Garam Chachi XXX Kahani
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम अमित तिवारी है। मैं गोरखपुर का रहने वाला हूं। मेरी उम्र 24 साल है, में 5’8″ का हूं और मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है। ये कहानी मेरी और मेरी चाची के बीच में हुए चुदाई की कहानी है। मेरी चाची का नाम प्रिया है और उनकी उम्र 34 साल की है। Garam Chachi XXX Kahani
चाची के फिगर के बारे में बता दूं, उनका फिगर 34-32-38 है। उनकी शादी मेरे चाचा से तभी हो गई थी जब वो 20 साल की थी, इसलिए मेरे और उनके में बस 10 साल का ही अंतर है। चाची गांव में पली बढ़ी है और और शायद इसी वजह से वो हमेशा थोड़ा खुल्लम खुल्ला रहती थी।
जैसे कि शरीर दिखाते हुए कपड़े पहनना, ब्रा पैंटी न पहनना, खुले आंगन में ही नहा लेना, कपड़े धोते वक्त साड़ी कमर में बांध लेना, वगैरह वगैरह। इसी वजह से मैं चाची के खूबसूरत बदन को कई बार देख चुका हूं। कई बार तो मैने उनको नहाते हुए भी देखा है अनजाने में।
चाची शकल से सांवली है पर उनका बदन गोरा है, उनकी मोटी मोटी चूचियां, सफेद चिकनी कमर, फूली हुई चूत और गांड सब गोरा है, जिसको एक बार देख लो तो मुंह और लंड दोनों में पानी आ जाता है। चाची की घर में किसी से नहीं बनती, चाचा से भी नहीं, चाची का कोई बच्चा नहीं है शायद इसी वजह से।
इसलिए चाची की सिर्फ मेरे से ही बनती है ज्वाइंट फैमिली होने के बावजूद भी। मेरे दो घर है इसलिए घर के ज्यादातर सदस्य दूसरे घर में रहते है, जिसमें चाचा भी है। इसलिए मुझे चाची को ताड़ने का, उनको बिना कपड़ों के देखना का मौका बड़े आसानी से मुझे मिल जाता है।
चाची की आदत रही है मेरे सामने जब भी आती है उनके कपड़े ऐसे रहते है जिसमें उनका बदन दिख जाए। पहनी तो वो साड़ी ही रहती है पर उसमें उनका क्लीवेज, कमर एकदम अच्छे से दिख जाता है। वो बिना ब्रा के ब्लाउज पहनती थी, और वो ब्लाउज इतना सूती कपड़े का बना होता था कि उसमें से उनके भूरे निप्पल साफ दिखाई देते थे।
और वो जब भी मेरे से बात करती है तो कभी कभार मेरे सीने पे, मेरे कंधे पे हाथ रख कर बात करती है, और उनके छूने के तरीके से मेरा लंड खड़ा हो जाता है। मैं भी गर्मी में अपने घर में सिर्फ एक हॉफ पेंट में ही घूमता था, बाकी बदन नंगा ही रहता था तो ऐसे मौके अक्सर मिल जाते थे। तो ये कहानी इसी साल की है। मैने ध्यान दिया है कि चाची और मेरे बीच करीबी बढ़ती जा रही है।
चाचा चाची को भाव नहीं देते थे इसी वजह से चाची मेरे साथ ज्यादा समय बिताती थी। चाची को खुद इस बात का अंदाजा नहीं था कि वो कितना ज्यादा अपना शरीर दिखाती है क्योंकि जहां से वो हैं, वहा पे इतना पर्दा करके रहना सिखाया ही नहीं गया है। इस चीज से मेरा फायदा हो जाता था, जब भी चाची सामने होती थी तब कुछ न कुछ दिख ही जाता था उनका। एक दिन चाची कुछ थकी हुई लग रही थी तो मैने उनसे पूछा-
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मैं: क्या हुआ, क्यों इतना थकी हुई लग रही?
चाची: घर का काम करने में ही इतना हालत खराब हो जा रहा है मेरा।
मैं: दवा खाके सो जाइए तब।
चाची: दवा से कुछ नहीं होगा जब ये रोज ही झेलना है, अब तो आदत हो गया है इस चीज का। पहले आपके चाचा रहते थे तो वो ही मालिश कर दिया करते थे, अब तो वो भी नसीब नहीं होने वाला।
मैं: क्या नहीं नसीब होगा, चाचा या उनकी मालिश? (मैने हस्ते हुए बोला)
चाची: चाचा की उतनी याद नहीं आ रही, उनके मालिश की ज्यादा याद आ रही।
मैं: आपको तो मेरी भी याद नहीं आएगी एक दिन, मुझे भी भूल जाओगी आप। (मैने उन्हें छेड़ते हुए कहा)
चाची: मैं तो आपको हमेशा याद करती हूं।
मैं: चाचा से भी ज्यादा?
चाची: हां, पर आप मुझे याद नहीं करोगे।
मैं: मैं तो और ज्यादा याद करूंगा।
चाची: क्यों, मेरे में ऐसा क्या है, मुझे भला कोई क्यों याद करेगा। (ये बोल के चाची थोड़ा उदास हो गई)
तो मैं सोचा कि आज मौका अच्छा है, एक कदम आगे बढ़ते हैं।
मैं: चाची आप दुखी मत होइए। वैसे आपसे एक बात कहूं, आप बुरा तो नहीं मानोगी ना?
चाची: आपका किसी बात का मै कभी बुरा नहीं मानने वाली, आप बोलो।
मैं: चाचा नहीं है तो क्या हुआ, आप कहिए तो मैं आपकी मालिश कर दूंगा।
चाची: अरे नहीं, आपसे ये कैसे करवा सकती हूं?
मैं: क्यों, मालिश ही तो करना है बस।
चाची: अरे बात वो नहीं है। चाचा मालिश करते थे तो पूरे बदन में तेल लगा के अच्छे से मालिश करते थे। आपको बचपन से ही नंगा देखा है, आपके सामने नंगी होके मालिश थोड़े ही करवा पाऊंगी।
मैं: (मैं जोर से हंसते हुए) अरे चाची, मुझसे क्या शर्माना, वैसे मैने भी आपको कई बार नंगी देखा है, और मालिश के टाइम पे आपको पूरा नंगा होने की जरूरत नहीं है, कोई पुराना तौलिया या पेटीकोट पहन के आ जाना, मै हाथ अंदर डाल के मालिश कर दूंगा आपका।
चाची: वो अब तक ठीक है, आप मुझे नंगी कब देख लिए? और हाथ अंदर डाल के मालिश करने का क्या मतलब है?
अब मैं समझ गया कि चाची भी अब मेरे साथ फ्लर्ट कर रही हैं। अब हम दोनों के बीच डबल मीनिंग वाली बातें शुरू हो गई थी। उस टाइम हम दोनों छत पे थे और मैं उस टाइम भी हॉफ पैंट में ही था, और चाची ये सब बातें करते हुए मेरे सीने पे हाथ फेर रही, जो मुझे और गर्म कर रही थी।
मैं: चाची, जब आप सुबह सुबह आंगन में नहाती थी, और उस टाइम अगर मेरी नींद खुलती थी और कई बार आप पे नजर चली गई है। और हाथ अंदर डालने से मतलब आपसे नहीं, आप जो पहन के आओगी उसमें हाथ डाल के मालिश करूंगा।
चाची: वैसे कितनी बार देखे होंगे आप मुझको बिना कपड़ो के महते हुए?
मैं: बचपन से ही देखता आ रहा हूं। करीब 200 बार देख चुका हूं।
चाची: बाप रे बाप, शर्म नहीं आई अपने ही चाची को नंगी देख कर। (चाची मुस्कुराते हुए बोली)
मैं: नहा आप रही थी तो मुझे क्यों शर्म आएगी। (मैने हस्ते हुए बोला)
मैं: वैसे आप देख लीजिए जैसा आपको सही लगे। मैं अपने कमरे में जा रहा, आपको मालिश करवाना होगा तो कोई पुराना कपड़ा लपेट के आ जाइयेगा। वैसे भी आपका सब कुछ देख चुका हूं तो शर्माने की जरूरत नहीं है। (मैने उनको छेड़ते हुए कहा)
फिर मैं अपने कमरे में आके चाची के आने का इंतजार करने लगा। मुझे पूरा यकीन था कि वो जरूर आएंगी, और हुआ भी ऐसा। करीब 2 घंटे बाद चाची मेरे कमरे में आई। उस टाइम तक मैं सौ चुका था, चाची मेरे बगल में आके बैठ गई और मेरे सीने और मेरे पेट पे हाथ फेरते हुए मुझे उठाने लगी। मैने आंख खोला तो देखा कि चाची एक सफेद रंग का सूती तौलिया लपेटी हुई थी जो लगभग पारदर्शी था, अंदर का थोड़ा बहुत दिख रहा था।
चाची: हाय, सोते हुए बड़े हैंडसम दिखते हो आप। मालिश नहीं करवाना होता आपसे तो बस यूं ही आपको देखती रहती।
मैं: इतना मत लाइन मारिए मेरे पे। रुकिए मै नीचे खराब बेडशीट बिछा देता हु ताकि तेल से गंदा न हो जाए। अब आप लेट जाइए आपकी मालिश कर दूं।
चाची: लाइट बंद कर दीजिए, नहीं तो मुझे शर्म आएगी।
मैं: चाची बिना लाइट के रोशनी से कैसे मालिश करूंगा, तेल इधर उधर गिर जायेगा, वैसे भी तौलिया तो पहनी हुई है न आप।
चाची: ठीक है, लेकिन अच्छे से तेल लगा के अपने चाची को मसल दीजियेगा।
मैं: मसल दीजियेगा???
चाची: अरे वही मालिश कर दीजियेगा। (फिर चाची हंसने लगी)
मैने भी सब समझ रहा था पर कुछ बोला नहीं। फिर चाची तौलिया लपेट के पेट के बल लेट गई। तौलिया पीछे से बस उनकी गांड को ही ढके हुए था। मैं तेल लगा के उनकी पीठ और उनकी मोटी जांघो को अच्छे से मसल रहा था। फिर मैं अपना हाथ उनकी गांड पर ले गया और तोलिया हटा के उनकी गांड पे ढेर सारा तेल गिराया, फिर अच्छे से उनकी मखमल जैसे मुलायम और बड़ी सी गांड को मसलने लगा।
एक दिन अपने ही सगी चाची की गांड दबाने का मौका मिलेगा ये मैने सोचा नहीं था। फिर मैने चाची से पूछा कि कैसा लगा, तो चाची बोली कि आप तो अपने चाचा से भी ज्यादा अच्छे से मसल रहे हो मुझको। तो मैं उनसे कहा कि अब कहिए तो आपको आगे से भी मसल दूं अच्छे से (मुस्कुराते हुए)। इसपे चाची बिना कुछ बोले सामने पलट गई और तौलिए से अपने आप को ढक ली।
फिर मैं चाची के बगल में बैठ के उनके हाथों की मालिश किया, उसके बाद उनके पैर के पास बैठ के उनके जांघों को मसलना शुरू किया, कई बार जब उनकी चूत के पास जाता तो दोनों जांघों को बीच हाथ डाल के अच्छे से मसलता उनको। चाची की चूत गीली हो चुकी थी इतना मेरे को पता चल चुका था, पर उस दिन सिर्फ इतना ही हो पाया। जांघों को मसलने के बाद चाची उठ के नहाने चली गई और अपने कमरे में जाके सो गई। मालिश के अगले दिन मैने चाची से पूछा कि-
मैं: कैसी हैं आप, मालिश के बाद थकान खत्म हुई थी कि नहीं आपकी?
चाची: बिल्कुल हुई थी। आप इतना अच्छे से मसले हो अपनी चाची को, मैं तो थकान से तुरंत सो गई थी।
मैं: मैं तो आपकी मालिश करके थक गया था।
चाची: क्यों, आपको मजा नहीं आया क्या मेरी मालिश करके?
मैं: मजा तो बहुत आया था। आप कहिए तो रोज आपकी मालिश कर दूं।
चाची: ठीक है, रात में देखते हैं।
रात को फिर मैने वैसे ही मालिश किया, और मालिश करवा के चाची नहाने गई फिर अपने कमरे में जाके सो गई। अगले दिन सुबह मैने फिर से उनका हाल चाल पूछा।
मैं: कैसी रही कल रात की मालिश?
चाची: आपके हाथों में तो जादू है, इतना मजा तो चाचा से भी करवाने में नहीं आता था जितना आपसे करवाने में आता है, जबकि आपके चाचा तो हर जगह मालिश करते थे।
मैं: आप कहिए तो मैं भी हर जगह मालिश कर दूंगा आपकी।
चाची: नहीं, वो कुछ ज्यादा ही हो जाएगा, और आपके सामने मुझे शर्म आएगी।
मैं: कोई बात नहीं इस बार बिना लाइट के मालिश कर दूंगा।
चाची: वो कैसे?
मैं: अरे इस बार तेल नहीं लगाऊंगा, हाथ से ही अच्छे से कर दूंगा, लाइट नहीं जलेगी तो कुछ दिखेगा भी नहीं इसलिए आपको शर्माने की जरूरत भी नहीं है।
चाची: खैर सब तो देख ही चुके हो आप, अब कितना देखोगे। (मुझे छेड़ते हुए बोली)
मैं: इतनी खूबसूरत हो आप, जितना भी देखूं उतना कम ही है।
चाची: मैं कहा से खूबसूरत लगती हूं आपको?
मैं: हर जगह से खूबसूरत ही तो हो आप। पूरे खानदान के कोई भी लड़की या औरत आपसे से ज्यादा सुंदर नहीं है।
इस बात पर चाची मेरे पर फिदा हो गई इतनी तारीफ सुनके.
चाची: जानते है, कल रात आपको बहुत याद कर रही थी।
मैं: वो क्यों?
चाची: आप इतने हैंडसम से हो, इतने प्यारे हो, मेरा इतना ख्याल रखते हो, आपको तो कोई भी याद करेगा।
मैं: कोई होगी तब न याद करेगी, आप जैसी कोई सुंदर सी मिलती ही नहीं है। वैसे मैने भी पूरी रात आपको याद किया।
चाची: कोई बात नहीं, रात में आपके ही बेड पर सो जाऊंगी, ताकि हम दोनों को एक दूसरे को याद ना करना पड़े।
मैं: पर चाची, मुझे बिना कपड़ों के नंगा सोने की आदत है।
चाची: तो क्या हुआ, आपने मुझे कितनी बार बिना कपड़ों के देखा है मैं भी एक बार देख लूंगी तो क्या हो जाएगा। (चाची हंसते हुए बोली)
मैने भी कहा ठीक है। फिर मैं रात का इतंजार करने लगा। रात को चाची आई मेरे कमरे में, मैने उनको बेड पे लेटने को कहा। चाची एक पेटीकोट पहने हुए आई थी। उन्होंने मुझसे कहा कि आप लाइट बंद कर दीजिए पहले। मैने लाइट बंद कर दी, फिर भी कमरे में इतनी रोशनी थी जिससे थोड़ी बहुत चीजें दिख रही थी।
फिर चाची एकदम नंगी हो के लेट गई पेट के बल। मैं पहले उनके पीठ पर और फिर उनकी गांड पर अच्छे से मसल के मालिश की। मालिश करते टाइम मै बार बार अपना हाथ उनकी गांड के छेद के आसपास ले जा रहा था जिससे चाची गरम हो रही थी। फिर चाची पीठ के बल लेट गई।
चाची से मुझसे पूछा कि कुछ दिख तो नहीं रहा है न, तो इस पर मैंने कहा कि सच कहूं तो चाची थोड़ा-थोड़ा तो दिख रहा है आपका। चाची इसे बोली कि लाइट बंद करने का फायदा क्या हुआ फिर। फिर मैं चाची की मालिश करने लगा। मैने पहले उनके पेट से शुरुआत की।
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एकदम चिकना सा पेट और उसमें उनकी गहरी नाभि में उंगली डाल डाल के मालिश करके मेरा तो लंड खड़ा हो गया था। पेट पे मालिश करते टाइम मेरे हाथ उनकी चूत की उपर झांटों पे भी जा रहा था, जो कि हल्के से बढ़े हुए थे और मेरी उंगलियां बार बार उनमें फंस रही थी, और जब जब ऐसा हो रहा था तब तब चाची के मुंह से आह आह की आवाज निकल जा रही थी।
फिर मैं अपना हाथ चाची की चूचियों की तरफ ले गया, पहले दोनों चुचियों के बीच में मसलना शुरू किया, फिर धीरे धीरे करते हुए उनकी चूची को दबाने लगा। एकदम मखमल सी मुलायम सी चूचियां थी उनकी, और जब दबा रहा था तब चाची के दिल का धड़कन मेरे को अच्छी तरह से महसूस हो रहा था।
उनके निपल्स एकदम कड़क हो चुके थे। और चाची के मुंह से हल्की हल्की आह आह की आवाज निकलती जा रही थी। फिर चाची थोड़े देर बाद बोली कि अब आप लेट जाइए मैं आपकी मालिश कर देती हूँ। मैने कहा कि अरे चाची इसकी कोई जरूरत नहीं है। इसपर चाची बोली कि अरे आप भी तो थक जाते हैं ना मेरी मालिश करके तो सोचा मैं भी कर दूं।
इतना बोल कर चाची मेरे को बेड पर लेटने को बोली और मेरी पेंट निकाल कर मुझे नंगा कर दिया, और मुझसे कही कि पहले आपकी पीठ की मालिश करूंगी। फिर मैं पेट के बल लेट गया। तभी अचानक से चाची मेरे ऊपर चढ़ गई, उनकी चूत मेरी गांड पे महसूस हो रही थी।
चाची की चूत गरम और गीली हो चुकी थी, और वो पीठ की मालिश करने के बहाने अपनी चूत मेरी गांड पे रगड़ रही थी। फिर उन्होंने मुझे सीधा लेटने को कहा, और वो बगल में बैठ के मेरे हाथ पैर की मालिश की, फिर मेरे सीने और पेट को मसलने लगी। मेरा लंड एकदम खड़ा हो चुका था और लेटने की वजह से मेरे पेट से चिपका हुआ था.
इसलिए जब चाची जब मेरे पेट को छूती तब मेरा गर्म लंड भी बार बार उनके हाथ से टच हो जाता था। फिर मालिश पूरा हुआ और चाची मुझसे बोली की जाके नहा लीजिए फिर मैं जाऊंगी नहाने। तो मैने कहा कि तौलिया वगैरह खोजने के लिए लाइट जलाना पड़ेगा, तो इसपर चाची बोली कि क्या हुआ, जला लीजिए, मैं भी तो देखूं कि आप नंगे कैसे दिखते हो। (मुस्कुराते हुए बोली)
फिर मैं खड़ा हुआ और जल्दी से जाके लाइट ऑन किया। इन सब चक्कर में चाची ये भूल गई थी कि वो भी नंगी ही है। फिर लाइट ऑन होते ही चाची को जैसे ही याद आया वो तुरंत पेट के बल लेट गई, और मेरी नजर चाची की गांड पे और चाची की नजर मेरे लंड से हट ही नहीं रही थी।
दोनों ही एक दूसरे को ताड़ रहे थे हवस में, फिर चाची मेरे लंड को देखते हुए अपने होंठ दबाते हुए बोली कि वाह, आप तो काफी ज्यादा बड़े हो गए हो। फिर मैं हंसते हुए तौलिया लिया और जाके नहाया और फिर जब अपने कमरे के पास पहुंचा तो देखा कि चाची मेरे मोबाइल में पोर्न देख रही थी जो मैने डाउनलोड करके रखी थी।
मैं जैसे ही कमरे में घुसा मुझे देख के चाची बोली कि आप तो बहुत बढ़िया बढ़िया चीज रखे हो, मुझे नहीं पता था कि ऐसा भी कुछ होता है। फिर मैने चाची से कहा कि अब आप भी जाकर नहा लो। तो इसपर चाची बोली कि आप ऐसे ही खड़े रहोगे सामने तो जाऊंगी कैसे।
तो मैने बोला कि मेरा तौलिया ले लो और जाओ, वैसे भी अभी भी तो नंगी ही हो, और देख लूंगा तो क्या हो जाएगा। फिर चाची बेड से उठ के खड़ी हुई और मेरे पास आई। मैं पहली बार उनको इतनी करीब से बिना कपड़ों को देख रहा था। बड़े बड़े दूध जिसपे भूरे भूरे निपल्स, गहरी नाभि, फूली हुई गोरी सी चूत जिसपे घने घने घुंघराले और काले झांट।
ये सब देख कर तो मुझे लग रहा था जैसे मेरा बिना हिलाए ही निकल जाएगा सब कुछ। उस वक्त मैं तौलिया लपेटे खड़ा था, चाची मेरे करीब आई, अपना एक हाथ मेरे सीने पे रखा और दूसरा हाथ से मेरा तौलिया निकाल के मुझे नंगा करदी, अब हम दोनों ही एक दूसरे के सामने बिना किसी शर्म के नंगा खड़े थे।
फिर चाची हंसते हुए चली गई नहाने। फिर 1 घंटे बाद वो नहा के आई मेरे कमरे में, और आते ही उन्होंने तौलिया हटा दिया। मेरी नजर सीधे उनकी चूत पे गई, जो एकदम चिकनी थी, चाची ने सारे झांट के बाल हटा दिए थे। उनका गोरा बदन देख के मेरा लंड खड़ा होता जा रहा था। फिर चाची मेरे से पूछने लगी कि उनका पेटीकोट कहा पे है?
तो मैने कहा कि ऐसे ही लेट जाओ मेरे साथ, वैसे भी सब कुछ अच्छे से ताड़ चुका हूं आपका। फिर चाची हंसते हुए मान गई और नंगे ही मेरे बगल में आके लेट गई। मैं पीठ के बल सीधा लेता था, चाची मेरे बगल में लेटी थी। वो मेरे सीने पे हाथ फेरते हुए बोली कि आपसे मालिश करवाने के बाद बहुत अच्छी नींद आती है, काश आप पहले ही मिले होते तो रोज मसलवाती अपने आप को आपके हाथों से।
इसपर मैने बोला कि मेरा खुद बहुत टाइम से मन था कि अपनी प्यारी सी चाची को अच्छे से मसल दूं। इस बात पे दोनों हंसने लगे। फिर चाची बोली कि कोई बात नहीं, अब कभी आप मसल दीजियेगा, कभी मैं आपको मसल दूंगी, अभी आप सो जाइए। फिर हम दोनों सो गए, रात को मेरी आंख खुली तो देखा कि चाची अपनी पीठ मेरी तरफ करके सोई हुई हैं।
मैं अपना लंबा सा लंड उनकी गांड पे सटा कर उनके पीछे से हग करके सो गया। सुबह मेरी आंख खुली तो देखा कि चाची अभी भी वैसे ही सो रही थी। मैं सीधे होके सो गया और मेरे हिलने की वजह से चाची उठ गई, और उठ के बैठ गई। सुबह रोशनी होने की वजह से कमरे में सब कुछ साफ दिख रहा था।
मैं भी हल्का सा आंख खोल के देख रहा था कि चाची क्या कर रही है। मैंने देखा कि चाची मेरे लंड को देखे जा रही थी और अपनी चूचियां दबा रही थी। फिर चाची मेरे गाल पर हाथ रखी और मुझे उठाने लगी। मैने भी आंख खोलते हुए बोला चाची से की आप एकदम परी लग रही हो, एक चुम्मा दे देती तो पूरा दिन अच्छा चला जाता।
इसपर चाची बोली कि कमीना, सुबह सुबह ही छेड़ने लगे आप मुझको। फिर इतना बोल के मेरे करीब आई और अपने चूचियों को मेरे सीने से चिपका कर मेरे गाल पे किस कर दी। फिर बोली कि अब खुश हो ना आप। इतना बोल के वो मेरे ऊपर से चढ़ के बेड के किनारे पे जाने लगी उतरने के लिए।
हम दोनों ही नंगे थे तो चाची की चूत मेरे लंड से टच हो रही थी अच्छे से। मैने चाची को वैसे ही पोजीशन में अपने करीब खींच लिया और बोला कि मुझे भी चुम्मा लेने दो आपका। अब चाची मेरे ऊपर चढ़ी हुई थी। फिर मैं चाची को खुद से चिपका के उनके गाल पे किस कर दिया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
पहले तो मुझे लगा कि चाची गुस्सा हो जाएंगी, लेकिन चाची को भी मजा आ रहा था। उनके चूत और चूचियां मेरे को अपने बदन पे अच्छे से महसूस हो रहे थे। फिर चाची बोली कि एक ही गाल पे चुम्मा लेंगे क्या, फिर मैं इतना सुनते ही उनके दूसरे गाल पर भी किस कर दिया। फिर चाची बेड से उतर गई और अपने कमरे में चली गई। फिर अगले दिन चाची फिर उदास सी दिख रही थी मुझे, तो मैने उनसे पूछा कि क्या हुआ तो चाची बोली कि-
चाची: अगले हफ्ते आपके चाचा आ रहे है, लेकिन बस एक ही दिन के लिए आ रहे है।
मैं: तो इसमें बुरा मानने वाली क्या बात है, एक दिन में अच्छे से रोमांस करिएगा उनके साथ।
चाची: मेरे साथ अब वो सब नहीं करते आपके चाचा। उस दिन आपके फोन में गंदी वाली वीडियो देखी थी तब मैंने देखा था कि बहुत इस चीजें है जो मुझे नहीं आती, और मेरे लिए नई हैं।
मैं: कोई बात नहीं, रात में आना, फिर से देख के सिख लेना, जो नहीं समझ आएगा मेरे से पूछ लेना.
फिर रात को चाची मेरे बगल में आके लेट गई। उस टाइम वो पेटीकोट पहनी हुई थी और मैं नंगा था, तो मैने उनसे कहा कि आप भी उतार के लेट जाओ। इतना सुनते ही चाची तुरंत नंगी हो गई और मुझे कही कि मोबाइल में पोर्न लगाने को। फिर मैने एक से बढ़कर एक पोर्न लगाई उनके लिए.
वो सीधे लेती हुई थी और और मैं फोन उनके पेट पे रख के वीडियो दिखा रहा था। फोन के रोशनी में उनकी चूचियां हिलते हुए दिख रही थी, फिर जब चाची एकदम वीडियो देखने में व्यस्त हो गई तब मैने अपना हाथ उनके पेट पे रख कर उनकी नाभि में उंगली डाल के खेलने लगा।
फिर चाची मेरी तरफ करवट लेके चिपक गई मेरे से। उन्होंने फोन मेरे पेट पे रखा, अपना सर मेरे कंधे पे रखा, अपनी चूचियां मेरे सीने से चिपका कर अपना एक पैर मेरे पैर पे चढ़ा के वीडियो देखने लगी। उनकी गीली चूत मेरे पैर पर महसूस हो रही थी। उधर पोर्न देख देख कर चाची की बेचैनी बढ़ती जा रही थी।
फिर चाची करवट बदल कर अपना पीठ मेरे तरफ कर दिया, और बेड पे फोन रख के वीडियो देखने लगी। मैं भी हिम्मत करके उनके पीछे से चिपक गया, अपना गाल उनके गाल पे रखते हुए अपना लंड उनके दोनों जांघों के बीच में रख दिया।
और अपना हाथ उनकी पेट पे रख के हल्का हल्का मसलने लगा। मेरा लंड उनकी चूत के करीब था और चूत का पानी मेरे लंड पे बार बार लग जा रहा था। फिर थोड़ी देर बाद वीडियो खत्म हो गया और चाची सीधे लेट गई और मुझसे बातें करने लगी।
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चाची: क्या सच में मर्दों को ऐसा करना पसंद आता है?
मैं: हां चाची।
चाची: क्या आप मुझे बताएंगे कि मैं कैसे आपके चाचा के ये सब करु।
मैं: अरे चाची, आपके साथ वो सब बातें कैसे कर सकता हूं।
चाची: अरे बताओ न मेरे राजा, मुझे आपसे कैसी शर्म? सब कुछ देख चुके हो, दबा भी चुके हो, अब बात करने में क्या बुराई है। आप नहीं बताओगे तो कौन बताएगा मुझको।
मैं: ठीक है चाची, पर पहले आप बताओ कि अभी तक वो आपके साथ कैसे कैसे करते थे?
चाची: क्या करते थे? (मुस्कुराते हुए)
मैं: आपकी चुदाई, और क्या.
ये सुनके चाची शर्म से अपना मुंह छिपाते हुए बोली कि वो तो बस डालते थे निकालते थे, उससे ज्यादा कुछ नहीं होता था। तो मैने चाची से कहा कि-
मैं: जब अगली बार चाचा के साथ होगा तो उनको होंठो पे किस करना, किस करते वक्त अपना जीभ उनके मुंह में डाल डाल के किस करना। फिर उनका लंड हिलाना, मुंह में लेके चूसना, उनसे अपना चूत चटवाना, तब उनका लंड अंदर लेना।
चाची: देखिए ये सब मेरे से नहीं हो पाएगा और न ही वो करेंगे भी। पर कोशिश करूंगी।
फिर कुछ दिन बाद चाचा आए और चाची से मिलके चले भी गए। उसके अगले दिन मैने चाची से पूछा कि क्या क्या हुआ तो इसपर चाची बोली कि-
चाची: चाचा को मैं पसंद ही नहीं हूं। वो तो मुझको भाव भी नहीं देते बिल्कुल भी।
इतना बोल के चाची वहां से चली गई। फिर रात हुई, मैं बाथरूम करने उठा, चूंकि घर खाली ही रहता था तो मैं नंगा होके ही बाथरूम करने चला गया। मैं मूत ही रहा था तभी चाची पीछे से आके मुझसे चिपक गई। वो एकदम नंगी थी, और उनकी चूचियां मेरे पीठ पे महसूस हो रही थी, और वो अपना हाथ मेरे सीने पे ले जाके अच्छे से रगड़ रगड़ के मसलने लगी।
मेरा तो मूतते हुए ही लंड खड़ा हो गया, फिर चाची की तरफ पलटा तो चाची बोली कि आपकी याद आ रही थी तो आ गई। फिर हम दोनों कमरे में आए। फिर मैने देखा कि चाची की आँखें लाल हो गई थी, जिसका मतलब था कि चाची जरूर रोई होंगी, तो मैने उनसे पूछा कि क्या हुआ। हम दोनों बेड पे लेट गए, हम दोनों ही नंगे थे उस वक्त।
चाची: आपके चाचा के साथ ठीक से प्यार ही नहीं कर पाए।
मैं: लग रहा है कल रात अच्छे से मजा नहीं ले पाई आप। कोई बात नहीं, मैं हूं न आपके पास।
चाची: आपके चाचा का ज्यादा बड़ा नहीं है, और ज्यादा देर तक टिक भी नहीं पाते वो। क्या ही मजा ले पाऊंगी उनका।
फिर मैं उनका मूड ठीक करने के लिए फ्रिज से 4 आईस क्रीम निकाला, 2 मेरे लिए और 2 चाची के लिए। फिर हम दोनों एक दूसरे के सामने नंगे ही दोनों हाथों में कोन वाली आइस क्रीम पकड़ के खा रहे थे। चाची जब आइस क्रीम खा रही थी तो थोड़ा सा आइस क्रीम उनके गले के पास गिर गया, और पिघल कर उनके क्लीवेज की तरफ जा रहा था।
ये देख के चाची बोली कि बाबू, ये क्रीम हटा दीजिएगा। मैने बोला कि हाथ तो मेरा भी खाली नहीं है, जीभ से चाट लू तो चलेगा क्या? तो इसपर चाची मान गई, फिर चाची से मैने कहा कि आप एक काम करिए, आप किसी तरह से लेट जाओ ताकि मैं आपको अच्छी तरह से चाट सकू।
चाची भी मेरी डबल मीनिंग बातें समझ रही थी और मुस्कुरा रही थी। फिर वो लेट गई, फिर लेटते हुए थोड़ा और क्रीम उनके गले पर गिर गया। फिर मैं अपनी छाती उनकी चूचियों पर रखकर रख कर गले को चाटना शुरू कर दिया। चाची भी मजे से आह आह की सिसकारी निकाल रही थी।
फिर चाची बोली कि अपना आइस क्रीम खा लीजिए पहले या सिर्फ मुझे ही चाटते रहेंगे। इसपर मैने जवाब दिया कि आइस क्रीम से ज्यादा टेस्टी तो आप ही हो। फिर हम दोनों ने आइस क्रीम खत्म किया और एक दूसरे के बगल में लेट के बातें करने लगे।
चाची: (छेड़ते हुए) कैसा लग रहा है आपको अपनी ही चाची को चाट कर।
मैं: अब चाचा नहीं चाटेंगे आपका, तो मुझे ही चाटना पड़ेगा।
चाची: क्या चाटने की बात के रहे है आप?
मैं: आपको ही चाटने की बात कर रहा। क्यूं आपको चाट नहीं सकता क्या?
चाची: (हंसते हुए) मेरे में ऐसा क्या है जो कोई ऐसा करने की सोचेगा भी?
मैं: है तो बहुत कुछ, पर वो सब मै आपके सामने खुल के नहीं बोल सकता, आपको बुरा लगेगा।
चाची: बताइए भी, मुझे जानना है।
मैं मना कर रहा था, लेकिन चाची जिद्द पकड़ की थी।
चाची: अच्छा बताइए, बदले में आप जितनी देर चाहो उतनी देर तक चुम्मा ले लेना।
फिर मैं हिम्मत करके बोलना शुरू किया। क्योंकि मुझे खुद नहीं पता था कि जो मैं बोलने वाला हूं, वो चाची सुन के कैसा महसूस करेंगी।
मैं: सच कहूं तो चाची, आपका फिगर एकदम रंडियों की तरह है।
मेरे मुंह से अपने लिए रंडी शब्द सुनके चाची का मुंह, खुला का खुला रह गया।
चाची: मैं आपको रंडी लगती हूं? (थोड़ा गुस्से में)
मैं: मैने आपको रंडी नहीं बोला, मैं बस आपके फिगर की बात कर रहा की वो रांड जैसा है।
चाची: वो कैसे?
मैं: (उनके गांड पे हाथ फेरते हुए) आपकी गांड इतनी बड़ी और मोटी है, कोई भी आपकी गांड मारना चाहेगा।
चाची: (शर्माते हुए) और बताओ ना।
मैं: (उनके चूचियां दबाते हुए) आपकी ये मोटी मोटी चूचियां, काश इसके से दूध निकलता तो हर कोई पीना चाहता।
(फिर मैं उनके पेट पे हाथ फेरते हुए बोला) इस उम्र में भी इतना पतला और मुलायम सा कमर है आपका, ऊपर से आपकी गहरी नाभि, जिसमें जीभ डाल के भी चाटो तो भी कम पड़ जाएगा।
चाची: बड़ी रोमांटिक बातें करते है आप। और बताइए न क्या क्या पसंद है आपको।
मैं: (उनकी चूत पे हाथ रखते हुए बोला) आपकी ये मोटी सी फूली हुई चूत, जिसपे झांटे भी खूबसूरत लगती है।
(फिर मैंने अचानक से 2 उंगली उनकी चूत में डाल दिया) उंगली घुसते ही चाची जोर से बोली…. उई अम्मा… आह बाबू, आह निकालिए भी… फिर मैं उंगली निकालते हुए बोला कि देखा, आपकी शादी के 10 साल हो चुके है, फिर भी आपकी चूत एक दम जवान लड़की की तरह टाइट है। हर कोई आपकी चूत को पेलना चाहेगा। ये सब देख सुन कर चाची तो एकदम शर्म से अपना चेहरा ढक ली और बोली-
चाची: आप बहुत ही ज्यादा कमीने और हरामी हो।
मैं: मैने तो पहले ही कहा था कि आप नाराज हो जाओगी।
चाची: मैने कब कहा कि मैं नाराज हूं। काश आपके चाचा भी आपके तरह होते। उनका तो लंड भी आप जितना बड़ा नहीं है। आपकी जो गर्लफ्रेंड बनेगी उसके तो मजे ही मजे होंगे। वैसे आपका लंड का साइज क्या है?
मैं: आप देखी तो हो, खुद ही अंदाजा लगा के बताओ।
चाची: करीब से कहा देखी हूं जो बता पाऊंगी।
मैं: तो अभी देख लो ना।
चाची इतना सुनते ही मेरा लंड अच्छे से पकड़ ली।
मैं: बात सिर्फ देखने की हुई थी, पकड़ने की नहीं।
चाची: अच्छा जी, आप अपनी ही सगी चाची को रांड बोल लिए, चूत में उंगली भी कर लिए, और मैं अपने ही भतीजे का लंड पकड़ रही तो भाव खा रहे हो।
मैं: अब पकड़ ही ली हो तो बताओ मेरा साइज।
चाची मेरे लंड को अच्छे से पकड़ के खेल रही थी, फिर बोली कि-
चाची: मुझे अंदाजा नहीं मिल रहा, पर चाचा से काफी ज्यादा बड़ा और मोटा है आपका, और गर्म भी है।
मैं: मेरा साइज 7 इंच का है, और मोटापा 3 इंच का।
चाची: बाप रे, आपकी गर्लफ्रेंड को भगवान ही बचाए।
फिर मैने चाची से बोला कि आप कही थी जबतक मन करे तब तक चुम्मा ले सकता हूं आप का।
चाची: हा तो ले लीजिए अपनी चाची का चुम्मा।
मैं: चाची आपसे एक बात बोलूं, क्या मैं आपके होंठों पर चुम्मा ले सकता हूं।
चाची तो पहले मना करने लगी, फिर बहुत मनाने पे बोली कि-
चाची: ठीक है, पर बस आज के ही लिए। आज के बाद कभी नहीं होगा ये।
मैं भी ठीक बोलते हुए उनके करीब गया और बोला कि-
चाची: आप खड़ी हो जाओ, ये मेरा पहला किस है और मैं चाहता हूं कि अच्छे से हो।
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फिर चाची खड़ी हो गई, और मैं भी उनके सामने खड़ा हो गया। चाची के पीछे शीशा लगा हुआ था जिसमें चाची का पीठ और गांड अच्छे से दिख रहा था। फिर मैं चाची को गले लगा लिया। मेरा हाथ उनके पीठ पे था, मेरा लंड उनके चूत पे रगड़ खा रहा था, उनकी चूचियां मेरे सीने में चुभ रही थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं चाची के होंठो के करीब गया और उनको किस कर दिया। हम दोनों इतना करीब थे कि मुझे चाची के दिल की धड़कन अपने सीने में महसूस हो रही थी, जो बढ़ती ही जा रही थी। मैं उनके रसीले होंठों को चूसे जा रहा था। फिर थोड़ी देर बाद मैं अपना जीभ उनके मुंह में डाल के उनके गर्म गर्म जीभ को चूस रहा था।
किस करते टाइम हम दोनों ही एक दूसरे के गांड पे हाथ रख कर एक दूसरे को मसल रहे थे। चाची की चूत से पानी निकल के मेरे लंड को गीला कर रहा था। हमारा किस करीब आधे घंटे तक चला, जिसमें हम दोनों की हालत खराब हो चुकी थी।
फिर किस खत्म हुआ तो चाची अपने कमरे में जाके सो गई। अगले दिन मुझे कही जाना था तो जाने से पहले सोचा नहा के जाऊ, पर बाथरूम में चाची कपड़े धो रही थी। तो मैने चाची से कहा कि आप बाद में धो लीजिएगा, अभी मुझे नहा लेने दीजिए।
चाची: हा तो नहा लीजिए, वैसे भी मैं आपका वो सब तो देख ही चुकी हूं।
मैं: चाची वो बात नहीं है, बात ये है कि मेरे को नहाते टाइम मुट्ठ मारने की भी आदत है।
चाची: तो क्या हुआ, अपनी चाची के सामने मुट्ठ मारने में कैसी शर्म, यही मेरे सामने ही आराम से हिला के नहा लीजिए, वैसे भी मैं तो कपड़े धोने में बिजी हूं।
फिर मैं भी बाथरूम में नंगा होके घुस गया और पूरे बदन पर साबुन लगा के नहाने लगा। उस वक्त चाची सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में थी जिसने उनका कमर और क्लीवेज अच्छे से दिख रहा था। फिर मैं भी चाची को देखते हुए उनके सामने ही अपना मोटा सा लंड हिलाने लगा। मेरा लंड देख के चाची अपने होंठ काटने लगी थी और चोरी चुपके से लंड को घूरे जा रही थी।
उनके दूध और गहरी नाभि देख के मेरा लंड और ज्यादा खड़ा हो रहा था। फिर मैने चाची को दिखाते हुए अपना लंड का चमड़ी पीछे खींच कर अपने लंड के गुलाबी टोपे को दिखाते हुए हिलाने लगा। फिर मेरा ढेर सारा वीर्य निकला उनके आंखों के सामने ही। चाची भी मुंह फाड़ के ये सब देख रही थी और मुस्कुरा रही थी। फिर मैं नहा के चला गया, उसके बाद सीधे रात में चाची से मुलाकात हुई। हम दोनों आपस में इधर उधर की बातें कर रहे थे, फिर चाची ने मुझसे पूछा कि-
चाची: आप रोज नहाते टाइम मुठ मारते हैं क्या?
मैं: हां चाची, आप भी तो करती होंगी।
चाची: क्या करती होंगी?
मैं: अपनी चूत में उंगली (हंसते हुए)
चाची: रोज नहीं करती, पर कभी कभार कर लेती हूं।
मैं: आखिरी बार कब किया था?
चाची: इधर कुछ दिनों से अक्सर कर रही हूं।
मैं समझ गया कि मालिश करवाने के बाद चाची गर्म होके अपनी चूत में उंगली करती थी। फिर चाची ने पूछा कि-
चाची: अच्छा ये बताओ, एक दिन में सबसे ज्यादा कितनी बार मूठ मारे हो आप?
मैं: 12 बार मार चुका हूं।
चाची: वाह, आपकी तो हिला हिला के ही हालत खराब हो गई होगी।
मैं: आप कितनी बार की हो एक ही दिन में?
चाची : शादी के पहले बहुत करती थी। तकरीबन दिन में 8-9 बार।
फिर चाची ने पूछा कि-
चाची: ये बताओ, कभी मुझे देख के हिलाए हो क्या आप?
मैं: जब आपके सामने नहा रहा था तब हिलाया तो था, आपको देखकर (मैंने हंसते हुए बोला)
चाची: मेरा क्या देख कर हिला रहे थे आप?
मैं: बुरा मत मानना पर सच कहूं तो आपकी कमर और गहरी नाभि देख रहा था। आपकी नाभि देख कर मन करता है कि-
(इतना बोल के मै रुक गया)
चाची: क्या मन करता है बताओ मुझे भी?
मैं: यही की आपकी नाभि में जीभ डाल कर चाट लूं।
चाची: आप सच में बहुत कमीने हो, अपनी ही चाची को चाटने के चक्कर में हो।
फिर यही सब बातें करके हम दोनों चिपक के सो गए। अगले दिन चाची बाथरूम में नहा रही थी और नहाते वक्त अपनी चूत में उंगली करते हुए जोर जोर से आह….उग्ह……आह की आवाज़ें निकाल रही थी। चूंकि घर में हम दोनों के अलावा कोई और नहीं होता था तो किसी के आने का डर भी नहीं रहता था। फिर मैने सोचा कि क्यों न सामने से चाची को नंगी देखा जाए। तो मैं बहाने से अपने कपड़े उतार के बाथरूम में घुस गया। मुझे अचानक से देख के चाची चौंक गई और बोली-
चाची: आप अंदर क्यों आ गए, मैं नहा रही हूं।
मैं: आप चिल्ला रही थी तो मुझे लगा कि आपको चोट लग गई है, पर यहां तो आप अकेले ही मजे कर रही हो।
चाची: मैं ठीक हूं, अब आप जा सकते हो।
मैं: में भी आपके साथ ही नहा लेता हूं।
चाची: (अपने चूत पर हाथ रखे हुए बोली) अभी आप जाओ, मैं कुछ करने के बिजी हूं।
मैं: वही तो देखने के लिए रुका हुआ हूं।
चाची: बड़े जिद्दी हो आप, कोई अपनी चाची को चूत के उंगली करते हुए देखता है भला।
मैं: आप भी तो अपने भतीजे को मुठ मारते हुए देख रही थी, उसका क्या।
चाची: अच्छा ठीक है, देख लीजिए, पर ये बात आप किसी को बताइएगा मत।
मैं भी चाची को चूत में उंगली करता हुआ देख उनके एकदम करीब आ गया, हम दोनों शॉवर के नीचे भीगने लगे। पानी की बूंद में भीगा हुआ चाची का नंगा बदन बाथरूम की लाइट में चमक रहा था। पानी उनके सर से उनकी निपल्स को भीगते हुए उनकी नाभि से होते हुई उनकी चूत तक जा रहा था।
उंगली करने की वजह से चाची हिल रही थी, और उनकी चूचियां भी ऊपर नीचे हो रही थी। ये सब मैं इतनी करीब से देख रहा था कि मेरा लौड़ा उफान मारने लगा था। चाची भी उंगली करते हुए अपने एक हाथ से मेरी छाती सहला रही थी और मेरे लंड को देखे जा रही थी।
मैने भी उनके देखते हुए हिलाना चालू कर दिया था। थोड़ी देर बाद हम दोनों एक ही साथ झड़ गए, और मेरा सारा वीर्य चाची की पेट और चूंचियों पे लग गया। अपनी चाची को चूत में उंगली और नहाते देख मेरा बहुत ही ज्यादा वीर्य निकला था उस वक्त। फिर चाची अपने शरीर से मेरा वीर्य हटाते हुए बोली-
चाची: आप तो मुझको नहला ही दिए अपने ही पानी से (हंसते हुए)
मैं: क्या करूं चाची, पहली बार इतनी करीब से किसी को अपनी चूत के उंगली करते देखा है, और वो आप हो यही सब सोच के और ज्यादा ही निकल गया मेरा आज।
चाची: सच कहूं तो मेरा भी आज बहुत ज्यादा निकला है।
मैं: आप क्या सोच के उंगली रही थी?
चाची: अब मेरा प्यारा सा भतीजा, मेरे ही सामने अपना लंड हिलाएगा तो उसकी चाची की चूत गीली तो होगी ही।
मैं: ऐसा क्या खास लगा मेरा लंड देख के?
चाची: पागल, अपनी चाची से ऐसा सवाल करोगे आप?
मैं: बताओ न चाची।
चाची: अरे,आपका लंड बहुत बड़ा और मोटा है, ऊपर से उसकी फूली हुईं नसें, गुलाबी टोपा, उपर से आप नंगे नहाते हुए सामने ही, ये सब देख की मेरी क्या, किसी भी चूत गीली हो जायेगी।
फिर हम दोनों नहा के अपने अपने कामों में बिजी हो गए। रात को मै अपने फोन में अश्लील वीडियो देख रहा था, तभी चाची भी बगल में लेट के देखने लगी। मैं एक हिन्दी एडल्ट वेब सीरीज देख रहा था, जो चाची भतीजे के रोमांस और सेक्स पे बनी थी। और चाची भी ये सब देख के गर्म हो रही थी। फिर चाची और मैं बात करने लगे। चाची मेरे से पूछी कि-
चाची: अच्छा ये बताइए, लड़कों को सेक्स में सबसे ज्यादा क्या करना अच्छा लगता है।
मैं: गालियां दे दे के चुदाई करना, लंड चुसवाना, लंड का पानी पिलाना, यही सब, पर ज्यादातर लड़कियों को ये सब करना पसंद नहीं होता है।
चाची: आपको भी ये सब अच्छा लगता है करना?
मैं: मैने किसी के साथ किया नहीं है, पर जिसके साथ होगा उसके साथ ये सब जरूर करवाना चाहूंगा।
चाची: और क्या क्या करवाने का मन है आपका?
मैं: मैं चाहता हूँ कि कोई लड़की मेरे सीने को, मेरे निपल्स को, मेरी नाभि को चाटे, मेरे लंड को चूसते हुए मेरे वीर्य को पीए।
चाची: और लड़कियों के साथ क्या क्या करना पसंद है?
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मैं: मुझे उनकी चूचियां निचोड़ कर उनका दूध निकाल के पीने का मन करता है। उनकी नाभि में चॉकलेट डाल के खाने का मन करता है। उनकी चूत में उंगली डाल के उनकी चूत की मलाई खाने का मन करता है। उनको गालियां देते हुए उनकी चूत और गांड मारने का मन करता है।
ये बस बातें करते वक्त चाची मेरे सिने पे अपना सर रख के कर रही थी, और उनका बदन मेरे से चिपका हुआ था, मेरी बातों से उनकी चूत गीली हो चुकी थी, जो मुझे अपने पैरो पे महसूस हो रही थी।
चाची: लड़कियों में सबसे ज्यादा क्या पसंद करते है आप?
मैं: मुझे मोटी चूत वाली लड़कियां बहुत पसंद है, जिनकी चूत पाव रोटी जैसी फूली हुई हो। और ऐसी लड़कियों का चूत अगर गोरा होता है तो उनपे घने घने घुंघराले झांटे भी खूबसूरत लगती है। बिल्कुल आपकी जैसी।
चाची: आप कब देख लिए मेरी चूत इतने ध्यान से?
मैं: जब पहली बार आपको सामने से नंगी देखा था, तब आपकी घने झांटों में आपकी उभरी हुई चूत देख के मजा आ गया था।
चाची: अपनी ही चाची की चूत देख के लार टपका रहे हो। कही खुद की ही सगी चाची की चूत मारने का इरादा नहीं है न आपका? (हंसते हुए बोली)
मैं: जिस हिसाब से आपकी चूत टाइट है, आप मेरा लंड झेल ही नहीं पाओगे।
चाची: वाह, एक ही बार में उंगली डाल के मेरी चूत कितनी टाइट है ये पता लगा लिया। आप तो बहुत बड़े खिलाड़ी लगते हो इन सब मामलों में। आपके थोड़ा दूर रहना पड़ेगा अब।
मैं: ऐसा मत बोलिए, आपसे दूर मैं नहीं रह पाऊंगा। आपके बिना मुझे चुम्मा कौन देगा।
चाची: मैं भी आपसे दूर नहीं रह पाऊंगी, पर फिर भी आपसे बच के रहना पड़ेगा। अभी चुम्मा लोगे, फिर चुम्मा लेने के बहाने एक दिन मेरी चूत और गांड भी ले लोगे।
ये सुनके हम दोनों हंसने लगे, फिर कुछ देर बाद सो गए। रात के करीब 2 बजे मेरी नींद खुली, चाची पीठ के बल लेती हुई थी, और एकदम माल लग रही थी। मैने सोचा कि क्यों न चाची के साथ चुम्मा चाटी करूं। कुछ कहेंगी तो नींद में होने का बहाना बना दूंगा। वैसे मुझे पता था कि चाची कुछ करेंगी नहीं।
फिर मैं चाची के होंठ पीने लगा, बिल्कुल जैसे छोटे बच्चे दूध पीते है। फिर मैं चाची के निपल्स पीने लगा। मेरी चाची इतनी टेस्टी होंगी ये मैने सोचा नहीं थी। फिर मैं सोचा कि इससे पहले चाची उठ जाए, एक बार उनकी चूत भी टेस्ट करके देख लिया जाय। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
चाची पहले से ही पैर फैला के लेटी हुई थी, जिस वजह से उनके चूत तक पहुंचना मेरे लिए आसान हो गया था। फिर मैं उनकी चूत के पास अपना मुंह ले गया, पहले अपनी जीभ से ऊपर से चाट के देखा। फिर जीभ नुकीला बना के उनकी चूत में डाल के चाटने लगा।
वैसे तब तक चाची उठ चुकी थी पर वो सोने का नाटक कर रही थी। अब किसी की चूत चाटी जाए तो नींद तो खुलेगा ही। पर मुझे उनकी चूत इतनी स्वादिष्ट लग रही थी कि मैं उनको खाने में बिजी हो गया था। उनकी अंदर से गुलाबी चूत के हर कोने पे मेरी जीभ जा रही थी।
फिर वो हुआ जिसका मैने सालों से इंतजार किया था। करीब 20 मिनट तक चाटने के बाद चाची आखिरकार झड़ ही गई। उनकी चूत गरम गरम लावा उगलने लगी। उनकी चूत का गाढ़ा सा, सफेद सा, गरम गर्म नमकीन मलाई निकालना शुरू हुआ। चाची का पहली बार कोई चूत चाट रहा था शायद इस वजह से उनकी चूत से हद्द से ज्यादा वीर्य निकल रहा था।
करीब 5 मिनट तक उनकी मलाई निकलती रही और मैं पीता गया, इतनी ढेर सारी मलाई निकली कि मेरा पेट ही भर गया पीके। उतनी देर तक चाची अपनी आवाज दबाए बिना हिले बेड ले पड़ी रही। इतना ज्यादा चूत झड़ने के बाद चाची एकदम गहरी नींद में चली गई और अगले दिन दोपहर में उठी। फिर अगले दिन जब उठी तब मैने चाची से पूछा कि-
मैं: क्या हुआ चाची, आज बड़ा लेट उठी, और बहुत खुश भी लग रही हो।
चाची: हां, मैंने एक सपना देखा था उसी वजह से।
मैं: क्या देखा था सपने में?
चाची: वो आपको बताने लायक नहीं है, गंदा वाला सपना था।
मैं: (जिद्द करते हुए) बताइए ना, मुझे भी जानना है कि मेरे अलावा कौन मेरी चाची को खुश कर रहा है।
चाची: ठीक है, बताऊंगी, पर किसी को बताइएगा मत।
मैं: आप मेरे पे आंख बंद करके भरोसा किया करो।
चाची: जब पहली बार किया था तो मुझे रंडी बोल दिए थे ना आप। (हंसते हुए)
मैं: (झेंपते हुए) मैंने आपको नहीं, आपके फिगर को बोला था।
चाची: फिगर भी तो मेरा ही है न, तो उस हिसाब से मैं भी तो आपकी रांड हुई न।
मैं चाची की बातें समझ रहा था कि चाची कहीं न कहीं सच में मेरी रंडी बनना चाहती है, पर सामने से मौका नहीं देना चाहती।
मैं: पहले आप सपना बताओ अपना।
चाची: मैंने सपने में देखा कि कोई मेरे होंठ पी रहा है।
मैं: मेरे से ज्यादा अच्छे से चूस रहा था क्या आपका?
चाची: (मेरे गाल पे चूमते हुए) नहीं मेरे राजा, आप वाला तो बेस्ट था।
चाची: फिर वो लड़का मेरे दूध पीने लगा, उसके बाद उसने वो किया।
मैं: चाची, खुल के बताओ न क्या किया। (इस वक्त मुझे याद आया था कि मैने तो चाची की नाभि चाटना ही भूल गया)
चाची: अरे खुद से ही समझ जाओ, वही किया जो आपको करना पसंद है।
मैं: घुमाओ मत, सीधे सीधे बताओ ना.
चाची: अरे, वो लड़का नीचे गया और फिर मेरे पैर फैला के मेरी चूत चाटने लगा। चूत में अपना गर्म जीभ डाल के अंदर से चाटने लगा, फिर में झड़ गई और मेरे वीर्य पीने लगा।
मैं: वाह चाची, कितना खुशकिस्मत था वो, वैसे कौन था वो खुशनसीब जिसको आपकी टेस्टी चूत चाटने का मौका मिला?
चाची: मैने उसकी शक्ल तो नहीं देखी, पर सपना देख के मेरा बिना उंगली किए ही बहुत वीर्य निकला। इतना ज्यादा आज से पहले कभी नहीं निकला था मेरा। उसकी वजह से मैं थक गई थी, जिसकी वजह से देर से नींद खुली मेरी। सपना इतना असली था कि लग रहा था जैसे सच में कोई मेरी चाट रहा हो।
मैं: आपके ही मजे है चाची। काश कोई मेरा भी लंड चूस लेता सपने में तो मजा ही आ जाता।
चाची: अपनी चाची की खुशी देख के जलन हो रही है न आपको, ऐसे तो कोई नहीं चूस पाएगा आपका लंड, मैं किसी को आपके पास आने ही नहीं दूंगी।
मैं: (ताना मारते हुए) मेरे पीठ पीछे मेरी ही चाची किसी से अपनी मोटी सी स्वादिष्ट सी चूत चटवा रही हैं, और मैं अपना लंड चुसवा भी नहीं सकता, ये क्या बात हुई।
चाची: आपको क्यों लगता है कि मेरी चूत स्वादिष्ट होगी? कही सपने में आप ही नहीं न अपनी चाची की चूत की मलाई चाट रहे थे?
मैं: (चाची की चूत में एक उंगली डालते हुए बोला) आपकी चूत देख के कोई भी बता देगा कि कितनी टेस्टी चूत है आपकी।
चाची: (अपनी चूत से मेरी उंगली निकालते हुए बोली) फिर उंगली डाल दिए आप। आपसे बच के रहना पड़ेगा, नहीं तो आपका बस चले तो गांड में भी उंगली कर दोगे आप।
मैं: (वही उंगली अपने मुंह में डाल के टेस्ट करते हुए बोला) कहा था चाची, आप बहुत टेस्टी हो।
चाची: (प्यार से मुझको थप्पड़ मारते हुए बोली) कमीने, आप का लंड किसी को चूसने नहीं दूंगी तो चूत में उंगली डाल दोगे मेरी?
(मेरा लंड पकड़ते हुए बोली) देखिएगा कही रात में कोई आपका मलाई न पी जाए।
मैं: अरे मैं तो पिलाना ही चाह रहा, पर आपके चलते कोई चूसने ही नहीं वाला।
चाची: ठीक है तब, आज नहीं किसी को रोकूंगी अपने माल भतीजे का लंड चूसने से, चुसवा लीजिए गए सपने में किसी रांड से।
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ये बोल के चाची जोर से हसने लगी। मैं भी समझ गया था कि चाची अपनी ही बात कर रही। उस दिन मैं नहाते वक्त भी नहीं हिलाया था, ताकि रात में जब चाची अगर मेरा लंड चूसे तो ज्यादा वीर्य निकले मेरा। फिर रात हुई और मैं सोच रहा था कि चाची जल्द से जल्द मेरा लंड चूसना शुरू करें।
पर चाची सो चुकी थी और मैं उनका इंतजार करते करते कब मुझे नींद लग गई पता ही नहीं चला। फिर कुछ घंटे बाद मुझे लगा मेरे होंठ कोई चूस रहा है, मै समझ गया कि ये मेरी चाची ही हैं। चाची अपनी जीभ से मेरे होंठों को चाटे जा रही थी। वो मेरे मुंह में अपना जीभ डालने की कोशिश के रही थी पर मुझे सोने का नाटक करना था इसलिए मैंने मुझ नहीं खोला।
फिर मेरे होंठ पीने के बाद चाची मेरे सीने पे हर जगह चूमने लगी। मेरी छाती मसल मसल के चूमने के बाद वो मेरे निपल्स चूसने लगी। मेरे को इतना मजा आ रहा था कि पूछो मत, उस दिन मेरे को समझ में आया कि लड़कियों को कैसा महसूस होता हुआ अपने निपल्स चुसवा कर।
फिर चाची मेरी नाभि चाटने लगी, मुझे जो मजा आ रहा था उस बीच यही सोच रहा था कि कल रात मुझे ही चाची की नाभि चाट लेनी चाहिए थी, और चूत के चक्कर में भूल गया था। उसके बाद चाची ने मेरा लंड पकड़ के उसकी चमड़ी नीचे की, और मेरे सुपाड़े को चूसना शुरू किया।
चूसते चूसते वो मेरा लंड भी हिला रही थी। वैसे तो उनका पहली बार था, पर मेरे साथ पोर्न देख देख कर अच्छे से सिख गई थी। करीब 10 मिनट बाद मेरा वीर्य निकल गया और चाची ने सारा पी लिया। फिर अगले दिन जब मैं उठा तो चाची की बताया कि मैने एक सपना देखा था, तो चाची भी बोली कि वो भी एक सपना देखी थी।
मैं: मैने सपना देखा कि जो जो आपके साथ हुआ था, वैसे ही मेरे साथ भी हुआ।
चाची: लग रहा है सपने में किसी को अपना लंड चुसवा बैठे आप। वैसे कौन थी वो खुशकिस्मत?
मैं: एक मस्त रांड थी, पहले मेरे होंठ पी, फिर मेरा बदन चाट के मेरा लौड़ा भी चूसी।
चाची: वो रांड मेरे से ज्यादा सुंदर थी क्या?
मैं: नहीं चाची, आपसे ज्यादा माल कोई नहीं है, आप ही सबसे बड़ी आइटम हो मेरे लिए।
फिर मैने चाची से पूछा कि वो क्या सपना देखी थी।
चाची: वो मैं आपको नहीं बता सकती, मुझे शर्म आ रही।
मैं: सपने में अपनी चूत चटवा रही थी तब शर्म नहीं आई आपको?
चाची: कुत्ते, मुझे पता था आप जलते हो कि आप नहीं चाट पाए। वैसे मैं सपना देखी कि कोई मुझे अपना लौड़ा चुसवा रहा था।
मैं: फिर क्या हुआ?
चाची: काफी देर तक अपना चुसवाने के बाद मेरे मुंह में ही जबरदस्ती अपना वीर्य निकाल दिया और मुझे पीना पड़ा।
मैं: कैसा था उसका टेस्ट?
चाची: सच कहूं तो उसका मलाई बहुत टेस्टी था। लग रहा था जैसे कई दिन से हिलाया न हो, बहुत माल निकला था उसका। एकदम नमकीन सा पानी था उसका, पी के मजा ही आ गया था।
मैं: आपके ही मजे है चाची, आपको जबरदस्ती चुसवाया भी, फिर भी आपको उसका लंड टेस्टी लगा।
चाची: (मेरे करीब आते हुए बोली) अरे मेरी प्यारी सी जान, उसका लंड आपसे ज्यादा टेस्टी नहीं होगा।
मैं: आपको कैसे पता की मेरा ज्यादा टेस्टी है, कही सपने में जो रंडी मेरा लंड चूस रही थी कि कही वो आप ही नहीं थी न?
चाची: (हंसते हुए) आप तो मुझे अपनी रांड बना के ही छोड़ोगे। जिस दिन आप मुझे होंठों पे किस के रहे थे, तब आपका होंठ बहुत टेस्टी लग रहा था। अब जिसका होंठ टेस्टी हो, उसका लंड भी टेस्टी होगा न।
मैं: इतना ही टेस्टी लगा था मेरा होंठ तो फिर दुबारा किस क्यों नहीं करने दी थी मुझे?
चाची: मैंने पहले ही कहा था कि बस उस दिन ही करने दूंगी। पर कोई न, आज किस ले लेना अच्छे से अपनी माल चाची को।
मैं: वैसे चाची, आपसे एक बात कहूं, आप मना मत करना।
चाची: हा बोलिए, क्या चाहिए?
मैं: चाची, आप किस करने को मान गई हो, एक बार अपनी नाभि भी चाट लेने दो न, प्लीज।
चाची: अच्छा बाबा, ठीक है चाट लेना।
मैं: मुझे अभी चाटना है।
चाची भी मेरे जिद्द के सामने हार गई और बोली कि कैसे चाटना है आपको, बताओ मुझे। फिर मैं उनसे कहा कि वो बेड पे बैठ जाएं। खैर हम दोनों हर टाइम नंगे ही रहते थे और उस टाइम भी नंगे ही थे। फिर चाची के बैठने के बाद मैं उनकी जांघों पे सर रख के लेट गया। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
फिर उनके पेट की तरफ अपना सर घुमा के उनकी नाभि में अपनी जीभ डाल के चाटने लगा। वो भी मेरे पेट और सीने पर अपना हाथ फेरती ही मेरे खड़े लंड को देख रही थी। अपना नाभि चटवा कर उनकी चूत गीली हो रही थी, जिसकी मादक खुशबू मेरे को आ रही थी। चूत की खुशबू से मेरी भूख और बढ़ती जा रही थी, और मैं और जोर जोर से उनकी गहरी नाभि में अपना जीभ अंदर तक फेर रहा था।
चाची के मुझ से सिसकारी निकल रहीं थी…. और जोर से बाबू……आह, आह, आह……और चाटो, और अच्छे से चाटो अपनी चाची को…..उई मां….. ओह…. ऊंह ऊंह…..आह आह। नाभि चाटने से न मेरा मन भर रहा था यार ना ही चाची का। मैने काफी देर तक उनकी नाभि चाटी। उतने देर में चाची झड़ गई और पसीना पसीना हो गई। फिर हम दोनों अलग हुए, और चाची बोली-
चाची: वाह, आपने तो मुझे पूरा पसीने से भीगा दिया। ऐसे कौन चाटता है भला।
मैं: क्यों, मेरा चाटना आपको अच्छा नहीं लगा क्या?
चाची: इतने मन से मुझे चाटेंगे आप, तो अच्छा क्यों नहीं लगेगा।
ये बोल के चाची मुस्कुराने लगी। फिर मैं बेसब्री से रात होने का इंतजार करने लगा। उस दिन मैं सोच लिया था कि आज चाची की चुदाई करनी ही है हर हाल में। मेरा पहली बार था तो इसलिए थोड़ा नर्वस था, पर मै अपनी चाची को अच्छे से सेटिस्फाई करना चाहता था।
फिर रात हुई, और मैं नहा के अपने कमरे में लेता हुआ था। मैने पहले ही अपने झांट वगैरह अब साफ कर लिए थे। तभी चाची भी नहा के आई। और नंगे ही शीशे के सामने खड़े होके अपने होंठो पे लिपस्टिक लगा रही थी। मैं भी उस टाइम नंगा ही थी, और मैं उनके पीछे जाके उनसे चिपक के खड़ा हो गया। मेरा लंड उनकी गांड की दरार में फंसा हुआ था और मेरा हाथ उनके पेट पे था। फिर मैने उनके गाल पे चुम्मा लेते हुए बोला कि-
मैं: क्या हुआ चाची, इतनी लिपस्टिक लगाने का क्या फायदा, अभी सब मिट ही जाएगा।
चाची: अरे मेरे राजा, ये स्ट्रॉबेरी फ्लेवर वाला लिपस्टिक है। मेरा भतीजा इतना प्यारा और ख्याल रखने वाला है, उसके लिए थोड़ा बहुत रंडियों वाली हरकत तो कर ही सकती हूं।
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फिर चाची मेरे गाल पे चुम्मा ले की, जिसकी वजह से मेरे गाल पे होंठ के निसान बन गए थे। फिर चाची बोली कि उनके पास एक आइडिया है। फिर इतना बोल के वो मेरे दोनों गालों पे अपने लिपस्टिक से अपने होठों के निशान बनाने लगी।
फिर गाल के बाद मेरे गले, मेरे सीने, और मेरे पेट पे भी चूम चूम कर पूरा लिपस्टिक का निशान बना कर बोली कि अब ज्यादा सेक्सी लग रहे हैं आप। चलिए साथ में फोटो लिया जाए। फिर हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर तस्वीरें लेने लगे। फिर मैने चाची को अपने से गले लगा लिया, उनकी आंखों में देखने लगा। तभी चाची बोली-
चाची: क्या हुआ, अचानक से इतना शांत क्यों हो गए?
मैं: चाची, मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं.
चाची: हा बोलिए न.
मैं: आई लव यू, चाची। आप मेरी गर्लफ्रेंड बन जाओ।
चाची: आई लव यू टू बाबू। पर आप पहले ये बताओ कि मुझे अपनी गर्लफ्रेंड ही बनाना था तो अपनी रंडी क्यों बनाए?
मैं: मैने कब आपको रंडी बनाया, आप तो उस बात को लेके पीछे ही पड़ गई हो। मैं तो आपको अपनी बीवी बनाने के चक्कर में था।
चाची: अच्छा जी, क्यों, रंडी बीवी नहीं चलेगी क्या आपको? (हंसते हुए)
मैं: आप रहोगे तो जरूर चल जाएगा। लेकिन आपको क्या बनके रहना है?
चाची: मैं आपकी माल, आइटम, गर्लफ्रेंड, बीवी सब बनना चाहती हूं।
मैं: (मजा लेते हुए बोला) अच्छा, मेरी रंडी भी बनोगी आप?
चाची: इतने प्यार से पूछोगे तो आपकी रांड बनने में भी कोई दिक्कत नहीं है, पर आपकी चाची बनके आपके साथ रोमांस करने में ज्यादा मजा है।
फिर मैं चाची को किस करने लगा। हम दोनों नंगे ही एक दूसरे से चिपके हुए थे, मेरा लंड चाची की चूत से सटा हुआ था और मेरा हाथ चाची की गांड पे था। हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे, उनके लिपस्टिक का टेस्ट उनके लिप्स को और ज्यादा टेस्टी बना रहा था।
फिर हम दोनों एक दूसरे के मुंह में अपना जीभ डाल कर किस कर रहे थे, और मैं किस करते हुए चाची की गांड खूब जोर जोर से मसल रहा था। तभी मैने एक उंगली उनके गांड में डाल दी। उंगली डालते ही चाची दर्द की वजह से थोड़ा सा रुक गई और किस रोक के मेरे तरफ देखने लगी।
मैने उंगली उनकी गांड में डाले रखा और उनसे पूछा कि क्या हुआ, इसपर चाची कातिलाना स्माइल देते हुए बोली कि कुछ नहीं, और फिर से मुझे किस करने लगी। मेरा लंड खड़ा होके उनकी चूत से रगड़ खा रहा था, और मैं उनकी गांड में उंगली अंदर बाहर करते हुए उनको किस किए जा रहा था।
फिर किस करते करते हम दोनों बेड पे लेट गए। अब चाची किस करते हुए मेरे सीने और मेरे पेट पे अपना हाथ फेर रही थी। तभी उनका हाथ मेरे लंड के पास जाके लगा। उन्होंने महसूस किया कि मैंने एकदम झांट साफ कर रखा है, ये देखकर चाची बोली-
चाची: आज अपने लंड को बड़ा चिकना बना कर रखे है, क्या इरादा है आपका, कही अपनी चाची से अपना लंड तो नहीं चुसवाना चाह रहे न?
मैं: सच बोलूं तो चाची, सपने में जो रांड मेरा लंड चूस रही थी, वो आप ही थी।
चाची: मैं सच कहूं तो मैं अपने सपने में जिसका चूस रही थी वो आप ही थे।
फिर इतना बोल के चाची मुझे पूरे बदन पे किस करने लगी, फिर मेरे लंड को पकड़ के मेरे आंखों में आंखे डाल के मुझे देखते हुए मेरा लंड हिलाने लगी। मेरी आंखों में देख कर मुस्कुराते हुए मेरे लंड की चमड़ी नीचे करके बोली-
चाची: अपनी चाची से मूठ मरवा कर कैसा लग रहा है आपको?
मैं: मैने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरी चाची इतनी बड़ी रांड निकलेगी। अब सच में बहुत बड़ी चुदक्कड़ माल हो चाची।
चाची: अब जिसका भतीजा चाची चोद बनके, अपने साथ 7 इंच का मूसल सांप लेके घूमेगा, तो उसकी चाची का चुदक्कड़ तो बनेगी ही।
फिर इतना बोल के चाची मेरे लंड को चूसने लगी। करीब 15 मिनट बाद मेरा लंड का पानी निकल गया और चाची सारा पी गई। मैने चाची से पूछा-
मैं: कैसा लगा अपने भतीजे की मलाई पी के?
चाची: बहुत ही गाढ़ा, नमकीन और स्वादिष्ट।
मैं: अब मैं आपका पियूंगा।
फिर मैं चाची की चुचियों पे टूट पड़ा। कभी एक हाथ से दबाते हुए दूसरे को चूसता था, तो कभी दूसरा दबाते हुए पहले को चूसता। इतना जोर जोर से मसल रहा था कि चाची की आहें जोर जोर से उठे घर में गूंज रही थी। आह जान… और दबाओ… जोर से दबाओ… पी जाओ सारा दूध अपनी रंडी चाची का…. आह बेबी… आह, आह. फिर मैं उनकी नाभि चाट कर उनकी चूत पर गया। फिर मैं भी उनसे नजरें मिलाते हुए बोला कि-
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मैं: चाची, आपकी चूत आज से मेरी है।
चाची: मेरा अब हर कुछ आपका ही है, बस मेरी प्यास बुझा दो।
फिर मैं चाची की देखते हुए उनके चूत में 1 उंगली डाल दी। उनकी चूत इतनी टाइट थी कि एक उंगली में भी उनको दर्द हो रहा था। उनकी सिसकारियां बढ़ती जा रही थी, दर्द के मारे वो बेडशीट नोच रही थी। फिर मैं दूसरी उंगली भी डाल दिया, उंगली जाते ही बोली कि-
चाची: बहुत दर्द हो रहा है बाबू, एक ही उंगली डालो न जान।
मैं: अरे मेरी रंडी बीवी, मेरा लंड तो लगभग 4 उंगली के बराबर है उसको कैसे झेलेगी साली।
फिर मैने तीसरी उंगली भी उनके चूत में डाल दी। दर्द के मारे चाची का हालत खराब था पर वो सहे जा रही थी, और जोर जोर से चिल्ला रही थी। थोड़ी देर बाद अब उनके लिए सब नॉर्मल हो गया था। अब तीन उंगली बड़े आराम से उनकी चूत में अंदर बाहर हो रहा था। फिर मैं उनकी चूत में जीभ लगा के चाटने लगा, काफी देर तक उंगली करने की वजह से जीभ डालते ही उनका वीर्य निकलने लगा, जो की मैं पूरा पी गया। फिर चाची ने मुझे अपनी तरफ खींच के बोला-
चाची: जान, आज तेरी रंडी की प्यास बुझा दो। अपने मूसल लंड से मेरी चुदाई करो। मुझे कितना भी दर्द हो, मुझे पलते रहना। जबरदस्ती मेरा करना। पर मेरी आग बुझा दो।
फिर मैं अलमारी से ताकत बढ़ाने वाली गोली खाई और डॉटेड कंडोम निकाला। चाची ने पहली बार ऐसा देखा था, उन्होंने मुझसे पूछा कि ये कैसा कंडोम है.
मैं: अरे डार्लिंग, इसमें छोटे छोटे दाने जैसे बने होते है, जब लंड पे पहन के तुमको पेलूंगा तो तुम्हारी चूत का भरता बन जाएगा। एक एक कोने में मेरे लौड़े को अच्छे से महसूस कर पाओगी।
फिर चाची डरते हुए मेरे लंड पे कंडोम चढ़ाई और नीचे लेट गई। मैं उनके ऊपर चढ़ा और बोला-
मैं: जान, आज तेरा भतीजा तेरी चूत मारेगा। बहुत सालों से तुम्हें पेलने का इंतजार किया है।
चाची: मैं भी कई बार आपसे चुदाई करवाने के बारे में सोच के बहुत बार अपने चूत में उंगली की है, आज आपसे चुदने जा रही, ये सब सोच के ही मेरा पानी निकल रहा है।
फिर मैं चाची को आंखों में देखते हुए अपना लंड उनकी चूत पे सेट किया और धीरे धीरे अपना लंड उनकी चूत में घुसेड़ने लगा। जैसे जैसे एक एक इंच अंदर जा रहा था, चाची की पकड़ मजबूत होती जा रही थी, वो मेरी बाहों को इतनी जोर से दबा रही थी, उनको कितना दर्द हो रहा होगा इस चीज का मुझे अच्छे से एहसास हो रहा था। आधा लंड अंदर जाने के बाद चाची के आंखों से आंसू आने लगे। मैने चाची से पूछा कि-
मैं: ज्यादा दर्द हो रहा है क्या मेरी बीवी को?
चाची: बहुत ही ज्यादा, पर कुछ भी हो जाए रुकना मत।
मैं: अब मैं तेरा जबरदस्ती करूंगा डार्लिंग।
फिर मैं इतना बोल कर एक जोर का धक्का दिया और पूरा लंड चाची की चूत में घुस गया। एक तो टाइट चूत में 7 इंच का मोटा लंड लेने का दर्द, ऊपर से डॉटेड कंडोम का असर। इन सब से चाची जोर जोर से चिल्ला चिल्ला के रो रही थी।
फिर 5 मिनट तक वैसे ही पड़े रहने के बाद जब उनका दर्द कम हुआ तब मैने उनकी चुदाई चालू की। मैने ताकत वाली गोली खाई थी इसलिए मुझे झड़ने का कोई डर नहीं था। फिर 15 मिनट के बाद चाची झड़ गई तो मुझे रुकने को बोला।
चाची: आपसे चुद के तो मजा ही आ गया, मैं तो बुरी तरीके से थक गई।
मैं: अभी तो और चोदूंगा तुमको, ये तो बस पहला राउंड था।
फिर अगले राउंड में चाची मेरे ऊपर थी, और मैं नीचे। मेरे ऊपर बैठ की किसी पोर्नस्टार की तरह चुद रही थी, और मैं उनकी चूचियां दबाते हुए उनको पेल रहा था। फिर 30 मिन बाद झड़ के मेरे ऊपर ही गिर गई चाची। फिर मैने चाची को बगल में लिटा दिया पेट के बल.
और उसके बाद उनके पीछे चढ़ के अपना लंड उनकी गांड में पेल दिया। अचानक हुए इस हमले से चाची की जैसे जान ही निकल गई थी। मैने बिना बताए पूरा 7 इंच उनकी गांड में घुसेड़ दिया था। चाची मुझे गालियां देने लगी थी।
चाची: साले मादरचोद, बता के तो डालता। सच में जबरदस्ती करेगा क्या मेरी, भोसड़ीवाले। तेरी चाची हुं, थोड़ा रेहम कर कुत्ते।
मैं: चुप साली मादरचोद रंडी, अपने ही बोली थी कि रुकना मत, अब आराम से मजे कर।
फिर मैं चाची की गांड मारने लगा, थोड़ी देर बाद चाची भी डॉगी पोजीशन में अपनी गांड में मेरे लंड का मजा ले रही थी, और अपनी चूत में उंगली कर रही थी। थोड़ी देर बाद फिर से वो झड़ गई थी। फिर हम दोनों अलग हुए, और एक दूसरे के बगल में लेट गए। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
चाची: यार, कितना पेलोगे, मेरी चूत गांड सबकी हालत खराब कर दी। तुम्हारी सगी चाची हु जान, थोड़ा तो रहम कर।
मैं: बेबी, एक बार और चूत मरवा ले अपनी, मेरा अभी तक नहीं निकला है।
फिर चाची मेरे लंड से कंडोम हटाते हुए बोली कि-
चाची: सुनो बाबू, इस बार बिना कंडोम के ही पेलो मुझको। मुझे अपनी चूत में तुम्हारे लंड की गर्मी महसूस करनी है। आज भीगा दो मेरी चूत को अपने पानी से। ये सुन के मै खुशी से चाची की अपने ऊपर खींच की अपने लंड पर कुदवाने लगा। चाची भी मजे में मेरे लौड़े पे उछल रही थी।
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फिर मैं उनके ऊपर और वो मेरे नीचे। मैं उनके दोनों पैर को अपने कंधे पे रखा और उनकी चूत में लंड अंदर बाहर करते हुए पेलने लगा। आखिरकार दावा का असर खत्म होता दिख रहा था मुझे। और 40 मिनट तक पेलने के बाद मेरा वीर्य निकलना शुरू हुआ। मैने सारा रस चाची की चूत में ही भर दिया। चाची भी मेरे लंड की गर्मी पा के खुश हो गई थी। चार राउंड चुदवाने के बाद हम दोनों का शरीर जवाब दे चुका था। सुबह के 6 बज चुके थे। हम दोनों किसी तरह उठ के ब्रश करके, नहा धो के फिर से बेड पे आ गए।
एक दूसरे को मुस्कुराते हुए देखते हुए एक दूसरे को चूमते हुए, एक दूसरे की बाहों में चिपक के सौ गए। तब से लेके अब तक मैं रोज चाची की चुदाई करता हूं। अगर इस कहानी का अच्छा जवाब मिला तो अगली कहानी में बताऊंगा कि कैसे मैने अपनी मौसेरी बहन को पटाया और उसकी चुदाई की। अगर आपको ये कहानी पसंद आए तो लड़कियां, भाभियां, और आंटियों से निवेदन है कि अपने विचार मेरे इस मेल पे जरूर भेजे। या जिनको सेक्स चैट करना हो वो भी भेज सकती है Brahmanfromgkp@gmail.Com
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