Teen Try Anal Sex
दोस्तों मैं आप सभी का एक बार फिर से स्वागत करती हु अपनी कहानी में. दोस्तों आपने मेरी कहानी के पिछले भाग में मामा ने प्रजनन का पाठ पढ़ा कर पेला मुझे 1 पढ़ा की कैसे मेरे बगल के मामा ने मुझे सेक्सी विडियो दिखा कर चुदासी कर दिया था. और मेरे मम्मी पापा के एक शादी में जाने के बाद मुझे चोदने की कोशिश करने लगे पर मेरी चूत कुंवारी और टाइट होने के कारण लंड अन्दर नहीं घुसा पाए. अब आगे- Teen Try Anal Sex
फिर हम लोगों ने दस बजे तक खाना आदि खत्म किया और बिस्तर पे आ गए. हम दोनों टीवी देखने लगे. मैं आगे लेट गई और मामा मेरे पीछे थे. मामा का लंड मेरी गांड में सटा हुआ था. टीवी देखते देखते अचानक से मामा ने मेरे टॉप में हाथ डाल कर मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे चूचों को दबाने लगे. मैं धीरे-धीरे गर्म होने लगी और सिसकारियाँ लेने लगी.
मामा ने मुझसे पूछा- क्या सरप्राइज़ है?
तो मैं बोली- आपको अपने आप पता चल जाएगा.
अब मामा का लंड खड़ा हो गया था और मेरी गांड में चुभने लगा था. मैं चाह रही थी कि मामा जल्दी से मेरी चुदाई करें. मामा ने मेरा टॉप उतार दिया और मैं केवल स्पोर्ट ब्रा में आ गई थी. मामा मेरे ऊपर चढ़ कर ब्रा के ऊपर से ही मेरी चुचियों को दाँत से काटने लगे.
फिर मेरी ब्रा को नीचे खींच कर मेरी दोनों चुचियों को ब्रा के ऊपर से बाहर निकाल दिया. मेरे निप्पल एकदम बेर के गुठली जैसे खुरदरे, नुकीले और काले से थे. मामा मेरे निप्पलों को अपने दाँत में दबा कर खींचने लगे, मुझे बहुत गुदगुदी सी हो रही थी.
फिर मामा ने मेरी ब्रा और शॉर्ट्स निकाल दी. अब मैं केवल पेंटी में थी. मामा मेरे ऊपर चढ़ गए और बारी-बारी से मेरी चुचियों को चूसने लगे. मेरी चूत पानी छोड़ने लगी थी. अब धीरे-धीरे मामा अपना हाथ मेरी पेंटी के अन्दर की ओर बढ़ा रहे थे. मैं मन ही मन में खुश हो रही थी कि अब मामा को सर्प्राइज़ पता चलेगी.
जैसे ही मामा का हाथ मेरी चूत पर गया, मेरी चिकनी चूत पाकर मामा की आँखों में एक चमक सी आ गई और मुझसे पूछे- चुत के बाल कहाँ गए?
यही सरप्राइज था. मैं बोली- मैंने आपके लिए चुत साफ़ कर दी.
मामा पागल से हो गए और झट से मेरी पेंटी निकाल कर मेरी सांवली चुत को देखने लगे. मेरी नंगी चिकनी चुत देख कर मामा ने भी झट से अपने कपड़े उतार दिए और केवल अंडरवियर में आ गए. अंडरवियर में से मामा का लंड साफ-साफ तना-तना दिख रहा था.
मामा मेरी चूत सूंघने लगे, चूत से एक अलग सी खुश्बू आ रही थी. मामा को बर्दाश्त नहीं हुआ, तो मामा ने अपने होंठ मेरी चूत पे रख दिए और जोर-जोर से चुत चूसने लगे. मेरी चूत के दाने को मामा अपने मुँह के अन्दर ऐसे खींचने लगे.. जैसे चुत को खा ही जाएँगे.
मेरी चूत के पानी को मामा ने अपनी जीभ से चाट कर साफ कर दिया और मेरी चूत के अन्दर तक अपनी खुरदरी जीभ घुसेड़ रहे थे. मैं चुत चुसाई के मज़े ले रही थी और कामुक सिसकारियाँ भी भर रही थी. अब मामा समझ गए थे कि मैं चरम सीमा पर हूँ और चुदने को तैयार हूँ.
इसे भी पढ़े – ईद में चचेरे भाई के सामने नंगी हो गई
मामा बोले- रिशू, मेरा लंड चूसो और गीला कर दो.
मैं बोली- पहले बाहर तो निकालिए.
मामा ने अब अपना अंडरवियर निकाल दिया. मामा का काला, लंबा, मोटा सा, गुलाबी टोपे वाला लंड मेरी आँखों के सामने तन कर खड़ा था. मैं बैंगन जो कि मॉर्निंग में मैंने अपनी चूत में डाला था, उससे मामा के लंड की तुलना करने लगी. मामा का लंड बैंगन से काफ़ी मोटा और लंबा था.
मैं समझ गई कि आज मामा मेरी चूत पक्के में फाड़ देंगे. मामा ने मेरे मुँह में अपना लंड घुसा दिया. मामा के लंड का केवल पिंक हिस्सा ही मेरे मुँह में जा पा रहा था. मामा का लंड थोड़ा खट्टा और नमकीन लग रहा था, पर मुझे लंड चूसने में मज़ा आ रहा था. मैं मामा के लंड में धीरे-धीरे दाँत चुभाने लगी, इससे मामा को भी मज़ा आ रहा था.
मामा बोले- अह.. अब छोड़ दो.
मैं बोली- क्यों.. मुझे और चूसना है.
मामा बोले- तुम्हारे मुँह में ही झड़ जाउँगा.
तो मैं बोल उठी- झड़ जाओ.
लेकिन मामा अब चूत चुदाई शुरू करना चाह रहे थे. उन्होंने लंड हटा लिया उर मेरी गांड के नीचे तकिया लगा दिया. साथ ही मेरी दोनों टाँगों को फैला कर मेरी चूत खोल दी. अब मामा पास पड़ी अपनी पेंट की जेब से अपने वॉलेट से कुछ निकालने लगे. मैंने देखा कि मामा ने एक लाल रंग की चाकलेट जैसी कुछ चीज निकाली.
मैंने पूछा- ये क्या है?
तो मामा बोले- कन्डोम है.
मैंने पूछा- ये क्यों?
मामा बोले- देखती जाओ.
मामा ने कवर फाड़ कर रबर जैसा कुछ निकाला और उसे अपने लंड पर चढ़ा लिया.
मैंने पूछा- ये क्यों लगाया?
मामा बोले- कल रात खून निकल गया था ना.. इसलिए!
मैं बोली- इसको उतार दीजिए.. आज खून नहीं निकलेगा.. बस थोड़ा धीरे-धीरे कीजिएगा.
मामा गुस्सा करके बोले- ये ‘कीजिएगा…’ क्या होता है, जो बोलना है खुल कर बोलो, मुझे भी अच्छा लगेगा.
ये कहते हुए उन्होंने मुझे कसम दे दी. फिर मैंने सब कुछ बता दिया कि आपने जो आज वीडियो दी थी, वो देख कर मैंने भी अपनी चूत की सील तोड़ ली है और हम लोग के पास आज और कल की दो रात हैं इसलिए आज रात धीरे से चुदाई कीजिए और जब आज मेरी चूत पूरी तरह से खुल जाएगी, तो कल रात अच्छे से चुदाई कर लीजिएगा.
मामा खुश हो गए और अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगा कर मेरी चूत में अपना लंड रख कर चुत को सहलाने लगे. फिर धीरे-धीरे मेरी चूत में लंड घुसाने लगे. मामा का लगभग आधा लंड मेरी चूत में घुस चुका था.. पर उससे आगे नहीं जा पा रहा था..
क्योंकि मेरी चूत अभी पूरी तरह से खुली नहीं थी. मामा अपने आधे लंड को ही मेरी चूत में अन्दर-बाहर करने लगे और मेरे होंठ को चूसने लगे. मैं समझ गई थी कि मामा कभी भी मेरी चूत को धक्का मार कर फाड़ सकते हैं.
दो मिनट तक मामा ऐसे ही धीरे-धीरे लंड को अन्दर-बाहर करते रहे और मेरे होंठ को चूसते रहे. मैं कहीं और दुनिया में खो सी गई थी कि अचानक से मामा ने जोर से धक्का मार दिया, मामा का मोटा लंबा लंड मेरी चूत को चीरते हुए पूरा अन्दर घुस गया.
मेरी चीख निकल गई- हाय मम्मी.. मेरी चूत फट गई.. मैं रोने सी लगी, मामा थोड़ी देर के लिए बिल्कुल शांत हो गए. फिर थोड़ी-थोड़ी देर में अपने लंड को अन्दर-बाहर करने लगे. इससे मुझे मज़ा आने लगा. अब तो मैं जैसे मानो चाँद सितारों के बीच खो सी गई थी.
मैं कामुकता से बोलने लगी- अह.. मामा जोर से धक्का मारो, मेरी चूत फाड़ दो..
मैं भी खुद से अपनी गांड को आगे-पीछे करने लगी थी. कुछ ही देर में मुझे एहसास हुआ कि मेरी चूत के अन्दर गुदगुदाते हुए कुछ तो गर्म सा निकल रहा है, उस वक़्त कुछ अलग सा आनन्द मिलने लगा था. मैं समझ गई कि मैं झड़ सी गई हूँ, मेरी चूत की गर्म पानी निकल चुका है.
पर मामा अभी भी बहुत तेज़ी से लंड से धक्का मार रहे थे. मैंने भी अपनी टाँग को ऊपर उठा कर मामा को लॉक कर लिया, जिससे मेरी चूत और कस सी गई. अब मामा का लंड और ज्यादा मेरी चूत के अन्दर रगड़ खाने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
पांच मिनट बाद मामा ने और गति बढ़ा दी. अचानक से मुझे अहसास हुआ कि मेरी चुत में किसी ने 50 ग्राम मोम पिघला कर डाल दी हो. फिर मामा धीरे-धीरे शांत हो गए, मामा अपना लंड मेरी चूत के अन्दर ही छोड़ कर मेरे ऊपर लेट गए.
इसे भी पढ़े – कामुक लेडीज टेलर की सेक्स कहानी 1
थोड़ी देर बाद मामा ने मुझसे पूछा- रिशू, मज़ा आया?
मैंने भी मुस्कुराते हुए बोला- बहुत ज्यादा..
फिर मामा बोले- और चुदाई करवानी है?
मैं बोली- आपकी मर्ज़ी..
फिर हम दोनों प्यार भरी बातें करने लगे. मैं मामा से बोली- एक बात पूछूँ?
मामा बोले- हाँ पूछो?
मैं बोली- आपका लंड इतना ज्यादा और इतनी ज्यादा गर्म पानी कैसे छोड़ता है?
तो मामा बोले- पहली बार मैंने चुदाई की है ना.. और मैंने कुछ दिनों से खुद से लंड की मुठ भी नहीं मारी थी ना.. इसलिए..
मैं नंगी ही मामा की बांहों में पड़ी थी और मामा भी नंगे थे. थोड़ी ही देर में मामा का लंड फिर से तन गया. मामा फिर से मेरी चूत को उंगली से सहलाने लगे.
मैंने मामा से पूछा- इतनी जल्दी कैसे खड़ा हो गया?
मामा बोले- तुम्हारी गांड और नींबू जैसी चुचियां देख कर लंड खड़ा हो गया.
मैं भी मामा के लंड को मसलने लगी, लंड एकदम लोहे की रॉड जैसा कड़ा हो गया था. मैं भी फिर से गर्म होने लगी थी, मैं बोली- मामा जल्दी से आप अपना लंड मेरी चूत में घुसा दीजिए.
मामा बोले- अब मैं नहीं चुदाई करूँगा.. तुम मेरे लंड पर बैठ कर चुदाई करवा लो.
मामा अपने लंड को पकड़ कर नीचे लेट गए और बोले- मेरे लंड पर चूत रख कर बैठ जाओ.
मैंने वैसे ही किया, जैसे मामा बोले. अब मामा का लंड पूरी तरह से मेरी चूत में समा गया था. मामा का 7″ लंबा लंड अब मेरी चूत के अन्दर पेट तक धक्का मार रहा था. मैं भी अपनी गांड की ऊपर-नीचे करने लगी. मुझे जन्नत का एहसास होने लगा.
थोड़ी देर बाद मामा बोले- अब उल्टा मुड़ जाओ. मुझे चुदाई करते हुए तुम्हारी गांड देखनी है.
मैं भी उल्टा मुड़ कर मामा के लंड पर बैठ गई, मुझे भी अच्छा लग रहा था. मामा का लंड का सुपारा मेरी चूत में रगड़ मार रहा था, मामा भी पीछे से मेरी गांड को पकड़ कर ऊपर-नीचे कर रहे थे. फिर मामा ने अचानक से मुझसे कहा- साइड में घोड़ी बन जाओ. मुझे लगा कि शायद मामा मुझे घोड़ी बना कर पीछे से चुदाई करेंगे. मैं घोड़ी बन गई, मामा मेरी गांड के छेद में वैसलीन लगाने लगे.
मैंने डर से पूछा- ये क्या कर रहे हैं?
तो मामा बोले- मुझे तुम्हारी गांड मारनी है.
मैं मना करने लगी कि मुझे दर्द होगा. पर मामा ने मेरी एक ना सुनी और गांड में ढेर सारी वैसलीन लगाने के बाद लंड को मेरी गांड के छेद पर रख कर अन्दर घुसाने की कोशिश करने लगे. मुझे दर्द होने लगा.. मैं कराहने लगी और रोते हुए बोली- मैं आपको कल रात गांड मारने दे दूँगी पर अभी छोड़ दीजिए.
मामा मान गए और मुझे घोड़ी ही बना कर पीछे से चुत चुदाई करने लगे. दस मिनट तक मामा मेरी जोरदार चुदाई करते रहे.. मैं भी लंड से चुदने के मजे लेती रही. मैं मादक सिसकारियाँ भरती रही, मैं अब झड़ने वाली थी.
मेरे मुँह से जोर-जोर से चीख निकलने लगीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… तभी मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया, पर मामा रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे. थोड़ी देर बाद मामा ने रफ़्तार बढ़ा दी मैं समझ गई. मामा फिर से मेरी चूत में आग उगलने वाले थे.
मैं बोली- मामा लंड का पानी बाहर ही गिरा दो.
मामा ने अचानक से लंड चुत से खींचा और मेरे मुँह में डाल दिया. उनका सारा पानी मेरे मुँह में निकल गया. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने गरम पानी में ईमली और नमक मिला कर मुँह में डाल दिया हो. अब हम दोनों काफ़ी थक गए थे, दोनों एक-दूसरे की बांहों में नंगे पड़े रहे और कब नींद आ गई पता ही नहीं चला.
उस रात पहली बार मेरी पूरी चुदाई हुई थी, वो भी 2 बार लगातार, मामा ने मेरी चुदाई करते हुए गांड देखने के बाद मेरी गांड भी मारने की कोशिश की पर मुझे दर्द होने के वजह से मैंने मामा को मना कर दिया तो मामा जी ने ज़िद नहीं की क्योंकि वो मुझे बहुत प्यार करते थे.
इसे भी पढ़े – कमसिन जिस्म पर वासना का तूफान चढ़ा
चुदाई के बाद हम दोनों इतने थक गये थे कि कब नींद आ गयी, पता ही नहीं चला. सुबह मैं नींद में ही थी कि मुझे अपनी चुची में गुदगुदाहट का अहसास होने लगा. मैंने जब आँख खोली तो देखा कि मामा आज मुझसे पहले ही जाग गये थे और मेरी चुची सहला रहे थे.
मैं समझ गयी कि मामा आज मॉर्निंग वाली चुदाई करेंगे. मैं भी यही चाहती थी क्योंकि मैंने कहीं पढ़ा था कि मर्दों में सुबह नींद खुलने के बाद सबसे ज़्यादा चुदाई की इच्छा होती है और बहुत ही प्यार और कामुकता भरी चुदाई करते हैं. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मैं भी गर्म सी होने लगी. अचानक से मुझे याद आई कि रात की चुदाई के बाद मैं बिना चूत धोये सो गयी थी. मुझे लगा कि मामा मेरी चूत तो अभी ज़रूर चाटेंगे और रात की चुदाई का मामा के लंड और मेरी चूत का रस तो मेरी चूत में ही लगा होगा, मैंने सोचा कि मैं अपनी चूत धोकर आती हूँ, मैं मामा से बोली- मैं आती हूँ थोड़ी देर में!
तो मामा बोले- मुझे चुदाई करनी है, अभी मत जाओ.
मैं बोली- मैं आती हूँ ना बाथरूम से सू सू करके!
तो मामा ने मना नहीं किया, मैं उठ कर कपड़े पहनने लगी तो मामा ने पूछा- कपड़े क्यों पहन रही हो? नंगी ही जाकर आ जाओ ना!
मैं बोली- बाहर के रूम की खिड़की खुली हुई है, कोई देख लेगा क्यूंकि हम लोगों का कामन बाथरूम है.
तो मामा कुछ नहीं बोले. जब मैं बाथरूम में गयी और पेंटी निकाल कर चूत धोने बैठी तो मेरी चूत से मादकता भरी खुशबू आ रही थी जैसे कि मामा जी का लंड मेरे आस पास ही हो. जब मैंने चूत पे हाथ डाला तो सारा रस सुख गया था और मेरी चूत में चिपचिपाहट सी लग रही थी.
मैंने चूत को अच्छे से धोया और सूखे कपड़े से पौंछ डाली, फिर भी मेरी चूत से खुशबू आ रही थी. मैं कपड़े पहन कर बाथरूम से बाहर आ गयी, मैंने सोचा कि जब उठ गयी हूँ तो रात के झूठे बर्तन धो लेती हूँ, फिर चुदाई करवा लूँगी मामा जी से ताकि चुदाई के बाद मामा जी को जल्द से चाय और नाशता दे दूँगी.
मैं केवल पेंटी और टॉप में थी. बाथरूम जाने से पहले मैं जल्दी जल्दी में केवल पेंटी और टॉप ही पहन पाई थी क्योंकि बाथरूम से वापस आने के बाद चुदाई ही करवानी थी. मैं किचन में जाकर बर्तन धोने लगी. अचानक से मामा किचन में आ गये और मुझे पीछे से दबोच लिया, मेरी गांड में पेंटी के ऊपर से मामा का लंड चुभ रहा था, मैं समझ गयी कि मामा नंगे आ गये हैं. गले के ऊपर से मामा मेरी टॉप में हाथ डाल कर मेरी चुची मसलने लगे.
मैं बोली- मामा जी, आप मुझे थोड़ा समय दो, मैं बर्तन धोकर रूम में आती हूँ, उसके बाद आपको अपनी बहन की बेटी के साथ जो करना है, कीजिएगा.
पर मामा जी मानने वाले कहाँ थे, मामा जी बोले- आज मैं अपनी भानजी की चूत की चुदाई किचन में ही करूँगा.
मैं बोली- यहाँ कैसे करेंगे? चोट लग जाएगी.
मामा बोले- तुम देखती जाओ!
मामा ने झट से मुझे अपनी ओर घुमाया और मेरे होंठ चूसने लगे, मेरे हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया. अब मैं मामा जी को क़िस भी कर रही थी और लंड भी पकड़े हुई थी. मामा मेरे हाथ में अपना हाथ रख कर आगे पीछे करने लगे जिससे मामा का लंड मेरे हाथ में रगड़ खाने लगा.
मैं भी मामा जी के लंड के आगे के गुलाबी हिस्से को हाथ में मसलने लगी. फिर मामा ने मेरी झट से मेरी पेंटी और टॉप उतार दिए और मेरी चुची को मुँह में लेकर चूसने लगे. मैंने भी अपनी चुची को दोनों हाथ से ऊपर की ओर सहारा दिया और गला को पीछे की ओर झुका कर अपने छाती को आगे की ओर तान दी.
मेरी दोनों चुची और भी उभर कर मामा के मुँह में समा गयी, मामा जी का एक हाथ मेरी कमर को पकड़े था और दूसरा हाथ मेरी गांड के पीछे से मेरी चूत सहला रहा था, मुझे बहुत ही ज़्यादा मज़ा आने लगा था. हर बार चुदाई में मामा जी एक अलग सा अहसास दिला रहे थे. मैं गर्म हो गयी थी, मेरी चूत से पानी निकलने लगा था.
मैं बड़बड़ाने सी लगी थी- मामा जी, जल्दी से चोदिये, अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
मामा जी को भी लगा कि मेरी चूत पूरी गीली हो गई है, उन्होंने मुझे किचन की स्लैब पर बैठा कर मेरी दोनों जाँघों को फैला कर अपने होंठ मेरी चूत के होंठों से लगा दिए। मेरी चूत से एक भीनी भीनी सी खुशबू आ रही थी जो मामा को पागल बना रही थी.
मेरी चूत मामा के मुँह में समा सी गयी थी और मामा मेरी चूत के दाने पे अपनी जीभ फेर रहे थे. मुझे एक गुदगुदाहट सी महसूस हो रही थी चूत के अंदर, मामा जी मेरी चूत के दाने को ऐसे अपनी ओर खींच रहे थे जैसे मेग्गी खा रहे हों.
मामा जी ने मेरी चूत चाट चाट कर पूरा पानी साफ कर दिया. अब मामा जी मुझे किचन के स्लैब से नीचे उतारा और खुद बैठ कर अपने हाथ से अपने लंड को सहलाने लगे, ऊपर नीचे करने लगे. मेरी नज़र जब मामा जी लंड पे पड़ी, मैं सहम सी गयी, इस बार सबसे ज़्यादा विशाल और मोटा लग रहा था, एकदम कड़ा सा ऊपर की ओर तना हुआ था.
मैंने मामा से पूछा- आज इतनी बड़ा क्यों दिख रहा है आपका लंड, और कैसे घुसेगा मेरी चूत में?
तो मामा बोले- मॉर्निंग टाइम है ना इसलिए इस टाइम में सबसे ज्यादा रस भरा होता है इसलिये लंड ज़्यादा तना हुआ और खड़ा और मोटा लंबा होता है, किसी ना किसी तरह से घुसा दूँगा.
फिर मामा बोले- अब जल्दी से मेरा लंड चूस कर गीला कर दो ताकि गीला लंड तुम्हारी चूत में आसानी से घुस जाए.
मैं मना करने लगी और बोली- आज बहुत मोटा और लंबा है, मुँह में नहीं जा पाएगा.
इसे भी पढ़े – बुआ के लड़के को सेक्स का नशा चढ़ा
मामा ज़बरदस्ती मेरा सर पकड़ कर मेरे मुँह में लंड सटाने लगे, मामा एक हाथ से अपना लंड पकड़े हुए थे और दूसरे हाथ से मेरा सर, मेरे मुँह को मामा जी का लंड छूने लगा, मामा जी के लंड से एक मादक सी, कामुकता भरी खुशबू आ रही थी जैसे मामा जी रात में चुदाई के बाद लंड साफ ना किया और लंड में लगा हुआ रस लंड पे ही सूख गया हो.
मैं मदहोश सा होने लगी, मैं सोचने लगी कि अगर खुशबू इतनी मादक है तो मुझे चूसने में कितना मज़ा मिलेगा. मैं मान गयी और मामा जी का लंड चूसने लगी, मामा जी का लंड इतना मोटा था कि सिर्फ़ टोपा ही मेरे मुँह में जा पा रहा था.
जैसे ही लंड मेरी मुँह के अंदर गया, मुझे कुछ खुरदरा सा लगा और थोड़ी देर बाद मुझे लंड खट्टा और नमकीन सा लगने लगा, मैं समझ गयी कि रात की चुदाई के बाद मामा जी ने लंड नहीं धोया, इसलिए लंड में लगा रस सूख कर मामा जी के लंड में ही चिपक गया है. इसलये पहले लंड चूसने में खुरदरा सा लग रहा था और खुशबू भी आ रही थी.
मैं अब मामा के लंड की खुशबू ले लेकर चूस रही थी. अब मामा जी का लंड पूरी तरह से गीला हो चुका था, अब मामा लंड मेरे मुँह से निकाल कर नीचे उतर गये. फिर मामा ने मुझे स्लैब की ओर मोड़ कर झुका दिया, मैंने दोनों हाथ से स्लैब को पकड़ लिया.
मामा फिर मेरे चूतड़ के पीछे से मेरी चूत सहलने लगे, मेरी चूत दोबारा से सूख चुकी थी, मामा जी ने नीचे झुक कर अपने दोनों हाथ से मेरे चूतड़ फैला कर गांड के पीछे से मेरी चूत चाटने लगे, मैंने भी और ज़्यादा झुक कर अपनी गांड फैला दी ताकि मामा आसानी से चूत चाट सकें और मज़ा लेने लगी.
बीच बीच में मामा जी की जीभ मेरी गांड के छेद में चली जाती थी तो मेरी गांड के अंदर अजीब सी गुदगुदी होने लगती थी और मैं सिसकारियाँ भरने लग जाती थी, साथ ही साथ मैं अपनी गांड को अंदर की ओर खींच लेती थी जिससे मेरे दोनों चूतड़ एक दूसरे से चिपक जाती थी और मामा की जीभ मेरे चूतड़ों के बीच फँस सी जाती थी.
मामा जी को समझ आ चुकी थी कि मुझे गांड का छेद चटवाने में मज़ा आ रही है. तब मामा ने अपने दोनों हाथ से मेरे दोनों चूतड़ कस कर पकड़ कर फैला दिए और मेरी गांड के छेद को जीभ से सहलाने लगे. मैं आँख बंद कर के ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी और सोचने लगी अगर गांड चटवाने में गांड के अंदर इतनी गुदगुदी हो रही है तो गांड मरवाने में कितना मज़ा आएगा.
वैसे भी मैंने कल रात मामा से वादा किया था कि आज रात मामा जी को गांड मारने दूँगी, गांड के अंदर की गुदगुदी से मेरी चूत से गर्म रस निकालने लगी थी, शायद मैं झर गयी थी, खड़े होने की वजह से सारा रस मेरी जाँघों पे बह गया था और जाँघ गीली हो गयी थी.
मामा जी भी समझ गये कि एक बार मेरा रस निकल चुका है इसलिए चुदाई कर देनी चाहिए. मामा जी खड़े हो गये और अपने लंड पे ढेर सारा थूक लगाया, मेरी गांड और चूत पे भी ढेर सारा थूक लगा दिया. मेरे चूतड़ थूक से पूरे गीले हो गए थे.
मामा जी ने अपना गीला लंड मेरी चूत पे सटा दिया. मैं स्लैब की ओर झुकी हुई थी किचन में, अचानक से मामा जी ने धक्का मारा, आधा लंड मेरी चूत में घुस गया. मुझे दर्द होने लगा क्योंकि मेरी चूत अभी भी बहुत कसी हुई थी, मामा आधा लंड ही अंदर बाहर करने लगे.
फिर अचानक से एक और जोरदार धक्का मार दिया तो मामा जी का पूरा का लण्ड मेरी चूत को चीरते हुए मेरी चूत में समा गया, मैं दर्द से कराहने लगी. मामा ने लंड को चूत में घुसा छोड़ दिया और मेरी दोनों चूचियों के निप्पल को पीछे से सहलाने लगे.
मेरी चुची में एक तरंग सी दौड़ने लगी जिससे मेरी चूत का दर्द धीरे धीरे कम होने लगा. मामा अब धीरे धीरे लंड को आगे पीछे करने लगे, मुझे मज़ा आने लगा. कुछ ही देर में मामा ने मेरी चुदाई की रफ़्तार तेज़ कर दी, मामा जी की जाँघें ज़ोर ज़ोर से मेरे चूतड़ों पर टकराने लगी.
मेरे चूतड़ गीले होने के वजह से किचन में ज़ोर ज़ोर की पच पच की आवाज़ गूंजने लगी, मेरी भी उम्म्ह… अहह… हय… याह… की आवाज़ किचन में गूंजने लगी. थोड़ी देर पीछे से चुदाई करने के बाद मामा ने मुझे अपनी ओर चेहरा करके स्लैब पर बैठा दिया और मेरी दोनों जाँघें फैला कर फिर से चूत चाटने लगे. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
थोड़ी देर चूत चाटने के बाद मामा ने सामने से मेरी चूत में लंड घुसा दिया और खड़े खड़े मेरी चुदाई करने लगे. स्लैब पे बैठ कर मैंने भी मामा को अपने दोनों पैर से लॉक कर लिया और दोनों हाथ से मामा के गले को पकड़ लिया. चूंकि मामा खड़े खड़े चुदाई कर रहे थे इसलिए मामा अपने दोनों हाथ से मेरी कमर लॉक करके ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगे.
10 मिनट तक चुदाई करने के बाद मामा ने रफ़्तार बढ़ा दी, मैं समझ गयी कि मामा का रस निकलने वाला है, इस चुदाई के दौरान मेरा तो दो बार रस निकल चुका था इसलिए मैं भी चाहती थी कि मामा जी जल्दी झड़ जायें क्योंकि मेरी चूत में दर्द सा होने लगा था.
इसे भी पढ़े – अंजान लड़की को जीजा के घर ले जाकर चोदा
रफ़्तार बढ़ने के साथ ही मैंने अपने बदन को और कड़ा कर लिया, मामा को और ज़ोर से लॉक कर लिया, इससे मेरी चूत और कस गई, मामा जी का लंड मेरी चूत के अंदर कस कर रगड़ खाने लगा. कुछ ही देर में मामा के लंड ने अपना सारा रस मेरी चूत में उड़ेल दिया, मामा जी पसीना पसीना हो गये थे, थक कर खड़े खड़े मेरे गले से लिपट गये, मैं स्लैब पर ही बैठी रही, मेरे होंठ मामा जी के कान के पास थे. मैं अपने दाँतों से मामा जी के कान को काटने लगी, मामा भी मुझे गले पे चूमने लगे.
मैं धीरे से मामा के कान बोली- आपकी झांट के बाल बड़े बड़े हो गये हैं साफ कर लीजिएगा. आज मुझे आपका पूरा लंड जड़ तक चाटना है.
मामा जी भी मेरी कान में बोले- तुम भी आज शाम से रात की चुदाई तक सू सू रोक कर रखना.
मैंने पूछा- क्यूँ?
तो मामा बोले- कुछ अलग तरह से चुदाई करनी है.
मैं तो मामा जी की चुदाई की दीवानी हो गयी थी इसलिए हर बात मानने को मैं तैयार थी, मैं बोली- ठीक है रोक कर रखूँगी. फिर हम दोनों अलग हुए, मामा जी फ्रेश होने बाथरूम चले गये, मैं पूरे कपड़े पहन कर किचन में चाय नाश्ता बनाने लगी.