Muslim Boor Pelna Kahani
मेरा नाम अजीज हैं और मैं इंदौर का रहने वाला हूँ. यह बात तब की हैं जब मैं अपनी अम्मी अब्बा के साथ लखनऊ चाची के यहाँ गया था. चाची की मम्मी की तबियत खराब थी और हम लोग तिन दिन के लिए वहाँ गए हुए थे. चाची की छोटी बहन पाकीज़ा को मैं इन तिन दिन में चार बार मसल लिया था. Muslim Boor Pelna Kahani
18 साल की पाकीज़ा मुझ से मस्त चुदवाती थी और इस सेक्सी लड़की की चुदाई में मुझे भी बहुत मजे आये थे. तो आइये मित्रो आपको बताऊँ कैसे इस सेक्सी लड़की मेरे साथ चुदाई के लिए तैयार हुई. लखनऊ में उस टाइम बहुत गर्मी थी और मुझे तो निचे कमरे में नींद ही नहीं आनेवाली थी.
मैंने चाची को कह दिया की मेरा बिस्तर वोह छत पर ही लगवा दे. सबीना चाची ने मुझे कहाँ ऊपर ठंड लगेगी लेकिन मैं नहीं माना और चाची ने मेरा बिस्तर लगाने के लिए उनकी छोटी बहन पाकीज़ा को भेजा. पाकीज़ा बिस्तर लगाके निचे चली गई. मैं अपनी रोज की आदत के मुताबिक अपने हाथ चड्डी के अंदर डाल के लंड पकड़ के हिलाने लगा.
मैं यहाँ अपनी ट्रेक पेंट या बरमूडा लेके नहीं आया था इसलिए मुझे मुठ मारने में मजा नहीं आ रहा था. मैंने इर्दगिर्द देखा और अपनी पेंट ढीली करने के लिए और कोई था नहीं इसलिए मैंने अपनी पेंट खोल के लौड़े को खुली हवा में बहार किया. मेरा हाथ लंड के ऊपर फिरने लगा और मैं मस्त चूत की चुदाई का मजा हाथ से चुदाई करके लेने लगा.
इसे भी पढ़े – बीवी से मन भर गया तो साली को चोदने लगा
तभी मुझे लगा की दरवाजे के पीछे से कोई मुझे देख रहा हैं. मैं तुरंत पलटा और देखा की पाकीज़ा मुझे इस हालत में देख रही थी. मैं सहम गया और तुरंत अपने लंड को अंदर किया. पाकीज़ा खी खी करने लगी. मैंने दौड़ के उसको कंधे से पकड़ा और बिस्तर पर ले आया.
मैंने पाकीज़ा को कहा की वो निचे किसी को ना बताएं क्यूंकि मेरी बदनामी होगी. पाकीज़ा अभी भी हंस रही थी. मुझे उसके कंधे की मुलायमता मस्त महसूस हो रही थी. पाकीज़ा बोली इसमें घबराने वाली बात नहीं हैं, यह तो सभी मर्द करते हैं. मेरे बड़े भैया और कभी कभी तो मेरे अब्बा भी यह करते हैं. और लड़कियां भी ऊँगली दे के अपनी चूत को शांत करती ही हैं ना.
मैं पाकीज़ा की बात सुन के आश्चर्य में पड़ गया. वोह बोली मैं तो आपका पानी ले के आई थी, उसने पानी का जग सीढियों के ऊपर से ला के मेरे बीस्तर के करीब रखा. मुझे लगा की पाकीज़ा 18 साल की उम्र में बहुत कुछ जानती हैं और अगर उसे थोडा भाव दिया गया तो वोह चुदाई के लिए भी तैयार हो जाएंगी.
पाकीज़ा जाने को ही थी की मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और कहाँ, सच बोलो बताओगी तो नहीं ना. मुझे अपनी गर्लफ्रेंड की याद आ रही थी इसलिए मैं लंड हिला रहा था. मुझे सेक्स किए काफी दिन हो गए हैं……मैं जानबूझ के सेक्स की बातें करने लगा ताकि पाकीज़ा की चूत भी गीली हो सकें.
पाकीज़ा के हाथ के ऊपर मेरी पकड़ और भी मजबूत कर दी और वोह मेरी आँखों में आंखे डाल देखने लगी. मैंने बात चालू रखी, प्लीज़ कहों ना नहीं कहोंगी ना. पाकीज़ा के बूब्स पर मेरी नजर थी और उसने मेरी तरफ देखा. उसने कहा अरे बाबा मैंने कहा तो किसीको कुछ नहीं कहूँगी. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
इसे भी पढ़े – जेठ जी से मेरी प्यास बुझवाई पति ने
पाकीज़ा की आँखों में अलग ही मस्ती झलक रही थी. मैंने कुछ कहे बिना उसकी झप्पी ले ली और उसके बड़े बड़े स्तन को दबाना चालू किया. वो छूटने की जरा भी कोशिश नहीं कर रही थी. निचे से किसी के आने का भी डर नहीं था क्यूंकि संबधी लोग काफी दीनों के बाद मिले थे और एकाद दो बन्दों की गेरहाजरी किसी को पता नहीं चलने वाली थी.
पाकीज़ा ने मेरे आश्चर्य के बिच लंड पर हाथ रख्खा और बोली, तोता तो बड़ा हैं तुम्हारा अजीज. उसको ऐसा बोलता सुन मेरा लंड और भी खड़ा हो गया. पाकीज़ा के चुंचो को मैंने जोर जोर से दबाये और उसके कड़े स्तन उसकी उत्तेजना का बयान कर रही थी. पाकीज़ा लंड को हाथ में रखे ही हिला रही थी.
मैंने अपनी पेंट और एक बार उतार दी और अपने लंड को अंडरवेयर हटा के आजाद कर दिया. पाकीज़ा ने भी अपनी फ़्रोक और इजार उतार दी, उसके कड़े चुंचे लाल ब्रा में कैद थे और निचे उसने भूरी पेंटी पहनी हुई थी. मुझे चुदाई की तलब चढ़ी हुई थी.
पाकीज़ा ने अपनी ब्रा और पेंटी खुद ही उतार दी और मेरे साथ बिस्तर पर आ गई. मैंने उसके चुंचो को पकड़ के दबा दियें, पाकीज़ा मेरे लंड को मसल रही थी. मुझे अब उत्तेजना पुरे बदन में आ रही थी. पाकीज़ा निचे बैठ गई और उसने सीधे मेरा लंड अपने मुहं में ले लिया. वह पुरे लंड को मुहं में ले लेके चूसने लगी.
उसकी चुसाई इतनी अच्छी थी के मैं सोचने लगा की 18 साल में यह इतनी मस्त लंड चूस दे रही हैं तो आगे जाके क्या गुल खिलाएगी, मुझे लगा की मैं आज इसकी चुदाई कर के धन्य हो जाऊँगा. पाकीज़ा पूरा लंड मुहं में भर रही थी और फिर बहार निकाल के उसका सुपाड़ा मुहं में भर रही थी.
इसे भी पढ़े – 1 महीने फ्री दूध के बदले दूधवाले से चुदवा लिया
मेरे लंड के निकलता सारा प्रीकम भी वह चूस लेती थी. मुझे अब केवल चुदाई की इच्छा लगी थी. पाकीज़ा ने लंड कुछ 2-3 मिनिट और चूसा और मेरे से अब रहा नहीं जा रहा था. मैंने पाकीज़ा को कंधे से पकड़ के उसे लंड से दूर किया. पाकीज़ा तो लंड मुहं से निकालने को तैयार भी नहीं थी. क्या चूसडं लड़की थी यारो.
मैंने पाकीज़ा को निचे सुलाया और उसकी कमर के निचे तकिया रख दिया. उसकी चूत का भाग उपर उठ गया. मैंने उसकी चूत के अंदर एक ऊँगली दे दी और अंदर हिला के ऊँगली से उसकी चूत की चुदाई करने लगा. पाकीज़ा आह आह ओह ओह ओह करने लगी.
उसको मैंने काफी उत्तेजित कर दिया था. मेरा लंड ही काफी लम्बा और खड़ा हो चूका था. मैंने उसकी चूत के होंठ थोड़े खोले और लंड का सुपाड़ा अंदर धीमे से रखा. मुझे लगा था की पाकीज़ा 18 की होने से उसकी चूत सख्त होगी लेकिन उसकी चूत में मेरा लंड एक झटके में ही समा गया, शायद पाकीज़ा पहले से ही चुदाई करवाती होगी.
मैंने लंड को अंदर बहार करना चालु किया और पाकीज़ा मेरे छाती के बालो में उंगलियाँ देने लगी. वोह मेरी गांड के उपर भी हाथ रख मुझे अपनी तरफ खिंच लेती थी जिससे उसकी चूत के अंदर मेरा लौड़ा ज्यादा से ज्यादा समा सके. मैं ही उसे जोर जोर से ठोकने लगा. ये कहानी आप हमारी वासना डॉट नेट पर पढ़ रहे है.
मेरा लंड इस सख्त चुदाई से लाल लाल हो चूका था, बिलकुल पाकीज़ा की चूत की तरह. मैंने पाकीज़ा को उल्टा किया और उसे डौगी स्टाइल में सुला दिया, उसकी गांड के छेद में ऊँगली देने के साथ साथ में उसकी चूत में लंड घुसाने लगा. मुझे यह चुदाई ज्यादा अच्छी लगी क्यूंकि इसमें लंड और अंदर तक जाता था और चुदाई का अलग रोमांच आ रहा था.
इसे भी पढ़े – बहन की मांग भर कर चोद दिया भाई ने
पाकीज़ा अपनी गांड हिला हिला के चूत के अंदर लंड के मजे ले रही थी और मैं उसको और जोर जोर से चोद के उसे और खुद को असीम सुख दे रहा था. तभी मुझे एक इंग्लिश फिल्म का सिन याद आया जिसमे डौगी स्टाइल में गोरा बीवी की गांड पर चमाट लगाता हैं. मैंने भी उसकी गांड पर चमाट लगाने चालू कियें. पाकीज़ा की आह आह आअह्ह्ह्ह में बदल गई. उसकी गांड अब हिलने में थोड़ी स्लो हो गई थी. मैंने अपनी झडप वो हिसाब से बढाई और जोर जोर से चूत में लंड देने लगा. पाकीज़ा की चूत तभी सख्त हुई और इधर मेरे लंड ने पानी छोड़ा.
एक ही सांस में मुझे राहत का अहेसास हुआ और पूरा वीर्य इस कमसिन जवानी की चूत में बह गया. पाकीज़ा चूत को और टाईट कर के सारा वीर्य अंदर ले गई. मैंने लंड बहार निकाला और पाकीज़ा कपडे पहनने लगी, वो निचे चली गई और मैं पूरी रात इसी चुदाई के बारे में सोच कर खुश होता रहा. पाकीज़ा तिन दिनों में मेरे हथ्थे तिन बार और चढ़ गई और मैं जम के उसकी चूत की हालत खराब करने की कोशिस की, लेकिन सच बताऊँ दोस्तों यह 18 साल की चूत में बड़ी गजब की ताकत थी…शायद वह लंड झेल झेल के शक्तिमान हो चुकी थी…