Mom Riding Son Dick
मेरा नाम शाम्भवी है और मेरी उम्र इस वक़्त 42 के करीब है। मैं एक बहुत ही सुंदर, और सेक्सी लेडी हूँ। मेरा फिगर है 38 32 34 मेरा रंग सॉफ है और दिखने मैं 42 की नही 28-30 की लगती हूँ। कोई भी मुझे देख कर ये नही कह सकता की मेरी उम्र 42 होगी। मैं एक स्कूल टीचर हूँ और स्कूल में सभी टीचर मुझे देख कर और मेरी कमर को मटकती देख कर आहें भरते हैं। Mom Riding Son Dick
खैर अब मैं आप लोगों को अपनी फेमिली के बारे मैं बताती हूँ। मेरे पति की उम्र 44 है और वो एक बिज़्नेसमॅन हैं और मेरे दो बेटे हैं। उनकी उम्र 20 है दोनो ही बहुत सुंदर हैं और करीब 6 फीट के करीब है। दोनो की। मैं अपने परिवार के साथ बहुत खुश हूँ। मेरे पति का इम्पोर्ट एक्सपोर्ट का बिजनेस है।
हम राजस्थान में जोधपुर में रहते हैं और वहीं के एक गॉव के स्कूल में मैं हिन्दी की टीचर हूँ। मेरे दोनो बेटे कॉलेज मैं पड़ते हैं। मेरे पति को बिजनेस की वजह से दो-दो तीन-तीन महीने घर के बाहर रहना पड़ता है और घर पे एक दो दिन के लिए ही आते हैं। बात आज से 1 साल पहले की है।
मेरे पति को मुंबई जाना था बिजनेस की वजह से। लास्ट दो तीन साल से तो वो ज्यदातर घर के बाहर ही रहने लगे हैं बिजनेस की वजह से और घर पे भी बहुत ही कम आते हैं। लेकिन जब एक दो दिन के लिए आते हैं तो मुझे पूरी संतुष्ट कर के ही वापिस जाते हैं। अभी उन्हे आए एक दिन ही हुआ था और उस रात हम दोनो एक दूसरे की बाहों मैं खोए हुए थे और एक दूसरे से प्यार कर रहे थे.
उनके होंठ मेरे होंठों मैं थे और वो मेरे बदन से खेल रहे थे और मैं उनके लंड से खेल रही थी की तभी उनके मोबाईल की घंटी बजी उठी उन्होने मोबाईल उठाया और वो उनके मेनेजर का मोबाईल था। उसने कहा था की उन्हे अभी मुंबई के लिए निकलना होगा। अगर वो नही गये तो उनका 25-30 लाख का नुकसान हो जाएगा।
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मेरे पति तभी उठे और तेयार होने लगे और मुझे वैसे ही तडपती हुई छोड कर चले गये। आज तक ऐसा कभी नही हुआ था। और मैं अपने रूम मैं तडपती ही बैठी रही। मुझे सारी रात नींद नही आई और मैं करवटें बदलती रही। नेक्स्ट दिन उनका मोबाईल आया की हो सकता है वहीं से उन्हे कॅनाडा जाना पड़े इस लिए हो सकता है की वो 2-3 महीने तक घर पे नही आ सकेंगे।
उनकी ये बात सुन कर मैं और भी तड़प उठी की पहले ही वो 3 महीने बाद घर पे आए थे और उपर से 3 महीने और निकालने पड़ेंगे। मुझे रात को उनकी बाहों मैं खोना और उनका प्यार करना याद आ रहा था। यू ही तिन चार दिन बीत गये लेकिन मेरी रातों की नीड उड़ गई थी।
अब मुझे सेक्स की भूख सताने लगी थी की एक तो वो पहले ही 3 महीने के बाद घर पे आए थे और उस रात भी वो मुझे यू ही तड़पता हुआ छोड गये थे। कभी-कभी मेरा मन करता था की कितने मर्द मरते हैं मुझ पर क्यूं ना किसी से अपनी प्यास बुझा लूँ। लेकिन मैं अपने आप को एक पवित्र औरत समजती थी इस लिए कभी भी मैने किसी और के बारे मैं सोचा भी नही था।
यू ही दिन गुजर रहे थे। मेरे दोनो बेटे सुबह 6 बजे जिम चले जाते थे और मैं घर पे नास्ता वग़ैरा तेयार करती थी। वो करीब 7 बजे वापिस आ जाते थे उनके लिए मैं नाश्ता पहले ही तेयार कर लेती थी फिर वो नहा कर नास्ता कर लेते थे और मैं 8 बजे स्कूल के लए निकल जाती थी और वो दोनो कॉलेज के लिए।
मैं करीब 2 बजे वापिस आ जाती थी और वो भी करीब 2 या 3 बजे वापिस आ जाते थे। फिर हम लोग अपने अपने रूम मैं रेस्ट करते और शाम को एक साथ खाना खाते थे और फिर कोई 9 बजे तक एक साथ ही टीवी देखते थे। और उसके बाद हम अपने अपने रूम मैं जिसका जीतने टाइम तक दिल करता टीवी देखता और सो जाता यही हम सब की डेली की रूटीन थी। दिन हर रोज सेम ही थी।
मेरा मन बहुत ही बेचैन रहता था। मेरे दोनो बेटे मेरे बेडरूम के साथ एक स्टडी रूम था और उसके साथ दो बेडरूम थे उसमे सोते थे। दोनो के रूम के साथ सेंटर मैं एक ही बाथरूम थे जो दोनो रूम से अटॅच था। कभी कभी जब बेटे घूमने गये होते थे तो मैं स्टडी रूम मैं बैठ कर कंप्यूटर पे चैटिंग वगेरह कर लेती थी वो भी मुझे मेरी एक फ्रेंड ने सिखाया था।
यू ही दिन निकल रहे थे। मेरे पति को गये हुए 10-12 दिन हो गये थे। मैं रात को कभी अपने रूम से बाहर नही निकलती थी। उस दिन मैं कोई 10 बजे सो गई थी और करीब 1:30 बजे के करीब मेरी आँख खुल गई मुझे लगा जैसे मैने कोई आहट सुनी हो लेकिन रूम में कोई नही था।
मैं बाथरूम गई और पानी पीने के लिए टेबल के पास गई तो देखा की आज मैं अपने लिए पानी रखना ही भूल गई थी। सो मैं पानी पीने के लिए अपने रूम से बाहर निकली और रसोई मैं से पानी लिया और वापिस आपने रूम की तरफ आ गई लेकिन जैसे ही मैं स्टडी रूम के पास पहुँची तो एक दम से रुक गई की स्टडी रूम की लाइट जल रही थी।
मैं हैरान रह गई को की स्टडी रूम की लाइट तो आज मैने खुद ही बंद की थी फिर ये जल कैसे रही थी। मैने जैसे ही दरवाजे के पास पहुँची मुझे अंदर से कुछ आवाज़ें आती हुई सुनाई दी तो मैं हैरान रह गई की अंदर से आह्ह्ह उहहहह की आवाज़ें आ रही थी।
मैं दरवाजा खोलने ही वाली थी की तभी मेरे मन मैं ना जाने क्या आया की मैने दरवाजे पे ना ही कोई दस्तक दी और ना ही दरवाजा खोला बस होल पे आँख लगा दी और जैसे ही मैने अंदर का नज़ारा देखा मेरे तो होश उड़ गये। मैने देखा की अंदर मेरे दोनो बेटे बैठे हुए थे और कंप्यूटर पर एक सेक्सी मूवी देख रहे थे।
दोनो ने अपनी अपनी पेंट उतारी हुई थी और दोनो ही अंडरवेयर पहने घुटनो के बल ज़मीन पे बैठे हुए थे और दोनो ने अपने अपने लंड निकाल के हाथ में पकड़े हुए थे और उन्हे सहला रहे थे। दोनो के लंड करीब 8.5 से 9 इंच लंबे और 3 से 3.5 इंच मोटे होंगे।
मैने देखा की वो मूवी देख रहे थे और छोटा बेटा सुमित जो की अमित से 3 मिनट छोटा था कह रहा था है भाई ये मूवी आप कहाँ से ले कर आए हो बहुत मजेदार है और ये कहते कहते वो दोनो अपने लंडो को आगे पीछे कर रहे थे। मूठ मार रहे थे। मैं बाहर खड़ी उन दोनो के लंडो को निहार रही थी जो की तने खड़े थे।
मेरे मन मैं ये विचार आया की अभी मेरे बच्चे जवान हो गये हैं। मैं अभी ये सब सोच ही रही थी की तभी दोनो के लंडो ने पिचकारी मार दी और दोनो फ्री हो गये और सुमित बोला भाई अब चल के सो जाते हैं। बाकी मूवी कल देखेंगे तो अमित बोला की ठीक है। उन्होने कंप्यूटर बंद कर दिया और मैं झट से वहाँ से अपने रूम मैं आ गई।
मैं सोच रही थी की अब मेरे बेटे जवान हो गये हैं अब की बार जब इनके पापा घर पे आएँगे तो मैं उनसे बात करूँगी और इन दोनो की शादी करवा दूँगी। यही सब सोचते सोचते ही मुझे नींद आ गई। मैं सुबह जब उठी तो दोनो बेटे जिम जा चुके थे। मैने उनके लिए नास्ता तेयार कर दिया और अपने डेली काम पे लग गई।
सारा दिन बीत गया और फिर रात को 9:30 मैं अपने रूम मैं चली गई। आज मैं सोई नही थी जाग ही रही थी बस मैं नाटक कर रही थी सोने का। करीब 12:30 बजे मैं अपने रूम मैं से बाहर आई तो देखा की स्टडी रूम की लाइट जल रही है मैने जब अपनी आख हाल पे लगाई तो देखा की वो दोनो अभी कंप्यूटर ऑन ही कर रहे थे और अमित कह रहा था। सुमित माँ सो गई की नहीं तूने ठीक से देखा की नहीं.
तो सुमित बोला की हाँ मैने देखा है माँ सोई हुई हैं फिर उन्होने मूवी ऑन की और लग गये देखने और साथ ही दोनो ने अपने लंड भी निकाल लिए थे और उन्हे भी मसलने लग गये थे। एक बार तो मेरा मन किया के दोनो को अन्दर जा कर अभी एक एक तपड लगा दूँ लेकिन फिर मैं वहीं पे ही खड़ी सब देखती रही।
और फिर कल रात की तरह आज भी दोनो ने फ्री हो कर कंप्यूटर बंद कर दिया और वो अपने रूम मैं चले गये लेकिन मैं उनसे पहले ही अपने रूम मैं पहुँच चुकी थी। फिर दो दिन वो स्टडी रूम मैं नही आए और फिर उससे अगली रात वही सब हुआ जो पहले दो दिन हुआ था।
अगले दिन वो मुझे ये कह कर गये की माँ आज हम अपने दोस्तों के साथ कहीं बाहर जा रहे हैं शाम को देर से लौटेंगे तो मैने कहा की ठीक है और घर आ कर मैने भी कंप्यूटर ऑन किया और चैटिंग करने लगी। चैटिंग करते करते मेरी बात एक मुंबई के लड़के साहिल से हुई जो की 28-29 साल का था मैं काफ़ी देर उससे बातें करती रही और उसने मुझे अपने और मैने उसे अपनी लाइफ के बारे मैं बताया.
तो वो बोला की फिर तो आप बोर हो जाती होंगी तो मैने कहा की वो तो है तो उसने मुझे हमारी वासना डॉट नेट का लिंक भेजते हुए कहा की आंटी यहाँ पे कुछ कहानियाँ बहुत मजेदार होती हैं। जब बोर हो रहे हौगे तो पड लेना मैने पूछा की ये कैसी कहानियाँ हैं तो बोला की जब आप पड़ोगे तो पता चल जाएगा बहुत मस्त होती हैं। मैने कहा की ठीक है।
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और फिर वो बोले की अभी उसे जाना है हम कल बात करेंगे। मैने कहा की ठीक है और फिर उसने साइन आउट कर दिया। मैने सोचा की मैं क्या करूँ तो मैने वो लिंक पे क्लिक करा तो मेरी आँखें फटी की फटी ही रह गई की वहाँ पे लिखा था सेक्सी स्टोरी जो की देवर्, भाभी, भाई बहन और बाप बेटी की कहानियाँ थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं ना चाहते हुए भी उन्हे पड़ने लगी। मेरा मन नही मान रहा था उन्हे पड़ने को लेकिन फिर भी मैने उन्हे पड़ना बंद नही किया। फिर मैने एक कहानी पड़ी माँ और बेटे की। वो स्टोरी पड़ते पड़ते मैं तो हैरान ही रह गई और मैने कंप्यूटर बंद कर दिया और उठ खड़ी हुई। लेकिन मेरे होश अपनी जगहे पे नही थे की क्या दुनिया मैं ऐसा भी हो सकता है।
फिर मैने रात का खाना तेयार करा और इतने मैं सुमित और अमित भी आ गये फिर हम ने खाना खाया और हम अपने अपने रूम मैं चले गये सोने के लिए। आज मैं रूम मैं जाते ही सो गई लेकिन मुझे नींद नही आ रही थी। रात के 12 बज चुके थे लेकिन मैं जाग रही थी करीब 1 बजे मैं उठी और रूम से बाहर निकली और स्टडी रूम के पास गई लेकिन आज वहाँ पे कोई भी नही था स्टडी रूम की लाइट बंद थी।
आज ना जाने को मेरा मन वही सब दुबारा देखने का हो रहा था। मैं वापिस अपने रूम मैं आ गई और सोने की कोशिश करने लगी पता नही मुझे कितने बजे नींद आई लेकिन सुबह उठी तो दोनो जिम जा चुके थे। अगले दिन फिर मैं जल्दी अपने रूम मैं चली गई और लेट गई। उस दिन भी मेरी आखो मैं नींद नहीं थी।
मैं करीब 1 बजे उठी और स्टडी रूम की तरफ गई तो देखा की लाइट जल रही है मैं झट से के हाल के पास गई और अंदर देखने लगी तो मैने देखा की आज भी दोनो अपने अपने लंड को हिला रहे हैं। लेकिन आज मुझे उन पे गुस्सा नही आ रहा था ना जाने आज ये सब मुझे देखना अछा लग रहा था और मेरा मन कर रहा था की मैं ये सब देखती ही रहूं और मेरा एक हाथ अपनी चूत को भी सहला रहा था।
मुझे लगा की मेरे भी वहाँ पे खुजली होने लगी है। फिर वो दोनो फ्री हो गये और कंप्यूटर बंद कर दिया मैं जल्दी से अपने रूम मैं गई और सीधी बाथरूम मैं गई मैने अपनी नाईटी उपर की और पेंटी उतार कर अपनी चूत मैं उंगली आगे पीछे करने लगी और कोई 5 मिंनट बाद फ्री होकर आपने बेड पे आ गई।
मैने सोने की कोशिश की लेकिन मुझे नींद नही आ रही थी। आज बार बार मेरी आँखों के सामने मेरे बेटों के तने हुए फूंकारते हुए लंड घूम रहे थे। मुझे बार बार वोही सीन याद आ रहे थे। मैने आँखें बंद की तो लगा जैसे सुमित और अमित कह रहे हों आओ माँ आ जाओ हम तुमारी प्यास बुझा देंगे तुम हमारी बुझा दो।
मैने झट से आँखें खोल दी आज वो स्टोरी पड़ने के बाद मेरे मन मैं भी ये ख़याल आने लगे थे की क्या ऐसा हो सकता है की क्या मैं भी अपने बेटों से चुदवा सकती हूँ मज़े ले सकती हूँ। यही सब सोचते सोचते रात निकल गई और सुबह सारा दिन स्कूल मैं मेरा मन नही लगा और मैं जल्दी घर आ गई।
रात को फिर मैने 1 बजे उठ कर देखने की कोशिश की लेकिन आज फिर वो दोनो सो रहे थे। मैं आपने रूम मैं आ गई मेरा मान कर रहा था की मैं भी उन दोनो के बीच मैं बैठ कर आज वो ही मूवी उनके साथ देखूं। ये सब सोचते सोचते मेरे मन ने फ़ैसला कर लिया था की मैं अपने बेटों को पटाने की कोशिश करूँगी और उनसे ही अपनी प्यास बुझाउगी।
अगले दिन मैने स्कूल से छुट्टी ले ली ये कह कर की मेरी तबीयत ठीक नही है और घर पे ही रहने का फ़ैसला किया। जब दोनो बेटे कॉलेज चले गये तो मैने पीछे से वही वेबसाइट खोली और उस पे मन बेटे की और बाकी जो भी थी सभी कहानियाँ पड़ी ताकी ये सोच सकूँ की मुझे अपने बेटों को कैसे पटाना है। और मैने चैटिंग करने की कोशिश की साहिल से लेकिन वो ऑनलाइन ही नही था सो मैने इस वेबसाइट के लिए उसे थैंक्स कहा।
मैं 1 बजे तक कहानियाँ पड़ती रही और फिर मैने सारा प्लान तेयार कर लिया की मुझे क्या करना है। जब वो कॉलेज से आए तो मैं पूरी तरह से रेडी थी। मैने लो कट वाली नाईटी पहन ली थी जो की मैं जादातर तब ही पहनती थी जब मैं रात को अपने पति के साथ होती थी को की उसमे से मेरी ब्रा और पेंटी हल्के हल्के दिखाई देते थे।
और उसका गला इतना नीचे थे की पहनी हुई ब्रा और चूची का उभार गले मैं से अगर मैं थोडा झुक जाऊ तो साफ दिखाई देता था। मैने रात का खाना तेयार किया और टेबल पे लगा दिया और दोनो को आवाज़ लगी खाने के लिए वो दोनो ही टेबल पे आ चुके थे आज से पहले और अब से पहले मैं कभी भी उनके सामने इस नाईटी मैं नही गई थी।
अभी मुझे पहली बार उनके सामने जाना था इस नाईटी मैं। वो दोनो टेबल पे पास पास बैठे हुए थे। जैसे ही मैं खाना लेकर उनके सामने गई तो मुझे देखते ही दोनो की आँखों मैं मैने कुछ चमक सी देखी और दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा और तोड़ा सा मुस्कुरा पड़े लेकिन मैने उकी तरफ देखा नही और उनके बिल्कुल सामने खड़ी हो कर तोड़ा झुक कर उन्हे खाना और सब्जी देने लगी।
मेरे झुकने की वजह से मेरी ब्रा उन्हे सॉफ दिखाई देनी थी मैने देखा की दोनो ही चोर नज़रों से मेरी चूची को ही घूर रहे थे। मैं मन ही मन अपने पे मुस्कुरा उठी की पहली बार मैं ही मैं उन्हे अपना जलवा दिखाने मैं कामयाब हो गई हूँ। फिर हम ने खाना खा लिया और हम टीवी देखने लगे।
आज मैं उनके सामने सोफे पे बैठी हुई थी और मैने देखा की वो भी बार बार मेरी तरफ देख रहे थे लेकिन मैने ऐसे शो किया जैसे मुझे पता ही ना हो फिर वो जब भी मेरी तरफ देखते मैं जान बूझ कर अपनी चूची को तोड़ा सा मसल देती या उन्हे सहलाने लगती और कभी कभी उन्हे अपने हाथों से उपर को उठती।
मैने देखा की मैं जब भी ऐसा करती थी वो मेरी तरफ ही देख रहे होते थे। फिर रात के 9 बज गये और मैं अपने रूम मैं चली गई। ऐसे ही दो तीन दिन बीत गये लेकिन बात इससे आगे नही बड रही थी और ना ही लास्ट तीन दिन से वो रात को स्टडी रूम मैं आए थे।
अगले दिन भी जब हम खाना खाने के बाद टीवी देखने के लिए बैठे तो मैने आज उन्हे अपनी चूची को मसलना तो दिखाया ही साथ ही जब भी वो देखते थे मैं अपनी चूत को भी एक हाथ से सहला देती थी. ऐसे जैसे की खुजली कर रही हू। आज मैने देखा की मैं जब भी उनकी तरफ देखती थी तो वो दोनो ही अपने अपने लंड को सहलाने लगते थे। मुझे लगा की अब बात कुछ आगे बड रही है।
मैने देखा की उनके लंड उनकी पेन्ट मैं तने हुए थे और फंनफना रहे थे मुझे देखते ही वो उन्हे मसल देते थे। फिर करीब 9 बजे मैं अपने रूम मैं चली गई। आज मेरे मन मैं कुछ और ही करने का इरादा था। मैं सो गई 12 बजे बाहर गई लेकिन वो आज भी वहाँ नही थे। सुबह जब मैं उठी तो मैं सब से पहले उनके रूम मैं गई मैने देखा की वो जा चुके थे जिम।
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मैं अपने रूम मैं वापिस आई मैने अपने रूम की टूटी खराब कर दी और नाश्ता बनाने लग गई। जब वो दोनो वापिस आए तो मैने रूम मैं ही उन्हे नाश्ता पकड़ा दिया वो दोनो खाने लगे तो मैने कहा की और कुछ चाहिए तो दोनो ने मेरी बोब्स को घूरते हुए कहा की नही तो मैने कहा की ठीक है फिर मैं आज यहाँ पे तुम्हारे बाथरूम मैं नहा लेती हूँ। मेरे बाथरूम की टूटी खराब हो गई है और अमित से कहा की कॉलेज से आते वक़्त वो प्लमबर को साथ मैं ले आए ताकी वो टूटी ठीक हो सके तो वो बोले की ठीक है।
मैं अपने रूम मैं गई वहाँ से अपनी ब्रा पेंटी और दूसरे कपड़े ले कर आ गई और बाथरूम मैं घुस गई। मैने ये सब सिर्फ़ इस लिए किया था की मैं सिर्फ़ ये देखना चाहती थी की उनपे कुछ असर हुआ भी है की नही अगर उन पे असर हुआ है तो क्या वो अपनी माँ को नंगी देखते हैं की नही अगर नही देखते तो मेरी सारी मेहनत बेकार है।
मैं जैसे ही बाथरूम मैं घुसी मैने अपनी आँखें हांल पे लगा दी और देखा की उन्होने जल्दी से नाश्ता खत्म किया और अमित बाथरूम की तरफ आ गया और सुमित को उसने अपने रूम की तरफ जाने को कहा मैं समज गई की वो उस रूम मैं से मुझे देखेगा जब अमित होल पे झुकने लगा तो मैं पीछे हट गई और मैं अपने कपड़े उतरने लग गई।
अब मैं जान बूझ कर हांल के बिल्कुल सामने ब्रा और पेंटी मैं खड़ी थी। फिर मैने धीरे से ब्रा उतारी और फिर पेंटी भी उतार दी और मैने शावर ऑन कर दिया। अब मैं कभी सुमित को और कभी अमित को अपनी चूत के दीदार करवा रही थी। मेरी चूत पे काफ़ी बॉल उगे हुए थे। मुझे पता था की दोनो ही बहुत बेताब हो कर अपनी माँ को नहाते हुए देख रहे होंगे।
मैने दोनो के सामने खूब मसला अपनी चूची को और अपनी चूत को और फिर नहा कर कपड़े पहनने लगी। जब मैं बाहर आई तो अमित और सुमित बेड पे बैठे हुए थे। मैने दोनो की तरफ हल्की सी मुस्कान उछालते हुए पूछा नास्ता कर लिया बचो तो वो बोले की हाँ कर लिया।
फिर मैं अपने रूम मैं गई। अब मुझे तसल्ली थी की मैं जल्दी ही कामयाब होगी। फिर रात को हम टीवी देखने के बाद अपने अपने रूम मैं चले गये और मैं सोने का नाटक करने लगी। करीब 12:30 बजे मैं उठी और स्टडी रूम की तरफ गई और वहाँ पे जाते ही मेरी आखें चमक उठी की मैने देखा की स्टडी रूम की लाइट जल रही थी।
इसका मतलब था की वो दोनो ही अन्दर हैं मैने के हांल से आखें सटा दी मैने देखा की उनके लंड तने हुए हैं और उनके हाथों मैं हैं वो मस्त हो कर मूठ मार रहे थे। तभी मेरे कानो मैं सुमित की आवाज़ पड़ी वो बोला की भाई आप से एक बात कहूँ तो नाराज़ तो नही हो जाओगे तो अमित बोला की पागल है तू आज तक मैं नाराज़ हुआ हूँ कभी तुज़से भला बोल क्या बात है।
सुमित बोला भाई बात ये है की क्या तुम्हे नही लगता की आज कल माँ कुछ सेक्सी सी होती जा रही हैं। अमित बोला की वो कैसे तो सुमित बोला आज कल वो नाईटी देखी है आप ने उनकी तो अमित बोला की पगले एक बात मैं कहूँ तो सुमित बोला की कहिए तो अमित बोला की जो भी है हुमारी माँ है बड़ी मस्त चीज़ हमारी माँ का फिगर बहूत कमाल का है।
अरे पगले मेरा तो मन करता है की आज ये मूवी बंद कर और माँ के नाम पे मूठ मार लू तो सुमित बोला की मन तो मेरा भी ऐसा ही है और उनकी ये बातें सुन कर तो मैं मस्त हो उठी थी की मेरा तीर निशाने पे लगा है अब मेरे दोनो बेटे मेरे नाम पे मूठ मारने को तेयार हैं और अगर मैं ज़रा सा इशारा दू तो वो मुझे चोदने में भी परहेज़ नही करेंगे।
फिर वो फ्री हो गये और मैं झट से अपने रूम मैं आ गई। अब मेरी आँखों के सामने नये नये सपने सजने लगे थे की कैसे मैं अपने दोनो बेटों के साथ रातें बिताऊगी। आज फ्राइडे था और मैने फ़ैसला कर लिया था की कल को मैं अपने दोनो बेटों से चुदवा के ही रहूंगी और फिर सारा सन्डे हम पूरी ऐश करेंगे और मैं अपनी सारी कसर पूरी कर लूँगी।
अगले दिन मैं स्कूल गई लेकिन स्कूल से जल्दी ही वापिस आ गई और सब से पहले मैने अपनी चूत पे उगे हुए बालों को सॉफ किया और अपनी चूत को बिल्कुल चिकनी बना लिया और अपने बेटों के आने का इंतज़ार करने लगी मेरा इरादा था की आज मैं उन्हे मुझे चोदने के लिए तेयार कर लूँगी और सारी रात ऐश करूँगी उनके साथ. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
वो भी आज तोड़ा जल्दी ही आ गये थे। जब वो आए तो मैं अपने रूम मैं लेटी हुई थी। दोनो ही मेरे पास आ कर बैठ गये और पूछा की माँ क्या बात है तो मैने कहा की आज तबीयत ठीक नही है थोड़ी कमर दर्द कर रही है और टाँगें भी दुख रही हैं। मैने अमित से कहा की अमित मेरी कमर दबा दो और सुमित तुम ज़रा टाँगें दबा दो तो वो बोले की हम चेंज कर के आते हैं और वो चेंज करने चले गये.
और जब वापिस आए तो दोनो ने लोवर और शर्ट्स पहनी हुई थी। अमित मेरे पास आ कर मेरी पीठ दबाने लगा और सुमित मेरी टाँगें दबाने लगा दोनो का स्पर्श पाते ही मेरी चूत किलकारियाँ सी मारने लगी थी की वा अगर आज ये मान गये तो मज़े ही मज़े होंगे। फिर सुमित मेरी पीठ दबाने लगा और बीच बीच मैं कभी कभी मेरे चूतड़ भी दबा देता था।
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जब और सुमित भी टाँगें दबाते दबाते कभी कभी मेरे चुतड़ों के बीच मैं हाथ लगा देता था उनके ऐसा करने से मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था। करीब 1 बज चुका था। फिर धीरे धीरे अमित और सुमित दोनो ही मेरे चुतड़ों को दबाने लग गये मैं कुछ भी नही बोली और मज़े से लेटे रही मैं तो चाहती ही थी की वो आगे बड़े की तभी दोनो ने मेरी टाँगों को सहलाना शुरू कर दिया।
मैं एक दम से सीधी हो गई तो वो एक दम से डर गये तो मैने हंसते हुए कहा की क्या हुआ तो बोले की कुछ नही तो मैने कहा की एक बात कहूँ वो बोले कहिए तो मैने कहा की जो तुम दोनो कर रहे थे मुझे बहुत मजा आ रहा था जरा फिर से करो ना और अब मैं उनके सामने सीधी लेटी हुई थी।
दोनो ने एक दूसरे की तरफ देखा और फिर दोनो ही मेरी टाँगें सहलाने लगे और सुमित ने तो झट से अपना एक हाथ मेरी चूची पे रख दिया और लगा उन्हे मसलने मैने नाईटी ही पहनी हुई थी। अब सुमित और अमित दोनो ही मेरी एक एक चूची को सहला रहे थे तो मैने उनसे कहा की बेटा क्या क्या चाहिए तो दोनो एक साथ बोले माँ दूध पीना है.
तो मैने कहा की तो फिर देख क्या रहे हो पी लो क्या माँ कभी अपने बेटो को दुदू पीने से माना करती है भला। मैं तो मस्त हो रही थी पूरे मूड मैं थी मैं। दोनो ने ही मुझे उठा कर मेरी नाईटी उतार दी और फिर ब्रा भी उतार दी और दोनो ही एक एक बोब्स को चूसने लगे मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था। मैं मस्त होने लगी थी मेरी चूत मैं हलचल होने लगी थी।
फिर मैने उनसे कहा की अपने अपने कपड़े उतार दो तो दोनो ने ही अपने अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ अंडरवेयर मैं ही रह गये। फिर से वो मेरे बोब्स चकने लगे और इस बार उन्होने मेरी पेंटी भी नीचे कर दी और दोनो ही मेरी चूत को भी सहलाने लगे।
उनके लंड उनके अंडरवेवर मैं फंनफना रहे थे मैने दोनो के अंडरवेयर के बीच मैं ही दोनो के लंडो को पकड़ लिया और सहलाने लगी और उनके लंडो को पकड़ते ही मुझे लगा जैसे मैं कोई गरम रोड पकड़ी हो दोनो के लंड रोड की तरह गर्म थे। फिर मैने उनके अंडरवेयर उतार दिए अब हम तीनो बिल्कुल नंगे थे।
अमित बोला की माँ मुझे आपकी चूत चाटनी है तो सुमित बोला की मुझे अपना लंड चुसवाना है तो मैने कहा की जो दिल करता है करो मैने तुम्हे कब मना किया है। फिर अमित मेरी टाँगों के बीच मैं आ गया और मेरी चूत को चाटने लगा और सुमित ने अपना लंड मेरे मूह मैं घुसा दिया अमित मेरी चूत को ज़ुबान अन्दर डाल डाल के चाट रहा था और कभी मेरी चूत को भी चूसने लगता था।
अब मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था मैं सिसकने लगी थी। सुमित का लंड मूह मैं होने की वजह से मेरे मूह से गून गून की आवाज़ें आ रही थी। सुमित ने मेरे मूह से अपना लंड निकल लिया तो मैं दोनो के लंडो को सहलाने लगी। और कह रही थी आ हाईईइ मेरे बेटो अहह खूब चूसो अपनी माँ को आ है उफफफ्फ़ अहह क्या गजब है अहह अहह हाई उफफफफफफ्फ़ बुझा दो आज मेरी आग हाईईईईईईईईई हाईईईईईई ह अफ ओह और ज़ोर से अहह अमित बेटा बहुत मज़ा आ रहा है आ हाईईईईई ओह उफफफफफफ.
और वो तो बस दोनों लगातार लगे हुए थे मेरी चूत ओट बोब्स को चाटने। फिर अमित मेरी चूची को दबाने लगा और सुमित मेरी टाँगों के बीच पहुँच गया और मेरी चूत को चूमता हुआ बोला की माँ क्या हम दोनो यहीं से निकले हैं तो मैने कहा की हाँ तुम दोनो यहीं से निकले हो बस फिर क्या था।
उसने मेरी चूत मैं अपनी ज़ुबान पूरी घुसा के अंदर बाहर करने लगा मैं मस्ती की चरम सीमा पे पहुँच गई और आ हाईईइ उफफफफ्फ़ आ है सुमित बेटा बहुत मज़ा आ रहा है। अहह ओफफफफफ और ज़ोर से बेटा तो वो दोनो बोले की माँ असली मज़ा तो अभी आएगा जब हम दोनो आपको चोदेगे तो मैने कहा की सच मैं बेटा अहह अहह उफफफफ्फ़ और ज़ोर से आ पी जाओ अपनी माँ का दुदू इसी से ताक़त मिलेगी अहह तो वो बोले की मॉम आपके दूध की ताक़त ही तो दिखानी है.
आज आपको और मैने कहा हाँ बेटा दिखा दो अहह उईईईईईईईई इ इ इ माआआआ उफफफफफफ्फ़ और सुमित तो कमाल ही कर रहा था वो तो मेरी चूत को ऐसे चूस रहा था जैसे की लोलीपॉप हो मैं पूरी तरह मस्त हो कर मज़े ले रही थी। और वो दोनो मुझ पर ऐसे टूटे हुए थे जैसे मुझे खा ही जाएँगे मैं तड़प रही थी सुमित इतने प्यार से मेरी चूत को चाट रहा था की उसके पापा ने भी कभी नहीं चाटी थी ऐसे और मैं कह रही थी।
आह तुम तो आहह अपने पापा से भी अहह अच्छी चाटते अहह हो बेटा आ उफफफफ ओह हाईईईईईईईउ उ उ उ अहह अहह अहह अहह बहुत मस्त कर रहे हो मुझे अहह अहह और अब मैं बहुत ही बेचैन हो रही थी मेरी कमर उठ उठ कर उन्हे मुझे चोदने का निमंत्रण दे रही थी।
अब मुझसे रहा नही जा रहा था क्युकी की दो जवान लंड थे मेरे सामने मेरी चूत भी गिली हो चुकी थी। सुमित उसे चाटता हुआ बोला की माँ आपकी चूत चिप छिपी सी को हो रही है तो मैने कहा की बेटा ये चिप छिपी नही हो रही है ये तुम दोनो के लंडो को देख कर उनसे चुदवाने के लिए लार टपका रही है बेकरार है ये अब तुम दोनो से चुदवाने को।
सो मैने कहा की अहह बेटा अब चोद भी दो अपनी माँ को अहह अब रहा नही जा रहा है अहह प्लज़्ज़्ज़्ज़ जल्दी करो अहह हाईई उफफफफफ्फ़ मत तड़पाओ अब। तो एक बेटा बोला की माँ तोड़ा और चाटने दो बहुत मज़ा आ रहा है आपकी चूत को चाटने मैं और फिर से ज़ुबान घुसा दी उसने मेरी चूत मैं तो मैने कहा की अहह हाई तुम दोनो भी ना बिल्कुल अपने पापा पे गये हो.
तो वो बोले की वो कैसे तो मैने कहा की वो भी बिल्कुल तुम्हारी तरह ही मेरी चूत चाटते हैं और मुझे अपना लंड चुसवाते हैं और बहुत तड़पाते हैं मुझे चोदने मैं। अहह बेटा आज अपनी माँ को तोड़ा जल्दी चोद लो फिर तो रोज मैं तुम्हारे पास ही हूँ जब भी चाहोगे जितनी चाहोगे चाट लेना मेरी चूत को मैं मना नही करूँगी बस आज मुझे जल्दी चोद दो.
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तो दोनो बोले जो हुकम आपका और दोनो ही उठ कर खड़े हो गये। मैं भी उठ कर बैठ गई मैने देखा की दोनो के लंड मेरी चूत को ही निहार रहे थे और खूब हँस रहे थे की आज उसे चोदेगे और खूब मज़े करेंगे मैने दोनो के लडों को हाथ मैं पकड़ा और बोली की हाईईईईईई तुम्हारे तो तुम्हारे पापा से भी बड़े हैं बहुत मज़ा आएगा।
तभी अमित बोला माँ आप घोड़ी बन जाइए सुमित आपकी नीचे से चूत मैं लंड घुसाएगा और मैं आपकी गांड मारूँगा। तो मैने कहा की नही बेटा ऐसे ही बारी बारी चोदो मुझे तो अमित बोला की माँ मुझे पता है की आपको घोड़ी बन के चुदवाने मैं बहुत मज़ा आता है तो मैने एक दम उसकी तरफ देखा तो वो मुस्कुरा रहा था।
मैने उसे कहा की तुम्हे कैसे पता तो बोला की माँ अभी मूड खराब मत करो जल्दी करो देखो ना हमारे लंड कैसे तेयार खड़े हैं आप को चोदने के लिए वो सब मैं आपको बाद मैं बताऊंगा। अभी आप जल्दी से घोड़ी बन जाइए मैने भी देर करना ठीक नही समझा और झट से घोड़ी बन गई तो पहले सुमित मेरे नीचे आ गया उसने दो तकिए रखे अपनी पीठ के नीचे और अपने लंड को मेरी चूत पे टिका दिया।
ऐसा करने से पहले उसने तोड़ा तेल लगा लिया था अपने लंड पर। मैने उसे कहा की यहीं पर क्यूं रोक दिया बेटा अन्दर भी डाल दो तो वो बोला की नही माँ मैं और भाई एक साथ ही चोदेगे आपको और उधर अमित ने अपने लंड पे तेल लगा लिया था और उसने भी अपने लंड को मेरी गांड के छेद पे रख दिया और बोला की सुमित जैसे ही मैं तीन बोलूँगा एक साथ ही माँ की गांड और चूत मैं हमारे लंड होने चाहिएं।
तो सुमित बोला की ठीक है और फिर तीन कहते ही दोनो ने एक जबरदस्त ज़टके से अपने लंड घुसा दिए मेरी गांड मैं और चूत मैं और मैं भी तड़प उठी और मेरे मूह अआहह मर गई निकल गया। सुमित के लंड से तो कम लेकिन अमित के लंड ने गांड मैं जाते ही दर्द ज़रूर हुआ था।
दोनो बोले अरे माँ कोई बात नही और अमित बोला की देखो सुमित मैने तुम्हारी माँ की गांड मैं लंड घुसा ही दिया है तो सुमित बोला की भाई मैने भी आपकी माँ की चूत मैं अपना लंड पहुँचा ही दिया है। मैं उनकी बातें सुन कर हैरान थी की ये क्या बातें कर रहे हैं की वो बोले माँ अभी सिर्फ़ मज़ा लो बाद मैं आप को सब कुछ बताते हैं.
तो मैने कहा की क्या बताओगे तो बोले की बाद मैं और ये कहते ही सुमित मेरी एक चूची को मसलने लगा और एक को अमित मसलने लगा और दोनो बारी बारी से मारने लगे। एक अपना लंड बाहर करता था तो दूसरा अंदर कर देता था। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मैं सोच रही थी की वा क्या किस्मत है कभी एक लंड के लिए भी तरसती थी और आज दो दो एक साथ मिल गये हैं।
दोनो ही अपनी अपनी स्पीड थोड़ी थोड़ी बड़ा रहे थे और मैं मस्ती मैं चूर होती जा रही थी एक लंड मेरी चूत मैं और एक गांड मैं अठखेलिया कर रहा था वो मेरी चूत और गांड की लंड से रगर खा रहे थे। मैं बहुत खुश थी मैं आहहें भर रही थी। हर धक्के पे कर रहे थे ये लो और मैं अहह ये लो।
उफफफफ ओह हाईईईईया हह अहह उफफफ और ज़ोर से मेरे अहह बचूऊऊऊऊ अहह हाईईई और ज़ोर से उफफफफफ्फ़ आजज्ज हाईईईईईई इतना मजाआाआआ अहह ऊ अपनी माँममम्मममम की अहह उसकी सरीईईईई उउउफफफफ पायस्स्स्स्स्सस्स अहह डू अहह अफ हाईईईईईईई और ज़ोर अहह सीईईईईईईईई और वो लगातार स्ट्रोक पे स्ट्रोक मार रहे थे। अब उनकी स्पीड बडने लगी थी यह लो आह ये लो आह ये लो आह ये लो उफ़ ये लो हाईईइ ये लो अहह ये लो आह ये लो.
है उफ़ आह आह आह आह आह आह आहा ह आहा हा हा हा आह आह आह आह उफफफफफ्फ़ और तेज है उफ़ आ अहह अफ उई माँ हाई ह आह आह आह हा है मर गैईईईईई अहह आ उफफफफ ओर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर ओर्र्र्ररर हाईईईईई अहह अहउफफफ है और तेज अरे बचूऊऊ अहह हाईईइ तुम तो दोनों हाईईईईई अपने पापा से हा अच्छा हाआआआआ ईये अहह है चोदते हाअहह हो हाई और तेज आ आह है और बहुत आ मजा दे रहे हो आह आ और फिर दोनो की स्पीड बहुत ही बड गई थी
अब वो बारी बारी से नही एक साथ ही धक्के मार रहे थे और मैं आह है है आह आहा अहहहहहहाहा हाहाहई अहहा है है अहहहहाीयहहाीोह अफ अहहहहहहहहहहाहा कर रही थी और फिर मेरी चूत ने पानी निकाल दिया और दो तिन झटको के बाद सुमित ने भी मुझे कस के पकड लिया और उसका भी पानी निकल गया लेकिन अमित अभी भी धक्के मार रहा था.
और फिर 4-5 धक्के मार कर वो भी फ्री हो गया और मेरे उपर ही लेट गया। कोई 15 मिंनट के रेस्ट के बाद दोनो बोले की कहिए माँ कैसा लगा पापा से अधिक मज़ा आया की नही तो मैने कहा की बहुत मज़ा आया बल्कि तूने तो अपने पापा से भी अधिक मज़ा दिया पर अब बताओ की बात क्या थी. तो अमित बोला की माँ बात ये है की आप सोचती हो की आप ने तेयार किया है आपको चोदने के लिए लेकिन ये सारा प्लान हम दोनो का ही था आपको चोदने का.
तो मैं हैरान हो गई मैने पूछा की वो कैसे तो अमित बोला की माँ बात ये है की आज से 4 माह पहले जब पापा आए थे तो पहले दिन मैं जब रात को उठा तो मैने आपके रूम मैं से आवाज़ें आती सुनी तो मेरा मन किया अंदर देखने का और मैने के हांल मैं से पापा को आपकी चूत चाटते और आपको उनका लंड चुसाते देखा और फिर अपने पापा को कहा आपका मनपसंद स्टाइल जो है आज उसी मैं चोदीय तो पापा ने कहा की ठीक है।
और फिर आप घोड़ी बन गई फिर मैने नेक्स्ट दिन ये सब सुमित को भी बता दिया और फिर तिन दिन हम दोनो ने ये सब देखा तब तक हमारे मन मैं आपको चोदने का कोई विचार नही था लेकिन 1 माह बाद मैने और सुमित ने भी वो साइट देखी और कहानियाँ पड़ी और हमारे मन मैं भी आपको चोदने का विचार पनपने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
और फिर उसके बाद पापा के आने से 10 दिन पहले आपको याद है जब मैं लेट हो गया था और सुमित मेरे से बाद मैं आया था तो आप स्टडी रूम मैं थी लेकिन जब मैने डोर बेल बजाई तो आप चैटिंग करती हुई गई और मेरे लिए चाय बनाने चली गई लेकिन आप ने उस दिन अपनी आई डी लोग आउट नही की थी मुझे नेट पे तोड़ा काम था सो मैं वहाँ पे गया तो आपकी आई डी देखी तो समज गया की आप भी चैटिंग करते हो.
सो मैने आप की आई डी नोट कर ली लेकिन कुछ नही बोला और फिर उस दिन जब पापा आए थे तो हम वो ही सब देखने के लिए आपके रूम के बाहर खड़े थे लेकिन पापा का फोन आने की वजह से आप का सारा काम बीच मैं ही रह गया था। आप ने पापा की मिनते की के ऐसे तड़पता हुवा मत जाओ लेकिन वो नही रुके उस रात मैने और सुमित ने वो कहानी याद की मन की आग बुझाई हम दोनो ने फ़ैसला कर लिया की आप की आग बुझाएँगे.
और वैसे भी अब हमारे लंड आपकी चूत को पापा से चुदता हुआ देख कर बेचैन हो रहे थे आपको चोदने के लिए। फिर उस रात जब आप उठ कर बाहर आई तो आपकी नींद टूटी नही थी हमने डोर लोक किया था और फिर आप को याद है उस दिन हम ने कहा था की पानी हमने रख दिया है लेकिन रखा नही था।
हमे पता है की आप उठ कर पानी पी बिना सोती नही हो और फिर हमने आप को अपने लंड दिखाए लेकिन दो चार दिन आप का कोई रेस्पोंस नही था। फिर उस दिन हमने बाहर जाने की बात की मुझे पता था की आप नेट पे चैटिंग करोगी अगर हम घर पे नही होंगे तो इस लिए मैने साहिल के नाम से आई डी बनाइ और आप से चैटिंग की और फिर आप को वेबसाइट बता कर ऑफलाइन हो गया। और फिर जब आपने वो सेक्सी कहानी पडी तो हम समज गये की काम बन गया है.
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और फिर आगे तो आप जानती ही हो। मैं उनकी बातें सुन कर हैरान थी लेकिन खुश भी थी की मेरे बच्चो ने आज मेरी आग बुझा दी है। मैने दोनो को बाहों मैं भर लिया और कहा की तुम ने अपनी माँ को पाने के लिए इतना कुछ किया अब मुझे कोई परवाह नही है। अब तुम सिर्फ 2 या 3 दिन ही प्यासे रहा करोगे तुम्हारे पापा के आने पे वरना हम तीनो एक साथ एक ही बेडरूम मैं सोया करेंगे तो दोनो बोले की ठीक हैं माँ चलिए अब ज़रा दुबारा एक शिफ्ट हो जाए अबकी बार मैं चूत मारूँगा और सुमित गांड मारेगा. और मैने कहा की ठीक है बच्चो.
और ये कहते हुए वो फिर मेरे जिस्म से खेलने लगे और अब हम रोज रात का खाना खाने के बाद अपने कपड़े उतार देते हैं और रात को रोज खूब मस्ती करते हैं। अब तो सिर्फ़ एक माह मैं मैं सिर्फ़ तिन या चार दिन पीरियड के दिनों मैं ही चूत मरवाने से बच पाती हूँ। वरना दोनो मुझे चोदे बिना सोते ही नही हैं लेकिन पीरियड के दिनों मैं भी दोनो मुझे अपना अपना लंड चुसवाने से बाज नही आते बल्कि दो दो बार अपना सारा पानी पीला देते हैं मुझे और मुझे भी बहुत अच्छा लगता है। अब मुझे इनके पापा का भी इन्तजार नही रहता है। ये दोनो मुझे भरपूर आनंद देते हैं।
Chhoti maa says
Sambhavi maa aap bahut sexy ho. Maza aa gya padh kar
Bablu says
Bhut maza aaye
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