी और में निचे आ गए आते ही मैंने उन्हें निचे उतारा तो हलका धक्का मारके वो बाथरूम में घुस गयी. थोड़ी देर के बाद बाहर निकली मैंने चाय बनने को कहा उसने अंगूठा दिखाकर कहा जाओ नहीं बनाती.
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हम दोनों के बिच पकड़ा पकड़ाई शुरू हो गया. भाभी की जवानी को मौका मिलते छेड़छाड़ करने लगा कभी चुची कभी निपल कभी कूल्हों कभी चूत पर हाथ से रगड़ने लगा बड़े प्यार से खेल खेलते थे भाभी को मजा आता, मैंने बड़ी तेजी दिखाई पर छुपा छुपी चलती रही आखिर मौका मिलते ही भाभी को जोर से पकड़ कर बाहों मे कस लिया.
फिर क्या एक दूसरे को चूमना सहालना दबाना… अब भाभी भी पीछे नहीं रही मेरे जिस्म के साथ पूरी तरह खेलने लगी. मैं मस्ती से झूम उठा लंड भी खड़ा होने लगा. मैंने बार बार चूचियों को मस्ती से दबा दबाकर गुलाबी कर दी अब तो मान जाओ भाभी एक चाय तो बना दो. वो चाय बनाने को राजी हो गयी.
मैंने बाहो में से अलग किया वो किचन की और चलने लगी, हाय मर जाऊ मेरी जान दोनों कूल्हों को नचाती हुई जा रही थी क्या पतली कमर थी. मेरा लंड ये नजारा देखकर पूरी तरह तन गया थोड़ा सबक करो मेरे शेर समझाने लगा अपने आप को फिर बाथरूम में जाकर उसको पानी से साफ़ किया पर वो नहीं मानता था.
बाहर निकल कर बेड रूम में गया वह डबल बेड पर तकियो का ठेर लगा दिया. फिर किचन में गया भाभी की नंगी पीठ मेरी ओर थी चाय उबलने लगी थी पास गया तो लंड फिर से तन गया. तब भाभी जोकि उसकी चूत को देखकर लंड पागल हो गया सामने खूबसूरत चूत अब सबर करू तो कैसे करू.
भाभी अभी भी झुकी हुई थी मैं उसके पीछे गया लंड आपे में नहीं था चूत का मुँह खुला था जैसे ही भाभी टटोलने लगी की चूत और फ़ैल गयी बेताब लंड काबू के बाहर ये देख के हो गया. तब भाभी के करीब जाके उसको पकड़ लिया कुछ संभल पाती उसके पहले लंड को चूत पर रख कर बड़ा जोर से धक्का मारा.
तो भाभी चीख उठी पर लंड आधा घुस चूका था ऊऊऊऊओईईईई रईईईई मर गयी मैं तो. पर सारा खेल दूसरे ही पल में बिगड़ गया जब मेरी पकड़ से भाभी के निकलते ही लंड बाहर निकल गया. रूठ कर भाभी जाने लगी भाभी रुको. नहीं मैं जा रही हु. रुको भाभी हाथ पकड़ के लंड को पकड़ा दिया.
वो बुरी तरह शर्मा गयी जोर से दबाओ तो झटका मारते हुए लंड को अलग करती हुई वापस आके चाय बनाने लगी. अब ऐसे फिर किया तो… मैंने भाभी के मुँह पर हाथ रख दिया चाय बन गयी. मेने भाभी को धीरे धीरे सहलाने लगा जैसे मौका मिला मेने अपने बाहों मे दबोचा और जिस्म को चूमने लगा.
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वो भी है न है न करने लगी. मेने चूत को दबे और तेजी से उंगली चूत में दाल दी होल होल अंदर बहार करने लगी वो कहरने लगी फिर क्या था भाभी को भी नशा आने लगा. मेने ऊगली नीकाल दी भाभी को उठाके लंड पर ले लिया दोनों चुच्यो को दबाने लगा बारी बारी दोनों पावो को मोड़ कर मेरी कमर पर लेट ही में एक हाथ से लंड को चूत में डाल कर जोर से दबाया वो चिल्ला उठी पर लंड घुस गया.
दो तीन धक्के मारते ही पूरा लंड चूत में समां गया तो भाभी मुझसे लिपट गयी. मैंने भाभी को चाय की प्याली उठाने को कहा उन्होंने वही किया. भाभी को उठा के लंड को बाहर निकाले बिना मैं बैडरूम में ले आया बगल वाली तिपाई पर जैसे ही चाय रखी की मेने भाभी को दोनों पावो को अलग कर के लंड के दस बार धक्के मार दिए. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वो मस्ती से झुमने लगी फिर हम दोनों आमने सामने बैठ के चाय पिने लगे उस वक़्त मेरा लंड भाभी की चूत में मस्ती से चूमता था. चाय पीने के बाद दो तकिए का सहारा लेके भाभी को आधा लिटा दिया और फिर लंड फचा फचा चोदने लगा. ऊऊऊऊईईईईईईईरेरेरे माँर डालोगे क्या. नहीं भाभी… मैं क्यों मारू लो.
तेजी से धक्के मारने लगा दोनों तकियो के कारण भाभी की पूरी चूत में लंड जा जा कर चुदाई करने लगा ऊऊऊऊऊय्य्य्य रेरेरे हाय हाय. मेने लंड को चूत मे डाल कर चोदना बंद किया की भाभी चौंकी की ये कर रहे हो देवरजीजीजी जीजी हाय रे अब मुझसे रहा नहीं जाता जोर जोर से धक्के मारो.
मैंने कुछ नहीं किया वो करीब चिल्लाई ये क्या कर रहा है. मैं चुप रहा तब भाभी ने अपने पावो को उपर उठाया मेरे जिस्म से चिपकी और धीरे धीरे कूल्हों को उठाने लगी आआह्ह्ह्हह्ह्ह्हह हहहहहहहहआ और ऊपर उछलने लगी में दंग हो गया आखिर मेरे कसे हुए लंड पर जोर जोर से चूत को उठाने लगी.
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मैं तत्तत्तूउउउम्मम्मम्मम्मह्ह्ह नहीं छोडूगी फिर तेज तेज मस्ती से चूत में आवाज आने लगी पांच पांच पांच अपचा पांच अपचा उसका पानी निकल गया था. मेने दोनों चुच्यो को कस कस कर दबाया. वो सब कुछ भूल कर पूरी मस्ती से चुदाने लगी ऊऊऊऊऊओह्ह्ह्ह अअअअहाहहहहहहहह. तब वो झुक गई और मेरा लंड भी करीब आ गया था. दोनों चूचियों को दांत से दबाते ही आआआह्ह्ह्हह्हा कर उठी. मेने उसको पूरा लिटा दिया दो पावो को ऊपर कंधो पर ले ले फच फच आआअह्ह्ह्हह्ह्ह्ह.
और तेज और तेज मेने स्पीड चौगुनी कर दी गपागप फकफक फकफक तेज रफ्तार से लंड चोदने लगा सिग्नल को पार करके चुदाई की गाड़ी स्टेशन पर आके धीरे धीरे झड़ने लगी उफ उफ़ करती भाभी सब कुछ भूलकर मुझसे जोर से कर कर अपना दर्द भूल कर एक जुट हो गयी तेज सांसो से कमरा महकने लगा. हम एक है ये एक सांस बोलने लगी. करीब १० मिनट्स तक के बाद में उसके ऊपर से उठा… पुरे १० रातो को हर रात नंगा किया पूरी रात हम दोनों नंगे होकर मेने भाभी को बड़े प्यार दुलार से कई बार चोदा उस दौरान कई नए नए आसनो का परिचय करवाया.
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