Extra Marital Affair
अनुराग जिसकी शादी अभी दो साल पहले ही हुई है, उसकी बीवी प्रेरणा बहुत स्मार्ट और सेक्सी है. दोनों ही अलग अलग बैंक में जॉब करते हैं. उनके पेरेंट्स जो आर्मी से रिटायर्ड हैं, सब साथ ही रहते हैं. पिता की अपनी कोठी है, पैसे की कोई कमी नहीं है. अनुराग और प्रेरणा अभी बच्चा नहीं चाहते अगले तीन साल तक… सेक्स लाइफ उनकी भरपूर रंगीन है. Extra Marital Affair
पिता रिटायर्ड भले ही हो चुके हों पर जिन्दगी जीना जानते हैं तो घर पर भी कोई पाबन्दी नहीं है. अचानक अनुराग को बैंक में एक ऑफर मिलता है कि 200 किमी दूर एक बड़े शहर के इंडस्ट्रियल एरिया में बैंक को अपनी नई ब्रांच खोलनी है और उसे वहाँ का मेनेजर बना कर भेजा जा सकता है. सुविधाएँ सारी हैं पर काम बहुत ज्यादा है. 15 दिन मैं एक बार ही शायद घर आ पाए..
प्रेरणा ने तो उसको जाने को मना किया पर अनुराग को ऐसा मौका दोबारा कभी नहीं मिलता, फिर उसके पिता ने प्रेरणा को समझाया- अभी अनुराग को जाने दो, तुम्हारा ट्रान्सफर भी वहीं करवाने का प्रयास करेंगे, पर इसमें वक़्त लग सकता है.
अनुराग ने नई ब्रांच ज्वाइन करी, शुरू के 15 दिन के लिए बैंक ने होटल मैं व्यवस्था कर दी. सारा स्टाफ नया था उस शहर के लिए. उसकी उम्र की एक ही लड़की थी सिमरन. वो भी प्रेरणा की ही उम्र की रही होगी और बहुत स्मार्ट थी… काम की अच्छी जानकारी थी उसे!
सही मायने में ब्रांच की पूरी जिम्मेदारी अनुराग और सिमरन पर ही थी. सिमरन शादीशुदा थी, उसकी शादी हुए तो डेढ़ साल ही हुआ था. उसका पति किसी कंपनी में मार्केटिंग में था तो सिमरन को अकेले रहने की आदत सी थी. अनुराग मकान ढूंढ रहा था… सिमरन भी!
उनको मकान भी ऐसा चाहिए था जो फर्निशेड हो और अच्छी लोकेलिटी में हो. अनुराग को तो डबल बेडरूम फ्लैट चाहिए था जिससे आज नहीं तो कल प्रेरणा आ ही जाएगी वो आराम से रह सकें. उनकी ब्रांच के एक क्लाइंट ने अनुराग को एक कॉलोनी में एक कोठी बताई, जिसमें तीन बेड रूम थे.
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अब इतना बड़ा मकान अनुराग क्या करता… पर लोकेशन बहुत अच्छी थी. कोठी के मालिक तीन साल के लिए किसी डेपोटेशन पर अगले सप्ताह विदेश जा रहे थे, तो जल्दी खाली करने की कोई चिंता भी नहीं थी. जब अनुराग ने उनसे कहा कि इतनी बड़े मकान का वो क्या करेगा.
तो मकान मालिक ने जो बुजुर्ग थे, कहा- चलो तुम किराया कुछ कम दे दो.
उन्हें अनुराग भला लगा… पर वो बोले- पूरी कोठी की जिम्मेदारी तुम्हारी है.
पूरा फर्निशड मकान कहाँ मिलता अनुराग को… वो ऑफिस मैं बैठा सोच ही रहा था कि कोई एक बेडरूम का किराया शेयर कर ले तो बात बन जाए! तभी सिमरन केबिन में आई, वो बोली कि उसे तो कोई ऐसी जगह नहीं मिल पा रही जहाँ सिंगल बेड रूम और किचन हो. वो बहुत परेशान थी.
वो बोली कि वो किसी से मकान शेयर करने को भी तैयार है बशर्ते कोई उस जैसी लड़की हो. अनुराग ने उसे मकान की बात बताई और कहा कि वो सोच ले, अगर वो चाहे तो अनुराग और वो मिलकर उस कोठी को ले लें. दो तिहाई किराया अनुराग दे देगा और एक तिहाई सिमरन को देना होगा.
सिमरन के बेड रूम का रास्ता बाहर अलग से भी है और सिमरन चाहे तो ड्राइंगरूम शेयर कर सकती है. सिमरन को हिचक हो रही थी, उसने अगले दिन बताने को कहा. रात को सिमरन ने फेसबुक पर अनुराग की प्रोफाइल और उसके परिवार को देखा, उसे वो लोग भले लोग लगे.
सिमरन ने अपने पति को बताया तो उसके पति ने उस शहर में जहाँ से अनुराग आया था, अपने डीलर से अनुराग के बारे में पूछा. वो अनुराग को जानते थे, उन्होने तुरंत हाँ कह दी. अब सिमरन ने भी अनुराग से उस कोठी को दिखाने को कहा. कोठी देख कर उसका भी मन लट्टू हो गया और दोनों ही मकान मालिक के जाते ही उसमें शिफ्ट हो गए.
अनुराग और सिमरन दिन भर साथ काम करते, रात को साथ ही बैंक से निकलते. शुरू को दो-तीन दिन तो उन्होंने होटल में खाना खाया. कोठी मैं दोनों के पास अलग अलग किचन था. एक दो दिन में सिमरन सहज हो गई, अब वो और अनुराग सुबह की चाय साथ पीने लगे.
लंच तो बाहर से ही आता बैंक में, पर डिनर उन दोनों ने मिलकर बनाना शुरू कर दिया. अब दोनों में अच्छी पटने भी लगी. बीच में एक दिन को सिमरन का पति सर्वजीत भी आया, वो भी स्मार्ट पर्सनालिटी का रंगीन तबियत का आदमी था तो तीनों ने साथ ही बाहर डिनर लिया…
रात को देर तक तीनों गप्पें मारते रहे. रात को सर्वजीत और सिमरन की जम कर चुदाई हुई… सेक्स कितना भी खामोश हो, आहट हो ही जाती है. सुबह सिमरन भी देर से उठी… सर्वजीत जा चुका था. उसकी हालत देख अनुराग हंस दिया और उसे चाय बना कर दी. सिमरन शर्मा गई.
अनुराग ने कहा- ये तो पेट की मजबूरी है, वर्ना इतनी हसीं जिन्दगी कोई ऐसे खराब करने के लिए नहीं होती.
अब उसके और सिमरन की नजदीकी बढ़ती गईं, दोनों एक साथ बेड पर बैठ कर टीवी देख लेते या बेड पर बैठ कर ही ऑफिस का साथ लाया काम निपटा लेते. सिमरन चंचल थी तो कभी कभी अनुराग को धौल लगा देती या प्यार से डांट देती. एक दिन सिमरन को बुखार हो गया, अनुराग ने उसे सुबह चाय के साथ बिस्कुट दिया और मेडिकल स्टोर से दवाई लाकर दी.
सिमरन बैंक जाने की जिद कर रही थी तो अनुराग ने डांट कर उसे घर पर रुकने को कहा. दोपहर अनुराग घर आ गया, वो मौसमी का जूस लेकर आया था सिमरन के लिए. सिमरन के सर में बहुत दर्द था, अनुराग ने उसके बहुत मना करने पर भी उसका सर दबा दिया और उसे सुला दिया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
रात को जब अनुराग घर आया तो सिमरन का बुखार कम नहीं था, अनुराग ने उसे कुछ खिला कर दवाई दी और ठंडे पानी की पट्टी से सिकाई करी. सिमरन अब आराम से सो गई थी, अनुराग वहीं एक कुर्सी पर सो गया. रात को 2 बजे सिमरन की आँख खुली… अब उसका बुखार बिलकुल उतर चुका था. उसे अनुराग वहीं सोता मिला. सिमरन को अनुराग पर बहुत प्यार आया.
उसे ध्यान आया कि शायद अनुराग ने तो आज डिनर भी नहीं किया होगा. वो किचन में गई और कॉफ़ी बना लाई और स्लाइस सेक लिए. अनुराग की भी आँख खुल गई थी, वो बोला- सॉरी… पता नहीं कैसे आँख लग गई, मैं अपने कमरे में जाता हूँ. सिमरन ने उसे प्यार से हाथ मिला कर थैंक्स कहा और काफी पिला कर ही भेजा.
अगले दिन सुबह सिमरन बिलकुल फ्रेश थी… सन्डे था पर अनुराग को आज भी बैंक जाना था. सिमरन ने चाय बनाई और अनुराग के कमरे में गई तो अनुराग थक कर सो रहा था. सिमरन को अनुराग पर बहुत प्यार आ रहा था, वो अनुराग के बाल सहलाने लगी.
अनुराग की आंख खुल गई, वो हड़बड़ा कर उठा. सिमरन हंस पड़ी. असल में अनुराग टी शर्ट नहीं पहने था तो उसे अजीब सा लगा. अनुराग ने फटाफट टीशर्ट डाली… दोनों ने चाय पी और शाम पिक्चर देखने का प्रोग्राम बनाया. अनुराग दोपहर बाद बैंक से आ गया.
शाम को मौसम खराब हो गया तो पिक्चर का प्रोग्राम तो कैंसिल कर दिया पर पास के एक होटल में डिनर करने चले गए. होटल पास ही था तो पैदल ही चले गए, पर लौटते में तेज बारिश में भीग गए. दोनों भागते भागते घर आये. सिमरन को छींक आनी शुरू हो गई थी, डर लगा कि दोबारा बुखार न आ जाए.
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अनुराग ने सिमरन को जल्दी कपड़े बदलने को कहा और फटाफट अपने कपड़े बदल कर अदरक की चाय बनाई. सिमरन उसके कमरे में ही आ गई थी. आज पहली बार उसने कैपरी और टीशर्ट पहनी थी… खुले बालों में वो बहुत खूबसूरत लग रही थी. वो जैसे ही कमरे में घुसी, जोर की बिजली कड़की और लाइट चली गई.
सिमरन डर गई और सामने खड़े अनुराग से जा चिपटी. अनुराग को भी इसका अंदाज नहीं था पर सिमरन डर रही थी तो उसने उसे अपने से चिपटा लिया और उसके गाल थपथपा दिए. अंधेरे में दो जवान बदन चिपटे खड़े थे तो अचानक ही सिमरन ने मुंह ऊपर किया और उनके होंठ मिल गए.
अब तो दोनों बेतहाशा एक दूसरे को चूमने चाटने लगे. तभी लाइट आ गई और दोनों झटके से अलग हुए… दोनों को लगा कि ये कैसा पाप हो गया. दोनों की नजर नहीं मिल रहीं थीं. पर सिमरन समझदार थी, उसने अनुराग को सॉरी बोला और मुड़ कर जाने लगी. अनुराग ने उसका हाथ पकड़ लिया और उसे प्यार से बेड पर बिठाया और चाय देते हुए बोला- गलती मेरी थी!
सिमरन मस्त लड़की थी, बोली- चलो हिसाब बराबर…
दोनों ने हंसते हुए चाय पी.
अनुराग बोला- अब ऐसा कभी नहीं होगा.
इस पर सिमरन बोली- बहुत बुरा लग रहा है या भले बनने की कोशिश कर रहे हो?
अनुराग कुछ नहीं बोला, बस मुस्कुरा दिया. सिमरन ने उसकी ओर हाथ बढ़ाया और बोली ‘फ्रेंड्स…’ अनुराग ने भी गर्मजोशी से हाथ मिलाया और बोला ‘येस्स्स… फ्रेंड्स!’ अनुराग ने सिमरन के माथे पर एक प्यारा सा किस किया…. सिमरन अपने रूम में चली गई.
इधर अनुराग को नींद नहीं आ रही थी, रह रह कर सिमरन के गर्म होंठ उसे भटका रहे थे. वो उठा और किचन से पानी पीकर लौट रहा था कि उसने देखा सिमरन के रूम की लाइट जल रही है… हालाँकि लाइट हल्की थी, पर रूटीन में सिमरन रूम की लाइट बंद कर के सोती थी.
अनुराग ने देखा डोर भी हल्का सा खुला है. उसने झाँका तो सिमरन बेड पर लेटी बार बार करवट बदल रही थी.. मतलब वो भी सोई नहीं थी. अनुराग उसे देखता रहा. अचानक सिमरन उठ कर बैठ गई और दरवाजे की ओर देख कर बोली- अंदर आ जाओ…
अनुराग की तो जैसे चोरी पकड़ी गई… वो अंदर घुस और बेड तक पहुंचा. सिमरन बेड से उतरी और बेल की तरह लिपट गई अनुराग से… अनुराग ने भी उसे जोर से भींच लिया. होंठ फिर मिल गए… अब बेताबी ज्यादा थी… सांसें गर्म हो चुकी थीं, अनुराग ने सिमरन के टॉप के अंदर हाथ डाल कर उसकी पीठ को सहलाना शुरू किया.
सिमरन ने नीचे कुछ नहीं पहना था. अब उनके कपड़े एक एक करके उतर गए और दोनों बेड पर एक दूसरे में सामने की कोशिश में लग गए. सिमरन नीचे थी और अनुराग सीधा उसके ऊपर लेट गया, सिमरन ने अपने हाथ से उसका लंड अपनी चूत में कर लिया. अनुराग ने पूरे जोर से उसकी गहराइयों तक अपना लंड पेला. सिमरन का शरीर सख्त हो गया और उसने भी अनुराग के पैरों को अपनी टांगों से दबोच लिया.
कुछ देर की धक्कम पेल के बाद अनुराग ने पूछा- कहाँ निकालूँ?
तो सिमरन बोली- अंदर ही आ जाओ… मैं सेफ हूँ!
इसके बाद दोनों अगल बगल एक दूसरे को देखते हुए लेट गए और सो गए. सुबह अनुराग की आँख पहले खुली, उसने सिमरन को किस करके उठाया और अपने कपड़े पहन कर रूम में चला गया. दोनों एक घंटे बाद किचन में मिले तो सिमरन उससे चिपट गई और थैंक्स बोला… उसे कोई पश्चाताप नहीं था तो अब अनुराग भी रिलैक्स्ड था.
दोनों ने नाश्ता किया और बैंक निकल लिए. अगले दिन बैंक हॉलि डे था तो अनुराग और सिमरन दोनों ने ही अपने अपने घर जाने का प्रोग्राम बनाया. अनुराग ने सिमरन को तो दोपहर को ही फ्री कर दिया जिससे वो घर चली जाए, वो खुद शाम को निकल लिया.
प्रेरणा को उसने फोन कर दिया था, रात को 10 बजे वो घर पहुँच कर सबके साथ डिनर करके, गप्पबाजी करके वो अपने रूम में पहुँचा. थोड़ी ही देर में प्रेरणा भी आ गई. डोर लॉक करते ही दोनों बरसों के बिछड़े की तरह चिपक गए. प्रेरणा रो रही थी कि उसका मन नहीं लगता और वो नौकरी छोड़ कर उसके पास आना चाहती है क्योंकि ट्रान्सफर नहीं हो पा रहा है.
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अनुराग ने उसे समझाया कि ऐसे दिल छोटा नहीं करते… एक लगी बंधी आमदनी घर आ जाती है. अनुराग ने उसे समझाया कि वो अपना फ्रेंड सर्किल बढ़ाये और मस्त रहे… दोनों के बीच यह तय हुआ कि हर पंद्रह दिनों के बाद दो दिन के लिए अनुराग यहाँ आयेगा और तीन दिनों के लिए प्रेरणा वहाँ रहेगी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
प्रेरणा अनुराग से चिपटी हुई थी. दोनों साथ नहाने के लिए गए… शावर की बौछार के नीचे दो बदन चिपटे हुए अपनी प्यास बुझा रहे थे. अनुराग तो प्रेरणा के मम्मों का पहले ही दीवाना था तो आज तो वो उन्हें खा ही जाना चाहता था. प्रेरणा अपने मम्मों को बचाने के लिए नीचे बैठ गई और अनुराग का लंड अपने मुंह में ले लिया.
उसकी चुसाई इतनी जबरदस्त थी कि अनुराग को लगा उसका माल अभी छूट जाएगा तो उसने अपने को अलग किया और टॉवल लपेट कर बेड पर आ गया. प्रेरणा ने भी अपना बदन पौंछा और वो नंगी ही बेड पर आ गई और आते ही टूट पड़ी अनुराग पर…
वो उसके ऊपर चढ़ गई और उसका लंड अपनी चूत में करके करने लगी उसकी घुड़सवारी… अनुराग भी नीचे लेटा लेटा उसे धक्के दे रहा था. फिर अनुराग ने उसे नीचे पलटा और उसकी टांगें ऊपर करके चौड़ी कर दी और घुसेड़ दिया उसकी चूत में लंड…
अब तो बेड पर वो घमासान हुआ कि शायद आवाज नीचे उसके माँ बाप तक भी पहुँच गई होगी. थक कर दोनों चिपट कर सो गए. प्रेरणा की आँख सुबह 4 बजे खुली तो उसने अनुराग का लंड फिर मुख में ले लिया और उसकी नींद खोल दी… फिर एक बार चुदाई हुई.
सुबह नहाकर 9 बजे दोनों नीचे आये तो अनुराग की माँ पिताजी ने हंसते हुए कहा- खुल गई आंख…
दोपहर को पूरा परिवार मूवी गया और रात को बाहर डिनर लेकर लौटे. इन दो रातों में अनुराग और प्रेरणा ने अपना चुदाई का कोटा पूरा कर ही लिया. बीच में दो-तीन बार अनुराग की सिमरन से भी बात हो गई. सिमरन ने अनुराग को बताया कि उसके पति सर्वजीत का ट्रान्सफर अनुराग के पुराने शहर में ही हो गया है और उसके लिए कोई वन बेडरूम सेट वो ढूंढ दे.
अनुराग के पास तो टाइम नहीं था, इसलिए उसने सर्वजीत से बात करके अपने पिताजी से मिलने को कह दिया और जब तक मकान न मिले वो अनुराग के घर ही रह ले, ऐसा उसने सर्वजीत से कहा. सर्वजीत की बारे में अनुराग ने प्रेरणा और अपने पेरेंट्स को बोल दिया कि वो अच्छा आदमी है.
अनुराग के पेरेंट्स बोले कि कोठी के पीछे जो एक रूम सेट है, उसे ठीक करा देते हैं… ऐसी लगवा देंगे. अगर सर्वजीत को ठीक लगे तो वह रह ले… किराया तो सर्वजीत की कंपनी देगी ही. असल में अनुराग के पेरेंट्स को भी लगा कि उन्हें भी एक कंपनी मिल जाएगी, वर्ना पैसों की तो उन्हें कोई आवश्यकता नहीं थी.
अनुराग ने प्रेरणा से कह दिया कि सर्वजीत से वो एक बार ही मिला है पर वो सिमरन के माध्यम से इतना कह सकता है कि वह खुशदिल, मस्त और दोस्ती लायक है. अनुराग ड्यूटी पर चल गया, वो सीधे बैंक ही पहुंचा. सिमरन एक दिन पहले शाम को आ गई थी तो वो ब्रेकफास्ट पैक करके लाई थी.
अनुराग ने उसे भी लंच के साथ ही खाया. शाम को अनुराग को बैंक से जाते काफी लेट हो गया, सिमरन को उसने जल्दी ही भेज दिया था. रात को जब अनुराग घर पहुंचा तो पूरा घर महक रहा था. सिमरन ने कल और आज में पूरा घर चमका दिया था और उसका बेड रूम भी अच्छे से सेट कर दिया था. डिनर में उसने आज अनुराग का मनपसंद खाना बनाया था.
अनुराग ने मुस्कुरा कर उसके दोनों हाथ पकड़ कर थैंक्स कहा तो सिमरन बोली- फटाफट नहा आओ, फिर खाना खायेंगे, बड़ी जोर से भूख लगी है.
अनुराग बोला- तुम भी फ्रेश हो आओ!
सिमरन ने अनुराग के बेड पर नए लुंगी और कुरता रखे थे जो वो अनुराग के लिए खरीदकर लाई थी. अनुराग ने नहाकर वही पहन लिए. जब वो बाहर आया तो देखा सिमरन किचन में है और उसने वही सेम नाइट ड्रेस पहनी हुई थी और उस पर बहुत खिल रही थी.
सिमरन उसे देख कर मुस्कुराई… अनुराग ने जकर उसे पीछे से चिपटा लिया और उसके होंठों पर किस कर लिया जिसका जवाब सिमरन ने अपनी जीभ उसकी जीभ से अच्छे से टकरा कर दिया. डिनर तैयार था, आज सिमरन ने एक ही प्लेट में खाना लगाया और दोनों ने एक ही प्लेट में खाना खाया. कभी अनुराग ने सिमरन को बाइट खिलाया कभी सिमरन ने अनुराग को! डिनर से फारिग होकर दोनों ने मिलकर किचन को साफ़ किया.
अनुराग बोला- मैं तुम्हारे लिए कॉफ़ी बनता हूँ…
उसने दो कप कॉफ़ी बनाई और लेकर अपने बेड रूम में आ गया. दोनों बेड पर बैठ कर कॉफ़ी पीते हुए अपने घर के किस्से बताने लगे.
सिमरन ने हंस कर कहा- वैसे तो तुम्हारी भी वही स्थिति रही होगी, मेरे पति का तो इन दो दिनों में मन ही नहीं भरता…
हालाँकि सिमरन ये कहते हुए रुआंसी हो गई थी. बात भी ठीक है, बिना जीवनसाथी के क्या रहना… सिर्फ सेक्स सब कुछ नहीं होता. अनुराग ने सिमरन को रुआंसी देख के अपने पास कर लिया तो सिमरन भी उसकी छाती पर सर रख कर सुबुकने लगी. अनुराग ने एक बार बहुत होली से उसके गालों को थपथपा कर किस कर दिया.
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उसके स्पर्श और प्यार से सिमरन नार्मल हो गई. दोनों ने कॉफ़ी ख़त्म की और सिमरन अपने रूम में जाने के लिए उठी, तो अनुराग ने हाथ पकड़ लिया… सिमरन भी जाना कहाँ चाहती थी, वो पलटी और अनुराग ने उसे खींच लिया, सिमरन सीधी अनुराग की बाँहों में झूल गई, उनके होंठ मिल गए, दोनों बेड पर ही चिपट गए. सिमरन के पैर अनुराग के पैरों को रगड़ रहे थे, दोनों की लुंगी जांघों तक उठ गई थी… अनुराग के हाथ अब सिमरन के मम्मों पर थे.
सिमरन एक बार तो बोली- अनुराग, हम ये गलत तो नहीं कर रहे?
पर अनुराग ने बजाए जवाब देने के उसका टॉप उतार दिया और अपना भी… धीरे धीरे दोनों ही बिना कपड़ों के चादर के अंदर चिपटे ही थे. अनुराग ने लेटे लेटे ही अपना लंड सिमरन की चूत में कर दिया. सिमरन ने अपनी टांगें कस के मिला ली जिससे अनुराग का लंड भी चूत में टाइट हो गया.
दोनों के जीभ आपस में टकरा रहीं थीं. तूफ़ान ऐसा था कि मानो दोनों एक दूसरे में समा ही जायेंगे. तभी सिमरन ऊपर आ गई और अनुराग के ऊपर बैठ कर चुदाई करने लगी. उसकी स्पीड तेज थी.. नीचे से अनुराग भी उछल रहा था. अनुराग ने सारा माल सिमरन की चूत में भर दिया.. नीचे से किया था तो सिमरन के उठते ही उसका वीर्य टपकता हुआ बेडशीट पर आ गया.
सिमरन बोली- छी.. सड़ा दिया सारा बेड…
दोनों हंसते हुए वाशरूम से साफ़ करके आये. सिमरन ने बेड शीट उतार कर वाश रूम में डाली और दूसरी बेड शीट बिछाई और अनुराग से बोली- अब चुपचाप सो जाओ… मैं भी अपने रूम में जा रही हूँ, सुबह ये शीट धो दूँगी. अब रोज का सेक्स इनका नियम बन गया था. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उधर अनुराग के शहर में सिमरन का पति सर्वजीत भी अनुराग के घर पर शिफ्ट हो गया और जल्दी ही परिवार से घुलमिल गया. एक बार सिमरन भी आई तो उसे प्रेरणा और अनुराग के पेरेंट्स ने बहुत प्यार दिया. प्रेरणा जब अनुराग के पास आई तो दोपहर बाद सिमरन ने बैंक से छुट्टी ले ली और प्रेरणा को समय दिया.
अनुराग के पेरेंट्स को अचानक एक शादी में दो दिन के लिए जाना पड़ा और उस समय क्लोजिंग का समय होने से न तो प्रेरणा को छुट्टी मिली न अनुराग आ पाया. अनुराग के पेरेंट्स प्रेरणा को सर्वजीत के भरोसे छोड़ कर चले गए.
शाम को जब प्रेरणा घर वापिस आई तो सर्वजीत ने पूछ लिया- कोई काम हो तो बता दीजियेगा.
प्रेरणा हंस कर बोली- खाना बना दीजिये…
सर्वजीत बोला- मेरा बनाया हुआ आप खा नहीं पाएंगी, चलिए डिनर बाहर करते हैं.
प्रेरणा को भी सर्वजीत के साथ कम्फ़र्टेबल लगता था और अनुराग के कहने पर उन दोनों के बीच दोस्ताना सम्बन्ध हो गए थे तो प्रेरणा फ्रेश होकर जीन्स टॉप डाल कर सर्वजीत के साथ उसकी बुलेट मोटरबाइक पर जाने के लिए बाहर आई. दोनों बिल्कुल कॉलेज स्टूडेंट्स लग रहे थे.
प्रेरणा शादी के बाद कभी बाइक पर नहीं बैठी थी, अपनी कॉलेज लाइफ में तो उसने बाइक पर बहुत मस्ती की थी, तो वो संकोच में एक तरफ पैर करके बैठने लगी, तो सर्वजीत हंस कर बोला- हम डेट पर जा रहे हैं या तीर्थयात्रा पर? प्रेरणा हंस पड़ी और दोनों ओर पैर करके बैठ गई और अपने दोनों हाथों से सर्वजीत के कंधे पकड़ लिए.
सर्वजीत ने बाइक दौड़ा दी प्रेरणा को भी पुराने दिन याद आ गए… और अनुराग की ओर से दोस्ती की खुली छूट थी तो अब प्रेरणा भी चिपक कर बैठ गई सर्वजीत से. उसके मम्मों का दबाव सर्वजीत की पीठ पर था तो सर्वजीत को भी मस्ती आ गई.. एक इमरजेंसी ब्रेक..
और प्रेरणा बिलकुल चिपट गई सर्वजीत से… प्रेरणा उसकी बदमाशी समझ गई और उसने पीछे से एक धौल लगा दिया उसके, पर फिर चिपट गई और अपनी बाहें उसकी बाँहों के नीचे से ऊपर कर दीं.. बिल्कुल प्रेमी जोड़ों की तरह… डिनर लेकर दोनों इंडिया गेट पर घूमते रहे. अब दोनों ने एक दूसरे के हाथ भी थाम रखे थे.
रात को 11 बजे के बाद ही दोनों घर वापस आये. सर्वजीत प्रेरणा को बाय बोल कर अपने रूम में चला गया.. आज प्रेरणा बहुत बेचैन थी, उसको सर्वजीत का साथ बहुत अच्छा लगा था. उसकी चूत भी दो बार पानी छोड़ चुकी थी पर वो अपने मन में घबरा रही थी इस तरह अनुराग को धोखा देकर!
प्रेरणा ने कपड़े बदले और बेड में घुस गई. उसने अनुराग को फोन मिलाया. उधर अनुराग और सिमरन चिपटे पड़े थे, प्रेरणा का फोन देख कर अनुराग चौंका, फोन तो उठाना ही था, उसने सिमरन को आहिस्ता से अलग किया और फुसफुसा कर कहा- प्रेरणा का फोन है…
सिमरन अनुराग से चिपटी हुई थी… वो भी झटके से अलग हुई और अनुराग की छाती पर उसके बालों से खेलने लगी.
अनुराग ने फोन उठाया, प्रेरणा रो रही थी… बोली- तुम वापस आ जाओ, मेरे को तुम्हारी बहुत याद आ रही है.
अनुराग भी ये सुन कर बेचैन हो उठा… प्रेरणा ने उसे शाम को बता दिया था कि सर्वजीत उसे डिनर पर ले जा रहा है तो उसने तो उसे उकसाते हुए कहा था- सर्वजीत बढ़िया लड़का है, उससे दोस्ती कर लो, तुम्हारा वक़्त भी अच्छा निकल जायेगा.
तो अनुराग ने पूछा- क्या हुआ.. क्या सर्वजीत से कोई बात हो गई?
सर्वजीत का नाम सुनकर सिमरन भी चौंकी.. अनुराग ने स्पीकर फोन खोल दिया.. तो सुबकते हुए प्रेरणा बोली- नहीं, सर्वजीत तो बहुत अच्छा आदमी है. बहुत ध्यान रखता है, पर क्या इतनी नजदीकी ठीक है?
उसकी बात सुन कर अनुराग हंस पड़ा… बोला- कोई बात नहीं, वो रोमियो है तुम उसकी जूलिएट बन जाओ… कुछ भी करो, बस रोओ मत खुश रहो…
प्रेरणा बोली- कल को बाद ज्यादा बढ़ गई तो?
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तो अनुराग बोला- मुझे मालूम है कि तुम भागोगी नहीं उसके साथ… और भाग भी गईं तो लौट आओगी क्योंकि तुम जानती हो हम दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते.
अनुराग ने उसे फिर समझाया कि अगर किसी से दोस्ती करके मन बहलता है तो थोड़ी बहुत बेईमानी में कुछ हर्ज़ नहीं! कह कर वो हंस पड़ा. अब प्रेरणा भी नार्मल हो गई थी और हंस पड़ी. प्रेरणा ने घड़ी देखी, 12 बज गए थे.. उसने सर्वजीत को एक मिस्ड कॉल दी. सर्वजीत ने तुरंत ही पलट कर फोन किया.
वो घबरा कर बोला- क्या हो गया?
प्रेरणा बोली- नींद नहीं आ रही.. कॉफ़ी पियोगे?
सर्वजीत ने हाँ कह दी.. पर बोला- एक शर्त है, वो ही पहने रहना होगा जो अभी पहने हो…
प्रेरणा बोली- धत्त…
क्योंकि वो तो शार्ट नाइटी में थी. उसने फटाफट एक गाउन डाला और किचन में चली गई… डोर पर नॉक हुई तो उसने दरवाजा खोला.. सर्वजीत शॉर्ट्स और स्लीवेलेस टीशर्ट में था, उसका बॉडी का कसाव और मांसल डोले-शोले झलक रहे थे.. उसके हाथ में एक गुलाब का फूल था जो उसने बाहर लॉन से तोड़ा होगा. सर्वजीत ने बड़ी स्टाइल से नीचे बैठ कर फूल उसे प्रेजेंट किया तो प्रेरणा ने भी झुक कर फूल लिया और फूल को किस किया.
सर्वजीत बोला- हाय… काश हम फूल होते…
उसका मतलब समझकर प्रेरणा ने हंसते हुए उसे भी किस कर लिया और किचन में भाग गई क्योंकि उसे मालूम था कि अब अगर वो रुकी रही तो तबला बज जायेगा. सर्वजीत ने पीछे से उसे बताया कि अभी सिमरन का फोन आया था, कह रही थी कि प्रेरणा का ख्याल रखना… प्रेरणा कॉफ़ी लेकर ड्राइंग रूम में आ गई, दोनों सोफे पर बैठ कर कॉफ़ी पीने लगे.
सर्वजीत ने अपना मग टेबल पर रखा और प्रेरणा के दोनों हाथ पकड़ कर बोला- आई लव यू…
प्रेरणा बोली- आई लव यू टू… पर ये गलत है… धोखा है अपने पार्टनर्स से…
सर्वजीत खड़ा हो गया और बहुत बेचैनी से बोला- प्रेरणा, मैं अच्छे से जनता हूँ कि ये गलत है पर मैं क्या करूं, मैं सिमरन के बिना नहीं रह पाता.. मुझे सेक्स का बहुत शौक है. अब मैं बाजार में तो जा नहीं सकता इसके लिए… आखिर हमारी भी कुछ बायोलॉजिकल नीड्स हैं.. और हमारे पार्टनर्स की भी मजबूरी है वर्ना वो हमें अकेला नहीं छोड़ते!
सर्वजीत भला आदमी था.. वो प्रेरणा के अकेलेपन का कोई फायदा नहीं उठाना चाहता था, उसने एक घूँट में कॉफ़ी ख़त्म की और तेज चलकर बाहर निकल गया. प्रेरणा गुमसुम सी बैठी रही, उसे नहीं समझ आ रहा था कि वो क्या करे… उसे सर्वजीत से चिपट कर प्यार करने का मन हो रहा था पर कुछ मर्यादाएं उसे आगे बढ़ने से रोक रही थीं. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
तभी अचानक अनुराग का फोन आया, वो बोला- मैं जानता था कि तुम अभी सोई नहीं होगी.. प्रेरणा… मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूँ और एक बात बताना चाहता हूँ कि अगर यहाँ सिमरन नहीं होती तो मैं यहाँ नहीं रह पाता.. वो एक अच्छे दोस्त की तरह मेरा बहुत ख्याल रखती है… इस समय वो भी मेरे पास बैठी है, लो बात करो उससे!
प्रेरणा चौंक गई, इस समय सिमरन अनुराग के बेड रूम में??
सिमरन फोन पर आई, बोली- घबराओ मत प्रेरणा, मैं अभी आई हूँ, मेरे पास सर्वजीत का फोन आया था, वो बहुत परेशान था… वो बहुत रोमांटिक है पर धोखा देने वाला आदमी नहीं है. वो कहा रहा था कि उसकी किसी बात का तुम बुरा मान गई हो.. प्रेरणा मैं अपने पति को जानती हूँ.. वो रोमांटिक है, आशिक मिजाज है पर कुछ ऐसा नहीं करेगा जिस पर तुम्हें या उसे बाद में पछतावा हो. तुम उस पर विश्वास कर सकती हो. और जो तुम्हें अच्छा लगे उतना उसका साथ एन्जॉय कर सकती हो.
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फोन कट गया. प्रेरणा उठी और गेट खोल कर बाहर निकली. सर्वजीत लॉन में बैठा था. वो भाग कर उसकी बाहों में जा समाई, दोनों के होंठ मिल गए.. सर्वजीत ने उसे गोद में उठाया और अंदर ले आया और धीरे से सोफे पर लिटा दिया. दोनों सोफे पर ही चिपट गये… कब उनके कपड़े उतर गए, कब दो शरीर एक हो गए… दोनों के चेहरे एक दूसरे के थूक से चमक रहे थे… दोनों की जीभें पूरे चेहरे पर घूम रहीं थी. सर्वजीत ने पूरी गहराई तक जाकर उसकी चुदाई की थी… दोनों के शरीर पसीने से लथपथ हो गए थे और दोनों निढाल होकर सोफे पर ही पड़ गए.
थोड़ा संभल कर सर्वजीत उठा और प्रेरणा को किस करके कपड़े पहन कर अपने रूम में चला गया. प्रेरणा ने भी डोर लॉक किया और सब कुछ ठीक करके वाशरूम में घुस गई. अगले दिन सर्वजीत सुबह प्रेरणा को दिखाई नहीं दिया, शायद जल्दी ही चला गया था. उसका व्ट्सएप मेसेज था.. ‘पता नहीं सही हुआ या गलत.. पर एक अच्छे दोस्त की तरह मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूँगा… पर प्लीज कभी अनुराग या सिमरन को ये मत बताना… वर्ना हम दोनों ही उनकी निगाहों में गिर जायेंगे…’ प्रेरणा ने सर्वजीत को जवाब दिया… ‘मैं भी एक अच्छे दोस्त की तरह तुम्हारे साथ हूँ.. शाम को घर जल्दी आना…
M says
कहानी आच्छी लगी