Girl Park Outdoor Sex
मेरा नाम पुष्कर पन्त है। मैं गुरुग्राम का रहने वाला हूँ। मैं जवान मर्द हूँ और मुझे देखकर ही कितनी लड़कियाँ पट जाती है। कुवारी लड़कियों के मस्त मस्त आम चूसना मेरा फेवरिट शौक है। उसके बाद उनकी कच्ची कली जैसी चूत चोदना मुझे बहुत लुभाता है। मुझे लड़कियों की गांड चोदना भी खास तौर से पसंद है। Girl Park Outdoor Sex
मेरे कॉलेज में एक मस्त माल थी जिसका नाम जाह्नवी जयसवाल था। वो काफी खूबसूरत थी और मेरे क्लास के सब लड़को के लंड फनफना रहे थे जाह्नवी की चूत मारने के लिए। मैं भी प्यासा हो रहा था। पर दोस्तों जाह्नवी जल्दी किसी से बात नही करती थी।
मेरे एक दोस्त अमन ने उसे पटाने की कोशिश की तो वो नाराज हो गयी और हमारे क्लास टीचर से कम्प्लेन कर दी। अमन की बहुत फजीहत हुई। उसके बाद मैंने भी जाह्नवी को पटाने की कोशिश नही थी। पर उसकी चूत में मेरा ही लम्बा लंड जाना लिखा हुआ था।
कुछ दिनों बाद हम सभी का प्रैक्टिकल शुरू हो गया। जाह्नवी को मेरे ग्रुप में सर ने डाल दिया। हमारी बात शुरू हो गयी। धीरे धीरे वो पटने लगी। मैंने उससे फोन नं माँगा तो दे दी। हमारी स्टोरी और आगे बढ़ गयी। हम रात में बात करने लगे। सारी सारी रात बात करते थे।
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“जाह्नवी तुम्हारे साथ सेक्स करना चाहता हूँ” एक दिन मैंने बोल दिया.
“नही” बोलकर वो मना कर दी.
“ठीक है कम से कम किस तो कर ही सकता हूँ” मैंने कहा.
“ओके” वो बोली.
उस दिन मैं उसे एक पार्क में ले गया। वहां पर हम दोनों एक पेड़ के नीचे जाकर बैठ गये। उस पार्क में बहुत सारे जोड़े बैठे थे। सब मजे लूट रहे थे। कुछ तो अपनी अपनी माल की सलवार और जींस में हाथ घुसा कर चूत में ऊँगली कर रहे थे।
मैं देखा तो मेरा भी लंड बिलकुल से गनगना गया। जाह्नवी उस दिन टी शर्ट और जींस में थी। मैंने उसे पकड़ लिया और अपना मुंह उसके गरीब ले जाने लगा। जाह्नवी डार्क रेड कलर की लिपस्टिक लगाई हुई थी। मैं उसके होठ पर होठ रखकर चूसने लगा।
वो भी करने लगे। हम दोनों का प्यार परवान चढ़ने लगा। हम दोनों गर्म हो गये। अब वो भी मेरे दोनों होठो को काट काटकर चूसने लगी। मामला आगे बढ़ गया। जाह्नवी कुछ जादा ही चुदासी हो गयी। नाक से आग जैसी गर्म गर्म सांसे निकालने लगी।
मेरे मुंह में अपनी जीभ घुसाने लगी। मैं भी घुसाने लगा। इस तरह से हम दोनों खूब गर्म हो गये। मेरी गर्लफ्रेंड जाह्नवी का फिगर काफी सेक्सी था। 36 30 38 का मस्त फीगर था। उसके कसे कसे दूध टी शर्ट को फाड़ कर बाहर आना चाहते थे।
मैं उसे अपनी गोद में लिटा दिया और उसके आम पर हाथ लगाने लगा। फिर दबाना चालू कर दिया। जाह्नवी “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” करने लगी। मैं कुछ देर उसकी गोल मटोल चूची को सहला रहा था। हम दोनों का चुदाई का दिल करने लगा था।
“कहो जाह्नवी चुदने का दिल है क्या???” मैं उसकी चूची दबाते हुए बोला.
“नही अभी नही” वो बोली जबकि उसका भी दिल था पर उसने चुदने से मना कर दिया। इस तरह ऐसी चलता रहा। कुछ दिनों बाद मुझे मौका मिल ही गया। जाह्नवी के घर के सब लोग कही गये हुए थे। घर में कोई नही था। उसने मुझे फौरन बुला लिया।
उस दिन उनसे सलवार सूट पहना हुआ था। हम दोनों बेडरूम में चले गये। वहां पर हम दोनों का माहोल बनने लगा। देखते देखते जाह्नवी खुद ही नंगी हो गयी। अपने सलवार सूट को उतार डाली। ब्रा और पेटी को खोल दी।
जाह्नवी ने मेरे को भी नंगा कर दिया। हम दोनों खड़े खड़े किस करने लगे। आज पहली बार मैंने उसे बिना कपड़े के देखा था। जाह्नवी नंगी होकर और भी खूबसूरत दिख रही थी। मेरे अंडरवियर को उसने उतारा और लंड को पकड़ लिया।
“चल इसे अच्छे से फेटो तुम” मैंने कहा.
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जाह्नवी मेरे लंड को पड़क कर हिलाने लगी। आप दोस्तों को बता दूँ की मेरा लंड 11 इंच का था और 2 इंच मोटा था। किसी सांड के लंड की तरह जालिम दिख रहा था। फिर मेरी गर्लफ्रेंड नीचे बैठ गयी और मैं खड़ा रहा। जाह्नवी वैसे तो बड़ा शर्म करती थी पर आज ऐसा नही कर रही थी।
जल्दी जल्दी मेरे लंड को पकड़कर मुठ दे रही थी। दोस्तों वो मेरे लिंग को पकड़ नही पा रही थी क्यूंकि काफी मोटा था। फिर जीभ लगाकर चाटने लगी। मैं कामुक होकर “ओहह्ह्ह… अह्हह्हह… अई.. अई.. अई… उ उ उ उ उ…” करने लगा। वो पहले तो चाटती रही। फिर मुंह में लंड घुसा ली और चूसने लगी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
किसी लोलीपॉप की तरह चूस रही थी। मैं आराम से खड़े होकर मजा ले रहा था। मैं जाह्नवी के सिर पर हाथ रख दिया था। वो अब वासना के समुन्द्र में डूब चुकी थी। वहशी बनकर मेरा लंड चूस रही थी। रंडियां भी इतनी हवस से नही चूसती है जैसा जाह्नवी चूस रही थी। अपने मुंह में मेरा 11 इंची लौड़ा घुसाकर सिर को आगे पीछे कर रही थी। मुझे बड़ा आनन्द आ रहा था।
“चूस रंडी!! तुझे तो सब पहले से आता है। कुछ सिखाना नही है तुझे” मैं बोला.
जाह्नवी अपने काम पर लगी रही। इतना चूसा की मेरा लंड अपना माल छोड़ने लगा। वो सब पी जाती थी। उसके हाथ जल्दी जल्दी अनवरत बिना रुके मेरे लंड पर मुठ दे रहे थे। इस वजह से मुझे काफी नशा और उत्तेजना मिल रही थी। फेट फेटकर उसने मेरे लंड को खड़ा कर दिया। अब और भी अधिक डरावना लंड मेरा दिख रहा था।
“चूस छिनाल!! मेरी अखरोट को भी चूस डाल” मैंने कहा.
अब वो लंड को अपने मुंह से निकाली और मेरे दोनों अखरोट को जीभ निकालकर चाटने लगी। मुझे काफी मजा मिला। फिर मेरी गर्लफ्रेंड मेरी दोनों गोलियों को मुंह में अंगूर की तरह ले ली और मस्ती से चूसने लगी। मैं तो चुदाई वाले सुख सागर में डूबने उतराने लगा। जाह्नवी बिना रुके चूसती रही। अच्छी खातिर की उसने मेरी। फिर हम दोनों काफी गर्म हो गये।
“चलो जाह्नवी!! बेड पर लेटो!! अपने पैर खोल लो” मैंने कहा.
वो जल्दी से लेट गयी। किसी कुतिया की तरह अपनी दोनों टांग खोल ली। मैं उसके उपर सवार हो गया। मैं उसके आम गौर से देख रहा था। दोस्तों जाह्नवी की चूची इतनी बड़ी बड़ी और शानदार थी की आपको क्या बताऊं। मैं ध्यान देकर उसके कबूतर को देख रहा था।
फिर हाथ में लेकर छूने लगा। कितनी खूबसूरत चूची थी दोस्तों। बिलकुल नई नई मुसम्मी थी जिसे किसी ने हाथ भी नही लगाया था। मैं सहलाने लगा। “पुष्कर!! देखो बहुत जोर जोर से मत चूसना। आराम आराम से!” वो पहले ही बोल दी। शायद डर गयी थी क्यूंकि जादातर लड़के बड़े बेचैन हो जाते है और लड़की के दूध पर काट खाते है।
“ओके जानेमन” मैं बोला.
और दबाने लगा। उसके मम्मे बिलकुल रबर के लचकदार गुब्बारे जैसे थे। जब जब मैं दबाता था मुझे बहुत आनन्द मिलता था। फिर मुंह में लेकर चूसने लगा। जाह्नवी के दूध के चूचक काले काले थे जो बहुत सेक्सी दिख रहे थे। मैं जोश में भरकर चूसने लगा।
वो “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ… ऊँ सी सी सी… हा हा.. ओ हो हो…”करने लगी। उसकी आहे मुझे बड़ी प्यारी लग रही थी। मैं उसके चूचक को मुंह में लेकर जोर जोर से चूसने, पीने लगा। रस निकाल निकालकर पी रहा था। जाह्नवी की हालत खराब कर दी।
“करो और करो पुष्कर!!” वो बोली.
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मैंने खूब दूध चुसाई कर डाली। फिर उसकी पूरी बोडी में अच्छे से किस किया। जाह्नवी देसी माल थी इकदम कड़क। अब मुझे उसकी बुर चोदने चाटने की तलब लगी थी। मैं सीधा उसकी बुर पर आ गया। उसे गौर से देखने लगा। जिस लड़की के पीछे इतने दिन से चक्कर काट रहा था, आज वो चुदने वाली थी।
मेरी मेहनत आज रंग लाने वाली थी। उसकी चूत गुलाबी रंग की थी। बड़ी खूबसूरत दिख रही थी। मैं जीभ लगाकर चाटने लगा। जाह्नवी फिर से “मम्मी… मम्मी… सी सी सी सी.. हा हा हा… ऊऊऊ…. ऊँ.. ऊँ… ऊँ… उनहूँ उनहूँ..” करने लगी।
मैं तो जल्दी जल्दी उसकी चूत की गद्दी को चाट रहा था। वो तडप रही थी। उसे भरपूर मजा मिल रहा था। मैं किसी कुत्ते की तरह उसकी चूत पी रहा था। जाह्नवी मेरी प्यास बुझा रही थी। वो कुछ कहना चाहती थी पर नही कह पा रही थी।
“चाटो इसे!! अच्छे से चाटो पुष्कर ओह्ह्ह्….अई. .अई..अई…..अई. वो बोली.
मैं जीभ बाहर निकालकर अच्छे से चूसने लगा। बड़ा आनन्द मिला। दोस्तों मेरी गर्लफ्रेंड की चूत में जैसे भूरे रंग की चोकलेट भरी हुई थी। रस रिस रहा था चूत के छेद से। मैं जानबूझकर उसके चूत के दाने को छेड रहा था। मुझे ऐसा करने में आनन्द मिल रहा था। जैसे ही जाह्नवी की बुर के दाने को जीभ की नोक से ठोकर मारने लगता था उसे बिजली का तेज झटका सा लगने लगता था।
“आज मेरी जान ही निकाल लोगे क्या???” वो कहती और अपनी गांड उपर तक उठा देती.
कोई भी उसे देखकर कह सकता था की रंडी जवानी के बेशकीमती मजे लूट रही है। मैं भी रांड के चूत के दाने को नोच रहा था। खा रहा था। वो “उंह उंह उंह हूँ.. हूँ… हूँ.. हमममम अहह्ह्ह्हह.. अई… अई… अई…” बोलती जा रही थी। मैं उसकी डबल रोटी जैसी फूली चूत को मुंह लगाकर खा रहा था। चूत के बिल में अंदर तक जीभ घुसाकर सत्यानाश कर रहा था। बुर को चूस चूसकर उसकी हालत बिगाड़ डाली।
“प्लीज!! पुष्कर अब मुझे जल्दी से चोद डालो वरना मर जाऊंगी” जाह्नवी अपना पेट हवा में उपर तक लाकर बोली.
मैं उसी वक्त उसके भोसड़े में लौड़ा घुसा दिया और गमागम पेलने लगा। मैं बेड पर नही चढ़ा और नीचे फर्श पर खड़े होकर अपनी गर्लफ्रेंड को चोद रहा था। वो बेड के किनारे लिटा लिया था। उसे जल्दी जल्दी अपना मोटा लंड खिला रहा था।
जाह्नवी आँख खोलकर चुदवा रही थी। उसका फेस बदल रहा था। दर्द और यौवन सुख का मिला जुला भाव उसके फेस पर आ रहा था। मैं भी मस्त होकर उसकी चूत को ठोकर पर ठोकर मारकर चोद रहा था। मैं जल्दी से झड़ना चाहता था इसलिए सब्र रखकर ठुकाई कर रहा था।
वो बस “आऊ… आऊ… हमममम अहह्ह्ह्हह… सी सी सी सी.. हा हा हा..” जाह्नवी की हालत पतली हुई जा रही थी क्यूंकि मैं बिना रुके उसकी ठुकाई कर रहा था। बोलकर चिल्ला रही थी। उसकी नाजुक हालत देखकर मेरी वासना की आग और भड़क गयी और मैं उसकी कमर में नीचे से हाथ सरका दिया।
कद्दू जैसे दिखने वाले उसके बड़े बड़े चूतड़ के नीचे मैं हाथ हाथ डाल दिया। अब उसे और जोर जोर से पेलने लगा। जाह्नवी की माँ बहन सब चुद गयी। अब वो आँखे बंदकर ली। मुझे और जोश चढ़ गया। मैं उसकी बंद पलको पर ओंठ लगाकर किस करने लगा। उसे धकाधक ठोकने लगा। “…सी सी सी सी—फाड़ दी! फाड़ दी तुमने मेरी बुर… आऊ… आऊ….!!” वो नशे में बडबड़ाने लगी.
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“पुष्कर!! अपना लौड़ा निकाल लो!! प्लीसस्स्स्स!! लग रही है!” जाह्नवी कहने लगी.
पर मैं नही माना। जल्दी जल्दी उसे पेलता रहा। फिर चूत के चेद में ही झड़ गया। जाह्नवी मुझसे लिपट गयी। मैंने अपने आपको उसके उपर ढीला छोड़ दिया। उसका बदन भी अब ढीला पड़ गया था। वो मुझे फिर से किस करने लगी।
दोस्तों उसे चोदकर मैं चला आया। कुछ दिन बाद जाह्नवी ने मुझसे बात करना बंद कर दिया। मैं जब फोन करता तो फोन भी नही उठाती थी। मैं टेंसन में आ गया। कुछ दिन उनसे मेरी काल नही रिसीव की। फिर एक दिन काल ले ली।
“क्या हुआ?? फोन क्यों नही उठा रही थी???” मैंने पूछा.
वो रोने लगी।
“घर वालो ने मेरी शादी तय कर दी है” वो बोली.
“क्या?? और मेरा क्या?? वो सब प्यार मोहब्बत मजाक था क्या??” मैं बोला.
“पुष्कर!! मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ पर मेरी शादी वही होगी जहाँ मेरे घर वाले कहेंगे” जाह्नवी रोकर बोली.
“कब है शादी??” मैंने पूछा.
“अगले महीने!!” वो रोकर बोली.
मैं सोचा की शादी से पहले उसे एक बार और खा लूँ। उसे घर से जल्दी बाहर आने को नही मिल रहा था। किसी तरह कपड़े खरीदने का बहाना बोलकर घर से बाहर निकली। मैं उसे अपने एक दोस्त के घर पर ले लिया। हम मिले तो फिर से गले लग गये।
जाह्नवी भी इमोशनल हो गयी। हम दोनों का चुम्मा चाटी चालू हो गया। वो मुझे ओंठो पर किस करने लगी। मैं भी करने लगा। फिर जोश आ गया। मैंने उसे सीने से लगा लिया और कसके सीने में दबा लिया। काफी देर हमारा रोमांस चलता रहा। अब मेरा चुदाई का दिल करने लगा। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं उसकी सलवार के उपर से उसकी दोनों टांगो के बीच हाथ घुसा दिया। चूत को सहलाने लगा। जाह्नवी ने मना नही किया। मैं और सहलाने लगा। वो करवाती रही। अब मुझे बिलकुल से जोश चढ़ गया। मैंने उसी कमर में हाथ डाल लिया और अपने पास उसे खड़ा कर लिया और 10 मिनट उसकी चूत सलवार के उपर से अच्छे से सहला और घिस डाली।
“कपड़े उतार!! तुझे चोदूंगा” मैं बोला.
“पर मेरे होने वाले हसबैंड को पता चल गया तो?? जाह्नवी परेशान होकर कहने लगी.
“तू टेंशन मत ले!! किसी को पता नही चलेगा” मैंने कहा.
वो भी नंगी हो गयी और मैं भी हो गया। मैंने उसे कुतिया बना दिया। आज उसकी गांड चोदने का मन था। मैं जीभ निकालकर उसकी कुवारी गांड के छेद को चाटने लगा। वो “अई… अई… अई… अहह्ह्ह्हह… सी सी सी सी… हा हा हा…”करने लगी।
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मैंने और चूसा, और चाटा और अपनी ऊँगली एक गांड में और दूसरी उसकी चूत में घुसा दिया। दोनों ऊँगली को जल्दी जल्दी दोनों बिल में अंदर बाहर करने लगा। जाह्नवी मस्त हो गई। उसकी चूत और गांड अपना अपना रस छोड़ने लगे। फिर मैंने लंड पर तेल लगाकर बड़ी ताकत लगाकर उसकी गांड में घुसा डाला। फिर जल्दी जल्दी अपनी गर्लफ्रेंड की गांड चुदाई करने लगा। ऐसा कम से कम 17 मिनट चला। मैं अच्छे से उसकी गांड मारी। फिर लंड को बाहर निकाला और उसके मुंह के सामने ले गया।
“अब तेरे मुंह को चोदूंगा! मुंह खोल!!” मैं बोला.
वो जल्दी से खोल दी। मैंने अपना 11 इंच का बेहद बड़ा और शानदार लंड उसके मुंह में दे दिया। उसके सिर को मैंने दोनों साइड हाथ से पकड़ा और जल्दी जल्दी उसके मुंह को चोदने लगा। वो “उ उ उ उ उ… अअअअअ आआआआ… सी सी सी सी… ऊँ… ऊँ… ऊँ…” करती रही। फिर कुछ मिनट पश्चात मैं झड़ गया। जाह्नवी सब माल चूस ली और जीभ पर लेकर मुझे दिखाने लगी। “पी जा!! थूकना नही” मैं बोला. फिर वो पूरा ही निगल गयी। फिर उसकी शादी हो गयी। उसके बाद हमारी कभी कोई बात नही हुई।