NRI Horny Aunty Chudai
नमस्ते प्रिय वाचकों। वर्ष 2023 का अगस्त महीना चल रहा है और मैं फिर एक बार अपनी हीना मूमानी की चुदाई की नई कहानी लेकर आया हूँ। पिछली कहानी हीना मुमानी मेरी मोहब्बत मुझसे बिछड़ गई में मैंने आपको बताया कि कैसे मैं और हीना मूमानी एक दूसरे के साथ आख़री बार सम्भोग कर उन्हें सऊदी अरब के लिए हवाई अड्डे छोड़ आया था। NRI Horny Aunty Chudai
और वो दो वर्ष के लिए मुझसे दूर रह रही थी। इस दौरान मेरी हीना मूमानी से अक्सर व्हाट्सएप के ज़रिए और फ़ोन कॉल के ज़रिए बातें होती थीं। मैं और हिना मुमानी अक्सर व्हाट्सएप के जरिए अपनी तस्वीरों का आदान-प्रदान करते थे। इसमें कभी न्यूड भी हुआ करती थी।। और कभी-कभी वीडियो कॉल के ज़रिए भी हमारी बातें होती थीं।
दो वर्ष के लम्बे इंतजार के बाद आख़िरकार वो दिन आया जब हीना मूमानी का फ़ोन आया और बात करते हुए उन्होंने बताया कि वो मामू और बच्चे इस वर्ष ईद मनाने घर आने का मन बना चुके हैं और हवाईजहाज़ की टिकटें ख़रीद रखी हैं।
इस वर्ष ईद 29 जून 2023 को मनाई जाने वाली थी। तो घर की तैयारी करके उनकी हवाईयात्रा 26 जून 2023 को मंगलवार के दिन सुबह 10 बजे मुंबई के हवाई अड्डे पर पूर्ण होने वाली है। दो वर्ष तक हीना मूमानी से दूर रहने के दौरान मैं उनसे अब कोई शारीरिक संबंध नहीं रखना चाहता था, और यही सोच के साथ मैं अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गया।
मैंने इस दौरान एक गर्लफ़्रेंड भी बनाई जिससे मैं विवाह करनेका निश्चय कर चुका था क्यूंकि मैंने मेरी गर्लफ़्रेंड के मिलने से लगभग 8 महीने पहले ही एक जाने माने आईटी कंपनी में पचास हज़ार की तंख़्वा पर एक नौकरी पा ली थी।
फिर वो दिन आया जब वो 25 जून को सऊदी अरब देश से हवाईजहाज़ में पूरे परिवार के साथ वहाँ बैठी और ठीक बताए हुए समय पर मुंबई के हवाई अड्डे पर पहुंच गई। मामू का बड़ा मन था कि मैं उन्हें हवाई अड्डे पर लेने आ जाऊँ लेकिन छुट्टी ना मिल पानेके कारण मैं वहाँ जा नहीं पाया।
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दूसरी ओर मैंने ठान लिया था कि अब हीना मूमानी से कोई शारीरिक नाता नहीं रखना है तो मैंने बहाना बनाया और उन्हें लेने नहीं गया। हवाई अड्डे पर पहुंच कर मामू ऑनलाइन टैक्सी करके वह अपने सामान के साथ सीधे अपने घर की ओर निकल गए।
28 जून 2023 का दिन था जब मैंने मेरे दफ़्तर से छुट्टी ली और मैं सबके साथ ईद मनाने के लिए घर की ओर अपनी नई मोटरसाइकिल से सुबह 9 बजे निकल पड़ा और अपना सफ़र तय किया। शाम को 6 बजे तक अपने गाँव पहुँचा। मैंने इस वर्ष लगभग एक हफ्ते की छुट्टी ली ताकि सबके साथ घर पर अच्छा-ख़ासा समय गुज़ार सकूँ।
29 जून को हम सभी मिलकर ईद मनाई और दिन के कामों में सब अपने-अपने रास्ते निकल गए। इसी तरह से पूरा दिन बीत गया। अगले दिन जब सुबह में कुछ राशन का सामान ख़त्म हुआ था तो हीना मूमानी ने मामू से कहकर बानिये की दुकान से राशन भर देने को कहा, मामू ने थैला उठाया और स्कूटर पर निकल गए।
कुछ एक-दो घंटे बाद घर पर जब आए तो पता चला कि रास्ते में उनकी अचानक एक कार चलक की गलती के कारण स्कूटर से गिरकर पैर में चोट लग गई। वह अपने घर से खुद की कार से आए हुए थे, तो पैर में लगने के कारण से कार चलाने की अवस्था में नहीं थे, और मुझसे बिनती की के उन सब को और उनके कार चालक को कार चलाकर उनके घर छोड़ दूं और आगे अपने सफर पर बस से निकल जाऊं। मैंने भी उनके चोटील होने के कारण उन्हें हाँ कर दी।
अगले दिन, 31 जुलाई को शाम में करीब 7.30 बजे, हम अपने गांव के घर से रवाना हुए और उनके घर रात को लगभग 9.15 को पहुंचे। हमने साथ में मिलकर खाना खाया और मैं फौरन ही निकलने की तैयारी करने लगा। मेरी तैयारी को देख मामू बोले, “भांजे, इतनी देर हो गई है, तेरा रात को जाना मैं ठीक नहीं समझता।
ऐसा कर, आज यहाँ सो जा, कल सुबह सवेरे चले जाना।” इस बात को सोचने के लिए मैंने थोड़ा समय लिया और कुछ देर विचार करने के बाद मैंने वहाँ रुकना ही बेहतर समझा। अगले दिन, मैं सुबह के करीब 8 बजे सूकर उठा तो देखा कि मामू और हीना मुमानी का दिन 7 बजे ही शुरू हो चुका था।
मामू नहा-धो कर अपने पैर का इलाज करवाने के लिए एक जाने-माने बड़े अस्पताल में अपना नाम दर्ज करवाने जा रहे थे, और बच्चे मोबाइल के आदि होने के कारण दिन निकलते ही मोबाइल पर वीडियो देखने में लग गए। मैंने जल्दी से अपनी तैयारी कर निकलना दुरुस्त समझा, इसलिए सबसे पहले मैंने दाँत साफ़ की और नहाने चला गया।
इस बीच, मामू भी घर से अस्पताल के लिए निकल गए। मैं नहाकर बाहर निकला और कपड़े वगैरह पहनकर तैयार हो गया। मेरी तैयारी होते ही हीना मुमानी ने मेरे लिए नाश्ता लगाया और मैंने उसे खाकर खत्म किया।
मैं मेरा सामान जमा करने के लिए उनके बेडरूम से नज़दीक कमरे में गया और अपने और इत्यादि सामान जमा करने लगा और उसे थैले में डालने लगा, उतने में मुझे हीना मुमानी की आनेकी आवाज़ आई। वो आकर मेरे पीछे खड़ी हो गई और कहने लगी.
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“तो जा रहे हो तुम, प्यारे भांजे?”
“हाँ, मुमानी।” मैंने जवाब दिया।
उन्होंने कहा, “दो वर्ष बाद हम मिले है, क्या तुम्हें मेरी याद नहीं आई?”
और झट से मुझसे गले लगकर लिपट गई। मैंने हीना मुमानी से अलग होने की कोशिश की और उनको मुझसे दूर हटाने लगा लेकिन उन्होंने मुझे जोर से पकड़ रखा था। मैं उसे खोलने में असमर्थ था, वो थोड़ी भावात्मक हो गई और कहने लगी.
“तुम्हें पता है मुझे तुम्हारी कितनी याद आती है, जो कुछ भी हमारे बीच पहले हुआ मैं उसे भूला नहीं पाती हूँ।”
मुमानी ने मुझे पहले गालों पर और फिर मेरे हाथों को पकड़ कर चूमने लगी।
मैंने जवाब दिया, “ये क्या कर रही हो मुमानी, मुझे जाने में देर हो रही है।”
तभी अचानक उनके फोन की घंटी बजी और मामू ने बताया कि अस्पताल में भीड़ होने के कारण उन्हें घर पर आने में थोड़ी देर होगी, लगभग 2-3 घंटे। हीना मुमानी को तो ये सुनकर रहा ही नहीं गया। मुमानी ने तुरंत फोन रखा और दरवाजे की कुंडी लगा दी।
मैंने कहा, “ये क्या कर रहे हो आप?”
मुमानी ने कुछ अनसुना सा कर दिया। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और कुर्सी पर धक्का देकर बिठा दिया। खुद मेरी गोद में बैठ गई।
मेरी आँखों में आँखें डाल कर कहा, प्यारे भांजे, आज हम तुमको प्यार किये बिना हम जाने नहीं देंगे।”
और मुझे होंठ पर चूमने लगी। कुछ देर तक मैंने बचने की कोशिश की, लेकिन मुमानी बड़े ज़ोरो में थी। अब हीना मुमानी जैसी तीखी हसीना खुद पहल करे तो मुझे जैसे मर्द का तो मन बदल ही जाएगा। मैंने सोचा कि जब हीना मुमानी ही मुझसे खेलना चाहती है तो मैं क्यों अपने आप को क्यों रोक कर रखूं? मैंने भी दिल में झट से हीना मुमानी को चोदने का मन बना लिया। मैंने हीना मुमानी को अपने दोनों हाथों से उनके गालों पर पकड़ा और कहा,
“मेरी हीना, याद तो मुझे दो सालों में तुम्हारी बहुत आई लेकिन मैं चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता था।”
अब तुम मेरे साथ पहल कर रही हो तो मैं भी तुमको पूरा प्यार करूंगा। और ओथो से होठों से होठों की चुम्बन करने लगा। मुमानी बहुत शिद्दतसे किस कर रही थी मेरा लंड भी अपनी पैंट में खड़ा हुआ जा रहा था। हीना मुमानी का रुकने का कोई इरादा दिख नहीं रहा था।
अपने दुपट्टे को सुर और सीने पर बंद रखा था। कुछ देर हीना मुमानी से चुम्बन के बाद मैंने अपने हाथों से उनके दुपट्टे को उनके सिर और सीने से उतार फेंका। उनके बाल बंधे हुए उन्हें खोल कर उनके जुल्फों को खोल दिया। हिना मुमानी बिना दुपट्टे और खुले बालों में बड़ी खूबसूरत लगती है।
मैंने उनकी ख़ूबसूरती को निहारा। काफ़ी समय बाद मैंने उनको उनकी आँखों पर, चिकने गाल, और माथे को चूमा और उनके ज़ुल्फो की इत्र जैसी खुशबू को सुंघा। मैंने हीना मुमानी को अपने ऊपर से उठाया और खुद कुर्सी से उठकर हीना मुमानी को अपने ऊपर से उठाया।
दीवार से सटा कर खड़े करदिया. उनके दोनों हाथ ऊपर किये और पकड़ कर उनके बगीचे को चूमा, सीने पर चूमा, कंधे पर चूमा। हीना मुमानी कहने लगी, “भांजे, दो साल से मैं तुम्हारे स्पर्श को तड़प रही थी। तुम्हारी लंड से खेलने के लिए तड़प रही थी।”
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और हीना मुमानी ये कहकर अपने दोनों पैरों पर मेरे सामने बैठ गई। हीना मुमानी मेरे पैंट के ऊपर से ही अपने हाथों से मेरे लंड को मसलने लगी, और ऊपर से अपने होंठ से मेरे लंड को चूमने लगी। आहे भरते हुए हीना मुमानी बोली, “इस लंड को आज मैं अपना बनाना चाहती हूँ।” और अपने नाज़ुक उंगलियों से मेरे पैंट का बटन खोल कर पैंट उतार दिया।
मेरे लंड को अपने नाज़ुक हाथों से पकड़ कर अपने दोनों होंठ के बीच होते हुए अपने मुँह में भर लिया। चूमने लगी, चाटने लगी, मेरे लंड के सिर के चारों ओर अपने जीब से गुदगुदाने लगी। उसके बाद अपने दोनों हाथोको मेरे पिछवाड़े पर रख्कर पीछे से जोर से धक्का मारा, और मेरा लंड अपने मुंह में भरकर उसे ऐसे चुनने लगी के मेरे मुंह से ssss की आवाज निकल पड़ी।
हीना मुमानी ने काफी देर तक मेरे लंड को चूसा। अपने थूक से मेरे लंड को चिपचिपा बना दिया। हीना मुमानी के मूंह से इतनी लार तपकरही थी के मेरे लंड और उनके मूंह से निकल कर जमीन पर तपाकने लगी। दो सेकंड के लिए मैंने हीना मुमानी के मुंह को मेरे लंड से अलग किया और उनको चूमा। उनकी लार उस दिन मुझे मीठी लग रही थी।
मैंने हीना मुमानी को खूब चूमा और उठा कर उनके पैरों पर खड़े किया, उनके हाथों को फिर एक बार ऊपर किया और मैंने उनकी कमीज उतार दी। दो साल बाद मैंने अपनी आंखों से हीना मुमानी को ब्रा में देखा था, मुझसे रहा नहीं गया मैंने अपना चेहरा उनके स्तन के बीच रख दिया और चेहरा बाएं और दाएं करने लगा।
इस दौरन मुमानी अपने हाथो से मेरे लंड को, जो उनकी लार से चिपचिपा हो चूका था उसे आगे पीछे कर रही थी। कुछ देर बाद मैंने हीना मुमानी की ब्रा खोली मेरे आँखो के सामने उनके दो बड़े ही हसीन स्तन और चुचियाँ थी। मैंने अपने हाथोसे खूब दबाया, उसे उछाला, उनकी चुचियो को अपने उंगलियों से दबाया चूसा.
मुमानी फ़िर एक दफ़ा नीचे बैथकर मेरे लैंड को अपने मुँह में भर कर चुनने लगी फ़िर एक बार अपनी लार से उपयोग और चिपचिपा बनादिया। उसके बाद मैंने अपनी लंड को उनके मुंह से निकालकर दोनों को अलग कर दिया।
मुमानी अपने पैरों पर खड़ी हुई और मेरी आँखों में आखें डालकर बोली, “भांजे, मैं चाहती हूं कि तुम अब अपने लंड को मेरी भूखी चूत में भर दो।”
मैंने कहा, “मेर जान, जरा सबर तो करो मेरा अभी तुम्हारे नंगे बदन के साथ खेलना बाकी है, मेरी तुम्हारी चूत को चूमना बाकी है।”
ये कहकर मैंने उनकी शलवार की नाडी खोली, उनकी पैंटी नीचे की और उनकी काली योनि के ओंठ को मैं अपने ओंठ से चूमने लगा। अपनी जिब से उनकी योनि पर गुदगुदाने लगा। उनका चेहरा दीवार के और किया और उनके पीछे के रास्ते में बीच वाली उंगली भारी।
हीना मुमानी ने मुझे फिर एक दफा कुर्सी पर बिठाया और मेरे तने हुए लंड पर अपनी पैर फेलाई और अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत में भर दिया और अपने स्तन को पकड़ कर मेरे लंड पर उछालने लगी मेरे लंड को उनकी चूत और उनके उछालने की वजह से बहुत मजा आने लगा और वो भी मेरे लंड का पूरा आनंद लेने लगी।
वैसे भी, हीना मुमानी जो मजा देती है वो इस दुनिया में कोई औरत दे नहीं सकती। हीना मुमानी मेरे लंड पर खूब उछली और मैंने भी उनका साथ देते हुए अपने लंड को अंदर बाहर ज़ोर से धक्के मारे। बैठे बैठे फिर एक दफ़ा हीना मुमानी ने मुझसे होठों से होठों वाली चुम्बन शुरू की।
कुछ देर ऐसे ही वो मुझसे चुद रही। इसके बाद मैंने हीना मुमानी को ज़मीन पर चेहरे के बाल लिटा दिया, और उनके ऊपर बैठ कर अपना लंड वापस उनकी चूत में डाल कर पिचे ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा। हीना मुमानी से अब दर्द सहा नहीं जा रहा था। मुमानी के मुँह से अब आह, आह, आह, की आवाज़ निकल रही थी।
कुछ ही देर में मेरा लंड अब अपने वीर्य को बाहर फेंकने वाला था। लेकिन मैंने रुका नहीं. मुझे हीना मुमानी के “आह आह” की आवाज़ सुनकर और उत्साह आ रहा था। मैंने और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारे। जब मेरा वीर्य निकलने को तैयार ही था, तो मैंने हीना मुमानी से कहा, “मेरी जान, अब मेरा पानी निकलने को तैयार है।”
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हीना मुमानी मुझसे अलग हुई और कहा रुको अपना लंड अपने मुंह में भर न दो। हीना मुमानी फिर मेरे लंड को चुनने लगी और कुछ ही पल में मैं उनके मुँह में झड़ गया। मेरा पूरा वीर्य उनके जीब पर था मुमानी अपने पैरों पर उठ खड़ी हुई, अपने हाथों से मुझे अपनी बाहों में पकड़ लिया, और मुझसे होठों से होठों वाली चुम्बन करने लगी।
देखते ही देखते मेरे वीर्य हम दोनों के मुंह में आगया और चुम्बन करते करते हम दोनों ने मेरे वीर्य को पी लिया। मेरा लंड अब ढीला पड़ चुका था मैंने पास ही पड़े सिलाई मशीन पर एक कपड़े से अपने लंड को पोंछ कर साफ किया और हीना मुमानी अपने बदन को साफ करने के लिए तौलिया लेकर नंगी चलकर नहाने चली गई। वे नहाकर आई और वह मुझे अपने घर से बाहर ले जाने के लिए साथ आई.