Russian Girl Chudai
हैलो दोस्तों, मेरा नाम सुमन है। मैं हिमाचल के एक छोटे से गांव की रहने वाली हूँ। मेरे मम्मी पापा एक कार एक्सीडेंट में मर गए थे, तो मुझे मेरी मौसी ने 12वी कक्षा तक पढा कर 17 साल की उम्र में मेरी शादी पड़ोस के गाँव में एक शराबी मजदूर राजू से करवा दी थी। मेरा रंग गोरा था मेरी स्कूल फ्रेंड्स मुझे रशियन बुलाती थी। Russian Girl Chudai
मैं गर्ल्स स्कूल में पढ़ती थी तो मेरी बॉयफ्रेंड तो दुर कोई लड़का दोस्त भी नही था। स्कूल फ्रेंड्स से सेक्स की बातें होती थी तो लगता था कि सेक्स में बहुत मजा आता होगा। लेकिन शादी के बाद राजू पहली ही रात शराब में धूत हो कर आया और आकर सो गया। मुझे उसकी शराब की स्मेल से घिन आ रही थी और मैं उससे दूर होकर सो गयी।
मैने ना कभी बॉयफ्रेंड के मजे लिये ना मेरी सुहागरात हो पाई। मैं अपनी किस्मत को कोसती रही। ये हर रोज पी कर आते और सेक्स करने की नाकामयाब कोशिश करते। शराब के नशे में मुझे चुमते, बुब्स(जो कि उस समय 32C के थे, कमर 30, चुतङ 34) दबाते और तब तक इनका पैंट में ही संख्लन हो जाता था और ये सो जाते।
एक दिन राजू कम पी कर आये, मैं शादी के बाद साड़ी पहनती हूँ, तो उस दिन ये मेरी साड़ी उतरने में सफल हो गए और पैंटी उतरकर अपना लंड मेरी चूत में डालकर हिलने लगे और मेरी चूत में ही संख्लित हो गए। और साईड में पड़ कर सो गए। मेरी चूत से खून तो आया लेकिन जो फिलिंग स्कूल फ्रेंड्स बताती थी वो नही आई।
मैं काफी समय तक खुद की किस्मत को कोसती हुई सो गई। उसकी नाकामयाब कोशिश तो रोज देखती पर मैने कभी किसी को कुछ नही बताया था। उसके मां-बाप की मैं बहुत सेवा करती थी पर. वो मुझे एक नौकर की समझते थे। कुछ दिन बाद मुझे उल्टी हुई। मैने पडोसन को बताया वो गांव की दाई थी उसने बताया कि मैं प्रेग्नेंट हू।
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मैं हैरान ऐसे कैसे हो सकता है तो दाई ने समझाया कि जब उपर वाला मेहरबान हो तो कुछ भी हो सकता है मैं उस बच्चे के लिए अब जीना चाहती थी। पडोसन दाई ने मेरी देखभाल की और डिलीवरी भी करवाई मैने एक लड़की को जन्म दिया तो राजू के मां-बाप खुश नही थे।
मैं मेरी 1माह की बेटी के साथ अपनी मौसी के घर थी कि बरसात के मौसम में राजू के गांव में बादल फटा और कई घर उसमें बह गए। मेरे मौसा ने राजू और उसके परिवार का पता करने की कोशिश की पर कुछ पता नही लगा। तभी मेरी मौसी की बहू उनसे मिलने आई और मुझे कोसने लगी पहले अपने मां-बाप को खा गई, जहां शादी हुई वो परिवार खत्म हो गया, एक लड़की ओर साथ ले आई, अब कैसे पालोगे इन्हे।
मुझे उनकी कही हुई हर बात चुभ रही थी। मन आत्महत्या करने को कर रहा था। लेकिन मेरे बाद मेरी बेटी का क्या होगा ये सोचकर खुद को रोक लिया। पर मैं अब वहां ओर नही रूकना चाहती थी। मैने बेशर्म बनकर अपने सुसराल और मौसी के घर में रहकर खुद का आत्मसम्मान खो दिया था।
अब अपनी बेटी को अच्छी परवरिश देने के लिए उस रात जब सब सो गए तब 1000 रूपये मौसी के चोरी करके वहां से निकल गई। पैसेंजर ट्रेन का चण्डीगढ का टिकट लेकर उसमें बैठ गई। ट्रेन में राधू (मेरी बेटी) भूख लगने पर रोने लगी। तो मैं ब्लाउज उपर करके उसे दुध पिलाने लगी।
तब सभी मर्द मेरे बुब्स को कुत्तों की तरह घूर रहे थे। उस रात ऐसा लग रहा था कि हिन्दी फिल्मों के सभी विलेन इसी बोगी में सवार है और अभी मेरी साड़ी खींच कर चोद देंगे। सारी रात डर से जागती हुई मैं सुबह सपनों के शहर चण्डीगढ पहुंच गई। मैंने वहां लोगों के घर जा जाकर सफाई का काम मांगा, मेरे साथ बेटी देख कर लोग मुझे काम नही देते।
मैं 5 दिन काम के लिए भटकती रही, खाना लंगर से खा लेती, बेटी को खुद का दुध पिला रही थी। फिर मैं बिना सोच विचार के एक बस में बैठ गई शहर छोड़ने के लिए। शहर के बाहर आते ही कंडक्टर टिकट के लिए आया और किराया मांगा, पुछा कित जाओगे।
मैने जवाब में पुछा – ये बस कहां जाएगी। जबाव मिला – सिरसा।
मैने कहां मै भी वही जाऊंगी।
कंडक्टर- 360 रुपये दो।
सुमन- नही हैं।
कंडक्टर ने विशल मारी और बस रूक गई, मुझे बीच रास्ते उतार दिया। मै नही जानती मैं कहां थी। बारिश हो रही थी और राधू रोने लगी। पास में एक बड़ा सा फार्म हाउस जिसमें पोलीफार्म बना था, कई तरह के बगीचे, फल सब्जियां लगें थे, चारों तरफ से लोहे के कंटीले तार से कवर्ड था।
उसमें अन्दर एक छोटी सी बिल्डिंग थी। एक बड़ा सा शैड लगा था। इसके अलावा दुर दुर तक हरे धान के खेत थे। मैं अपनी बेटी को ले कर अंदर शैड के नीचे आ गई। मैं बहुत थक गयी थी और बीमार महसूस कर रही थी। मैंने अपना ब्लाउज उपर किया और राधू को दुध पीलाते हुए बेहोश हो गई।
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वहां बगीचे में काम करने वाले मजदूर ने मुझे हिलाया, मैंने होश सम्भाला, ब्लाउज ठीक करके कहा- भाईसाहब मेरे लिए कोई काम है तो बताओ, मैं सब काम करूगी, मैं और मेरी बच्ची दोनों भूखे और लाचार हैं। उस इन्सान ने मुझे देखा, मैं 5 दिन से ना तो नहाई थी ना कपड़े बदले थे। सड़क पर भीख मांगने वाली लग रही थी। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मेरी सुन्दरता, गोरे गुलाबी गाल मैल से काले हो गए थे। वो व्यक्ति मुझे अपने मालिक से मिलवाता हूं बोल कर दूसरे व्यक्ति से मिलवाता है जो कि दिखने में रंग से थोड़ा काला था लेकिन नैन नक्श और फिटनेस में रितिक रोशन था l मुझे लगा ये भी मजदूर है लेकिन जब पहले वाले व्यक्ति ने उसको मेरे बारे में बता कर मेरे लिए काम की बात की तो उसने मुझे भी मजदूरों के साथ काम करने को बोल दिया।
उन मजदूरों ने मुझे खाना खिलाया और राधू को शैड में सुला कर मैंने मजदूरों के साथ काम किया, तब मुझे उनसे पता लगा की मालिक का नाम नवीन है। शाम को सब मजदूर अपने घर चले गए मैं शैड में आ कर अपनी बच्ची के साथ बैठ गयी। कुछ देर बाद नवीन शैड के पास मेन गेट बंद करने आया और मुझे वहां देख कर हैरानी से पूछा तुम घर क्यों नहीं गयी।
तब मैंने बताया कि मेरा कोई घर नहीं है, और थोड़ा आपबीती बताई। मुझे भीगा हुआ देख कर वो बोले- तुम यहाँ तो बीमार हो जाओगी अंदर चल कर कपड़े बदल लो। मैं डर भी रही थी कि कही ये मुझे अन्दर ले जाकर जबरदस्ती तो नही करेगा। अब जो होगा देखा जाएगा सोचकर मैं अंदर चली गई।
वहां अंदर सिर्फ 1 रूम, 1 किचन, 1 अटैच टायलेट बाथरूम था। मैने नीचे बच्ची को चादर बीछा कर, उसके कपड़े बदल कर सूला दिया। अपने कपड़े लेकर बाथरूम में गई और नवीन का ही साबुन, फेशवाश इस्तेमाल कर के नहाकर, कपड़े बदलकर जब बहार आई तो नवीन खाना बना रहा था।
वो दोनों के लिए खाना डालकर लाया और जब मुझे साफ़ सुथरा, गोरे गुलाबी गाल देख कर हैरानी से देखता ही रह गया। मुझे नीचे जमीन पर ही खाना दे कर, खुद बेड पर खाना खाने बैठ गया। खाना खाते हुए बीच बीच में मुझे घूर रहा था। खाना खा कर मैंने दोनों के बर्तन साफ़ किए उन्होंने मुझे नीचे बिछाने के लिए ग़द्दा देते हुए मेरा नाम पूछा। मैंने सुमन बता दिया।
कई दिन बाद सोने के लिए ग़द्दा मिला था ,अच्छी नींद आई और राधू भी रात में नहीं जागी। सुबह जब नवीन फ्रेश होकर बाथरूम से निकले तब मेरी नींद खुली। ये बाहर चले गए और मैंने नहा धो कर किचन में जो मिला वो नाश्ते में बना कर इनको देखने बाहर आई तो ये सिर्फ शॉर्ट्स पहन कर खेत में काम कर रहे थे तब पहली बार मैंने ऑफ स्क्रीन किसी आदमी के एब्स देखे थे।
इन्होने खाना खाते समय मुझे बोला- तुम्हे मेरा खाना बनाने की जरूरत नही है मै खुद बना सकता हूं। तुम तुम्हारे लिए घर देखो।
दिन में मैंने मजदूरों के साथ काम किया और उनसे घर, जगह का पूछा तो पता चला कि ये हरियाणा के बरवाला शहर से 15 किलोमीटर दूर स्थित है। आने जाने के लिए खुद का साधन हो तभी कोई काम करने यहा आ सकता है। मैने रात को नवीन को ये समस्या बताई तो उसने कोई जवाब नही दिया।
अब मैं वही रह रही थी तो 1 माह तक हम एक ही रूम में रह रहे थे मैं उनका रूम साफ़, खाना बनाना काम करती रहीं। वो भी मेरी तरह चुप रहते, सिर्फ अपने काम से ही कुछ पूछते या बोलते। मैं कई बार उनके एब्स देख लेती और वो राधू को दुध पीलाते हुए मेरे बुब्स। एक दिन ज्यादा बारिश की वजह से कोई काम पर नही आया।
तो हम दोनो ही बारिश में सब्जी तोड़ रहे थे नही तो अगले दिन तक खराब हो जाती। तोड़ी हुई सब्जी को शैड में रखते समय मेरा पैर फिसला और सिर एक पत्थर से जा टकराया। मैं भीगी हुई वही गिर गई। नवीन गोद में उठाकर मुझे रूम में ले गया और मेरी गीली साड़ी उतार दी.ले
किन सुखी साड़ी इन्हे पहनानी नही आई तो खुद की शर्ट लोअर पहना दिये। मुझे होश आया तो राधू को चम्मच से दुध पिला रहे थे। मैं खुद के शरीर पर उनके कपड़े देखकर खुद को शर्मिन्दा महसूस कर रही थी और इनको कहा कि आप ये दूध क्यों बच्ची को पीला रहे हैं ये इसे हजम नहीं कर पाएगी।
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नवीन- अब ये रो रही थी तो किसी तरह तो मैं इसे शान्त करवाता।
मैने राधू को उनसे लिया और शर्ट के बटन खोलकर उसे दुध पिलाने लगी और सोच रही थी कि नवीन ने आज मुझे नंगी देख लिया, कही ये आज मेरे साथ कुछ कर ना दे। नवीन ने खाना खा कर मुझे भी खा दिया। मुझे अच्छा लगा। सारी रात राधू रोती रही, उसको बुखार लग रहा था।
नवीन- लाऔ इसे मुझे दो मै इसे संभालता हू तुम थोड़ी देर रेस्ट कर लो।
जब वो राधू को लेने लगा तब उसका हाथ मेरे बुब्स को लगा, तो पुरे शरीर में झनझनाहट फैल गई। वो राधू को खिला रहा था वो भी शान्त थी जैसे अपने बाप की गोद में हो। मैं भी नवीन के ख्यालों में खो कर सो गई। सुबह नवीन ने कहा तुम तैयार हो जाऔ, राधू को डाक्टर के पास ले चलते है।
मैं तैयार होकर उसके साथ बाइक पर बैठ कर हॉस्पिटल जा रहीं थीं जैसे ही बाइक को झटका लगा मेरे बुब्स नवीन की पीठ पर जा लगते। हम दवाई ले कर वापिस आ गए तब नवीन ने मुझे खेत में काम करने से इंकार कर दिया और कहा कि तुम राधू का ध्यान रखना।
मैं सारा दिन राधू के साथ ही रही, उस दिन शाम का खाना मैंने बना दिया था तो नवीन ने नहा धोकर दोनों का खाना डाल कर बेड पर रख दिया और मुझे उपर आ कर खाना खाने को कहा। हम खाना खा रहे थे तब उसने कहा कि तुम राधू के साथ उपर सो जाना, मैं नीचे गद्दे पर सो जाऊंगा।
मैं भी कम बोलती थी तो बिना कुछ कहे बात मान लेती थी। रात में मेरी नींद खुली तो मैंने देखा नवीन राधू को गोद में लेकर टहल रहे है। मैं चुप करके सो गई अगर राधू ज्यादा तंग करेगी तो ये मुझे खुद जगा देंगे। जब सुबह उठी तो नवीन राधू को अपने सीने से लगाकर ले कर सो रहे थे। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मुझे अच्छा लगा। आज मजदूरों के साथ काम करते हुए मैने उनसे नवीन के बारे में पुछा तो पता चला के ये बरवाला के अच्छे जाट परिवार से है, मां-बाप शहर में रहते हैं । कभी कभार उनसे मिलने जाता रहता है, रंग काला और खेती करने के कारण 30साल का होने पर भी शादी नही हुई।
घर वाले बिहारन लाने को तैयार है पर नवीन नही मान रहा। उम्र सुनकर मैं खुद के दिल को कहने लगी कि तुझसे तो 12 साल बड़ा है। मजदूरों ने ये भी कहा कि शरिफ इन्सान है, काम के लिए बहुत महिलाए आती है कभी किसी को कुछ नही कहा। तब मैने सोचा कि मेरे पहले वाले पति की तरह नपुंसक तो नही है क्योंकि 2 माह से तो मैं ही इसके साथ रह रही हू, कभी मेरे करीब भी नही आया।
अब मैं इन को उत्तेजित करने वाले काम करने लगी। घर पर बिना ब्रा के ब्लाउज पहनती, इनके सामने झुककर सफाई का काम करती, राधू को नहलाते हुए अपना ब्लाउज गीला कर लेती ताकि मेरे बुब्स देखकर इनके लंड का उभार तो पैंट से पता लगे। लेकिन कुछ नही पता लगा। अब मुझे ये नपुंसक ही लगने लगा।
दुसरी और राधू और इनकी नजदीकियां बढ़ गई थी। मैंने एक कोशिश और की, मैं बिना चड्डी पहने पेटीकोट और ब्लाउज पहन कर नीचे जमीन पर बैठ कर राधू के साथ खेल रही थी और ये उपर बेड पर बैठे हमे देख रहे थे, मैंने पेटीकोट उपर कर लिया वो मेरी गुलाबी चूत को देखे जा रहा था।
4,5 मिनट बाद मैने ही खड़े होकर देखा तो मुझे अब भी कुछ नहीं पता लगा। तो मैं निराश होकर नहाने बाथरूम में चली गई, कपड़े उतार कर नंगी खड़ी अपनी चूत पर हाथ फेरती हुई खुद से कह रही थी कि रशियन जैसी चूत भी किस काम की जब कोई चोदने वाला ही ना हो।
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तभी बाथरूम की खडकी पर हलचल महसूस हुई तो मैं समझ गई कि नवीन मुझे देखने आया होगा, अगर मैने खिड़की की तरफ देखा तो वो भाग जाएगा, इसलिए मैं चुपचाप नहाती रहीं। नहाकर बाहर आई तो राधू सो रहीं थी, नवीन बाहर से आया। और मुझे खाना बनाने की बोल कर खुद नहाने के लिए बाथरूम में चला गया।
मैं बाहर खिड़की के पास देखने गई तो वहां नीचे सफेद रंग का चिपचिपा लिक्विड सा गिरा हुआ था, तब मैने थोड़ी सी खुली हुई खिड़की से बाथरूम में झाका तो नवीन अपनी पैंट उतार रहा था। उसने टाईट फ्रेंची पहनी थी जिसकी वजह से उसके लंड का उभार बाहर नजर नही आता था।
उसने एक हाथ में फोन में कुछ चलाया और दूसरे हाथ से अपनी फ्रेंची नीचे की, तब मैंने पहली बार किसी आदमी का इतना बड़ा, इतना काला, बीच से नीचे की तरफ कर्व लिया हुआ लंड देखा था। वो लगभग 8.5 इंच लम्बा होगा। मैं सोच रहीं थीं कि क्या मेरी छोटी सी चूत इसे ले पायेगी।
और अन्दर नवीन फोन देखता हुआ लंड आगे पीछे कर रहा था कि 7,8 मिनट बाद उसके लंड से एक जोरदार पिचकारी निकली और कुछ बूंदे खिड़की तक आई, मुझे मेरे ऊपर आती ही लगी। मेरी चूत ने भी पानी छोड़ दिया। मैं मन ही मन बहुत खुश थी।
लेकिन अब दिक्कत यह थी अब हमारा मिलन कैसे हो, पक्की शादी करवा कर हो या यों ही हो जाए। अगर नवीन मुझसे शादी नही भी करता है तो भी मैं उससे अब तक की मदद का धन्यवाद के रूप में चुदने को तैयार थी। मुझे अपनी किस्मत से कोई उम्मीद नहीं थी कि ऐसे इंसान की पत्नी बन सकूँ।
वो राधू के साथ खेलते रहता, मैं घर के काम समेट देती,धीरे-धीरे हम दोनों एक दूसरे को जानने समझने लगे। उन्होंने कभी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं बनाई थी, मैंने हिम्मत कर के पूछ ही लिया कि कभी किसी लड़की के साथ सेक्स किए हो। तब मना कर के चले गए। मैं उनके पास गई और कहा कि बिहारन से आपके परिवार वाले शादी करवा रहे है तो मना क्यों कर रहे हों। तब पहली बार मेरी कमर में हाथ डालकर मुझे अपनी तरफ खिंच कर बोले- क्यों कर लूं बिहारन से शादी…
सुमन- 30 के हो गए हों, सारी उम्र अकेले कैसे निकलेगी…
नवीन- जैसे तुम निकाल रहीं हो.
सुमन- मेरा सहारा तो राधू है…
खुद को नवीन से अलग करती हुई मैंने कहा मुझे यो क्यों पकड़ा…
नवीन- सॉरी, मुझे लगा कि अब हम दोस्त बन गए हैं तो…
मुझे समझ नहीं आया कि क्या कहूँ, मैं राधू को कमरे में सोता छोडकर बाहर खेतों की तरफ आ गई। मन में बहुत सवालों की उथल-पुथल चल रही थी। फिर ख्याल आया कि मैं तो इनका धन्यवाद अपना जिस्म इन्हें देकर करना चाहती थी और इनके स्पर्श से भाग रहीं हूँ।
मैं वापिस कमरे की तरफ गई, मुझे नवीन नजर नहीं आए तो देखा कि बाथरूम में कोई हैं लेकिन दरवाज़ा पूरा बंद नहीं है, मैंने झाँककर देखा तो नवीन हाथ में फोन ले कर लंड आगे पीछे कर रहा है, मैं हिम्मत जुटा कर अंदर गयी और उनका लंड पकड़ लिया।
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सुमन- आपने मेरे लिए इतना सब कुछ किया एक बार मुझे कहते तो मैं खुशी से अपना जिस्म आपको दे देती।
मुझे एक दम से देखकर नवीन का लंड मेरे हाथ में ही ऐसे मुरझा गया जैसे साइकिल की टिप में पंचर होने से हवा निकल जाती हैं। अभी गर्म रोड था, अब इसमें जान ही नही। वो कुछ नही बोल पा रहा था, अपना फोन जेब में डालने लगा तो मैने उसके हाथ से फोन ले लिया और देखा कि उसमें मेरी ही नंगी वीडियो चल रहीं हैं.
जो इन्होंने उस दिन बनाई थी जब बेहोशी में मेरे कपड़े बदले थे। समझ अब मुझे भी कुछ नहीं आ रहा था कि खुश होऊ या गुस्सा करू। तभी राधू के रोने की आवाज आई और मैं रूम में आ गई। राधू को दूध पीला रही थी कि पीछे से नवीन ने आ कर मेरे कंधे पर हाथ रखा.
और कहा- मुझे माफ़ कर दो, पहली बार किसी लड़की को नंगा देखा तो वीडियो बना लिया। और मैं सिर्फ अपनी पत्नी से सेक्स करूगा। क्या तुम मुझसे शादी करोगी।
मैं राधू को दूध पीलाती हुई खड़ी होकर नवीन के गले लग गई, राधू के मुँह से निप्पल निकल गयी और इनकी छाती पर भींच गयी, तब इनकी पैंट का उभार मुझे आज मेरी जांघ पर महसूस हुआ।
सुमन- आई लव यू नवीन आई लव यू, मैं तुम्हारी दासी बन कर भी रह लूँगी।
नवीन से अलग होकर- क्या तुम मुझे मेरी बेटी के साथ अपनाओगे।
नवीन- इसमें तो मैं तुम्हारा बचपन देख सकता हूँ, मुझे तुम और राधू दोनों के साथ रहना है। लेकिन मैंने कभी गर्ल फ्रेंड नहीं बनाई तो शादी से पहले हम बॉय फ्रेंड गर्ल फ्रेंड की तरह रहेंगे।
सुमन- मेरा भी कोई बॉय फ्रेंड नही रहा तो मुझे भी ये लाईफ जिनी है।
और हम एक दुसरे को किस करने लगे, राधू बीच में हमारे लिप्स पर हाथ मार रहीं थी इन्होंने मेरी नंगी चुची भींच दी। मै इनसे अलग हुई तो बोले पहले राधू को सुला दे। मैं आज बेड पर ऐसे जाकर बैठी जैसे मेरा ही है,और राधू को दुध पीलाने लगी। मैं आज सेक्स शब्द के मतलब को महसूस कर रही थी।
नवीन देख रहा था, उससे ना रूका गया और आकर मेरा ब्लाउज खींच लिया, पुराना होने की वजह से तुरंत फट गया, और मेरा दूसरा बुब्स भी आजाद हो गया, उन्होने पहले हाथ से भींचा और फिर नीचे बैठ कर चूची मुँह में ले ली। और दूध खींच कर पीने लगे।मैं 4 महीनों से राधू को दूध पिला रहीं थी लेकिन अब कुछ अलग ही मजा आ रहा था। ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
बेबू राधू क्या पीयेगी बोलकर मैने 4,5 मिनट बाद उनको हटा कर उपर किया तो मेरे होंठ पर होंठ रख कर किस करते हुए खुद के मुँह से दूध मेरे मुँह में डाल दिया। मैंने पहली बार खुद का दूध टैस्ट किया, बहुत स्वाद लगा और हमने बहुत देर तक किस की। ये किस करते हुए मेरे स्तन दबा रहे थे तो मैने भी इनका लंड पकङ लिया, ये तो मेरे हाथ से डबल था।
नवीन- कभी कालेज गयी हो।
सुमन- मै तो सिर्फ 12 तक ही पढ़ी हूं।
नवीन- कभी कालेज गर्ल्स की तरह कोई ड्रेस पहनी हो।
सुमन- नही।
नवीन- चलो तुम्हे ऐसी ड्रेस दिलाता हूं।
सुमन- मेरे पास 4 ही साड़ी थी, तुमने एक का ब्लाउज फाड़ दिया तो नये कपड़े तो दिलाने पड़ेंगे।
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मैं तैयार होने के लिए कपड़े लेकर बाथरूम में जाने लगी तो मुझे रोक कर यहीं रूम में कपड़े बदलने को कहा। मैने वही कपड़े रखकर बाथरूम से नवीन के ही फेशवाश से फेशवाश करके बहार आई। उपर तो कुछ था ही नही, पेटीकोट भी उतार दिया। नवीन भूखे भेड़िये की तरह मुझे घूरते हुए मेरे पास आकर पीछे मुझे पकड़कर मेरे बुब्स दबाने लगा और गाल चुमने लगा, फिर मुझे सीधा कर के होंठों को चुमने लगा।
मैं भी उसका साथ देने लगी। राधू की ऊह करने से हम अलग हुए और मै मेरी घीसी पुरानी ब्रा पहने लगी तो ये बोले- हम इन्हें भी नया लाएंगे। मैं तैयार होकर बाईक से नवीन के साथ मार्केट गयी। वो मुझे बड़े बड़े शोरूम से 2 वेस्टर्न ड्रेस, 2 सूट, 2 जीन्स टॉप, 1 सेक्सी नाईटी, 2 सिल्क साड़ी दिलाई और राधू के भी कपड़े दिलवाये। हम रात को बहार ही खाना खा कर लेट अपने खेत पहुंचे। उनके रूम में सिंगल बेड था, राधू सो गई थी तो उसे बेड पर लेटा दिया। दोनो फ्रेश और रिलेक्स होकर नीचे गद्दे पर बैठकर बात कर रहे थे।
नवीन- अब तुम रात को नाईटी पहना करो, और बाकि समय जो तुम्हारा मन करें।
सुमन- मैने कभी नही सोचा था कि मुझे इतनी अच्छी लाईफ मिलेगी कभी।
नवीन- मैने भी नही सोचा था कि इतनी सुन्दर रशियन टाईप, इतनी कम उम्र की और दुध पिलाने वाली लड़की मिलेगी।
ये कहते हुए उन्होंने मुझे गले से लगा लिया. अब आगे की कहानी मैं आपको अगले पार्ट में बताउंगी.
R k says
Achi he magar adhuri He Purilikhe