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गुरु जी के लंड पर चढ़ गई कुंवारी शिष्या

जुलाई 26, 2022 by hamari

Coaching Girl Sex

मेरा नाम मधुर झा है। मैं बिहार में रहता हूँ। मेरा खुद का कोचिंग सेंटर है। मैं स्वभाव से बहुत सेक्सी मर्द हूँ। मेरी शादी हो चुकी है, बच्चे भी है। रोज अपनी बीबी की चूत बजाता हूँ पर इसके बादजूद भी नई और कमसिन लौंडिया के मस्त मस्त मम्मे पीने को सदैव तत्पर रहता हूँ। कोई लड़की हल्का सा लाइन दे तो उसे चोद ही लेता हूँ। Coaching Girl Sex

मेरी इसी आदत की वजह से मुझे कई बार जेल भी जाना पड़ा है और पुलिस वालो को पैसे देकर छूटा हूँ। पर मैं अपनी आदत से बाज नही आता हूँ। मेरे अंदर उपर वाले ने पता नही कौन सा सॉफ्टवेयर डाला है की कोई खूबसूरत जवान कन्या मुझे बहन, बेटी बाद में लगती है, पहले तो महबूबा ही दिखती है।

फ्रेंड्स, किस्मत भी मेरा पूरा साथ देती है और हर महिना किसी नई चूत का जुगाड़ हो ही जाता है। मेरे कोचिंग सेंटर में अनेक तरह के कोर्स चलते है। कई बार विधवा, तलाकशुदा औरते भी कोर्स करने आती है जो खुद ही मेरे को लाइन देने लग जाती है। ऐसे में तो 4, 5 दिन में ही चूत मिल जाती है। कोचिंग सेंटर में ही उन लेडीस को चोद लेता हूँ।

अभी जल्दी जिस शिष्या को पटाकर मैंने उसकी चूत बजाई है वो स्टोरी आप लोगो को अब सुनाता हूँ। 4 महीने पहले पलक सिंह ने मेरी कोचिंग में एडमीशन लिया था। वो लड़की 19 साल की थी। रंग ह्लका सा सावला था। कद 5 फुट था। इकहरे बदन की लड़की थी वो। जब पहली बार मैंने उसे देखा तो मुझे कोई ख़ास जबर्दस्त माल नही लगी।

मैंने पढ़ाना शुरू कर दिया। पर धीरे धीरे पलक की तरफ आकर्षित होने लगा। “सर!! ये पॉइंट समझ नही आया!!…. सर ये आंसर कैसे आया?? सर !! मुझे लगता है इसका आंसर ये होना चाहिए” इस तरह से वो धीरे धीरे सवाल पर सवाल पूछने लगी।

अब मैं उसे पहचानने लगा। मुझे पता चल गया की ये लड़की तो एक एक बात का मतलब पूछती है। दूसरे चेले इतना अधिक ध्यान नही देते थे। कुछ चैप्टर के कुछ पॉइंट या कांसेप्ट अगर मुझे सही सही पता नही होता था तो मैं वैसे ही समझा देता था। अंदर गहराई में जाकर नही बताता था।

पर अब ऐसा नही चल पा रहा था। अब मुझे रात में खुद भी एक बार पढना होता था जिससे पलक के सवालों का जवाब दे सकूं। इस तरह रात में जरुर उसके बारे में सोचता था। फ्रेंड्स धीरे धीरे वो मुझे पसंद आने लगी। अब जब क्लास में होता तो नजर सिर्फ पलक पर होती।

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समय के साद उसका हँसना, बात करने का तरीका, उसका नाख़ून चबाना, मेरा उसको टोकना, उसका पेन को मुंह में लेना सब मुझे अच्छा लगने लगा। पलक कोई बहुत जबर्दस्त माल नही थी जिसे देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता हो। मेरे कोचिंग में ऐसी कई लड़कियाँ थी जो मस्त कसी जींस टी शर्ट में आती थी।

उनको देखकर तो मेरा लंड क्लास में ही टनक जाता था। चुदाई करने की तीव्र ज्वाला मेरे अंदर बहने लग जाती थी। पर पलक के साथ ऐसा नही था। उसका फिगर कोई बहुत जादा मस्त नही था। बस देखने में ठीक ठाक और एवरेज लड़की थी वो।

पर फ्रेंड्स, जैसे जैसे महीने बीतते गये उससे इश्क सा हो गया। और उसको चोदने खाने की इक्षा बहुत बढ़ गयी। अब मैं आये दिन उसे किसी न किसी बहाने से हाथ लगाने लगा। पलक समझ गयी की मैं उसे पसंद करता हूँ। फिर हमारी मीटिंग हुई। मैं उसे काफी पर ले गया।

“क्या है सर?? बोलिए आप मुससे अकेले में क्या बात करना चाहते है??” वो बड़ी बड़ी आंखे करके बोली.

उस दिन उसने टी शर्ट जींस पहनी हुई थी। मेरी नजर बाद बाद उसके दूध पर जा रही थे। कोई बहुत बड़ी बड़ी पुस्ट रसीली चूचियां नही थी उसके पास। बस फ्रेंड्स समझ लीजिये की छोटे छोटे निम्बू थे। उसके दूध का साइज 30 इंच था जो बाहर से देखने पर ही पता चल जाता था। उसका पूरा फिगर 30 26 32 का था। पर अब वो जैसी भी थी मुझे अच्छी लगन लगी थी।

“पलक!! मैं ये बात बहुत दिन से बोलना चाहता हूँ। I love you यार!!” मैं बोला.

वो काफी नाराज हो गयी।

“आप मुझे चोदना चाहता है ना?? ऐसा ही है??” वो बोली और आँखे तरेरने लगे.

गुसैल मूड में मुझे और मस्त माल लग रही थी।

“कैसी बात कर रही हो तुम?? इसमें चोदने पेलने वाले बात कैसे आ गयी। तुमसे मैं प्यार करता हूँ। कोई मजाक नही” मैं भी बोला.

“नही मैं सब समझती हूँ!! सारे मर्द ऐसे ही होते है। 3 4 बार आप मुझे चोद लोगे जो आपकी हवस पूरी हो जाएगी। फिर आप मुझे पलट कर नही देखोगे” वो बोली और नाक फुफकारने लगी।

मुझे गुस्सा चढ़ गया। मैंने उसी वक्त रोड पर ही उसे पकड़ लिया और उसके मुंह पर मुंह रखकर जबरदस्ती किस करने लगा। लोग रोड से गुजर रहे थे। शाम का वक्त था। बस, मोटर, बाइक वाले चल रहे थे पर मैंने किसी को नही देखा और उससे बोलने ही नही दिया। 2 मिनट रोड पर खड़े खड़े उसके होठ चूस डाले। आह उसकी सांसो को वो सुगन्ध मेरी रुंह में बस गयी। तब जाकर अपना मुंह हटाया उसके मुंह से।

“चल!! मेरे घर चल। अभी ब्लेड से अपना हाथ काट कर तेरा नाम अपनी कलाई पर लिखता हूँ। वरना तुमको कभी विश्वास नही होगा की मैं तुमसे सच्चा प्यार करता हूँ” मैं बोला और जबरदस्ती उसका हाथ पकड़कर उसे घसीटने लगा। तब जाकर उसे बिलीव हुआ की उससे सच्चा प्यार करता हूँ।

“ओके सर!! मैं मान गयी” वो बोली.

फिर घर चली गयी। इस तरह हम लोगो की सेटिंग हो गयी। फिर अपना व्हाट्सअप नम्बर उसने दे दिया। हमारी चैटिंग शुरू हो गयी। कुछ दिनों बाद 26 जनवरी थी और अगले दिन संडे था। इसलिए 2 दिन मेरा कोचिंग सेंटर बंद था।

“जान!! डेट पर चले??” मैंने पूछा.

“पर कहाँ चलोगे??” पलक मीठी आवाज में बोली.

“किसी रेस्टोरेंट चलते है…फिर होटल में कमरा ले लेंगे” मैं बोला.

पलक भी समझ गयी की हम दोनों के बीच जो आग लगी है वो कुछ न कुछ काण्ड करवा देगी। अगले दिन शाम को वो मेरे घर के पास वाले बस स्टैंड पर आ गयी। रोज तो जादा मेकप नही करती थी पर आज बिलकुल छमिया बनकर आई थी।

गुलाबी सलवार कमीज में देसी माल दिख रही थी। पैरो में उसने पार्टी वियर सैंडल पहनी थी। उसे देखता ही उसके लिप्स चूसने का दिल करने लगा। पर बस स्टैंड पर कैसे चुम्मा लेता। बड़ा कंट्रोल किया खुद को। वो बाइक पर बैठ गयी। जैसे ही हम लोग दूर निकल गये वो मुझसे अच्छे से चिपक गयी। बड़ा मजा आया मुझे।

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फिर उसे एक चाईनीज रेसटोरेंट ले गया। डिनर किया। फिर सीधा एक होटल में ले गया और कमरे ले लिया। इस वाले होटल में प्रेमी जोड़ो को आराम से कमरा मिल जाता था। किसी तरह का कोई आई डी नही देना होता था। मैं पैसे चुकाकर कमरे में ले गया। अंदर जाते ही हम दोनों लिपट गये। कुछ कहने समझने की जरूरत नही थी।

आज काण्ड होने वाला था। हमारा किस चालू हो गया। पलक मुझसे कद में काफी छोटी थी। मैं 5.6” का था और वो सिर्फ 5 फुट लम्बी थी, पर आज देसी कपड़े पहने थी। मैंने उसके सीने से गुलाबी दुप्पटे को पकड़कर हटा दिया और अब उसके छोटे छोटे नीबू मुझे दिख रहे थे। उसे बड़े ही जोश से खुद से चिपका लिया।

वो भी पूरा साथ दे रही थी। उसके गाल पर दोनों साईड मैंने पप्पी ली और फिर उसके होठो को चूसने लगा। फिर उसकी सांसो की सुगंध को खूब लिया, खूब सूंघा। पलक ने लिप्स पर हल्की लिपस्टिक लगा रखी थी। मैंने उसके लिप्स को मुंह में लेकर खूब चूसा। बड़ा गरमा गर्म वाला चुम्बन था वो।

उसके बाद हम दोनों का चुदाई का मौसम हो गया। मैं उसे बेड पर ले गया और फिर हम प्यार करने लगे। मैंने ही उसके हाथ को उपर करके उसकी गुलाबी कमीज को उतरवा दिया। छोटे दूध होने के कारण वो ब्रा नही पहने थी। उसे जरूरत ही नही थी।

मैंने समीज के उपर से उसके दोनों निम्बू पर हाथ लगाना शुरू किया। पलक “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ… आ कितना मजा आ रहा है!!..उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” वो करने लगी। मैंने कुछ देर उपर से उसके निम्बू का रस निकाला। फिर चुदास की आग और जादा भड़क गयी।

“समीज उतारो पलक!!” मैंने कहा.

फिर उसने खुद ही अपना हाथ उपर करके समीज उतारी। मेरी आँखे कबसे उसको अंदर से बिना कपड़ो के देखने को व्याकुल थी। कैसी होगी उसकी इकहरी बदन देह, उसकी नंगी मुलायम चूचियां, उसका पेट, पीठ ,क्या उसके दूध मुलायम होंगे। बिना कपड़ो के वो कैसे दिखती होगी। मेरे दिल में हजारो सवाल थे। जिनका जवाब मिलने वाला था।

आखिर पलक ने अपनी सफ़ेद समीज उतारकर खुद को बेपर्दा किया। अब उसकी नग्न छोटी छोटी चूचियों के दर्शन हुए। छोटे छोटे दूध थे उसके, कोमल और बड़े ही मुलायम। कुछ देर तो मैं देख देखकर मजा लेता रहा। फिर जल्दी से उसपर हाथ रख दिए।

दोनों हाथो से दोनों निम्बू को दबाने लगा और पलक पर अच्छे से लेट गया। जैसे ही निम्बू को मसलना शुरु किया वो “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई. .अई…उ उ उ उ उ…” करने लगी। अपना मुंह खोलकर आहे लेने लगी।

“आराम से दबाइए सर!!” वो कहने लगी.

मैं कहाँ सब्र लेने वाला था। मैं अपनी वासना की हवस को मिटाने लगा। उसके दोनों 30” की नोकदार निम्बू को दबाने लगा। उसका आहे भरने और दर्द से आँखे बंद करना मुझे बड़ा मजेदार दिख रहा था। फिर उसकी चूची को मुंह में ले लिया और चूसने लगा। पलक की इकहरी हल्की पर चोदने लायक देह की खुशबू मेरे दोनों नथुनों में समा गयी।

मेरा लंड उसकी चूत मारने को मरा जा रहा था। पर सब कुछ आराम से मैं करना चाहता था। उसे धीरे धीरे खाउंगा। जल्दी क्या है। ये सोचकर उसके निम्बू को मुंह में लेकर चूसने लगा। वो फिर से “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई..अई..अई…..अई..मम्मी….” करने लगी। उसके दूध इतने बड़े थे की पूरे के पूरे मेरे मुंह में समा जाते थे। वैसे ही 30” की चूचियां तो बहुत small होती है। मैं मुंह चला चलकर इस फ्रेश अनचुदी माल का शहद चूसने लगा।

“धीरे!! धीरे चूसिए सर.. अई..अई…..” वो दर्द में कराहकर बोली.

मैंने उसकी बायीं चूची पूरे 10 मिनट चूसी और दांतों से कुचल दी। मेरी धधकती वासना उसके पीछे काम कर रही थी। आज वो मैं ही था जो प्रथम बार पलक के गुप्तांगो से खेल रहा था। वो मुझे खेलने दे रही थी। उसे भी इसमें बड़ा आनन्द आ रहा था। फिर मैंने उसकी बायीं चूची को रिहा किया और दाई वाली को मुंह में लेकर चूसने लगा।

फिर से वो दोनों आँखे बंदकर सिसकने लगी। उसे भी चूस डाला। फिर पलक को पकड़कर बेड पर लोटने लगा और वो उपर आ गयी और मैं नीचे। वो मेरे सिने पर थी। हम दोनों फिर से किस करने लगे। मुझे नही पता चल रहा था की वो मेरा लंड चूसेगी की नही। क्यूंकि कोई लड़की जो कुवारी हो और अनचुदी हो, वो शुरू शुरू में लंड चूसने से तुरंत ही इनकार कर देती है।

“जानम!! लंड मुंह में लोगी??” मैंने धीरे से कहा.

“नही सर!!” वो हल्की आवाज में बोली.

मैंने कोई जोर जबरदस्ती नही की। उसके बाद अपनी शर्ट पेंट मैंने उतारा। फिर अंडरवियर उतार लिया। मेरा लंड 10” का लोहे जैसा दिख रहा था। मासूम पलक की नजर मेरे लंड पर पड़ी। उसने तुरंत ही नजरे फेर ली। फिर तिरझी नजरो से चुपके चुपके लंड को देखने लगी। शायद ये उसका प्रथम दर्शन होगा किसी मर्द के ताकतवर शक्तिशाली लंड का।

उसे फिर से लिटा दिया। अपने हाथो से उसकी सलवार का नारा खोला। हम लोगो के बीच किसी तरह की बात नही हो रही थी। अजीब सा सन्नाटा था। इस सन्नाटे को अब पलक की चुदने की सिसकरियाँ ही तोड़ेंगी, मैंने मन में सोचा। सलवार उतार दी। उसकी पेंटी चूत के मधुर मीठे रस से पचपचा गयी थी।

मैं चोदने को व्याकुल रो रहा था। उसकी पेंटी को जल्दी ही निकाल दिया। पलक ने दोनों पैर बंद कर लिए। चूत को हाथ से छुपाने लगी। मैंने कोई जोर जबरदस्ती नही की। उपर से जो बुर दिख रही थी उससे ही काम चलाने लगा। पलक की चूत का रंग साफ था। हल्की हल्की रोयेदार झांटे थी उसकी बुर पर।

सायद कुछ दिन पहले उसने बाल साफ़ थे। मैंने उपर से चूत को चाटना शुरू कर दिया। अपनी जुबान को निकालकर उपर से चूत चाटने लगा। 4, 5 मिनट में वो गर्माने लगी और उसे फिर खुद ही उसे अपने पैर खोलने पड़े। अब पूरा चूत का प्लेटफोर्म मेरा सामने था। चूत के छेद से रस निकलता दिखा। मैं जीभ लगा लगाकर बुर चटाई करने लगा।

पलक “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ. .ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..”  बोलते हुए मुझे रोकने का असफल प्रयास करने लगी। मैंने कसके उसकी जांघो को पकड़ लिया जिससे वो दुराबा से बंद न कर सके। और मैंने उसकी चूत पर पूरी तरह से कब्जा बना लिया। फिर आराम से चाटने लगा। उसकी कराहे और आहे मुझे पागल बना रही थी।

दोस्तों मैं सम्भोग नही कर रहा था पर उसके बराबर का मजा मुझे मिल रहा था। उसकी गुलाबी चूत को चाट चाटकर मैंने बुरा हाल कर दिया। वो कुछ नही कर सकी। अपने पैरो को बंद करना चाहती थी पर मैंने उसकी दोनों जांघो को कसके जकड़ रखा था।

खूब चाटा चूसा उसकी चुद्दी को। फिर सोचा की लाओ चेक कर लूँ की कुवारी है की नही। उसकी चुद्दी को ऊँगली से खोलकर देखा तो सील बंद माल थी। मेरा अभिमान इससे दोगुना हो गया। उसकी चूत की बंद झिल्ली को चाटा 10 मिनट तक। फिर दोनों पैर को खोलवा दिया। मेरा लंड तो करीब 1 घंटे से बह रहा था।

“जान हल्का दर्द होगा। सह लेना” मैंने कहा.

लंड चूत पर रखा और हल्का सा धक्का मारा। सीलबंद झिल्ली फट गयी। खून बहने लगा। लंड 3” अंदर समा गया। फिर कुछ सेंकंड बाद फिर से धक्का मारा। इस बाद मेरा 10” लंड किसी सबमरीन (पनडुब्बी) की तरह उसकी योनी में फक्क की आवाज करके अंदर उतर गया।

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आखिर मेरा सपना पूरा हुआ। पलक की माँ चुद गयी। दर्द से उसकी गांड फटी जा रही थी। धीरे धीरे मैं उसको लेने लगा। वो अकड़ी जा रही थी। मैं आराम आराम से लंड को उसकी योनी में दौडाने लगा। शुरू में उसे दर्द हुआ। धीरे धीरे उसकी चूत रवां हो गयी। अब जल्दी जल्दी उसे पेलने लगा। वो बार बार अपनी कमर उपर उठाने लगी। मुझे बड़ा आनन्द आने लगा ये सब देखकर। “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ….आराम से चोदिये सर!!.. सी सी सी… बहुत दुःख रहा है… ओ हो हो….” वो आँखे बंदकर बोले जा रही थी।

मुझे उसकी हालत बड़ी सेक्सी लग रही थी। मैं अब उसकी पतली 26” की कमर को दोनों हाथ से पकड़कर उसे पेलने लगा। जल्दी जल्दी अपने लोहे जैसे औजार को उसकी चुद्दी में दौड़ा रहा था। उसकी बुर के दर्शन करते हुए उसे खा रहा था। फिर उसे भी मजा आने लगा। उसे मैंने पहली बार में 12 13 मिनट चोदा, फिर झड़ गया। उसके बाद काफी देर हम लोग निर्वस्त्र लिपटकर लेटे रहे। दोस्तों इस तरह से मैंने अपनी शिष्या पलक की चूत का शिकार किया। 

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