Sexy Family Group Fuck
एक बार मुझे सरकारी काम के सिलसिले में 2 महीने के लिए कोलकाता जाना पड़ा. हमारे पड़ोस में मेरा 20 वर्षीय दोस्त रहता है और मूल रूप से कोलकाता निवासी है उसका परिवार कोलकाता में रहता है. उसने कहा मयंक अगर तुम्हारे ठहरने का इंतजाम न हो सका तो तुम मेरे घर में पेइंग गेस्ट बनकर रहा सकते हो. वहां मेरी दादी माँ और बहन “माधुरी” रहती है. Sexy Family Group Fuck
गुरुवार की सुबह मैं ट्रेन से रवाना हुआ दोस्त ने अपनी दादी माँ और बहन के लिए कुछ साड़ियाँ भेजी थी. शुक्रवार की रात मैं कोलकत्ता पंहुचा और डायरेक्ट दोस्त के घर गया. दोस्त ने पहले से ही मेरे बारे में फोन पर बता दिया था इसलिए कोई कठिनाई नहीं हुई बल्कि वो लोग बहुत खुश हुवे. और सादर स्वागत करते हुवे मेरे ठहरने का इंतजाम किया.
उनका 2 कमरों का मकान था. एक कमरा में उनकी छोटी से रसोई थी दूसरा बड़ा कमरा था. माँ और बहन एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करती है. दोस्त की माँ का नाम पार्वती है वो 35 वर्षीय सुडौल सांवली महिला है. उसकी बहन का नाम माधुरी है वो 22 वर्षीय तंदुरस्त महिला है. माधुरी का पति माधुरी से नाराज रहता है क्योंकि 2 साल हो गये वो माँ नहीं बन पायी थी.
इसलिए चेक अप के लिए ससुराल से माँ के पास रहने आयी थी. माँ बेटी की बड़े बड़े गोल गोल बूब्स और मोटे मोटे चूतड़ है. लेकिन मैंने महसूस किया की दादी इस उम्र में भी काफी सेक्सी लग रही थी. वो जब भी मुझे देखती तो आँखों में आँखे डाल कर बाते करती थी. रात को खाना खाने के बाद हम लोग बड़े कमरे में सो गए.
मेरे बगल में दादी और दादी के बगल में माँ और माँ के बगल में माधुरी (दोस्त की बहन) सोयी थी. सफर की थकन के कारण मुझे जल्दी ही नींद आ गयी. रात अचानक मेरी 2:30 बजे नींद खुली. मैं बाथरूम में जाकर पेशाब किया और जब लौटा तो देखा माँ का पल्लू साइड में था और ब्लाउज से उसके बड़े बड़े बूब दिख रहे थे और माँ के सांसो के साथ बूब्स ऊपर नीचे हो रहे थे.
इसे भी पढ़े – अंकल मम्मी को शारीरिक सुख देते
दीदी करवट के बल लेती थी. उनकी साडी जांघो तक उठी थी. जब मैं अपनी जगह आकर लेटने लगा तो देखा दादी मेरे बगल में पीठ के बल लेती थी और उनकी साडी और पेटीकोट जांघो पर थे. उनकी टांगे बिलकुल नंगी थी. मेरे दिमाग में वासना का शैतान जग उठा.
मैं दादी के पास मुँह कर करवट लेकर लेट गया और अपने दाहिना हाथ उनकी जांघो के बिच रखा और धीरे धीरे उनकी पेटीकोट और साडी को कमर तक सरकाया. नाईट बल्ब की डिम रोशनी में दादी की चूत मुझे साफ़ दिखाई दे रही थी. चूत पर काफी झांटे थी.
आहिस्ता आहिस्ता मेरा हाथ जांघो से सरका कर चूत पर रख दिया और हलके से चूत के दाने को सहलाने लगा. दादी इस हरकत से न जगी न हिली डूली. इधर मेरी हिम्मत बढ़ी उधर मेरा लंड लोहे के सामान सख्त हो गया. मैंने अपना लंड पाजामे से बाहर निकाल लिया. अब मैंने धीरे धीरे दादी की चूत को सहलाने शुरू किया.
थोड़ी देर बाद मैंने दादी के चेहरे को देखा तो मेरी हवा निकल गयी क्योंकि दादी की आंखे खुली थी और वो जग रही थी. डर के मारे मैंने झट से अपना हाथ उनकी चूत से हटा लिया. लेकिन तभी मुझे महसूस हुआ की मेरा लंड दादी की मुट्ठी में था और धीरे धीरे मेरे लंड को ऊपर निचे कर रही थी.
थोड़ी देर बाद दादी अपने बिस्तर से उठ कर रसोई घर में चली गयी. मैं डर गया और सोचने लगा अगर दादी सब को बता देगी तो बड़ी बदनामी होगी. यह सोच सोच कर मेरी साड़ी मस्ती रफ़ुचकर हो गई. मारे डर के मेरा लंड सिकुड़ गया. मैंने अपने लंड को पाजामे में डाल कर सोने का प्रयास करने लगा.
डर के मारे नींद नहीं आ रही थी. बार बार ख्याल आ रहा था कि अब क्या होगा. इतने में दादी मेरे पास आकर फुसफुसाकर बोली चलो मेरे साथ. मैं भी चुपचाप उठ कर दादी के पीछे चल पड़ा. दादी मुझे रसोई घर में ले गयी और दरवाजा बंद कर के खुद ज़मीन पर लेट गयी. जमीन पर लेटते ही दादी ने अपनी साड़ी और पेटीकोट कमर तक उठा दिया.
अब दादी की खुली चूत मेरे लंड को दावत देने लगी थी. अब दादी ने अपना ब्लाउज भी निकाल दिया और अपनी ढ़ीली ढ़ीली छोटी चुची मेरे सामने कर दी. उनकी खुली हुई चूत और चूची मुझे दुनिया की सबसे सुन्दर नज़र आ रही थी. दादी ने इशारे से मुझे अपने पास बुलाया. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उनके पास जाते ही दादी ने मेरा पजामा खोल दिया और लंड को हाथ में पकड़ कर सहलाने लगी. कभी कभी वो मेरे लंड की चमड़ी को ऊपर निचे करके सुपाड़े का घुंघट हटा रही थी तो कभी कभी लंड के सुपाड़े को उनकी चूची से सटा कर रगड़ने लगती थी. अब मेरा लंड लोहे के सामान सख्त हो गया.
इसे भी पढ़े – चूत में रस वाली मिठाई डालकर खाया
अब दादी ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और अपने हाथो से लंड को पकड़ कर उनकी चूत के छेद पर लगा दिया. मैं तुरंत एक धक्का मारा तो मेरा लंड उनकी ढ़ीली चूत में घुस गया. और कमर उठा उठा कर उनकी चूत में लंड पेल रहा था. दादी को भी जोश आ गया वो भी निचे से कमर उठा उठा कर मेरे लंड का जवाब देती थी.
मैं भी जोश में आकर जोर जोर से अपने लंड को उनकी चूत में अंदर बाहर करते हुए चोद रहा था. यह मेरा पहला अवसर था जो की मैं एक बड़ी औरत की चूत की चुदाई कर रहा था. दादी बड़ी थी लेकिन काफी सेक्सी और चुड़क्कड़ औरत थी. मैं करीब 25 मिनट्स तक दे की चूत में लंड दनादन पेल रहा था.
इस दर्मियान दादी 2 बार झड़ चुकी थी. अंत में मैं भी उनकी चूत में अपने ढेर सारा वीर्य डाल दिया. मेरे झड़ने के बाद दादी ने मुझे कसकर पकड़ लिया और वो भी तीसरी बार झड़ रही थी. कुछ देर तक मैं उनकी चूत में लंड डाले पड़ा रहा. थोड़ी देर बाद दादी ने बोली मयंक आज मैं करीब 7 साल बाद अपने चूत में लंड लिया है और अपना पानी छोड़ा है.
करीब 15मिनट्स बाद मेरा लंड उनकी चूत की गर्माहट से फिर से गरम होने लगा. दादी बोली मयंक क्या फिर से तुम अपने दोस्त की दादी को चोदना चाहते हो. यह सुनकर मैं फिर से उनके चूत में अपना लंड पेलने लगा. उस रात करीब 5-6 बार दादी की चुदाई का आनंद लिया.
दादी ने मुझे कई कई तरीके से चुदाई के आसान बताई. उनके बताये हुए तरीके से मैं चोद रहा था. आखिर में दादी हाथ और पैर के बल लेट गयी और मुझे पीछे से लंड उसकी चूत में डालने को कहा. मैं भी पीछे जाकर कभी उनकी चूची को दबाता कभी गांड को सहलाते हुए कस कस करचोदा. फिर हम दोनों कमरे में आकर सो गये.
सुबह जब आंख खुली तो घर में केवल दादी थी. माँ और बहन अपने काम पर चले गए. सुबह फिर से मैं दादी की चुदाई की वो बड़ी खुश लग रही थी. दोपहर को कहते वक़्त दादी ने कहा मयंक तुमने तो मेरी चूत की तम्मन्ना पूरी कर दी. क्या तुम एक और चूत की मुराद पूरी करोगे.
मैंने कहा दादी जी कौन सी चूत की मुराद पूरी करनी है. दादी बोली बेटा मेरी बहु यानि की तुम्हारे दोस्त की माँ की चूत की प्यास बुझानी है. क्योंकि कई बार मैंने उसे अपने हाथ से अपनी चूत की खुजली मिटाते देखी हूँ. उसकी चूत की खुजली का दर्द मुझसे सहन नहीं होता है.
आज रात तुम उसकी चूत की खुजली मिटा देना लेकिन उसकी चूत के चक्कर में मेरी बड़ी चूत को भूल मत जाना. तुम बहु को यानि की दोस्त की माँ को कैसे चोदने का प्लान खुद ही बनाना है. मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ. चलो एक साथ मुझे 2 तरह की चूत चोदने का मौका मिलेगा.
फिर रात को हम सब खाना खा कर सो गए. सोते ही घर की बिजली चली गयी और कमरा अंधेर घुप्प हो गया. आज भी हम लोग कल की तरह लेते थे. करीब 11:30 बजे मेरी नींद खुल और मैं पेशाब करके वापस अपनी जगह सो गया. अभी तक लाइट नहीं आयी थी. कमरे में घुप अँधेरा था.
इसे भी पढ़े – वासना के पागल भैया ने भाभी समझ कर पेल दिया मुझे
मैं अपने दाहिनी और करवट लेकर सोने की कोशिश करने लगा. मैंने अँधेरे में महसूस किया की बगल में लेटी हुयी दादी की साड़ी और पेटीकोट कमर के ऊपर थी उनकी गांड मेरे तरफ थी. मेरे मन में चुदाई की इच्छा जगी. मैंने अपना लंड पाजामे से निकाल कर उनकी गांड पर रगड़ने लगा.
लेकिन दादी की ओर से कोई हरकत नहीं हुयी. मैंने लेटे लेटे उनकी चूत को टटोल कर चूत के दाने को सहलाने लगा. उन्होंने करवट बदल कर पीठ के बल लेट गयी जिससे मुझे उनकी चूत सहलाने में आसानी होने लगी. कुछ देर बाद मेरी उंगली उनकी चूत के पानी से गीली हो गई मैंने अपनी उंगली उसकी चूत में घुसाकर अंदर बाहर करने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उन्होंने भी मेरा लंड पकड़ कर हिलाना शुरु किया. लंड अब चुदाई के चक्कर में फूल कर तैयार हो गया. अब मैंने उठ कर उनकी टांगे फैलाते हुए उनकी चूत को चोदने लगा बीच बीच में उनकी चूची भी दबा रहा था. आज मुझे उनकी चूत और चुची कल रात की अपेक्षा थोड़ी टाइट महसूस हो रही थी.
करीब 15-20 धक्के के बाद वो मेरे कान में फुसफुसाते हुए बोली तुम निचे आओ मैं तुम्हारे ऊपर चढ़ कर चोदना चाहती हूँ. अब मैं निचे था और वो मेरे ऊपर बैठ कर अपने हाथो से लंड पकड़ कर अपनी चूत में डाला और कमर हिला हिला कर चुदाई करने लगी. अचानक बिजली आ गयी रोशनी होते ही मैं डर गया क्योंकि दादी की जगह दोस्त की माँ मेरे ऊपर थी और कमर हिला हिला कर मेरा लंड अपनी चूत में ले रही थी.
मैंने साइड में देखा तो दादी माधुरी के बगल गहरी नींद में लेटी थी. दोस्त की माँ रोशनी आने के कुछ देर बाद बोली डरो मत मयंक आओ रसोई में चल कर करते हैं. हम दोनों रसोई में आकर दरवाजा बंद करके माँ जमीन पर अपने पैर फैलाते हुए लेट गयी. फिर मेरा लंड हाथ में पकड़ कर अपने चूत पर रगड़ने लगी.
मेरे लंड के सुपाड़े पर जब उनके चूत के दाने का घर्षण होता था तब मुझे अजीब मजा और नशा आ रहा था. थोड़ी देर बाद उनकी चूत की चिकनाई मेरे लंड पर महसूस हुआ. मैंने जब निचे देखा तो माँ की चूत में मेरा सुपाड़ा घुसा हुआ था. मैंने एक जोर लगा कर उनकी चूत में पूरा लंड जड़ तक घुसा दिया.
माँ के मुँह से आअह्ह्ह्ह ऊह्ह्ह्ह उफ्फ्फ मर गयी माँ. ऊफ्फ बहुत मजा आरहा है जोर जोर से चोदो मुझे. मैं कमर उठा उठा कर 120 की स्पीड में चोदने लगा. करीब 15-20 धक्के के बाद उनकी मुँह से आवाजे निकलने लगी.. उफ़ क्या चोदते हो राजा ऊऊफफफफ मममममअअअअ मैं गयी मेरा पानी निकलने वाला है.
इसे भी पढ़े – चाचा ने बाथरूम में सेक्स की भूख मिटाई मेरी
कहते हुए कुछ देर बाद उन्होंने अपनी चूत से पानी निकाल दिया. उनकी पानी निकलने से मेरा लंच फचफच फचफच की आवाजे करता हुआ अंदर बाहर हो रहा था. करीब और 25-30 धक्के के बाद मैंने भी उनकी चूत में पानी डाल दिया. अब माँ ने मेरा लंड चूत से निकाल कर अपने मुँह में भर लिया और लंड को चूसने लगी.
बीच बीच में बोल रही थी. मयंक तुम्हारा लंड काफी तगड़ा और मोटा है. तुम बहुत अच्छी तरह से चोदते हो.. तुम्हारा लंड खा कर बड़ी से बड़ी चूत और भोसड़ा मस्त हो जायेगी. मैंने भी कहा माँ जी तुम्हारी चूत भी मस्त है दिल करता है की तुम रात दिन चोदता रहूं.. काफी मजेदार चूत है.
उस रात मैंने माँ को करीब 7-8 बार चोदा और गांड भी मारी. अगले दिन मैं काम पर गया रात भर पहले माँ को फिर दादी को चोदता रहा. एक हफ्ते चोदने के बाद मुझे उनको चोदने का टाइम नहीं मिला क्योंकि की खाना खाते ही मुझे गहरी नींद आने लगती थी और आँखे सुबह ही खुलती थी.
मुझे समझ में नहीं आया क्यों मुझे इतनी नींद आती है. शनिवार का रात खाना खा कर हम बातें कर रहे थे की माँ गिलास में मेरे लिए दूध लेकर आयी. मैं बातो बातो में दूध पीना भूल गया और हम सब लाइट बंद करके सो गये. मुझे भी जल्दी नींद आ गयी. करीब एक बजे मैंने महसूस किया की कोई मेरा लंड चूस रहा है.
मैं अपनी आँखे थोड़ी खोल कर दखी तो माँ मेरे लंड को निकाल कर मुँह में लेकर चूस रही थी. जब मेरा लंड लोहे के सामान सख्त हो गया तो वो उठ कर अपने जगह सोने चली गयी. मैं अभी भी आँखे बंद करके सोने का नाटक किया पड़ा रहा. थोड़ी देर बाद मैंने महसूस किया की कोई मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत में डाल कर कमर हिला हिला कर चुदवा रही थी.
मैंने थोड़ी आँखे खोल कर देखा तो माधुरी मेरे ऊपर चढ़ कर मेरा लंड को अपनी चूत में मजे लेटे हुए चोद रही थी. मैं चुपचाप गहरी नींद में होने का नाटक करता सोये रहा. करीब 15-20 मिनट्स की चुदाई की बाद मेरे लंड ने उसकी चूत में पानी छोड़ दिया. अपनी चूत में आखिरी बून्द लेने के बाद वो मेरे बगल में लेट गयी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
उनकी इस हरकत के कारण मुझे नींद नहीं आ रही थी. मेरे मन में बार बार विचार आ रहे थे की माँ बेटी मेरे साथ कौन सा खेल खेल रही है. करीब एक घंटे बाद माधुरी ने मेरा लंड हाथ में पकड़ कर फिर से खड़ा करने लगी और जब मेरा लंड फुल कर तन गया तो वो मेरे ऊपर चढ़ कर अपनी चूत की चुदाई करने लगी.
मैं भी जोश में आ गया और धीरे धीरे कमर हिला कर उसकी चुदाई का जवाब देने लगा. अचानक मैंने उसकी चूतड़ को पकड़ लिया मेरे चूतड़ पकड़ते ही वो डर गयी और मेरे लंड से उतरने की कोशिश करती हुयी बोली मयंक आई ऍम सॉरी. मैंने कहा नो प्रॉब्लम चलो रसोई में चलते है वहाँ जम कर चुदाई करेंगे.
इसे भी पढ़े – कजिन भाई से शादी में चुदवाया पूरी रात
हमने रसोई में आकर खूब चुदाई की. चुदाई के बाद जब मैंने उससे पूछा की तुम बिना बताये क्यों चुदवाती हो. चुदवाना ही था तो खुल कर चुदवाती. वो बोली भैया मुझे 2 साल से बच्चा नहीं हो रहा था इसलिए मेरे पति सास ससुर काफी नाराज़ थे और कहा जा कर अपना इलाज कराओ और हमारे घर तब आना जब तुम बच्चा पैदा करने के काबिल हो जाओ. मैंने और अपना टेस्ट भी कराया और डॉक्टर के अनुसार मैं बच्चा पैदा करने के काबिल हूँ पर मेरे पति अपना टेस्ट नहीं कराते है और मुझ पर ही इलज़ाम लगाते हैं.
आखिर में माँ को दिमाग में एक आईडिया आया वो रोज तुम दूध में नींद की दवाई देकर गहरी नींद में सुलाती है और तुम्हारा लंड तैयार करके मुझसे चुदवाती है ताकि तुम्हारा वीर्य मेरी चूत में जाकर मुझे प्रेगनेंट करे. इसलिए पिछले एक हफ्ते से हम ऐसा कर रहे हैं. यह सुनते ही मुझे गहरी नींद का राज पता चला और उस रात मैंने माधुरी की जम कर चुदाई की. अब जब भी मौका मिलता कभी दादी को कभी माँ को कभी माधुरी को कस कस कर चोदता था.
प्रातिक्रिया दे