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गर्मी की छुट्टियों में चाची का प्यार मिला

जुलाई 12, 2022 by hamari

Nazuk Badan

गर्मी की छुट्टियों में चाचू मुझे शहर बुला लिया करते थे। मुझे भी उनके पास बहुत अच्छा लगता था। चाची मुझे बहुत प्यार करती थी। उन्हीं की मेहरबानी से मेरे पास एक मंहगी मोटरसाईकल और एक बढ़िया सेलफोन भी था। इसलिये मुझे यह भी आशा रहती थी कि चाची मुझे कुछ ना कुछ तो दिला ही देगी। Nazuk Badan

मेरा और चाची का प्यार देख कए चाचू भी बहुत खुश थे। मैं तो अब कॉलेज जाने लगा था। बड़ा हो गया था। चाची की आसक्ति भरी नजरे मैं पहचानने भी लगा था, हांलाकि वो मुझसे पन्द्रह वर्ष बड़ी थी। अक्सर वो मेरे नहाने के समय मुझे तौलिया देने आ जाती थी और मुझसे छेड़खानी भी करती थी।

मुझे सच कहूँ तो बड़ा ही आनन्द आता था। वो मेरा लण्ड खड़ा कर जाती थी। फिर मुझे मुठ मारनी ही पड़ती थी। मैंने चाची के नाम की बहुत बार मुठ भी मारी थी। मैं भी उन्हें पूरा मौका देता था कि वो मेरे अंगों को छू लें और मेरे साथ मस्ती करें। इसी मस्ती के दौरान चाची ने एक बार मेरे कसे हुये चूतड़ों को सहला भी दिया था और बोली थी- तेरे चूतड़ तो बहुत कसे हुये और सख्त हैं !

तब मैंने जल्दी से चाची के चूतड़ दबा दिये कहा- हाय चाची, आपके तो बहुत नरम हैं !

धत्त, बड़ा शरारती है रे तू तो ! और वो छिटक कर दूर हो गई।

इसी तरह उन्होंने एक बार नहाते हुये मेरा सख्त लण्ड पकड़ लिया और बोली- सोनू, अब तो तेरे लिए दुल्हनिया लानी ही पड़ेगी, वरना यह तो कुंवारा ही रह जायेगा।

मैंने मौका देखा और बिना किसी हिचक चाची की भारी चूचियाँ पकड़ ली और दबाने लगा- चाची, आप जो हो ना, प्लीज मेरा कंवारापन तोड़ दो !

वो मेरा हाथ अपनी चूचियों से हटाने लगी। पर मैंने उन्हें और दबा दिया और उन्हें अपनी बाहों में कस लिया।

ओह छोड़ ना, तू मुझे बिल्कुल मत छूना, वर्ना पिट जायेगा !

उनकी धमकी से मैं डर गया और उनसे छिटक गया। वो हंसती हुई चली गई। मैं असंजस में उन्हें देखता रह गया। रात के नौ बज रहे थे। मैं रोज की तरह टीवी देख रहा था। चाची भी मेरे समीप आकर बैठ गई। हम बातें भी करते जा रहे थे और टीवी भी देखते जा रहे थे। अचानक चाची के कोमल हाथ मेरी जांघ पर आ गये।

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मैं सिहर सा गया। मुझे पता था कि चाची अब क्या करने वाली थी। मैं उठ कर जाने लगा। अरे बैठ तो जाओ सोनू, मैं कौन तुम्हें खाने जा रही हूँ। मैं बैठ गया। मेरी जांघ के आस पास हाथ फ़ेरते हुये वो मुझे गुदगुदी सी करने लगी। उनका हाथ अब तक दो बार मेरे लण्ड को भी छू चुका था।

बेचारा लण्ड, स्त्री स्पर्श पाकर वो अपना सर उठाने लगा था। मेरे मन में भी एक बार तो तरंग सी उठने लगी। चाची को तो बस इसी का जैसे इन्तज़ार था। मेरे पायजामे का उठान देख कर वो खुश हो उठी थी। उसने अपना कोमल सा हाथ अब मेरे लण्ड के ऊपर रख दिया था।

मैं हटाता कैसे भला, मस्ती सी जो चढ़ने लगी थी। अब मेरा ध्यान टीवी की तरफ़ बिल्कुल नहीं था। बस मैं इन्तज़ार करने लगा था कि चाची अब क्या करती है। उन्होंने मेरा लण्ड अब धीरे से दबा दिया। उत्तेजना के मारे लण्ड कड़क हो कर सीधा तन गया।

चाची को आराम हो गया… वो अब आराम से मेरे पूरे डण्डे को हाथ से सहलाने लगी थी। लण्ड लम्बा भी था सो स्पष्ट रूप से बहुत ही बाहर की ओर उभर आया था। मैं अपने चूतड़ों को ऊपर उठा कर लण्ड को और भी बाहर उभार रहा था।

तभी भाभी ने मेरे पायजामे का नाड़ा खोल दिया। मैंने चाची की ओर देखा ओर जल्दी से अपना पायजामा थाम लिया। तभी उन्होंने जोर से झटक कर मेरा पायजामा जांघों तक खींच दिया। मेरा लण्ड एकदम से स्वतन्त्र हो गया और बाहर निकल कर झूमने लगा।

“अरे चाची क्या करती हो?” मेरा दिल किलकारी मारने लगा।

“तेरी जवानी का आनन्द ले रही हूँ, चल हाथ हटा अपने लौड़े से !”

उन्होंने मेरा हाथ हटा कर मेरे तने हुये लण्ड को पकड़ लिया। मैंने इसमें उन्हें सहायता की।

“मस्त लम्बा है साला !” कहते हुए उन्होंने मेरे लण्ड को ऊपर से नीचे तक हाथों से मल दिया। मेरे लण्ड से दो खुशी की बून्दें निकल आई।

“बस अब यूँ ही बैठे रह, हिलना मत !”

वो टीवी देखती जा रही थी और मेरा लण्ड मलती जा रही थी। मुझे लण्ड मलने से बहुत मजा आ रहा था। मैंने भी जोश जोश में चाची की चूचियाँ दबा दी। पर अगले ही पल उन्होंने मेरा हाथ हटा दिया।

“आराम से बैठ कर देख मैं क्या करती हूँ !”

यह कह कर भाभी ने मेरे तने हुये लण्ड को जोर से मुठ मारना चालू कर दिया। मैं कराह उठा। मैं चाची से लिपटता गया। वो मुझे धक्के दे कर हटाती रही, पर लण्ड नहीं छोड़ा उन्होंने। वो लण्ड को कठोर और कठोरतम तरीके से घिसने लगी। मैं तड़प उठा, बल खाने लगा। पर उसकी तेजी और बढ़ गई।

मैं सोफ़े पर लोट लगाने लगा पर चाची को जरा भी रहम नहीं आया। वो मेरा लण्ड छोड़ने को तैयार ही नहीं थी। मैंने सोफ़े पर ही अपनी दोनों टांगें ऊपर कर ली और बेबस सा मस्ती के आलम में डूब चला। तभी मेरे मुख से एक आह निकल पड़ी और मेरा लण्ड फ़ुफ़कारते हुये बरसने लगा।

बहुत सा वीर्य मेरे पेट पर और इधर उधर बिखरने लगा। चाची उसे देख कर खुशी से निहाल हो गई। मेरे वीर्य को उन्होने मेरे पेट पर मल दिया। अपनी एक अंगुली से मेरा गाढ़ा वीर्य लेकर चूसने लगी। मैं निढाल सा सोफ़े पर ही लेट गया। चाची भी मेरे ऊपर आकर लेट गई और मुझे चूमने लगी।

“चाची, बस एक बार चुदा लो!”

“सोनू, ऐसी बात ना कर!

उंह, भला यह कैसी चाची है, मर्दों का तो कबाड़ा कर देती है पर खुद को हाथ ही नहीं लगाने देती है। मुझे क्या भला क्या आपत्ति हो सकती थी। फ़्री में मजा करवा देती है यही बहुत है।

सवेरे ही सवेरे मेरी नींद अचानक उचट गई। मुझे कुछ अजीब सा लगा जैसे कोई मेरे लण्ड को सहला रहा है। मेरी आदत पेट के बल सोने की थी। मैं अपनी छोटी सी वीआईपी फ़्रेंची चड्डी में सोया करता था। मेरा लण्ड मेरी दोनों टांगो के मध्य में से दबा हुआ अकड़ा हुआ नीचे निकला हुआ था।

मैं आनन्द के कारण वैसे ही उल्टा लेटा रहा। तो ये चाची ही थी जो धीरे धीरे मेरे लण्ड को मेरी दोनों टांगों के बीच में से खींच कर बाहर निकाल कर सहला रही थी। मेरी चड्डी थोड़ी सी नीचे सरकी हुई थी। मेरे दोनों कसे हुये गाण्ड के गोले पंखे की ठण्डी हवा से सिहर से रहे थे। मेरी नई उभरती जवानी में ज्वार सा आने लगा।

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ओह यह चाची क्या करने लगी है। मेरा लण्ड बहुत सख्त हो चुका था और नीचे से लम्बा हो कर चाची के हाथ में धीरे धीरे मसला जा रहा था। तभी उन्होंने मेरे सुपारे की चमड़ी पलट दी और लण्ड की कोमल धार पर अपनी अंगुली घुमाने लगी। मेरी आंखें मस्ती में बन्द होने लगी थी।

“अब बनो मत सोनू, अपनी आँखें खोल दो!”

“चाची, बहुत मजा आ रहा है, धीरे धीरे खींच कर और मलो लण्ड को!”

“आ रहा है ना मजा, अब जरा अपनी ये चड्डी तो नीचे सरका!”

“चाची खींच दो ना आप…”

“अच्छा यह ले …” और चाची ने मेरी तंग चड्डी नीचे खींच कर उतार दी।

“अब सोनू जरा घोड़ा बन, और मजा आयेगा!”

“सच चाची, क्या करोगी …?”

“बस देखते जाओ”

मैं धीरे से घुटनो के बल हो कर घोड़ी जैसा बन गया और अपनी गाण्ड उभार दी। मेरे लण्ड के डण्डे पर उनका हाथ हौले-हौले से आगे पीछे चलने लगा। मेरे मुख से मस्ती की सिसकारियाँ फ़ूटने लगी। कभी तो चाची अपनी अंगुली मेरी गाण्ड में चलाती तो कभी जीभ को उसमे घुसाने का यत्न करती।

मेरा लण्ड जबरदस्त तन्नाने लगा था। सुपारा फ़ूल कर टमाटर जैसा हो गया। मेरे लण्ड से वीर्य की कुछ बूंदें बाहर निकलने लगी थी। लाल सुर्ख सुपारा कभी-कभी चाची के मुख में भी आ जाता था। वो मेरे लण्ड के डन्डे पर बराबर धीरे धीरे पर दबा कर घर्षण करने लगी थी।

मेरी सहन शक्ति जवाब देने लगी थी। मेरी कमर भी अब चलने लगी थी। चाची समझ गई थी कि मेरी इससे अधिक झेलने की शक्ति नहीं है। उन्होंने मेरा लण्ड अब जोर से दबा लिया और ताकत से दबा लगा कर ऊपर नीचे करने लगी। मेरे लण्ड में से अब धीरे धीरे रस बूंद बूंद करके नीचे टपकने लगा था। जिसे वो बार बार जीभ से चाट लेती थी। मैं जैसे तड़प उठा।

“चाची, आह , मैं तो गया, हाय रे…”

उसके हाथ अब सधे हुये ताकत से भरे हुये लण्ड के सुपारे और डण्डे को मसलने लगे थे बल्कि कहो तो लण्ड में टूटन सी होने लगी थी। मेरा लण्ड बराबर चूने लगा था। उनके हाथ अब तेजी से चलने लगे थे।

मेरी जान जैसे निकलने वाली थी और आह… हाय रे … फिर मेरा रस लण्ड में से फ़ूट पड़ा। चाची ने रस निकलते ही उसे अपने मुख से लगा लिया और और उसे चूस चूस कर पीने लगी। मैं बुरी तरह से हांफ़ उठा था। मैं बुरी तरह से झड़ चुका था।

“चलो अब, नाश्ता भी कर लो, बहुत हो गया!”

“उह चाची, इतना कुछ कर लिया अब एक बार मेरे नीचे तो आ जाओ!”

“चल हट रे चाची को चोदेगा क्या… पागल!”

“क्या चाची, एक तो आप मेरे लण्ड को रगड़ कर रख देती हो दूसरी और अपने आप को…!”

मैं अपने पांव पटकता हुआ बाथरूम में चला गया। चाची तो जैसे कुछ हुआ ही नहीं, ऐसा व्यवहार करती रही। समय होने पर मैं आने कॉलेज चला गया। मुझे पता था कि उससे कोई भी विनती करना बेकार था। आज रात को तो चाची टीवी देखने भी नहीं आई। वो अपने कमरे में ही थी।

मैंने धीरे से झांक कर चाची के कमरे में देखा। वो एकदम नंगी बिस्तर पर लेटी हुई तड़प रही थी और अपने अंगों को मसल रही थी। आह ! मेरा लण्ड कड़क होने लगा, फ़ूल कर तन्ना गया। मैंने अपना पायजामा उतारा और पूर्ण रूप से नग्न हो गया। मैंने अपना लण्ड सहलाया और उसे हिला कर देखा।

पूरा तन चुका था, चोदने के लिये एकदम तैयार था। मेरा लण्ड सीधा और कड़क हो चुका था। मैं धीरे से उनके पास पहुंचा और उनकी चौड़ी हुई टांगों के मध्य चूत में से निकलता पानी देखने लगा। बस, मेरा संयम टूट गया। मैं बिस्तर के ऊपर चढ़ आया और चाची को बिना छुये हाथों के बल उनके ऊपर लण्ड तान कर उनके ऊपर बिना छुए निशाने पर आ गया।

अब मैंने शरीर को नीचे किया और उनकी चूत पर अपना लण्ड रख दिया। चौंक कर चाची ने अपनी बड़ी बड़ी आंखें खोल दी। पर तब तक देर हो चुकी थी। पलक मारते ही मेरा लण्ड उसकी चूत में मक्खन में छुरी की तरह घुसता चला गया।

मेरे मन को बहुत ठण्डक मिली। मैंने चाची से लिपटते हुये दो तीन धक्के लगा दिये। चाची के मुख से आनन्द भरी चीख निकल गई थी। पर चाची में बला की ताकत आ गई थी। उन्होंने मुझे बगल में लुढ़का दिया और लण्ड को बाहर निकाल दिया।

“बहुत जोर मार रहा है ना, ला मैं इसका रस निकाल दूँ!”

कह कर भाभी लपक कर मेरे ऊपर गाण्ड को मेरी तरफ़ करके चढ़ गई और मेरे लण्ड को जोर जोर से मुठ मारने लगी, फिर उसे अपने मुख में ले लिया। मेरे मुख के सामने उसकी चूत थी, सो मैंने भी उसे चूसना शुरू कर दिया। वह बहुत उत्तेजना में होने के कारण जल्दी ही झड़ गई।

उसके बलिष्ठ प्रहारों को भी मैं कितना झेलता, कुछ ही मिनटों में मेरा वीर्य भी लण्ड से छलक पड़ा। दूसरी बार चाची ने मेरा पूरा वीर्य एक बार और पी लिया। फिर वो धीरे से उतर कर पलंग से नीचे उतर आई। उसने फिर मेरा हाथ पकड़ा और कपड़े उठाये और मुझे बाहर का रास्ता दिखा दिया।

“अब समझे सोनू, बस जो कुछ करना है, बाहर ही बाहर से करो, मुझे चोदने की कोशिश नहीं करना!”

“चाची ऐसा क्या है जो मुझे कुछ भी नहीं करने देती हो?”

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“मेरा तन-मन सब कुछ राजेश का है, तेरे चाचू का भी नहीं है, बस जवानी कटती नहीं है, सो तुझ पर मन आ गया। मेरे तन पर मेरे महबूब का ही हक है।” चाची ने अपना बेडरूम का दरवाजा धड़ाम से बन्द कर दिया। मैं बाहर खड़ा खड़ा सोचता ही रह गया …… आह रे, बेदर्द चाची… चाची ने अपनी एक अंगुली में थूक लगाया और उसे धीरे से मेरी गाण्ड के दरार के बीचोंबीच छेद पर रख दिया। मुझे तेज गुदगुदी सी लगी। वो धीरे धीरे पहले उसे सहलाती रही और थूक लगा कर उसे चिकना करती रही।

फिर धीरे से झुक कर अपनी जीभ को तिकोना बना कर मेरी गाण्ड के छिद्र को चाट लिया. फिर जीभ से मेरे छेद पर गुदगुदी करती रही। मैं बस धीरे धीरे आहे भरता रहा। आह, चाची हो तो ऐसी। तभी मेरे लम्बूतरे से लण्ड पर उनका हाथ घूम गया। उन्होंने मेरी टांगों के बीच से फिर लण्ड को खींच कर पीछे ही निकाल लिया। फिर एक थूकने की आवाज आई और लण्ड थूक से भर गया। मेरे पीछे से लण्ड निकाल कर वो जाने क्या क्या करने लगी थी।

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Filed Under: Rishto Mein Chudai Tagged With: Bathroom Sex Kahani, Blowjob, Boobs Suck, Family Sex, Hardcore Sex, Hindi Porn Story, Mastaram Ki Kahani, Pahli Chudai, Sexy Figure

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Comments

  1. Rohit says

    जुलाई 13, 2022 at 6:56 पूर्वाह्न

    Maharashtra me kisi girl, bhabhi, aunty, badi ourat ya kisi vidhava ko maze karni ho to connect my whatsapp number 7058939556

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