Office Girl Romance XXX
मै शोभित आप सभी का बहुत बहुत स्वागत करता हूँ। मै हमारी वासना डॉट नेट का नियमित पाठक रहा हूँ। आज मै आप सभी को अपने जिन्दगी का महागाथा सुनाने जा रहा हूँ। मेरी उम्र लगभग 21 साल होगी और कद 6 फीट। मेरा रंग गोरा और काफी फिट बॉडी है मेरी। Office Girl Romance XXX
वैसे तो मै देखने में कुछ खास स्मार्ट नही हूँ लेकिन जब कोई लड़की मेरी तरफ देखती है तो मै हल्का सा मुस्कुरा देता हूँ जिससे लड़कियां समझती है की ये मुझे काफी देर से देख रहा है और कभी कभी तो मुझसे आकर तुरंत ही बोलने लगती है।
मैंने अपनी अपनी जिन्दगी में कुछ ही लडकियो को चोदा है लेकिन जिन जिन को चोदा है वो सब मेरी उस चुदाई को भूल नही पी होंगी। क्योकि मेरा लंड काफी मोटा और लगभग 9 इंच लम्बा होगा। मुझे लगता था कि, मुझसे कभी भी कोई भी लड़की नहीं पटेगी लेकिन जैसे जैसे मै बड़ा होने लगा थोडा और भी अच्छा दिखने लगा।
और मेरे भी भाग्य खुलने लगे थे क्योकि मुझे कई लड़कियां पसंद करने लगी थी। सबसे पहले एक लड़की ने मुझे प्रपोस किया जब मै दुसरे कॉलेज में पढने के लिए गया था। तब मैंने पानी जिन्दगी की पहली चुदाई की थी। मुझे तो बहुत ही मज़ा आया था क्योकि वो मेरी पहली चुदाई थी।
और फिर धीरे धीरे जब मैंने चुदाई के बारे में बहुत कुछ जान गया तो मै जब किसी की चुदाई करता था तो वो लड़कियां तो रोने लगती थी क्योकि मै बहुत ही तेजी से और जैसे किसी जानवर की तरह से किसी की चुदाई करता हूँ। मेरा लंड तो रुकने का नाम ही नही लेता था जब एक बार किसी की चुदाई करना शुरु कर देता था।
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कुछ दिन पहले की बात है, मेरे पास पैसे खत्म हो गए थे, और मेरे बैंक अकाउंट में पैसे पड़े थे तो मैंने सोचा की निकाल लूँ खर्चा ही चल जाये किसी तरह से। क्योकि मेरी सैलरी मिलने में थोडा टाइम बचा हुआ था। दूसरे दिन मै जल्दी बैंक में पहुँच गया।
मैंने विड्राल फॉर्म भर कर जमा किया। कुछ देर बाद वहां बैठी एक मैम ने मुझे आवाज़ लगाई। जब मै उनके पास गया तो उन्होंने मुझसे कहा – “तुम्हारा अकाउंट बंद है अपना आधार कार्ड लगाओ तभी पैसे निकल पायेगा?? और उसपर अपना फोन नम्बर और साइन भी कर देना।
मैंने जब उनको देखा वो क्या लग रही थी। उनके होठ बिल्कुल लाला थे और बड़ी बड़ी आंखे उनको देखने के बाद मै तो केवल उनको हो देख रहा था। मैंने अपना आधार कार्ड लगा दिया और मैम से कहा – एक बात कहूँ अगर आप बुरा ना माने तो??
तो उन्होंने अच्छा कहो – क्या बात है।
मैंने उनसे कहा – “मैम आज आप बहुत अच्छी लग रही है”।
तो उन्होंने हस्ते हुए कहा – “हाँ मै तो स्मार्ट हूँ ही लेकिन थैंक्स”।
मैंने उनसे फिर से कहा- एक बात और पूछ सकता हूँ।
तो उन्होंने कहा – नही अब कुछ नही पूछ सकते हो।
मै थोडा उदास हो गया था तो उन्होंने मुझसे कहा अच्छा पूछो – मैंने उनसे कहा आप की शादी हो गई है या नही??
तो उन्होंने कहा – तुमसे क्या मतलब।
फिर मैंने कहा – आप के घर शादी के लिये रिश्ता लेके आना है अपना।
तो वो हसने लगी और मुझसे कहा – तुम बहुत मजाकिया हो।
मेरे मन में तो केवल एक ही बात चल रही थी अगर कहीं मुझे ये मिल जाएँ तो इनको चोदने में कितना मज़ा आयेगा। कुछ देर बाद मुझ पैसे मिल गए तो मै वहां से चला आया। मैंने कभी भी नही सोचा था की मै बैंक वाली मैम को चोद पाउँगा।
धीरे धीरे दिन बीत गया और रात हो गई मैं खाना खाकर लेट गया था, और तभी मेरे फोन पर एक अनजाने नम्बर से फोन आया। मैंने सोचा इतने टाइम किसका फोन आ गया। मैंने फोन उठाया, तो एक लडकी की आवाज़ थी मैंने उनसे पूछा कौन बोल रहा है।
उसने बताया मै तो प्रिया बोल रही हूँ लेकिन आप शोभित बोल रहे है क्या?? मैंने कहा हाँ मै ही बोल रहा हूँ लेकिन मै तो किसी प्रिया को नही जनता हूँ। पहले तो उसने मुझसे कुछ देर तक खेलती रही फिर बताया मै बैंक वाली मैम बोल रही हूँ जिसके घर तुम रिश्ता भेजवाने वाले थे।
मैने उनसे पूछा कि आप को मेरा नम्बर कैसे मिला। तो उन्होंने बताया की तुमने जी तो अपने आधार कार्ड पर लिखा था वहीँ से मिल गया। मै उनसे बहुत देर तक बाते करता रहा। धीरे धीरे हम लोग रोज बातें करने लगे और थोड़ी गन्दी बातें भी करने लगे थे।
जिससे मेरा तो लंड काफी मूड में आ जाता था। एक दिन मैंने प्रिया से फोन पर कहा – यार मेरा मन तुमसे मिलने को कह रहा है कहीं पर मिलते है। तो प्रिया ने कहा – “हाँ मेरा भी मन भी तुमसे मिलने को कह रहा है”।
कुछ देर बात करने के बाद प्रिया ने मुझसे कहा – “सुनो मै यहाँ रूम लेकर अकेली ही रहती हूँ इस वाले रविवार को जब छुट्टी रहेगी तो तुम सुबह जल्दी ही आ जाना और फिर हम लोग साथ में खाना खायेंगे और तुमसे बहुत सारी बातें भी हो जायेगी”।
मै तो खुश हो गया था, मैंने कहा ठीक है रविवार को मिलते है। धीरे धीरे रविवार आ गया और मैं उस दिन तैयार होकर सुबह ही प्रिया के घर पहुँच गया। जब मै उसके रूम पर पहुंचा तो मैंने देखा की उसका कमरा बहुत ही साफ सुथरा था।
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मैंने उससे कहा – “यार तुम्हारा घर तो बहुत ही अच्छा है”।
और फिर हम दोनों बैठ कर बाते करने लगे। मै उसको अपनी चोदने वाली आँखों से देख रहा था। और उसकी चूची और होठो को देख कर मेरा लंड तो बिल्कुल खड़ा हो गया था। मैंने बातो ही बातो में उससे कहा – “तुम आज तो और भी गजब की लग रही हो”।
मै उससे इतना खुल कर बात करने लगा था की कुछ भी कहने से पहले सोचता नही थी। मैंने प्रिया से कहा – “मेरा मन तो तुम्हारे होठो को चूमने को कर रहा है”। मै जानता था की हम दोनों ही घर में है और एक जवान लड़का और जवान लड़की के बीच में कुछ भी ही सकता है।
मैंने अभी तक उसको प्रपोस नही किया था लेकिन मेरी इस बात पर प्रिया ने मुझसे कहा – तुम अपने आप समझते क्या हो तुम जो चाहोगे तुमको वो मिल जायेगा?? और वो धीरे धीरे मेरी तरफ बढते हुए मेरे होचो को चूम लिया, और मुझसे कहा – “तुम बहुत ही धीरे चलते ही मै कब चाहती थी की तुम मुझे किस करो और अब जाकर कह रहे हो”।
जब मैंने उसकी बातें सुनी तो मेरे मन में लड्डू फूटने लगा। मैंने जल्दी से उनको अपने बाँहों में भरते हुए जल्दी जल्दी उनके होठो को चूमने लगा। मैंने कुछ ही देर में उनके निचले होठो काटने लगा और साथ में चूसने भी लगा।
मैं सोफे पर बैठ था और मैंने प्रिया को अपने जन्घो पर बैठ लिया और उसके होठो को बड़े जोश में पीने लगा। मेरा लंड खड़ा था और वो प्रिया के जांघ में लग रहा था। जिससे मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। प्रिया भी लगातार मेरे मेरे होठो को काट काट कर पी रही थी।
मैं बहुत ही जोश में था, और उसके होठो को पीने के साथ साथ मै अपने हाथ को उसके टॉप में डालने लगा। मेरा हाथ उसके चिकने पीठ को सहला रहे थे और साथ में मै उसके होठो को पीने में लगा हुआ था। कुछ देर बाद जब हम बहुत ही जोश में आ गये तो मैंने उसको अपने गोदी में उठा लिया और किस करते हुए उसको बेड तक लगाया।
और उसको बेड पर लिटा दिया और उसके पैरो को चुमते हुए उसकी चूत को सहलाते हुए मै उसके मम्मो तक पहुँच गया। मै बहुत ही बेकाबू हो रहा था। मैं अपने कपडे उतारने लगा साथ में मैंने कुछ देर बाद प्रिया के भी कपडे निकालना शुरु कर दिया।
मैंने पहले उसके टॉप को निकाला और फिर उसके लोवर को भी निकाल दिया। उसने उस दिन लाल रंग की पैंटी और नीले रंग का ब्रा पहना था। उसकी गोरी गोरी चूचियां उसके नीले रंग के ब्रा में बहुत ही खुबसूरत लग रहे थे। मैंने अपने हाथो को उसकी चूचियो की तरह बढ़ाते हुए उसकी चूचियो को पकड़ लिया और मसलने लगा।
जब मैंने उसकी चूचियो को अपने हाथो में पकड़ लिया तो मुझे बहुत अच्छा लगा क्योकि उसकी चूचियां काफी सुडोल और बहुत ही चिकनी थी। मैंने प्रिया की चूचियो को पहले तो कुछ देर तक दबाया और फिर कुछ देर के बाद मैंने उसको अपने मुह में लेकर पीने लगा।
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जब मैंने प्रिया की चूचियो को पीना शुरु किया तो सिसकने लगे। जब मै उसकी चूचियो को पी रहा था तो साथ में मै उसकी चिकनी कमर को भी सहला रहा था और धीरे धीरे मेरे हाथ उसकी चूत तक पहुँच गए। अब तो मै और भी जोश में आ गया था.
मैंने उसकी चूचियो को पीते हुए अपने अपने हाथ को उसकी पैंटी के अंदर डाल दिया और उसकी चूत को सहलाते हुए अपने उंगलियो को उसकी चूत में डाल दिया। अब तो प्रिया और भी तेजी से सिसकन लगी थी क्योकि मै उसकी चूचियो को पीने के साथ उसकी चूत में उंगली भी करने लगा था।
मैंने अपने उंगलियो को उसके बुर के दाने में बार बार लगा रहा था जिससे प्रिया तडपने लगी। मैं उसकी चुचियो को जोश में जोर जोर से काटने लगा था और साथ में उसकी चूत में उंगली भी कर रहा था। जिससे प्रिया …अहह अह उनहूँ. ओह ओह करके सिसकने लगी थी।
कुछ देर बाद मैंने उसके मम्मो को मसलते हुए धीरे धीरे उनके कमर को चूमते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगा। और उसके नाभि को पीते हुए मैं प्रिया के कमर को भी पीने लगा। कुछ देर बाद जब मैं उसके चूत के पास पहुँच गया।
तो मैंने उसकी पैंटी को खींच कर निकल दिया और उसकी रसीली और काफी साफ चूत को देखकर मैं और भी ज्यादा बेकाबू होने लगा था। और मै ने प्रिया की टांगो को फैला दिया और अपने मुह को उसकी चूत में लगा कर अपने जीभ से उसकी चूत के दाने को चाटने लगा जिससे वो और भी ज्यादा कामातुर हो कर अपने मम्मो को दबाने लगी।
मै बार बार उसकी चूत को चाट रहा था और कुछ देर बाद मै अपनी जीभ को उसके बुर में डालने लगा। अब तो वो और भी कामोत्तेजित हो गई और सिसकने लगी। कुछ देर लगातार उसकी चूत चाटने के बाद मैंने उसकी चूत को चाटने के साथ अपनी उंगली भी डालने लगा।
कुछ देर प्रिया बहुत ज्यादा तडपने लगे और उसकी चूत से पानी निकलने लगा। और वो अहह अहह ओह ओह उनहूँ उनहू उफ़ करके सिसकने लगी थी। उसकी चूत से पानी निकलने के बाद मैंने अपने लंड को चूचियो से लगते हुए उसकी चूत तक ले आया और उसकी फुद्दी में लगा कर जोर से धक्का लगाया और मेरा लंड उसकी चूत के अन्दर चली गई।
उसकी चूत काफी टाइट थी मुझे महसूस हो रहा था क्योकि मेरे लंड पर जोर पड रहा था। और प्रिया तो हल्का सा चीखी। मैंने उसको चोदना शुरु किया। मै अपने लौड़े को उसके भोसड़े में अंदर बाहर करने लगा। और प्रिया का बुर बार बार खुल और बंद हो रहा था।
कुछ ही देर मेरी स्पीड बढ़ने लगे। मेरी रफ़्तार असमान छूने लगी थी। मै बड़ी तेजी से उसकी चूत को चोद रहा था जिससे उसकी चूत धीरे धीरे फूलने लगी थी और साथ में थोड़ी थोड़ी ढीली भी होने लगी थी। मै बड़ी तेजी से उसकी चूत को चोद रहा था.
और वो तेजी तेजी से “आआआआअह्हह्हह….ईईईईईईई…ओह्ह्ह्हह्ह…अई..अई..अई….अई..मम्मी………मम्मी…मम्मी….सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ…ही ही ही ही ही…..अहह्ह्ह्हह उहह्ह्ह्हह…. उ उ उ….प्लीसससससस……..प्लीसससससस, उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…” माँ माँ….ओह माँ,,…उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ अहह्ह्ह्हह सी सी सी सी.. हा हा हा.. ओ हो हो….” कह कर चीख रही थी।
मैं ऐसे कुछ ही देर में उसकी चूत को ढीला कर दिया था। लेकिन जब कुछ देर उसकी चुदाई करने के बाद उसकी चूत गीली हो गई और उसकी चूत से निकला पदार्थ मेरे लंड में लग गया जिससे मेरा लंड उसकी चूत के अंदर तक जाने लगा था।
मै उसको हच हच हच करके पेलने लगा। और प्रिया को भी मज़ा आने लगा, और वो बड़े मज़े से और तेज मज़ा आ रहा और तेज चोदो अंदर तक चोदा बहत मज़ा आ रहा है, कहते हुए अपने चूत को मसल रही थी। बहुत देर तक उसकी चुदाई करने के बाद मैंने उसके बुर से लंड को निकल लिया. और उसके पेट पर बैठ कर उसकी दोनों चूचियो के बीच में अपने लंड को रख लिया और दोनों चूचियो को सटा दिया और उसकी चूचियो को चोदने लगा था।
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मुझे उसकी चूचियो को चोदने में मज़ा आ रहा था। मै पूरा जोर लगा कर उसकी चुचियों को दबा कर छोड़ रहा था जिससे प्रिया को भी मज़ा आ रहा था। और वो अपनी चूत को मसलते हुए हुए पानी चूत में उंगली कर रही थी और मै उसकी चूचियो को चोद रहा था। कुछ देर बाद मेरे लंड से मेरा माल निकलने वाला था। तो मै और भी तेजी से पेलने लगा था। कुछ ही देर में मेरे लंड से पुच पुच पुच से मेरा माल निकलने लगा और प्रिया के गले और कुछ बुँदे तो उसके मुंह पर भी पड गया था। उसने उसको चाट लिया। और मुझसे कहने लगी मज़ा आ गया।
चुदाई के बाद मैंने अपने ढीले लंड को कुछ देर प्रिया को चुसाया जिससे कुछ ही देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और मैंने बहुत देर तक उसकी चूचियो को पिया और उसकी चूत को भी बहुत देर तक पिया। प्रिया का मन नही बहरा था उसने मुझसे कहा – एक राउंड और हो जाये। मै भी मूड में था मैंने फिर से उसको बेड पर लिटा कर रगड़ कर चोदा। और उसके बाद जब मेरा मन अ]करता मै उसके घर आ जाता और जब उसका मन बनता तो मुझको फोन कर लेती थी। मैंने अपनी जिन्दगी में उससे ज्यादा किसी को नही चोदा।
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