Teen Girl Fingering
मेरी बहन और मेरे मा बाप स्वर्ग सिधर गये थे जब मैं 10 साल का था और बबिता 8 साल की. हमारी बुआ मधु ने हुमको पाला पोसा. फूफा किशोरी लाल एर्क कपड़े की दुकान चलते थे और देर रात को वापिस आते थे. धीरे धीरे हम दोनो जवान होने लगे. बबिता बहुत ही सुंदर निकली. Teen Girl Fingering
उसका बदन भर गया और सीने पर उभर नज़र आने लगे. उसके नितंभ उभर आए और जवानी का हुस्न खिलने लगा. एक बार मैं गुसलखाने के पास से गुज़र रहा था तो पानी के गिरने की आवाज़ सुनाई पड़ी. बबिता नहाते हुए गाना गा रही थी. मेरे हरामी मन में एक स्कीम आई मैने सोचा क्यू ना छुप कर अपनी बेहन को नहाते देखा जाए?
गुसलखाने के दरवाज़े में एक छेद था. मैने आँख उस पर टिका दी. मेरी बेहन का गोरा गदराया जिस्म पूरी तरह नंगा था और वो नहा रही थी. उसके हाथ बार बार उसकी मस्त चुचि को मसल रहे थे. उसकी चूत फूली हुई थी और उस पर छोटे छोटे बाल उगने शुरू हो चुके थे.
उसने अपनी चूत पर हाथ फिराया तो मैं दंग रह गया क्यूके उसकी उंगली उससने अपनी चूत में घुसेड डी और अंदर बाहर करने लगी. बबिता ने आँखें बंद कर रखी थी और उंगली से वो अपनी चूत चोद रही थी. मुझे चुदाई के बारे में मालूम था बेशक मैने किसी को नहीं चोदा था.
अपनी सग़ी बेहन को देख कर मैं मस्ती से भर गया और मेरा लंड खड़ा हो गया. उसस्के मूह से अजीब आवाज़ें आ रही थी. वो बुदबुदा रही थी,” ह…शैलेश, जल्दी करो….पेलो मुझे….है मैं मार गयी भैया….अपनी बेहन की प्यास बुझा दो, चोद डालो मुझे मेरे भाई,….सीईई…ऊऊ” मैं हैरान रह गया.
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मेरी बेहन मुझे ही याद कर के अपनी चूत चोद रही थी. मेरे हाथ ने मेरा लंड पाजामे से बाहर निकल लिया और उस को सहलाने लगा. अगर मेरी बेहन मुझ से ही चुदवाना चाहती है तो फिर दर किस बात का? मैं दरवाज़े पर खड़ा हो कर मूठ मारने लगा.
अचानक पीछे खिड़की खुली. मैने मूड कर देखा तो बुआ मुझे देख रही थी. बुआ मुस्कुरा रही थी और उसकी आँखों में शरारत थी. मैं घबरा गया और बाहर भाग गया. शाम को जब मैं घर लौटा तो बबिता ट्यूशन पर गयी हुई थी.
बुआ ने मुझे अपने कमरे में बुलाया.” शैलेश, बहनचोद क्या कर रहे थे तुम? अपनी बेहन को नंगा देख रहे थे. कितनी देर से ये सब चल रहा है? तो इससका मतल्ब है तुझ पर जवानी चढ़ रही है, माधरचोद? तेरा हथियार तो बड़ा ज़ालिम है, बहनचोद जिस को अपनी बेहन को देख कर हिला रहा था. अपनी बुआ को नंगा नहीं देखेगा? बुआ अभी जवान है. तेरा फूफा तो कुछ करता नहीं है, तुम ही कुछ कर दिखायो बुआ को. मैं तुझे कैसी लगती हूँ, यार?”
“पहली बार झाँका था गुसलखाने में आज, बुआ. माफ़ कर दो. आगे से नहीं करूँगा कभी, बुआ सच” मैने माफी माँगी. बुआ को गौर से देखा.
वो मुस्कुरा रही थी.” साले आगे से नहीं करोगे तो क्या पीच्छे से करोगे, माधरचोद कहिनके? बुआ तो खुद तुझ से चुदवाना चाहती है. मेरे भाई, तेरे बाप का तो बहुत दमदार लंड था, तेरा देखते हैं कैसा है. तुम बबिता को छोडो. वो अभी बच्ची है. जब जवान होगी मैं खुद तुझे उसको तेरे हवाले कर दूँगी. तब तक तू ही बुआ को शांति पहुँचा, बेटे.”
मैने देखा की बुआ की चुचि उसस्के सफेद ब्लाउस से बाहर निकालने को तड़प रही थी. बुआ का रंग सांवला था लेकिन जिस्म बहुत सेक्सी था. बचा ना होने की वजह से वो काफ़ी स्लिम थी. बस चुचि और गांद को छ्चोड़ कर उसस्का जिस्म च्चारहरा था. पतली कमर स्लिम पेट और सब कुछ लंड खड़ा करने के लिए काफ़ी था.
मैने सोचा, क्यू ना बुआ से काम चलाया जाए. शांति से बढ़ कर चुदाई की शिक्षा कौन दे सकता है? मैं भी मुस्कुरा पड़ा और बुआ की तरफ बढ़ गया.” बुआ पहले वादा करो की बबिता को मेरी बनायोगी. मैं तुम दोनो के साथ प्यार से सारी ज़िंदगी बिता दूँगा. कसम से!” कहते ही मैने अपना हाथ बुआ के कंधे पर रख दिया और उससने मुझे अपनी तरफ खींच लिया.
बुआ की बड़ी बड़ी चुचि मेरे सीने में धँसती चली गयी. बुआ ने मुझे मेरे चूतड़ से भींच लिया. और मेरे हाथ बुआ की कम्र पर कस गये. हम गहरे आलिंगन में थे और मेरा लंड पेंट की कैद से बाहर आने को मचलने लगा. मैं बुआ के मुख पर झुका और उसको किस करने लगा.
बुआ के होंठ बहुत नरम और रसीले थे. मैं उनको चूमने लगा और वो मुझे चूमने लगी. उसने अपनी ज़ुबान मेरे मुहन में घुसा डाली जिस्सको मैने चूसना शुरू कर दिया. हमारे मुख रस एक दूसरे से मिल रहे थे और वासना का दौर ज़ोर पकड़ रहा था.
हवस के कारण अब मेरे हाथ बुआ के ब्लाउस के अंदर जा कर उसकी मस्त चुचि को टटोलने लगे. मेरी बुआ के बदन से एक ज़बरदस्त गर्मी निकल रही थी और बुआ की चुचि को स्पर्श करते ही मुझे नशा सा होने लगा. बुआ ने अपनी एक जाँघ को मेरी टाँगों के बीच धकेल दिया और मेरा लंड उसकी जाँघ पर घर्षण करने लगा.
”ओह शैलेश….कितना मोटा है तेरा लंड….मैने एस्सा लंड आज तक नहीं देखा..तेरा फूफा तो सला कुछ भी नहीं है तेरे मुक़ाबले में…आज तेरे फूफा के बिस्तर पर ही तुझे अपना सब कुछ भेंट करूँगी, मेरे शैलेश…आज से मधु तेरी है…रग़ाद दल अपनी बुआ को मेरे यार… रगड़ रगड़ कर चोद ले अपने बाप की बेहन को” बुआ बोलती गयी और अपना हाथ नीचे सरका कर मेरे लंड को पकड़ कर मुठियाने लगी.
मैने तब तक बुआ के ब्लाउस को खोल दिया और उसस्के निपल्स को उंगली और अंगूठे में दबाने लगा. बुआ की चुचि पर घुंडी काफ़ी बड़ी हो चुकी थी.” बुआ, जी करता है तेरी चुचि चूस लून. बबिता की तो अभी छोटी है….तेरी चुचि तो बहुत बड़ी और कसी हुई है. बुआ क्या मैं चुचि चूस सकता हूँ, बस एक बार!”
बुआ भारी आवाज़ में बोली,”शैलेश, एक तो मुझे तुम अकेले में मधु कहा करो, बुआ नहीं. बहनचोद, मुझे चोदना भी चाहते हो और कहते भी बुआ हो. तू मुझे यार बोल, रंडी बोल पर बुआ मत बोल, ठीक है? चुदाई का मज़ा नहीं आएगा वेर्ना.” मैने बुआ की ब्रा के हुक भी खोल दिए और उसकी चुचि को नंगा कर दिया. क्या चुचि थी मधु की?
‘मधु, तेरा यार शैलेश अब तेरी चुचि चूसना चाहता है, चूस लून क्या? तेरी इजाज़त चाहिए” मधु मस्ती में बोली,” ये हुई ना बात! चूस मेरे यार, खूब जी भर के चूस. तेरा फूफा ना तो खुद चूस्ता है और ना ही उससने मुझे मा बनाया है जिसस से मेरा कोई बचा हो जो मेरा दूध पी सके. बहनचोद मेरे निपल मूह में ले लो. तेरा फूफा तो ना मुझे लंड चूसने देता है और ना ही मुझे चूस्ता है. अब तो तू ही मेरा सपना पूरा कर सकता है, मेरे शैलेश!”
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मैने बुआ की चुचि पर ज़ुबान फेरी, होंठ रगड़े और निपल को मूह में ले लिया, बुआ के मुख से एक वासनात्मक सिसकी निकली,” अहह….मेश्िीीईई….ओह…..म्म्म्ममम…चूस ले माधरचोद….एयाया…तेरी ,आ की चूत….चूस मेरा निपल…” मुझे तो नशा चढ़ गया बुआ की सिसकी सुन कर. मैने जवानी में किस की चुचि को स्पर्श तक नहीं किया था.
अब मैं अपनी बुआ की मस्त चुचि का स्वाद चख रहा था. बुआ भी भड़क उठी और मेरे लंड को बाहर निकालने लगी. उससने मेरी पेंट की बेल्ट खोल डाली और मेरे लंड को झपट लिया. लंड से रस की बांड तपाक रही थे और लंड लोहे जैसा कड़ा हो गया.
बुआ मेरे लंड को अपनी चूत की तरफ खींच रही थी और साथ ही उसस्के हाथ मेरे लौड़े से खेल रहे थे. मधु की सारी अस्त व्यस्त हो चुक्की थी. मैं उसस्के बदन से सारी उत्तरने लगा. पेटिकोट के सामने का हिस्सा शायद चूत रस से भीग गया था क्यू की कपड़े पर गीलेपन का निशान था.
मैने एक हाथ बुआ की चूत पर रख दिया,” ऑश क्यू छेड़ता है अपनी बुआ की चूत…..मेरी चूत में आग भड़क चुकी है, मेरे यार,,,लंड मांगती है मेरी चूत, हाथ नहीं….तेरा लंड भी इससके अंदर घुसना चाहता है…मेरी चूत की इच्छा पूरी कर दो बेटे..एक चुदासी औरत की लंड की प्यास बुझाने से बड़ा कोई पुण्या का काम नहीं होता…अब देर मत कर बेटा, चोद दल अपनी मधु को”
जल्दी जल्दी मेरे हाथ बुआ का पेटिकोट उतरने लगे जिससके नीचे मधु ने पनटी नहीं पहनी थी. बुआ की शेव की हुई चूत फूली हुई थी और मेरा हाथ लगते ही फड़क उठी. मुझे लगा की मेरा हाथ क़िस्सी आग के शोले को स्पर्श कर रहा है. मेरे बदन में एक करेंट दौड़ गया. बुआ का क्लिट, कड़ा हो चुका था और चूत की फाँकें मस्ती से गुलाबी हो चुकी थी.
मेरे हाथ ने गरम चूत के माँस को मुति में भर कर दबा दिया. मेरा हाथ चूत रस से भीग गया और बुआ सिसकारी लेने लगी. मेरे होंठ बुआ के निपल चूस रहे थे और हाथ मस्त चूत को मसल रहा था. वासना का तूफान पूरे ज़ोर पर था. मैने मधु को उठाया और बिस्तर पर ले गया.
बुआ पीठ के बाल टाँगें पसार कर लेट गयी. उसकी आँखें बंद थी. नंगी औरत का नज़ारा कितना मस्त होता है कोई मुझ से पुच्छे. मधु के काले बाल खुल चुके थे.” मधु तुमने शायद इसी बिस्तर पर सुहागरात मनाई होगी. अब मैं तुझे इसी बितर पर अपना रहा हूँ.” मैने कहा.
” सुहागरात! हा, उस बहनचोद किशोरी के साथ? उसस्का लंड तो मेरी सारी के अप्पर ही पिचकारी छ्चोड़ गया था, राजा. तेरा फूफा तो बस टीन ढके मरने वाला है. जब तक मेरी चूत को पता चलता है की चुदाई होने वाली है, तेरा फूफा माधरचोद झाड़ कर सो भी जाता है. आज मुझे अपने भतीजे से बहुत उमीद है. अमर के बाद मैने तेरा लंड ही मस्त देखा है.”
मैं हैरान रह गया, अमर मेरे पापा का दोस्त है जो दिल्ली में रहता है और बहुत अमीर है,” हाँन बेटा, अमर से में चोरी चोरी चुदवा लेती हूँ. काफ़ी दूं है उसस्के लंड में. मैं बहाना बना कर उसको मिलती हूँ, अब तुम से क्या परदा. तुम तो जानते ही हो की उसकी पत्नी मार चुकी है, अब मुझे ही अपनी पत्नी समझता है. अब तुम भी मेरा ख्याल रखना, शैलेश”
मेरा तन मन जल गया. तो बुआ, साली रंडी, अमर अंकल की रखैल है? तो ठीक है, अब वो मेरी भी रखैल ही बन कर रहेगी.” बुआ कौन सा आसान पसंद है तुझे? अगर फूफा के साथ सुहागरात नहीं मनाई तो मैं तेरी इच्छा पूरी कर देता हूँ, मेरी मधु रानी, क्या तुम नीचे लेतो गी या फिर शैलेश के लंड की सवारी करोगी?
ना जाने कितने लंड खा चुकी हो तुम, अब तो सभी आसान ट्राइ कर लिए होंगे. मेरा मन तो करता है तुझे घोड़ी बनाने का. लेकिन आखरी फ़ैसला तो तुम को ही करना है” मैने कटाक्ष करते हुए कहा, लेकिन मधु हवस से इतनी भारी हुई थे की बोली,” शैलेश बेटा, मुझे घोड़ी बना या कुत्ती, लेकिन मधु कुत्ती की चूत को भर दे अपने लंड से, और नहीं रहा जाता.”
मैने मधु को उल्टाया और वो मेरे सामने घोड़ी बन गयो. मैं अपने लंड को मसालते हुए उसस्के मस्त गांद को देखने लगा.” अब चढ़ भी जा घोड़ी पर शैलेश….सोच क्या रहा है? जल्दी कर माधरचोद. कब से तरस रही हूँ मस्त लंड को, पेल दे मेरी चूत में…..हाईईईई….चोद भी मुझे!” मैने मधु के चुत्तड पकड़ कर लंड का सूपड़ा चूतड़ की दरार से चूत के मुहाने पर टीका दिया और मार दिया ज़ोरदार धक्का.
मधु तज़ुर्बेकार औरत थी. भीगी हुई चूत के कारण मेरा लंड एक ही बार में दनदनाता हुआ बुआ की चूत में परविष्ट हो गया. मधु की चूत साली इतनी टाइट थी की चूत ने मेरे लंड को ग्रिफ़्ट में ले लिया. मेरा लंड अब तूफ़ानी रूप धारण कर चुका था.” आह मधु…साली कितनी चुदवा चुकी है पर तेरी चूत आज भी कुँवारी लड़की जैसी है….मेरा लंड कैसे जाकड़ रखा तेरी चूत ने! एस्सा आनंद मुझे सपने में भी नहीं मिला आज तक, मधु, चुदाई तो बस जन्नत है!”
मधु उतेज़ित हो कर हाँफ रही थी. उसकी चुचि निचे झूल रही थी. मैने उसस्के चुत्तड से हाथ अलग कर के उसकी चुचि को पकड़ कर मसलना शुरू कर दिया, दबाना शुरू कर दिया. मधु भी अपने आप में ना रही. ” हााई शैलेश, साले कैसे पेला है अपनी मधु को तुमने….तेरा कुँवारा लंड बहुत दमदार है….अमर भी इतना दमदार नहीं है….चोद मुझे, मसल दे मेरी चुचि….कितना मस्त लंड है तेरा..मेरी नज़र तुझ पर पहले क्यू नहीं पड़ी….चोद मुझे शैलेश!”
मैं अपनी स्पीड बढ़ने लगा. मेरा लंड पिस्टन बन चुका था. जब मेरा लंड बुआ की चूत में घुसता तो फ़च फ़च की आवाज़ आती. चूत से रस की बरसात हो रही थी. मधु के बाल उसकी पीठ पर फैल चुके थे. अचानक मुझे ना जाने क्या हुआ, मैने उसस्के बलों को पकड़ कर खेंच लिया और उसकी गर्दन को पीच्छे मुड़ना पड़ा.
उसके बालों को मैं घोड़ी की लगाम बना कर हांकने लगा. चुदाई अब राक्षसी रफ़्तार पर चलने लगी. मधु अपने चूटर मेरे लंड पर धकेल रही थी. ” ओह शैलेश…ऑश हरामी….मेरी बछेड़नी से टकरा रहा है तेरा लंड माधरचोद…फाड़ दे मेरी चूत….बना दे इससका भोसड़ा…बहनचोद चोद ले अपनी रंडी बुआ को, मधु को पेल मेरे बेटे…ओह…..म्म्म्ममम….आअगग्ज्ग”
मैं पागल हो चुका था. एक हाथ से मैं मधु के बाल खींच रहा था दूसरे से उसकी चुचि दबा रहा था और झुक कर उसकी पीठ को चूम रहा था. मेरी बुआ का जिस्म मेरे लिए एक ननगए गोश्त की दावत बन गयी थी. मधु ने अपना एक हाथ नीचे ले जा कर अपनी जांघों के बीच से मेरे अंडकोष पर रख दिया और उनको मसल दिया.
मेरे अंडकोष से अप्पर उठती हुई आग मेरे लंड रस के रूप में मेरे लंड की तरफ़ उठी.” आआआअ….बुआ….बहनचोद…..मेरा लंड छुट रहा है….तेरी चूत ने मुझे गुलाम बना लिया है..काश मेरी मधु मेरी ही हो कर रहती…ओह मेरा लंड गया…मैं झार रहा हूऊओन” मैने अब अपना हाथ बुआ के क्लिट से रगड़ा दिया. बुआ तड़प उठी.
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वो पागलों की तरह सिर हिलने लगी ज़ोर ज़ोर से गांद पीच्छे कर के चुदवाने लगी. वो भी झड़ने वाली थी. मेरा लंड अपनी पिचकारी छ्चोड़ने लगा. उधर बुआ भी चूत रस छोड़ने लगी,” हााआआं बेटे बस….मधु भी गइईए…चूत झारीईए…चोद ज़ोर से…निकल दे मेरा पानी….ऑश बेटा चोद मुझे….रग़ाद कर चोद मेरी चूत….म्म्म्मममम…..मैं गयी!” जब मेरा लंड बुआ की चूत से निकला तो कुछ रस उसस्के चुत्तड पर जा गिरा और कुछ उसकी जांघों से होता हुआ चादर पर. मधु, बिस्तर पर पेट के बाल जा गिरी और मैं उसस्के नंगे जिस्म पर ढेर हो गया.
मैने उसस्के कान को अपने होंठों में दबा कर किस करते हुए कहा” मधु, बबिता को मेरा बनाने वाली बात याद है ना? मैं बबिता को तेरी तरह चोद कर सदा के लिए अपना बनाना चाहता हूँ….अपनी पत्नी की तरह” बुआ ने अपने मूह तकिये में छुपा कर कहा,” ठीक है, मेरे राजा, जब बाप की बेहन को चोद लिया है तो अपनी को भी चोद लेना. मेरा वादा है की तुझे बबिता का पति बनायूंगी, लेकिन अपने फूफा के आने से पहले एक रौंद और ना हो जाए?”
PRIYANK says
NICE STORY AAGE KI STORY BHEJO ACHHI LAGI AAP KI STORY