Hot Mausi Ki Chudai
मैं समर यादव शाहिबाबाद का रहने वाला हूँ। मै बहुत स्मार्ट और जवान हूँ। मेरी उम्र लगभग 19 वर्ष और मेरा कद 6 फीट है। मैंने अपने जिंदगी ने बहुत सी लड़कियों को चोद चूका हूँ। लेकिन मेरी जिंदगी की सबसे मस्त चुदाई मेरी मौसी वाली था। मेरी मौसी भी अभी जवान थी, उनकी उम्र 23 वर्ष होगी। कद 5.8 फीट थी और उनका फिगर 36 26 38 था। Hot Mausi Ki Chudai
उनका रंग भी साफ था, और उनके मम्मो का तो जवाब नही. क्या लग रहें थे। उनके मम्मे मस्त -२ गोल और थोड़े बड़े लेकिन बिल्कुल मुलायम और सॉफ्ट थे। जब वो चलती थी तो उनकी गांड की चर्बी ऊपर नीचे होती थी। मै तो उसे देख कर पागल हो जाता था। मौसी मेरे घर बहुत बार आ चुकी है, लेकिन अभी तक हमारे बीच कुछ नही हुआ था।
जब वो आती थी मेरे घर तो मै उनको खूब लाइन देता था और साथ में वो भी मुझे थोड़ी लेने देती रहती थी। वो मेरी सगी मौसी नही लगती थी लेकिन रिश्ते में तो वो मेरी मौसी ही थी। ये कहानी तो आज से 2 साल पहले शुरू हुई था, जब मेरे चाची की बहन रचना मेरे घर आई थी।
मै तो पहली बार में ही उसका दीवाना हो गया था। मै भी बहुत स्मार्ट था इसीलिए रचना मौसी भी मुझे थोड़ी -२ लाइन देती थी, लेकिन वो अपने रिश्ते को लेकर पीछे हट जाती थी। वो मुझसे बहुत बातें करतीं थी और मै भी उनसे मज़े लेते हुए खूब बातें करता था। लेकिन बातों से ही सब कुछ थोड़ी ना होता है।
हर साल गर्मी की छुट्टियों में रचना मौसी अपने दीदी के घर आती थी। और मै कुछ भी नही कर पता था। लेकिन मेरी किस्मत बदलने वाली था, मुझे अपने मौसी के चूत को चोदने का मौका खुद भगवान देने वाला था। हर साल की तरह इस बार भी मौसी गर्मियों में आई हुई थी।
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मैंने तो सोच लिया था, कि इस बार मै उनको किसी तरह से प्रपोस कर दूँगा और किसी भी तरह से उनको चोदने आ मज़ा उठाऊंगा। मई के महीने का अंतिम सप्ताह चल रहा था, और मंगलवार का दिन था, उस मंगल को बड़ा मंगल था। चाची चाचा और रचना मौसी भी उस दिन मंदिर गई थी। इतिफाक से मै भी मंदिर गया था। मु
झको वहां मंदिर में सभी लोग मिल, मेरी चाची को ये बात पता थी कि मै रचना को पसंद करता हूँ। उन्होंने कुछ सोच के रचना को मेरे साथ में पूजा करने के लिए भेज दिया। पूजा करने के बाद चाची और चाचा दोनों गाड़ी से चले गये और मुझे रचना को लाने के लिए कहा।
मेरे मन में तो लड्डू फुट रहा था। मैंने रास्ते में आते हुए रचना मौसी का हाथ पकड़ा और बोला – “I LOVE YOU” “ मै तुमसे बहुत प्यार करता हूँ” और मुझे पता है कि तुम भी मुझसे प्यार करती हो? पहले तो वो कुछ नही बोली फिर थोड़ी देर बाद कुछ सोच कर बोली – ‘”हाँ मै तुम्हे पसंद करती हूँ”, लेकिन हमारा रिश्ता तो माँ बेटे का है।
मैंने उससे कहा – “देखो तुम मेरी सगी मौसी तो हो नही, और प्यार और जंग में तो सब जायज होता है ना” । थोड़ी देर तक रचना कुछ ना बोली धीरे धीरे हम अपने घर पहुचने वाले थे , मैंने उसका हाथ छोड दिया और मैंने उससे कहा – “मै तुम्हारे जवाब का इंतजार करूँगा”।
हम घर पहंच गये। मै अपने घर चला आया। रात हो गयी मै उसके ही बारे में सोच रहा था, मै सोच रहा था कि अब क्या करू ? अगले दिन कि सुबह हुई, मुझे क्या पता था किया आज मेरे लिए बहुत अच्छा दिन था। सुबह के 8 बज रहें थे, मै अपने कमरे में बैठा था, थोड़ी देर बाद रचना मेरे कमरे में आई, उसके हाथ में कागज का टुकड़ा था।
उसने उस कागज के टुकड़े को मेरे हाथ में रख कर चली गई। मैंने जल्दी से उसे खोला, उसमे लिखा था कि हाँ मै भी तुमसे प्यार करती हूँ और तुम्हे बहुत सारा किस करना चाहती हूँ। तम मुझे अपनी पहली किस कब दोगे। मै बैचैनी से तुम्हारे किस का इंतजार कर रही हूँ। ये सब पढ़ के मै बहुत खुश था, मै उसके किस और उसकी चुदाई के बारे सोचने लगा।
मेरा लंड खड़ा हो गया, मैंने अपने लंड को शांत करने के लिए अपने कमरे कि कुण्डी लगाई ,और अपने लंड को निकल कर मुठ मारने लगा। मै रचना मौसी के बारे में सोच कर मुठ मरे जा रहा था । बहुत देर तक मुठ मारने के बाद मेरा माल निकलने वाला था। मेरे मुठ मरने कि रफ़्तार बहुत तेज हो गई थोड़ी ही देर में मेरे अंदर का सारा माल निकल गया। मुझे बहुत अच्छा लग रह था।
शाम हो गई, मै चाचा के घर पहुंचा चाची खाना बाना रही थी और चाचा घर पर थे नही, मैंने समय का फायदा उठाते हुए रचना को कमरे में ले गया। और मैंने उसका हाथ पकड लिया, वो थोडा घबरा रही थी, लेकिन मैंने जब उसके हाथ को पीना शुरू किया तो धीरे धीरे उसका डर खत्म होने लगा।
हाथ को पीते पीते मै उसके गर्दन से होते हुए मै उसकी पतली और मलाई की तरह मुलायम और रसीली हाथो को पीने लगा। मेरा लंड खड़ा होकर टाइट हो गया, रचना भी मुझसे चिपक कर मुझे किस करने लगी। मेरा एक हाथ उसके मम्मो पर था और एक हाथ उसकी कमर पर। मै उसके मम्मो को पूरे जोश से दबा रहा था।
३० मिनट तक किस करने के बाद जब मैंने अपने हाथ से उसकी चूत को दबने लगा .. तो उसने मुझसे कहा कोई आ जायेगा चलो? मेरा तो सेक्स करने का पूरा मूड बन चूका था। मै अपने आप को रोक नही पा रहा था। उस दिन मुझे फिर से मुठ मार कर काम चलाना पडा।
मैंने रचना को चोदने का एक प्लान बनाया, मेरा एक दोस्त था जिसका घर हमेसा खाली रहता है और वो लोग गावं में रहते है। ,मैंने उससे कह कर घर की चाभी मंगवाली और मौसी को बाज़ार ले जाने के बहाने से अपने दोस्त के घर पर ले गया। वहां मैंने सारा इंतजाम कर लिया था।
शाम के 4 बजे हम लोग वहां पहुच गये। हम दोनों बेडरूम में आ कर बैठ गये और थोड़ी देर तक सेक्सी बातें करते रहें। कुछ देर बाद मैंने रचना ने अपने हाथो में मेरे हाथो फसां लिया और मेरे हाथो को चूमने लगी। मैंने भी अपने हाथ से मौसी की जांघ पर रख दिया। और उसको किस करने के लिया उसकी ओर बढ़ने लगा।
हम दोनों पास आ गये मैंने अपने होठ को उसके होठो से चिपका दिया और उसके होठो को अपने मुह में लेकर पीने लगा। मै उसके होठ को वासना से चूस रहा था, और वो भी अपने जिस्म की गर्मी को मेरी होठो चूस कर निकल रही थी। मैंने अपनी मौसी के होठो को लगातार 35 तक पीता रहा।
किस करने के बाद हम दोनों ने अपने कपडे को उतार दिया, मै केवल अंडरवेअर में था और मौसी टू पीस बिकिनी में थी। मै उसको बिकिनी में देखकर तो दंग रह, उसका बदन संगमरमर की तरह चमक रहा था और उसकी ब्रा से आधा चूची बाहर निकला हुआ था। ये देखकर मेरे अंदर की वासना जाग उठी।
मैंने उसके हाथ को पकड़ा और हाथो से चूमना शुरू किया और हाथो को चुमते हुए मै उनकी कंधे की ओर बढ़ने लगा। मैंने बहुत देर तक मौसी की गर्दन को पीने के बाद मैंने अपने मौसी के ब्रा को निकल कर नीचे फेक दिया। और उनके गोरे -2, बड़े बड़े और चिकने मम्मो को दबाते हुए पीने लगा।
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मौसी को भी बहुत मजा आ रहा था। मेरे अंदर वासना की आग भडक उठी। मम्मो को पीते पीते मैं मौसी के निचले भाग की तरफ बढ़ने लगा। धीरे धीरे मै उनकी नाभि के पास पहुँच गया, मै अपने खुरदरे जीभ से मौसी की मुलायम सी नाभि को पीने लगा। मौसी भी बेकाबू होने लगी, उनकी वासना इतनी बढ़ चुकी थी पूरा शरीर गरम हो गया था।
मै बहुत देर तक उनकी नाभि को पीता रहा। नाभि को पीते हुए मैंने अपनी उंगली से मौसी की कोमल सी चूत को मसलने लगा। नाभि को पीने के बाद मैंने अपनी मौसी की चूत को पैंटी के ऊपर से सूंघना शुरू किया, और साथ में मै अपने हाथो से उनकी मस्त मस्त चूचियों को भी दबा रहा था।
मैंने मौसी की पैंटी को निकल कर उस सूंघने लगा, पैंटी से मौसी के जिस्म की खुशबू मेरे अंदर जा कर मेरी कमोतेजना को बढ़ा रही थी। मैंने अपनी मौसी की चूत को पीने से पहले मैंने उनकी टांगो को चाटते हुए मै उनकी कोमल और चिकनी जांघों पर पहुंचा। जब मै उनके पूरे शरीर को चट रहा था, तो मौसी …..अहह आह आह …..हा ह हा ….. सी सी सी …… करके सिसक रही थी।
मैंने उनके चूत को पीना शुरू किया, मै अपनी मोटी, मांसल और दरदरी जीभ से अपनी मौसी के चूत को जानवर की तरह से चाट रहा था। मेरे इस तरह से मौसी की कोमल चूत को चाटने से मौसी बहक उठी थी और तेज तेज से “आऊ….. आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह….सी सी सी सी.. हा हा हा..” करके सिसक रही थी।
मै अपने दानतो से मौसी की चूत के दाने को काट कर पी रहा था मेरी इस हरकत से मौसी का पूरा बदन तनमना उठता। मै लगातार अपने जीभ को मौसी के कोमल और रसीली चूत में डाल रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने मौसी की फुद्दी को पीना बंद कर दिया, औप अपने 9 इंच के लंड को मौसी के हाथो में रख दिया।
मेरे गठीले और मोटे लंड को देख कर मौसी खुश हो गयी। पहले तो उन्होंने मेरे लंड को थोड़ी देर तक दबाया पीहर उन्होंने मेरे लंड को अपने मुह में रख कर चूसने लगी।मौसी मेरे बड़े और मोटे लंड को मस्ती से चूस रही थी। मैंने अपने लंड को मौसी के मुह में पूरा डालने के लिए उसे हिलाने लगा, अब मेरा पूरा लंड उनकी मुह में जा रहा था और इससे मौसी को बहुत मजा आ रहा था।
बहुत देर तक मेरा लंड चूसने के बाद मैंने मौसी की चूत को बजाने के लिया तैयार हो गया और अपने मोटे लंड से मौसी की रबड़ी की तरह मुलायम और रसीली चूत के गुलाबी दाने पर रगड़ने लगा, मौसी तो कामातुर होती जा रही थी। मैंने जानवारो की तरह अपने लंड से मौसी की चूत में जोर लगा के डालने लगा।
जब मैंने अपनी मौसी की फुद्दी को बजाना शुरू किया तो पहले मेरी रफ़्तार धीमी थी और मौसी के चीखने की आवाज़ भी धीमी थी। लेकिन थोड़ी देर बाद जब मैंने मेरे मोटे लंड की मौसी की कोमल चूत में जाने की रफ़्तार बढ़ने लगी तो मौसी भी बड़ी तेज से ………….. प्लीसससससस……..प्लीसससससस, उ उ उ उ ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…” माँ माँ….ओह माँ” करके चीखने लगी.
लेकिन जितना जादा चीख रही थी उन्हें उतना ही मजा आ रहा था। मै लगातार अपने लंड को अपने मौसी की चूत माँ डाल रहा था, मेरा लंड कभी अंदर तो कभी बाहर। मेरी रफ़्तार बहुत तेज हो गई, मै बहुत तेजी से मौसी की फुद्दी को बजा रहा था और मौसी भी बड़े मज़े से चीखती हुई मेरे लंड का मजा उठा रही थी।
उनको मेरे लंड से चुदने में इतना मजा आ रहा था की वो अपनी कमर और गांड को उठा उठा कर मुझसे चुदवा रही थी। मै लगातार बिना आउट हुए तेजी से चोदाई कर रहा था, थोड़ी देर बाद मैंने उनकी चूत को बजाना बंद कर दिया और मैंने मौसी के टांगो को उठा दिया और अपने मुह से थोडा थूक निकाल कर मौसी के गांड और अपने लंड में भी लगा लिया।
और उनकी गांड में डालने के लिया उनके टांगो को फैलाया औए अपने लंड को उनकी गांड में घुसेड दिया । मेरा लंड मौसी के गहद में घुसते ही मौसी की गांड का छेद सुकुड गया और मेरा लंड बाहर आ गया। मैंने फिर से अपने लंड को उनकी गांड में डाल कर उनकी गांड मारना शुरू किया।
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मेरे लंड की दर्द को मौसी सह नही पा रही थी और आऊ….. आऊ….हमममम अहह्ह्ह्हह…. सीसी..हा..हा…..हा……अई…अई….अई……अई….इसस्स्स्स्स्स्स्स्……उहह्ह्ह्ह…..ओह्ह्ह्हह्ह…..चोदोदोदो…..मुझे और कसकर चोदोदो दो दो दो करके बहुत तेज तेज चीखने लगी। मैंने लगातार 30 मिनट तक अपने मौसी की गांड मारी। थोड़ी देर बाद मेरा माल निकलने वाला था इसलिए मैंने अपने लंड को मौसी की गांड से बाहर निकाल कर अपने हाथो से मुठ मारने लगा। बहुत देर तक तेजी से मुठ मरता रहा और कुछ देर बाद मेरा माल निकलने लगा।
मेरा माल निकलने के बाद थोड़े समय के लिए मेरे आँखों के सामने अँधेरा छा गया। सेक्स के खत्म होने के बाद मैंने और मौसी ने बहुत देर तक एक दूसरे को चाटते रहें। कुछ देर बाद हमने अपने अपने कपडे पहन लिया और बांहों में बांहे डाल कर किस करने लगे। मैंने अपने मौसी से पूछ – मेरे चुदाई से मजा आया। तो उन्होंने हस्ते हुए कहा – तुम बहुत मजाकिया हो। हम घर चले आये, मुझे क्या पता था की आज मेरी पेलाई होने वाली है। मेरी और मौसी के चुदाई के बारे में पता नही कहाँ से पापा को पता चल गया। मेरे घर आते ही मेरे आते ही पापा ने मेरी एक मोटे डंडे से खूब ठुकाई की।